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27 जून 2012

बारुद से सुलगने वाले चंबल से मिलेगा पेट्रोल

कोटा. कोटा में अब पेड़-पौधों से पेट्रोल बनाने की उम्मीद जताई जा रही है। ग्रीन इकॉनोमिक (हरित अर्थव्यवस्था पर्यावरण) की श्रृंखला वनस्पति विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिक इस बारे में शोध कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि चंबल की कंदराओं में एनर्जी प्लांट अधिक तेजी से विकसित हो सकेंगे।

जापान से एनर्जी प्लांट पर शोध कर लौटे राजस्थान यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अश्विनी कुमार ने भास्कर को बताया कि चंबल के जंगलों में करंज, आंकड़े, रतनजोत, डंडाथोर, अंगुलथोर (यूफोरबिया) सरीखे एनर्जी प्लांट के अलावा नीम, महुआ व पीलू के बीजों से एनर्जिक तेल प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे पौधों को खेत की मेढ़ पर लगा कर जैविक ईंधन प्राप्त कर सकते हैं।

एक किलो पौधे से 300 एमएल क्रूड ऑयल

प्रो. अश्विनी ने बताया कि शोध में एनर्जी पौधों से लेटैक्स (दूध) सी-30 (कार्बन) हाइड्रोजनीकरण कर उत्प्रेरकों के माध्यम से पेट्रोल बनाया जा सकता है। एक किलो पौधे से 300 एमएल क्रूड ऑयल प्राप्त हो सकता है। केरोसिन, डीजल व अन्य उत्पादों के अलावा करीब 10 प्रतिशत पेट्रोल प्राप्त होता है। यह कार्बन रहित होगा। कीनिया में एनर्जी पौधों से फूड सप्लीमेंट के अलावा पेस्टीसाइड बनाए जा रहे हैं। वे यहां पर्यावरणविद् डॉ. एलके दाधीच से इस संबंध में चर्चा करने आए थे।


जापान व लंदन के वैज्ञानिक आएंगे कोटा

प्रो.अश्विनी ने बताया कि एनर्जी प्लांट के मामले को लेकर जापान व लंदन से शीघ्र कोटा में वैज्ञानिक आएंगे। यहां एनर्जी प्लांट की विभिन्न संभावनाओं को देखते हुए सेमीनार में एनर्जी तेल पर विचार विमर्श होगा। टोयामो यूनिवर्सिटी जापान, नारा रिसर्च सेंटर जापान च टोकियो यूनिवर्सिटी में इस प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है।

इस मां ने किया वो काम कि हर दिल करेगा सलाम!

जयपुर.एयरपोर्ट पर टर्मिनल नंबर दो के पास टैक्सी स्टैंड पर सैकड़ों लोगों की आवाजाही। तीन साल की मासूम बालिका पता नहीं कब इस आवाजाही में माता-पिता से बिछुड़ गई। लोगों का ध्यान मासूम की ओर तब गया जब वह पेड़ के नीचे खड़े होकर जोर जोर से रो रही थी। भीड़ ने बालिका को दुलारा तो लेकिन पनाह नहीं दी।

पास ही चाय की थड़ी लगाने वाली जुगलंती को इस बारे में पता चला तो उसकी ममता जागी। स्टोव पर चाय बनती छोड़ वह दौड़कर पहुंची और मासूम को गोद में लेकर थड़ी पर लौट आई। मासूम की आंखों से बह रहे आंसू अपने पल्लू से पोंछे। चार घंटे में बालिका इस तरह से घुल मिल गई, मानो जुगलंती ही उसकी मां हो। जुगलंती कहती है मेरे 5 बेटियां और 2 बेटे हैं। चाय की थड़ी से जब सात बच्चों का पालन पोषण कर सकती हूं तो इस मासूम को भी दो वक्त की रोटी खिला सकती हूं।

दूसरे का इलाका आया तो लौटा सिपाही

सिस्टम की उदासीनता तो देखिए। लोगों ने इस आशा में सांगानेर थाने में फोन किया कि बालिका के परिजनों ने हो सकता है पुलिस को सूचना दी हो। एएसआई महावीर सिंह ने फोन उठाया और गजानंद सिपाही को भेज दिया। गजानंद वहीं तक गया, जहां तक सांगानेर थाने का इलाका था। ज्यों ही दूसरे थाने का इलाका शुरू हुआ गजानंद लौट गया। करीब एक घंटे बाद थाने को सूचना दी कि इलाका जवाहर सर्किल का है। लोग पुलिस के आने के इंतजार करते रहे। रात 10 बजे पुलिस टर्मिनल 2 पर पहुंची। बालिका का नाम- पता लिखा और जुगलंती को यह कहकर चली गई कि बालिका को अपने पास रखना। सुबह परिजनों को तलाशेंगे।

खुद का नाम भी नहीं बता पा रही मासूम

जुगलंती कहती है यह मासूम भी किसी की बेटी है। जब तक इसके मां-बाप का पता नहीं चल जाता मैं इसे अपने पास रखूंगी। जुगलंती शाम को बालिका को लेकर आसपास पता करने गई भी लेकिन कुछ पता नहीं चला। बालिका खुद का नाम नहीं बता पा रही है। कभी वह खुद का नाम सीमा तो कभी सिमरन, मां का नाम कमली और पिता का नाम दुर्गा बताती है।

उसे सिर्फ इतना पता है कि घर के आगे बस खड़ी रहती है और एक बंदर की फोटो लगी हुई है। बार-बार वह केकड़ी का नाम और मौसी द्वारा पिटाई करने की बात कह रही है। कहती है उसे एक मेडम पढ़ाती है। वह दूसरी कक्षा में पढ़ती है। ज्यादा पूछताछ करने पर वह मम्मी-मम्मी कहती हुई रोने लग जाती है।

...और यह 'खूफिया तस्वीर' कहीं बाबा रामदेव के लिए न बन जाए मुसीबत


भोपाल. मध्य प्रदेश के बीजेपी से जुड़े दो कारोबारियों-दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा के ठिकानों पर आयकर छापे के छींटे कालेधन का मुद्दा जोरशोर से उठाने वाले बाबा रामदेव पर भी पड़ने लगे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव के साथ दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा के फोटो जारी किए।



जारी की गईं तस्वीरों में से एक में दिलीप सूर्यवंशी एक कार्यक्रम के दौरान बाबा के पांव छू रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा बाबा के अगल-बगल में खड़े हैं और पीछे तालाब नजर आ रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को सवाल उठाया था कि बाबा रामदेव और अन्ना हजारे भाजपाइयों के काले धन और भ्रष्टाचार के मामले में मौन क्यों हैं?



अजय सिंह से जब यह पूछा गया कि कहीं यह फोटो मॉर्फिंग के जरिए तो तैयार नहीं किए गए हैं? इस पर अजय सिंह ने जवाब दिया कि सरकार जांच करा ले और मॉर्फिंग पाए जाने पर वे विधायक कल्पना परूलेकर की तरह सजा भुगतने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि परूलेकर ने पिछले विधानसभा सत्र में प्रदेश के लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर की आरएसएस की गणवेश में तस्वीर जारी की थी। परूलेकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज है और वे जमानत पर हैं।



गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इन कारोबारियों पर इनकम टैक्स छापों का मामला गंभीर होता जा रहा है। इस मुद्दे पर पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने भोपाल में पोस्टर लगाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ग्यारह सवाल पूछे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि जिन कारोबारियों के यहां छापे पड़े हैं, वे सब शिवराज सिंह के खास करीबी हैं और उनकी ही मेहरबानी से रातोंरात अरबपति बन गए हैं।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को जब जापान, सिंगापुर और कोरिया की दस दिन की यात्रा के बाद लौटे तो सबसे पहले भोपाल में उनका सामना इन पोस्टरों से ही हुआ। चौहान जब विदेश दौरे पर थे, तब आरएसएस नेता सुरेश सोनी के करीबी बीजेपी नेता सुधीर शर्मा और शिवराज के करीबी बिल्डर दिलीप सूर्यवंशी के 60 ठिकानों पर इनकम टैक्स ने छापे मारे और साढ़े छह करोड़ रुपये नकद, दस किलो सोना और सैकड़ों एकड़ जमीन के कागजात जब्त किए।


पोस्टरों में दावा किया गया था कि साढ़े छह साल पहले दिलीप बिल्डकॉन के मालिक दिलीप सूर्यवंशी का टर्नओवर था तेरह करोड़ रुपये। लेकिन आज उनकी कंपनी का टर्नओवर है एक हजार करोड़ रुपये। उनकी कंपनी चार हजार करोड़ को ठेकों पर काम कर रही है। पोस्टर में सवाल पूछा गया है कि क्या दिलीप सूर्यवंशी ने मुख्यमंत्री के अरेरा कॉलोनी के फ्लैट ई-3/163 की साज सज्जा पर बीते साल बीस लाख रुपये खर्च नहीं किए? मुख्यमंत्री के निजी सचिव का भाई दिलीप सूर्यवंशी के किस कारोबार में पार्टनर है?

इन आरोपों के जवाब में मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा का कहना था कि क्या बीजेपी के लोग व्यापार नहीं करेंगे? और व्यापार करेंगे तो क्या इनकम टैक्स वाले टैक्स नहीं मांगेगे। ये कोई अपराध नहीं है। मनुष्य की वृत्ति होती है टैक्स बचाना और इनकम टैक्स का काम होता है, ज्यादा इनकम होने पर टैक्स लेना और अपने अपने काम में सब लगे हैं।

कुछ पल के लिए राजनीति भूल, अलग मूड में नज़र आए सीएम साहब!


जोधपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को राजकीय विमान से दोपहर दो बजे जोधपुर आए। उनके जोधपुर पहुंचने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ.चंद्रभान सहित कई पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया। वे एयरपोर्ट से सीधे उम्मेद उद्यान स्थित जनाना गार्डन पहुंचे, जहां अपने भानजे रणवीरसिंह कच्छवाह के पुत्र राजवीर सिंह के मायरा कार्यक्रम में शरीक हुए। यहां पर उनकी पत्नी सुनीता गहलोत मौजूद थीं। वे पत्नी और परिवार के सदस्यों के बीच कुछ देर बैठे। इसके बाद सर्किट हाउस में विश्राम के लिए आ गए।

मनुहार का लिफाफा नहीं लिया

जनाना गार्डन में राजवीर सिंह की शादी से पूर्व आयोजित मायरा कार्यक्रम में जब दूल्हे के ननिहाल पक्ष वाले मनुहार का लिफाफा लेकर आए तो उन्होंने हाथ जोड़कर विनम्रता से इनकार कर दिया।

बारात व शादी में शामिल

मुख्यमंत्री शाम करीब छह बजे महामंदिर स्थित अपने भानजे रणवीरसिंह कच्छवाह के निवास पर पहुंचे और उनके बेटे की बारात में शामिल हुए। बारात में गहलोत सादे लिबास में थे, जबकि उनकी धर्मपत्नी सुनीता गहलोत गुलाबी रंग के परिधान में व पुत्र वैभव सजधज कर आए। इससे पहले गहलोत ने अपनी बहन विमलादेवी से मुलाकात की और काफी देर तक उनके पास बैठे रहे। इसके बाद उन्होंने दूल्हे को आशीर्वाद दिया और परिजनों के साथ फोटो भी खिंचवाए।

यहां पर उन्होंने अपने भानजे जसवंत सिंह कच्छवाह, बड़े भाई कंवरसेन व अग्रसेन गहलोत, दामाद अतुल सांखला, पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत सहित अन्य परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद वे महामंदिर चौराहे तक बारात में पैदल चलते रहे। इस दौरान उन्होंने रास्ते में क्षेत्रवासियों से भी मुलाकात की। महामंदिर चौराहे पर वे गाड़ी में बैठकर पावटा में एक शादी में शरीक होने गए। वहां से फन वल्र्ड आए, जहां राजवीर की शादी में शामिल हुए। वहां से रात करीब दस बजे एयरपोर्ट गए और जयपुर प्रस्थान कर गए।

पंचायत के फैसले से पत्नी को आई इतनी शर्म कि उठा लिया यह कदम!

जैतसर(श्रीगंगानगर).घर में घुस कर चोरी करने के आरोप में पंचायत का तालिबानी फरमान। युवक को जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाया। घटना के पांच दिन बाद अपमान से परेशान होकर जब पीड़ित की पत्नी ने जहर पीया तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने बुधवार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में ग्राम पंचायत मसानीवाला के सरपंच सहित दस लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।जानकारी के अनुसार गांव सात एलसी के एक परिवार ने पंचायत को बताया कि गांव के मुकेश कुमार ने उनके घर में घुसकर सामान चोरी कर लिया।

22 जून को सरपंच की अध्यक्षता में हुई पंचायत ने मुकेश कुमार को जूतों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया। घटना से पीड़ित युवक मुकेश कुमार की पत्नी सुमन निवासी 7 एलसी ने पति के अपमान से परेशान होकर मंगलवार को आत्महत्या का प्रयास करते हुए जहरीला पदार्थ पी लिया। उसका रायसिंहनगर के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं पुलिस ने सुमन के पर्चा बयान पर उसके खुद के खिलाफ भी आत्महत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज किया है।

मामले की जांच कर रहे रायसिंहनगर सीओ रामकिशन सोनगरा ने बुधवार को गांव में जाकर ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली गई और लोगों के बयान दर्ज किए। अस्पताल में भर्ती सुमन ने पुलिस को दिए पर्चा बयान में कहा कि 22 जून को गांव में सरपंच शलैन्द्र सिंह की अध्यक्षता में पंचायत हुई थी। पंचायत में उसके पति मुकेश कुमार पर चोरी का इल्जाम लगाया गया। हालांकि उसके खिलाफ थाने में कोई मामला भी दर्ज नहीं था।

बयान में बताया कि पंचायत ने उसके पति के गले में जूतों की माला पहनाकर व जूतों से भरी टोकरी उठवा कर उसे गांव में घुमाया। वह पति का अपमान सहन नहीं कर सकी और मंगलवार को आत्महत्या के लिए जहरीला पदार्थ पी लिया। पुलिस ने सरपंच शलैन्द्र सिंह, खुशालाराम मेघवाल, ललित कुमार, जेठाराम, नमरताराम, सीताराम, देवीलाल, नायबसिंह, छोटूराम व कान्हाराम पर आत्म हत्या के लिए मजबूर करने व एससी एसटी अधिनियम में मामला दर्ज किया है।

कुरान का सन्देश

बिना बताए आपका ईमेल एड्रेस 'हाइजैक' कर रहा फेसबुक

सैन फ्रांसिस्‍को. फेसबुक ने यूजर्स को बताए बिना उनके ईमेल एड्रेस हाइजैक करने शुरू कर दिए हैं। इस सोशल वेबसाइट के इस कदम का अमेरिका में जबरदस्‍त विरोध हो रहा है।
फेसबुक अपने यूजर्स के जिस ईमेल एड्रेस को ऑपरेट करता है, उसे ही यूजर्स का डिफॉल्‍ट ईमेल एड्रेस बना रहा है। सिक्‍योरिटी कंसल्‍टेंट ग्राहम क्‍लूली कहते हैं, 'आपको बिना बताए यह चेंज करने के लिए आप फेसबुक का शुक्रिया अदा कर सकते हैं।'
फेसबुक ने अप्रैल में इशारा किया था कि वह एड्रेस अपडेट करेगा ताकि साइट पर सब जगह वह एड्रेस बना रहे। लेकिन कुछ ही दिन पहले कई ब्‍लॉगर्स ने इसके नतीजे को अनुभव किया। उन्‍हें अपने कॉन्‍टैक्‍ट इन्‍फॉर्मेशन में चेंज नजर आया।
हुआ कुछ ऐसा है कि फेसबुक ने यूजर्स के उस बेसिक ईमेल आईडी को ही बदल दिया है, जिससे वह लॉगिन करता है। मसलन यूजर्स का ईमेल आईडी यदि abc@gmail.com है तो फेसबुक ने उसे abc@facebook.com कर दिया है। वह भी यूजर को बताए बिना। अब हर यूजर्स के कॉन्टैक्ट इंफो में ओरिजनल ईमेल की जगह फेसबुक वाली ईमेल आईडी दिख रही है।
कोई abc@facebook.com पर ईमेल भेजता है तो वह फेसबुक के इनबॉक्स में ईमेल नॉटिफिकेशन के रूप में दिखाई देगा। इस तरह आपके हर मेल पर फेसबुक की नजर रहेगी। इससे यूजर्स नाराज हैं। सभी का कहना है कि आखिर फेसबुक कैसे हमारी बेसिक इन्‍फॉर्मेशन से खिलवाड़ कर सकता है।
बचने का उपाय

कॉन्‍टैक्‍ट इंफो में जाकर एडिट बटन पर क्लिक करें। यहां आपको अपना बेसिक ईमेल आईडी और फेसबुक आईडी दिखाई देगा। इसे आप हाइड के अलावा सिर्फ दोस्‍तों या फिर पब्लिक के लिए ओपन कर सकते हैं।

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