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17 मई 2012

में हूँ ना फिर क्यूँ सूरज की तपिश से डरते हो

हाँ
में बादल हूँ
यह सूरज
जिसकी तपिश
जिसकी गर्मी से
कांपते हो
आप लोग
हाँ
यही सूरज
दर और खोफ के साए में
झांकता है
मेरी ओट में छुपकर
हाँ
यही सूरज
जब इठलाता है अकड़ता है
अपने गुरुर में मदमस्त होकर
चिलचिलाता है तपाता है
तब
में ही तो हूँ
जो इसे अपने आगोश में लेकर
छुपा लेता हूँ
इसकी गर्म तपिश की हेकड़ी को
मेरी ठंडक में बदल देता हूँ
हाँ
इसी सूरज की तपिश
जिससे तुम डरते हो , घबराते हो ,चिल्लाते हो
यही सूरज मेरी पकड़ से निकलने के लियें
फडफडाता है ..गिडगिडाता है
इसकी तपिश इसकी गर्मी
में जब निचोड़ता हूँ खुद को
मेरी ठंडी पसीने की बूंदों से
इसी सूरज की तपिश
ठंडी होकर सर्द हवाओं में बदल जाती है
हां यही सूरज जब मेरे आगोश में होता है
तब
मुझ में से बिजलियाँ चमकती है पानी गिरता है
और यह सूरज मेरी केद में तड़पता है चिल्लाता है
तो दोस्तों क्यूँ डरते हो ..क्यूँ इतराते हो
न सूरज की तपिश है स्थिर ..ना आपका गुरुर है स्थिर
बस प्यार मोहब्बत और खुद की ताक़त पर भरोसा रख कर
अपने अखलाक से आगे बढ़ते चलो आगे बढ़ते चलो
और
कहो ..खुदी को कर बुलंद इतना
के हर तकदीर से पहले
खुदा
तुझ से पूंछे
बता तेरी रजा क्या है
और तेरी रजा तू बताये
ऐ खुदा तू मेरे मुल्क को
मेरे भारत महान को
खुशहाली से भर दे
यहाँ से भूख मरी गरीबी ..भ्रष्टाचार बेईमानी खत्म कर दे
यहाँ भाईचारा सद्भावना प्यार मोहब्बत की खानी शुरू कर दे
शायद तेरा खुदा दर कर भाग जाए
शायद तेरा खुदा
तेरी इस अदा पर
तुझे तेरी दुआ कुबूल करने का वरदान दे जाए ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क्या आप जानते हैं, क्यों है शनि देव का रंग काला?

सभी देवी-देवताओं में सूर्य का रूप परम तेजस्वी है। सूर्य की पूजा करने से भक्तों का रूप भी उनके जैसा ही तेजस्वी और गौर वर्ण हो जाता है। सूर्य देव सभी को तेज प्रदान करते हैं परंतु उनके पुत्र शनि का रूप श्याम वर्ण है। सूर्य पुत्र होने के बाद भी शनि का रंग काला क्यों है इस संबंध में शास्त्रों में एक कथा बताई गई है।



इस कथा के अनुसार सूर्य देव का विवाह प्रजापति दक्ष की पुत्री संज्ञा से हुआ। सूर्य का रूप परम तेजस्वी था, जिसे देख पाना सामान्य आंखों के लिए संभव नहीं था। इसी वजह से संज्ञा उनके तेज का सामना नहीं कर पाती थी। कुछ समय बाद देवी संज्ञा के गर्भ से तीन संतानों का जन्म हुआ। यह तीन संतान मनु, यम और यमुना के नाम से प्रसिद्ध हैं। देवी संज्ञा के लिए सूर्य देव का तेज सहन कर पाना मुश्किल होता जा रहा था इसी वजह से संज्ञा ने अपनी छाया को पति सूर्य की सेवा में लगा दिया और खुद वहां से चली गई। कुछ समय पश्चात संज्ञा की छाया के गर्भ से ही शनि देव का जन्म हुआ। छाया का स्वरूप काला ही होता है इसी वजह से शनि भी श्याम वर्ण यानी काले रंग के हुए।

और अपने खून से दीवार पर लिखी दर्दनाक दास्तान!

जबलपुर। ससुराल पक्ष से लगातार मिल रही प्रताड़ना से शहर की एक बेटी ने आत्घाती कदम उठा लिया। ऐसा करने से पहले उसने दीवार पर खून से दर्दनाक दास्तान भी लिखी। हालांकि मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है, लेकिन बेटी की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने परिजन तैयार हो गये हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोरखपुर आजाद चौक निवासी महेन्द्र कोरी की पुत्री मनीषा कोरी का विवाह वर्ष 2004 में पिपरिया शास्त्री वार्ड निवासी सुरेश कोरी के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही उसे प्रताड़ित किया जाने लगा था। कम दहेज का आरोप लगाकर उसके साथ मारपीट की जाती थी।

कई बार समझौता हुआ और वर्ष 2008 में मनीषा ने इसकी शिकायत पिपरिया थाने में भी की थी। गत रात्रि महेन्द्र कोरी के पास पिपरिया थाने से एसआई एमएल शर्मा का फोन आया कि उनकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।

वे परिवार सहित पिपरिया अस्पताल पहुंचे तो वहां उनकी बेटी का शव अर्धनग्न अवस्था में पड़ा था। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान भी थे। ससुराल वालों ने बताया कि अज्ञात कारणों से उसने आत्महत्या कर ली। चूंकि मौके पर ससुराल पक्ष की ओर से भारी भीड़ लगी थी, जिनमें तीन स्थानीय पार्षद भी थे, इसलिए वहां महेन्द्र कोरी ने कुछ नहीं कहा और बेटी के शव को लेकर शहर आ गये।

ख़ौफ के बीच शादी,फावड़ा- बेलचा लेकर चलते हैं बाराती

रायपुर. बहुत कम बारात के साथ ऐसा हुआ होगा कि बारातियों को सफर के इंतजाम के लिए अपने साथ फावड़ा, बेलचा, बोल्डर, ईंट और लकड़ी लेकर दुल्हन लेने जाना पड़ा हो। 16 मई को माओवादियों के महाबंद पर ऐसी ही बारात बीजापुर से दोरनापाल पहुंची। बीजापुर के टेलर मास्टर दुल्हे वसीम का निकाह दोरनापाल की तब्बसुम से तय हुई थी। बारात बीजापुर से दोरनापाल के लिए 16 मई की दोपहर रवाना हुई।


बारातियों को जिस रास्ते से गुजरकर दोरनापाल पहुंचना था उसे माओवादियों ने दर्जनों जगह खोद डाला था। बारातियों ने गड्ढ़ों को पाटा फिर आगे जा पाए। इस फेर में साढ़े 4 घंटे का सफर ९ घंटे में पूरा हो पाया। बारात रात साढ़े आठ बजे दुल्हन के यहां पहुंची। बारातियों ने बताया वाहनों को कभी मेढ़ से निकालना पड़ा और कभी मारूति वैन को उठाकर बाधा पार करनी पड़ी।

रास्ते में दंतेवाड़ा, चिंगावरम, डलियारास, गादीरास, सुकमा, दुबाटोटा में नक्सलियों ने रास्ते काट डाले थे। सभी गड्ढ़ों को पाटते हुए बाराती आगे निकले

कांच के जार में कुछ ऐसे बैठा था अंकुर, लेकिन नहीं बना विश्व रिकॉर्ड

इंदौर। शहर के एक गार्डन में गुरुवार को पिता-पुत्र के अनोखे रिकॉर्ड को देखने के लिए काफी लोग जमा थे। पिता ने तो डम्बल्स उठाकर खुद के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, लेकिन पुत्र लक्ष्य से कुछ पीछे रह गया। उसने दोबारा प्रयास करने का संकल्प लिया है।

एक मिनट में 19 किलो वजनी डम्बल्स को 54 बार उठाकर सुमनसिंह (५२) ने खुद का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके लिए उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए दावेदारी पेश की। इससे पहले उन्होंने इतने ही वजन वाले डम्बल्स को 47 बार उठाया था। वहीं जोश और जुनून लिए उनके बेटे अंकुर सिंह ने 50 मिनट बर्फ और पानी में बिताए। इस साल 2 जनवरी को वे लांगेस्ट स्टे इन आइस कॉफिन में 2 घंटे 15 मिनट का रिकॉर्ड भी बना चुके हैं।

अंकुर बताते हैं तीन माह से इसकी प्रैक्टिस कर रहा था, ताकि शहर के साथ-साथ देश का नाम रोशन कर सकूं। मेरा लक्ष्य एक घंटे 10 मिनट का था लेकिन 50 मिनट ही जार में रह सका। आखिरी समय में दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। इससे मेरा विश्वास कम होने लगा। उसका कहना है मैं अपने सपने को पूरा करने की दोबारा कोशिश करूंगा। मौके पर मौजूद डॉ. वल्लभ गुप्ता ने बताया बर्फ और पानी में ज्यादा समय रहने से अंकुर का ब्लड सकरुलेशन बंद हो गया। यदि कुछ देर और जार में रहते तो ब्रेन डेमेज, पैरालिसिस होने की आशंका थी।

‘पवित्रता’ महिला की संपत्ति नहीं हो सकती : हाईकोर्ट




मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने वीरवार को कहा, ‘चैस्टिटी कैन नॉट बी ट्रीटेड एज प्रॉपर्टी (किसी महिला की पवित्रता को उसकी संपत्ति नहीं माना जा सकता)।’ यह कहते हुए जस्टिस एएम ठिप्से ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी को जमानत दे दी।

सेंट्रल रेलवे के कर्मचारी गिरीश म्हात्रे ने जमानत याचिका लगाई थी। गिरीश म्हात्रे और एक महिला दोस्त थे। वह महिला गिरीश पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। एक साल से शादी करने की बात स्टाम्प पेपर पर लिखने के लिए मजबूर कर रही थी। म्हात्रे ने किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली। इसके बाद महिला ने उस पर दुष्कर्म और धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया।

‘मना कर सकती थी’

जस्टिस ठिप्से ने कहा,‘चूंकि आवेदक और शिकायतकर्ता में रजामंदी से रिश्ते बने। म्हात्रे ने किसी और से शादी कर ली। इस वजह से 4 अप्रैल को उसके खिलाफ एफआईआर दाखिल हुई। उसे जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

म्हात्रे के खिलाफ धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता। जिसका संबंध बेईमानी या धोखाधड़ी से किसी की संपत्ति हासिल करने से है। एक अन्य हाईकोर्ट ने चैस्टिटी को संपत्ति माना है। मैं इससे सहमत नहीं हूं। महिला शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने से इनकार भी कर सकती थी।’

आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने चैस्टिटी को संपत्ति माना था

इसी तरह के एक मामले में 2002 में आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस सी सोमायाजुलु ने महिला की चैस्टिटी या वर्जिनिटी को आईपीसी की धारा 415 के तहत संपत्ति माना था। उन्होंने कहा था, पैसे के लालच में शारीरिक संबंध बनाने वाली महिला वेश्या कहलाती है। लेकिन, यदि पुरुष शारीरिक सुख के लिए शादी का प्रलोभन देता है तो इसे संपत्ति छीन लेने जैसे केस की श्रेणी में रखा जा सकता है। परंपरागत तौर पर भारतीय महिलाएं अपनी वर्जिनिटी अपने पति के लिए बचाकर रखती हैं। तेलगु में एक कहावत भी है, जिसके मायने हैं कि मेरी चैस्टिटी चुरा ली। इसलिए इसे यहां संपत्ति के तौर पर ही देखा जाता है।

एक ऐसा अजीबोगरीब मंदिर जिसमें घुसने के लिए रखी जाती है अनोखी

इंदौर। बंगाली चौराहे से बायपास की ओर जाते समय वैभवनगर में अपने तरह का एक अजीबोगरीब मंदिर हैं। यहां भगवानों के साथ साथ रामायण और महाभारत काल के राक्षसों की मूर्तियों की भी स्थापना की गई है। मंदिर के द्वार पर पहुंचते ही इसे अलग होने का अहसास शुरू हो जाता है क्योंकि यह प्रवेश भी सशर्त दिया जाता है।

शर्तों पर कर सकते हैं भगवान के दर्शन

यदि आपको यह अजीबोगरीब मंदिर अंदर से भी देखना है तो यहां आप 108 बार राम नाम लिखने की शर्त स्वीकार करने के बाद ही प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार सहित पूरे परिसर में इसके लिए चेतावनी भरे बोर्ड पर बड़े बड़ेे अक्षरों में सूचना लिखी हुई है। मंदिर में एक बार अंदर आ गए तो बगैर राम नाम लिखे आप बाहर नहीं निकल सकते यहां के पंडित इसके लिए आपको गालियां देना शुरू कर दें तो भी कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि यहां आने वाले सभी जानते हैं कि राम नाम तो लिखना ही पड़ेगा फिर भले ही आप कोई बड़े नेता हो पुरूष हो या कोई महिला हैं इससे कोई फर्• नहीं पड़ता।

108 बार राम नाम लिखने के लिए लगाए गए एक बोर्ड शनि महाराज का संदेश भी लिखा है। इस बोर्ड के मुताबिक शनि महाराज कहते हैं कि हे कलियुग वासियो तुम मुझपर तेल चढ़ाना छोड़ दो तो मैं तुम्हारा पीछा छोड़ दूंगा। यदि तुम 108 बार राम नाम लिखना शुरू कर दो तो मैं तुमको सारी विपत्तियों से मुक्त कर दूंगा।

यहां रावण भी पूजे जाते हैं

पूरे मंदिर में हर जगह राम नाम लिखा हुआ है लेकिन फिर भी यहां रावण की विशाल मूर्ति बनाई गई है जो मंदिर के खुले परिसर में स्थापित है। इस मूर्ति के सामने ही शयनअवस्था में कुंभकरण, मेघनाथ और विभीषण की मूर्तियां भी हैं। इसके सामने बने एक अन्य कमरे में त्रिजटा, शबरी, कैकयी, मन्थरा और सूर्पणखा की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके ठीक पास में अहिल्या,मन्दोदरी, कुंन्ती, द्रोपदी और तारा की मूर्तियां रखी गई हैं।

चढ़ावा चढ़ाना है शख्त मना

इस मंदिर में किसी तरह का चढ़ावा या प्रसाद लाने पर मनाही है। यहां न तो एक भी दानपेटी है न ही किसी को भगवान की अगरबत्ती लगाने या जल व प्रसाद चढ़ाने की अनुमति। यहां के पुजार के मुताबिक जिनकी कोई मनोकामना है वे यहां आकर बस 108 बार राम नाम लिखें इतना काफी है।

3 जुलाई 1990 से शुरू हुआ था निर्माण

अपने आपको राम की भक्ति में समर्पित करने वाले यहां के पुजारी ने 22 साल पहले 3 जुलाई को मंदिर निर्माण की नींव रखी थी। खुद का नाम रामभक्त बताने वाले पुजारी जाती से जैन हैं। वे बताते हैं कि उन्होंने नहीं सोचा था कि इतना विशाल मंदिर बन जाएगा। धीरे धीरे मंदिर बन गया पता ही नहीं चला। यहां का सारा निर्माण उन्होंने अपने पैसों से किया है। कसी से इसके लिए चंदा नहीं मांगा है।

लंका की तर्ज पर गुम्बज

लंका में विभीषण के निवास स्थान पर बनी गुम्बज में अंदर-बाहर सब जगह राम नाम लिखा हुआ था इसी की तर्ज पर यहां बी एक गुम्बज बनाई गई है जिसमें ऊपर नीचे अंदर-बाहर हर तरफ राम नाम लिखा है।

कुरान का संदेश


वसुंधरा की भाजपा के खिलाफ नाराज़गी से राजस्थान खिल उठा था लेकिन वापस भाजपा में जाने से वोटर मुरझा गया है

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया ने राजस्थान की जनता को निराश किया है और उनके वापस भाजपा की तरफ जाने से लोगों को निराशा और हताशा ही मिली है .........वसुंधरा की कार्यशेली ..वसुंधरा का प्रबंधन और उनकी साख को देख कर सभी का कहना था के अगर वसुंधरा भाजपा छोडती है और एक अलग राजनितिक पार्टी बनाती है तो राजस्थान के सभी पार्टियों खासकर कोंग्रेस के बागी उनमे आ मिलते है कोंग्रेस से नाराज़ मुसलमान मतदाताओं ..जाट मतदाताओं को भी एक नया मंच मिलने की सम्भावनाएं मिल गयी थी ..कोंग्रेस हाई कमान और खुद भाजपा व् तीसरे मोर्चे का सपना देखने वाले लोग चिंतित हो चले थे लेकिन अचानक बासी कड़ी के उबल की तरह वसुंधरा के तेवर ठंडे हुए और इस ठंडक से चाहे भाजपा और कोंग्रेस को ठंडक मिली हो लेकिन राजस्थान के आम वोटर जो इस विवाद में नया विकास शील राजस्थान तलाश रहे थे उन्हें धक्का लगा है उनके दिलों को चोट पहुंची है या यूँ कहिये के वसुंधरा की नाराजगी के इस ड्रामे से राजस्थान हिल तो गया लेकिन राजस्थान वापस वसुंधरा की खामोशी से स्तब्ध रह गया है ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

...और इस तरह अमर हो गया 18 वीं सदी के एक राजा का प्रेम!


...और इस तरह अमर हो गया 18 वीं सदी के एक राजा का प्रेम!

राजस्थान, जो अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में शुमार है,जहां एक ओर दूर तक फैला हुआ थार का रेगिस्तान है तो दूसरी ओर राजपूत राजा-महाराजाओं के गौरवपूर्ण इतिहास की गाथा गाते हुए ऊंचे-ऊंचे महल हैं|जहां की कला संस्कृति सम्पूर्ण विश्व में अपनी एक अलग छाप लिए हुए है|

पूरे विश्व में अपना परचम फहराने वाली इन्ही कलाओं में से एक कला हैं यहां की लघु चित्रकारी|जिसकी शुरुआत मुगलों के द्वारा की गई थी| इस कला को फराज (पार्शिया) से लाया गया था| हुमायु ने फ़राज़ से चित्रकारों को बुलाया था, बाद में अकबर ने इसे बढ़ावा देने के लिए एक शिल्प कला का निर्माण करवाया था| फ़राज़ के कलाकारों ने इस भारतीय कलाकारों को इस कला का प्रशिक्षण दिया, बाद में इस खास शैली में तैयार किये गए चित्र राजस्थानी चित्र या राजपूत चित्र कहलाए|

बनी-ठनी

अठारहवीं सदी में राजस्थान के किशनगढ़ प्रान्त में एक नई कला ने जन्म लिया जिसे आज भी बनी ठनी के नाम से जाना जाता है|इस कला का जन्म महाराजा सावंत सिंह के शासन काल में हुआ था| कहा जाता है कि महाराजा सावंत सिंह को बनी ठनी नामक एक दासी से प्रेम हो गया था, तब उन्होंने उस समय के कलाकारों को आदेश दिया कि वे कृष्ण-राधा के प्रेम चित्रों के रूप में उनकी और उनकी प्रेमिका की तस्वीरें बनाएं| बाद में यह चित्रकारी इतनी प्रसिद्ध हो गई कि इसे भारत की मोनालिसा के नाम से जाना जाने लगा|आज भी देश-विदेश में बनी ठनी का एक अलग ही मुकाम है|

मंत्री के घर पर हमला, गार्ड की मौत



रायपुर. छत्तीसगढ़ की महिला कल्याण और बाल विकास मंत्री लता उसेंडी के कांकेर स्थित घर पर गुरुवार शाम को अज्ञात बाइक सवारों ने हमला किया जिसमें घर पर तैनात सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई।

हमले के वक्त मंत्री और उनके परिवार के सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे। रिपोर्टों के मुताबिक हमलावर मारे गए गार्ड की रायफल भी छीन कर ले गए हैं। पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर शुरुआती जांच पड़ताल कर रही है।

बेकाबू गुस्साः बाइक सवार युवकों ने जजों को ईंट-पत्थर से पीटा

नई दिल्ली. गुरुवार को दिल्ली में दो जज बाइक सवार युवकों के गुस्से का शिकार हो गए। रोड रेज के एक ताजा मामले में चार-पांच युवकों ने तीन जजों पर ईंट और पत्थर से हमला किया। हमले में घायल जजों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।


मामला दिल्ली के अंबेडकरनगर इलाके का है। यहां एक सिटी मजिस्ट्रेट की कार बाइक से टकरा गई जिसके बाद बाइक सवार युवकों ने कार पर ईंट और पत्थर से हमला कर दिया। युवकों के हमले में एक सिटी मजिस्ट्रेट और एक अतिरिक्त जिला जज घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार बाइक से टकरा गई थी जिसके बाद बाइक सवार युवकों ने पास ही पड़े ईंट-पत्थर से जजों पर हमला कर दिया। इसके बाद वो अपनी बाइक वहीं छोड़कर फरार हो गए।

घायल जजों को एम्स में भर्ती कराया गया हैं जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। अस्पताल ने अभी उनकी सेहत के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।

हाय यूपीः फीस नहीं चुका सका तो सरकारी डॉक्टर ने मरीज से मंगवाई भीख

चित्रकूट. उत्तर प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है इसका अंदाजा आपको चित्रकूट जिले की एक घटना से लग सकता है। यहां के सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक डॉक्टर ने मरीज को न सिर्फ अपने निजी क्लिनिक पर बुलाया बल्कि फीस न चुका पाने की स्थिति में उसे भीख मांगने के लिए भी मजबूर किया।



स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक जिले के रैपुरा थाना क्षेत्र के खजुरिहा गांव का बलवंता कर्ज लेकर गंभीर बीमारी से जूझ रहे अपने 10 साल के भतीजे राहुल को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा। बलवंत ने अस्पताल में पर्चा बनवाया लेकिन सरकारी डॉक्टर ने उसे अपने निजी क्लिनिक में बुला लिया।



जब बलवंत अपने भतीजे के इलाज की फीस नहीं चुका सका तो डॉक्टर ने उसे भीख मांगने के लिए मजबूर किया। बलवंत डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर कई दिनों से भीख मांग रहा है। बलवंत का कहना है कि वो गांव से कर्ज लेकर अपने भतीजे का इलाज कराने शहर आया था। अब डॉक्टर की फीस चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं इसलिए भीख मांग रहा है। चित्रकूट के मुख्य चिकित्सा अधिकारीडॉक्टर आरडी राम कह कहना है, 'उन्हें मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी मिली है। उप मुख्य चिकित्साधिकारी सदर को जांच सौंप दी गई है।'


दैनिक भास्कर डॉट कॉम से बातचीत में चित्रकूट के जिलाधिकारी आदर्श ने कहा, 'मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है, यदि मीडिया की रिपोर्टें सही हैं तो इस मामले में जांच बिठाई जाएगी और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'


लेकिन चित्रकूट जिले में सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था ही बदहाल नहीं है बल्कि जिले की वेबसाइट भी पूरी तरह बदहाल है। नियमानुसार वेबसाइट पर जिले के तमाम अधिकारियों के मोबाइल नंबर होने चाहिए लेकिन चित्रकूट जिले की वेबसाइट पर यह ब्योरा उपलब्ध नहीं है। यहां जिलाधिकारी या अन्य अधिकारियों के ईमेल पते भी नहीं दिए गए हैं। वेबसाइट के फीडबैक फॉर्म का लिंक भी टूट रहा है जिस कारण इसके बारे में शिकायत भी नहीं दी जा सकती।

वकालत के साथ दुर्लाभी बेशकीमती टिकिट और सिक्के करने का जूनून है एडवोकेट शेलेश जेन के दिलों दिमाग में


दोस्तों आप है कोटा के प्रसिद्ध युवा वकील जनाब शेलेश जेन ,,,आप इनकी वकालत और किताबों के प्रति इनके समर्पण पर न जाइए ..पेशे से आप कामयाब वकील इसलियें है के यह जनाब अपने वकील कर्तव्यों और पक्षकार के प्रति अपने दायित्वों को बखूबी निभाते है लेकिन इस खुबसूरत वकील के चेहरे के पीछे एक चाहत ...एक ख्वाहिश और छुपी है और इसीलियें आप शेलेश कुमार जेन एडवोकेट के साथ साथ छुपे रुस्तम उस्ताद भी है ...आप को बालपन से ही पुराने दुर्लभ डाक टिकिट और पुराने सिक्के एकत्रित करने का शोक रहा है बचपन में यह शोक जिद बन बता और अब शेलेश जी वकील साहब का यह शोक जूनून बन गया है अपने वकालत के व्यसाय के साथ साथ आप अपने इस शोक को भी जूनून की तरह निभा रहे है यही वजह है के शेलेश जी के पास आज दुर्लभ ऐतिहासिक डाक टिकिटों के अलावा ऐतिहासिक दुर्लभ और बेशकीमती सिक्के भी जमा है इनके इस शोक को कोई पहचाने या न पहचाने लेकिन इतिहास और पुरातत्व मामले में रिसर्च स्कोल्र्स के लियें आप गाइड भी बन गए है विभिन्न कालों के ...विभिन्न धातुओं से बने सिक्के आपकी जिंदगी का सरमाया आपका खजाना है और बस वोह इन्हीं की खोज खबर में डूबे रहते है ..अपने वकालत के व्यवसाय के सभी कार्यों को बखूबी निपटाने के बाद जो वक्त भी इन्हें मिलता है परिवार के कामकाजों के बाद शेलेश जी यह वक्त सिर्फ अपनी यह पूंजी तलाशने में ही लगाते है और इसीलियें शेलेश जी आज कोटा के ही नहीं राजस्थान के कामयाब ऐतिहासिक सिक्कों के खजांची बन चुके है ऐसे जूनून से जुड़े भाई शेलेश जी को मुबारक हो बधाई हो सलाम हो ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा के केथुनीपोल इलाके में सटोरियों की धर पकड़ के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं

राजस्थान हाई कोर्ट के जज महेश शर्मा ने अपने एक आदेश में क्रिकेट सट्टा और दुसरे मामले में गंभीर क़दम उठाने के निर्देश दिए है ..आप और हम सभी जानते है एक सट्टा ही ऐसा व्यापार है जिसे पुलिस के काफी अधिकारी अपनी छत्र छाया में चलवाते है सभी जानते है के सटोरियों के हाथ बहुत लम्बे होते है हजारों लाखों और करोड़ों का सट्टा रोज़ चलता है लेकिन पुलिस उसमे भागीदार होती है तो वोह चलता रहता है और अगर पुलिस का कोई अधिकारी इसके खिलाफ कार्यवाही चाहता है तो पहले तो निचले पुलिसकर्मी सटोरियों को पूर्व सुचना देकर भगा देता है और ज्यादा से ज्यादा खुद को सट्टे के खिलाफ साबित करने के लियें सो दो सो हजार रूपये का सट्टा एक व्यक्ति या दो व्यक्तियों को बुला कर पकड़ना बताता है अख़बार में खबर छपवाता है टी वी चेनलों पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलवाता है शायद इसीलियें राजस्थान उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है और अब सी बी आई से इस में दखल देने को कहा है .........बात कोटा की करते हैं यहाँ लाखों का सट्टा व्यापार रोज़ चलता है कुछ लुका छीपी तो कुछ पुलिस को हिस्सेदार कर इस कारोबार को करते है केथुनीपोल थाना इलाके में बे रोकटोक लाखों का सट्टा चलता है यहाँ जब भी आई जी कोई रेट डलवाता है तो बढा सट्टा पकड़ा जाता है और उप अधीक्षक स्तर का अधिकारी इसमें शामिल निकलता है पहले कोटा में सत्येन्द्र सिंह रानावत थे इलाके में आल इस वेळ था लेकिन आई जी से मुखबिरी हुई और छापा पढ़ा लाखों का सट्टा रंगे हाथों पकड़ा ..अभी कोटा के नए आई जी आए उन्हें बताया गया के केथुनीपोल में सट्टे के मामले में आल इस वेळ है लेकिन फिर मुखबिरी हुई और एक नये प्रशिक्षु आई पी एस विकास शर्मा के नेतृत्व में केथुनीपोल थाना इलाके में छापा मारा गया सटोरियों की धर पकड़ की गयी टॉप के सटोरिये पुलिस की गिरफ्त में थे ,,इलाके के उप अधीक्षक का चेहरा देखने लायक था के उनकी पोल खुल चुकी है लेकिन खुद के राजनीति दांव पेंच और रसुकात के चलते उपाधीक्षक मोहोदय इस पोल खुलने के बाद भी निश्चिन्त थे के उनका कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बिगाड़ सकता ..वेसे अगर सिद्धांत की बात अगर हम करें तो इतने बढे पैमाने पर सटोरियों की धरपकड़ के बाद इस इलाके के उप अधीक्षक की तो छुट्टी हो जाना चाहिए थी ताके दुसरे लोगों को भी सबक मिलता लेकिन जनाब कोटा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है के कोड में खाज बने अधिकारीयों की सफाई के बारे में सोचते ही नहीं उलटा सीना थोक कर कहते है के हम तो हमारी फ़ोर्स के साथ है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जानिए, पीपल का पेड़ आपको कैसे बना सकता है धनवान


हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जिसके घर में पीपल का वृक्ष होता है उसके घर कभी दरिद्रता नहीं आती और सुख-शांति बनी रहती है। विज्ञान ने भी पीपल के वृक्ष के महत्व को माना है। यहां हम आपको बता रहे हैं पीपल के वृक्ष से जुड़े कुछ तंत्र उपाय, जिससे आपकी कई समस्याओं का निदान हो जाएगा।

उपाय

शनि दोष से बचने के लिए

शनि दोष निवारण के लिए भी पीपल की पूजा करना श्रेष्ठ उपाय है। यदि रोज पीपल पर जल चढ़ाया जाए तो शनि दोष की शांति होती है। शनिवार की शाम पीपल के नीचे दीपक लगाएं और पश्चिममुखी होकर शनिदेव की पूजा करें तो और भी लाभकारी होता है।

धन प्राप्ति के लिए

पीपल के पेड़ के नीचे शिव प्रतिमा स्थापित करके उस पर प्रतिदिन जल चढ़ाएं और पूजन-अर्चन करें। कम से कम 5 या 11 माला मंत्र का जप(ऊँ नम: शिवाय) करें। कुछ दिन नियमित साधना के बाद परिणाम आप स्वयं अनुभव करेंगे। प्रतिमा को धूप-दीप से शाम को भी पूजना चाहिए।

हनुमानजी की कृपा पाने के लिए

हनुमानजी की कृपा पाने के लिए भी पीपल के वृक्ष की पूजा करना शुभ होता है। पीपल के वृक्ष के नीचे नियमित रूप से बैठकर हनुमानजी का पूजन, स्तवन करने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं और साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।

रुपया तार-तार: इन छह कारणों से खस्‍ता है भारत की माली हालत





नयी दिल्‍ली. रुपया आज भी डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर है। यह दस बजे 54.30 डॉलर के स्‍तर पर था।आशंका जताई जा रही है कि रुपये की कीमत 60 डॉलर प्रति रुपये तक जा सकती है। इसका सीधा असर देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ेगा। सबसे ताजा और आम जनता को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करने वाला असर बजट सत्र के बाद सामने आ सकता है, जब पेट्रोल के साथ-साथ डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी (क्रमश: पांच और तीन रुपये प्रति लीटर) की आशंका जताई जा रही है।



वित्‍त मंत्री ने ग्रीस संकट को कमजोर होते रुपये का कारण बताया है, लेकिन यह तात्‍कालिक कारण भर है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में ऐसे कई कारण रहे हैं जो देश को बदहाली से उबरने नहीं दे रहे।


1. देश का जो माहौल है उसमें अब आर्थिक उपायों की घोषणा करना तो आसान है लेकिन देश का कानून बदलना जी का जंजाल। तमाम उपायों की घोषणा होती है लेकिन चीजें नहीं बदलतीं। एफडीआई की घोषणा सरकार करती है लेकिन अमलीजामा नहीं पहना पातीं।lसरकार पीएसयू में विनिवेश की घोषणा करती है लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात। मामला वहीं का वहीं रुका रहता है।


2. प्रणब दा ऐसे माहौल में देश का खजांची बने हैं जबकि राजनीति गठबंधनों के दौर से गुजर रही है। वह कह भी चुके हैं कि गठबंधन सरकार के कारण कड़े फैसले करने में मुश्किलें दरपेश होतीं हैं। लोकलुभावन राजनीति के सहारे राज्‍यों की सत्‍ता हासिल करने वाले क्षेत्रीय दल अक्‍सर अपने हितों के लिए राष्‍ट्रीय उपायों की अनदेखी कर देते हैं।



3.लगातार बढ़ते सब्सिडी के बिल पर लगाम नहीं लग पा रहा है। सब्सिडी थमती नहीं , कम नहीं होती जिससे एक बारगी लोगों को राहत भले ही महसूस हो लेकिन लांग टर्म में वह देश की आय को नुकसान पहुंचाती है। सब्सिडी मदद की तरह हो न कि भारी बोरे के बोझे की तरह।



4. पिछले साल सरकार ने मंत्रालयों और अन्‍य विभागों को किफायत बरतने के उपायों को अपनाने की सलाह दी थी। उनसे कहा गया था कि स्‍थानीय ,राज्‍यों और केंद्र सरकार के स्‍तर पर खर्चों में कटौती की जाए। खासकर बेसिरपैर वाले सेमीनार जिनमें अंतहीन बहस होती है और फिर वही बंधे बंधाए निष्‍कर्ष सामने आ जाते हैं लेकिन लगता है कि मंत्रालयों और विभागों के कानों में जूं तक नहीं रेगी और ऊटपटांग किस्‍म के खर्चे पर लगाम नहीं लग सकी है।


5. सरकार ने गैर योजनागत व्‍यय में कटौती की बात कही थी। ऐसा तब किया गया था जब योजनागत व्‍यय और गैर योजनागत व्‍यय का अनुपात ठीक बना हुआ था। इस नान प्‍लांड एक्‍पनडीचर में कमी का मकसद राजकोषीय घाटे के कारण खजाने पर पड़ पर रहे दबाव को काबू में लाना था लेकिन ऐसा हो नहीं सका और सरकार के पाप का घड़ा थोड़ा और बढ़ गया।


6. धड़ाधड़ हो रहे घोटाले और हर बार घोटाले की रकम बढ़ कर सामने आती है । इन घोटालों के कारण प्रणब दा ने फील गुड फैक्‍टर खो दिया है। सरकार पर विश्‍वास की नींव में दरारें डाल दी हैं इन घोटालों ने। प्रणब दा के निकट सहयोगियों पर भी इन घोटालों की छाया पड़ी दिखती है जिससे लगता है कि वित्‍त मंत्री अकेले पड़ गये हैं।

ईरान पर हमले का प्लान पूरी तरह तैयारः अमेरिका

तेल अवीव. ईरान के परमाणु कार्यक्रम मुद्दे पर बगदाद में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और ईरान के अधिकारियों की बातचीत से कुछ दिन पहले ही इजराइल में अमेरिकी राजदूत ने कहा है कि ईरान पर हमला करने की अमेरिकी रणनीति पूरी तरह तैयार है और यह विकल्प भी खुला है।
इजराइल की तरह अमेरिकी ने भी कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए हमला करना ही अंतिम विकल्प बचा है। पश्चिम देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु बम बना रहा है जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए है।


इजराइल के सैन्य रेडियों पर गुरुवार को प्रसारित बातचीत में इजराइल में अमेरिकी राजदूत डैन शैपरियो ने कहा, 'ईरान के परमाणु संकट को सैन्य ताकत के बजाए बातचीत और दवाब की रणनीति से हल करना बेहतर रहेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अमेरिका ईरान पर हमला करने के लिए तैयार नहीं है। हमारे पास सिर्फ हमले का विकल्प ही नहीं है बल्कि हम इसके लिए पूरी तरह तैयार भी हैं। हमले करने के लिए जरूरी तमाम तैयारियों को पूरा कर लिया गया है ताकि किसी भी वक्त हमला किया जा सके।'


गौरतलब है कि अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी ईरान पर प्रतिबंधों के जरिए ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। बातचीत का दौर पिछले महीने इस्तांबुल में शुरु हुआ था और अब बगदाद में 23 मई से फिर बातचीत शुरु होगी।


मध्य एशिया में सिर्फ इजराइल के पास ही अघोषित परमाणु हथियार हैं और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वो अपने लिए खतरा मान रहा है। इजराइल ईरान पर अघोषित युद्ध थोपने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। यदि बातचीत से ईरान के परमाणु कार्यक्रम का हल नहीं निकला तो इजराइल ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला कर सकता है।


इससे पहले जनवरी में अमेरिकी राजदूत शैपरियो ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा था कि ईरान पर हमला करने का अमेरिका का प्लान पूरी तरह तैयार है और इसे पर राष्ट्रपति के अनुमोदन की जरूरत है। इसी बीच अमेरिकी कांग्रेस में ईरान पर और भी कडे प्रतिबंध लगाने पर विचार चल रहा है।

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