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08 जुलाई 2012

कुरान का संदेश


सोशल साइटों पर धार्मिक भावनाए भड़का कर माहोल बिगाड़ने वालों को गिरफ्तार करें

हमारे देश में कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व अराजकता का माहोल बनाने के लियें धार्मिक भावनाएं भड़का कर माहोल बिगाड़ने की कोशिशों में लागे है और इस मामले में ऐसे लोगों ने फेसबुक सहित दूसरी सोशल साइटों को हथियार बनाया है ..अफ़सोस इस बात का है के हमारी केंद्र सरकार और राज्य सरकारें इसे गंभीरता से नहीं ले रही हैं और ऐसे खतरनाक अपराधियों को खुला छोड़ रखा है ..सब जानते है धार्मिक भावनाए भडका कर दंगे फसाद का माहोल बनाने वाले लोग भी खतरनाक आतंकवादी होते है और ऐसे दुश्मनों को अगर देश की पुलिस या अंतर्राष्ट्रीय पुलिस के जरिये गिरफ्तार कर दंडित नहीं किया तो देश को गम्भीर परिणाम भुगतना होंगे .....आप सभी जानते है के भीलवाडा.... डूंगरपुर .... झालावाड सहित कई जिलों में पैगम्बर हुजुर सल्लालाहे वसल्लम का अपमान कर लोगों को भडकाने के मामले में ज्ञापन दिए जा चुके है और सरकार के पास साइटों की जानकारी है इसके पूर्व हिन्दू देवी देवताओं के अपमान का मामला उठाया गया था लेकिन उस मामले में भी दोषियों को नहीं पकड़ा गया है ..सोशल साइटों पर योजनाबद्ध तरीके से हिन्दू देवी देवताओं का अपमान और मुस्लिम धार्मिक भावनाओं को भडकाने की प्रकिया इस देश में अराजकता फेला कर यहाँ की सुख शांति खत्म करने की साज़िश का हिस्सा हो सकता है अगर इस मामले में लगातार शिकायतों के बाद भी सरकार ने कोई गम्भीर कदम नहीं उठाए और दोषी लोगों को पकड़ कर जेल का रास्ता नहीं दिखया तो देश की अफसोसनाक तस्वीर होगी ........ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जंगल बचाओ ...पढ़ बचाओ ..जीवन बचाओ

वन और पर्यावरण सुरक्षा और जाग्रति मामले में आज कोटा जिला वक्फ कीमती में महक वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से आयोजित कार्यशाला में बोलते हुए जिला वक्फ कमेटी के नायब सदर और विधि सलाहकार एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा के केंद्र और राज्यसरकारों ने वन और पर्यावरण को बचाने देश और समाज को परुषं मुक्त करने के लियें कानून तो बनाये हैं लेकिन उनकी पालना नहीं होने से आज हम सभी जहरीले वातावरण में पल बढ़ रहे है ..उन्होंने कहा के अगर ऐसे ही हालात रहे तो रोज़ जंगल कटते रहेंगे और हमारी सांसे जहरीली हवा के कारण बंद हो जायेंगी ..उन्होंने कहा के हम पेड़ तो लगाते है लेकिन उनकी सुरक्षा नहीं करते उन्हें पालते पोसते नहीं है .....सडकों पर जो पेड़ लगे है वोह सभी डम्बर से घेर दिए गए है जिस कारण इन पेड़ों को पानी नहीं मिलता और पुराने पेड़ टूट कर रोज़ गिर रहे है ..उन्होंने सडकें बनाने और डम्बर करने में ऐसे पेड़ों की जड़ों तक पानी पहुँचाने के लियें जगह छोड़ने का सुझाव भी दिया ......वन विशेषग्य वी के सालवान ने इस अवसर पर कहा के पढ़ हमे ऑक्सीजन के आलावा जिंदगी और जिंदगी जीने के लियें रोज़गार भी देता है उन्होएँ कोटा में मुकंदरा हिल का हवाला देते हुए कहा के दरा अभ्यारणय को अगर नेशनल पार्क घोषित किया जाए साथ ही यहाँ पर्यटन सर्किट बनाया जाए तो कोटा सम्भाग में रोज़गार के नये अवसर भी उपलब्ध होंगे और वन सुरक्षित होने से लोगों का जीवन भी सुरक्षित होगा इस अवसर पर जन्ग्लिशाह बाबा परिसर में व्र्क्षरोपन भी किया गया जिसमे अख्तर खान अकेला और वीके सालवान ने भी वृक्षारोपण किया ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

टोंक जिला वक्फ कीमती के सदर पर कातिलाना हमला करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग

राजस्थान के टोंक जिले की जिला वक्फ कमेटी के सदर मोहम्मद आहमद उर्फ़ भय्या और उनकी टीम सहित सरकारी कारिंदों पर वक्फ सम्पत्ति के कब्जेदारों के हमले ने राजस्थान सरकार के अल्प्नस्स्ख्यक और वक्फ सम्पत्ति की सुरक्षा के सभी दावे खोखले साबित कर दिए है ........टोंक में भूमाफियाओं ने जिला वफ़ कीमती की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे कर रखे है और फिर प्रशासन और सरकार से मिलकर इन संपात्तियों को छुडवाने की कोशिशों में जुटे लोगों पर यह हमला कर इन्हें जान से मार देना चाहते है ..राजस्थान की सरकार जो एक तरफ वक्फ सम्पत्तियों की सुरक्षा और इन सम्पत्तियों के कब्जेदारों से सम्पति मुक्त कराने के दिखावटी दावे करती है वोह इस हमले के बाद बेनकाब हो गये हैं ..टोंक में माली समाज के लोगों ने सरकारी कर्मचारियों और वक्फ के पदाधिकारियों को जान से मारने की गरज से उन पर हमला किया और पुलिस है के साधारण धाराओं में मुकदमा दर्ज करती है ..किसी भी कोंग्रेसी नेता की वक्फ हित में कोई प्रतिक्रिया नहीं आती होई उलटे भाजपा समर्थित लोग वहा चक्का जाम आकर लोगों को उकसाने का काम करते है टोंक प्रशासन इस मामले में साफ़ किसी खास दबाव में काम करता हुआ नज़र आता है लेकिन इस हमले की घटना के बाद सरकार को अब नये सिरे से वक्फ संपत्तियों के रखरखाव के लियें कार्य योजना तय्यार करना होगी ..आज कोटा जिला वफ़ कमेटी के सदर हाजी अज़ीज़ अंसारी और सचिव आबिद हुसेन अब्बासी सहित सभी कमेटी के सदस्यों ने टोंक में हमले की घटना की कठोर शब्दों में निंदा की और कातिलाना हमले के हमलावरों को जल्दी ही गिरफ्तार कर दंड दिलवाने की मांग की .....जिला वक्फ कमेटी कोटा के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे गए ज्ञापन में मांग की है के वक्फ संपत्तियों पर कब्जा और कब्जेदारों द्वारा पदाधिकारियों पर जान लेवा हमला गंभीर मामला है इसलियें राजस्थान के सभी जिलों की वक्फ सम्पत्तियों के कब्जेदारों के सर्वे करवा आकर उन्हें कब्जेदारों से मुक्त कराने के लिए सरकार ईमानदारी से जेसे नगर निगम और नगर न्यास की संपत्तियों से कब्जे हटाने के लियें अभियान चलाती है ऐसे आभियान चलाए और बिना किसी पक्षपात के सभी वक्फ संपत्तियों से कब्जे हटें कब्जेदारों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज कर उन्हें दंडित भी किया जाये ज्ञ्क्पन में कहा गया है के राजस्थान नये वक्फ कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के रख रखाव और कार्य संचालन के लियें भी नये नियम बनाएं जो सर्वे बार बार पन्द्राह सालों से करवाए जा रहे है और सर्वे के नाम पर करोड़ों रूपये अनावश्यक खर्च किये जा रहे है उस सर्वे रिपोर्ट को अब अधिसूचित कर गजट भी प्रकाशित करवाया जाए .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बारां में कोंग्रेस अध्यक्ष डोक्टर चन्द्रभान मंच से धडाम हुए

राजस्थान के बार जिले में कोई भी कोंग्रेसी जाए उसके साथ कुछ गलत जरुर होता है यह कडवी बात जरुर है लेकिन सच्चाई है ..बारां वालों की बात छोड़ दें लेकिन बाहर से जब भी कोई कोंग्रेसी वहां गया है उसके साथ अनहोनी जरुर हुई है ..पहले अशोक गहलोत प्रमोद भाया द्वारा बुलाये गए विवाह सम्मेलन में गए तो वहां नाबालिगों के जोड़ों के आरोपों को लेकर अशोक गहलोत बदनामी में उलझ गए थे फिर ..अश्क अली टाक जो अभी राज्यसभा सदस्य है बारां गए तो उनका काला मुंह कर बरन के कोंग्रेसियों ने वहीं उन्हें बेईज्ज़त कर दिया ..इसके पहले राजिव गाँधी हो ..इंदिरा जी हों .राहुल जी हों जो भी बारां गया कुछ ना कुछ गडबड जरुर हुई है कभी हेलीपेड का चक्कर तो कभी सुरक्षा का चक्कर तो कभी रात गुजारने का चक्कर ....आज कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष फिर बारां में कोंगरे कार्यकर्ता के सम्मेलन के मंच पर थे के मंच धडाम से नीचे गिरा और जो लोग इस मंच के माध्यम से अर्श से फर्श पर पहुंचना चाहते थे सीधे फर्श पर नीचे गिर गए कई लोगों के चोटें भी आयीं ...बात दर असल यह है के डॉक्टर चन्द्रभान जहाँ भी जाते हैं उन्हें कोंग्रेस के नेताओं की शिकायतों का अम्बर मिलता है वोह ना तो डर के मारे कोंग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन बुला पा रहे है और जहाँ सम्मेलन बुलाये है वहां भरतपुर की घटना से डर और खोफ के माहोल में जीने के कारण कार्यकर्ताओं के साथ अपराधियों सा सुलूक करवाकर उन्हें पास बनवाकर सम्मेलन में बुलाने की प्रक्रिया बनाई है ..कल कोटा में डोक्टर चन्द्रभान का स्वागत तो हुआ लेकिन उन्हें यहाँ की राजनीति और सर फुटव्वल के मामले में बेहिसाब शिकायतें दी गयीं ..सभी जानते है यह शिकायतें कचरे की टोकरी में जाएँगी और बार में शायद इन शिकायतों के बोझ के कारण ही कार्यकर्ताओं का यह स्टेज वजन बर्दाश्त नहीं कर पाया और मंच टूट कर बिखर गया खुदा का शुक्र है के किसी के चोटें नहीं आयीं ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजीव गांधी के पीएम बनने के खिलाफ थे प्रणब मुखर्जी!



नई दिल्ली. दिवंगत कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद चाहते थे कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाए। वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने यह खुलासा अपनी आत्मकथा 'बियोंड द लाइंस' (रोली बुक्स) में किया है।

नैयर के अनुसार, कांग्रेस कार्यसमिति ने जल्दबाजी में एक बैठक बुलाकर राजीव गांधी का नाम उनकी दिवंगत मां की उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तावित कर दिया। लेकिन इस प्रस्ताव से दो वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी और अर्जुन सिंह सहमत नहीं थे।

उन्होंने लिखा है, "प्रणब मुखर्जी का कहना था कि राजीव गांधी जब तक औपचारिक रूप से कांग्रेस संसदीय दल का नेता नहीं चुन लिए जाते, तब तक किसी वरिष्ठतम व्यक्ति को प्रधानमंत्री का पद संभालना चाहिए। अर्जुन सिंह का विचार कुछ अलग था। वह इस बात पर अड़े थे कि सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री होना चाहिए। राजीव गांधी ने जो सरकार गठित की, उसमें उन्होंने जानबूझकर प्रणब को शामिल नहीं किया। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया, ताकि आम चुनाव जल्द कराया जा सके।"

अंग्रेजी दैनिक 'स्टेट्समैन' के पूर्व स्थानीय संपादक एवं समाचार एजेंसी यूएनआई के प्रबंध संपादक नैयर ने अपनी आत्मकथा में 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' से जुड़ी घटनाओं का भी विस्तार से वर्णन किया है।

वह कहते हैं कि उग्रवादी नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले का उग्र हाव-भाव सिखों को पसंद नहीं था। नैयर कहते हैं, "वह खुद को कानून और देश से ऊपर समझता था। उसका ख्याल था कि ईश्वर ने उसे एक मिशन के लिए चुना है। उसकी महत्वाकांक्षा इतनी ताकत हासिल करने की थी जिसे पुलिस और भारत की सेना चुनौती नहीं दे पाए। यही उसकी त्रासदी थी।"

नैयर कहते हैं कि इंदिरा गांधी के दिवंगत छोटे बेटे संजय गांधी ने सुझाव दिया था कि कुछ संतों को इतना बढ़ावा दिया जाए कि वे पंजाब की अकाली दल सरकार को चुनौती दे सकें। संजय गांधी ने पंजाब की राजनीतिक परिस्थिति के मूल्यांकन के लिए कांग्रेस नेता ज्ञानी जैल सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री जो बाद में राष्ट्रपति बने) और दरबारा सिंह (जो बाद में मुख्यमंत्री बने) को चुना था।

नैयर ने लिखा है, "जैल सिंह भी भिंडरांवाले के साथ निरंतर सम्पर्क बनाए हुए थे, हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने इस बात से इंकार किया।"


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