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19 जून 2012

दफनाने के एक दिन बाद मिली ऐसी खबर कि खुशियों में बदल गया मातम

कोटा.परिवार में मातम पसरा हुआ था। तभी परिवार को ऐसी खबर मिली कि पलभर में मातम खुशियों में बदल गया। जिस पिता को मृत मानकर सोमवार को दफना दिया था, वे मंगलवार को जिंदा लौट आए। उन्हें सामने देख परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। अब सीमल्या पुलिस के सामने फिर से सोमवार को मिले शव की पहचान का संकट खड़ा हो गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बारां में अंता के पास बालदड़ा गांव निवासी याकूब अली (53) के बेटे व रिश्तेदारों ने एक दिन पहले सोमवार को रेलगांव के पास पुलिया के नीचे एक व्यक्ति का शव मिलने पर उसकी पहचान अपने पिता के रूप में कर दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। सोमवार शाम बोरखेड़ा कब्रिस्तान में शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। परिवार में मातम पसरा हुआ था। इसी बीच याकूब ने अखबारों में अपनी मौत का समाचार पढ़ा तो वे चौंके और अपने गांव बालदड़ा के लिए निकल गए। इस बीच कोटा से लौट रहे रिश्तेदार याकूब को अंता में मिल गए।

रिश्तेदारों ने बताया कि कोटा में बेटों ने उन्हें दफना दिया। यह सुनकर याकूब के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने रिश्तेदारों के मार्फत कोटा के घर पर संपर्क किया। याकूब पहले सीमल्या थाने पहुंचे और फिर अपने घर लौटे। वहां आते ही लोगों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। पत्नी मेहमूदा बानो की आंख से खुशी के आंसू बहने लगे।


हींग बेचने गए थे याकूब

बड़े बेटे एजाज ने बताया कि पिता याकूब हींग बेचते हैं। शनिवार को वे हींग बेचने रेलगांव की गए थे। उन्हें सोमवार को पता चला कि रेलगांव के पास एक शव मिला है, जिसका हुलिया पिता से मिलता-जुलता है। सभी ने उनकी पहचान कर दी।

पुलिस पता लगाएगी

डीएसपी संजय गुप्ता ने बताया कि अब याकूब जिंदा हैं तो पुलिस यह पता लगाएगी कि शव किसका था। इसके लिए संभाग के सभी थानों में सूचना दे दी गई है। शव काफी सड़ गया था, इसलिए कब्रिस्तान से निकालना भी सही नहीं है। मृतक की पहचान होने के बाद ही सही कारण पता चल सकेंगे।

20 से सूर्य होगा दक्षिणायन, शुरु होगी देवताओं की रात


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक वर्ष में दो बार सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है, इसे ही उत्तरायण व दक्षिणायन कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तब इस समय को उत्तरायण कहते हैं। इसके बाद जब सूर्य कर्क राशि से आरंभ कर क्रमश: सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, और धनु राशि में भ्रमण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं। इसे 'याम्य अयन' भी कहते हैं।

उत्तरायण व दक्षिणायन की अवधि छ:-छ: माह होती है। इस बार दक्षिणायन का प्रारंभ 20 जून से हो रहा है। दक्षिणायन के दौरान वर्षा, शरद और हेमंत, ये तीन ऋतुएं होती हैं। दक्षिणायन में सूर्य दक्षिण की ओर झुकाव के साथ गति करता है। धार्मिक दृष्टि से दक्षिणायन का काल देवताओं की रात्रि है। दक्षिणायन काल में मुंडन, यज्ञोपवित आदि विशेष शुभ कार्य निषेध माने जाते हैं परन्तु तामसिक प्रयोगों के लिए यह समय उपयुक्त माना जाता है।

आध्यात्मिक दृष्टि से सूर्य का दक्षिणायन वासना में डूबी स्थिति जैसी होती है यानी जब व्यक्ति इच्छाओं, कामनाओं और भोग में डूबा होता तो वह काल जीवन का दक्षिणायन माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं में दक्षिणायन की पहचान यही होती है कि इस काल में आसमान बादलों से घिरा होता है।

कुरान का संदेश

बार-बार एक ही रूप में आती है मौत और इसी परिवार को बनाती है शिकार!

बाड़मेर/जोधपुर.सिवाड़ा हादसा ने लंगेरा की सोनाणियों की ढाणी को झकझोर कर रख दिया। ढाणी में रहने वाले चाचा-दादा के एक परिवार के एक दो-तीन नहीं बल्कि सात चिराग पिछले चार सालों में सड़क हादसों के शिकार हो गए। सिवाड़ा में हुए सड़क हादसे में पिता-पुत्र की मौत से पूरी ढाणी में लोगों के आंसू नहीं थम रहे। लंगेरा गांव के पास आबाद सोनाणियों (सोहनसिंह) की ढाणी में इस परिवार के लोगों को त्योहार मनाए चार साल बीत गए हैं। हर साल सड़क हादसों में परिवार के सदस्य की मौत से रिश्तेदार व परिजन सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। वर्ष 2008 में मोतीसिंह पुत्र अमरसिंह की एक सड़क हादसे में मौत हो गई। इसके बाद वर्ष 2009 में चंदनसिंह पुत्र अमरसिंह भी हादसे का शिकार हो गया। यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। वर्ष 2010 में शोभसिंह पुत्र कमलसिंह हादसे में काल का ग्रास बन गया। गत साल हीरसिंह पुत्र मंगलसिंह व कंवराजसिंह पुत्र चंदनसिंह की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस तरह एक के बाद एक की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। तीन दिन पहले सिवाड़ा के पास हुए सड़क हादसे में शक्तिसिंह पुत्र अमरसिंह व उनके बेटे भावेश की मौत हो गई। जबकि पत्नी पदम कंवर व बेटी सुगणा घायल हो गई। घर में इकलौते बेटे जीतू के अलावा कोई रोने वाला नहीं रहा। रविवार को जब भास्कर टीम शक्तिसिंह के घर पहुंची तो वहां मौजूद हर आंख नम थी। एक परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूटने पर रिश्तेदार व समाज के लोग ढांढस बंधाने पहुंचे। ग्रामीण चंदनसिंह ने बताया कि एक ही परिवार के आठ कमाऊ पूतों की मौत हो गई। अब घर में कोई कमाने वाला नहीं रहा। दीपपुरी ने बताया कि दुख की घड़ी में हम सब सांत्वना दे रहे हैं।

काश अदालतों के आदेश के अवमानना मामले में सजा देने की जागरूकता हमारे देश में भी आजाये तो बात बन जाए

दोस्तों दहशतगर्दी और गद्दारी के लियें मशहूर पाकिस्तान में आज भी न्याय के अलमबरदार है यह बात आज गिलानी के मामले में सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान के फेसले ने साबित कर दी है और इस फेसले के बाद भारतीय न्यायव्यवस्था की मजबूती और स्वायत्त पर सवाल उठने लगे है ................जी हाँ दोस्तों पाकिस्तान की सुप्रीमकोर्ट जिसने प्रधानमन्त्री को सजा देकर उसे पद मुक्त कर दिया लेकिन हमारी सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की पालना हम और हमारी सुप्रीम कोर्ट क्र्वापाने में कामयाब नहीं हो पा रही है ..सभी लोग जानते है के सुप्रीमकोर्ट और दूसरी हैकोर्ट्स के एक हजार से भी ऐसे फेसले है जिसे सरकार ने उपेक्षित रख रखा है ...हाल ही में काले धन की सूचि सुप्रीमकोर्ट में पेश करने के मामले में तो केंद्र सरकार ने कई भार नज़र अंदाज़ किया है ..अनेकों बार सुप्रीमकोर्ट ने आदेश दिए लेकिन ठंडे बसते में गए है .....गिरफ्तारी के वक्त व्यक्ति के अधिकार का मामला हो थानों में एफ आई आर दर्ज करवाने का मामला हो जेलों में सुविधाएं दिलवाने का मामला हो शांतिभंग मामले में नाजायज़ गिरफ्तारी का मामला हो सभी में क्न्तेम्त और कोर्ट हो रहा है लेकिन यहाँ पाकिस्तान जेसी न्यायिक मजबूती नहीं होने से अवमानना के दोषी खुलेआम घूम रहे है ..हमारे देश में उत्तरप्रदेश बाबरी मामले में सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की अवहेलना मामले में लाकृष्ण अडवानी ...उमा भारती ....कल्याण सिंह सहित कई ऐसे आरोपी थे जिन्हें दोषी तो माना गया लेकिन सजा के नाम पर केवल प्रतीकात्मक सज़ा दी गयी और न्यायालय की अवमानना करने वालों को फिर से चुनाव लड़ने और देश के महत्वपूर्ण पदों पर बेठने की इजाज़त मिलने से वोह इन पदों पर बेठे रहे ...दोस्तों पाकिस्तान में एक प्रधानमन्त्री को न्यायालय की अवमानना मामले में हटाने का मामला स्वागत योग्य कदम है ..इसे हमारे देश में भी अनुकरण करना चाहिए और दोस्तों अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वालों को जेसी सजा पाकिस्तान में मिली है ऐसी सजा मिलने लगे तो जनाब यहाँ प्रधानमन्त्री से लेकर कई मंत्री और मुख्यमंत्री जेल में हो और पदों पर से हट जाए काश ऐसी जागरूकता हमारे देश में भी आजाये तो बात बन जाए ...........................यहाँ वेसे आम आदमी को तो सज़ा मिलती है ..................




पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ने मंगलवार को अपने जिस आदेश में प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य करार दिया है, उसमें दो भारतीय फैसलों का भी हवाला दिया गया है। इनमें से पहला मामला है-राजेंद्र सिंह राणा बनाम स्‍वामी प्रसाद मौर्य और दूसरा केस है-जगजीत सिंह बनाम स्‍टेट ऑफ हरियाणा। इन्हीं अदालती मामलों भारतीय अदालतों की ओर से सुनाए गए फैसलों की नज़ीर देते हुए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्‍य ठहराया।
जगजीत सिंह बनाम स्‍टेट ऑफ हरियाणा मामले में डेमोक्रेटिक दल ऑफ हरियाणा के जगजीत सिंह ने सरकार को कोर्ट में घसीटा था। हरियाणा विधानसभा से कुछ विधायकों को निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद वे कोर्ट चले गए थे। इसी केस के आधार पर पाकिस्ताना की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली का स्‍पीकर जिस पावर का यूज करता है, उसे देखने का पावर सुप्रीम कोर्ट को है।
वहीं, वर्ष 2002 में मायावती सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी। बसपा के कुछ विधायक सपा से जा मिले थे। जिसके बाद बसपा के स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट चले गए। पाकिस्‍तान की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के दो फैसलों के साथ कुल नौ फैसलों को आधार बनाकर गिलानी को अयोग्‍य माना है।
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