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10 जून 2012

मंगलसूत्र लेकर पहुंचा लड़की के पास, जान देकर दी प्रेम की परीक्षा


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जींद. रधाना गांव के एक युवक का जब बीबीपुर गांव की एक लड़की के साथ तय रिश्ता टूट गया तो उसने रविवार दोपहर लड़की के पर के बाहर जाकर जहर निगल लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता किताब सिंह ने शिकायत में आरोप लगाया कि लड़की पक्ष के रिश्तेदार वीरेंद्र कंडक्टर निवासी हिसार ने उसके बेटे को आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। पुलिस मामले की गहनता से छानबीन कर रही है।


रधाना गांव निवासी 29 वर्षीय जसबीर का रिश्ता कुछ समय पहले बीबीपुर गांव में तय हुआ था। दोनों पक्ष की ओर से शादी की तैयारियां शुरू की जाने लगी थी। जसबीर अपनी होने वाली पत्नी के फोटो आदि लिए हुए था। शायद इसी बीच उन्होंने आपस में फोन आदि से बातचीत भी की।


लेकिन कई दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों के चलते लड़की पक्ष की ओर से रिश्ता करने से मना कर दिया गया। रिश्ता टूटने से आहत जसबीर हमेशा परेशान रहने लगा था। रविवार को उसने बीबीपुर गांव में जाकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली। बीबीपुर गांव का सरपंच सुनील जागलान उसे गाड़ी में लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचा और उसके परिजनों को सूचित किया।

मंगलसूत्र लेकर पहुंचा था जसबीर : रविवार को जसबीर मंगलसूत्र लेकर बीबीपुर गांव में पहुंचा। साथ ही उसने एक सल्फास की डिब्बी व कीटनाशक की शीशी ली हुई थी। इससे पहले उसने तीन-चार पेज का सुसाइड नोट लिखा हुआ था।

पुलिस को जेब से मिले सुसाइड नोट में जसबीर ने लड़की के साथ प्रेम प्रसंग की बातें लिखी हुई थी और कहा गया कि पर वाले धोखा दे सकते हैं पर लड़की नहीं। वह उसे बहुत चाहता है और उससे ही शादी करेगा। साथ ही सुसाइड नोट में कहा कि लड़की प्यार नहीं पैसों की भूखी है।
पुलिस ने जसबीर के शव का सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। मृतक युवक के पिता ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को हिसार निवासी कंडक्टर वीरेंद्र जोकि लड़की वालों का रिश्तेदार है ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

बदल सकता था महाभारत का अंत अगर न चली गई होती एक चाल!

बात उस समय की है जब पांडवों और कौरवों के बीच महाभारत का युद्ध चल रहा था। उस समय भीम के पुत्र घटोत्कच व नाग कन्या अहिलवती के पुत्र बर्बरीक ने अपनी मां से इस युद्ध में भाग लेने की अनुमति मांगी। बर्बरीक की मां ने उसे युद्ध में भाग लेने की अनुमति देते हुए कहा कि वह युद्ध में उस पक्ष का साथ देगा जो निर्बल होगा।अपनी माता से आज्ञा लेकर बर्बरीक युद्ध के लिए निकल गए। उस समय उसके तरकश में मात्र तीन ही बाण थे जो कि उन्हें भगवान शिव से वरदान स्वरुप मिले थे।वे इन तीनो बाणों से तीन लोक जीत सकते थे।

जब बर्बरीक युद्ध के लिए चले जा रहे थे तभी उन्हें ब्राह्मण वेशधारी भगवान कृष्ण मिले और उन्होंने सवाल किया कि वे सिर्फ तीन बाण लेकर युद्ध में क्या करेंगे, इस पर बर्बरीक ने कहा कि वे इन तीन बाणों से ही सारे ब्रह्माण्ड को हिलाने का हौसला रखते हैं। तब भगवान कृष्ण ने परीक्षा लेने के उद्देश्य से एक पीपल के पेड़ की और इशारा करते हुए कहा- यदि ऐसा है तो वे इस पीपल के पेड़ के सभी पत्तों को एक ही बाण से भेद कर दिखाएं। बर्बरीक ने बाण चलाया और सभी पत्तों को भेद दिया, पेड़ के सभी पत्तों को भेदने के बाद वह बाण कृष्ण के पैर के चक्कर लगाने लगा। बर्बरीक समझ गए कि कृष्ण के पैर के नीचे पीपल का पत्ता दबा हुआ है, उन्होंने कृष्ण से कहा- आप अपना पैर हटा लीजिये नहीं तो वह घायल जो जाएगा।

भगवान कृष्ण इस वीर की वीरता देखकर प्रसन्न हुए और पूछा कि वे युद्ध में किसकी ओर से भाग लेंगे, बर्बरीक ने कहा माता ने कहा है जो पक्ष निर्बल होगा उसी का साथ देना। उस समय कौरव युद्ध हार रहे थे, कृष्ण यह सोचकर चिंता में पड़ गए कि यदि बर्बरीक ने कौरवों का साथ दिया तो पांडव हार जायेंगे और उन्होंने बिना समय गंवाए बर्बरीक से उसका शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने हंसते हुए अपना शीश काटकर कृष्ण को दे दिया। शीश देने से पहले बर्बरीक ने कहा कि वे इस युद्ध को पूरा देखना चाहते हैं तब कृष्ण ने बर्बरीक का शीश युद्ध स्थल के पास सबसे ऊंचे स्थान पर रख दिया। कृष्ण ने उन्हें वरदान दिया कि वे कलयुग में खाटू श्याम के नाम से पूजे जाएंगे और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करेंगे।


राजस्थान के सीकर जिले में खाटूश्याम का मंदिर इसी वीर बर्बरीक का है जहां दूर-दूर से भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ती के लिए मन्नत मांगते हैं।ऐसा कहा जाता है खाटूश्याम जी का यह स्थान वही है जहां भगवान कृष्ण ने युद्ध देखने के लिए बर्बरीक का शीश रखा था।

बहन की अस्मत बचाने के लिए भाई चढ़ा टावर पर

डेराबस्सी. अपनी बहन को न्याय दिलाने की मांग को लेकर छोटा भाई बीएसएनएल के टावर पर चढ़ गया। उसने बहन से रेप और धोखाधड़ी के आरोप में पति समेत ससुरालियों को गिरफ्तार करने की मांग की। उसने ऐसा नहीं करने पर जान देने की धमकी दी। नरेश कुमार (20) की बहन ममता और परिजनों ने तहसील रोड पर रोष प्रदर्शन किया। हालांकि पुलिस ने बाद दोपहर आरोपी बहनोई धर्मवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन नरेश ने ससुराल पक्ष के अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किए जाने तक टावर से नीचे उतरने से इनकार कर दिया।

यह है मामला

कोर्ट के हस्तक्षेप पर पुलिस ने गत वर्ष 25 मई को ममता के पति समेत ससुराल पक्ष के पांच सदस्यों पर धोखाधड़ी, रेप व दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज किया था। नरेश की शिकायत है कि साल बीत जाने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। इस बीच आरोपियों की उच्च अदालतों में जमानत की याचिकाएं भी खारिज हो गईं। नरेश के अनुसार जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक वह टावर पर ही रहेगा। उसने धमकी दी है कि गिरफ्तारी न होने पर 13 जून को सुसाइड कर लेगा।

पुलिस ने लगाया जाल

युवक के टावर पर चढ़कर सुसाइड की धमकी देने पर पुलिस प्रशासन सचेत हुआ। इस बीच टावर के आसपास जाल लगाया गया है, वहीं नरेश को समझाने की भी कोशिश की गई। डीएसपी अनिल कुमार व एसएचओ गुरदयाल सिंह ने ममता व उसके परिजनों से बात की।

बर्बादी की कहानी, ममता की जुबानी

11 मार्च 2007 को यमुनानगर निवासी धर्मवीर सिंह के साथ ममता की शादी हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी लोहिनी पिता के पास जबकि सवा साल का बेटा ममता के पास है। 2009 में बेटे के जन्म से पहले धर्मवीर सिंह ने ममता से कहा कि उसे इंग्लैंड जाना है लेकिन विवाहित होने के चलते उसे वीजा मिलने में मुश्किल आ रही है। धर्मवीर ने ममता से कहा कि अगर वे तलाक ले लें तो उसे वीजा मिल जाएगा। उसने ममता को अपने मायके वालों से यह बात गुप्त रखने को कहा। ममता ने धर्मवीर के कहने पर तलाक के कागजात पर साइन कर दिए। तलाक देने के बाद धर्मवीर ने ममता को उसके मायके छोड़ दिया। इस दौरान ही उनके छोटे बेटे का जन्म हुआ।

तलाक के बावजूद फिर आए साथ

मोहाली कोर्ट में 9 सितंबर 2009 को दोनों में तलाक हो गया। इसके कुछ समय बाद धर्मवीर फिर से ममता को घर ले आया। ममता के अनुसार कुछ महीने बाद धर्मवीर का रवैया फिर पहले जैसा हो गया। उससे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता। जुलाई 2010 में ममता फिर अपने मायके आ गई और परिजनों को जानकारी दी। इस बीच उसके ससुर गुलजार सिंह ने ममता के दोनों भाईयों पर गहने चोरी व ममता की बेटी लोहिनी को किडनैप करने के दो मामले दर्ज कराए। लोहिनी अभी अपने पिता धर्मवीर सिंह के पास ही है। ममता के परिजनों की शिकायत पर धर्मवीर सिंह व उसके परिजनों पर धोखे से तलाक देने के लिए, तलाक के बावजूद शारीरिक संबंध बनाने व दहेज उत्पीड़न के लिए केस दर्ज किए गए।

देश भर के वकील 11 जुलाई को करेंगे हड़ताल


हायर एजूकेशन एंड रिसर्च बिल-2011 का विरोध, लोकसभा के मानसून सत्र से पहले जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना भी देंगे

जोधपुर। देशभर के वकील लोकसभा के मानसून सत्र में पेश किए जा रहे हायर एजूकेशन एंड रिसर्च बिल-2011 के विरोध में 11 व 12 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा व बिल की प्रतियां जलाई जाएंगी।



बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन इन्द्रराज सैनी ने रविवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि केन्द्र सरकार हायर ऐजूकेशन एंड रिसर्च बिल संसद में पेश करने जा रही है जिसके पारित हो जाने पर एडवोकेट्स एक्ट 1961 के तहत बार कौंसिल ऑफ इंडिया को विधिक शिक्षा संचालन के बाबत मिले अधिकारों को खतम करने जा रही है।


उन्होंने बताया कि इस संबंध में 19 मई को नई दिल्ली में मनान कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में बार कौंसिल ऑफ इंडिया की बैठक हुई थी जिसमें देश भर के स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन व सचिव तथा सदस्य मौजूद थे। बैठक में प्रस्तावित नए बिल के विरोध में 11 व 12 जुलाई को देश व्यापी हड़ताल करने का निश्चय किया गया। प्रेसवार्ता में मौजूद कौंसिल के पूर्व चेयरमैन जगमालसिंह चौधरी, वायस चेयरमैन आरपी सिंघारिया, तथा सदस्य मनोज गर्ग व संजय शर्मा भी मौजूद थे।

क्या असर होगा प्रस्तावित बिल स

इस बैठक में बताया गया कि एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से ग्लोबलाईजेशन के नाम पर प्रस्तावित नए बिल के पारित हो जाने पर विधिक शिक्षा के संचालन के लिए वर्तमान में बार कौंसिल ऑफ इंडिया की ओर से संचालित उस उच्चस्तरीय लीगल एजूकेशन कमेटी को नेशनल हायर कमीशन से स्थानापन्न करना चाहती है।
बार कौंसिल की कमेटी के चेयरपर्सन सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश होते हैं व सदस्यों के रूप में किसी स्टेट हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस , न्यायाधीश, विधि विवि के वाइस चांसलर, विधि सचिव, यूजीसी चेयरमैन, एटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया तथा सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सहित बार कौंसिल के 5 नामित सदस्य होते हैं। नए कानून के अनुसार प्रस्तावित हायर कमिशन में राजनीतिक नियुक्तियों वाले सदस्य होंगे जो देश की विधिक शिक्षा का भविष्य तय करेंगे ।

कुरान का संदेश

900 साल पुराने मंदिर से निकला करोड़ों का सोना

कोल्हापुर. मंदिरों में बेशकीमती खजाना मिलने का सिलसिला जारी है। केरल के मंदिर के बाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर के खजाने ने सबको हैरत में डाल दिया है।
करीब 900 साल पुराने इस मंदिर के खजाने की इनदिनों गिनती चल रही है। मंदिर के खजाने में सोने के गहनों के ढेर हैं। मंदिर में पहले ही दिन सोने के ऐसे गहने निकले हैं, जिनकी बाजार में कीमत करोड़ों में है। इस मंदिर से अब तक सोने के बेशकीमती गहने मिले हैं। इनमें महालक्ष्मी का मुकुट, सोने के हार, चंद्रहार, श्रीयंत्र हार, सोने के घुंघरू, 49 मोहरों वाली स्वर्ण माला, तलवार और हीरों की कईं मालाएं शामिल हैं।
मंदिर का खजाना इतना बड़ा है कि इसकी गिनती 17 जून तक जारी रहेगी। मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। पूरे मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। खजाने की गिनती के बाद गहनों का बीमा करवाया जाएगा।


इतिहासकारों के मुताबिक कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में कोंकण के राजाओं, चालुक्य राजाओं, आदिल शाह, शिवाजी और उनकी मां जीजाबाई तक ने चढ़ावा चढ़ाया है। इस मंदिर को 7वीं शताब्दी में चालुक्य राजाओं ने बनवाया था। यह मंदिर 27 हजार वर्गफुट में फैला है। मंदिर 51 शक्तिपीठों में शुमार है। आदि शंकराचार्य ने महालक्ष्मी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की थी।

मोदी ने उड़ाया मनमोहन का मजाक



राजकोट. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार के भ्रष्टाचार से लोग हताश हैं। भाजपा की गुजरात प्रदेश कार्यकारिणी के दूसरे दिन पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री ने डंके की चोट पर कहा था कि भारत की विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहेगी। राज्यसभा में भी केंद्र सरकार ने यही दावा किया था, लेकिन मई महीने में पता चला कि भारत की विकास दर पांच प्रतिशत से भी नीचे चली गई है।

मोदी ने अपने भाषण में सिर्फ गुजरात को लेकर नहीं बल्कि पूरे देश की चिंता करते हुए केंद्र सरकार पर तीखे तीर छोड़े। साफ है कि मोदी राष्ट्रीय राजनीति में अपनी बढ़ती दिलचस्पी के लगातार सुबूत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास को राजनीति के एजेंडे में सबसे ऊपर गुजरात के लोग लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस बार भी गुजरात की जनता बीजेपी की सरकार को चुनेगी और राज्‍य की विधानसभा के अगले साल होने वाले चुनावों में कांग्रेस का पत्‍ता साफ हो जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास विकास की कई नई इबारत लिखने का मौका था लेकिन सरकार ने इसे गंवा दिया और भारत को निराशा की गर्त में डुबो दिया। देश का युवा बेरोजगार है, खून के आंसू रो रहा है और कांग्रेस के नेता देश के युवाओं को जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

मोदी ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हर महीने भाषण में कहते हैं कि महंगाई कम करेंगे और इसके लिए समय बताते थे। सरकार बनाते वक्त उन्‍होंने कहा था कि सौ दिन के भीतर महंगाई कम हो जाएगी, लेकिन अब तो उन्‍होंने समय बताना भी छोड़ दिया है।वह महंगाई कम करें या न करें लेकिन कम से कम वहां तक तो लाकर छोड़ दें, जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी छोड़ कर गए थे।

मोदी ने कहा कि भारत के रुपये के मुकाबले डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। पाकिस्तान का रुपया नहीं टूट रहा है, नेपाल, भूटान और श्रीलंका जैसे छोटे-छोटे देशों की करंसी में गिरावट नहीं हुई है तो फिर हिंदुस्तान का रुपया क्यों टूट रहा है? देश जानना चाहता है कि इसका कारण क्या है? दरअसल इसका कारण आर्थिक नहीं है। यह तो केंद्र सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से टूट रहा है।

उन्‍होंने कहा 'विकास की राजनीति के साथ-साथ हमने सद्भावना की बात की भी की है। पिछले साल सितंबर माह में सद्भावना की शुरुआत करने के बाद से मैंने 36 जिलों में उपवास किया है।' 'मैं सद्भावना उपवास के अनुभव के आधार पर मैं डंके की चोट पर कहना चाहता हूं कि मैं विकास की राजनीति के साथ-साथ इस चुनाव और आगे के तमाम चुनावों में शांति, अहिंसा और प्रेम के रास्ते पर चलेंगे।'

उन्‍होंने राजनीति में जातिवाद के इस्‍तेमाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसके नाम पर कुछ नेताओं ने उत्तर प्रदेश का क्या हाल करके रखा । गुजरात का यह हाल नहीं होने दिया जाएगा।
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