आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 मई 2012

एक छोटा सा नींबू भी कर सकता है इन बड़ी प्रॉब्लम्स का इलाज!




नींबू को विटामिन ''सी'' का सबसे अच्छा स्त्रोत व स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। विशेषकर पेट से संबंधित समस्याओं के लिए नींबू का प्रयोग अनेक तरीकों से किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नींबू के ऐसे ही कुछ प्रयोगों के बारे में जिनसे आप कई छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं।



नींबू की शिकंजी, चीनी के बजाय सेंधा नमक डालकर पिएं कब्ज दूर हो जाएगी। स्कर्वी रोग में नींबू कारगर है एक भाग नींबू का रस और आठ भाग पानी मिलाकर रोजाना दिन में एक बार लें। नींबू के रस में थोड़ी शकर मिलाकर इसे गर्म कर सिरप जैसा बना लें। फिर इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पीएं पित्त के लिए यह अचूक औषधि है। आधे नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खांसी व जुकाम में लाभ होता है।


नींबू से हृदय की असामान्य धड़कन सामान्य हो जाती है।


उच्च रक्तचाप के रोगियों की रक्तवाहिनियों को यह शक्ति देता है। एक नींबू के रस में तीन चम्मच शकर, दो चम्मच पानी घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद अच्छे से सिर धोने से रूसी दूर हो जाती है और बाल गिरना बंद हो जाते हैं। बालों में रूसी है तो बालों की जड़ों में नींबू का रस थोड़ी देर के लिए लगाकर छोड़ दें। फिर कुछ देर बाद सिर धो लें। रूसी से छुटकारा मिल जाएगा। शैम्पू करने के बाद थोड़े-से पानी में नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं। बाल चमकदार व मुलायम हो जाएंगे।


मोटापे से परेशान हैं तो सुबह हल्के गर्म पानी में नींबू का रस डालकर पीएं। निरंतर प्रयोग से वजन कम हो जाएगा। मलेरिया और हैजा जैसी बीमारियों में भी नींबू पानी बहुत ही फायदेमंद है। काली कोहनियों को साफ करने के लिए नींबू को दो भागों में काटें और उस पर खाने वाला सोडा डालकर कोहनियों पर रगड़ें। मैल साफ हो जाएगा, कोहनियां मुलायम हो जाएंगी।


नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है। नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है। नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है। बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर कान में डालें। आधा कप गाजर के रस में नींबू का रस मिलाकर पीएं,खून की कमी दूर होगी।

दर्द देती दवाएं: जितना बड़ा नाम, उतने दाम..लुट रहा आदमी आम



चंडीगढ़. एक ही सॉल्ट। एक ही फॉर्मूला। एक ही दवा। एक जैसा असर। पर दामों में भारी अंतर। कोई कंपनी दो रुपए में बेचती है तो कोई चार रुपए। कारण दवाओं के दामों पर सरकार का नियंत्रण नहीं। सो,आम आदमी लुट रहा है। इस लूट के खिलाफ आवाज उठाई है प्रदेश के दवा विक्रेताओं ने।

उन्होंने प्रदेश सरकार को रीप्रेजेंटेशन देकर आग्रह किया है कि प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर केंद्र से बात करे। पंचकूला जिला केमिस्ट्स एसोसिएशन ने इसके लिए बाकायदा राज्य की वित्तायुक्त हेल्थ और स्टेट ड्रग कंट्रोलर को कई नामी दवा कंपनियों के दामों में काफी ज्यादा अंतर का हवाला भी दिया है।

सिर्फ 74 दवाओं पर ही नियंत्रण

अभी नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने सिर्फ 74 दवाओं के दामों पर नियंत्रण रखा हुआ है। बाकी सैकड़ों किस्म की दवाओं पर कंपनियां अपना मनमाना मूल्य अंकित करती हैं। स्टेट ड्रग कंट्रोलर डा. जी.एल. सिंघल के मुताबिक केंद्र के ड्रग प्राइस कंट्रोल आर्डर के तहत सन1979 में करीब 350 किस्म की बल्क दवाओं (मॉलीक्यूल्स)के दामों पर सरकारी नियंत्रण था, जो सन 1987 में घटकर 140 दवाओं पर ही रह गया। फिर 1995 में सिर्फ 74 दवाएं ही इस दायरे में रह गईं।

यूं लुट रहे हैं मरीज

कंपनी दवा में मिला सॉल्ट ब्रांडनेम रिटेल कीमत
सिपला रेबीप्राजोल रैबीसिप 20 70 रुपए के 15
रैनबेक्सी रेबीप्राजोल रोपाज 20 30 रुपए के 10
सिपला स्रिटाजिन एलरिड 39 रुपए के 10
सेलोजाइन स्रिटाजिन सेंटोरियन 10 रुपए के 10
जीएसके एमोक्सी क्लेवनेट 625 आगुमेंटिन 625 एमजी 263 रुपए के 6
सिपला एमोक्सी क्लेवनेट 625 आगुमेंटिन 625 एमजी 108 रुपए के 6
फाइजर प्रेगाबिलिन 75 एमजी लाइरिका 75 768 रुपए के 14
सिपला प्रेगाबिलिन 75 एमजी नोवा 75 65 रुपए के 10
सिपला सिप्रोफलोक्सेसिन 500 सिप्लोक्स 500 एमजी 92 रुपए के 10
एफडीसी सिप्रोफलोक्सेसिन 500 जोक्सन 500 50 रुपए के 10


नाम के अनुसार दाम स्टेट ड्रग कंट्रोलर डा. सिंघल का कहना है कि दवा कंपनियों का बेच मूल्य अलग होने के कई कारण रहते हैं। इनमें उन कंपनियों की अपनी मार्केटिंग पॉलिसी होना भी एक कारण है। जिनका नाम बिकता है, वे अपनी मर्जी के मूल्य वसूलती हैं।

कांग्रेस की कार्यशाला में नेताओं की पिटाई, कुर्सी के पीछे दुबके चंद्रभान!



भरतपुर.कांग्रेस की गुटबाजी शनिवार को हिंसा में बदल गई। संभाग स्तरीय कार्यशाला में नारे लगाते हुए घुसे कुछ युवकों ने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रभान की मौजूदगी में कई दिग्गज नेताओं को जमकर पीटा। चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डॉ. अमरसिंह के कपड़े तक फाड़ डाले। युवक करीब दस मिनट तक सभागार में हंगामा करते रहे। पार्टी के जिला अध्यक्ष गिरीश चौधरी से धक्का मुक्की की गई।

शहर अध्यक्ष रमेश पाठक, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. गोविंद शर्मा को जमकर पीटा गया। प्रदेश सचिव आदित्य राज शर्मा को कई थप्पड़ जड़े गए। बीच-बचाव करा रहे सेवादल कार्यकर्ता ब्रजेश शर्मा को भी मंच पर पटक कर पीटा गया।

उन्होंने कुर्सियां तोड़ीं, शीशे फोड़े और माइक हवा में उछाल दिया। इससे घबराए प्रदेशाध्यक्ष को कुर्सियों के पीछे दुबकना पड़ा। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया की पुत्रवधू आभा पहाड़िया काफी देर तक सुबक-सुबक कर रोती रहीं। कई दिग्गज नेता भाग निकले। घटना के करीब पौन घंटे बाद पुलिस कार्यक्रम स्थल पहुंची। इसके बाद पुलिस के साए में कार्यशाला शुरू हो सकी।

घटना दोपहर करीब 12 बजे की है। कार्यशाला अछनेरा रोड स्थित मिलन गार्डन मैरिज होम में आयोजित थी। प्रदेशाध्यक्ष ने मंच से बोलना शुरू ही किया था कि कुछ युवक नारे लगाते हुए आए। उन्होंने सबसे पहले सभागार के गेट का शीशा तोड़ा। इसके बाद अंदर घुसकर कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दीं।और नेताओं की पिटाई करने लगे।

इस बीच पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह भी मंच पर पहुंच गए। उन्होंने जिला अध्यक्ष पर भाजपा के साथ मिलकर कार्य करने का आरोप लगाया। इस दौरान मंच से भाषण चलते रहे और नीचे मारपीट। जैसे ही मारपीट का सिलसिला मंच पर पहुंचा विश्वेंद्र सिंह चले गए। इस बीच हॉल भी खाली हो गया। हमलावरों के चले जाने के प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को हॉल में बुलाया और घटना की निंदा करते हुए कार्यशाला चालू रखने का निर्णय लिया।

नेताओं के घरों पर पुलिस तैनात

घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेस के उन नेताओं को चिह्नित किया, जिनसे हमलावर पक्ष के लोग नाराज हैं। सुरक्षा की दृष्टि से उनके घरों पर पुलिस बल तैनात करने का निर्णय लिया गया। सांसद रतन सिंह, प्रदेश सचिव आदित्य राज शर्मा, जिला अध्यक्ष गिरीश चौधरी सहित कई कांग्रेस नेताओं के घर पुलिस दल देखा गया। सांसद के घर पुलिस बल शाम तक रहा। उधर एसपी अंशुमन ने भोमिया ने कहा कि मामला दर्ज होने पर कार्रवाई करेंगे।

मामला दर्ज होने पर कार्रवाई कर सकेंगे

घटना की जानकारी कंट्रोल रूम से मिली। तभी पुलिस का दल घटना स्थल के लिए रवाना कर दिया गया। मामला दर्ज होने पर पुलिस कार्रवाई कर पाएगी।

अंशुमन भोमिया, एसपी भरतपुर

संभाग स्तरीय थी कार्यशाला

प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार इस संभागीय स्तरीय कार्यशाला में करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर व भरतपुर जिले से 379 प्रतिनिधियों को आना था। इनमें से 303 प्रतिनिधि शामिल हुए। पीसीसी सदस्य, डीसीसी सदस्य, अध्यक्ष, मंत्री-विधायक और पूर्व मंत्री भी शामिल थे। मंच पर प्रदेशाध्यक्ष के अलावा डांग विकास बोर्ड के अध्यक्ष सत्यनारायण सिंह, संसदीय सचिव गिर्राज सिंह मलिंगा, जाहिदा खान, रमेश मीणा, रामकेश मीणा, सांसद खिलाड़ी राम बैरवा, रतन सिंह आदि मौजूद थे। के कार्यकर्ता शामिल हुए।

हत्यारे अध्यक्ष को हटाओ : विश्वेंद्र

पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हर चीज विश्वेंद्र सिंह के सिर मढ़ दी जाती है। जो कुछ हुआ, दुखद है। यह कार्यकर्ताओं की नाराजगी का परिणाम था। गेट पर पास वाले कार्यकर्ताओं को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। यदि मैंने पिटवाए होते तो पिटने वाले लोग मेरे पास क्यों आते? जिनके कुर्ते फटे वे मेरे पास होकर गए हैं। चंद्रभान द्वारा कायरतापूर्ण कार्य कहने पर विश्वेंद्र ने कहा कि कायर मैं नहीं, चंद्रभान हैं। चंद्रभान ने 14 लोगों के साथ मिलकर मेरे ही गांव के एक युवक की हत्या की थी। वे जेल भी गए थे। हत्यारे को प्रदेश अध्यक्ष बनाना उचित नहीं। चंद्रभान को हटाया जाना चाहिए।

हमलावरों की अगुवाई कर रहे थे विश्वेंद्र : चंद्रभान

प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने घटना को कायरतापूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। ऐसी घटना के बारे में सोचा भी नहीं था। एक-डेढ़ घंटे पहले जो लोग स्वागत कर रहे थे, वे ही हमला कर रहे हैं। पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह हमलावरों की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद किसी के साथ भी हो सकते हैं, लेकिन हल बातचीत से होना चाहिए। उन्होंने मामला दर्ज कराने से इनकार कर दिया। कहा- मामला अनुशासनहीनता का है। हमने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इसकी जानकारी दे दी गई है।

कुरान का संदेश


राजस्थान के आई ऐ एस रोहित ब्रांडन की बिटिया ने किया उनका सपना साकार ..आई ऐ एस में मेरिट में सफल होने पर मुबारकबाद


कहते हैं अच्छे संस्कार बच्चों में होसला और कुछ कर गुजरने की जिद भर देते हैं ..ऐसा ही होसला हमारे राजस्थान के भारतीय सेवा के कुशल प्रशासनिक अधिकारी रोहित ब्रंदन ने अपनी बिटिया में भर दिया ...आई ऐ एस रोहित ब्रांडन वेसे तो कोटा से जुड़े रहे है और उन्होंने प्रथम पोस्टिंग का कार्यकाल कोटा में ही गुज़ारा है लेकिन विभिन्न प्रशानिक पदों पर कुशलता से काम करके रोहित ब्रांडन इन दिनों राजस्थान सरकार में अल्पसंख्यक मामलात के प्रमुख सचिव है और सारे राजस्थान के अल्पसंख्यकों का कल्याण ब्रांडन साहब के हाथो ही हो रहा है ...ब्रांडन ने लोगों की बेशुमार दुआएं ली ..इनके संस्कार होसला और हिम्मत बन कर इनकी प्यारी बिटिया के लियें जिद बन गए और बिटिया ने बेटे से ज्यादा नाम आकर दिखाय बिटिया हाल ही में घोषित आई ऐ एस परीक्षा परिणाम में मेरिट लिस्ट में आई है और बिटिया का जज्बा भी कुशल और सफल प्रशसनिक अधिकारी बनकर पीड़ितों की सेवा करना है ...रोहित ब्रांडन और उनके परिवार को इस कामयाबी पर आज दिन भर मुबारकबाद मिलती रही ब्रांडन साहब का संकल्प है के राजस्थान में अल्पसंख्यक लडकियाँ जो होस्टल में रह रही है उन्हें भी ऐसे ही उर्जावान बनाकर उनमे जान फूंकने की जरूरत है और अल्पसंख्यक छात्राएं अधिकतम प्रशासनिक पदों पर हो ऐसा उनका सपना है और इसे साकार करने के लियें वोह महत्वपूर्ण कदम भी उठाने जा रहे है ...रोहित ब्रांडन और उनकी कामयाब बिटिया और परिवार को इस कामयाबी के लियें एक बार फिर मुबारकबाद ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्लीनिक की आड़ में नहीं चलेंगे नर्सिग होम

सुप्रीमकोर्ट ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि नोएडा में रिहायशी प्लॉट पर क्लीनिक की आड़ में पॉलीक्लीनिक या नर्सिग होम नहीं चलाए जा सकते। डॉक्टर सिर्फ मास्टर प्लान के अनुसार ही अपना क्लीनिक चला सकते हैं

न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार एवं न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने ये आदेश डॉक्टरों की अर्जियों का निपटारा करते हुए सुनाया है। डॉक्टरों ने कोर्ट से रिहायशी भूखंड पर व्यावसायिक गतिविधियां रोकने के आदेश में कुछ और छूट देने की गुहार लगाई थी।

कोर्ट ने 4 मई को अपने आदेश में कहा कि डॉक्टर मास्टर प्लान में पेशेवरों को मिली छूट में सिर्फ क्लीनिक चला सकते हैं। यानि कुल फ्लोर एरिया रेशियो [एफएआर] का 25 फीसद क्लीनिक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। क्लीनिक में सिर्फ एक बेड होना चाहिए, जिसमें मरीजों का प्राथमिक उपचार हो सके। क्लीनिक में मरीज भर्ती नहीं किए जा सकते। यहां सिर्फ बाहरी मरीजों का इलाज हो सकता है।

पिछली सुनवाई पर नोएडा के वकील रविन्दर कुमार ने डॉक्टरों की अर्जी का विरोध किया था। उनका कहना था कि डॉक्टर क्लीनिक की आड़ में नर्सिग होम चला रहे हैं। मास्टर प्लान इसकी इजाजत नहीं देता। जबकि डॉक्टरों का कहना था कि इलाज के लिए आने वाले मरीज को उपचार देना उनका कर्तव्य है और इसके लिए उन्हें बिस्तर से लेकर सभी जरूरी सुविधाएं और उपकरण रखने होंगे।

बैंकों के मामले में 4 मई को विस्तृत सुनवाई नहीं हुई, लेकिन कोर्ट ने कहा है कि जिन बैंकों को रिहायशी परिसर से स्थानांतरित होने के लिए भूखंड की जरूरत है और उन्हें अभी तक नोएडा की योजना में भूखंड नहीं मिला है वे 7 दिन के भीतर नोएडा अथॉरिटी के समक्ष अर्जी देनी होगी। जो बैंक अर्जी नहीं देंगे तो समझा जाएगा कि उन्हें भूखंड की जरूरत नहीं है। 10 मई को कोर्ट आदेश सुनाएगा।

वसुंधरा राजे ने की भाजपा से इस्तीफे की पेशकश

कटारिया ने की यात्रा स्थगित करने की घोषणा, भाजपा कोर कमेटी की बैठक में बवाल
जयपुर।पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया की यात्रा को लेकर भाजपा मुख्यालय में बुलाई गई कोर कमेटी की बैठक में नाराज वसुंधरा राजे ने इस्तीफे की पेशकश की है। वसुंधरा कोर कमेटी की बैठक से नाराज होकर बीच में ही बैठक छोड़कर घर चली गईं। कोर कमेटी की बैठक में कटारिया की यात्रा को लेकर बवाल हो गया। पिछले दिनों गुलाब चंद कटारिया ने मेवाड़ क्षेत्र(उदयपुर, बांसवाड़ा आदि) में मेवाड़ यात्रा की घोषणा की थी, जिसको लेकर उनके और किरण माहेश्वरी के बीच मनमुटाव जगजाहिर हो गया था। इसके बाद यह मामला भाजपा हाईकमान तक गया और उनकी यात्रा पर आज निर्णय होना था।
तो मुझे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए: वसुंधरा
बैठक बीच में छोड़कर जाते समय वसुंधरा राजे ने मीडिया से कहा, मैं अगर बैठक में कार्यकर्ताओं की बात नहीं रख पाती हूं तो मुझे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं अपना इस्तीफा बाद में भेज दूंगी। यह कहकर वे गाड़ी में बैठीं और भाजपा कार्यालय से सीधे अपने घर के लिए निकल गई। वसुंधरा राजे के साथ गाड़ी में किरण माहेश्वरी भी थीं। किरण माहेश्वरी ने ही कटारिया की यात्रा पर पहले सवाल उठाए थे।
किरीट सौमेया गए वसुंधरा के पीछे :
वसुंधरा राजे के बैठक से नाराज होकर चले जाने के 10 मिनट बाद भाजपा नेता किरीट सोमैया उनके पीछे उनके घर तक गए। सोमैया मीडिया के सवालों के जवाब दिए बिना सीधे निकल गए। कुछ देर बाद ओम माथुर और राज्य सभा सांसद भूपेंद्र यादव भी बैठक से बाहर आ गए। जब उनसे वसुंधरा राजे को मनाने जाने के बारे में पूछा गया तो दोनों नेताओं ने कहा कि वे अपने घर जा रहे हैं।
यात्रा से नाराज होकर वसुंधरा राजे ने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए मैं यात्रा निरस्त कर रहा हूं : कटारिया
वसुंधरा राजे के नाराज होकर चले जाने के करीब आधे घंटे बाद गुलाब चंद कटारिया बैठक से बाहर आए। कटारिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, मेरी यात्रा से नाराज होकर वसुंधरा राजे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मैं संगठन को एक रखने के लिए अपनी यात्रा निरस्त कर रहा हूं। मैं पार्टी संगठन का सच्चा सिपाही हूं, इसलिए संगठन को एक रखने व संगठन हित में अपनी यात्रा वापस ले रहा हूं। कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं जिसके चलते इस तरह के निर्णय करने पड़ते हैं।

राष्ट्र की बात की तो तबाह हो जाएगा हिंदुस्तान: जस्टिस सच्चर



ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस में जस्टिस सच्चर ने कहा, लोकतंत्र में है सबका बराबर हक, शिक्षा में सांस्कृतिक विविधता की जरूरत



जयपुर. सच्चर कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र सच्चर ने कहा है कि भारत में मुस्लिम समुदाय के लोग विदेशी नहीं है। यदि हम केवल हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो मुल्क तबाह हो जाएगा। लोकतंत्र में सबको बराबरी का हक है। सच्चर शनिवार को यहां ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस इकरा-2012 के उद्घघाटन के अवसर पर बोल रहे थे।



उन्होंने कहा कि शिक्षा में कल्चरल डायवर्सिटी की जरूरत है। जब तक आम आदमी सरकार से मांगेगा नहीं, तब तक उसे अपना हक नहीं मिलेगा। इसका उदाहरण नरेगा है। नरेगा में केवल 3 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार मिल रहा है, क्योंकि लोग अपना फर्ज ही अदा नहीं करते। इकरा शब्द का व्यापक अर्थ शिक्षा के संदर्भ में ही है।



मुस्लिम वर्ग को उच्च शिक्षा क्षेत्र में काम करने की जरुरत: फातिमा बीबी



तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल और सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीबी ने कहा कि देश में मुस्लिम वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में जो रोल मॉडल हैं, उन्हें महत्व देते हुए तकनीकी शिक्षा पर जोर देना होगा।



उन्होंने ने कहा कि मुस्लिम युवाओं और महिलाओं को तकनीकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में शिक्षा के लिए तीन मुख्य चुनौतियां हैं। तालीम के क्षेत्र में संस्थागत प्रसार करना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ समाज के हर वर्ग तक शिक्षा का प्रसार करना होगा। विश्व स्तर पर भारत में मुस्लिम शिक्षा का नेतृत्व करने की क्षमता है।



सम्मेलन में पद्म भूषण मूसा राजा, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष सुहैल सिद्दीकी, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने भी विचार व्यक्त किए।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...