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18 जून 2012

22 के बाद शुक्र के सीधे चलते ही बनेंगे अच्छी बारीश के योग


ग्रीष्म ऋतु जाने को है और सभी को इंतजार है झमाझम बारीश का ताकि गर्मी से कुछ राहत मिल सके। भले ही देश के कुछ क्षेत्रों में बारीश का दौर शुरु भी हो चुका है लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्षा ऋतु का प्रारंभ 20 जून, बुधवार से होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार 22 जून के बाद अच्छी वर्षा के योग बन रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार 22 जून को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर सूर्य, मिथुन लग्न में आद्र्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा। चंद्रमा के कारण शुरुआत में अल्पवृष्टि का योग बनेगा किंतु शुक्र मेघेश होने से एवं सूर्य एवं बुध का जल राशि में होने से तथा वर्ष के राजा एवं मंत्री दोनों शुक्र होने से शुक्र के मार्गी होते ही अच्छी वर्षा के योग बनेगें।

इस वर्ष नव मेघों में आवर्त नामक मेघ वर्षा करेगें। रोहिणी वास पर्वत में समय निवास कुंभकार के घर होगा। इस वर्ष वर्षा के विश्वा 17 हैं। इस वर्ष जल स्तम्भ उत्तम होने से नदियों, तालाब व कुएं आदि जल से परिपूर्ण हो जाएंगे। कुल 48 वर्षा के योग निर्मित होगें, जिसमें आषाढ़ में 13, श्रावण माह में 12, प्रथम भादव माह मे 10 , द्वितिय भादव माह में 8 तथा आश्विन में 5 वर्षा के योग हैं।


पत्नी ने लिखा ऐसा घिनौना ख़त पढ़कर किसी को भी आ जाए शर्म!

जयपुर/जोधपुर.अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज करवाने वाली महिला को अपने पति को एक पत्र लिखना महंगा पड़ गया। इस पत्र में महिला ने पति को लिखा कि 'अब अपनी मां को ही पत्नी बना लेना व यह भी लिखा था कि पड़े रहना अपनी मां की बांहों में।'


इस पत्र को पेश करने के बाद अदालत ने न केवल महिला की ओर से दायर दहेज प्रताडऩा व घरेलू हिंसा के मामले को खारिज किया बल्कि उसके पति, सास व अन्य रिश्तेदारों को आरोपों से बरी कर दिया। साथ ही पति ने भी इस पत्र के माध्यम से अब पत्नी के खिलाफ मुकदमा दायर करने की कवायद शुरू कर दी है।


मामले के अनुसार फलौदी निवासी सीमा ने अपने पति रामकिशोर, सास जानकी देवी, जेठ रामेश्वर व जेठानी स्नेहलता के खिलाफ धारा 406 व 498 ए भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें ससुराल वालों की ओर से दहेज की मांग करने व स्कूटर मांगने का भी आरोप लगाया।


पति ने कोर्ट में पेश किया पत्र

इस पर पति की ओर से अदालत में पत्नी की ओर से मायके जाते समय उसके पति को लिखा गया एक पत्र पेश किया गया, जिसमें उसने अपने पति को लिखा था कि ''अब अपनी मां को ही पत्नी बना लेना व यह भी लिखा था कि पड़े रहना अपनी मां की बांहों में।

अधिवक्ता ने यह भी कहा कि स्वयं परिवादिया ने भी यह स्वीकार किया है कि उसका पति अपना अधिक समय अपनी मां व भाईयों के साथ बिताता था, जिसकी उसे शिकायत थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि परिवादिया अपनी सास व अन्य ससुराल वालों से रंजिश रखती थी तथा अपने पति का उनके पास जाना बर्दाश्त नहीं था।

इनकी एक आवाज़ पर खिंचा चला आता है हर जानवर!

कोटा.तीन दशक पहले चिड़ियाघर में एक मादा भालू की मौत ने उन्हें इतना विचलित कर दिया कि वो आज भी परिवार से ज्यादा चिड़ियाघर के जानवरों से प्रेम करते हैं। 24 घंटे में महज चार घंटे परिवार के लिए निकाल पाते हैं, बाकी समय चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल एक पिता की तरह कर रहे हैं।

यहां गंभीर घायल जानवर, पशु-पक्षी आने पर उनकी सेवा एवं देखभाल करते हैं। ये शख्स हैं, चिड़ियाघर के 56 वर्षीय केयरटेकर जानकीलाल। विज्ञान नगर स्थित घर में पत्नी, दो बच्चे, बहुएं, चार पोते एवं दो नवासे हैं, लेकिन वे परिवार से ज्यादा मूक जानवरों की सेवा में बिताते हैं। सेवा करते-करते यहां परिवार सा महसूस होने लगा है। वो बताते हैं कि इन जानवरों से इतना लगाव हो गया है कि इनसे दूर नहीं जा सकता।

जानवर पहले, परिवार बाद में

जानकीलाल ने बताया कि इन जानवरों का रिश्ता पिता व संतानों सा हो गया है। इनके बगैर अब नहीं रहा जाता है। सुबह उठकर जब तक पिंजरों में इन जानवरों को चैक नहीं कर लूं, तब तक मन को सुकून नहीं मिलता है। कोई जानवर यदि थोड़ा सा भी उदास होता है तो चिंता सताने लगती है।


एक आवाज में खिंचे चले आते हैं जानवर

चिड़ियाघर में 1980 से जानकीलाल इन जानवरों को संभाले हुए हैं। चिड़ियाघर में सबसे पहले चीतल, सांभर व नील गायें थी। 1986-87 में यहां अन्य जानवर आए। सबसे परिवार सा जुड़ाव हो चुका है। अब यदि किसी भी जानवरों को नाम से पुकारे तो वो खिंचे चले आते हैं।

अब गुरु मंत्र जीव सेवा

जानकीलाल ने कहा कि उनके गुरु स्वामी सेवादास ने उन्हें जीव सेवा का मंत्र दिया हुआ है। इन जीवों की सेवा से मन को आनंद आता है। कितना भी आवश्यक काम हो इन्हें संभाले बगैर नहीं रहा जाता।

दो दिन की बंदरिया को संभाला

चिड़ियाघर में घायलावस्था में आई दो दिन की बंदरिया को जानकीलाल ने संभाला है। घायलावस्था में उसे कुछ लोग चिड़ियाघर में लेकर आए। रविवार को बंदरिया को पानी व दूध पिलाया। अब दोनों में इतना प्रेम हो गया है कि वो उनके बगैर कहीं नहीं जाती है।

कुरान का संदेश

विधानसभा में दो ग्रेनेड लेकर घुसा विधायक, सनसनी


तिरुअनंतपुरम. केरल में माकपा के एक सीनियर विधायक सोमवार को आंसूगैस के गोलों के साथ विधानसभा पहुंच गए। उनके हाथ में दो गोले थे। वह उन्‍हें विधानसभा में लहरा कर बताने लगे कि ये गोले पिछले सप्‍ताह पुलिस ने एक प्रदर्शन के दौरान लोगों पर इस्‍तेमाल किए थे।

विधायक ईपी जयराजन की इस हरकत पर स्‍पीकर जी कार्तिकेयन और गृह मंत्री टी राधाकृष्‍णन ने गहरी आपत्ति जाहिर की। ईपी का कहना था कि उनकी पार्टी की ओर से एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्‍या में छात्र शामिल हुए थे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

स्‍पीकर ने कहा कि कोई भी विस्‍फोटक पदार्थ सदन के अंदर लाना गैरकानूनी है। उन्‍होंने सुरक्षाकर्मियों से कह कर ग्रेनेड जब्‍त करवा लिए। पर माकपा विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं, इसका इंतजार है।

कांग्रेस ने कसी दिग्विजय पर नकेल, पार्टी की ओर से बयान देने पर लगी रोक

नई दिल्‍ली. आए दिन अपने बयानों से पार्टी को मुश्किलों में डालने वाले दिग्विजय सिंह पर कांग्रेस ने सख्‍ती बरतनी शुरू कर दी है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का कोई भी बयान अब पार्टी का बयान नहीं माना जाएगा। कांग्रेस के मीडिया सेल ने आज एक बयान जारी कर यह फरमान सुनाया। बयान में कहा गया है, 'दिग्विजय सिंह पार्टी की तरफ से बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं।'

दिग्विजय सिंह ने हाल में तृणमूल कांग्रेस चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर टिप्‍पणी की थी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नहीं चाहती कि राष्‍ट्रपति चुनाव के मसले पर ममता से यूपीए की दूरी बढ़े।

ममता की तरफ से यूपीए के उम्‍मीदवारों का नाम खारिज किए जाने के बाद दिग्विजय ने कहा था, 'यह पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और पीएम मनमोहन सिंह के लिए बेहद शर्मनाक है कि ममता बनर्जी ने न सिर्फ यूपीए के उम्‍मीदवारों के नाम खारिज कर दिए बल्कि समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाकर तीन और नाम उछाल दिए जिसमें एक पीएम का भी नाम शामिल था।''

यूपीए की अहम सहयोगी ममता बनर्जी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने का भी विरोध करती आ रही हैं। दिग्विजय ने इस मसले पर एक टीवी शो के दौरान कहा था, 'हर बात की सीमा होती है, जहां तक कोई झुक सकता है।'

फिर भी मेरा यह देश महान है महान है .

दोस्तों राजनीती की मुझे में समझ तो नहीं लेकिन इस देश के इन दिनों चल रहे तार तार हालातों ने मुझे भी राजनीति के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है ..लूट लो इण्डिया के नारे के साथ अपने दल बल और समर्थकों सहित इस देश में जाहिरा तोर पर नेतिकता की दलीलें देकर नेतिकता की जितनी हत्या कर सकता है वही आज कुशल राजनीतिग्य है ....सारे देश ने देखा है ..सियासत का नंगा खेल काफी कुछ तो मिडिया वाले भाई छुपा देते हैं कुछ लोग कहते है के बाही मिडिया बिकाऊ है चालू है बिक गया और सेटिंग हो गयी लेकिन भाइयों मिडिया जो बातें जानता है अगर वोह बाहर आ जाए और आप उस सच को जान जाएँ तो यकीन मानिए आप और हम में से तो कई लोग शर्म से ही डूब कर मर जाए बस इसीलिए बेचारा मिडिया आपको कोप्रेट करता है आपका दिल नहीं दुक्खे इसलियें सियासत के नंगे सच को आपसे छुपा कर रखता है ..........भाई देश में कम्युनिस्ट जो खुद को विश्व के सबसे बढ़े सिद्धांतवादी कहते रहे है ..देश में आज जो अराजकता है उसके लिए वही ज़िम्मेदार है जिन नीतियों के खिलाफ वोह थे वोह नीतिया नार्सिम्माराव के प्रधानमन्त्री काल में कम्युनिस्टों के समर्थन से शुरू हुई देश को बर्बाद करने की तरफ यह पहला बढा कदम था ...सिद्धांतों को लेकर भाजपा सरकार में आई ..देश में ना तो कश्मीर के तीन सो सत्तर की बात की गयी ..ना कोमन सिविल कोड का पिटारा खोला और ना ही राममन्दिर बनाने का मामला उठाया गया ..यह सिद्धांत भी अजीब होते है ..जोर्ज फर्नाडिज जो समाजवादी की एक ऐसी तस्वीर थे वोह जनसंघ रो आर एस एस को गालियाँ देते थे लेकिन आखिर में इनकी गोड में बेठ कर ही मंत्री पद का मजा लिया ......कोंग्रेस की बात करें खुद को अल्पसंख्यक खासकर मुलसमानों का हमदर्द कहती है लेकिन जितने भी दंगे हुए कोंग्रेस के राज में हुए अधिकतम मुसलमानों की म़ोत और सम्पातियों की लूट कोंग्रेस के शासन में हुए मुसलमानों की अधिकतम गिरफ्तारियां कोंग्रेस के शासन में हुए ..मुसलमानों की जो नीतियों की घोषणा की उनकी पालना कोंग्रेस के शासन में कभी नहीं हुई केवल कागज़ी घोषणा और बयानबाज़ी से ज्यादा कुछ नहीं हो सका ...........शिव सेना को देख लीजिये देश राष्ट्र की बात करते है महाराष्ट्र में एनरों नहीं लगेगी चीख पुकार मची विपक्ष में थे तो यह प्लान रोक दिया गया खुद सरकार में आये तो पलक पावने बिछा के इस कम्पनी को अपनी सरकार में बुलवाया गया .यह सियासी लोग रात को क्या कहते है सुबह क्या सोचते है दिन में क्या करते है कुछ कह नहीं सकते ..जयपाल रेड्डी को कोंग्रेस को समाजवाद का दुश्मन कहते थे आज कोंगरे के टुकड़ों पर पल कर पेट्रोल और डीज़ल के मामले में जनता को लूट रहे है .....मायावती कोंग्रेस की दुश्मन लेकिन अभी कोंग्रेस के साथ है देश की सभी पार्टियाँ जो विपक्ष में है देश की आर्थिक स्थिति के लियें प्रणव मुखर्जी को ज़िम्मेदार मानती है लेकिन जनाब आज जब उन्हें राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया तो चाहे बसपा हो ..शिवसेना हो उनकी मदद कर रही है और कोमरेड जो कभी महंगाई के खिलाफ रहा करते थे आज उनके साथ है ..अब हम बात करते है मुल्ला मुलायम की खुद को मुस्लिम परस्त बताकर सत्ता में आने वाले मुलायम साहब इतने लालची निकलेंगे किसी ने सोचा भी नहीं था इन जनाब ने पहले तो अमर सिंह के लिए आज़म खान को छोड़ा फिर सत्ता हथियाने के लियें बाबरी मस्जिद के आरोपी कल्याण सिंह को गोड में बिठाया और फिर अभी हाल ही में सत्ता में आने के बाद ममता के साथ मिलकर प्रणव मुखर्जी को नज़रंदाज़ करते हुएमनमोहन ..ऐ पी जे अब्दुल कलाम ..और सोमनाथ चटर्जी का नाम दिया गया सियासत में रात को जादू का डंडा पड़ा तो मुलायम खुद की घोषणा भूल गए और जनाब अब प्रणव की उम्मीदवारी के आगे नतमस्तक है ..आखिर सियासत की यह सोदेबाज़ी यह बदलाव क्या जनता नहीं जानती ...क्या जनता नहीं देखती लेकिन जनाब यह सब देखने समझने के बाद भी अगर इस देश में खुले रूप में हो रहा है तो फिर इस देश में जनता नहीं गुलाम बसते है इस देश में अगर एक भी भारतीय ..एक भी राष्ट्रिय व्यक्ति हो तो इस मामले में मुकाबला करे लेकिन दोस्तों अफ़सोस के साथ लिखना पढ़ रहा है के इन हालातों में मेरे इस देश में जब में भारतीय और राष्ट्रीय पुरुषों को खोजने निकलता हूँ तो कोई मुझे कोंग्रेसी..कोइब भाजपाई..कोई सपाई..कोई बसपाई ..कोई तमिल कोई हिन्दू कोई मुसलमान कोई सिक्ख कोई इसाई ..कोई हिंदी भाषी कोई कन्नड़ भाषी कोई मराठी मानुष तो कोई बिहारी मिलता है देश का नागरिक देश का राष्ट्रिय पुरुष इन लोगों में न जाने कहा खो गया है और इसीलियें आज मेरे इस देश में रोज़ सियासत के नाम पर जनता के साथ लूट ..धोखेबाजी बेईमानी हो रही है अब तो यहाँ सियासत के साथ साथ धर्म भी अछुता नहीं है सभी धर्म वर्ग के लोग सियासत में है और धर्म साधू ..संत ..मोलवी मोलाना ..दरगाह से जुड़े लोगों ने उद्ध्योग खोल लिए है कोई अरबों का आसामी है तो कोई खरबों का आसामी है तो फिर भाई देश का गरीब तो गरीब ही रहेगा क्योंकि वोह भारतीय नहीं बनना चाहता वोह तिरंगे की रक्षा नहीं करना चाहता वोह संविधान और देश के कानून की पालना नहीं करने वालों को सजा नहीं दिलवाना चाहता वोह देश की जनता को धोखा वाले सियासी और कथित धर्मगुरुओं को कान उमेठ कर नंगा नहीं करना चाहता इसीलियें तो देश गरीब ..देश अराजकता वाला .देश में आंतरिक लूट है और फिर भी मेरा यह देश महान है महान है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गुप्त नवरात्रि 20 से, देवी आराधना कर पाएं गुप्त शक्तियां


हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा (20 जून, बुधवार) से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस दौरान माता की आराधना करने से हर बिगड़े काम बन जाते हैं तथा विशेष सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।

हिंदू धर्म के अनुसार एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होती है। इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्रि मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।

इनमें अश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान पूरे देश में गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्रि चैत्र मास की होती है। इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश: शारदीय व वासंती नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है। इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्रि में विशेष साधना करते हैं तथा चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।


जगदीश रथयात्रा 21 से, यहां आकर मिलती है जन्म-मरण से मुक्ति


हमारे देश भारत में अनेक परंपराएं प्रचलित हैं। इनमें से कई परंपराएं धर्म के साथ जुड़ कर लोगों की आस्था का केंद्र बन चुकी हैं। ऐसी ही एक परंपरा है पुरी में निकाली जाने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यताओं में चारों धामों को एक युग का प्रतीक माना जाता है। इसी प्रकार कलियुग का पवित्र धाम जगन्नाथपुरी माना गया है।

यह भारत के पूर्व में उड़ीसा राज्य के पुरी क्षेत्र में स्थित है, जिसका पुरातन नाम पुरुषोत्तम पुरी, नीलांचल, शंख और श्रीक्षेत्र भी है। उड़ीसा या उत्कल क्षेत्र के प्रमुख देव भगवान जगन्नाथ हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा राधा और श्रीकृष्ण का युगल स्वरुप है। ऐसी मान्यता है कि श्रीकृष्ण, भगवान जगन्नाथ के ही अंश स्वरूप हंै इसलिए भगवान जगन्नाथ को ही पूर्ण ईश्वर माना गया है।

इसी आस्था के साथ जगन्नाथपुरी में हर वर्ष हिन्दू माह के आषाढ़ शुक्ल द्वितीया (इस बार 21 जून, गुरुवार) को विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा आयोजित की जाती है। इसमें अलग-अलग रथों पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को तीन अलग-अलग दिव्य रथों पर नगर भ्रमण कराया जाता है। यह रथयात्रा पुरी का प्रमुख पर्व भी है। रथयात्रा दर्शन के लिए देश-विदेश से आए असंख्य धर्मावलंबी नर-नारी, बच्चे, बुजूर्ग उमड़ते हैं और भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचकर अपने जीवन को धन्य मानते हैं।

जगन्नाथपुरी की नव दिवसीय यह रथ यात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से आरंभ होकर आषाढ़ शुक्ल दशमी को समाप्त होती है। यह यात्रा मुख्य मंदिर से शुरु होकर 2 किलोमीटर दूर स्थित गुंडीचा मंदिर पर समाप्त होती है। जहां भगवान जगन्नाथ सात दिन तक विश्राम करते हैं और आषाढ़ शुक्ल दशमी के दिन फिर से वापसी यात्रा होती है, जो मुख्य मंदिर पहुंचती है। यह बहुड़ा यात्रा कहलाती है। जगन्नाथ रथयात्रा एक महोत्सव और पर्व के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस रथयात्रा के मात्र रथ के शिखर दर्शन से ही व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है। स्कन्दपुराण में वर्णन है कि आषाढ़ मास में पुरी तीर्थ में स्नान करने से सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य फल प्राप्त होता है और भक्त को शिवलोक की प्राप्ति होती है।


हलहारिणी अमावस 19 को, हल की पूजा करें


वर्षा ऋतु के आते ही प्रकृति अपना स्वरूप बदल लेती है और हरियाली की चुनरी ओढ़ लेती है। वर्षा ऋतु का आरंभ किसानों के लिए भी शुभ संकेत होता है इसलिए इस समय किसान भी खुशियां मनाते हैं व खेती में काम आने वाली वस्तुओं का पूजन करते हैं और अच्छी फसल की कामना करते हैं। किसानों द्वारा मनाया जाने वाला हलहारिणी अमावस का त्योहार इसी का स्वरूप है। इस बार हलहारिणी अमावस 19 जून, बुधवार को है।

आषाढ़ मास की अमावस्या को ही हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। यह त्योहार प्रमुख रूप से ग्रामीण अंचलों में किसानों द्वारा मनाया जाता है। आमतौर पर इस समय तक बारिश शुरु हो जाती है जिसके कारण जमीन नम हो जाती है और यही समय फसल की बोवनी के लिए उपयुक्त होता है। किसान इस दिन अपने हल की पूजा भी करते हैं और कामना करते हैं कि इस वर्ष फसल अच्छी हो, जिससे की घर की सुख-समृद्धि बनी रहे।

वास्तव में यह त्योहार इस बात का संकेत करता है कि किसी भी कार्य के प्रारंभ से पहले हमें ईश्वर का स्मरण अवश्य करना चाहिए तथा जो वस्तुएं हमारी जीविका के लिए उपयोग में आती हैं, उनका भी हम सम्मान करें। हल की पूजा इसी बात का स्वरूप है।


यहां हुआ चमत्कार! हनुमान जी की आंखों से छलकने लगे आंसू!

मिर्जापुर। क्या आप विश्वास करेंगे कि पवनसुत हनुमान की प्रतिमा से आंसू निकलने लगे। जी हां, ऐसा यूपी के मिर्जापुर के बूढ़ेनाथ मंदिर में हुआ।

जैसे ही आंसू निकलने की खबर फैली। हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो लगी। जैसे तैसे पुलिस प्रशासन को बुलाया गया। प्रशासन ने भीड़ को काबू में किया। आलम ये था कि लोगों ने अपनी झोलियां खोल दी। दान देने लगे।

बताया जा रहा है कि बूढ़ेनाथ मंदिर के पुजारी ने जैसे ही बजरंगबली की प्रतिमा पर घी और सिन्दुर लगाकर पूजा की। उसके कुछ ही देर बाद प्रतिमा से आंसू निकलने लगे।

करीब एक घंटे बाद आंसू बंद हो गया। लोगों का मानना है कि यह सिन्दूर एवं घी की वजह से था लेकिन आस्था के आगे वैज्ञानिक कारण भी फीके पड़ गए थे। जितनी मुंह उतनी बात थी।

राष्‍ट्रपति चुनाव में 'डर्टी गेम': पैसा, ताकत और घपले का घालमेल?

नई दिल्‍ली. राष्‍ट्रपति चुनाव में अपनी पसंद के उम्‍मीदवार को 'नकारे' जाने से ममता बनर्जी नाराज लग रही हैं। खबर है कि ममता यूपीए में बने रहने पर आज फैसला ले सकती हैं। राष्‍ट्रपति चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए ममता आज अपने विधायकों और सांसदों की बैठक करेंगी।

सूत्रों के मुताबिक ममता राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का समर्थन जारी रखेंगी। तृणमूल कांग्रेस राष्‍ट्रपति चुनाव में 'क्रॉस वोटिंग' को लेकर चिंतित नहीं है। यदि कलाम को समर्थन नहीं मिलता है कि ममता की पार्टी यूपीए और एनडीए से बराबर की दूरी बना सकती है।

अपनी फेसबुक अपील को जोरदार समर्थन मिलने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ओर गदगद हैं तो दूसरी ओर देश के सियासी हालात पर संदेह भी जताया है।

ममता ने फेसबुक पर मिल रहे समर्थन के लिए रविवार को एक पोस्ट में लोगों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, 'देश के लिए इस महान कार्य को इतने कम समय में जबर्दस्त प्रतिक्रिया देने के लिए आप सभी को धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि यह एकजुट आवाज मुद्दे को अगले स्तर तक ले जाएगी।'

हालांकि ममता ने राजनीति में नैतिकता और सिद्धांतों के घटते स्‍तर पर दुख भी जताया है। उन्होंने लिखा है, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे महान देश में राजनीति संदेहजनक हो गई है और धन, सत्ता और घोटालों के इस्तेमाल से मूल्यों, जनहित के साथ समझौता किया गया है।'

राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कुछ नेता जनता के सामने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की नकारात्‍मक छवि पेश करने के अभियान में जुट गए हैं। इनका दावा है कि ममता और जयललिता राष्‍ट्रपति चुनाव में एक साथ नहीं खड़ी हो सकती हैं क्‍योंकि 1998 में एनडीए की बैठक में एक बार ममता ने जया के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्‍स के मुकदमों का मसला उठाया था।

केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय ने तत्‍कालीन मानव संसाधन राज्‍य मंत्री ममता बनर्जी की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी खोज निकाली है। इसमें ममता ने तत्‍कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से फेरा कानून के उल्‍लंघन का केस दर्ज करने की सिफारिश की थी।

ये नेता इस कोशिश में भी जुटे हैं कि राष्‍ट्रपति चुनाव के अन्‍य उम्‍मीदवारों की रेस में शामिल पीए संगमा और अब्‍दुल कलाम की छवि खराब कर दी जाए।

एनडीए में अभी नहीं बनी राय
एनडीए का उम्‍मीदवार कौन होगा, इस पर अभी आखिरी फैसला नहीं हुआ है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज कहा कि राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए उम्‍मीदवार चुनने के लिए एनडीए में सहमति के प्रयास जारी हैं। इस मसले पर घटक दलों की क्‍या राय बनी हैं, इसे सार्वजनिक करना ठीक नहीं होगा। नीतीश कुमार ने आज की प्रेस कांफ्रेंस में यूपीए के उम्‍मीदवार प्रणब मुखर्जी का नाम नहीं लिया। लेकिन मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक एनडीए के घटक दलों में शामिल शिव सेना प्रणब को समर्थन देने के मूड में है।

तिहाड़ में पुलिस वाले ने कैदी को निर्वस्त्र कर घुमाया, फिर किया कुकर्म


नई दिल्ली। लूटपाट के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद एक बंदी के साथ जेल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने कुकर्म किया। बताया जाता है कि उगाही के रुपए देने से मना करने पर पीड़ित को न केवल नंगा कर घुमाया गया बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई।

पीड़ित द्वारा जज के समक्ष आपबीती सुनाने के बाद मामले को संज्ञान में लिया गया। बंदी की शिकायत पर उसका मेडिकल कराया गया, जिसमें कुकर्म की पुष्टि हो गई है। मुकदमा दर्ज कर हरिनगर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

एफआईआर के मुताबिक जेल नंबर-1 में बंद पीड़ित ने न्यायाधीश के समक्ष आरोप लगाया कि जेल नंबर-5 के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कैदियों से उगाही करते हैं। उससे भी रुपयों की मांग की गई थी, पर उसने रुपए देने से इंकार कर दिया। इसके बाद डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ने कई कैदियों को उससे रुपए लेने के लिए भेजा, मगर उसने किसी को भी रुपए नहीं दिए।

फिर एक दिन सुबह जेल के दो कर्मचारी उसे उसके बैरक से बाहर निकालकर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के कमरे में ले गए, जहां उसके कपड़े उतारकर उसके हाथ-पांव बांध दिए गए। इसके बाद उसकी पिटाई की गई और फिर वार्ड नंबर 4,5,7,8 में नंगा घुमाया गया। इसके बाद उससे कुकर्म किया गया।

अदालत ने पीड़ित की आपबीती सुनने के बाद उसे तुरंत दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए भेजा, जहां कुकर्म की पुष्टि हो गई। इसके बाद हरिनगर थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

पश्चिम जिले के अतिरिक्त आयुक्त वी. रंगनाथन ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जाता है कि 32 वर्षीय पीड़ित लाहौरी गेट थाना क्षेत्र का घोषित बदमाश है। उसका मामला फिलहाल साकेत अदालत में विचाराधीन है।


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