यहां तड़पती जिंदगी का दर्द सुन कोई तुरंत ब्लड देने को तैयार हुआ तो कोई ब्लड डोनर कार्ड व कोई बाइक पर बिठाकर हाथोंहाथ ब्लड दिलाने के लिए चल पड़ा। भास्कर ने 10 लोगों से ब्लड के लिए गुहार की तो 8 लोग तुरंत ब्लड देने को तैयार हो गए। उनमें ऐसा जज्बा दिखा शहर में ऐसे चिराग हों तो जिंदगियां बुझना मुश्किल है।
डिलीवरी के लिए चाहिए एक यूनिट ब्लड
संवाददाता- भैया, एक यूनिट ब्लड चाहिए।
ब्लड डोनर- कहां से आए हैं, किसलिए चाहिए?
संवाददाता- भाभी अस्पताल में भर्ती है, डिलीवरी में खून की जरूरत है।
ब्लड डोनर- कौनसा ग्रुप है?
संवाददाता- बी-पॉजिटिव
ब्लड डोनर- ठीक है मेरा भी यही है, चलो मैं ही दे देता हूं। चलो बाइक पर बैठो।
(ब्लड डोनर महावीर से हुई बातचीत)
कार्ड ले जाओ मिल जाएगा ब्लड
संवाददाता- अंकल, दो यूनिट ब्लड चाहिए, दोस्त का बेटा अस्पताल में भर्ती है।
ब्लड डोनर- कहां से आए हो, कौनसा यूनिट चाहिए
संवाददाता- कोटा से ही हूं, बी-पॉजिटिव ब्लड चाहिए।
ब्लड डोनर- ब्लड डोनेशन कार्ड लो, एक यूनिट मिल जाएगा। दूसरा यूनिट परिजनों से मिल जाए तो ठीक नहीं तो फ्रेंड को फोन कर देता हूं।
संवाददाता- ठीक है कार्ड दे दो।
(ब्लड डोनर राजेंद्र इस तरह आए मदद को आगे)
जनवरी में रक्तदान किया था अभी ले लो
संवाददाता- एक यूनिट ब्लड चाहिए, भैया का एक्सीडेंट हो गया है? हड्डी वार्ड में भर्ती है।
ब्लड डोनर- कहां से आए हो, किस ग्रुप का ब्लड चाहिए?
संवाददाता- बूंदी से आया हूं। बी पॉजिटिव है।
ब्लड डोनर- जल्दी चलो ब्लड बैंक में मेरा भी बी-पॉजिटिव है। जनवरी में रक्तदान किया था, फिर कर सकता हूं।
(ब्लड डोनर रामरतन भी सहर्ष हो गए तैयार)
‘ब्लड डोनेशन कर हम जैसे बच्चों की जान बचाएं’
आज विश्व रक्तदान दिवस है। कोटा संभाग में लगभग 300 थैलेसीमिक बच्चे हैं, इनमें से अधिकांश को 15 दिन व एक माह में खून की जरूरत होती है। भास्कर ने इस मौके पर थैलीसीमिक मासूम बच्चों से बातचीत कर जाना कि उनकी जिंदगी के लिए रक्तदान कितना जरूरी है। हमारा प्रयास है कि रक्त के अभाव में किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हो। शहरवासियों, स्वयंसेवी संस्थाओं को इस बारे में प्रयास करने होंगे। तब जाकर ही हम थैलीसीमिक बच्चों की मदद कर पाएंगे।
सिर व पीठ में दर्द होता है
रामपुरा निवासी राकेश जैन की 16 वर्षीय पुत्री गेवांशी का कहना है कि जब मुझे खून नहीं मिलता तो कमजोरी महसूस होती है और पीठ व सिर में दर्द होने लगता है। मुझे हर 15 दिन में बी पॉजीटिव खून चढ़ता है।
मैं दोस्तों के साथ नहीं खेल पाता
विनोवाभावे नगर निवासी मुकुटबिहारी के 11 वर्षीय पुत्र राहुल का कहना है कि मुझे जब खून नहीं मिलता तो मुझे चलने-फिरने में परेशानी होती है, थकावट महसूस होती है और मैं मेरे दस्तों के साथ नहीं खेल पाता। मुझे हर पौने महीने में एबी पॉजीटिव रक्त की जरूरत होती है।
खून नहीं मिले तो आता है बुखार
विज्ञाननगर निवासी महेश के साढ़े आठ वर्षीय पुत्र यश का कहना है कि मुझे खून नहीं मिलता तो बुखार हो जाता है। भूख कम लगने लगती है। नींद ही नींद आती है। मुझे हर 21 दिन में बी पॉजीटिव खून चढ़ता है।
रक्तदान से हार्ट अटैक की संभावना नहीं
डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता का कहना है कि नियमित रक्तदान करने वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक की संभावना नहीं रहती। यह बात विश्व में हुए सर्वे में सामने आ चुकी है। एक यूनिट रक्त से तीन व्यक्तियों की जान बचती है। रक्तदान नहीं करने पर भी लाल रक्त कणिकाएं (आर वीसी) 120 दिन में तथा श्वेत कणिकाएं (डब्ल्यू वीसी) 20 से 25 दिन में स्वत:: ही समाप्त होने लगते हैं।
इसलिए मनाते हैं विश्व रक्तदान दिवस
प्रसिद्ध आस्ट्रीयन वैज्ञानिक डॉ. कार्ल लेंड स्टाइनर के जन्म दिन 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने वर्ष 1901 में ए, बी, ओ ब्लड ग्रुप सिस्टम एवं वर्ष 1940 में रक्त में आरएच सिस्टम की खोज की।
मोबाइल ब्लड कलेक्शन वैन आज से चलेगा
कोटा में रक्तदान के प्रति जनजागरण के लिए मोबाइल ब्लड कलेक्शन वैन को गुरुवार सुबह 11 बजे सांसद इज्यराज सिंह बृजराज भवन सिविल लाइन्स से हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे। कृष्णा रोटरी ब्लड बैंक के निदेशक डॉ. वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि यह वाहन शहर के विभिन्न स्थानों पर रक्तदाताओं से ब्लड कलेक्ट करेगा। इसके अतिरिक्त कैलिबर आईटी जवाहरनगर, एवीआई इंस्टीट्यूट छावनी चौराहा, सारांश ट्यूटोरियल, सीटी मॉल एवं रोटरी बिनानी सभागार तथा कृष्णा रोटरी ब्लड बैंक परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर विधायक ओम बिरला रोटरी ब्लड बैंक परिसर में ऑप्टीप्रेस मशीन, डाइगास्ट ब्लड ग्रुपिंग एवं मैचिंग मशीन का उद्घाटन करेंगे।