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21 मई 2012

महापौर ने कांग्रेसियों को कहा अनपढ़, फिर माफी मांगी



कोटा।नगर निगम की महापौर डॉ. रत्ना जैन की जुबान एक बार फिसल गई। इस बार उन्होंने कांग्रेसियों को अनपढ़ कह दिया। हालांकि बाद में हंगामा होने पर महापौर ने माफी मांग ली। वाकया राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर गुमानपुरा कांग्रेस कार्यालय में हुई गोष्ठी का है।

राजीव गांधी के जीवन पर प्रकाश डालने को जब महापौर ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने कह दिया कि शहर के कुछ अनपढ़ कांग्रेसी मेरे पीछे पड़े हैं, इससे कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। यह कहते ही वहां मौजूद अन्य कांग्रेसी नाराज हो गए और गोष्ठी में हंगामे जैसी स्थिति हो गई। हालांकि बात को संभालने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह जिला कांग्रेस कमेटी को लिखित में दे सकते हैं।

जांच के बाद दोषी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रदेश कांग्रेस सचिव डॉ. जफर मोहम्मद ने कहा कि महापौर ने जो कहा है, वह सत्य नहीं है, कांग्रेस में पढ़े-लिखे लोग मौजूद हैं। जो लोग कम पढ़े-लिखे हैं, वे भी कांग्रेस के प्रति समर्पित कार्यकर्ता हैं। हम उनकी गरिमा को ठेस नहीं पहुंचा सकते। दोनों के वक्तव्य के बाद महापौर ने अपने कथन के लिए माफी मांगी और कहा कि यदि किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो वे अपने शब्द वापस लेती हैं।
ठ्ठ यह है मामला: महापौर के अस्पताल की छत पर मोबाइल कंपनी का टावर लगा होने का पीसीसी सदस्य क्रांति तिवारी के नेतृत्व में विरोध किया जा रहा है। तिवारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर को ज्ञापन दे चुका है। वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री को भी कर चुके हैं।

ये भी रहे मौजूद

गोष्ठी में महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रीति शर्मा, अनिल जैन, प्रमोद त्रिपाठी, दिलीप पाठक, गुड्डा कुरैशी, डॉ. बीके.शर्मा, केशव तिवारी, रचना राठोर, हेमचंद पंवार अनूप कुमार अन्नू, शाहिद मिर्जा, सुभाष सैनिक, सीमा मित्तल, ज्ञानचंद सोनी, आबिदा खान, देवेन्द्र शर्मा मौजूद थे।

मुझे राजनीतिक भाषा नहीं आती

मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। मेरा कहने का मतलब था कि जो लोग महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हैं, उन्हें कम्प्यूटर का उपयोग आना चाहिए। राजीव गांधी भी यही चाहते थे। मुझे राजनीतिक भाषा नहीं आती है, यदि किसी की भावना आहत हुई हो तो मैंने माफी भी मांग ली है।
- डॉ.रत्ना जैन, महापौर

प्रदेश अध्यक्ष से करुंगा शिकायत

महापौर के कांग्रेसजनों को अनपढ़ बताने की शिकायत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान से की जाएगी। कांग्रेस में सभी वर्गो के लोग शामिल हैं। यह पार्टी किसी की बपौती नहीं है। महापौर को सोच समझकर बोलना चाहिए।
- क्रांति तिवारी,
पीसीसी सदस्य

गोष्ठी में ये भी आए विचार

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गोविंद शर्मा ने कहा कि हमें राजीव गांधी के आदर्श व सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर की जो क्रांति आई है, वह राजीव गांधी की देन हैं। विचार गोष्ठी में प्रदेश महासचिव पंकज मेहता, यूआईटी चेयरमैन रविन्द्र त्यागी, प्रदेश सचिव डॉ. जफर मोहम्मद, लोकसभा क्षेत्र के युवा अध्यक्ष शिवकांत नंदवाना, वरिष्ठ नेता नरेश विजयवर्गीय, पार्षद मोडूलाल वर्मा, प्रमोद त्रिपाठी, डॉ. विजय सोनी ने भी विचार व्यक्त किए।

बार-बार सुधारनी पड़ती है गलती

: राजपुरा गांव के ज्ञापन देने आए लोगों से विवाद हुआ तो महापौर के हाथ से सौ रुपए का नोट फट गया। जिस पर काफी हंगामा हुआ था।
: एक समारोह में प्रदेश कांग्रेस महासचिव पंकज मेहता को अपना राजनीतिक गुरु बताया। बाद में संशोधन किया।
: स्लाटर हाउस खोलने की घोषणा की। फिर जैन समाज के विरोध और स्वायत्त शासन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद घोषणा वापस।
: भवन निर्माण बॉयलाज में संशोधन की घोषणा। स्वायत्त शासन मंत्री को संशोधित बयान देना पड़ा।

जहां से निकलना था पानी, वहां से निकलने लगी आग, देखें


बीना (सागर)। मंडीबामौरा उपस्वास्थ्य केंद्र में रविवार रात 422 फीट की खुदाई के बाद सोमवार तड़के करीब 4 बजे बोर से आग की 20 फीट ऊंची लपटें निकलीं। यह सिलसिला सुबह 8 बजे तक चला।

डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के भू-गर्भ शास्त्री प्रो. अरुण कुमार शांडिल्य ने जांच की। उन्होंने बताया कि बोर से पेट्रोलियम गैस निकल रही है। उन्होंने गैस में आग लगाकर भी देखी। उन्होंने बताया कि बोर से पानी के प्रेशर के साथ वैसाल चट्टान, इंटरट्रेपियन लाइम स्टोन तथा विजन चट्टान के टुकड़े ऊपर आ गए हैं। इससे लगता है कि यहां पेट्रोलियम का भंडार हो सकता है। जिले में ३क् ट्यूबवेल ऐसे हैं, जिनसे गैस निकली है, लेकिन यहां इन चट्टानों के टुकड़े नहीं मिले।

कुरान का संदेश

कैसा भी बुखार हो ये देहाती नुस्खा अचूक है....


कैसा भी बुखार हो चिरायता एक ऐसी देहाती जड़ी-बूटी मानी जाती है जो कुनैन की गोली से अधिक प्रभावी होती है। एक प्रकार से यह एक देहाती घरेलू नुस्खा है।पहले चिरायते को घर में सुखा कर बनाया जाता था लेकिन आजकल यह बाजार में कुटकी चिरायते के नाम से भी मिलता है। लेकिन घर पर बना हुआ ताजा और विशुद्ध चिरायता ही अधिक कारगर होता है।

चिरायता बनाने की विधि-

100 ग्राम सूखी तुलसी के पत्ते का चूर्ण, 100 ग्राम नीम की सूखी पत्तियों का चूर्ण, 100 ग्राम सूखे चिरायते का चूर्ण लीजिए। इन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर एक बड़े डिब्बे में भर कर रख लीजिए। यह तैयार चूर्ण मलेरिया या अन्य बुखार होने की स्थिति में दिन में तीन बार दूध से सेवन करें। मात्र दो दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा।

कारगर एंटीबॉयोटिक-

बुखार ना होने की स्थिति में भी यदि इसका एक चम्मच सेवन प्रतिदिन करें तो यह चूर्ण किसी भी प्रकार की बीमारी चाहे वह स्वाइन फ्लू ही क्यों ना हो, उसे शरीर से दूर रखता है। इसके सेवन से शरीर के सारे कीटाणु मर जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक है। इसके सेवन से खून साफ होता है तथा धमनियों में रक्त प्रवाह सुचारू रूप से संचालित होता है।

हमारे खिलाफ लडऩे वाले ही आज सरकार में : गहलोत


बिड़ला ऑडिटोरियम में राजीव गांधी के बलिदान दिवस पर कांग्रेस सेवादल की ओर से आयोजित सम्मेलन में गहलोत ने अन्य पाटियों से चुनाव जीतकर सरकार में शामिल हुए विधायकों को लेकर परोक्ष रूप से अपनी मजबूरी बयां की। गहलोत ने यह बात तब कही जब सेवादल की ओर से सत्ता में भागीदारी को लेकर जोर-शोर से मांग उठने लगी। उन्होंने कहा कि वे अपने लोगों की सत्ता में हर स्तर पर भागीदारी के पक्ष में हैं और उन्हें जरूर मौका मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सेवादल के सम्मेलन में बयां की मजबूरी। सेवादल कार्यकर्ताओं ने उठाई सत्ता में भागीदारी की मांग

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि चुनाव में पार्टी के खिलाफ लडऩे वाले 16 लोग उनकी सरकार का हिस्सा हैं। ये लोग आज सरकार का साथ दे रहे हैं। हम इन्हें भी साथ लेकर चलेंगे। यूपीए सरकार के सामने आज सहयोगी दल कई प्रकार की अड़चन पैदा कर रहे हैं, लेकिन परिस्थितियों से तालमेल बैठाना पड़ता है। इस बात को हमें समझना चाहिए।


गहलोत ने भाजपा पर निशाना जारी रखते हुए कहा कि यह वह पार्टी है जिसे आमआदमी से कुछ लेना-देना नहीं। भ्रष्टाचार खत्म करने का एजेंडा उनकी पार्टी का रहा है, लेकिन अब भ्रष्टाचार में लिप्त ये लोग ही इस मुद्दे पर बात करने लगे हैं। वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना गहलोत ने कहा कि जो लोग अपनी ही पार्टी की यात्रा पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी छोडऩे की धमकी देते हैं। जो अपनी ही पार्टी के नहीं हुए वे इस प्रदेश का क्या भला करेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।


कहीं सेवा ही न करते रह जाएं सेवादल कार्यकर्ता: डॉ. चंद्रभान



कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने सेवादल कार्यकर्ताओं की सत्ता में भागीदारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाते हुए कहा कि कहीं ऐसा न हो जाए कि सेवादल कार्यकर्ता सेवा ही करते रह जाएं। मुख्यमंत्री की ओर देखते हुए डॉ. चंद्रभान ने कहा कि ऐसा न हो कि ज्यादा मांगने वाले को मिल जाए और कम मांगने वाले को कुछ नहीं मिले। इस बात का हमें ख्याल रखना होगा।


अनुशासन का पाठ पढ़ा और इधर खाने के लिए भगदड़:

कार्यकर्ताओं ने करीब ढाई घंटे तक सम्मेलन में अनुशासन का पाठ पढ़ा। जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ बाहर खाने के लिए कतार लगने लगी, लेकिन देखते ही देखते कार्यकर्ताओं में पैकेट के लिए भगदड़ सी मच गई। इस दौरान कई कार्यकर्ता एक-दूसरे के हाथों से पैकेट ले भागे तो कईयों की एक-दूसरे से हाथापाई तक हो गई। हालांकि सेवादल के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से समय रहते स्थिति को संभाल लिया। महिला कार्यकर्ताओं को भी इस दौरान खासा परेशान होना पड़ा।

संसद में लोकपाल पर जबरदस्‍त हंगामा, टीम अन्‍ना 25 जुलाई से अनशन पर

नई दिल्‍ली. बहुचर्चित लोकपाल बिल एक बार फिर से लटक गया है। लोकपाल बिल को सोमवार दोपहर राज्यसभा में बहस के लिए पेश किया गया। हालांकि सोमवार की कार्यवाही की सूची में इसका उल्लेख नहीं था। केंद्रीय कार्मिक मामलों के राज्‍य मंत्री वी नारायणसामी ने इसे सदन के पटल पर रखा। लेकिन लोकपाल बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव के पास होने के बाद बिल को ‌15 सदस्‍यीय सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। ‌सेलेक्ट कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। अब सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही राज्यसभा में लोकपाल बिल पर चर्चा हो सकेगी।

बिल को कमेटी को भेजे जाने पर सदन में जबरदस्‍त हंगामा हुआ। बीजेपी ने बिल को ज्‍वाइंट सेलेक्‍ट कमेटी को रिफर किए जाने का विरोध किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी का समर्थन किया है। स्‍पीकर की कुर्सी पर बैठे पी जे कुरियन को सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में काफी मशक्‍कत करनी पड़ी।

बीजेपी और बसपा ने सपा के सदस्‍य द्वारा बिल को सेलेक्‍ट कमेटी को भेजे जाने के प्रस्‍ताव का विरोध किया। मायावती ने कहा कि सरकार को इस मामले में सदन की प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। नारायण सामी ने सदन को बताया कि 15 सदस्‍यीय कमेटी मॉनसून सत्र के आखिरी हफ्ते के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट पेश कर सकती है। 15 सदस्‍यों वाली सेलेक्‍ट कमेटी में अरुण जेटली, राजीव प्रताप रूडी, राम गोपाल यादव, सतीश चंद्र मिश्र और डीपी त्रिपाठी शामिल हैं लेकिन राजद का कोई सदस्‍य नहीं है।

राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार जानबूझ लोकपाल बिल पारित करने में देरी कर रही है। उन्‍होंने कहा, 'पीएम इस बारे में साफ-साफ बताएं कि वह लोकपाल चाहते हैं या नहीं। सरकार इस पर खेल कर रही है और पिछले सत्र की तरह हथकंडे अपना रही है।'


लोकसभा में पारित लोकपाल बिल के कुछ प्रावधानों पर सर्वसम्मति नहीं है। सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है। जहां पिछले साल यह बिल पारित नहीं हो सका था।

25 जुलाई से टीम अन्‍ना का अनशन
इस बीच, टीम अन्ना के सदस्य भ्रष्‍टाचार के खिलाफ 25 जुलाई से दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठेंगे। हालांकि अन्‍ना हजारे खुद इस बार अनशन पर नहीं बैठेंगे। टीम अन्ना ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसे में जबकि संसद की कार्यवाही समाप्त होने में केवल दो दिन बचे हैं, सरकार केवल खानापूर्ति करने के लिए इसे राज्यसभा में पेश करने जा रही है। टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, "नया विधेयक लोगों को गुमराह करने, खानापूर्ति करने और विपक्षी दलों पर जिम्मेदारी थोपने के उद्देश्य से पेश किया जा रहा है।"

टीम के सदस्‍य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार लोकपाल बिल में जानबूझकर देरी कर रही है। उन्होंने कहा, 'यदि बिल पारित हो गया... तो उन्हें मालूम है कि उनके अधिकारी परेशानी में फंस जाएंगे। लोकपाल बिल मौजूदा सत्र में पारित नहीं हुआ तो यह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से सबसे बड़ा विश्वासघात होगा।' शांति भूषण ने कहा कि सरकार बिल पारित करने से डर रही है। वे यह जानते हैं कि बिल पारित हो गया तो सत्ता में मौजूद कई लोग जेल जाएंगे। इसी वजह से वे इसे पारित नहीं होने दे रहे।

क्या बदला, किस पर गतिरोध
> सीबीआई की निगरानी लोकपाल को दी जाए या नहीं इस पर सर्वसम्मति नहीं है।
> लोकपाल के साथ लोकायुक्त की नियुक्ति के प्रावधान को सरकार ने हटा लिया है।
> सीबीआई चीफ की नियुक्ति में और पारदर्शिता लाने के प्रावधान संशोधित बिल में नहीं हैं।
> लोकपाल को हटाने के दो विकल्प हटा लिए हैं। 100 सांसदों के हस्ताक्षर वाले पत्र पर राष्ट्रपति हटा सकेगा लोकायुक्त को।

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ..लेकिन हम बुलबुले जो है इसके गिद्ध बन कर इसे खसोट रहे हैं

दोस्तों इकबाल ने क्या खूब कहा के सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा हम बुलबुले है इसके यह गुलिस्तान हमारा .....इकबाल ने यह सारी दुनिया घुमने के बाद लिखा था जब उन्होंने यह अलफ़ाज़ लिखे तब हमारा देश गुलाम था ...हमारे देश का बटवारा नहीं था और देश अख्नद भारत था ..लेकिन यह लाइनें उनके जब प्रकाशित हुई तब देश आज़ाद भी हो चूका था और देश का बटवारा और टुकड़े भी हो चुके थे आज हमारा हिंदुस्तान तो अपनी जगह है इसे तोड़ने की कोशिश करने वाले लोगों के लियें कफ़न तक कम पढ़ गए हाँ ..पाकिस्तान अलबत्ता टूट कर बिखर गया है और भी कई राष्ट्र हैं जो बिखर कर टूट गए है ......दोस्तों यह तो हुई इकबाल की बात लेकिन हमारे एक साथी हाल ही में उनके लडके के बुलावे पर विदेश गए थे विदेश क्या गए इंटरनेश्नल वीजा था इसलियें सभी प्रमुख देशों में उन्हें घुमने का मोका मिला .उन्होंने आकर विदेश के हर शहर की खूबसूरती का वर्णन किया ..काफी देर बाद हमारे साथी एडवोकेट आबिद अब्बासी ने कहा के भाई यह तो सब ठीक है लेकिन आप तो यह बताओ के सारे जहाँ से अच्छा ................आबिद भाई यह कहते इसके पहले ही इन जनाब ने जोर से कहा के हिन्दुस्तान हमारा ..आबिद भाई ने कहा के ऐसा क्यूँ समझते हो ..विश्व के विभिन्न स्थानों पर घूम कर आने के बाद इन जनाब का जवाब था के भाई वहां अगर चोकलेट खाओ तो उसकी पन्नी कहाँ फेंके ढूँढना पढ़ता है .............जर्दा नहीं कहा सकते .....गुटका नहीं कहा सकते ..पान बीडी सिगरेट की तो बात ही अलग है ...उन्होंने कहा के इतना ही नहीं सु सु अगर आ जाये तो कोसों दूर सुसु घर तलाश कर वहां सुसु करना पढ़ता है लेकिन हमारे देश में तो यह सब सुविधा जनक है कहीं भी चोकलेट खाओ पन्नी फेको ..कहीं भी सुसु करो ..कहीं भी पार्किंग करों ..कहीं भी थूको मजे ही मजे हैं ..खेर यह तो हुई मजाक की बात इन जनाब ने भी यही कहा के यह तो मजाक की बात है एक फेलु तो यह है ही सही लेकिन दूसरा और मजबूत पहलु यह है के हमारे देश में प्यार है ..मोहब्बत है ..सद्भाव है एक दुसरे के लियें एक दुसरे का दर्द है अगर किसी की भी तबियत खराब हो जाए या फिर हादसा हो जाए तो अस्पताल में उसकी तबियत पूंछने वालों की लाइन लग जाती है इतना ही नहीं पडोस में को भी अच्छी सब्जी बने तो बिना किसी भेदभाव के एक दुसरे को चाव से खिलाने के लिएँ सब्जियों का आदान प्रदान भी करते है ..प्यार देते है प्यार लेते है खूब लड़ते भी है और फिर एक दुसरे के दुःख दर्द में काम बह आते है ..आज हालत यह है के हमारे देश का ब्रेन और मास्टर ब्रेन विश्व के हर कोने में है जो हमारे इसी देश में पैदा होता है इसी देश में पलता बढ़ता है और इसीलियें विश्व अपर भारतीय ब्रेन का कब्जा है ...उनका कहना था के यह हमारा देश ही है जहाँ देश के लियें मर मिटने का जज्बा है ..देश के लियें कुर्बानी देने का जज्बा है यहाँ विधवा ..पीड़ित ..शोषित और बेसहारा लोगों को इन्साफ देने के लियें विशिष्ठ कानून है और इसी लियें कहते है के सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा क्योंकि यहाँ पवित्र गंगा है ..यहाँ ख्वाजा का दरबार है ..यह सांई बाबा का मदिर है .....यहाँ क्रिकेटर हैं ..यह एक्टर है .....यहाँ माँ की ममता है ..यहाँ बुजुर्गों का सम्मान है ....यहाँ हिमालय है यहाँ सभी धर्मों को मानने की आज़ादी है गंगा जमना संस्क्रती है हजारों बोलियों और जातियों के इस देश में विरोधाभास के बाद भी एकता है इसीलियें तो कहते है के सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है ॥ एक दुसरे सज्जन आये के जनाब इकबाल ने सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा जब कहा था था तब हम इसके बुलबुले थे और इसीलियें यह गुलिस्ता हमारा था लेकिन आज हालात बदल गये है हिन्दुस्तान तो हमारा सारे जहाँ से अच्छा था अच्छा है और अच्छा रहेगा लेकिन हम और हममे से ही कुछ लोग बुलबुले नहीं रहे भक्षक बन गए ..गिद्ध बन गये ..लुटेरे बन गये .....रंगा सियार बन गये ..हम इस गुलिस्तान को नोच नोच कर खाना चाहते है हमने इस गुलितान को बर्बाद करना शुरू कर दिया है यहाँ की सुख शांति खत्म करने की हमारे अपनों ने ही थान ली है क्योंकि यह लोग कानून के डंडे से जेल में तो जाते है लेकिन जमानत होने पर फिर से संसद में जाकर गुर्राते है और अगर इनको चोर कहो तो फिर यह विशेषाधिकार हनन की बात करते है ...कहने को तो बात कहां से शुरू हुई और कहां खत्म हुई लेकिन एक विचार एक संदेश जरुर इस वार्ता ने छोड़ा सोचा के आपसे भी शेयर करूं आपको भी बोर करूं केसी लगी यह उबाऊ डिस्कशन बताइए जरुर भाई ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

थकान महसूस कर रहे हैं तो अंगुलियों को दस मिनट ऐसे रखें, रिचार्ज हो जाएंगे



अपनी काम करने की क्षमता से अधिक काम करने से थकान हो जाती है, शरीर सुस्त हो जाता है। फिर कुछ काम करने का मन नहीं करता, सिर्फ आराम की जरुरत महसूस होती है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो थकान दूर करने और दिनभर के लिए रिचार्ज होने के लिए नीचे लिखी योगमुद्रा सबसे अच्छा उपाय है।


विधि- अनुशासन मुद्रा के लिए तर्जनी यानी इंडैक्स फिंगर अंगुली को सीधा रखें। शेष तीन अंगुलियों-कनिष्ठा छोटी अंगुली अनामिका (रिंग फिंगर) और मध्यमा (मिडिल फिंगर) को अंगुठे के साथ मिलाएं। इस तरह बनने वाली मुद्रा को अनुशासन मुद्रा कहा गया है।

आसन- पद्मासन व सुखासन में इस मुद्रा का प्रयोग किया जा सकता है।

समय- रोज आठ मिनट से प्रारंभ करें। एक महिने तक रोज एक-एक मिनट बढ़ाएं।

लाभ- इस मुद्रा को करने से व्यक्ति अनुशासित होने लगता है। नेतृत्व क्षमताऔर कार्य क्षमता बढ़ती है। अपने आप में पौरुष का अनुभव होता है।

सावधानी- एक साथ लंबे समय तक न करें।

जवां और खूबसूरत दिखने की ख्वाहिश है तो पीएं इसका जूस....



एलोवेरा को आयुर्वेद में जीवन देने वाली औषधि यानी संजीवनी कहा गया है। स्किन और बालों के लिए ये बहुत ही लाभकारी है। एलोवेरा में 18 धातु, 15 एमिनो एसिड और 12 विटामिन मौजूद होते हैं जो खून की कमी को दूर कर रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढाते हैं। इसीलिए एलोवेरा का सेवन जूस के रूप में किया जाने लगा है। दरअसल यह माना जाता है कि एलोवेरा के जूस और एलोवेरा युक्त उत्पाद के सेवन और इस्तेमाल से फिट रहा जा सकता है। इसलिए एलोवेरा के कांटेदार पत्तियों को छीलकर रस निकाला जाता है। 3 से 4 चम्मच रस सुबह खाली पेट लेने से दिन-भर शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।

इसका जूस पीने से कब्ज की बीमारी में फायदा मिलता है। इसके सेवन से शुगर का स्तर शरीर में उचित रूप से बना रहता है।यह गर्भाशय और पेट की समस्याओं को दूर करता है। एलोवेरा का जूस पीने से स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिलता है। एलोवेरा का जूस खून साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करता है। एलोवेरा का जूस स्किन को जवान और खूबसूरत बनाता है।

ये हैं जुर्म की दुनिया के बेताज बादशाह, इनके नाम से थर्रा जाते हैं लोग!



तस्वीरें: ये हैं जुर्म की दुनिया के बेताज बादशाह, इनके नाम से थर्रा जाते हैं लोग

भारत को बम के धमाकों की धमक से दहलाने वाले, दहशतगर्दी का खुला खेल खेलकर लोगों के मन में डर बैठाने वाले, खून की होली कर देश का दामन लाल करने वाले इन खतरनाक चेहरों को जरा गौर से देखिए। जी हां, ये वही चेहरे हैं जिनकी क्रूरता और आतंक की वजह से हम सुबह घर से सेफ तो निकलते हैं, लेकिन इस बात की कत्तई गारंटी नहीं होती कि हम सही सलामत घर वापस आएंगे या नहीं।

यकीन मानिए दुनिया की सबसे खतरनाक चेहरों में इनकी गिनती होती है। जुर्म की डिक्शनरी में जितने भी जुर्म दर्ज हैं, इन्होंने वो सब कर डाले हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से लेकर आईबी तक पूरी दुनिया की पुलिस लगी हुई है।

बताते चलें कि इनके खिलाफ सैंकड़ों मुकदमे दर्ज हैं। इनकी तलाश में सरकारी खजानों से करोड़ों रुपए स्वाहा हो चुके हैं। इनके सिर पर करोड़ों के ईनाम हैं। ये चेहरे दिखने में जितने आम हैं, उतने ही बेहद शातिर, चालाक और खतरनाक हैं। जुर्म की दुनिया में इनकी बादशाहत है। अपराध करते समय इनका दिमाग कंप्यूटर से ज्यादा तेज चलता है। ये हैं भारत के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इनकी तलाश जारी है। इनके नाम कुछ इस प्रकार हैं-


1- हाफिज मो. सईद
2- इलयाश कश्मीरी
3- सैयद सलाहुद्दीन
4- दाउद इब्राहिम
5- मौ. मसूद अजहर
6- मेनन इब्राहिम
7- छोटा शकील
8- अबु हमजा
9- सैयद हशीम अब्दुर रहमान पाशा
10- साजीद मजीद

चांद दिखा तो आज से ख्वाजा साहब के 800 वें उर्स की रस्में

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अजमेर.ख्वाजा साहब के 800 वें उर्स के मौके पर रविवार को मजार शरीफ से संदल उतारा गया। संदल लेने के लिए अकीदतमंदों में होड़ लगी रही। इधर जमादिउस्सानी महीने की 29 तारीख को देखते हुए सोमवार दरगाह में हिलाल कमेटी की बैठक होगी। रजब महीने का चांद नजर आने पर उर्स की रस्में रात से ही शुरू हो जाएंगी।

रात को आस्ताने की खिदमत के दौरान मजार शरीफ पर चढ़ा संदल उतारा गया। खादिमों ने इसे थैलियों में भर लिया। खिदमत के बाद जैसे ही खादिम आस्ताने से बाहर आए, अकीदतमंदों में संदल लेने के लिए होड़ लग गई। संदल पाने वाले अकीदतमंदों ने इसे अदब से आंखों के लगाया। कुछ जायरीन ने अपने बीमार परिजनों को संदल खिलाया।

जन्नती दरवाजा खुला :

इधर, परंपरा के मुताबिक चांद रात को जन्नती दरवाजा जियारत के लिए खोल दिया जाता है। सोमवार तड़के 4.30 बजे दरवाजा खोल दिया गया।

अंजुमन सैयद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह के मुताबिक चांद की 29 तारीख को जन्नती दरवाजा खोल दिया जाता है। अब ये कुल की रस्म के साथ ही बंद होगा।

हिलाल कमेटी की बैठक आज :

दरगाह में सोमवार को शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में हिलाल कमेटी की बैठक होगी।

अगर सोमवार को रजब महीने का चांद नजर आ जाएगा, तो उर्स की रस्म रात से ही शुरू हो जाएंगी। अन्यथा मंगलवार रात से उर्स की रस्में शुरू होंगी।

इन चार मौकों पर खुलता है जन्नती दरवाजा

सैयद वाहिद अंगाराशाह के मुताबिक साल भर में चार बार जन्नती दरवाजा खोला जाता है। सबसे अधिक छह दिन गरीब नवाज के उर्स के दौरान, ईद उल फितर, ईद उल अजहा और बड़े सरकार के उर्स के दौरान एक-एक दिन ये दरवाजा खोला जाता है।

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