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22 जून 2012

ये हैं कुछ चीजे, इन्हें कभी साथ न खाएं वरना...हो जाएगी हालत खराब




खाने के शौकिन लोग अक्सर जाने-अनजाने कुछ ऐसे खाने की चीजों का साथ में खा लेते हैं। जिनका आयुर्वेद के अनुसार एक साथ सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्हें एक साथ खाना शरीर पर जहर के समान असर करता है। इन्हे साथ खाने से आपकी तबीयत बिगड़ सकती है।

- आलू और चावल एक साथ नहीं खाना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।

- बैंगन का भरता और दूध की बनी कोई चीज।

- दूध के साथ उड़द व मुंग की दाल।

- आइस्क्रीम के तुरंत बाद पानीपूरी।

- पिपरमेंट को कभी भी कोल्डड्रिंक पीने से पहले पुदीने दोनों को मिलाने पर साइनाइड बनता है जो कि जहर के समान कार्य करता है।

- दूध में नींबु या संतरे का छिंटा भी पड़ जाए तो दूध फट जाता है।दोनों का एक साथ सेवन करने पर एसीडिटी हो जाती है।

- चिकन के साथ ज्यूस या मिठाई आदि का शौक रखने वालों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से पेट खराब हो सकता है।

जहां तक हो सके ऊपर बताई गई चीजों को साथ खाने से बचना चाहिए नहीं तो ये आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन्हें साथ खाने से आप बदहजमी का शिकार हो सकते हैं।


कुरान का संदेश




खाना बैठकर ही क्यों खाना चाहिए?


आधुनिक समय ने हमारी दिनचर्या में कई बड़े-बड़े परिवर्तन कर दिए हैं। हमारे सभी काम और उनका तरीका बदल गया है। इस कारण हमारा खाना खाने का तरीका भी प्रभावित हुआ है। अब अधिकांश लोग खाना डायनिंग टेबल पर खाते हैं, जबकि पुराने समय में जमीन पर आसन लगाकर खाना खाने की परंपरा थी। प्राचीन काल से ही बैठकर खाना खाने की परंपरा चली आ रही है। इसके कई लाभ हैं।

स्वास्थ्य संबंधी विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि डायनिंग टेबल पर बैठकर खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसके विपरित जो लोग जमीन पर बैठकर पारंपरिक तरीके से खाने खाते हैं उनसे कई छोटी-छोटी बीमारियां स्वत: ही दूर रहती हैं।

जमीन पर बैठकर खाना खाने के लाभ-

जमीन पर बैठकर खाना खाते समय हम एक विशेष योगासन की अवस्था में बैठते हैं, जिसे सुखासन कहा जाता है। सुखासन पद्मासन का एक रूप है। सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ प्राप्त होते हैं जो पद्मासन से प्राप्त होते हैं।

- बैठकर खाना खाने से हम अच्छे से खाना खा सकते हैं।

- इस आसन में बैठने से मन की एकाग्रता बढ़ती है।

- सुखासन से पूरे शरीर में रक्त-संचार समान रूप से होने लगता है। जिससे शरीर अधिक ऊर्जावान हो जाता है।

- इस आसन से मानसिक तनाव कम होता है और मन में सकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ता है।

- इससे हमारी छाती और पैर मजबूत बनते हैं।

- सुखासन वीर्य रक्षा में भी मदद करता है।

- इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसीडीटी आदि पेट संबंधी बीमारियों में भी राहत मिलती है।

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी ने हमारे स्वास्थ्य के संबंध में सोचने का समय तक छीन लिया है। ऐसे में जमीन पर सुखासन अवस्था में बैठकर खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्राप्त कर शरीर को ऊर्जावान और स्फूर्तिवान बनाए रखा जा सकता है।

नेता-मंत्रियों ने खूब लूटे सब्सिडी के मजे, हर 4 दिन पर लिया सिलेंडर

Comment

नई दिल्ली.आपकी गाढ़ी कमाई नेताओं के नखरों पर खर्च हो रही है। एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि देश पर राज कर रहे नेता किस कदर जनता के पैसे पर चांदी काट रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए ट्रांसपेरेंसी पोर्टल पर जब खुद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने क्लिक किया तो वे अवाक रह गए।

दरअसल, पेट्रोलियम मंत्रालय के इस पोर्टल पर क्लिक करते ही देश के नेताओं की 'असलियत' सामने आ गई। ट्रांसपेरेंसी पोर्टल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पिछले एक साल में सबसे ज़्यादा सिलेंडर की खपत की है। उनके दिल्ली में मौजूद घर पर एक साल में 83 सिलेंडर की खपत हुई है। दूसरे नंबर पर हैं बीजेपी के नेता एसएस आहलूवालिया। आहलूवालिया ने एक साल में 81 सिलेंडरों का इस्तेमाल किया है। वहीं, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 80, विदेश राज्य मंत्री परिणीत कौर ने 77, सब्सिडी के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नायब नमो नारायण मीणा ने 69, केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह के यहां 66, सुरेश कलमाड़ी के घर पर 63, मुलायम सिंह यादव ने 58, मायावती ने 46, ए राजा भले ही जेल में रहे हों लेकिन उनके यहां भी 47, राज्यसभा सांसद राजकुमार धूत ने 71 और बीजेपी के युवा नेता अनुराग ठाकुर ने 37 सिलेंडर बुक कराए। इन सभी नेताओं के दिल्ली में मौजूद आवास पर इन सिलेंडरों की खपत हुई।

गौरतलब है कि हर सिलेंडर पर सरकार 344 रुपये की सब्सिडी देती है। सरकार इस सब्सिडी को खत्म करने की कोशिशों में जुटी हुई है। इसके तहत सांसदों, नौकरशाहों और हर महीने 50 हजार रुपये से ज़्यादा कमाने वालों को बिना सब्सिडी के एक हजार रुपये की कीमत पर सिलेंडर देने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन नेताओं के यहां सिलेंडर की खपत को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि पेट्रोलियम मंत्रालय कभी इस नियम को लागू कर पाएगा।

यह हकीकत है कि आम आदमी को गैस एजेंसियां 21 दिनों से पहले गैस सिलेंडर देने में आनाकानी करती हैं। लेकिन अब इसे 'मान्यवरों' का रसूख कहिए या फिर कुछ और। लेकिन कई नेताओं के यहां हर हफ्ते के हिसाब से सिलेंडर पहुंचाए जा रहे हैं। इस बाबत जब इंडियन ऑयल के चेयरमैन आरएस बुटोला से पूछा गया तो उन्होंने टालमटोल भरा जवाब देते हुए कन्नी काट ली। भद्द पिटती देख पेट्रोलियम मंत्रालय ने बयान जारी कर नेताओं का 'बचाव' किया। इस बयान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति हर महीन चाहे जितने सिलेंडर चाहे ले सकता है। लेकिन वीवीआईपी लोगों का यह 'सच' आम आदमी की खुरदुरी जमीन पर टिकेगा?

सरवाड शरीफ के बुलंद दरवाजे का लोकार्पण


दोस्तों ख्वाजा फखरुद्दीन गरीब नवाज़ ख्वाजा साहब अजमेर वालों के साहिबजादे थे और सर्वाद शरीफ में उनकी दरगाह पर अभी हाल ही में उर्स का झंडा चढ़ा इस अवसर पर सरवाड़ शरीफ के मुतव्वाली और राजस्थान वक्फ बोर्ड के सदस्य जनाब युसूफ साहब ने लंगर का इन्तिज़ाम करवाया ..सरवाड़ शरीफ में आली जनाब हाजी मन्नान साहब मुंबई वालों ने करोड़ों रूपये का कार्य करवाया है जिसमे ऐतिहासिक बुलंद दरवाज़े का निर्माण भी शामिल है .इस बुलंद दरवाज़े का लोकार्पण केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रकाश जायसवाल और उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम अज़ीज़ कुरैशी ने किया .इस अवसर पर असलम सबरी ने अपनी कव्वालियाँ पेश किन ...............










Hazrat Khwaja Fakhruddin (R.A.) was the eldest son of Khwaja Gharib Nawaz (R.A.) who earned his livelihood by farming in Mandal town. He was a great saint and a scholar as well . After twenty years of Khwaja Sahib. (R.A.) death he died in Sarwar town, some 40 miles away from Ajmer. His Mazar is located near a pond in the town. His Urs is celebrated on the 3rd of Shaban every year with great fervour. He was blessed with five sons. One of his sons, Hazrat Khwaja Hussamuddin was a perfect Sufi. His grave is at Sanbar Sharif. Every year on 13 and 14 Rajab Urs is organised.
To Reach Sarwar Sherif You can take a ST bus from Ajmer Bus Stand which is 15 minutes away from the Dargah. or you can hire a Car. There is regular Bus after every half an hour from Ajmer to Sarwar. It takes around two hours to reach Sarwar Sharif.
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