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03 जून 2012

दोनो पैर गायब, एक हाथ भी नहीं, दूसरे हाथ में दो उंगलियां और बना अफसर

मंडी. वह जन्म से विकलांग था लेकिन विकलांगता उसके लिए कभी हीन भावना नहीं रही। उसने मात्र दो अंगुलियों के बलबूते कामयाबी हासिल की। जिद और जुनून की यह अनूठी कहानी गोहर के दीवान चंद शर्मा की है। वह उच्च शिक्षा हासिल कर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में अनुभाग अधिकारी के पद पर तैनात हैं। वे जन्म से ही दोनों टांगों और एक बाजू से महरुम है। दूसरे हाथ में भी सिर्फ दो अंगुलियों (अंगूठा और सबसे छोटी अंगुली) ही है।

इस जज्बे को सलाम

ओहदे से ज्यादा बात है उस जज्बे की, जिस की बदौलत दीवान चंद ने फिजिकली चैलेंज्ड होने के बावजूद दुनिया के सामने बिरला उदाहरण पेश किया है। दीवान चंद की 1997 में ऑडिटर के पद पर नियुक्ति हुई थी। 2008 में उन्होंने स्टेट एकाउंट सर्विसेज (एसएएस) की परीक्षा पास कर सेक्शन ऑफिसर का पद हासिल कर लिया। पांच साल बाद दीवान चंद क्लास वन गेजेटिड ऑफिसर बन जाएंगे।

संघर्ष ने दिलाई सफलता

शुरू में दो अंगुलियों से कलम पकड़ कर लिखने में बहुत मेहनत करनी पड़ी। गोहर से दसवीं प्रथम श्रेणी में, बीकॉम और एमकॉम मंडी डिग्री कॉलेज से और एचपीयू से एमफिल की। इस दौरान पिता प्रेमदास का सड़क देहांत हो गया।

पत्नी चलाती हैं कार

दीवान चंद ने 2003 में विकलांग सविता को जीवन साथी बनाया। वे कार्तिकेय (7) और धैर्य (3) दो बेटों का बाप हैं। पति का साथ देने के लिए पत्नी ने कार चलाना सीख लिया।

नहीं भूला कॉलेज टाइम

दोस्तों ने हमेशा हौसला बढ़ाया और साथ दिया। कॉलेज के दिन कभी नहीं भूल सकता। दोस्तों ने पढ़ाई के दौरान मुझमें हीन भावना पैदा नहीं होने दी। इससे आत्मसम्मान से जीने का जज्बा पैदा हुआ।

कुराना का संदेश

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गाँव डायर और बोर्ड केथोड़ी गाँव का लगा है कोटा में

दोस्तों कोटा के भारत सिंह राजस्थान सरकार में सार्वजनिक मंत्री है और यह जनाब इनके अपने जिले में भी सार्वजनिक निर्माण विभाग के लोगों से सही काम नहीं ले पा रहे है .......आज हमे किसी काम से कोटा के कस्बे सुल्तानपुर में जाना था जब हम अ रहे थे तो सिमलिया से कोटा मार्ग पर एक बोर्ड केथोड़ी का लगा हुआ था इस गाँव में गणेश जी का मन्दिर है जहाँ दूर दराज़ से लोग दर्शन करने आते है तो जनाब कई लोग इस बोर्ड के पास खड़े थे और गणेश जी के मन्दिर को ढूंढ़ रहे थे काफी कोशिशों के बाद एक ग्रामवासी जब सड़क पर आये तो उन्होएँ बताया के भाई यह बोर्ड यहाँ सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा गलत लगा दिया है यह गाँव तो डायरा है और यहाँ एक हफ्ते से गलत बोर्ड लगने से लोग परेशान हो रहे हैं ..इस मामले में एक पत्रकार जी भी आ गये जिन्हें सारी बात बताई तो वोह कहते है के भाई अभी तो फोटू खेचेंगे फिर यह खबर छपेगी तभी यह गलती सार्वजनिक निर्माण वाले ठीक करेंगे ..लेकिन पत्रकार जी बिना खबर छापे पतली गली से खिसक लिए हैं जनाब और खबर लापता है ............

एक राष्ट्रभक्त की रूह अपने जिस्म में डाल कर देखा है

जब भी किसी ने खुद
एक हिन्दुस्तानी
एक आम इंसान
एक भारतीय
एक राष्ट्रभक्त
की रूह
अपने जिस्म में डाल कर देखा है
उसके अपने देश के रक्षक
अपने देश के सियासी नेता
अपने देश के धर्मगुरु
साधू हो या संत पंडित हो या मोलवी
पुलिस हो या जज
सभी को हां सभी को
गद्दार सिर्फ गद्दार पाया है ..
इस सच को
जो नंगा सच है
जो देश के सभी लोग समझते हैं
जब जब भी
मुझ जेसे किसी ने लिखा है
तो ऐसे लोगों को
कोंग्रेसी ने गद्दार ..भाजपाई ने देशद्रोही माना है
मेने खुद से सवाल किया ऐसा क्यूँ
दूर एक कुए से मुझे आवाज़ आई
छोड़ इनकी बातें
यह जो सोचते हैं सोचने दे
इनमे कोई हिन्दू है .कोई मुसलमान
कोई कोंग्रेसी है कोई भाजपाई
कोई मोक़परस्त है
कोई मोलवी है कोई पंडित है
कोई साधू है कोई संत है कोई वली है
सभी वोह लोग है
जो तुम्हे मुझे और देश को
ठग ठग कर अपने घर भर रहे है
में यह बात किसी को कहता
लेकिन ]
फिर मेरे दिल से आवाज़ आई
चुप ..पागल मत बन
जेसा चलता है चलने दे
वरना कोई तुझे गद्दार कहेगा
कोई कहेगा मुसलमान कोई कहेगा राष्ट्रविरोधी
क्योंकि मिडिया भी इनका चमचे भी इनके
भीड़ भी इनकी कागज़ भी इनका कलम भी इनकी
मुंसिफ भी इनका पुलिस भी इनकी
तू तो अकेला है तेरा क्या
तेरे जेसे कितने होंगे एक दो तीन दस बीस
लेकिन यह तो लाखों नहीं करोड़ों नहीं एक अरब से ज्यादा हो गए हैं
इसीलिए चुप समझ ले
यह झुन्ठों और मक्कारों की महफ़िल है
सच बोले तो तुम भी निकले जाओगे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

देश में बरसों से जमी गंदगी को साफ़ करने के लियें केवल राष्ट्र के नाम पर केवल एक दिन और फिर भी खुद को राष्ट्रभक्त कहलवाना चाहते है ..हां ..हां हां हां

दोस्तों यह मेरा हिंदुस्तान है यह मेरा भारत महान है यहाँ देशभक्तों और राष्ट्रभक्तों की भी अजब कहानी है देश के लियें कुछ करते नहीं देश के लियें लड़ते नहीं देश के लियें मरते नहीं मोका आने पर भाग जाते है ........खूब खाते हैं मोज उड़ाते है और खुद अपने मुंह मिया मिट्ठू बनकर खुद को राष्ट्रभक्त देशभक्त कहलवाना चाहते है जिसके पास रुपया पैसा मार्केटिंग है वोह तो लोगो को उल्लू बना कर खुद को रह्स्त्रभ्क्त कहलवाने में कामयाब होता है लेकिन ऐसे सभी लोगों को देश और देश के लोगों की फ़िक्र होती है बढ़े आराम के साथ यह वोह लोग है जिनके पास देश के लियें वक्त नहीं है ...हमारे अन्ना जी उम्र के आखरी पढ़ाव में देश को याद करने के लियें आगे आये जब जनता उनके साथ थी तो वोह बीच में ही जनता का साथ छोड़ कर चल दिए और जब उनकी सच्चाई लोगों के सामने आने लगी तो पहले चुनाव से दूर हुए और फिर कभी कभार दिखावे के लियें विरोधी स्वर निकलने लगे .......अब बाबा रामदेव जी के बारे में सुनिए जब देश लोकपाल पर एकजुट था तो आप अलग हो गए थे और जब बाबा रामदेव देश की समस्या पर बोले तो अन्ना अलग हो गये थे दोनों देश के लियें बोल रहे थे देश के लियें लड रहे थे लेकिन दोनों की दिशाएं उत्तर दक्षीण थी क्योंकि इनका मकसद खुद को हीरो बनाना था मांगे मनवाना या देश के लोगों को समस्याओं से नुजात दिलाना नहीं था ..अब आप कहावत सुनिए बहुत शोर सुनते थे सीने में दिल का जो चीरा तो कतराए खूं ना निकला ..जी हाँ दोस्तों यह कहावत पहले तो अन्ना भाई के लियें सही साबित हुई फिर रामदेव जी के लियें सटीक रही ..........अब हम पुरानी बातें छोड़कर आज की बात करे महीनों पहले से आज के कार्यक्रम की तय्यारी थी और देश के महत्वपूर्ण मुद्दों समस्याओं पर बाबा रामदेव बोल रहे है लेकिन बेचारे अन्ना बेचारे रामदेव उनके पास है के देश के लियें देश की जनता के लियें वक्त ही नहीं ...कई सालों की गंदगी साफ करने के लियें बाबारामदेव के पास देश को देने के लियें केवल एक दिन वोह भी सांकेतिक ...बाबा रामदेव अन्ना पहले भी देश का वक्त बर्बाद कर चुके है अब कहते है के अभी तो बस प्रतीकात्मक है अगस्त में आरपार की लड़ाई होगी मतलब क्या है ..दो सालों से यह लोग देश की जनता को बेवकूफ बना रहे है और केवल अपना एक दिन वोह भी सरकार को धमकी देने के लियें फिर दो महीने की छुट्टी ..कहीं सेटिंग हो जाए तो हम खामोश हो जायेंगे वरना अगस्त में जनता बेवकूफ बनाने फिर आयेंगे ..अरे भाई देश में भ्रष्टाचार है ..मंत्री भ्रष्ट है ..देश का काला धन बाहर है यह स्वीकृत तथ्य है फिर इन मामलों पर लड़ाई के लियें आज से ही आर पार की लड़ाई की शुरुआत क्यूँ नहीं क्यूँ धमकियां ही धमकियां दी जा रही हैं ...........ऐसा लगता है के बाबा रामदेव जनता को अपने साथ अपनी ताक़त बताकर सरकार से कुछ सोदेबजी करना चाहते है वरना आज से ही इन मुद्दों पार लड़ने के लियें बाबा रामदेव के पास कोई अड़चन नहीं है ...बाबा रामदेव जो दो सालों से तय्यारी में हैं लेकिन आरपार की लड़ाई नहीं है प्रधानमत्री को कुछ नहीं कहते केवल मंत्री चोर है .....बाबा रामदेव योग गुरु हो सकते है देश भक्त हो सकते है ..सियासत में सबसे आगे हो सकते है लेकिन उन्हें यह पता नहीं के यह पब्लिक है सब जानती है अगर लड़ना है तो आज से ही आरपार की लड़ाई लड़ो वरना यह सोदेबाज़िया ये बार बार लोगों को बुलाना उनका वक्त बर्बाद करना बंद करो .....देश की जनता के लियें तो चाहे लुटेरे हो ..चाहे मंत्री हो ..चाहे नेता हो ..चाहे संगठन के नेता हों ..चाहे समाजसेवक हो ..चाहे साधू संत ..मुल्ला मोलवी हों चाहे अन्ना हों चाहे बाबारामदेव हो जो भी हो सभी एक ही थेली के चट्टे बट्टे है और इसीलियें मुझे मेरे देश के लोगों को यह आज और कल करके ठग रहे है जिन्हें जब जनता अपनी वाली प़र आएगी तो सडकों पर भगा भगा कर मारेगी .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कच्चे दूध को चेहरे पर ऐसे लगाएं मुंहासे गायब हो जाएंगे




युवा अवस्था में मुंहासों का होना आम समस्या होती है क्योंकि इस उम्र में शरीर में हार्मोन्स संबंधी परिवर्तन हो रहे होते हैं। यही कारण है कि लाख कोशिशों के बाद भी युवाओं को इस समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाता। लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खें बताए गए हैं जिनके प्रयोग से आपको मुंहासों की इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे नुस्खे जो अनुभव की कसौटी पर तो खरे हैं ही साथ ही इनका कोई नकारात्मक प्रभाव यानी कि साइड इफेक्ट भी नहीं होता है...

- नींबू के रस में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। तीस मिनट बाद चेहरा सादे पानी से धो लें।

- गाय के कच्चे दूध में जायफल को घिस लें और पेस्ट तैयार करें, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं फिर सूखने के बाद उबटन की तरह छुड़ा लें इसकेबाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। इस प्रयोग से 4 से 5दिनों के अन्दर ही मुहासे गायब होने लगेंगे और उनके दाग भी नहीं बनेंगे।

- जैतून के तेल को रोज रात में सोते समय चेहरे पर लगाएं ऐसा करने से मुहासे और चेहरे पर हो रही फुंसियां ठीक हो जाती हैं।

विशेष: मुहांसे और फुंसियों की समस्या से निजात मिलने तक अधिक मीठा, ऑइली, बासी व ठंडा, न खाएं।
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