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04 मई 2012

इस विटामिन के सेवन से आप भी दिखने लगेंगे स्मार्ट


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आजकल हर कोई हर उम्र में स्मार्ट दिखने की इच्छा रखता है। स्मार्टनेस में त्वचा की महत्वपूर्ण भूमिका है। विटामिन 'सी' एक ऐसा विटामिन है जिसका सही मात्रा में सेवन त्वचा को स्वस्थ और जवान बनाता है।

विटामिन सी को उसके वैज्ञानिक नाम एसकोरबिक ऐसिड से भी जाना जाता है। यह शरीर की कोशिकाओं को बांध कर रखता है। इससे शरीर के विभिन्न अंग को आकार बनाने में मदद मिलती है। यह शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाता है। अगर लंबी उम्र तक जवान और निरोगी रहना है तो विटामिन सी का पर्याप्त मात्रा में सेवन शरीर के लिए बहुत जरुरी है।


विटामिन 'सी' की कमी से होने वाले रोग- स्कर्वी, मुंह पीला पडऩा, शरीर कमजोर होना, शरीर में दर्द, मसूड़े फूल जाना, भूख न लगना, हड्डियां कमजोर हो जाना, चिड़चिड़ापन, शरीर का इम्युनिटी पॉवर कम होने लगता है, सर्दी और न्यूमोनिया जैसे रोग बार-बार होते हैं। काम करने की शक्ति घट जाती है। थोड़ा सा काम करने पर भी थकान होने लगती है।


कैसे पाएं विटामिन 'सी' - विटामिन सी प्राकृतिक रूप से संतरे, नींबू, मौसमी आदि फलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला भी विटामिन सी से भरपूर होता है। धनिया, टमाटर, मूली, पत्तागोभी, धनिया, पालक, चुकंदर, नाशपाती आदि इसके प्रमुख स्त्रोत हैं।

कुरान का संदेश

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नीचा दिखाने और उनके द्वारा की गयी घोषणाओं को नोकरशाह जानबूझ कर पूरी नहीं कर रहे है

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नीचा दिखाने और उनके द्वारा की गयी घोषणाओं को नोकरशाह जानबूझ कर पूरी नहीं कर रहे है और नतीजा यह है के वर्ष २०११ के बजट की महत्वपूर्ण घोषणाएं भी अभी तक पूरी नहीं है और अधिकारी कर्मचारी जनप्रतिनिधि इसके प्रति गंभीर नहीं है .........मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष २०११ में सीना थोक कर घोषणा की थी के राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर अल्पंख्यक महिलाओं के लियें एक कामाजी होस्टल बनेगा ..ताज्जुब है के वर्ष २०११ के बाद नया बजट २०१२ में आ गया है लेकिन यह घोषणा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है कोटा में तो कल कलेक्ट्रेट में आयोजित एक बैठक में जब बजट २०११ की क्रियान्विति पर चर्चा हुई तो नगर विकास न्यास की तरफ से टेगोर नगर क्षेत्र में दो एकड़ जमीन मंदबुद्धि बच्चों के आश्रम के लियें और दो एकड़ अनुसूचित जाती जनजाति को लोगों के होस्टल के लियें दी गयी लेकिन कोटा में मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक एक साल गुज़र जाने के बाद भी महिला छात्रावास अल्पसंख्यक के लियें सरकार ने कोई जमीन आवंटित नहीं की है ना ही जगह चयनित कर घोषणा की है और ना ही उसकी कार्ययोजना तय्यार हो पाई है तो जनाब यह तो मुख्यमंत्री की घोषनाओ का हाल है जिन्हें राजस्थान के अधिअकरी और कर्मचारी यूँ ही हवा में उड़ा देते है तो आम जनता के साथ तो इनका क्या सुलूक हो रहा होगा ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खाना न पचने पर अपनाएं ये छोटे-छोटे घरेलू टिप्स




1- नींबू को काटकर नमक डालकर गर्म करके चूसने पर खाना आसानी से पच जाता है।
2- दही में सिका हुआ जीरा, नमक और कालीमिर्च डाल कर रोज खाने से खाना जल्दी पच जाता है।
3- दो लौंग पीसकर उबलते हुए आधा कप पानी में डाले फिर ठंडा करके पी जाएं। इसे रोज तीन बार करें।
4- प्याज काटकर नींबू निचोड़ कर भोजन के साथ खाने से बदहजमी दूर होता है।
5- तीन ग्राम राई को पीसकर पानी में घोलकर पीने से फायदा मिलता है।
6- खाने के बाद तुलसी और कालीमिर्च चबाने से अपच की समस्या खत्म हो जाती है।
7- खाने के बाद छाछ पीने से भी लाभ होता है।
8- दालचीनी, सौंठ और इलायची थोड़ी-थोड़ी मात्रा में मिलाकर खाएं अपच की समस्या नहीं होगी।

महाभारत में हुआ स्त्री का स्त्री से विवाह क्योंकि....

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महाभारत में अब तक आपने पढ़ा...अम्बा ने भीष्म को हराने का वरदान मांगा। वह बोली भगवान मैं तो स्त्री हूं। मेरा हृदय शौर्यहीन है तो मैं फिर युद्ध में भीष्म से कैसे जीत सकूंगी? भगवान ने कहा तू अगले जन्म में द्रुपद के यहां कन्या रूप में जन्म लेगी और कुछ समय के बाद तू पुरुष हो जाएगी। इस तरह तेरे हाथों ही भीष्म का वध होगा। अम्बा ने शंकर भगवान से ऐसा वरदान पाकर अगले जन्म में शिखण्डी के रूप में जन्म लिया अब आगे...

महाराज द्रुपद की रानी को पहले कोई पुत्र नहीं हुआ था। इसलिए द्रुपद ने संतानप्राप्ति के लिए तपस्या की और शंकर भगवान से पुत्र प्राप्ति का वर मांगा। शंकर भगवान ने उससे कहा जाओ द्रुपद अब तुम्हे पुत्र होगा। लेकिन वह स्त्री रूप में जन्म लेगा और बाद में पुरुषत्व प्राप्त कर लेगा। उसके बाद महाराज द्रुपद घर लौट आए कुछ महीनों बाद रानी ने गर्भधारण किया। उन्हें महादेवजी की बातों पर पूरा विश्वास था।

कुछ दिनों बाद उनके यहां एक सुंदर कन्या ने जन्म लिया। कन्या जब बड़ी हो गई तब रानी ने राजा द्रुपद से कहा महाराज शिवजी के वर के कारण शिखण्डी का पुरुषत्व प्राप्त करना तो तय है। इसलिए हमें समय से इसका विवाह किसी स्त्री से कर देना चाहिए। राजा द्रुपद ने दर्शाणराज की कन्या से शिखण्डी का विवाह करवा दिया। शादी के बाद दर्शाणराज की कन्या को शिखण्डी के स्त्री होने का पता चला तो उसने अपने पिताजी को संदेश पहुंचवाया। उसके पिता ने जब यह समाचार पाया तो उन्होंने द्रुपद के राज्य पर हमला बोल दिया।

खाना खाते समय नहीं करना चाहिए ये काम, क्योंकि...

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खाना खाने के दौरान कुछ छोटी-छोटी बातें हैं जिनका हमें ध्यान रखना चाहिए। खाना हमारे जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। शरीर को ऊर्जा भी और इसी से मिलती है। इसी बात को देखते हुए ऋषि-मुनियों और विद्वानों द्वारा भोजन के लिए कई नियम बनाए गए हैं। इनका पालन करने पर शारीरिक ऊर्जा के साथ ही आत्मिक बल भी प्राप्त होता है।

खाना खाते समय बात ना करें,चुपचाप शांति से भोजन करें। हालांकि आज के दौर में इस बात ध्यान रख पाना बहुत मुश्किल हो गया है।

आजकल ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल है लेकिन यही मोबाइल जब खाना खाते समय बज उठता है तो ध्यान खाने से हटकर मोबाइल में चला जाता है। व्यक्ति खाना छोड़कर मोबाइल पर बात करने लगता है,ऐसा करना स्वास्थ्य की दृष्टि से गलत है। ऐसा करने पर ना तो हम खाना ठीक से खा पाते हैं और ना ही हमारा पाचन तंत्र भोजन को उचित ढंग से पचा पाता है। इसी वजह से पूरे समय आलस्य बना रहता है, ठीक से नींद नहीं आती है और पेट भी साफ नहीं रह पता है।

ये सभी बातें सीधे-सीधे बड़ी बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा ही है। इसलिए भोजन करने के दौरान अगर मोबाइल बजता है और कॉल जरुरी न हो तो पहले पहले खाना खाएं, इसके बाद ही फोन पर या किसी अन्य व्यक्ति से बात करें। जहां तक संभव हो भोजन के समय मौन रहें ।

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भी खाना खाते समय बात करना अशुभ माना जाता है। भोजन के समय मौन न रहने से मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती है। अन्न को भी देवता ही माना जाता है,भोजन करने के दौरान बात करना अन्न देवता के अपमान के सामान है। ऐसा करने पर दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है।

तीन नक्‍सलियों या 30 करोड़ रुपये के बदले रिहा हुए डीएम? 'डील' पर बढ़ा सस्‍पेंस


रायपुर .सुकमा के अगवा कलेक्‍टर एलेक्‍स पाल मेनन के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। रिहाई के बाद वार्ताकारों ने मीडिया से कहा कि सौदेबाजी के तहत तीन माओवादियों को रिहा किए जाने की बात है जबकि मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने इससे साफ इंकार किया है। सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में इस बात से भी इंकार किया माओवादियों को तीस करोड़ रुपये की फिरौती दी गयी है।

मेनन मामले में वार्ताकार रहे बी डी शर्मा और प्रोफेसर जी हरगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि कलेक्‍टर को छोड़ने के बदले में तीन माओवादियो को रिहाई की बात हुई है लेकिन डा सिंह ने इससे इंकार कर दिया।

उन्‍होंने कहा राज्‍य में सलवा जुडुम और ग्रीन हंट आपेरशन का कोई अस्तित्‍व नहीं है ।डा. सिंह ने कहा कि वह यह स्‍पष्‍ट कर देना चाहते हैं कि ये दोनों ही चीजें राज्‍य में नहीं है। सलवा जुडुम एक आंदोलन था और कुछ लोग इससे जुड़े भी लेकिन मौजूदा समय में ऐसा कुछ नहीं है।

मुख्‍यमंत्री ने स्‍पष्‍ट किया कि माओवादियों से कोई सौदेबाजी नहीं की गयी है और दोनों पक्षों के बीच हुआ समझौते का प्रारूप सरकार की वेबसाइट पर डाल दिया गया है।
उधर 13 दिन बाद मेनन आज सुबह सुकमा स्थित अपने आवास पहुंच गये। जहां घर पर मौजूद परिजनों ने उनकी आरती उतार कर स्‍वागत किया । हरे रंग की जींस और सफेद शर्ट पहने मेनन काफी खुश नजर आ रहे थे।

अपने क्षेत्र में अमन चेन सुकून और सद्भाव के प्रयासों में जुट गए है नवनियुक्त कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विकास पाठक


जी हाँ दोस्तों आप है विकास पाठक भारतीय प्रशासनिक सेवा के दबंग और तेजतर्रार अधिकारी जिन्हें हाल ही में राजस्थान सरकार ने कोटा ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस अधीक्षक की ज़िम्मेदारी सोंपी है .............अपनी अल्प आयु में ही उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से एक लक्ष्य निर्धारित कर आई पी एस बनने का सपना सजोये विकास पाठक ऐसे अधिकारी है जिन्होंने खुद आई पी एस बनने का सपना देखा था लेकिन अब उनके घर में एक ही छत के नीचे दो आई पी एस अधिकारी है यानी विकास पाठक की शरीके हयात भी आई पी एस है और कोटा के ही निकटवर्ती जिले बूंदी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तेनात है ......विकास पाठक को अपने कार्यकाल में सुकून अमन और कानून का राज पसंद है और इसीलियें विकास जी अपने सीनियर्स का बहुत आदर सम्मान करते हुए उनसे बहुत कुछ सीखना चाहते है ..... निरंतर उनके अनुभव का लाभ लेकर विकास पाठक ने अपनी छवि एक कामयाब पुलिस अधिकारी के रूप में बना ली है ..विकास पाठक ऐसे पहले नवयुवक अधिकारी हैं जिन्होंने कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक का कार्यभार सम्भालते ही .......ग्रामीन क्षेत्र के कस्बों और गाँवों में पल रहे अपराधों और अपराधियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और शांति भंग या विवादों के कारणों को खोजना शुरू करते हुए किस क्षेत्र के लोगों की क्या समस्या है.. यहाँ की पुलिसिंग किस तरह की है... यहाँ किस समस्या का स्थाई समाधान केसे क्या जा सकता है ...के बारे में रिसर्च शुरू कर दी है ..विकास पाठक अपने क्षेत्र में शान्ति ..अमन ..सद्भाव और कानून का राज चाहते है वोह पुलिसियों को भी इस बात की इजाज़त नहीं देना चाहते के जनता पर ज़ुल्म ज्यादती की जाए और झूंठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें फंसाया जाए जनता को परेशान करने और पुलिस संरक्षण में अपराध पनपाने वाले पुलिसकर्मियों को वोह चिन्हित करने में लगे है और निश्चित तोर पर उन्हें पहले चेतावनी और फिर नही माने तो उन्हें कडा सबक तो लेना ही होगा ..दूसरी तरफ विकास पाठक अपने क्षेत्र में गुंडा गर्दी का बोलबाला भी नहीं चाहते अपराधी चाहे छोटा हो चाहे बढा चाहे सफ़ेद पोश हो चाहे प्रभावशाली... उनके लियें समान है वोह किसी भी अपराधी को किसी भी सूरत में बख्शने को तय्यार नहीं है चाहे वोह कितनी ही पहुंच और सिफारिश वाला हो ....कोटा ग्रामीण क्षेत्र में उनके कार्यभार सम्भालते ही पुलिस उत्पीडन से कुछ लोगों ने राहत की सांस ली है और कुछ पुलिस कर्मी जो अपराध पनपा कर रूपये एंठते थे उनमे भगदड़ मच गयी है ..विनोद पाठक अपने इलाके के सन्वेदनशील क्षेत्रों में विवाद के कारण और निवारण को लेकर काफी गम्भीर है और वोह अपने तरीके से इस निस्तारण को लेकर काम कर रहे है उनके लियें ना काहू से बेर ना काहू से दोस्ती का प्रमुख सिद्धांत है और कर्तव्यनिष्ठा इमानदारी निर्भीकता महानत और लगन ही उनकी ड्यूटी का प्रथम लक्ष्य है ..इश्वर उन्हें कानून व्यवस्था स्थापित कर अमन सुकून और शान्ति सद्भाव बनाये रखने में कामयाब करे और अपराधियों में दर आम जान में पुलिस का विशवास का नारा इनके इलाके में बुलंद हो यही इनकी कामना है और इनसे जुड़े लोगों की दुआ है ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का संदेश

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