तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 अप्रैल 2012
चटपटे इलाज...अटपटे हैं लेकिन बड़े काम के हैं ये घरेलू फंडे
खाने को चटपटा बनाने के लिए लाल मिर्च का प्रयोग भारत में सालों से होता आ रहा है। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हमारे किचन के हर एक मसाले में कई औषधिय गुण छुपे हुए हैं। इनसे कई छोटी-मोटी परेशानियों का इलाज किया जा सकता है। आज हम बताने जा रहे हैं लाल मिर्च से कुछ ऐसे ही घरेलू उपचार....
- लाल मिर्च के सेवन से मल-मूत्र में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती है।
मिर्च खाना मोटापा कम करने और भोजन के बाद अधिक कैलोरी जलाने में मददगार हो सकता है।
- लाल मिर्च पर किए गए वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि इसमें से तत्व मौजूद हैं जो शरीर में उठने वाले दर्द के निवारण के लिए लाभदायक होती है।
- लाल मिर्च की लुगदी बना लें जिस ओर की आंख लाल हो या दर्द हो उसी पैर के अंगूठे पर व लुगदी का लेप करें, यदि दोनों आंख में हो रही हों तो दोनों में करें- 2 घंटे में आंख ठीक हो जायेगी।
- अशुद्ध पानी से पेट में होने वाली परेशानी है तो लाल मिर्च की चटनी को घी में छोंककर खाने से गंदे पानी का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।
- अगर किसी को सांप कांट ले तो मिर्च कड़वी नहीं लगती । मिर्च खिलाने से विष खत्म होगा।
- विच्छू के काटने पर लाल मिर्च का लेप लगायें ठंडक पड़ जायेगी।
- गर्मी में हरी मिर्च खाने से इसके बीज अगर आपके पेट में हैं तो हैजा का डर नहीं होता है।
- हरी मिर्च खाने के साथ खाएं। अचार खाएं इसमें विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में होता है।
- यदि गले में इन्फेंकशन हो गया हो या खांसी हो तो लाल मिर्च की चटनी अवश्य ग्रहण करें।
- आपको जिस तरह पसंद हो वैसे लाल मिर्च खाएं। लाल मिर्च बेसन में डालकर पकोड़े बनाकर खाएं।
मंत्री का महिलाओं पर निशाना, बोले- मेनका ने ही विश्वामित्र को भ्रष्ट किया था
भोपाल। नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर अपने बेबाक बयान से एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने अश्लीलता और महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ने को रोकने के लिए महिलाओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है। इससे महिला कांग्रेस को मुद्दा मिल गया है।
शहर महिला कांग्रेस ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे बोर्ड ऑफिस चौराहे पर गौर के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। गौर ने भास्कर से कहा कि उन्होंने पश्चिमी सभ्यता को अश्लीलता बढ़ने का कारण बताकर कुछ भी गलत नहीं किया है। सच के खिलाफ किसी को प्रदर्शन करना है तो करे।
गौर ने एक निजी चैनल से बुधवार को इंटरव्यू में इंद्र और विश्वामित्र का हवाला देते हुए कहा कि मेनका ने ही विश्वामित्र का तप भंग किया था। गौर ने डर्टी पिक्चर के गाने ऊ लाला.. ऊ लाला.. का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह के गानों और फिल्मों से भी अश्लीलता बढ़ रही है।
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना जायसवाल ने कहा है कि महिलाओं की रक्षा करने में प्रदेश सरकार की नाकामी का दोष गौर महिलाओं पर मढ़ रहे हैं। सरकार के मंत्रियों को अनर्गल बयान देने के बजाय अपराधों पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी निभाना चाहिए।
खेत में काम कर रही बच्ची को जिंदा खा गए 18 कुत्ते
हिसार. रानियां (सिरसा) .गांव बाहिया के खेत में दस वर्ष की लड़की को कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला। बच्ची अपने परिवार के साथ खेत में गेहूं की बालियां चुगने गई थी। उसी दौरान एक खेत में मजदूर नानक सिंह का परिवार भी गेहूं कटाई के काम में जुटा हुआ था।
नानक सिंह की 10 वर्षीय बेटी सीमा गेहूं की कटाई करते समये अपने परिवार के अन्य सदस्यों से थोड़ी दूरी पर चली गई। तभी करीब 18 आवारा कुत्तों का झुंड वहां आया और सीमा को घेर लिया। कुत्तों से घिरी सीमा ने बचाव में शोर मचाया, लेकिन परिवार के लोग दूर होने से उसकी चीखें किसी को नहीं सुनीं। कुत्तों ने सीमा के बदन को जगह जगह से नोचते हुए काट खाया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना गुरुवार सुबह की है।
एक्सपर्ट्स पैनल जीना है तो सख्ती जरूरी
अभी संभल जाएं लोग
कुत्तों ने बच्ची को नोचा है। यह स्पष्ट है कि उनका व्यवहार बदला है। इसके कई कारण हो सकते हैं। रैबीज वायरस के पागलपन का छाना मुख्य है। कुत्तों पर अब निगरानी रखें। यदि रैबीज वायरस होगा तो कुत्ता इस दौरान मर जाएगा। यह भी देखना होगा कि वह दूसरे कुत्तों में रैबीज फैलाने का कारण न हो। -डॉ. पीके कपूर, लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के वेटरनरी पब्लिक हेल्थ एंड एपिडिम्योलॉजी विभागाध्यक्ष
नसबंदी करवाई जाए
जो कुत्ते किसी हड्डा रोड़ी के स्थान पर विचरते रहते हैं तो उन्हें वहां पर मृत पशुओं के मांस को खाने की लत हो जाती है। उससे वे धीरे धीरे हिंसक प्रवृत्ति को होने लगते हैं और जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वे हमला करते हैं। ऐसे कुत्तों की संख्या में इजाफा न हो उसके लिए उनकी नसबंदी कराई जानी चाहिए। -डॉ. वीएस बंसल, वेटरनरी सर्जन, सिरसा