तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 मई 2012
पेट्रोल की कीमतों पर हल्ला तो बहुत है लेकिन कीमतें कम और नियंत्रित केसे हो इसका कोई सुझाव क्यूँ नहीं देता भाई
आसान नुस्खे: होंठो को गुलाब की पंखुडिय़ों सा बनाने के लिए
गुलाब की पंखुडिय़ों से सुंदर-सुंदर नेचुरल गुलाबी होठ तो सभी चाहते हैं लेकिन सभी के होंठ गुलाबी नहीं होते हैं। इसीलिए बहुत सी महिलाएं अपने होंठो को सुन्दर दिखाने के लिए लिपस्टिक का प्रयोग करती हैं। लेकिन लिपस्टिक के लगातार प्रयोग से अक्सर होठों की प्राकृतिक सुन्दरता खत्म हो जाती है और होठ काले पडऩे लगते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से भी होंठ काले पड़ जाते हैं।अगर आप अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो टेंशन न लें, नीचे दिए जा रहे कुछ आसान घरेलू नुस्खों से आप अपने होठों की सुन्दरता को चार चांद लगा सकते हैं....
- होठों को रूखेपन और फटने से बचाने के लिए थोड़ी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर धीरे धीरे होठो पर मालिश करें।
- रात में सोते समय सरसों के तेल को गुनगुना कर अपनी नाभि पर लगाएं। इससे होठों की सुंदरता बनी रहेगी।
- अगर आपके होठों पर पपड़ी जम जाती है तो बादाम का तेल रात को सोते समय होंठो पर लगाएं।
- होंठो के कालेपन को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडिय़ों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर इस मिक्सचर को रोजाना अपने होंठों पर लगाएं होंठ गुलाबी होने लगेंगे।
- दही, मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर मलने से आपके होंठ हमेशा गुलाबी रहेंगे।
राजस्थान में मुसमानों को मनाने की कोंग्रेस की हर कोशिश उलटी पढ़ रही है क्योंकि मुसलमान कोंग्रेस की नियत खराब मानता है
जनता पर दया न दिखाने वाली पुलिस, जी रही जनता की दया पर
बारां जिले के मोठपुर थाना क्षेत्र में धनराज द्वारा आत्महत्या करने के बाद अधिकारियों ने दोषी कांस्टेबल को लाइनहाजिर भी कर दिया, लेकिन पुलिस की यह व्यवस्था कोई नई नहीं है। कोटा में भी पुलिस थानों में मूलभूत सुविधाएं और स्टेशनरी तक जुटाने के लिए जनसहयोग के नाम पर कभी मनुहार से तो कभी पुलिसिया अंदाज से काम करवा रही है। कंट्रोल रूम के सभागार, नयापुरा थाने में सभागार भवन, पुलिस लाइन में कई विकास कार्य करवाने में पुलिस ने जनसहभागिता के नाम पर व्यवस्था जुटाई है।
एक तरफ पुलिस विभाग को हाईटेक बनाने की कोशिश की जा रही है और दूसरी और मूलभूत सुविधाओं के लिए भी बजट उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा। राज्य सरकार शिक्षा, नगर निगम, यूआईटी सहित अन्य सरकारी विभागों की तरह पुलिस विभाग पर ज्यादा बजट खर्च नहीं करती। वेलफेयर के नाम पर कुछ बजट हर साल दिया जाता है, जिससे रोजमर्रा के खर्चे ही पूरे नहीं हो पाते।
नतीजतन पुलिस को स्टेशनरी, वाटर कूलर, फर्नीचर, भवन, पेट्रोल-डीजल आदि व्यवस्थाओं के लिए पब्लिक वेलफेयर फंड के मार्फत जनता का सहयोग लेना पड़ रहा है। इसके लिए कई बार पुलिस सीएल जी समितियों के सदस्यों की मदद लेती है तो कभी सीधे शहर के बड़े संस्थानों को जिम्मेदारी दे दी जाती है।
पुलिस द्वारा दी गई जिम्मेदारी को यदि कोई सहर्ष स्वीकार कर लेता है तो ठीक वरना पुलिस अपने अंदाज से बात मनवा लेती है। जिससे सहयोग मांगा जाता है, उसके सामने दोहरी समस्या रहती है पुलिस की बात माने तो मांग पूरी करनी पड़ती है और नहीं माने तो पुलिस का कोपभाजन सहन करने की नौबत आ सकती है और हालात मोठपुर के धनराज जैसे भी हो सकते हैं।
नयापुरा थाने में सभागार
पुलिस लाइन क्षेत्र में पुलिस चौकी खोले जाने की मांग लंबे समय से चल रही थी, लेकिन पुलिस के पास बजट नहीं था। ऐसे में पुलिस ने सीएल जी सदस्यों की मदद से भवन बनाने के लिए धन की व्यवस्था की। बजरंग नगर क्षेत्र के लोगों ने 3 लाख रुपए एकत्रित किए। बाद में यूआईटी ने 10.58 लाख रुपए खर्च कर भवन बना दिया। बाद में इन 3 लाख रुपए से नयापुरा थाने में एक सभागार तैयार करवाया गया।
कंट्रोल रूम में जनसहयोग
पुलिस कंट्रोल रूम में अधिकारियों के साथ मीटिंग करने के लिए कोई जगह नहीं थी। ऐसे में पिछले साल पास में पड़ी खाली जगह पर एक शानदार सभागार तैयार करवाया गया। जिसमें कुछ राशि पुलिस ने लगाई और कुछ ट्रांसपोर्टर्स, नगरीय परिवहन के वाहनों की एसोसिएशन आदि की जनसहभागिता से काम हुआ। यहीं पर पिछले साल जनसहयोग से वाटर कूलर भी लगाया गया था।
पुलिसकर्मियों के सहयोग से लाइब्रेरी
बजट के अभाव में वेलफेयर के लिए शहर में तैनात पुलिसकर्मियों के वेतन से भी मामूली राशि काटी जाती है। हाल ही में पुलिस लाइन में लाइब्रेरी बनाई गई है। जिसके लिए भी पुलिसकर्मियों के वेतन से राशि काटी गई है।
‘सरकार से बजट तो मिलता है, लेकिन जनसहयोग भी जरुरी है। जनसहयोग से कुछ काम होते हैं, सभी काम जनसहयोग से ही होते हैं ऐसा भी नहीं हैं। अगर बजट नहीं मिलता तो इतने बड़े-बड़े भवन नहीं बन पाते हैं।’
- अमृत कलश, आईजी कोटा रेंज
ख्वाजा के 800वें उर्स में पेश हुईं दुआ और अमन की चादरें!
आज सुबह करीब 11 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कंेद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व मंत्री डॉ. चन्द्रभान, राजस्थान आवासन मंडल के अध्यक्ष परसराम मोरदिया, सांसद अश्क अली टांक दरगाह के मुख्य निजाम गेट से सोनिया गांधी की चादर लेकर जन्नती दरवाजे होते हुए आस्ताना शरीफ पहुंचे । गांधी परिवार के खादिम सैयद अब्दुल गनी गुर्देजी, सैयद यासिर गुर्देजी, सैयद जकरिया गुर्देजी ने मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों सहित सभी मेहमानों को जियारत कराई तथा ख्वाजा साहब की मजार पर चादर और अकीदत के फूल पेश किए। उन्होंने सभी की दस्तारबंदी कर तबरुक भेंट किया ।
महफिल खाने की सीढ़ी पर पढ़ा संदेश
सीएम गहलोत ने दरगाह के महफिल खाने की सीढ़ियों से सोनिया गांधी द्वारा उर्स के मौके पर जायरीन के नाम भेजा संदेश माइक से पढ़कर सुनाया।
शिक्षा राज्यमंत्री नसीम, प्रभा ठाकुर और बाकोलिया नहीं पहुंच सके आस्ताना
दरगाह जियारत के वक्त यूआईटी अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत, पूर्व विधायक हाजी कय्यूम खान, पूर्व महामंत्री फख्र ए मोईन, जिला अल्पसंख्यक महामंत्री हाजी महमूद खान, खानू खान बुधवाली, सबा खान, सोफिया कुरैशी, उत्तर ब्लॉक अध्यक्ष आरिफ हुसैन, पार्षद सैयद बाबर चिश्ती, पार्षद मोहम्मद शाकिर और सैयद यासिर चिश्ती आदि नेता आस्ताना शरीफ पहुंचने में कामयाब हो गए। लेकिन शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, सांसद प्रभा ठाकुर, मेयर कमल बाकोलिया और शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र सिंह रलावता आदि आस्ताना शरीफ नहीं पहुंच सके। सीएम गहलोत और अन्य केंद्रीय मंत्री जब चादर पेश कर लौट आए, तब ये लोग महफिल खाना की सीढ़ियों पर उदास बैठे नजर आए।
अंजुमन ने किया इस्तकबाल
अरकाट के दालान में अंजुमन सैयदजादगान के सदर सैयद हिसामुद्दीन नियाजी, सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह, नायब सदर मुशर्रफ चौधरी, सैयद जान मोहम्मद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्द्रीय मंत्री मुकुल वासनिक,सलमान खुर्शीद, पूर्व मंत्री डॉ.चन्द्रभान, सांसद अश्क अली टांक का इस्तकबाल कर तबरुक भेंट किया। अंजुमन शेखजादगान की ओर से सदर शमशाद मोहम्मद चिश्ती, सचिव हफीजुर्रहमान चिश्ती आदि ने इस्तकबाल किया।
बुलंद दरवाजे पर कमेटी ने किया इस्तकबाल
दरगाह कमेटी की ओर से कमेटी के सदर प्रो. सोहेल अहमद खान, सदस्य इलियास कादरी नाजिम मोहम्मद अफजल ने मुख्यमंत्री सहित सभी केन्द्रीय मंत्रियों की दस्तारबंदी की और तबरुक भेंट किया।
सोनिया को भी भेजा तबरुक
सैयद गनी गुर्देजी ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ सोनिया गांधी के लिए चुनरी और तबरुक भी भेजा।
हैदराबाद में ही तैयार हुई चादर
सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई चादर हैदराबाद की रेहाना बेगम ने ही तैयार की है। वे कई सालों से सोनिया गांधी के लिए चादर तैयार कर भेजती आ रही हैं।
दुआ तो कराओ-गहलोत
आस्ताना शरीफ से भी मंत्री बाहर आ गए और इसके बाद महफिल खाना से संदेश भी पढ़ कर सुना दिया गया। लेकिन अब तक वापसी के वक्त होने वाली दुआ नहीं हुई। सीएम अशोक गहलोत का इस ओर बराबर ध्यान था। उन्होंने खादिम गुर्देजी को इस बारे में अवगत कराया, तब अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगाराशाह ने लौटते वक्त बुलंद दरवाजे पर दुआ कराई।
वीरू-बसंती चढ़े टॉवर पर और जीत ली मुहब्बत की जंग
त्रंबोवड गांव निवासी हितेश चौहाण और आरती के बीच पिछले कई वर्षो से प्रेम संबंध हैं। लेकिन परिजन इनके रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे। इसी के चलते दोनों बीते रविवार को घर से भाग निकले थे। परिजनों ने इनकी गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी थी।
लेकिन मंगलवार को यह प्रेमी जोड़ा वापस गांव लौट आया और आत्महत्या की धमकी देते हुए यहां स्थित एक मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। दोनों के परिजनों को इसकी सूचना दी गई और वे भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों की लाख समझाइश के बाद भी दोनों टॉवर से जब नहीं उतरे तो पुलिस को यहां बुलाया गया।
पुलिस की टीम ने लड़की के पिता से बात की और उन्हें इनकी शादी के लिए मना लिया। जब लड़की के पिता ने लिखित में इनकी शादी करवाने की बात पर सहमति जताई, तब कहीं जाकर प्रेमी जोड़ा टॉवर से नीचे उतरा। कई घंटें चले इस हाई-वोल्टेज ड्रामे को देखने लगभग पूरा गांव यहां पर जमा हो गया था।
हर सिलेंडर पर बढ़ेंगे 400 रुपये, डीजल भी होगा 3 रुपये महंगा!
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक उच्चस्तरीय अधिकारी ने दैनिकभास्कर डाॅट काॅम को बताया कि सरकार ने डीजल की कीमत में 3 से 5 रुपये का इजाफा करने की योजना बनाई है। वहीं रसोई गैस की कीमत भी करीब 400 रुपये तक बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान स्थिति के चलते सरकार पर इसको बढ़ाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, डीजल को बाजार के हवाले करने को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि सरकार अभी केवल डीजल के दाम बढ़ाने पर फोकस है। अगले 1 साल में कोई विधानसभा चुनाव न होने के चलते सरकार डीजल-रसोई गैस पर सख्त फैसला लेने को तैयार हो गई है।
दिलचस्प है कि वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से डीजल पर 14 रुपये 29 पैसे प्रति लीटर सब्सिडी दी जा रही है। चालू वित्त वर्षके लिए सरकार ने ऑयल सब्सिडी के लिए 43,580 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से 40 हजार करोड़ रुपये सरकारी तेल कंपनियों को जाना है जो बाजार से कम कीमत पर पेट्रोलियम पदार्थ बेच रही हैं। सब्सिडी का बोझ देश के राजकोषीय घाटे पर भी भारी पड़ रहा है।
3 साल में 16 बार बढ़े हैं पेट्रोल के दाम, अब कैसे चलेगा काम?
दिलचस्प है कि पिछले तीन वर्ष के दौरान पेट्रोल 47 प्रतिशत और डीजल 25 प्रतिशत महंगा हुआ। 3 साल पहले पेट्रोल की कीमत करीब 44 रुपये प्रति लीटर थी, वहीं 7.50 रुपये के इजाफे से पहले ये आंकड़ा 67 रुपये के आस-पास बना हुआ था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में पिछले 3 सालों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कई बार आसमान पर पहुंची हैं। 3 सालों की इस अवधि में पेट्रोल की कीमतों में 16 बार और डीजल के दामों में 5 बार इजाफा किया गया है। पेट्रोल 44 से बढ़कर करीब 67 रुपये और डीजल 33 रुपये से बढ़कर 41 रूपये हो गया है।
सरकार ने 2 साल पहले पेट्रोलियम पदार्थों पर सब्सिडी के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों से जोड़ा था। जून 2010 में ऐसा होने के बाद पेट्रोल को प्रशासनिक मूल्य प्रणाली के दायरे से बाहर कर दिया गया था। इससे पेट्रोल पर सरकार का नियंत्रण लगभग खत्म हो गया था। इतना ही नहीं सरकार ने कंपनियों को वैश्विक बाजार कीमतों के आधार पर हर 15 दिन पर कीमतों में बदलाव तक की छूट दे दी थी।
आंकड़ों के मुताबिक, 2 जुलाई 2009 को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 44.72 रुपये प्रति लीटर थी। वहीं दिसंबर 2011 में ये कीमत 65 रुपये पर पहुंच गई थी।
तीन साल की इस अवधि में नवम्बर 11 में पेट्रोल की कीमत ऊपर में 68.64 रुपये प्रति लीटर तक भी पहुंची। इस दौरान डीजल की कीमत 32.67 रुपए से बढकर 40.91 रुपए पर पहुंच गई। हालांकि इस अवधि के दौरान डीजल के दाम ऊपर में 41.29 रुपये प्रति लीटर तक भी पहुंचे।
तेल कंपनियों की दुहाई है कि लागत से कम कीमत पर उत्पाद बेचने से सालाना उनकी अंडर रिकवरी लगभग एक लाख 39 हजार करोड रुपये तक पहुंच गई है जिससे कंपनियों की वित्तीय सेहत पर विपरीत असर पडा है।
अचूक दवा है ये सब्जी, करेगी इन रोगों का पक्का इलाज
आयुर्वेद यह मानता है कि इस संसार में जो भी द्रव्य हैं, उनमें कुछ न कुछ औषधीय गुण मौजूद हैं ,बस आवश्यकता है, जानकारी की। इसी प्रकार हमारे दैनिक प्रयोग में आने वाले फल सब्जियों में भी औषधीय गुण होते हैं। ऐसी ही एक सब्जी,मूली का प्रयोग हम अक्सर अपने भोजन में करते हैं। आप सोचते होंगे मूली में भला क्या खास होगा, तो हम आपको कुछ ऐसी चंद जानकारी देंगे, जिससे आप मूली को केवल मूली नहीं रोगों के मूल पर प्रहार करनेवाली के रूप में जानेंगे।
- मूली के पत्तों को सुखा कर इसे जला लें। अब बची राख को पानी में मिलाकर आग पर तब तक उबालें जब तक यह सूखकर क्षार का रूप न ले ले। अब इस क्षार की 500 मिलीग्राम की मात्रा में नियमित सेवन करने से श्वांस के रोगियों को लाभ मिलता है ।
-मूली की पत्तियों के रस को तिल के तेल में उबाल कर तेल बनाएं। 2-3 बूँद कान में टपकाने से पीड़ा में आराम मिलता है।
-मूली के पत्तों का रस दिन में दो से तीन बार 25 से 30 मिली की मात्रा में भोजन के बाद लें, यकृतदौर्बल्य में फाएदा पहुंचेगा ।
-पीलिया (जौंडिस) के रोगी के लिए मूली की सब्जी लाभदायक होती है ।
-यदि बवासीर के कारण खून आ रहा हो, तो फिटकरी पांच ग्राम मूली की पत्तियों के आधे लीटर रस में एक साथ उबाल लें। जब यह गाढ़ा हो जाए तो इसकी छोटी-छोटी गोलियां (250-500 मिलीग्राम ) बना लें। अब इसे उम्र के अनुसार एक से दो गोली मक्खन के साथ देने से निश्चित लाभ मिलता है।
-मूली के बीज का चूर्ण पांच से दस ग्राम की मात्रा में देने से स्त्रियों में अनियमित मासिकस्राव की समस्या से निजात मिल जाती है।
- मूली के ताजे पत्ते का रस डाययूरेटिक एवं मृदु विरेचक का काम करता है, अत: पथरी को बाहर निकालने में भी मददगार होता है।
- मूली के पत्तों का रस यदि मिश्री के साथ सेवन करें तो यह एंटएसिड का काम करता है।
-तिल के साथ आधी मात्रा में मूली के बीजों का सेवन किसी भी सूजन में प्रभावी है।
-मूली का सूप हिचकी को रोकने में कारगर होता है।
-मूली के पत्तों को दस से बीस ग्राम की मात्रा में एक से दो ग्राम कलमी शोरा के साथ मिलाकर पिलाने से मूत्र साफ आता है। तो मूली में ऐसे कई गुण मौजूद हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन यहां प्रस्तुत किया गया है। हाँ यदि इसे चिकित्सकीय परामर्श से मात्रा एवं पथ्य खाने योग्य- अपथ्य व चिकित्सा के समय त्याग देने योग्य को ध्यान में रखकर लिया जाए तो यह कमाल की औषधि है।
गर्मियों में ऐसे बनाकर पीएं चाय नुकसान नहीं, होगा फायदा ही फायदा
अभी तक आपने यही सुना होगा गर्मियों में चाय सेहत के लिए हानिकारक होती है, लेकिन यह सिक्के का सिर्फ एक पहलू है। हानिकारक समझे जाने वाली यही चाय आपके लिए बेहद लाभदायक भी हो सकती है। तरीके बदलने से परिणाम भी बदल जाते हैं। सही तरीके से बनी चाय आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। आइए जाने कि गुणों से भरपूर ऐसी लाभदायक चाय किस तरह बनती है....
आवश्यक सामग्री:
तुलसी के सुखाए हुए पत्ते (जिन्हें छाया में रखकर सुखाया गया हो) 500 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, तेजपात 100 ग्राम, ब्राह्मी बूटी 100 ग्राम, बनफ शा 25 ग्राम, सौंफ 250 ग्राम, छोटी इलायची के दाने 150 ग्राम, लाल चन्दन 250 ग्राम, काली मिर्च 25 ग्राम और थोड़ा पुदीना। सब पदार्थों को एक-एक करके इमाम दस्ते (खल बत्ते) में डालें और मोटा-मोटा कूटकर सबको मिलाकर किसी बर्नी में भरकर रख लें। बस, तुलसी की चाय तैयार है।
बनाने की विधि :
आठ प्याले चाय के लिए यह 'तुलसी चाय' का मिश्रण (चूर्ण) एक बड़ा चम्मच भर लेना काफी है। आठ प्याला पानी एक तपेली (केटली) में डालकर गरम होने के लिए आग पर रख दें। जब पानी उबलने लगे तब तपेली नीचे उतार कर एक चम्मच मिश्रण डालकर फौरन ढक्कन से ढक दें। थोड़ी देर तक सीझने दें फिर छानकर कप में डाल लें। इसमें दूध नहीं डाला जाता। मीठा करना चाहें तो आग पर तपेली रखते समय ही उचित मात्रा में शकर डाल दें और गरम होने के लिए रख दें।
फायदे:
ऊपर बताए गए प्रयोग से बनी चाय आपको ताजगी और स्फूर्ति के साथ ही तंदरुस्ती का अतिरिक्त लाभ भी देती है । तुलसी की चाय प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाकर रोगों से बचाने वाली, स्फूर्तिदायक, पाचन शक्ति बढ़ाने वाली और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाली होती है।