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27 मई 2012

इधर मिली जीत, उधर शाहरुख ने मांग ली माफी


चेन्नई। कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान ने आखिरकार इंडियन प्रीमियर लीग-5 जीत ही लिया। जीत के बाद शाहरुख खान की खुशी की कोई सीमा नहीं थी। फाइनल मैच जीतने के तुरंत बाद वे पूरे उत्साह के साथ मैदान में आए और अपनी टीम के खिलाड़ियों को बधाई दी।

यही नहीं, इसी बीच उन्होंने अपनी पिछली गलती पर माफी मांगना उचित समझा। जीत के बाद शाहरुख ने कहा कि एक साथ कई चीजों को महसूस कर रहा हूं पर मेरे पास व्यक्त करने के लिए अल्फाज नहीं है। इस दौरान कुछ बुरे अनुभवों से भी गुजरना पड़ा।

सबसे बुरा अनुभव एमसीए मैदान में गार्ड के साथ हुए दुर्व्यवहार वाली घटना है। मुझे उस घटना पर खेद है। शाहरुख ने कहा कि मेरे दर्शकों को उस दिन अत्यंत ही बुरा वाकया देखना पड़ा जो कि आने वाले समय में कभी नहीं होगा। मैंने जीत हासिल कर ली है और उम्मीद है कि मेरे दर्शक आगे भी समर्थन देंगे। वाकई में रोमांस किंग गलतियों की भारपाई करना बखूबी जानते हैं।

महान कवि रहीम के मकबरे से ऐसी बेरुखी क्यों?


नई दिल्ली. गंगा जमुनी तहजीब के प्रतीक रहे हिन्दी (ब्रज और अवधि) के कालजयी कवि रहीम का मकबरा आज उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। कभी बादशाह अकबर के नवरत्नों में शुमार इस कवि की यह अंतिम निशानी आज वक्त के थपेड़ों और लोगों की अनदेखी से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में वीरान पड़ी है। दक्षिण दिल्ली के पॉश कॉलोनी ईस्ट-वेस्ट निजामुद्दीन के बीच स्थित अब्दुल रहीम खान ए खाना के मकबरे की दीवारों और पत्थरों की चिनाई तेजी से गिर रही है। यही नहीं यहां सैलानियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं हैं। रिनोवेशन के अभाव में इस मकबरे के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है।

आर्किलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया उत्तरी क्षेत्र के निदेशक मुहम्मद केके ने बताया कि इस इमारत को सबसे ज्यादा नुकसान 18वीं सदी में हुआ। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर तो इस मकबरे का पुनर्निर्माण होना चाहिए, जिससे इस इमारत की आयु को बढ़ाया जा सके। जानकारी हो कि अकबर के नावरत्नों में शामिल रहीम का यह मकबरा मुगल बादशाह जहांगीर के शासनकाल में बनाया गया था और 18वीं सदी में इसके बलुआ पत्थर और संगमरमर को निकालकर सफदरजंग के मकबरे में लगा दिया गया था। इस वजह से इसके इतिहास और पुनर्निर्माण को लेकर अटकलें हमेशा बनी रहीं।

इस विषय पर शिक्षाविद् फिरोज बख्त अहमद का कहना है कि ऐसी बातें कह कर एएसआई अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है। उन्होंने कहा कि इन स्थलों पर साल में एक बार कवि की याद में कार्यक्रम होने की अनुमति हो तो इन स्थलों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ेगी और यहां साफ सफाई के साथ लोगों का आना-जाना भी होगा। उन्होंने कहा कि गालिब की तुलना में इन फनकारों के साथ हमेशा से भेदभाव किया जा रहा है। रहीम के मकबरे के समीप ही सूफी संत ख्वाजा निजामुद्दीन ऑलिया की दरगाह, उनके शिष्य कवि और संगीतज्ञ अमीर खुसरो की मजार, उर्दू के नामचीन शायर मिर्जा गालिब की मजार और देश में तैमूर शैली का एकमात्र स्थापत्य मौजूद है।

नितीन गडकरी जन्मदिन मनाने से डरते क्यों हैं?

नागपुर. भाजपाध्यक्ष नितीन गडकरी ने कहा है कि किसी भी क्षेत्र में कामयाबी के व्यक्तिगत आनंद का महत्व नहीं है। अपनी कामयाबी औरों के लिए आनंददायी होनी चाहिये। अपने जन्मदिन पर मिली शुभकामनाओं का आभार मानते हुए श्री गडकरी ने कहा कि राजनीति में उन्होंने उम्मीद से कहीं ज्यादा पाया है। लोगों के आशीर्वाद से वे और अधिक ऊर्जा के साथ आम लोगों के लिए कार्य करना चाहते हैं।

सत्ता पद के बारे में उन्होंने कहा कि यह भी अजीब बात है कि जो हम मांगते हैं वो नहीं मिलता, जिससे दूर जाते हैं वह गले पड़ता है। 55 वें जन्मदिन पर श्री गडकरी का सत्कार किया गया। नितीन गडकरी अभिनंदन समिति की ओर से रविवार की शाम देशपांडे सभागृह में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपने संबोधन में मां व महापुरुषों को जीवन का आदर्श मानते हुए श्री गडकरी ने कहा कि उनके कार्यो को गरीबों से प्रेम मिला है, वे गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करेंगे। विकास के लिए दूरदर्शी सोच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण आवश्यक है। दाह संस्कार प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में लकड़ी जलायी जाती है। वृक्ष भी जीव है। गैस आधारित संयत्रों का दाह संस्कार में इस्तेमाल हो तो वृक्षों की जान बचेगी।

मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विकास शिरपुरकर ने कहा कि समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने वालों को अहम से बचना चाहिए। कृतित्व की सीमा नहीं होती उसके उड़ने के लिए पंख होता है। उन्होंने श्री गडकरी को नागपुर का गौरव माना। पूर्व सांसद बनवारीलाल पुराहित ने कहा कि आदर्श राजा जनता के प्रति उत्तरदायी होता है। व्यक्तिपूजा से सावधान कराते हुए उन्होंने कहा कि श्री गडकरी पहले ही गणोश परिक्रमा के बारे में बयान देते रहे हैं। उन्हें बढ़ती जिम्मेदारी के साथ सावधानी भी बरतनी होगी। प्रस्तावना गिरीश गांधी ने रखी। उन्होंने कहा कि श्री गडकरी का व्यक्तित्व राजनीतिक दायरे से बाहर आकर सराहना करने योग्य है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी व वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे ने भी ऐसे व्यक्तित्व का साथ देना चाहिये। मंच पर कंचन गडकरी, उदयभास्कर नायर, पद्मेश गुप्ता, बलबीरसिंह रेणु, सांसद हंसराज अहिर, सांसद अजय संचेती, महापौर अनिल सोले, जिप अध्यक्ष संध्या गोतमारे, विधायक देवेंद्र फड़णवीस, कृष्णा खोपड़े, सुधीर पारवे, आशीष जैस्वाल समेत अन्य राजनीतिक व व्यवसायिक क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

नाट्य प्रस्तुति
कार्यक्रम की शुरुआत में अभिनेता शेखर सेन ने संत कवि तुलसीदास के जीवन पर आधारित एकांकी नाटक प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति की सभी ने सराहना की। उनका श्री गडकरी ने सत्कार भी किया।

अर्थ का अनर्थ न हो जाए

सत्कार कार्यक्रम एकदम सादगीपूर्ण रहा। राजनीतिक उत्साह नजर नहीं आया। श्री गडकरी ने कहा कि वे अर्थ का अनर्थ होने से सचेत रहने लगे हैं। अक्सर मीडिया में ऐसी खबरें आने लगती है जो अनर्थ की परिचायक हैं। सावधानी बरतते हुए वे मंच से कम बोलने लगे हैं। हर वर्ष जन्मदिन समारोह मनाने की चाह नहीं है। लोगों के प्रेम को सम्मान करना पड़ता है। ऐसे समारोह का कोई अनर्थ न लगाएं।

कुरान का संदेश

राजस्थान मदरसा बोर्ड उर्दू शिक्षण पाठ्यक्रम चलाएगा .मोलाना फ्ज्लेह्क

राजस्थान मदरसा बोर्ड शीघ्र ही राजस्थान में उर्दू जुबां को फरोग देने के लियें तीन माह का एक विशेष प्रशिक्षण कोर्स चलाएगा उक्त कोर्स से संबधित प्रशिक्षित व्यक्ति योग्यता धारक होने पर मदरसा बोर्ड में नियुक्ति भी प्राप्त कर सकेगा ........उक्त जानकारी देते हुए मदरसा बोर्ड राजस्थान सरकार के चेयरमेन मोलाना फजले हक ने कहा के उर्दू भारतीय जुबान है किसी जाती ..धर्म वर्ग की जुबान नहीं इसे सिखने इसे बोलने इसे लिखने का सभी वर्ग के लोगों का हक है इसीलियें यह विशेष कोर्स प्रारम्भ किया जा रहा है ..मोलाना फजले हक आज कोटा जिला वक्फ कमेटी कार्यालय में आयोजित तेबा क्लासेज़ के पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे ....मोलाना फजले हक ने कहा के तेबा क्लासेज़ मोलाना सईद मुख़्तार साहब मदरसों और दुनयावी स्कुलो में पढने वाले बच्चों को इक्कीस दिनों में दिनी तालीम देने के मकसद से चलाई थी और यह काम हर साल किया जा रहा है ...इस कार्यक्रम में लडकियों का इकबाल बुलंद रहा ......कार्यक्रम में जिला वक्फ कमेटी के सदर अज़ीज़ अंसारी ..राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के प्रदेश संयोजक अख्तर खान अकेला ..राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के एजाज़ अहमद अज्जू भाई ..समाज सेवक सलीम अब्बासी नेशनल बेटरी . मुफ्ती शमीम अशरफ .अंसारी पंचायत के कोटा अध्यक्ष लियाक़त अंसारी ..शाहिद मुल्तानी अल्फ्लाह के रफ़ीक बेलियम ..सहित कई मोलाना और समाजसेवक शामिल थे सभी ने मदरसा और स्कूली बच्चों की होसला अफजाई की ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

व्यापारी के कपड़े उतरवाकर थाने में घुमाया, यातना दी


जयपुर. पुलिस मुख्यालय में डीजीपी कार्यालय की विजिलेंस शाखा की जांच में सामने आया कि कि जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने एक मकान को खाली करवाकर चहेते को कब्जा दिलाकर फायदा पहुंचाने के लिए झूठी शिकायत के आधार पर व्यापारी को धारा 151 में गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस हिरासत के दौरान व्यापारी को नंगा करके थाने में घूमाया गया और हवालात में बंदकर मानसिक यातनाएं दी गई। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि गिरफ्तार के छह माह बाद ही कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस उपायुक्त पूर्व जयपुर ने भी इस प्रकरण में माना कि पुलिस ने पीड़ित को बिना जुर्म एवं घटना के गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय से आईजी सीआईडी सीबी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत 15 मई 2012 को उपलब्ध कराई गई जांच रिपोर्ट से सामने आए है। आरटीआई से निकाले गए दस्तावेजों में डीआईजी सतर्कता पुलिस मुख्यालय के मुताबिक मालवीय नगर सेक्टर 12 निवासी पीड़ित सुरेश सिंह की शिकायत पर 28 फरवरी 2012 को परिवाद दर्ज किया गया था। इस प्रकरण के जांच अधिकारी विजिलेंस शाखा के इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना ने जांच करके 7 अप्रेल 2012 को डीआईजी विजिलेंस को रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी है। डीबी स्टार के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक परिवादी सुरेश सिंह ने इस प्रकरण को लेकर डीजीपी एचसी मीना से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस मुख्यालय को की गई शिकायत में पीड़ित सुरेश सिंह चौहान ने जवाहर सर्किल थाने में उस समय तैनात एसआई एवं तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग करने एवं झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था। तत्कालीन मुख्य सचिव एस. अहमद के हस्तक्षेप के बाद मकान को गलत तरीके से मकान को खाली करवाने वाले एसआई प्रहलाद मीणा को घटना के बाद ही थाने से हटाकर एसपी ऑफिस में लगाया गया था। पद के दुरुपयोग के आरोपी इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़ अभी आदर्श नगर थाने में लगे हुए है। विजिलेंस ने जांच में यह आरोप सही माने विजिलेंस इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना की ओर से डीआईजी को सौंपी गई अपनी जांच रिपोर्ट में यह आरोप प्रमाणित मानते हुए आगे की कार्रवाई के लिए लिखा है। 1. उपनिरीक्षक प्रहलाद मीणा और तत्कालीन जवाहर सर्किल थाना प्रभारी सूर्यवीर सिंह ने पद का दुरुपयोग करके एक महिला को गैर कानूनी लाभ पहुंचाने एवं मकान खाली करवाने के लिए राठौड़ी कार्यवाही कर महिला की झूठी शिकायत पर प्रार्थी सुरेश सिंह को विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 5 जुलाई 2011 की रात आठ बजे धारा 151 के अंतर्गत गलत बंद किया गया। जिसको बाद में कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व ने भी कार्रवाई को झूठा माना। 2. उपनिरीक्षक प्रहलाद मीणा ने परिवादी सुरेश सिंह के अंत वस्त्रों को छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतरवाकर थाने में घूमाया गया। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर खटाना की टिप्पणी के मुताबिक गोपनीय रूप से जानकारी लेने पर पता चला कि परिवादी सुरेश सिंह के शरीर से कपड़े उतरवा लिए थे और परिवादी के साथ पुलिस अभिरक्षा में दोनों पुलिसकर्मियों ने र्दुव्‍यवहार कर हवालात में बंद किया था। 3. जांच रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दिन 6 जुलाई को एसआई प्रहलाद सिंह एवं तत्कालीन जवाहर सर्किल थानाधिकारी ने गलत तथ्यों के आधार पर सुरेश सिंह के खिलाफ एक इस्तगासा तैयार करवाकर कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस आयुक्त जिला जयपुर पूर्व के वहां पेश किया गया। जहां प्रार्थी सुरेश ने जुर्म को अस्वीकार किया था एवं जमानती मुचलके पर छूटा। इसके बाद इस प्रकरण में 5 माह बाद न्यायालय ने 13 दिसंबर 2011 को दिए निर्णय में इस्तगासा को झूठा माना। इससे परिवादी को मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी। आरोप प्रमाणित, फिर भी कुछ याद नहीं जवाहर सर्किल के तत्कालीन थाना प्रभारी सूर्यवीर सिंह राठौड़ से सवाल : आप जब जवाहर सर्किल थाना प्रभारी थे, उस समय के मामले में आपके खिलाफ सुरेश सिंह ने झूठे तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस में जो शिकायत की थी, जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए है? यह मामला कब का है, मेरे को याद नहीं आ रहा है। : आरटीआई दस्तावेजों के मुताबिक जब आप जवाहर सर्किल थाना प्रभारी लगे थे, तब 5 जुलाई 2011 को सुरेश सिंह को झूठी शिकायत पर गिरफ्तार किया था। विजिलेंस जांच में आया कि थाने में पीड़ित के कपड़े उतारे गए एवं मानसिक यातना दी गई थी। व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए गलत गिरफ्तारी की गई थी ? एक साल पुराना यह मामला आप बता रहे हो, वो मेरे ध्यान में नहीं है। मैं किसी सुरेश सिंह को नहीं जानता हूं। आरोप भी सारे निराधार है। : दस्तावेज के मुताबिक विजिलेंस के जांच इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना को आपकी तरफ से स्पष्टीकरण भी दिया गया है, जो उस जांच रिपोर्ट में शामिल है? मैंने आपको बताया न कि मैं अभी आदर्श नगर में एसएचओ लगा हुआ हूं, मुझे पुराना कोई मामला याद नहीं आ रहा है।

भारतीय डॉक्‍टरों का ताउम्र बहिष्‍कार करेंगे आमिर खान



मुंबई. देश में डॉक्‍टरों और अस्‍पतालों के गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए जिम्‍मेदार संस्‍था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) एक बार फिर कठघरे में खड़ी हो गई है। एमसीआई के प्रमुख डॉ. तलवार ने रविवार को आमिर खान के शो 'सत्‍यमेव जयते' में माना कि लाइसेंस पाने के लिए मेडिकल कॉलेज किराए के डॉक्‍टर, मरीज तक जुटाते हैं और डोनेशन के नाम पर मेडिकल कॉलेजों में करोड़ों की हेराफेरी हो रही है। हैरत की बात यह है कि डॉ. तलवार ने इसके बावजूद यह माना कि ज्‍यादातर डॉक्‍टर एमसीआई के मानकों पर खरे उतरते हैं।

आमिर ने उन्‍हें बताया कि उनकी रिसर्च के मुताबिक ज्‍यादातर डॉक्‍टर ऐसे पाए गए जिनका लाइसेंस सदा के लिए रद हो जाना चाहिए (एमसीआई के मानकों के मुताबिक)। कितने डॉक्‍टरों के साथ ऐसा हुआ है? इस सवाल पर डॉ. तलवार झेंप गए। आमिर ने बताया की उनकी ओर से दाखिल आरटीआई में सरकार से पूछा गया था कि बीते 50 सालों में कितने डॉक्‍टरों का लाइसेंस सदा के लिए रद किया गया? जवाब सिर्फ 2008 से 2012 के दौरान का मिला और बताया गया कि एक भी डॉक्‍टर का लाइसेंस हमेशा के लिए रद नहीं हुआ है।


देश के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में व्‍याप्‍त धांधली से लोगों को रूबरू कराते हुए आमिर खान ने यह संकल्‍प भी लिया कि अब वह कभी अपना इलाज भारत में नहीं करवाएंगे।

शो के जरिए बताया गया कि फार्मा कंपनियां हर एक डॉक्‍टर पर एक लाख 31 हजार और कुल 12000 करोड़ रुपये सालाना खर्च करती हैं। किसी खास कंपनी की दवा लिखने के लिए डॉक्‍टर तीस फीसदी तक कमिशन मांगते हैं। पैथोलॉजी टेस्‍ट पर 50 फीसदी तक का कमिशन है।

एफबी पर हुआ प्‍यार तो दूसरी शादी करने के लिए मुसलमान बन गईं असम की विधायक


गुवाहाटी.असम की एक विवाहित महिला विधायक का पिछले कुछ दिनों से अतापता नहीं चल रहा है। बताया जा रहा है कि वह संभवत: प्रेमी के साथ विवाह करके बंग्‍लादेश चली गयीं हैं।

कहा जा रहा है कि दो साल की बच्‍ची की मां और बारखोला विधानसभा क्षेत्र से विधायक रूमीनाथ( 32) ने इस्‍लाम धर्म स्‍वीकारा और सरकारी नौकरी करने वाले जैकी जाकिर से निकाह कर‍के पड़ोस के देश में चली गईं हैं। जाकिर से उनकी मुलाकात सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक (एफबी) के जरिए हुई थी। इन दोनों की शादी करीब एक महीना पहले हुई थी।

जब उनकी नई शादी की तस्‍वीरें स्‍थानीय टीवी चैनलों पर आनी शुरू हुईं तो उन्‍होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि ये तस्‍वीरें फर्जी हैं। हालांकि उन्‍होंने गत मंगलवार को अपनी दूसरी शादी को स्‍वीकार कर लिया। शुक्रवार को उन्‍होंने मीडिया के लिए एक वीडियो जारी किया जिसमें पता चलता है कि राज्‍य के मंत्रिमंडल में शामिल सिद्दीकी अहमद ने इस शादी की व्‍यवस्‍था की।

रूमी के पहले पति राकेश सिंह ने सिद्दीकी की शिकायत मुख्‍यमंत्री तरुण गोगोई से की और पत्‍नी के ‘अपहरण’ की प्राथमिकी पुलिस में दर्ज कराई।
रूमी ने मीडिया को बताया कि जाकिर ही उनके कानूनी पति हैं और उनका राकेश सिंह से कोई संबंध नहीं है। वह जल्‍द ही तलाक की अर्जी दायर करेंगी। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि ‘ राजनीतिक दबाव’ की वजह से उन्‍होंने पहले अपने दूसरे विवाह की सार्वजनिक स्‍वीकारोक्ति नहीं की थी।

उन्‍होंने कहा कि दूसरी शादी से पहले उन्‍होंने इस्‍लाम ग्रहण कर लिया इसलिए अब हिन्‍दू मैरिज एक्‍ट के प्रावधान उन पर लागू नहीं होते। वह अपनी बच्‍ची को वापस लेने के लिए भी दावा करेंगी।
रूमी पहले भाजपा में थीं लेकिन कुछ साल पहले राज्‍यसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मत डालने के कारण उन्‍हें निकाल दिया गया था।

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