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15 मई 2012

महिला के सभी अंग उल्टी तरफ देख हैरत में डॉक्टर, आईना देखकर की सर्जरी!

कोटा.35 वर्षीय महिला के हार्ट सहित सभी भीतरी अंगों को उल्टी तरफ देखकर एक बार तो डॉक्टर चौंक गए, लेकिन फिर गॉल ब्लेडर से पथरी निकालने के लिए ओपन सर्जरी की बजाय देशी जुगाड़ अपनाया। एंडोस्कोपी स्क्रीन के सामने आइना रखकर गॉल ब्लेडर से कई स्टोन निकाल दिए। कोटा के ग्लोबल मोदी अस्पताल में मंगलवार को अपनी तरह का ऐसा पहला ऑपरेशन हुआ।

महावीरनगर में रहने वाली 35 साल की महिला के शरीर में दिल ही नहीं, पित्ताशय की थैली (गाल ब्लेडर), लीवर, आंत, आमाशय सहित कई अंग उल्टी दिशा में देख डॉक्टर भी चकित रह गए। सोमवार को पेट में तेज दर्द की शिकायत लेकर ग्लोबल मोदी अस्पताल पहुंची। इस महिला की जब ईसीजी जांच की गई तो पता चला कि उसका हार्ट बांयी ओर की बजाय दांयीं ओर है। सोनोग्राफी करने पर गॉल ब्लेडर में पथरी का पता चला, लेकिन यह भी उल्टी दिशा (बांयी ओर) में थी।

50 हजार में होता है एक

मेडिकल साइंस में ऐसे दुर्लभ रोगी को ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’ (एसआईटी) कहा जाता है। 50 हजार रोगियों में से किसी एक में ही ऐसा होता है। लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ.सीपी सिंह ने बताया कि आमतौर पर ऐसे दुर्लभ मामले में रोगी की ओपन सर्जरी की जाती है, लेकिन उन्होंने इसे चुनौती मानते हुए दूरबीन से सर्जरी करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने उल्टी दिशा में एंडोस्कोपी जांच करके दूरबीन सर्जरी के लिए एक अनोखा देशी नुस्खा अपनाया।

देशी तकनीक से की जटिल सर्जरी

ऑपरेशन थिएटर में रोगी को टेबल पर लिटाकर कंप्यूटर स्क्रीन के सामने एक शीशा रखा, जिससे उलटी दिशा के सभी अंग दूरबीन में सीधे दिखाई दिए। रोगी को मानसिक रूप से तैयार करके उल्टी दिशा में छेद करके स्क्रीन के आगे शीशे में देखते हुए सावधानी से पित्ताशय की थैली से पथरी के कई टुकड़े बाहर निकाले।

क्या है ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’

किसी रोगी के शरीर में दायें-बायें अंग जन्म से विपरीत दिशा में हों तो उन्हें ‘साइट्स इन्वर्स टोटली’ कहा जाता है। जैसे- हार्ट बांयी ओर न होकर दांयीं ओर हो। पित्ताशय, लीवर, आंत, आमाशय आदि अंग उल्टी दिशा में हों और ऐसे में कोई बीमारी हो जाए तो उसका ऑपरेशन करना काफी जटिल हो जाता है। क्योंकि सर्जन एक ही दिशा में सर्जरी करने के अभ्यस्त होते हैं।

नेशनल कान्फ्रेंस में दिखाएंगे डेमो

डॉ.सिंह ने बताया कि विदेश में लेप्रोस्कोपी सर्जरी कर रहे डॉक्टर्स ने भी इस केस को असामान्य व अनूठा बताया है। अमेरिका में 0.01 फीसदी मामलों में ही ऐसा कोई रोगी सामने आता हैं। वे इसका लाइव डेमो लेप्रोस्कोपिक सर्जन की नेशनल कांफ्रेंस में दिखाएंगे। सर्जन डॉ.मोहम्मद इकबाल ने बताया कि मेडिकल साइंस में साइट्स इन्वर्स टोटली के केस बिरले रोगियों में ही सामने आता है।

प्यार में पागल इंजीनियरिंग छात्र तीन घंटे तक किये रहा गर्ल्स हॉस्टल पर कब्जा!

झालावाड़/कोटा.प्रेम प्रसंग में एक इंजीनियरिंग छात्र ने मंगलवार को करीब तीन घंटे गर्ल्स हॉस्टल पर कब्जा किए रखा। इस दौरान एक छात्रा को करीब 15 मिनट बंधक बनाए रखा। बाद में खुद को गोली मार ली।

धौलपुर के दुवाटी गांव निवासी यह छात्र पंकज कुशवाह उर्फ लालबहादुर सिंह जयपुर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में सेकंड ईयर में पढ़ता था। छात्रा भी उसके गांव के पास की ही है और झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज में थर्ड ईयर में पढ़ती है। प्रेम प्रसंग में असफल रहने पर वह उसको सबक सिखाने झालावाड़ इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंच गया। प्रैक्टिकल परीक्षा दे रही छात्रा के पास पहुंचा तो वह डरकर गर्ल्स होस्टल की ओर भागी।

पंकज ने अपने बैग से पिस्तौल निकाली और उसके पीछे दौड़ पड़ा। छात्रा हॉस्टल में घुस गई। पंकज को गार्ड व एक अन्य महिलाकर्मी ने रोकने का प्रयास किया, लेकिन उसने दोनों पर पिस्तौल तान दी। हॉस्टल में घुसकर उसने एक छात्रा को पिस्तौल की नोक पर बंधक बना लिया और अपनी प्रेमिका को बुलाने के लिए कहा। इस बीच पुलिस पहुंची और किसी तरह छात्रा को मुक्त कराया।

पुलिस से मोबाइल मांगा, घर पर बात की फिर खुद को गोली मार ली

पंकज ने घर पर बात करने के लिए पुलिस से मोबाइल मांगा। उसने करीब पांच मिनट तक अपने बड़े भाई से बात की। इसके बाद पानी पीने के लिए बोतल भरी। कमरे में पहुंचकर पानी पीया। इस दौरान पुलिस लगातार सरेंडर करने के लिए कहती रही। इसी बीच कमरे से गोली चलने की आवाज आई। पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो पंकज के सिर से खून निकल रहा था। उसे जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

तनाव से दूर रहने के टिप्स है यह

आज का समय रफ्तार और भाग-दौड़ से भरा है। शास्त्रों में युगों पहले लिखी बातों का भी सार यही है कि कलियुग में कामनाओं का बोलबाला होगा। ऐसा देखा गया है कि जरूरत, अपेक्षा, महत्वाकांक्षा, स्वार्थ व अनेक रूपों में इच्छाएं मन-मस्तिष्क पर सवार होती हैं। इन कामनाओं को पूरा करने के लिए ही तन व मन गतिशील रहते हैं। इच्छापूर्ति सुखी व शांत रखती है, तो अभाव दोष पैदा करता है।


बहरहाल, आज के दौर पर गौर करें तो अधूरी इच्छाओं से पैदा कुंठा या कलह ही इंसान पर हावी दिखाई देता है, जिससे निराशा और असफलता में डूबा इंसान खुद को सबसे बदनसीब या दु:खी मानने लगता है। ऐसी मनोदशा से बचना या बाहर निकलने के लिए शास्त्रों में कुछ ऐसे सवाल बताए गए हैं, जिनको पढ़कर कोई भी इंसान व्यावहारिक जीवन को समझने और जीने के तरीके में हो रही चूक को जान तनावों की कई वजहों को खुद-ब-खुद दूर कर सकता है। जानें और सीखें क्या हो जीवन के प्रति नजरिया?


लिखा गया है कि -


कस्य दोष: कुले नास्ति व्याधिना को न पीडित:।


केन न व्यसनं प्राप्तं श्रिय: कस्य निरन्तरा:।।


कोर्थं प्राप्य न गर्वितो भुवि नर: कस्यापदो नागता:


स्त्रीभि: कस्य न खण्डितं भुवि मन: को नाम राज्ञां प्रिय:।


क: कालस्य न गोचरान्तरगत: कोर्थी गतो गौरवं


को वा दुर्जनवागुरानिपतित: क्षेमेण यात: पुमान्।।


इन श्लोको में बताए सवाल व्यर्थ तनाव व दबावों से बाहर निकाल जीने का हौंसला देते हैं। इसलिए खुद से पूछें ये सवाल, कि -


- किसका कुल दोषरहित है?


- कौन रोगमुक्त है?


- किसकी धन-संपदा स्थायी है?

- कौन धनवान बनने पर अहं से बचा रहता है?

- किस पर संकट नहीं आए?

- स्त्रियां किसके मन को विचलित करने या कलह का कारण नहीं बनी?

- राजाओं या सत्ता का कौन प्यारा रहा?

- कौन काल से बचा रहता है?

- किसका स्वाभिमान नष्ट नहीं हुआ?

- कौन दुर्जन के अधीन रहकर आसानी से और दक्षतापूर्वक आजीविका प्राप्त कर सकता है?

ऐसा नेग मांगा कि दूल्हे के साथ बाराती भी हो गए शर्म से पानी-पानी



जबलपुर। बरगी थाने के अंतर्गत ग्राम पंचायत बढ़ैयाखेड़ा में गत रात्रि एक गरीब आदिवासी की दो पुत्रियों के विवाह समारोह में गांव के ही कुछ शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाया। पहले तो नेग के नाम पर बारात को रोक लिया गया और बारातियों के साथ मारपीट की गई फिर दूल्हे के कपड़े उतरवा लिये गये।

घटना से नाराज बाराती जब बारात लेकर वापस जाने लगे तब गांव के ही कुछ बुजुर्गो ने उन्हें रोका और पंचायत लगाकर समझौता कराया गया। इस मामले में पुलिस की भूमिका शर्मनाक रही। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर से 15 किलोमीटर दूर बढ़ैयाखेड़ा गांव में गतरात्रि पालसिंह की दो पुत्रियों विनीता और रोशनी का विवाह एक ही दिन आदिवासी रीति-रिवाजों से हो रहा था। एक बारात मूसाखोह थाना बीजाडांडी के राजकुमार की आई जबकि दूसरी बारात विशाल निवासी ग्राम बुदरा थाना बीजाडांडी की थी।

एक साथ दोनों ही बारातें लग रहीं थीं, तभी रात करीब 1 बजे गांव के ही 7 तत्व मौके पर पहुंचे और मूसाखोह के बारातियों से गांव में घुसने का नेग मांगने लगे। अधिक नेग की मांग पर विवाद बढ़ने लगा और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। पहले तो बारातियों के साथ मारपीट की गई और इसके बाद दूल्हे के कपड़े उतरवा लिए गये, दूल्हे के बड़े भाई ने इस बात का विरोध किया तो उसके सिर पर लट्ठ मार दिया गया, जिससे वह लहूलुहान हो गया।

नहीं पहुंची पुलिस- स्थानीय लोगों ने इस वारदात की सूचना बरगी पुलिस को दी, लेकिन रात में कोई भी पुलिस कर्मी नहीं पहुंचा। सुबह कुछ कर्मी गये और लुटे-पिटे बारातियों से पांच सौ रुपए लेकर वापस चले गये।

बाद में हो गया समझौता-बताया जाता है कि इस मामले में रात में ही पंचायत लगी और दोनो पक्षों के बीच समझौता हो गया, जिससे किसी ने भी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। यह अलग बात है कि गांव के ही तत्वों के कारण गांव की एक बेटी का विवाह खटाई में पड़ गया था।

रात में पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना मिली थी और पुलिस बल को भेजा गया था, लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं दी। विवाद की सूचना थी, लेकिन विवाह निबट गया था। सुबह भी एक दल को मौके पर भेजा गया था।
- अजरुन उईके, बरगी थाना प्रभारी

: इनकी उम्र है 108 साल, कलाम करेंगे सम्मान!


डीग/जयपुर.बेढ़म निवासी अलगोजा वादक कलाकार 108 वर्षीय नेमी भगत को 13 जुलाई को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सम्मानित करेंगे। उनको डायमंड अवार्ड दिया जाएगा। पुरस्कार के रूप में उन्हें ढाई लाख रुपए नकद भी दिए जाएंगे।

फाइन आर्ट और संगीत कला के क्षेत्र में कार्यरत मुंबई की श्रीसुखानंद संस्था की ओर नेमी का चयन किया है। यह अवार्ड लोक वाद्य कला को जीवित रखने के लिए किए दिया जा रहा है। इससे पूर्व भगत को श्याम ब्रज विभूति पुरस्कार दिल्ली, प्रथम कला पुरोधा पुरस्कार जोधपुर, भरतपुर रत्न सहित अनेक क्षेत्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

कुरान का संदेश

पुलिस की गिरफ्त में एक ऐसा आदमी, जो खुद ही वकील और नोटरी बन जाता हैं

जम्मू जानीपुर पुलिस ने सोमवार को एक दुकानदार को गिरफ्तार किया है, जो खुद ही वकील, नोटरी बन जाता था। लोगों को फर्जी कागजात बनाकर देता था। इसके बदले में धोखा देकर पैसे लेता था। पुलिस ने उसकी दुकान से वकील, नोटरी की मोहरें तथा कई प्रकार के कागजात बरामद कर लिए है। उससे पूछताछ चल रही है।


जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली कि कोर्ट के पास दुकान करने वाला एक व्यक्ति लोगों को फर्जी कागजात बनाकर देता है। पुलिस ने बताया कि उनके पास शिकायत की गई थी कि वह अहम पद पर बैठे लोगों की मोहरों का इस्तेमाल कर रहा है। इस बारे में संबंधित कर्मी को कोई जानकारी नहीं है। सूचना के आधार पर पुलिस ने सोमवार दोपहर को छापा मारा। इस दौरान दुकानदार संजय शर्मा निवासी लक्ष्मीपुरम चिन्नौर को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। वह उस समय एक व्यक्ति को फर्जी कागजात दे रहा था।




दुकान की तलाशी के दौरान अंदर से कई मोहरें ,स्टाम्प पेपर तथा अन्य कागजात बरामद हुए। पूछताछ उसने बताया कि जो भी उसके पास स्टाम्प के लिए आता था, तो वह वह उससे कहता था कि वकील तथा नोटरी का काम करवाकर लाता है। इसके बदले में व्यक्ति उसे मुंह मांगे दाम दे देते थे। उसके बाद वह ग्राहक से कुछ देर बाद आने को कहता था। ग्राहक के वापस आने तक वह फर्जी कागज तैयार कर देता था।


वह काफी समय से इस कार्य को अंजाम दे रहा था। वह बड़ी आसानी से कार्य करता था , इसलिए ग्राहक आने लगे थे। उसने बताया कि ज्यादा से ज्यादा पैसे बनाने के लिए उसने यह तरकीब निकाली थी।

तस्वीरों में देखें:कैसे पीने के पानी की टंकियों में कूद-कूदकर नहा रहे थे बन्दर!

तस्वीरों में देखें:कैसे पीने के पानी की टंकियों में कूद-कूदकर नहा रहे थे बन्दर!
अदालत परिसर में लगे वाटर कूलर की टंकियां खुली पड़ी हैं। दिनभर इस कूलर से वकील, यहां आने वाले पक्षकार पानी पीते हैं। सोमवार को इन खुली टंकियों में बंदर न केवल पानी पी रहे थे, बल्कि कूद-कूदकर नहा भी रहे थे।

कुछ पक्षकारों व वकीलों ने इसे देखा भी, लेकिन किसी को कुछ नहीं कहा। भास्कर फोटो जर्नलिस्ट जितेंद्र जोशी ने इस पूरे दृश्य को कैमरे में कैद किया।

सादा जीवन उच्च विचार वाले राजस्थान सरकार के मंत्री भारत सिंह में बहुत खुबिया है जनाब


दोस्तों यह सादगी ऐ हुस्न है आपका इस पर लोग मर क्यूँ ना जाएँ किसी शायर की यह लाइनें राजस्थान सरकार में सार्वजनिक निर्माण मंत्री भारत सिंह पर शत प्रतिशत लागू होती है ..आप कोटा जिले के दीगोद विधान सभा क्षेत्र से विधायक है पहले भी दो बार विधायक रह चुके है इस बार सरकार ने इन्हें पहले पंचायत राज मंत्री बनाया और अब इनकी इमानदारी समर्पण को देख कर इन्हें सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनाया गया है ............सदा जीवन उच्च विचार के तहत अपने सेवा कार्यों में जुटे भारत सिंह जी वेसे तो कुन्दनपुर के रजवाड़े में से है इनके पिता श्री जुझार सिंह जी कोंग्रेस के स्थापित नेता पूर्व मंत्री रह चुके है ...........भरत सिंह जिस विभाग के भी मंत्री बनते है उस विभाग के भ्रष्ट और निकम्मे अधिकारीयों का खून सुख जाता है .....यह अधिकारीयों को ना तो मुंह लगाते है न ही उन्हें सेवा करने का मोका देते है और इसी लियें इनके कड़क लहजे के आगे सभी अधिकारी बेबस और डरे हुए रहते है इनका कहना है के सभी अधिकारी अपना काम करे मेरी हाजरी बजाने में उनका जो वक्त खराब होता है वोह वक्त वोह जनता की सेवा और अपने काम में लगायें ......भरत सिंह जी को अगर किसी कार्यक्रम में अतिथि पद पर बुलाया गया है तो कार्ड पर जो वक्त लिखा गया है उसी वक्त आप कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते है हालत यह है के भारतीय समयानुसार कार्ड पर कार्यक्रम शुरू होने के एक घंटे पहले का वक्त छपता है और इसीलियें कई बार भारत सिंह जी जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो लोग टेंट लगते हुए मिले आयोजकों ने अब इन्हें बुलाने पर अपने हालत तो बदल दिया है और सही वक्त पर कार्यक्रम शुरू होने लागे है वरना नेताओं का काम घंटों लोगों को इन्तिज़ार कराने का रहता है ...भारत सिंह जी ना गन में रखते है न ही इनके साथ अनावश्यक लोगों का जमावड़ा भीड़ भडाका रहता है ..आप जब सरकारी गाड़ी में चलते है तो केबिनेट मंत्री होने पर भी इनके साथ एस्कोर्ट लगाने पर इन्हें आपत्ति होती है और यह पुलिस को दुसरे काम करने के लियें कह कर एस्कोर्ट की सुविधा टाल देते है ..यह अपने साथ गन मेन भी नहीं रखते है ..सरकार इन्हें कई बार गन मेन उपलब्ध कराने की कह चुकी है लेकिन इन्होने हमेशा इंकार कर दिया है ..ट्रेन में अगर यह जाते है तो जनाब अकेले खुद अपना सामान उठा कर स्टेशन पर सादगी से आते जाते देखे जा सकते है ..अपने कार्य कर प्रति कड़क और कर्तव्यनिष्ठ इतने है के इनके सार्वजनिक निर्माण मंत्री बनने के बाद ठेकेदारों और इंजीनियरों में भगदड़ है इनके इलाके के टेंडर हो गए लेकिन कोई सड़क बनाने को इसलियें तय्यार नहीं है के कोलिटी के खिलाफ अगर सड़क बनी तो फिर तो बस ठेकेदार और इंजीनियर की खेर नहीं है ....अभी भारत सिंह जी ने एक मशीन विभाग से ली है जो सडकों की मरम्मत की जाँच करते है और खुद ही सडकों की जान्च करने लगते है इनके कार्यकाल में अब ठेकेदार सही काम करने लागे है और चापलूस परस्त अधिकारीयों की हालात पतली है ..........लेकिन भाइयों क्या आज के माहोल में सादगी ..ईमानदारी ..निष्पक्षता ..समर्पण भाव से काम करने वाले किसी नेता की इज्ज़त देखी है इज्ज़त तो कोई बात नहीं लेकिन इलाके की जनता सिद्धांतों पर चलने वाले नेता की इन हरकतों को सनक भी कहने लगती है और खुद इनके कार्यकर्ता ही इनसे दूर होते चले जाते है ...भारत सिंह जी वेसे तो अपने कार्यक्षेत्र में लगातार जनता से जुड़े हुए है लेकिन आप खुद ही अंदाज़ा लगा ले इनके इस राष्ट्रभक्त अंदाज़ को पचाने वाले कितने लोग होंगे और दिलों में वोह चुनाव आने पर क्या कुछ करने की थान कर बेठे होंगे ..लेकिन भारत सिंह जी को परिणाम की फ़िक्र नहीं है वोह अपने इस स्वभाव पर अटल और निश्चिन्त है ..वोह अपने इसी स्वभाव से जनता दल से विधायक का चनाव लादे .....को ओपरेटिव बेंक कोटा के निदेशक रहे ..झालावाड जिला कोंग्रेस के अध्यक्ष रहे ...वहन से विधायक रहे ..सांसद का चुनाव लड़े और विभिन्न पदों पर रह चुके है अभी तीसरी बार विधायक बने है और समाज सेवा वन सेवा कार्य में लागे है ...देखते है ऐसे नेता को जनता गले लगाती है या फिर इस गंदगी में इनकी सच्चाई और इमानदारी को पीछे छोड़ देती है यह तो वक्त ही बतायेगा ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बेल मिलने की खुशी में राजा ने तोड़ी 'मर्यादा', पत्नी की आंखों से निकले आंसू


नई दिल्‍ली. 2जी घोटाले में मुख्‍य आरोपी पूर्व संचार मंत्री ए राजा को जमानत मिल गई है। राजा 15 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं। पटियाला हाउस कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए 20 लाख रुपये के निजी मुचलके पर राजा को जमानत देने का फैसला किया। राजा आज शाम या कल जेल से बाहर आ सकते हैं।

सीबीआई ने यह कहते हुए राजा को जमानत दिए जाने का विरोध किया था कि पूर्व संचार मंत्री 2जी मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन राजा के वकील ने इसके जवाब में दलील दी कि चूंकि इस मामले में जांच पूरी हो गई है ऐसे में गवाहों को प्रभावित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। स्‍पेशल जज ओ पी सैनी ने राजा के वकील की दलीलों पर गौर करते हुए पूर्व संचार मंत्री को जमानत देने का फैसला किया।

इसके अलावा, तत्‍कालीन संचार सचिव को सिद्धार्थ बेहुरा को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। राजा और बेहुरा पर एक जैसे आरोप थे। ऐसे में स्‍पेशल कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार मानते हुए अपना फैसला सुनाया। बेसब्री से इंतजार कर रहे राजा को आज अदालत में जब जज ने अपने पास बुलाया तो पूर्व संचार मंत्री तनाव में दिख रहे थे। जज ने जब जमानत का आदेश राजा को पढ़कर सुनाया तो उन्‍होंने दोनों हाथ जोड़कर कंधे के ऊपर उठाया। इस तरह उन्‍होंने अपने समर्थकों को संकेत दिया कि उन्‍हें जमानत मिल गई है। इसके बाद अदालत में मौजूद राजा के समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन कोर्ट से बहार निकलते समय राजा ने ऐसा इशारा किया जो किसी पूर्व कैबिनेट मंत्री के लिए शोभा नहीं देता है। राजा ने अपने समर्थकों की तरफ चुंबन का इशारा कर दिया (तस्‍वीर)।

अदालत ने राजा को जमानत देने के लिए छह से सात शर्ते रखीं हैं। राजा को अपना पासपोर्ट अदालत में जमा करना होगा। उन्‍हें गवाहों से किसी तरह का संपर्क नहीं रखना होगा और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करनी होगी। इसके अलावा अदालत जब-जब राजा को बुलाएगी, उन्‍हें कोर्ट में हाजिर होना होगा। राजा अदालत की मर्जी के बगैर अपने गृह राज्‍य (तमिलनाडू) भी नहीं जा सकेंगे।

2 फरवरी 2011 से तिहाड़ में बंद राजा की रिहाई के बाद 2जी घोटाला मामले में अब कोई भी आरोपी जेल में नहीं है। 13 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। 41 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
राजा की पत्नी की आंखों में आए आंसू

जैसे ही जज ने राजा को जमानत दिए जाने का फैसला सुनाया राजा की पत्नी एम.ए.परमेश्वरी की आंखों में आंसू आ गए। राजा की पत्नी ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि अभी लंबी लड़ाई बाकी है। एम.ए.परमेश्वरी ने बताया कि राजा के करीब 250 समर्थक कोर्ट में जुटे थे।
वहीं, राजा की पार्टी डीएमके मजबूती के साथ उनके पीछे खड़ी है। पार्टी के नेता टीआर बालू ने एक निजी चैनल को बताया, 'जब तक कोर्ट राजा को दोषी करार नहीं देता वह निर्दोष हैं। पार्टी उनका समर्थन करती रहेगी।' राजा के वकील ने जमानत के फैसले के बाद कहा कि उनके मुवक्किल ने अदालत का सहयोग किया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राजा को जमानत मिलने पर कहा, 'यह अदालत का फैसला है। मैं इस पर टिप्‍पणी नहीं कर सकता।' वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राजा तो छोटी मछली है। 2जी घोटाला मामले में और भी बड़ी मछलियां हैं जिनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाह

भीलवाडा वक्फ मस्जिद मामले में एफ आई आर दर्ज की जाए

प्रतिष्ठा में ,">प्रतिष्ठा में,
थानाधिकारी महोदय">थानाधिकारी महोदय
भीलवाडा राजस्थान">भीलवाडा राजस्थान
विषय ..भीलवाड़ा जिला वक्फ गजेट क्रमांक ९५ पर दर्ज वक्फ संपत्ति मस्जिद का अस्तित्व समाप्त कर बदलने पर दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के क्रम में ...अंतर्गत दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस एक्ट १९९१ की धारा ६ १,२">विषय .. भीलवाड़ा जिला वक्फ गजेट क्रमांक 95 पर दर्ज वक्फ संपत्ति मस्जिद का अस्तित्व समाप्त कर बदलने पर दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के क्रम में ... अंतर्गत दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस 1991 एक्ट की धारा 6 1,2 ३,">3,
मान्यवर ,">मान्यवर,
उर्प्क्त विषय में निवेदन है की जिला भीलवाडा में स्थित वक्फ सम्पत्ति मस्जिद जिला भीलवाड़ा वक्फ गजेट क्रमांक ९५ पर दर्ज है जिसकी हिफाज़त करने की ज़िम्मेदारी वक्फ कमेटी भीलवाड़ा की है ...दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस एक्ट १९९१ की धारा तीन के प्रावधान के तहत">उर्प्क्त विषय में निवेदन है की जिला भीलवाडा में स्थित वक्फ सम्पत्ति मस्जिद जिला भीलवाड़ा वक्फ गजेट 95 क्रमांक पर दर्ज है जिसकी हिफाज़त करने की ज़िम्मेदारी वक्फ कमेटी भीलवाड़ा की है ... दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस 1991 एक्ट की धारा तीन के प्रावधान के तहत किसी भी धार्मिक स्थल की वर्ष १९४७ के पहले की स्थिति यथावत रखने का प्रावधान है और उसमे किसी भी प्रकार के फेर बदल करने पर अधिनियम की धारा छ एक लगायत तीन में दंड का प्रावधान है .....महोदय जिला अंजुमन भीलवाड़ा के पूर्व पदाधिकारियों">किसी भी धार्मिक स्थल की 1947 वर्ष के पहले की स्थिति यथावत रखने का प्रावधान है और उसमे किसी भी प्रकार के फेर बदल करने पर अधिनियम की धारा छ एक लगायत तीन में दंड का प्रावधान है ..... महोदय जिला अंजुमन भीलवाड़ा के पूर्व पदाधिकारियों ने मोलाना हफिज़ुर्रह्मान और जिंदल खनन कम्पनी से सांठ गाँठ कर .उक्त मस्जिद का अस्तित्व खत्म कर दिया और मस्जिद शहीद कर दी गयी ..मोलाना हफिज़ुर्रह्मन ..जिदल कम्पनी के मालिक और पदाधिकारी ..पूर्व अंजुमन भीलवाड़ा के पदाधिकारियों ने इस मामले में पूर्व आपराधिक">ने मोलाना और जिंदल खनन कम्पनी से सांठ गाँठ कर उक्त. मस्जिद का अस्तित्व खत्म कर दिया और मस्जिद शहीद कर दी गयी. मोलाना .. जिदल कम्पनी के मालिक और पदाधिकारी .. पूर्व अंजुमन भीलवाड़ा के पदाधिकारियों ने इस मामले में पूर्व आपराधिक षड्यंत्र रचा ..दस्तावेज साक्ष्य कूट रचना की और फिर निजी लाभ कमाने के लियें उक्त वक्फ गजेट में स्थापित धार्मिक स्थल मस्जिद का अस्तित्व खत्म कर दिया और तोड़ फोड़ कर धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया इससे भीलवाडा के ही नहीं राजस्थान के मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहात">रचा षड्यंत्र .. साक्ष्य दस्तावेज कूट रचना की और फिर निजी लाभ कमाने के लियें उक्त वक्फ गजेट में स्थापित धार्मिक स्थल मस्जिद का अस्तित्व खत्म कर दिया और तोड़ फोड़ कर धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया इससे भीलवाडा के ही नहीं राजस्थान के मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहात हुई है जो दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस एक्ट १९९१ की धारा छ एक लगायत तीन के तहत दंडनीय अपराध है साथ ही भारतीय दंड संहिता की भी विभिन्न धाराओं में गंभीर अपराध है ............">हुई है जो दी प्लेसेस ऑफ़ वरशिप स्पेशल प्रोविज़ेंस 1991 एक्ट की धारा छ एक लगायत तीन के तहत दंडनीय अपराध है साथ ही भारतीय दंड संहिता की भी विभिन्न धाराओं में गंभीर अपराध है ............
अत श्रीमान की सेवा में प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन है की दोषी लोगों के खिलाफ सम्बंधित विशिष्ठ कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर इन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए अन्य जो न्यायोचित सहायता हो वोह भी उपलब्ध करा कर अनुग्रहित करें ...">अत श्रीमान की सेवा में प्रार्थना पेश पत्र कर निवेदन है की दोषी लोगों के खिलाफ सम्बंधित विशिष्ठ कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर इन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए अन्य जो न्यायोचित सहायता हो वोह भी उपलब्ध करा कर अनुग्रहित करें ... ......
प्रार्थी">प्रार्थी

THE PLACES OF WORSHIP (SPECIAL PROVISIONS) ACT, 1991

Year : 1991

Act : An Act to prohibit conversion of any place of worship and to provide for the maintenance of the religious character of any place of worship as it existed on the 15th day of August, 1947, and for matters connected therewith or incidental thereto.

Be it enacted by Parliament in the Forty-second Year or the Republic of India as follows:

1. Short title, extent and commencement. - (1) This Act may be called the Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991,

(2) It extends to the whole of India except the State of Jammu and Kashmir.

(3) The provisions of Sections 3, 6 and 8 shall come into force at once and the remaining provisions of this Act shall be deemed to have come into force on the 11th day of July, 1991.

2. Definitions. - In this Act, unless the context otherwise requires, -

(a) “commencement of this Act“ means the commencement of this Act on the 11th day of July, 1991;

(b) “conversion” with its grammatical variations, includes alteration or change or whatever nature;

(c) “place of worship” means a temple, mosque, gurudwara, church, monastery or any other place of public religious worship of any religious denomination or any section thereof, by whatever name called.

3. Bar of conversion of places of worship. - No person shall convert any place of worship of any religious denomination or any section thereof into a place of worship of a different section of the same religious denomination or of a different religious denomination or any section thereof.

4. Declaration as to the religious character of certain places of worship and bar of jurisdiction of courts, etc. - (1) It is hereby declared that the religious character of a place of worship existing on the 15th day of August, 1947 shall continue to be the same as it existed on that day.

(2) If, on the commencement of this Act, any suit, appeal or other proceeding with respect to the conversion of the religious character of any place of worship, existing on the 15th day of August, 1947, is pending before any court, tribunal or other authority, the same shall abate, and no suit, appeal or other proceeding with respect to any such matter shall lie on or after such commencement in any court, tribunal or other authority:

Provided that if any suit, appeal or other proceeding, instituted or filed on the ground that conversion has taken place in the religious character of any such place after the 15th day of August, 1947, is pending on the commencement of this Act, such suit, appeal or other proceeding shall not so abate and every such suit, appeal or other proceeding shall be disposed of in accordance with the provisions of sub-section (1).

(3) Nothing contained in sub-section (1) and sub-section (2) shall apply to, -

(a) any place of worship referred to in the said sub-sections which is an ancient and historical monument or an archaeological site or remains covered by the Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958 or any other law for the time being in force;

(b) any suit, appeal or other proceeding, with respect to any matter referred to in sub-section (2), finally decided, settled or disposed of by a court, tribunal or other authority before the commencement of this Act;

(c) any dispute with respect to any such matter settled by the parties amongst themselves before such commencement.

(d) any conversion of any such place effected before such commencement by acquiescence;

(e) any conversion of any such place effected before such commencement which is not liable to be challenged in any court, tribunal or other authority being barred by limitation under any law for the time being in force.

5. Act not to apply to Ram Janma Bhumi-Babri Masjid. - Nothing contained in this Act shall apply to the place or place of worship commonly known as Ram Janma Bhumi-Babri Masjid situated in Ayodhya in the State of Uttar Pradesh and to any suit, appeal or other proceeding relating to the said place or place of worship.

6. Punishment for contravention of Section 3. - (1) Whoever contravenes the provisions of Section 3 shall punishable with imprisonment for a term which may extend to three years and shall also liable to fine.

(2) Whoever attempts to commit any offence punishable under sub-section (1) or to cause such offence to be committed and in such attempt does any act towards the commission of the offence shall be punishable with the punishment provided for the offence.

(3) Whoever abets, or is a party to a criminal conspiracy to commit, an offence punishable under sub-section (1), shall, whether such offence be or be not committed in consequence of such abetment or in pursuance of such criminal conspiracy, and notwithstanding anything contained in Section 116 of the Indian Penal Code, 1860, be punishable with the punishment provided for the offence.

7. Act to override other enactments. - The provisions of this Act shall have effect notwithstanding anything inconsistent therewith contained in any other law for the time being in force or any instrument have in effect by virtue of any law other than this Act.

8. Amendment of Act 43 of 1951. - In Section 8 of the Representation of the People Act, 1951, in sub-section (1), -

(a) in Clause (i), the word “or” shall be inserted at the end;

(b) after Clause (i), as so amended, the following clause shall be inserted, namely: - “(j) Section 6 (offence of conversion of a place of worship) of the Places of Worship (Special Provisions) Act 1991.”


Last updated on February, 2008
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