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06 मई 2012

दुनिया का सबसे महंगा मिलेट्री प्लेन...इसे खरीदने में बिक जाएंगे कई देश


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क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे महंगा मिलेट्री प्लेन कौन सा है? उसकी कीमत कितनी है? उसकी खूबियां क्या हैं? नहीं पता, तो जनाब जान लीजिए कि दुनिया का सबसे महंगा मिलेट्री प्लेन होने का खिताब बी2 बोम्बर के नाम दर्ज है। इस 1 मिसाइल की 240 करोड़ डॉलर यानि 1296 अरब रुपये है।

जी हां, 1296 अरब रुपये। अब आप सोच रहे होंगे कि इस मिलेट्री प्लेन की खासियत क्या है, तो हम आपको बता दे बी2 मिलेट्री प्लेन को दुश्मन लाख चाह ले फिर भी भेद नहीं सकता है। इंफारेड, ध्वनि यंत्र, इलेक्ट्रोमैगेनेटिक, तस्वीरों और रडार सिग्नल की मदद से भी इस मिलेट्री प्लेन के बारे में पता नहीं लगाया जा सकता है। इसके चलते ये मिलेट्री प्लेन दुश्मन के पता चले बिना ही उसके ठीकानों पर वार करने में सक्षम है।

दिलचस्प है कि 1987 में एक देश ने इस मिलेट्री प्लेन के 132 आर्डर दिए थे, लेकिन इतनी ज्यादा कीमत होने के चलते 2008 में इसके ऑर्डर को घटाकर केवल 20 कर दिया गया था। गौरतलब है कि 1993 में इस मिलेट्री प्लेन को इराक और अफगानिस्तान दोनों के लिए तैनात किया गया था

बाबा रामदेव से सिर्फ इतना पूछा, 'रामलीला मैदान से सलवार पहन क्‍यों भागे थे?'


भिंड. मध्य प्रदेश के भिंड में बाबा रामदेव के योग शिविर में एक शख्स की जमकर पिटाई की गई। बाबा के समर्थक उस शख्‍स को घसीटते हुए ले गए। उसके बाद पुलिसवालों ने भी उस शख्स की पिटाई की।


पिटने वाले आशुतोष परिहार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। फिलहाल उस पर कोई मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि परिहार ने बाबा रामदेव से तीखे सवाल पूछे जिसके बाद बाबा समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया।



आशुतोष ने सभा में बाबा रामदेव से पूछा कि वो 4 जून 2011 को महिलाओं के कपड़े में दिल्ली के रामलीला ग्राउंड से क्यों भागे थे? इसके बाद रामदेव के समर्थकों ने उसको रोकने की कोशिश की और उसे पकड़ लिया।


लेकिन भिंड के एसपी केडी सोनाकिया का कहना है कि आशुतोष योग शिविर के दौरान बाबा रामदेव के मंच पर जाना चाह रहा था। पुलिस के रोकने पर भी वह नहीं मान रहा था। अंत में जब बाबा स्टेज से नीचे उतरे तो परिहार ने बाबा से सवाल पूछे। इस पर बाबा और वहां मौजूद लोगों ने आशुतोष को समझाया। लेकिन वह समझाने वालों को ही डांटने लगा। तब वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ लिया।

कुरान का संदेश

विज्ञापन के लियें ब्लॉग को इन्तिज़ार

दोस्तों पावर बाई एड ब्राईट जो मेरे ब्लॉग अख्तर खान अकेला शीर्षक पर लिखा है वोह स्थान विज्ञापन के लियें रिक्त है अगर कोई व्यक्ति ..कोई साथी अपने संस्थान का नाम विज्ञापित करना चाहता है तो वोह इस विजेट को क्लिक कर एक आवेदन कर सकता है .....इसका फायदा उसे व्यापार में जरुर मिलेगा ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

IAS इंटरव्यू में फटकार- 'तुम हर बार सलेक्ट होते हो, सीटें खराब करते हो'

जयपुर.एक ओर आईएएस में एक बार भी सलेक्ट होना नई पीढ़ी को लोहे के चने चबाने जैसा लगता है। लेकिन जैसलमेर में डीएफओ हरिकेश मीणा के साथ इसका उल्टा है। वे तीसरी बार आईएएस में सलेक्ट हुए हैं।

इस बार इंटरव्यू बोर्ड में इंटरव्यू करने वालों ने मीणा को जिस अंदाज में फटकार लगाई थी, उससे वे चयन की आशा छोड़ चुके थे। लेकिन शुक्रवार शाम जैसे ही परिणाम आया तो 384वां रैंक पाकर वह खुश है।

हरिकेश ने भावुक मन से कहा कि पहली बार 2006 में चयनित होने पर उसे आईएएस की एलाइड सर्विस आईएफएस में नौकरी का मौका मिला। इस बार जजों ने इंटरव्यू में उसका बैकग्राउंड जाना तो वे गुस्सा गए। वे कहने लगे कि तुम हर बार सलेक्ट होते हो और फिर परीक्षा में बैठ जाते हो। इससे पूर्व में चयनित पदों की सीटें खराब होती है। देश में आईएएस और एलाइड सर्विसेज की सीटें कितनी कीमती होती है, इसका अंदाज होना चाहिए।

हरिकेश ने बताया कि वह चार बार आईएएस परीक्षा दे चुके हैं। पहले प्रयास में ही उन्होंने राजस्थान एसटी वर्ग में पहली और सभी वर्ग में 61वीं रैंक हासिल की थी।

हरिकेश ने डॉक्टर पत्नी का सपना साकार किया

आईएएस और अलाइड सर्विसेज में तीसरी बार चयनित हुए डीएफओ हरिकेश मीणा ने भास्कर के साथ बांटे अनुभव
आईएएस में 384वीं रैंक प्राप्त डीएफओ हरिकेश मीणा का कहना है कि उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा को आंत का कैंसर हो गया था। वे 11 माह तक मौत से जूझती रहीं। मैंने रात-दिन उन्हें बचाने के लिए एक कर दिए, लेकिन बच नहीं सकीं। फरवरी 2011 में उनकी मौत हो गई। उनका सपना था कि मैं आईएएस बनूं।
उनके जाते ही मेरा संसार सूना हो गया। उनके इलाज में जी-जान लगा देने के कारण 2010 में मैं आईएएस की परीक्षा भी नहीं दे पाया। जब वे ही नहीं रहीं तो मैंने उनका सपना पूरा करने का ठान लिया। मार्च 2011 में ही आईएएस का फॉर्म भर दिया। मात्र 20 दिन की तैयारी से परीक्षा दी। सलेक्शन हुआ और 384वीं रैंक मिली। यह सफलता मैं पत्नी प्रतिभा को समर्पित करता हूं।
सवाई माधोपुर जिले के बौंली तहसील के हनुत्या गांव निवासी हरिकेश वर्तमान में पोकरण में डीएफओ हैं। पिता शंभुदयाल मीणा किसान और मां सांवली देवी गृहिणी हैं। आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर चुके हरिकेश का 2008 में आईएफएस में चयन हुआ था। ऑल इंडिया में 61वीं रैंक बनी थी। 2009 में ऑल इंडिया डिफेंस एकाउंट्स सर्विसेज में 857वीं रैंक बनी पर जॉइन नहीं किया। आईएएस में उनका चौथा अटेंप्ट था

मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए कमेटी बनाएगी राज्य सरकार

मुस्लिम एजुकेशन कमेटी की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन, अल्पसंख्यकों के लिए पांच नए आईटीआई और राजस्थान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का केंद्र खोलने के लिए सरकार देगी जमीन


जयपुर. केंद्र की तर्ज पर अब राजस्थान में भी मुसलमानों को 4.5 प्रतिशत आरक्षण मिल सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में मुस्लिम एजूकेशन सोसाइटी के इकरा सम्मेलन में इसकी घोषणा की है।

गहलोत ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के आरक्षण की मांग को देखते हुए वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर आरक्षण देने का प्रयास किया जाएगा। कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी और सिफारिशें देगी। उसके आधार पर इस पर विचार होगा।
सम्मेलन में गहलोत ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए 10 आईटीआई खोलने की घोषणा हो चुकी है। अब पांच और नए आईटीआई खोले जाएंगे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का प्रदेश में केंद्र खोलने के लिए सरकार मुफ्त जमीन देगी। सरकार ने अलग से अल्पसंख्यक विभाग बना दिया है।
हमारी एटीएस ने किया हिंदू आतंकियों को बेनकाब
गहलोत ने कहा कि फिरका परस्त ताकतें खतरनाक हैं। ये ताकतें हिंदु और मुस्लिम दोनों ही तरफ हैं। अजमेर दरगाह, मालेगांव सहित कई जगह विस्फोट हुए थे। राजस्थान की एटीएस ने पहली बार हिंदु आतंकियों को बेनकाब किया। पहली बार ये लोग बेनकाब हुए हैं।

गहलोत ने कहा कि जब भी देश में फिरका परस्त ताकतें मजबूत हुई हैं, देश कमजोर हुआ है। कई बार ये ताकतें सत्ता में भी आ जाती हैं। कभी ये लोग गाय माता के नाम पर तो कभी धारा 370 तो कभी राम मंदिर के नाम पर लोगों को बांटते रहे। लेकिन सत्ता मिलने के बाद सब भूल गए।

मुस्लिम शिक्षा पर जोर देने वाले लोग पढ़े लिखे मुसलमानों के रोज़गार पर जोर क्यूँ नहीं देते

दोस्तों जयपुर में हाल ही में दो दिन के मुस्लिम शिक्षा सम्मलेन में राजस्थान की ही नहीं देश भर की बढ़ी हस्तियाँ शामिल हुई सभी ने मुसलमानों को पढाई में पिछड़ा बताया ..और सभी की एक ही आवाज़ थी के मुसलमान के बच्चे पढ़ते नहीं है ..उनका कहना था के मुसलमान को पढाने से कभी भी साम्प्रदायिक ताकतें नहीं रोकती है पढाई पर दो दिन का चिंतन रहा ..शिक्षण संस्थाएं खोलने की बातें हुईं .......शिक्षण संस्थाओं को अल्पसंख्यक शिक्षा का दर्जा देने पर बहस हुई लेकिन मुफ्त में बच्चों को पढाने ...गरीब बच्चों के लियें ऐसे शिक्षाविदों द्वारा उन्हें मुफ्त में पढाने ..गोद लेने आर्थिक तंगी के कारण मुस्लिम बच्चों की शिक्षा ब्रेक नहीं होने और इसके बहतर प्रबंधन पर किसी ने चर्चा नहीं की ...ताज्जुब इस पर भी रहा के आज हर घर में ग्रेजुएट ..डोक्टर..इंजिनियर ..एम ऐ है लेकिन किसी ने भी पढ़े लिखे बच्चे जो बेरोजगार के शिकार है उन्हें नोकरी देने उन्हें रोज़गार देने पर चर्चा नहीं की ..जब एक तबका पढ़े लिखे मुस्लिम नोजवानों को ग़ुरबत में बेरोज़गारी की हालत में देखता है तो अफ़सोस ही होता है के हमारे बच्चों को क्यूँ पढाया ..सम्मलेन में काई लोगों की आवाज़ थी के अगर शिक्षा के नाम पर सियासत नहीं ..शिस्खा के नाम पर व्यवसाय नहीं ..मुसलमी बच्चों से ठगी नहीं तो रोज़गार पर भी बात होना चाहिए लोगों का कहना था के जो लोग पढ़े लिखे बेरोजगार भटक रहे है अगर उन्हें यह नेता लोग रोज़गार दिलवा देंगे तो यह लोग पेट पालन के साथ साथ खुद ही अपने बच्चों को पढ़ा लेंगे लेकिन यह कोम की बातें करने वाले ..यह मजहब की बातें करने वाले ..यह हवाई जहाज़ों में सफ़र करने वाले ..यह एयर कन्दिषणों में बैठकर गरीब मुसलमानों की शीशा पर चर्चा करने वाले दावे के साथ नहीं कह सकते के कितने मुस्लिम गरीब बच्चों और बच्चियों की इन लोगों ने इजीनियरिंग और डॉक्टरी की फीस माफ़ की और कितने बच्चों को पढाने के लियें वजीफे दिए सभी का मकसद मुस्लिम शिक्षण संस्था में रजिस्ट्रेशन करा कर पचास फीसदी बच्चों से सीटों का व्यापार करना था अगर यह शिस्क्षण संस्थाएं मुस्लिम बच्चों को पढाना चाहती है तो फिर शिस्क्षा की गारंटी कानून की पालना में बच्चों को प्रवेश क्यूँ नहीं देते क्यूँ इस नियम से दूर भाग रहे है इस नियम से खुद को अलग करना चाहते है तो दोस्तों दिल में कुछ और दिमाग में कुछ इन नेताओं के रहता है क्योंकि यह चाहते है के घर सिर्फ हमारे ही भरे और हमारे नीचे के लोगों से हम व्यापार शिक्षा व्यापार करें ...............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में मुस्लिम शिक्षा सेमीनार इकरा २०१२ का सफलतम आयोजन

राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी की सर ज़मीं पर दोन दिन की आल इण्डिया मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी के बेनर तले मुस्लिम समाज में शिक्षा की जाग्रति के लियें सम्मेलन का आयोजन किया गया ..............इकरा २०१२ सम्मेलन के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम को राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डोक्टर आज़म बेग ने आयोजित किया जिसमे सरपरस्ती उत्तर भारत के प्रभारी सचिव इब्राहिम कुरैशी की थी ....बिरला ऑडिटोरियम जयपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में राजस्थान के ही नहीं देश के दूर दराज़ इलाकों से हज़ारों लोग इस सम्मेलन में शामिल हुए ..सम्मेलन में राजस्थान के मुख्य्कन्त्री अशोक गहलोत ..उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह .....सलमान खुर्शीद ..ई एहमद ...राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ...राष्ट्रिय शेक्षणिक अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सहित देश भार के बढ़ी हस्तियाँ और शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि मोजूद थे ............सम्मेलन के सफलतम आयोजन के लियें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी को बधाई दी और राजस्थान में अल्पसंख्यक शिक्षा के प्रति खासकर महिला शिक्षा के प्रति सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा के राजस्थान में एक तरफ तो छात्रवृत्तियां दी गयी हैं वही अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज़ के नाम से युनिवेर्सिती की घोषणा की गयी है कई शिक्षण संस्थाओं को ज़मीं दी गयी है उन्होंने आश्वासन दिया के रास्ज्थान सरकार मुस्लिम शिक्षा कार्यक्रम को आगे बढाने के लियें हर सम्भव प्रयासों में जुटी है और भविष्य में अगर उसे कोई महत्वपूर्ण सुझाव मिले तो वोह इसे शिक्षा विकास कार्यक्रम में शामिल करेंगे .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुस्लिम आरक्षण पर बोले खुर्शीद, जितना मिल रहा है उसका फायदा लीजिए



इकरा सम्मेलन: केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सलमान खुर्शीद ने की निजी क्षेत्र में मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत

जयपुर.केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि केंद्र सरकार ने मुसलमानों को पिछड़े वर्ग में 4.5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी जितना मिल रहा है उसका फायदा लीजिए आगे और देखा जाएगा। मुसलमानों को जो आरक्षण दिया गया है। संविधान के अनुच्छेद 16 में भी इसका प्रावधान है।

उन्होंने ने कहा कि देश का विभाजन मौलानाओं ने नहीं बुद्धिजीवियों ने करवाया था। अब तक यह धारणा थी कि मौलानाओं की वजह से देश का विभाजन हुआ था, जबकि असली वजह बुद्धिजीवी थे। खुर्शीद रविवार को यहां बिड़ला ऑडिटोरियम में ऑल इंडिया मुस्लिम एजूकेशन कॉन्फ्रेंस इकरा-2012 में बोल रहे थे।

उन्होंने ने कहा कि मंडल आयोग के अनुसार 50 प्रतिशत लोग पिछड़े हुए हैं। उसके आधार पर 27 प्रतिशत पिछड़ों को आरक्षण दिया गया। मुसलमानों को इस अनुपात के आधार पर 8.44 प्रतिशत आरक्षण बनता है। लेकिन अभी जो मिल रहा है वह ठीक है आगे और रास्ता तलाशा जाएगा। मुसलमानों के लिए यह आरक्षण निजी क्षेत्र में भी लागू होना चाहिए। खुर्शीद ने देश में समान अवसर आयोग बनाने की पैरवी करते हुए कहा कि समान अवसर आयोग बनना चाहिए। इससे सभी लोगों को समान अवसर मिलने में मदद मिलेगी।

ऑनलाइन आवेदन का क्या फायदा, गांवों में बिजली ही नहीं रहती: सम्मेलन में राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष माहिर आजाद ने कहा कि राजस्थान में मुस्लिम शिक्षा के लिए बहुत प्रयास करने की जरूरत है। सरकार ने उर्दू की डिग्रियों पर पाबंदी लगा रखी है। 2010 के बजट में अल्पसंख्यकों के लिए 10 आईटीआई की घोषणा की गई थी। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। ऑनलाइन छात्रवृत्ति का फायदा राजस्थान का मुस्लिम युवक कैसे उठा पाएगा? ज्यादातर मुस्लिम गांवों में रहते हैं जहां बिजली ही नहीं रहती तो वह आवेदन ही नहीं कर पाएगा।
आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को आतंकित किया जा रहा है: जमात ए इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष इंजीनियर मो. सलीम ने कहा कि मुसलमान अपनी बदहाली के लिए पूरी तरह दूसरों को दोष नहीं दे सकते। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आज से 15 साल पहले आती तो मुस्लिमों की और भी बदतर हालात सामने आते। इन दशकों में मुसलमानों ने कई क्षेत्रों में तरक्की की है। आज मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर आतंकित किया जा रहा है। आज किसी भी मुस्लिम को अपने डॉक्टर या इंजीनियर बेटे के सकुशल घर लौटने का भरोसा नहीं है कि कब उसे आतंकवादी ठहराकर जेल में बंद कर दिया जाए।

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