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08 मई 2012

दूल्हा-दूल्हन को हल्दी क्यों लगाते हैं...

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शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जीवन के 16 महत्वपूर्ण संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों का निर्वहन करना सभी इंसानों के लिए अतिआवश्यक है। इन्हीं संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। पुराने समय में विवाह में अपनाए जाने वाली प्राचीन परम्पराओं , रीति-रिवाजों आदि का पालन आज भी किया जाता है । कुछ नियम और परंपराएं वर और वधू दोनों के लिए समान रूप से लागू होती हैं। ऐसी ही एक परंपरा है दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाना।

वर और वधू को हल्दी क्यों लगाई जाती है इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार हल्दी का उपयोग सभी प्रकार के पूजन-कार्य में आवश्यक रूप से किया जाता है। इसके बिना कई प्रकार के पूजन कर्म पूर्ण नहीं माने जाते हैं। इसी वजह से पूजन सामग्री में हल्दी का महत्वपूर्ण स्थान है। हल्दी की पवित्रता के कारण ही वर-वधु के शरीर पर इसका लेप लगाया जाता है ताकि विवाह से पूर्व ये दोनों भी शास्त्रों के अनुसार पूरी तरह पवित्र हो सके।

हल्दी एक औषधि भी है। इससे उपयोग से कई प्रकार की बीमारियों का त्वरित इलाज हो जाता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए हल्दी सर्वश्रेष्ठ उपाय है। विवाह पूर्व वर-वधु के शरीर पर हल्दी का लेप लगाया जाता है ताकि यदि इन्हें कोई त्वचा संबंधी रोग हो या इंफेक्शन हो या अन्य कोई बीमारी हो तो उसका उपचार हो सके। हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई धूल आदि भी शत-प्रतिशत साफ हो जाती है। जिससे त्वचा में चमक बढ़ जाती है। चेहरे का आकर्षण बढ़ जाता है। इन सभी कारणों के चलते अनिवार्य रूप से आज भी दूल्हा-दुल्हन को विवाह से पूर्व हल्दी अवश्य लगाई जाती है।

: पीठ दर्द, मांसपेशियों या सर्वाइकल दर्द हो ये एक अचूक उपाय है



आजकल ज्यादा लंबे समय तक सीटिंग के कारण रीढ़ की हड्डी में गेप हो जाना या मांसपेशियों मे दर्द कम उम्र में ही एक कॉमन प्रॉब्लम हो गई है।अगर आपके साथ भी पीठदर्द, मांसपेशियों या सर्वाइकल पेन की समस्या है तो रोजाना वीडियो में दिखाया गया आसन करें। यह मकरासन है, मकरासन एक ऐसा आसन है जो आसान होने के साथ हमारी रीढ़ और पीठ की मांसपेशियों के दर्द को दूर करता है। यह आसन सभी उम्र के लोग कर सकते है।

मकरासन की विधि :

पहले पेट के बल लेट जाइए। दोनों पैरों को मिलाकर रखिए। अपने कंधे और सिर को उठाइए और दोनों हाथों की कलाई को मिलाकर ठुड्डी के नीचे रखें।

अंगुलियों को गालों पर लगाएं। दोनों हाथ की कोहनियों को सटा कर रखिए। अगर गर्दन या रीढ़ में असहनीय खिंचाव आए तो उस स्थिति में आप दोनों कोहनियों के बीच में थोड़ा फासला दे सकते हैं। ऐसा करने पर खिंचाव को सहन किया जा सकेगा।

कुरान का संदेश

राजस्थान मदरसा बोर्ड का नया कार्यालय शीघ्र ही शिक्षा संकुल सचिवालय के पास शिफ्ट हो जाएगा .....राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक ने बताया की नये कार्यालय का आवंटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मदरसा शिक्षा को बढ़ावा देने के लियें किया है .........अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष एजाज़ खान अज्जू भाई ने बताया के आगामी १२ मई को जयपुर स्थित शिक्षा संकुल में मदरसा शिक्षा सहयोगियों और मदरसा संचालकों का बढा जमावड़ा होगा ..दिन के ग्यारह बजे इस कार्यालय का उद्घाटन खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे .....मोलान ने राजस्थान के सभी मदरसा संचालकों और पदाधिकारियों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

डीआईजी के 'तालिबानी' बोल, मेरी बहन भागती तो मार देता या खुद मर जाता


लखनऊ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की नई सरकार में कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश में तकरीबन हर रोज गैंग वार या गोली चलने जैसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? इस सवाल का जवाब पुलिस के रवैये से मिल रहा है। प्रदेश की पुलिस के आला अफसरों का रवैया अपराध के बोलबाले के लिए काफी हद तक जिम्मेदार लगता है। सहारनपुर रेंज के डीआईजी एसके माथुर के पास अपनी बहन के 24 घंटों से लापता होने घटना की शिकायत लेकर पहुंचे एक शख्स को डीआईजी ने तालिबानी सलाह देते हुए कहा, 'अगर मेरी बहन होती तो या तो उसे गोली मार देता या फिर खुद मर जाता।'

इससे पहले फरियादी ने डीआईजी से कहा कि उसकी बहन 24 घंटे से लापता है और पुलिस कुछ नहीं कर रही है तो डीआईजी ने जवाब दिया, 'मेरा बस चले तो मैं 24 मिनट में ले आऊं। लेकिन मैं कोई अंतर्यामी नहीं हूं।' डीआईजी और फरियादी के बीच की सारी बातचीत मीडिया ने रिकॉर्ड कर लिया है। जब उत्तर प्रदेश के आला हुक्मरानों की यह सोच है तो सूबे में अपराध पर नकेल एक सपना ही लगती है।

दालचीनी का देहाती नुस्खा....15 मिनट में आर्थराइटिस का दर्द दूर




भारत में आर्थराइटिस की बढ़ती समस्या के पीछे जीवनशैली में बदलाव एक बड़ा कारण है। मॉर्डन लाइफ स्टाइल, काम का कोई समय नही और काम के लिए दिन-रात एक जैसे। ऐसे में अधिकतर लोग कम उम्र में आर्थराइटिस के चक्कर में आ रहे हैं। आर्थराइटिस से परेशान लोगों के लिए नीचे एक देसी नुस्खा बताया जा रहा है जो कि यह आर्थराइटिस की समस्या में रामबाण है

- आर्थराइटिस का दर्द दूर भगाने में शहद और दालचीनी का मिश्रण बड़ा कारगर है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर लें। इसे दो तिहाई पानी और एक तिहाई शहद मिला लें। इस लेप को दर्द वाली जगह पर लगाएं। 15 मिनट में दर्द गायब हो जाएगा।



- शहद के साथ दालचीनी पाउडर लेने पर पेट के दर्द से राहत मिलती है। ऐसे लोग जिन्हें गैस की समस्या है उन्हें शहद और दालचीनी पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करना चाहिए।



- आधा लीटर चाय में तीन चम्मच शहद और तीन चम्मच दालचीनी मिलाकर पीएं। दो घंटे के भीतर रक्त में कोलेस्ट्राल का स्तर घट जाता है।

- दालचीनी त्वचा को निखारती है तथा खुजली के रोग को दूर करती है।



- रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

लालू लफंदर, पागल, बिहार से तड़ीपार'


नई दिल्ली. शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को निशाने पर लिया है। बाल ठाकरे ने लालू को 'लफंदर' बताते हुए कहा है कि उनका दिमाग 'ठिकाने' पर नहीं है।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में 'लफंदर लालू' शीर्षक से छपे संपादकीय में बाल ठाकरे ने लालू के उस बयान के लिए आलोचना की है, जिसमें आरजेडी प्रमुख ने नीतीश कुमार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाने के चलते कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री का असली 'चेहरा' सामने आ गया है।

सत्ता से दूर लालू की आलोचना करते हुए संपादकीय में कहा गया है, '1989 से लेकर 2009 तक लालू सत्ता का उपभोग करते रहे। लेकिन पिछले दो-ढाई सालों से न तो उनके पास बिहार की ही सत्ता है और न ही केंद्र की सत्ता में हिस्सेदारी। इस कुंठा के चलते उनका भेजा घूम गया है और वे बकवास कर रहे हैं। बिहार की जनता ने लालू यादव और उनके कुनबे को बिहार से तड़ीपार कर दिया है। इससे बिहार को फायदा ही मिला है।'

संपादकीय के मुताबिक, 'नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार का कायाकल्प हो गया है। जिस बिहार को लालू ने अपने कार्यकाल में गाली का पर्यायवाची बना दिया था उस बिहार का कायाकल्प हो जाने से लालू और कुनबे का हमेशा के लिए खात्मा हो गया है। नीतीश कुमार ने तमाम गुंडों का खात्मा करके बिहार को नया सवेरा दिखाया है। लेकिन लालू को नया सवेरा कैसे भाए? वह बिहार के विकास को कैसे पचाएं? इसलिए इन दिनों लालू यादव, नीतीश कुमार की कमियां तलाश करने में जुटे हुए हैं। खुद लालू चारा घोटाले के अभियुक्त हैं।'

ठाकरे का प्‍यार- पाकिस्‍तान समर्थक नहीं है आमिर, फिर उसके शो पर बैन क्‍यों?




नई दिल्‍ली. शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कर्नाटक सरकार से कहा है कि वो आमिर खान के शो ‘सत्‍यमेव जयते’ के प्रसारण को अनुमति दे। ठाकरे ने एक ओर जहां राज्‍य की सत्‍तारूढ़ बीजेपी सरकार पर निशाना साधा तो दूसरी ओर आमिर खान के इस शो की बेहद तारीफ की। ठाकरे ने मंगलवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा है कि कर्नाटक सरकार द्वारा इस आधार पर शो पर पाबंदी लगाने से साफ है कि वहां देशभक्ति पर प्रांतवाद हावी है। आमिर की तारीफ करते हुए संपादकीय में कहा गया है, 'आमिर शाहरुख की तरह अड़ियल टट्टू नहीं हैं।'

'सत्यमेव जयते पर प्रतिबंध क्यों' शीर्षक से छपे संपादकीय में बाल ठाकरे ने लिखा है, वह (आमिर)'पाकिस्तान के क्रिकेटर हिंदुस्तान में खेलेंगे तो क्या बिगड़ जाएगा' जैसी बयानबाजी नहीं करता, इसलिए वह खानों की पंगत में नहीं बैठता।
इस शो की पहली कड़ी रेटिंग का रिकॉर्ड तोड़ रही है। 8.7 की टीआरपी के साथ ही यह शो आज भी सोशल साइट्स पर बहस का गरम मुद्दा है। ज्‍यादातर कमेंट्स तारीफ में ही आ रहे हैं, पर कई लोग आलोचना के जरिए भी जायज मुद्दे उठा रहे हैं। यानी शो पसंद हो या ना हो, लेकिन इसकी अनदेखी किसी के लिए मुमकिन नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्‍या यह सफल मार्केटिंग स्‍ट्रैटजी का नतीजा है या आमिर की ब्रांड वैल्‍यू और छवि का नतीजा?
जबरदस्‍त मार्केटिंग
'सत्‍यमेव जयते' आमिर और स्‍टार इंडिया का साझा प्रोजेक्‍ट है और बताया जाता है कि इसकी मार्केटिंग पर 20 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा खर्च हुए हैं। किसी टीवी शो के लिए मार्केटिंग पर इतनी बड़ी रकम शायद पहली बार खर्च की जा रही है। मार्केटिंग का जिम्‍मा स्‍टार नेटवर्क को सौंपा गया है। स्‍टार इंडिया की वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग एंड कम्‍यूनिकेशंस) गायत्री यादव कहती हैं कि ‘दिल को लगेगी, तभी बात बनेगी’ का टैग लाइन इस शो के बारे में बताता है और यही कंपनी के मार्केटिंग अभियान का आधार बनी।

इस शो के प्रोमो सिनेमा हॉल में दिखाए जा रहे हैं। स्‍टार इंडिया ने कई ऐसे गांवों की पहचान कर, जहां पूरी आबादी के सिर्फ एक तबके के पास टीवी सेट हैं, शो की स्‍पेशल स्‍क्रीनिंग की। इन गांवों के आसपास एक सार्वजनिक स्‍थान या टाउन हॉल जैसे स्‍थान पर ‘सत्‍यमेव जयते’ के पहले शो की खास स्‍क्रीनिंग की व्‍यवस्‍था की गई है। इन गांवों में से ज्‍यादातर की आबादी 5000 से कम है और शायद पहली बार होगा जब इन्‍हें टीवी की ताकत का अनुभव होगा।

शो स्‍टार नेटवर्क के तमाम भाषाओं के चैनलों पर प्रसारित किया जा रहा है। दूरदर्शन सहित कुल दस चैनलों के जरिए शो को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया गया। यहां तक कि स्‍टार न्‍यूज पर आज भी इस शो को लेकर खास कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं। स्‍टार नेटवर्क के इस खबरिया चैनल पर इस शो को कैंपेन के रूप में 'कवर' किया जा रहा है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि टीवी पर कोई शो एक साथ देशभर में दिखाने की इतने बड़े पैमाने पर व्‍यवस्‍था की गई है।

इस शो में ‘भावनाओं का खुला प्रदर्शन’ हो रहा है। इसमें ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जा सके। गायत्री यादव कहती हैं, ‘यह शो देश की जनता के लिए और हमारी रणनीति है कि देशभर की जनता इस शो को देखे। इस शो को ऐसे इलाकों में दिखाया जा रहा है जहां सीमित संख्‍या या नहीं के बराबर टीवी सेट हैं।’ शो का चर्चा में आना इतनी कवायद का नतीजा है।

इस कवायद का फायदा यह भी रहा कि विज्ञापनदाताओं से 10 सेकेंड के लिए 10 लाख रुपये वसूले जा रहे हैं। आईपीएल मैचों के प्रसारण के दौरान विज्ञापन के लिए इतने ही वक्‍त के लिए चार लाख रुपये ही देने पड़ते हैं। विज्ञापन की दरों के बारे में स्‍टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीओओ संजय गुप्‍ता कहते हैं, ‘यह बेहद खर्चीला शो है और हमें इस पर होने वाला खर्च जुटाना है।’
आमिर का जलवा

मार्केटिंग की बेहद खास और अलग कवायद के साथ ही स्‍टार नेटवर्क ने आमिर खान पर दांव लगाया। बॉलीवुड में मिस्‍टर परफेक्‍शनिस्‍ट के तौर पर मशहूर आमिर की इंडस्‍ट्री में अलग पहचान है। उनकी लोकप्रियता अर आम व खास के बीच है। ऐसे में टीवी के रुपहले पर्दे पर पहली बार दस्‍तक दे रहे आमिर की ‘सत्‍यमेव जयते’ में मौजूदगी देश की अधिकतर जनता को अपनी ओर खींच रही है। आमिर टीवी के दर्शकों की भी नब्‍ज पूरी तरह समझते हैं। इमोशन और ड्रामा के मेलजोल वाले शो देखने वाली देश की जनता इस शो को खूब पसंद कर रही है।

इस शो के जरिये आमिर को ‘परफेक्‍शनिस्‍ट’ की अपनी छवि को नए सामाजिक आयाम के जरिये फिर से स्‍थापित करने में मदद मिलेगी। वहीं, शो के प्रायोजक ब्रांड्स को टीवी मार्केटिंग की दुनिया में मजबूती से खड़े होने में भी मदद मिलेगी।

इस शो के लिए आमिर खान को प्रति एपिसोड तीन करोड़ रुपये मिल रहे हैं। टीवी की दुनिया में पहली बार ऐसा हो रहा है कि बॉलीवुड की किसी हस्‍ती या एंकर को इतनी मोटी रकम दी जा रही है। सत्‍यमेव जयते के हर एपिसोड पर करीब चार करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। जबकि आम तौर पर हिंदी चैनलों पर प्राइम टाइम के दौरान दिखाए जाने वाले आधे घंटे के एक शो पर आठ से नौ लाख रुपये खर्च होते हैं। रियलिटी शो के एक एपिसोड पर 35 लाख से 2 करोड़ का खर्च (होस्‍ट पर निर्भर) आता है।

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