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24 अप्रैल 2012

आम तो आम गुठली भी है लाजवाब करें, इससे इन बीमारियों का इलाज


आम सबसे टेस्टी फल होने के साथ ही अनेक गुणों से भरपूर है। इसीलिए आम को फलों का राजा कहते हैं। लेकिन इसे राजा की पदवी यूं ही नहीं मिली है। खाने में तो यह लाजवाब है ही गुणों में भी बेमिसाल है। कालिदास ने इसका गुणगान किया है और शतपथ ब्राह्मण में इसका उल्लेख मिलता है। वेदों में आम को विलास का प्रतीक कहा गया है। आम ही नहीं इसके छिलके, गुठली व रस भी बहुत उपयोगी है तो आइए जानते हैं कैसे करें आम से रोगों का उपचार

- आम की गुठली के भीतरी की गिरी और हरड़ के बराबर मात्रा में दूध के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द नष्ट होता है।

- आम के 60 ग्राम रस में 20 ग्राम दही और 5 ग्राम अदरक का रस मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करने से अतिसार की विकृति नष्ट होती है।

- आम की गुठली के भीतरी गिरी को सुखाकर बारीक चूर्ण बनाकर जल के साथ सेवन करने से स्त्रियों का प्रदर रोग दूर होता है।

- आम वृक्ष पर लगे बौर को एरण्ड के तेल में देर तक पकाएं, जब बौर जल जाएं तो तेल को छानकर बूंद-बूंद कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है।

- आम के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से प्लीहा वृद्धि की विकृति मिटती होती है।

- आम का रस 200 ग्राम, अदरक का रस 10 ग्राम और दूध 250 ग्राम मिलाकर पीने से शारीरिक व मानसिक निर्बलता नष्ट होती है। स्मरण शक्ति तीव्र होती है।

कांग्रेस के लिए कुर्बान होना चाहते हैं 4 कैबिनेट मंत्री!

नई दिल्‍ली. कांग्रेस पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए सरकार के चार वरिष्ठ मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं। हालांकि, कांग्रेस अभी तक इससे इंकार कर रही है।

वहीं, माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कैबिनेट से चार मंत्रियों को निकाल कर उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी सौंप सकती हैं। यह फैसला वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए लिया जा रहा है।

हालांकि, इस मामले पर कांग्रेस का कोई भी नेता मुंह खोलने को तैयार नहीं है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने मीडिया से बात करने से इंकार करते हुए कहा कि इस मामले में पार्टी से पूछिए। वहीं, प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ऐसी खबरों से इंकार करते हुए कहते हैं कि मैंने कोई चिट्ठी नहीं लिखी है। जबकि, सलमान खुर्शीद ने कहा कि पार्टी ही सरकार बनाती है। पार्टी जो भी कहे उस भूमिका के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरी कतार के नेताओं का अपने शीर्ष नेतृत्व से संवाद हमेशा बना रहता है लेकिन यह अंदरूनी संवाद है ।

समाचार चैनलों में आ रही खबरों के मुताबिक, कांग्रेस के 4 केंद्रीय मंत्रियों ने मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जताई है। ये मंत्री हैं जयराम रमेश, वायलार रवि, गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद। इन चारों ने पहले सोनिया गांधी से मुलाकात भी की थी। कहा जा रहा है कि 4 केंद्रीय मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जताई है।

यूपी सहित 5 राज्यों के चुनावों और फिर इसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली है। ऐसे में सोनिया गांधी चाहती हैं कि संगठन 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों तक पार्टी और सशक्त बनकर सामने आए। सोनिया की इसी इच्छा को देखते हुए इन 4 मंत्रियों ने मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने की मंशा जताई है।

इस पूरे गठबंधन को सलमान खुर्शीद के उस पत्र से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जो उन्होंने उप्र विधानसभा चुनाव की हार की बाद सोनिया को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ने की इच्छा जताई थी। यह पत्र मार्च में लिखा गया था।

कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार, व्यालार रवि को आंध प्रदेश में भेजा जा सकता है। जबकि गुलाम नबी आजाद को जम्मू व कश्मीर की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, छिटपुट बदलावों को छोड़ दें तो किसी भी बड़े बदलाव के लिए सरकार बजट सत्र समाप्त होने का इंतजार करेगी।

दूसरी ओर, मंगलवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर एक उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें सलमान खुर्शीद, जयराम रमेश, प्रणब मुखर्जी, पी. चिदंबरम जैसे दिग्गज कांग्रेसी शामिल हुए। हालांकि, नारायण सामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि संसद की रणनीति को लेकर बैठक बुलाई गई थी।

कुरान का संदेश

कोटा के संसद इजयराज लोगों की सेवा में जुटे हैं

दोस्तों कहावत है के किसी के भी बारे मे बिना उनसे मिले बिना उन्हें जाँचे परखे कोई निजी राय नहीं बनाना चाहिए वर्ना बाद मे ऐसे व्यक्ति से मिलने पर बहुत शर्मिंदगी उठाना पढ़ती है ..ऐसा ही हमारे कोटा के सांसद जनाब युवराज इजयराज सिंह के साथ हुआ है ..........पूरी तरह से गेर राजनीतिक नवयुवक जो राजा रजवाड़ों के शाही ठाठ मे पला बढ़ा हो ओर उसे अचानक कॉंग्रेस सांसद का टिकिट देकर मेदान मे उतार दे तो सो मुंह हज़ार बातें तो शुरू होना ही होती हैं ..........चुनाव के दिनों मे विरोधियों ने अफवाह उड़ाई के वोह तो राजा महाराजा है जंता jab उनसे मिलने जाएगी तो वोह जनता से नहीं मिलेंगे आराम गाह मे बेटे रहेंगे ओर जनता के पीछे उनके महल के कुत्ते पढ़ जाएँगे ...दोस्तों इजयराज सिंह अपने अखलाक ..विनम्रता लोगों के प्रति आदर सम्मान के कारण भाजपा के गढ़ मे बेहिसाब वोटों से चुनाव जीते ..ओर चुनाव जीतने के बाद एक सांसद के जो कर्तव्य जो ज़िम्मेदारियाँ उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए होती है उन्हे निभाने के लिए वोह अपनी टीम के साथ बिना किसी लालच के निकाल पढे आज ..अपने इलाक़े कोटा के लिए वोह संसद मे सवाल जवाब करते है दुखी ओर पीड़ितों के लिए उनके स्थापित कार्यालय मे वोह नियमित बेट कर लोगों की तकलीफें सुनते हैं उनका निराकरण करते है ....आज एक कुशल राजनीतिज्ञ से भी अधिक सोच ओर संयम के साथ वोह लोगों की परेशानियाँ सुनते है कई का तो हाथों हाथ निराकरण करने के लिए फोन करते है वरना एक पत्र लिख कर वोह अधिकारियों को पाबंद करते है ...कॉंग्रेस का कार्यकर्ता अमीर हो गरीब हो जाना पहचाना हो अंजान हो सब उनके लिए एक जेसे ही हैं ...इन दिनों कड़ाके की गर्मी मे सांसद इजयराज सिंह कोटा की गलियों ..मोहल्लों ....गांवों ..ढंदियों ..तहसीलों ओर पंचायतों मे घर घर जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हे आज हालत यह हैं के चुनाव के दिनों मे जो लोग उनपर यह आरोप लगते थे के यह राजा महाराजा हे जीतने के बाद इन्हे महलों मे लोग ढूंढते रह जाएँगे वोह लोग जब इन्हे जनता से जुड़ कर उनकी सेवा कार्यों मे उन्हे लगा देखते हैं तो खुद वोह लोग शर्मिंदा हो जाते हे ....सभी से म्र्दुल व्यवहार ..मिठीवानी ओर सभी के लिएन समर्पण देख कर लोग उनमे आने वाला कल तलाश रहे हैं तो जनाब ऐसे हैं हमारे कोटा के कॉंग्रेस सांसद इजयराज सिंह युवराज कोटा
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