उन्होंने दोनों जगह का नक्शा और स्ट्रक्चर प्लान पेश किया। प्रस्ताव को कमेटी ने भी सराहा। कमेटी को उम्मीद है कि स्मारक के लिए जल्द ही सरकार की मंजूरी मिल जाएगी। ‘भास्कर’ मुहिम ‘देहदान को मिले सम्मान’ के बाद मेयर ने स्मारक बनाने की योजना बनाई थी।
देहदान के लिए बनी कमेटी में मेयर द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार शहीद स्मारक की तर्ज पर बनाए जाने वाले इस स्मारक पर शहीदों की भांति देहदानी का नाम, किस दिन देह का दान किया गया व उनके शब्दों में देहदान के मायने क्या होंगे, यह सब अंकित होगा। शहर में सबसे पहले देहदान करने से लेकर अब तक देहदान करने वालों के नाम क्रमवार लिखे जाएंगे, उनके फोटो लगाए जाएंगे।
मेयर ने बताया कि स्मारक बनाने के लिए टोंक रोड पर एसएमएस स्टेडियम गेट और रामबाग होटल के सामने की जगहों के लिए राजस्थान स्पोर्ट्स कौंसिल के अध्यक्ष को पत्र लिखा है। देहदान करने वाले के परिजनों को ताम्रपत्र भेंट किया जाएगा, जो महर्षि दधीचि का स्मरण करवाएगा। पूर्व में जिन व्यक्तियों की देह को दान किया गया है। उनके परिजनों को भी प्रशस्ति पत्र देंगे।
हाई कोर्ट के आदेश पर बनी कमेटी
देहदान की प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो, इसके लिए हाई कोर्ट ने 3 मार्च, 2012 के आदेश से महाधिवक्ता की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया। 28 मार्च को कमेटी की बैठक में देहदान की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए महत्वपूर्ण फैसले हुए। इनमें 24 घंटे में कभी भी देहदान होने पर उसे एसएमएस मेडिकल कॉलेज स्वीकार करने, 24 घंटे एंबुलेंस की निशुल्क व्यवस्था और दधीचि जयंती पर देहदानियों के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा करने सहित देहदानियों के लिए स्मृति स्थल बनाने का फैसला भी इसमें शामिल है।
मेयर ने किया देहदान का संकल्प
मेयर ज्योति खंडेलवाल ने मंगलवार को कमेटी के समक्ष देहदान का संकल्प-पत्र भरा। बैठक में महाधिवक्ता व मेयर के अलावा अधिवक्ता एसके गुप्ता, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सुभाष नेपालिया, पूर्व आईएएस पुखराज सालेचा, हरीचरण सिंघल व दी बार एसोसिएशन जयपुर के पूर्व अध्यक्ष विपिन अग्रवाल शामिल थे।
देवीबाई की देह कॉलेज को सौंपी
ब्यावर की 75 वर्षीय देवीबाई की देह को परिजनों ने रविवार रात एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एनोटॉमी विभाग को सौंपी।