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29 मई 2012

खनन माफिया का एक और खूनी खेल, ट्रक रोका तो हवलदार को कुचला


मुरैना/धौलपुर। मुरैना में चंबल नदी से अवैध तरीके से रेत भरकर धौलपुर की ओर ले जा रहे ट्रक को जब राजस्थान पुलिस के हवलदार और सिपाही ने रोकने का प्रयास किया तो चालक ने दोनों को कुचल दिया। हवलदार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सिपाही गंभीर रूप से घायल है। घटना धौलपुर शहर की मचकुण्ड रोड पर मंगलवार दोपहर दो बजे की है। मृतक के परिजन ने थाने के स्टाफ पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।

जानकारी के मुताबिक अवैध रेत को ट्रक में भरते हुए मुरैना के सरायछोला थाना प्रभारी पीएन पाल ने देखा था। इसके बाद उन्होंने ट्रक का पीछा किया। इसकी सूचना धौलपुर पुलिस की सागर पाड़ा चौकी को दी। चौकी पर मौजूद हवलदार महेंद्र सिंह व सिपाही वीरेंद्र सिंह ने बाइक से ट्रक का पीछा किया। दोनों ने ट्रक को ओवरटेक कर रोकने का प्रयास किया। लेकिन ड्राइवर ने ट्रक रोकने के बजाय उन्हें टक्कर मार दी। महेंद्र ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

वहीं वीरेंद्र गंभीर रूप से घायल है। एसपी हरेंद्र कुमार ने कहा, ‘ट्रक को जब्त कर लिया गया है। चालक और हेल्पर फरार हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। मारे गए पुलिसवालों के परिवारों की पूरी मदद की जाएगी। उनके आरोपों की भी जांच होगी।’

बेखौफ खनन माफिया

आईपीएस अफसर को ट्रैक्टर से कुचला

8 मार्च (मुरैना) : होली के दिन मुरैना जिले में कार्रवाई करने पहुंचे युवा आईपीएस अफसर नरेंद्र कुमार को खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला। मामले की सीबीआई जांच जारी।

शराब माफियाओं का हमला

8 मार्च (भिंड) : ड्राई डे होने के बावजूद माफिया शराब बेच रहे थे। आईपीएस अफसर एएसपी जयदेवन कार्रवाई करने पहुंचे तो उन पर डंडे और लाठियों से हमला।

ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश

17 मार्च (शिवपुरी) : कोलारस में पत्थर माफिया ने एसडीओ के वाहन पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। दतिया में इसी दिन कंजोली रेत खदान पर दो पक्षों में फायरिंग।

तहसीलदार पर दौड़ाई जेसीबी

18 अप्रैल (देवास) : कन्नौद में अवैध उत्खनन को रोकने गईं तहसीलदार मीना पाल पर खनन माफिया ने जेसीबी चढ़ाने की कोशिश की। तहसीलदार ने नाले में कूदकर अपनी जान बचाई।

कुरान का संदेश

कुरान का संदेश

गोपालगढ़ मामले में सीबीआई और सरकार की भूमिका पर उठाए सवाल

मुस्लिम फोरम का आरोप, सीबीआई ने पीडि़तों को गिरफ्तार कर लिया जबकि हिंसा के शिकार लोगों की 14 एफआईआर पर नहीं की कोई कार्रवाई

जयपुर। भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में हुई हिंसा के मामले में राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। राजस्थान मुस्लिम फोरम ने गोपालगढ़ मामले की जांच में सीबीआई और सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। राजस्थान मुस्लिम फोरम के इंजीनियर मोहम्मद सलीम, संयोजक कारी मोइनुद्दीन और वकार उल अहद ने सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत मेें कहा कि गोपालगढ़ मामले की जांच में सीबीआई की निष्पक्षता सवालों के घेरे में हैं।

सीबीआई ने हिंसा करने के मामले में दोषियों को पकडऩे के बजाय पीडि़तों पर ही मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेलों में बंद कर दिया है। गोपालगढ़ के सदर अब्दुल गनी कुरैशी के परिवार के पांच लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया जबकि इस परिवार की दुकानें और मकान जला दिए गए और परिवार के कई सदस्य हिंसा का शिकार हुए।

उन्होंने कहा कि गोपालगढ़ मामले में कलेक्टर को जिस तरह कैट ने क्लीन चिट दी है, उसमें सरकार की गलती साफ तौर पर नजर आती है। सरकार ने कलेक्टर को निलंबित तो कर दिया लेकिन उसके खिलाफ इस मामले में जांच पूरी नहीं की। इस तकनीकी खामी का फायदा दोषी कलेक्टर को मिला और कैट ने उसके निलंबन को रद्द कर दिया। राज्य सरकार का रवैया अल्पसंख्यकों के प्रति सही नहीं है। मुस्लिम फोरम की मांग है कि मौजूदा मुख्यमंत्री के राज में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए उन्हें बदला जाना चाहिए।

पीडि़त युवक ने सुनाई आपबीती

भरतपुर जिले के गोपालगढ़ कस्बे में पिछले साल 14 सितंबर को हुई हिंसा में पीडि़त अल्पसंख्यक समुदाय के युवक ने उस दिन की दिल दहला देने वाली सच्चाई बयां की। गोपालगढ़ निवासी अली मोहम्मद ने बताया कि 14 सितंबर को दंगाइयों ने उनके घर और दुकानें जला दीं। दंगाइयों ने पुलिस के साथ मिलकर लोगों को मारा।

पीडि़त युवक ने बताया कि उसके परिवार की तीन दुकानों में लूटपाट के बाद आग लगा दी गई। घरों को जला दिया गया। आंखों के सामने कई लोगों को पुलिस की गोलियों से मरते देखा। गोली लगने के बाद कई दंगाइयों ने कुल्हाडिय़ों से लोगों को काटा और पास के कुएं के पास आग के हवाले कर दिया। इस घटना में मेरे परिवार का सब कुछ तबाह हो गया। सीबीआई ने एक दिन भरतपुर बयान लेने के लिए पिता और भाइयों को बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। हमारा ही नुकसान हुआ और अब हमें ही जेल भेजा जा रहा है।

सामने आया साइबरवर्ल्ड का सबसे बड़ा वायरस, कंप्यूटर को बना देता है जासूस


मास्को. एक ऐसे साइबर वायरस का पता चला है जो कंप्यूटर पर हमला करके उसे जासूस बना देता है और बिना पकड़ में आए तमाम जानकारियां चुरा लेता है। यह बेहद खतरनाक वायरस पिछले दो साल से साइबर स्पेस में मौजूद था लेकिन इसे हाल ही में पकड़ा गया है।


मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक यह वायरस अब तक के सबसे चर्चित कंप्यूटर वायरस 'स्टक्सनेट' और 'डूकू' से भी खतरनाक है। इस वायरस को सबसे पहले मास्को स्थित केस्परस्काई लैब के सुरक्षा विशेषज्ञों ने पकड़ा है।

माना जा रहा है कि इस बेहद खतरनाक वायरस को किसी देश ने बनाया है। केस्परस्काई के विशेषज्ञ एलेक्सेंडर गोस्तोव ने अपने केस्परस्काई की वेबसाइट पर ब्लॉग पर लिखा, 'डूकू और स्टक्सनेट ने मिडिल इस्ट में चल रहे साइबर युद्ध को और भीषण कर दिया था लेकिन अब हमें साइबर स्पेस का सबसे खतरनाक वायरस मिला है।'

मास्को में स्थित केस्परस्काई लैब, ईरान की मेहर कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम को आर्डिनेशन सेंटर और हंगरी की बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इकोनॉमिक्स की क्रिप्टोग्रॉफी एंड सिस्टम सिक्यूरिटी लैब ने साइबर हमलों के अध्ययन के दौरान इस ट्रोजन को पकड़ा।

फ्लेम, फ्लेमर या स्काईवाइपर नाम का यह ट्रोजन हमला करके किसी भी कंप्यूटर को जासूसी मशीन में बदल सकता है।

यह मशीन पर हमला करके उसके नेटवर्किंग ट्रैफिक पर नजर रख सकता है, स्क्रीनशॉट लेकर उन्हें अपने कमांड सेंटर भेज सकता है, कंप्यूटर के माइक्रोफोन के जरिए इसे इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की आवाज रिकार्ड कर सकता है, पासवर्ड चुरा सकता है, कीबोर्ड पर कौन से बटन दबाए जा रहे हैं उन्हें पहचान सकता है, ब्लूटूथ के जरिये कंप्यूटर से अन्य डिवाइस को जोड़कर उनका डाटा डिलीट कर सकता है।

इस वायरस के अभी तक सबसे ज्यादा हमले मध्यपूर्व एशिया और अफ्रीका में हुए हैं। ईरान में इसके अब तक 168 हमले हुए हैं।

कोटा के अरुण भार्गव राजस्थान सरकार की जनभाव अभियोग समिति में सम्भागीय सदस्य और प्रभारी नियुक्त


दोस्तों आप है कोटा के जुझारू और संघर्ष शील समर्पित कोंग्रेसी कार्यकर्ता ..जी हाँ इन्हें नेता इसलियें नहीं लिखा जा रहा है के इन्हें नेता कहने से नाराजगी होती है ..सदा जीवन और उच्च विचार का भाव लिए ना काहू से दोस्ती ना काहू से बेर की तर्ज़ पर आप लोगों की सेवा में निकल पड़े है और छात्र जीवन से ही संघर्ष इनका मिशन बन गया है ....वेसे तो अरुण भार्गव अपने छात्र जीवन से ही पीड़ितों और शोषितों को न्याय दिलाने के लियें संघर्ष करते रहे है लेकिन उस वक्त इनका तरीका उग्र था और यह हर तरह से ताकत के बल पर अधिकारीयों और कर्मचारियों से लोगों के काम कराने के लियें मशहूर थे .....छात्र जीवन में क्रांतिकारी और उग्र विचार रखने वाला एक छात्र अरुण भार्गव गांधी दर्शन के बारे में जानकर गाँधीवादी हो गये और अब यह जनाब सेवा और समर्पण भाव से ही लोगों की खिदमत में जुटे है .....अरुण भार्गव को उनकी सेवाओं और संघर्ष को देखते हुए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनेह हाल ही में जनभाव अभियों समिति का प्रदेश सदस्य और कोटा सम्भाग का प्रभारी नियुक्त किया है ....इस समिति के प्रदेश सदस्य मनिय मुमताज़ मसीह साहब हैं ...सभी को पता है के कोंग्रेस कार्यकर्ता के रूप में घर घर और गली गली जाकर लोगों के घरों में दस्तक देकर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाला यह सेवक लोगों की आँखों का तारा है ...खुद अपने जीवनयापन के लियें स्कूल संचालित कर रहे है लेकिन लोगों के कामों में व्यस्तता के कारण इनका बुज़िनेस इनके भाई संभाल रहे है ..अरुण भार्गव कोटा नागरिक सहकारी बेंक के उपाध्यक्ष भी रहे हैं ..और आज भी वोह सहकारिता आन्दोलन के लियें संघर्ष शील है ..अरुण भार्गव राजस्थान सरकार में शेर दिल विकासवादी सोच रखने वाले स्वायत शासन मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल के वफादारों में से भी है और इसीलियें कोटा में मुफ्त और तुरंत चिकित्सा के लियें कोटा की जनता को यह जनाब आदरणीय शांति कुमार धारीवाल के बिहाफ पर सुविधाएँ उपलब्ध कराते है ...बच्चों के चाचा नेहरु कहे जाने वाले भाई अरुण भार्गव बच्चों के शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे है और इसीलियें इन्हें राजस्थान सरकार ने जिला बाल समिति में भी ज़िम्मेदारी दी है और यह जनाब इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभा रहे है ..अभी हाल ही में भार्गव साहब का सपरिवार एक्सीडेंट हो गया था लेकिन इश्वर की क्रपा थी और लोगों की दुआएं जो हादसे में इनके और परिवार की जान बच गयी ..और अब पैर में फ्रेक्चर के बाद आप स्वस्थ होकर फिर से लोगों की सेवा में जुट गए है ..अरुण भार्गव कोंग्रेस संगठन में सक्रिय नेता होने के कारण रामपुरा ब्लोक के अध्यक्ष हैं और सभी जिम्मेदारियां संभाल रहे है ..हर दुखी ..पीड़ित और परेशन के आंसू पोंछने के प्रयासों में जुटे इस शख्सियत को अब लोग भाईसाहब के नाम से भी जान्ने लगे है राजस्थान सरकार ने इनकी इसी प्रतिभा और सेवा समर्पण निर्भीकता को देखते हुए अब इन्हें राजस्थान और खासकर कोटा संभाग की जनता को की समस्याओं के निराकरण और उनकी शिकायतें सुनवाई का ज़िम्मा सोंपा है ..इश्वर करे ..खुदा करे भाई अरुण भार्गव अपन इस मिशन में इस हद तक कामयाब हों के कोटा जिले ही नहीं कोटा संभाग में ही नहीं पुरे राजस्थान में कोई पीड़ित नहीं रहे और किसी की भी शिकायत ऐसी नहीं हो जिसका तुरंत निराकरण नहीं हो सके ऐसी शख्सियत को सलाम ..आदाब ..मुबारकबाद .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दूसरों की जिंदगियों

दोस्तों हम और आप
दूसरों की जिंदगियों
में झाँकने
और उनके बारे में बातें करने में
जितना वक्त खर्च करते हैं
उससे आधा वक्त भी
हम खुद को
संवारने ॥
सूधारने में खर्च कर लें
तो हम दुनिया के
बहतरीन और सुकून पसंद आदम बन सकते है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

तिवारी को देना ही पड़ा 'खून', 1 हफ्ते में सच से हटेगा पर्दा

देहरादून . पितृत्‍व विवाद में फंसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के खून का नमूना ले लिया गया है। एक हफ्ते के अंदर तिवारी के खून के नमूने के परीक्षण का नतीजा आ जाएगा। तिवारी के खून के नमूने से लिए गए डीएनए का मिलान रोहित शेखर और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा के डीएनए से किया जाएगा, जिससे यह साफ हो जाएगा कि एनडी तिवारी रोहित शेखर नाम के शख्स के जैविक पिता हैं या नहीं।

तिवारी के खून का नमूना लेने के लिए जिला जज के नेतृत्व में एक टीम देहरादून में मौजूद उनके घर मंगलवार की सुबह पहुंची। इस टीम में जिला जज के अलावा पैथोलॉजिस्‍ट और शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के सब रजिस्ट्रार भी देहरादून पहुंचे।

खून का नमूना लेने देहरादून पहुंची टीम के साथ एनडी तिवारी के पुत्र होने का दावा करने वाले रोहित शेखर और उनकी मां उज्‍ज्‍वला शर्मा भी रहे। ये लोग भी टीम के साथ तिवारी के बंगले में गए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तिवारी की अदालती कार्यवाही की गोपनीयता बरकरार रखने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। रोहित शेखर का दावा है कि वह तिवारी का पुत्र है और तिवारी को ब्लड सैंपल देने के लिए शेखर ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।
एनडी तिवारी के आवास के बाहर आज सुबह से ही पुलिस बल तैनात रहा।
क्या होता है डीएनए टेस्ट
दुनिया में हर इंसान का डीएनए अलग अलग होता है। बेटे के डीएनए में उसके मां और बाप के डीएनए के अंश होता है। मां बाप के डीएनए से ही बेटे का डीएनए बनता है। डॉक्टरों के अनुसार, ब्लड की जांच से यह पता लगाया जाएगा कि इसमें माता पिता का हिस्सा कितना है। यानी ब्लड में से डीएनए निकालेगा। डीएनए में थोड़े बेंड मां के होंगे और थोड़े बाप के होंगे। डीएनए टेस्ट के लिए ब्लड को हैदराबाद स्थित लैब में भेजा जाएगा। एक सप्ताह में रिपोर्ट आ जाएगी।

अमेरिका को चुनौती: ड्रोन को मार गिरा सकता है पाकिस्‍तान!




इस्लामाबाद.पाकिस्तान के विवादास्पद परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान ने अमेरिका को एक तरह से चुनौती दी है। खान ने कहा है कि पाकिस्तान के पास ऐसे हथियार हैं, जो अमेरिका के ड्रोन हमलों का जवाब दे सकते हैं। विवादित परमाणु वैज्ञानिक ने कहा है कि उन्होंने 15 साल पहले काहूता में ऐसी मिसाइल बनाई थी, जो ड्रोन को मार गिरा सकती है।

पाकिस्तान के अखबार 'द नेशन' ने डॉ. खान के हवाले से लिखा है कि बाहरी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान की सुरक्षा बेहद मजबूत है, लेकिन पाकिस्तान के अंदरूनी हालात को देखते हुए असली खतरा देश के भीतर से है। डॉ. खान ने कहा, 'हमने योजना बनाई थी कि देश प्रगति, शिक्षा और औद्योगिक विकास पर ध्यान देगा, लेकिन शासकों ने जनता के पैसे को जमकर लूटा है।'

वैज्ञानिक खान ने कहा कि पाकिस्तान 1983 में ही परमाणु ताकत बन गया था। लेकिन तब की जनरल जिया उल हक की सरकार ने अफगान जिहाद और उससे जुड़ी कई गतिविधियों को देखते हुए उन्हें परीक्षण की इजाजत नहीं दी थी। इस वजह से पाकिस्तान ने ये परीक्षण 1998 में किए। खान ने कहा, 'हम लोग 1983 से तैयार थे इसी वजह से मैं चाहता था कि पाकिस्तान भारत से पहले परमाणु हथियारों का परीक्षण कर ले।' उनके मुताबिक, 'जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो पाकिस्तान सरकार हिल गई थी। हमें भारत से ऐसे कदम की उम्मीद नहीं थी। तब की सरकार के पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह भारत को मुंहतोड़ जवाब दे सके। इसलिए मुझे और मेरी टीम को दखल देना पड़ा।'

गौरतलब है कि अमेरिका डॉ. एक्यू खान पर यह आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने ईरान और उत्तर कोरिया को चोरी छुपे परमाणु हथियार तैयार करने की तकनीक मुहैया कराई है। इसी के तहत उन्हें पाकिस्तान में कई साल नज़रबंद रखा गया था।

...जब खाकी वाले ने उखाड़ दी साहबों की लालबत्ती


मोहाली।मोहाली में सोमवार को ट्रैफिक पुलिस की ओर से नाका लगा कर ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों वाहन चालकों के चालान काटे गए। नाके के दौरान एसएसपी मोहाली गुरप्रीत सिंह भुल्लर भी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।

एसएसपी मोहाली ने कहा कि शहर में चलने वाले जो वाहन चालक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघना कर रहे है उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी इस तरह के नाके लगाकर कार्रवाई की जाएगी।

फेज 4 में लगाए गए नाके के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने ब्लैक फिल्म लगी कारों के चालान भी किए। पीसीआर इंचार्ज और ट्रैफिक इंचार्ज सहित एसपी मोहाली हरप्रीत सिंह सहित कई पुलिस वाले नाके दौरान उपस्थित थे। एसपी मोहाली हरप्रीत सिंह ने कहा कि शहर में ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वाले वाहन चालकों के चालान किए गए है जो दर्जनों में है।

फेज 5 की मार्केट में खड़ी एक जेड ब्लैक काली फिल्म लगी कार का चालक जब मौके पर नहीं आया तो उसे क्रेन की मदद से उठा लिया गया। नाके के दौरान कई लाल बत्ती लगी वाहनों की बत्तियां उतारी गई और उनका चालान किया गया। लालबत्ती लगी कारों में कोई अकाली दल का नेता था तो कोई एक्स एमएलए था। नाका दोपहर तक चल रहा था और पुलिस की ओर से चालान काटने का सिलसिला जारी था।

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