आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

11 जुलाई 2012

हमारे सत्तर उनके पचास से भी काम फिर भी उनका डॉक्टरी में सेलेक्शन यह सच जानकर मेरी बिटिया और उसकी सहेलियाँ रो पढ़ीं

आरक्षण के मायने हमारे साथ बेईमानी ज़ुल्म ज्यादती और फिर जनता को इलाज के लियें घटिया लोग समझ कर चारों बेटियां रो पढ़ीं ..जी हाँ दोस्तों कल जब में वकीलों की हडताल के बाद अदालत से घर पहुंचा तो मेरी बिटिया जवेरिया और उसकी चार सहेलियां मेरा इन्तिज़ार करती मिलीं ......मेरे फ्रेश होने के बाद मेरी बिटिया सहित चारों सहेलियों ने बेताबी से मुझ से एक सवाल पूंछा ..यह सभी कोटा के कोचिंग एल ऍन कोचिंग क्लासेस में पी एम टी की कोचिंग ले रही है ..उनका सवाल था के कोचिंग में हमसे ऐसा क्यूँ कहा गया की एम्स का मोडल टेस्ट यहाँ होगा और इस टेस्ट में जनरल कास्ट के लियें सत्तर प्रतिशत और एस सी ..एस टी...... ओ बी सी के लियें पचास प्रतिशत लाना जरूरी है ..बच्चियों ने मासूमियत से सवाल किया के जाती के आधार पर यह नम्बर कम ज्यादा आने का कोचिंग में सवाल क्यूँ उठाया गया ..में समझ गया कोचिंग वाले समझाना चाहते थे के आरक्षित जाति के लोग तो पचास प्रतिशत नम्बर लाने पर भी सेलेक्ट हो जायेंगे लेकिन सामान्य जाति के बच्चों के लियें इसी इम्तिहान में कमसे काम सत्तर प्रतिशत तो लाना ही होंगे मेने उन्हें आरक्षित जातियों उनके लाभ और कम नम्बरों में भी उनके सेलेक्शन के नियम समझाये ......उनका दूसरा सवाल था के अंकल एक तरफ तो सत्तर प्रतिशत से ज्यादा वाले बच्चे डोक्टर बनकर मरीजों का इलाज और ओपरेशन करेंगे और दूसरी तरफ पचास प्रतिशत से भी कम आने वाले बच्चे भी मरीजों का इलाज करेंगे तो फिर ऐसे कम नम्बर वाले डोक्टर अगर मरीजों का इलाज करेंगे तो उनका क्या हाल होगा अंकल में निरुत्तर था उनका कहना था के डोक्टर और इंजिनियर में भी अगर ऐसा होता है तो फिर तो देश का बट्टा धार होगा ही ...मेने उन्हें समझाने की कोशिश की के यह हमारे देश में दलितों को ऊँचा उठाने का सिस्टम है कानून है नियम है लेकिन वोह चारो बच्चियां और मेरी बिटिया इस भेदभाव के नियम को समझने को तय्यार नहीं थीं उनका कहना था के जिनके परिवार हमसे भी ज्यादा सम्पन्न है और रोज़ हमसे ज्यादा खर्च करते है उन परिवार के बच्चे भी हमारे साथ रहकर अगर कम नम्बर लाने पर भी हमसे आगे निकलते है तो फिर हम ऐसी भेदभाव वाली पदाई पढ़कर क्या करेंगे मेने फिर से समझाने की कोशिश की लेकिन इन बच्चों ने सवाल तो नहीं किया बस इनकी आँखों में आंसू और मुंह से रुलाई फूट पढ़ी थी और मेरा कलेजा उनका यह हाल देख कर मुंह को आने लगा था ....मेरे पास भी इस भेदभाव वाले कानून के मामले में कोई जवाब नहीं था .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

किन्नरों के आतंक से खौफ खाते हैं लोग, देखते ही लगाने लगते हैं मोबाइल

कोटा. जवाहरनगर में पिछले काफी समय से किन्नरों का आतंक है। किन्नर शादी व बच्चों के जन्म के समय घरों से जबरन उगाही कर रहे हैं। इससे लोग परेशान हैं। बुधवार को एक शादी वाले घर में पहुंचे किन्नरों की सूचना पूर्व पार्षद ने जवाहरनगर पुलिस को सूचना दी, लेकिन एक घंटे तक पुलिस नहीं पहुंची। किन्नर वहां से 11 हजार रुपए की उगाही करके ले गए।

पूर्व पार्षद लहरी शंकर गौतम ने बताया कि जवाहर नगर में किन्नर बधाई के नाम पर हजारों रुपए की उगाही कर रहे हैं। शादी व बच्चों के जन्म पर घरों पर आ जाते हैं और परिवार वालों से 21 तथा 15 हजार रुपए की डिमांड करते हैं। उनकी मांग पूरी नहीं करने पर वे अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। पहले भी कई घरों में उन्होंने ऐसा ही किया। इस बारे में कुछ दिन पहले सीआई भंवरसिंह से बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि वह इस बार किन्नरों के आने पर वे पुलिस को सूचना दें।

बुधवार सुबह एक शादी के परिवार में किन्नर आए और बधाई के नाम पर 21 हजार रुपए की डिमांड करने लगे। परिवार वालों ने मना किया तो उन्होंने कपड़े उतार दिए और अभद्रता करने लगे। इसकी सूचना सीआई भंवर¨सह को दी गई। सीआई ने कहा कि वे पुलिस का जाब्ता भेज रहे हैं। इधर, किन्नर अभद्रता करते रहे। एक घंटे तक भी पुलिस के नहीं आने पर परिवार वाले परेशान हो गए। उन्होंने किन्नरों से रुपए कम करने के लिए कहा तो मामला 11 हजार तक पहुंचा। परिवार वालों ने उन्हें 11 हजार रुपए देकर जान छुड़ाई। पुलिस हर मामले में ऐसा ही व्यवहार करती है। वहीं, सीआई भंवरसिंह ने कहा कि पुलिसकर्मी भेजे थे, लेकिन उनके पहुंचने तक किन्नर निकल गए थे। किसी से जबरन रुपए लिए जा रहे हैं तो वे थाने में मुकदमा दर्ज कराएं। किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

फेसबुक के जरिये सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल ने बनाए बांग्लादेशी महिला से सम्बन्ध


जोधपुर/नई दिल्ली.सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी के बांग्लादेशी महिला शीबा से फेसबुक संबंधों का खुलासा हुआ है। सेना को शक है कि ले. कर्नल संजय शांडिल्य ने शीबा को खुफिया सूचनाएं दी हैं।

शीबा पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी हुई है। पिछले साल भी उसने एक ऑफिसर को अपने जाल में फंसाया था। चंदेल सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) में 82 आर्म्ड रेजिमेंट में पदस्थ हैं। सेना के अनुसार अब उन्हें राजस्थान में ही किसी दूसरी यूनिट में अटैच किया है।

सेना के प्रवक्ता ले. कर्नल जगदीप दहिया के अनुसार मामला मई में खुला। ले.कर्नल संजय शांडिल्य और शीबा नाम की बांग्लादेशी महिला के फेसबुक संबंधों का मई में पता चला था।आर्मी इंटेलिजेंस के शक पर इस सूचना को रॉ और आईबी के साथ शेयर किया गया था। अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी चल रही है।

बुधवार को कुछ समाचार चैनलों पर खबर आई थी कि अधिकारी को शीबा के साथ गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि शीबा और अधिकारी ढाका में एक पार्टी में मिले थे। अधिकारी उस दौरान बांग्लादेश मिल्रिटी अकादमी में कोर्स करने गया था। हालांकि सेना ने गिरफ्तारी की बात से इनकार किया है। सेना के मुताबिक संजय और शीबा का केवल ऑनलाइन संपर्क था।

फेसबुक के जरिये सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल ने बनाए बांग्लादेशी महिला से सम्बन्ध


जोधपुर/नई दिल्ली.सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी के बांग्लादेशी महिला शीबा से फेसबुक संबंधों का खुलासा हुआ है। सेना को शक है कि ले. कर्नल संजय शांडिल्य ने शीबा को खुफिया सूचनाएं दी हैं।

शीबा पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी हुई है। पिछले साल भी उसने एक ऑफिसर को अपने जाल में फंसाया था। चंदेल सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर) में 82 आर्म्ड रेजिमेंट में पदस्थ हैं। सेना के अनुसार अब उन्हें राजस्थान में ही किसी दूसरी यूनिट में अटैच किया है।

सेना के प्रवक्ता ले. कर्नल जगदीप दहिया के अनुसार मामला मई में खुला। ले.कर्नल संजय शांडिल्य और शीबा नाम की बांग्लादेशी महिला के फेसबुक संबंधों का मई में पता चला था।आर्मी इंटेलिजेंस के शक पर इस सूचना को रॉ और आईबी के साथ शेयर किया गया था। अधिकारी के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वायरी चल रही है।

बुधवार को कुछ समाचार चैनलों पर खबर आई थी कि अधिकारी को शीबा के साथ गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि शीबा और अधिकारी ढाका में एक पार्टी में मिले थे। अधिकारी उस दौरान बांग्लादेश मिल्रिटी अकादमी में कोर्स करने गया था। हालांकि सेना ने गिरफ्तारी की बात से इनकार किया है। सेना के मुताबिक संजय और शीबा का केवल ऑनलाइन संपर्क था।

कुरान का संदेश



किस जगह पिया था भगवान शिव ने विष? जानिए..




भारत में तमिलनाडु राज्य के कुम्भकोणम के उत्तर में 7 किमी की दूरी पर नीदमंगलम के पास अलानगुड़ी में स्थित है - श्री अभत्स्येश्वर मंदिर। यह स्थान भगवान शिव को समर्पित है। यहां देवगुरु बृहस्पति शिवलिंग स्वरूप में पूजनीय हैं। इसलिए यह देवालय देवगुरु बृहस्पति के स्थान के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर शिवालय होने के साथ तमिलनाडु के चोल क्षेत्र के नवग्रह स्थलों में से एक है। यहां भगवान शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप के दर्शन होते हैं। यहां बृहस्पति के अपनी राशियों में संक्रमण के समय दर्शन व गुरु दोष शांति के लिए बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं। कई पौराणिक मान्यताएं जुड़ी होने से यह स्थान बड़ा ही जाग्रत भी माना गया है।



क्या है पौराणिक महत्व?



पौराणिक मान्यताओं में यह वही स्थान है जहां भगवान शिव ने समुद्र मंथन में निकले भयंकर विष को पीकर जगत की रक्षा की और नीलकंठ बने। अलानगुड़ी शब्द में भी 'अला' का मतलब जहर ही बताया गया है। इसलिए यहां भगवान शिव नीलकंठ रूप में विराजित हैं। यही नहीं, माता सती का पुनर्जन्म भी यहां अमृत पुष्करिणी के किनारे ही माना जाता है। इसी जन्म में भगवान शिव से उनका फिर से मिलन हुआ। माना जाता है कि यहीं गुरु बृहस्पति ने तप कर भगवान शिव की कृपा से देवगुरु का पद पाया। भगवान आदि शंकराचार्य ने भी शिव के इस क्षेत्र में आकर तप किया।



ज्योतिष विज्ञान की नजर में देवगुरु बृहस्पति -



हिन्दू धर्म में देवगुरु यानी बृहस्पति को विद्या और ज्ञान के देवता के रुप में पूजा जाता है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार गुरु व्यक्ति के भाग्य का भी निर्णय करने वाले हैं। बृहस्पति का वाहन हाथी माना जाता है, जो स्वयं एक बुद्धिमान जीव माना गया है। कुण्डली का दूसरा, चौथा, पांचवा और ग्यारहवां स्थान गुरु का विशेष प्रभाव क्षेत्र होता है। ज्योतिष शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु, मीन और धनु राशि के स्वामी हैं। यह मकर राशि में होने पर जातक पर बुरा प्रभाव डालते हैं, वहीं कर्क राशि में होने पर यह सुफल देते हैं। इसके अलावा गुरु को पूर्व दिशा का स्वामी माना गया है। साथ ही वह पीले रंग, पीले पुखराज, स्वर्ण धातु के स्वामी होने के साथ ही पुरुष और आकाश तत्व के कारक माने जाते हैं। गुरु के बुरे प्रभाव से डायबिटीज, लीवर या वायु से जुड़े रोग हो जाते हैं। हवाई दुर्घटना की भी संभावना बनती है। गुरु का अच्छा-बुरा प्रभाव कारोबार, शिक्षा और अदालती मामलों में सफलता और असफलता नियत करता है। गुरु के शुभ प्रभाव से जातक का स्वभाव विनम्र और शांतिप्रिय होता है, वह खूबसूरत होता है और उसका रुझान धर्म और अध्यात्म क्षेत्र में होता है।



मंदिर का स्वरूप -



मंदिर क्षेत्र में 15 तीर्थ हैं, जो लगभग 1.25 एकड़ क्षेत्र में फैले हैं। इसके अलावा मंदिर के अंदर ही ज्ञान कूप नाम का एक तीर्थ भी है। मंदिर के पूर्व दिशा की ओर पुल्लैवला नदी बहती है, जिसके जल से भगवान का अभिषेक किया जाता है। भगवान शिव और गुरु के मंदिर के अलावा यहां सूर्य, सोम, ब्रह्मा, विष्णु, गुरुमोक्षेश्वर, सप्तऋषि, काशी विश्वनाथ, विशालाक्षी आदि देवी-देवताओं के मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर का निर्माण काल पल्लवकालीन माना जाता है। किंतु चोल शासकों ने इसमें नए निर्माण किए। चोल वंश के एक अभिलेख में इस स्थान को सरुपेदिमंगलम नाम से पुकारा गया है।

मूर्ति -



यहां बृहस्पति देव की चार भुजाधारी मूर्ति है। जिनमें एक हाथ में दण्ड, दूसरे में कमण्डल, तीसरे में जपमाला और चौथा हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है। बृहस्पति देव यहां तपस्वी की वेशभूषा में विराजित हैं।



कैसे पहुंचे -



एयरपोर्ट - नजदीकी एयरपोर्ट तिरुचिरापल्ली, चेन्नई और पांडिचेरी है।

रेलवे स्टेशन - नजदीकी रेलवे स्टेशन कुंभकोणम, कांचीपुरम, श्री रंगम और तंजावुर हैं।

सड़क मार्ग - अलानगुड़ी सड़क मार्ग से चेन्नई से लगभग 370 किलोमीटर और तिरुचिरापल्ली से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है।

पेशाब पर बयान: अग्निवेश अड़े, BKKS ने दी अंजाम भुगतने की धमकी




नई दिल्‍ली। विश्व भारती यूनिवर्सिटी अपने यहां पढ़ने वाली बच्ची के कथित तौर पर पेशाब पीने के मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में पूरे मामले को 'छोटी घटना' करार दिया। आरोपी वॉर्डन को बर्खास्त किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर पीड़ित बच्ची वॉर्डन को दोषी साबित कर देगी तो विश्वविद्यालय प्रशासन वॉर्डन पर कार्रवाई करेगा। पश्चिम बंगाल पुलिस ने विश्व भारती यूनिवर्सिटी की पीड़ित लड़की का मेडिकल टेस्ट कराने का फैसला किया है।


दूसरी तरफ, विश्व भारती हॉस्‍टल के वॉर्डन के पक्ष में उतरना स्‍वामी अग्निवेश को महंगा पड़ सकता है। देश भर में उनके इस कदम की निंदा हो रही है और कुछ लोग उन्‍हें धमकी भी दे रहे हैं। भगत सिंह क्रांति सेना (बीकेकेएस) ने कहा है कि यदि अग्निवेश 24 घंटे के अंदर माफी नहीं मांगते हैं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। वहीं, ट्विटर पर उनके बयान का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है।
लेकिन अग्निवेश बयान पर कायम हैं। उन्‍होंने वार्डन का पक्ष लेते हुए उन्‍हें सही ठहराया है। वॉर्डन पर आरोप है कि उन्‍होंने एक लड़की को उसे अपना पेशाब चाटने की सजा दी थी। यह सजा बिस्‍तर गीला करने के लिए थी। इस खबर को पूरे देश की मीडिया में 'शर्मनाक घटना' के तौर पर रिपोर्ट किया गया। वॉर्डन को भी सस्‍पेंड कर दिया गया है।
पूरे देश में वॉर्डन की किरकिरी हो रही है, लेकिन स्‍वामी अग्निवेश ने कहा है कि वॉर्डन की मामूली सलाह को लेकर पहले बच्‍ची के माता-पिता और फिर मीडिया ने बवाल मचाया, यह दुखदायी है।
दैनिकभास्‍कर डॉट कॉम से बातचीत में बुधवार को अग्निवेश ने कहा कि जैसे घर में मां-बाप बच्‍चों को सलाह देते हैं, वैसे ही वॉर्डन ने सलाह दी होगी। लेकिन मीडिया ने जबरदस्‍ती इस इश्‍यू को खड़ा कर दिया। जबकि देश में इससे गंभीर इश्‍यू हैं। जिन पर मीडिया को चर्चा करना चाहिए।
विश्व भारती यूनिवर्सिटी के तहत चलने वाले स्कूल में पांचवीं क्‍लास की स्‍टूडेंट को अपना पेशाब पीने के लिए मजबूर किए जाने का मामला सामने आने के बाद हॉस्टल की वॉर्डन उमा पोद्दार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
स्‍वामी अग्निवेश कहते हैं, 'उसे ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि जबरन कराया गया। उसके हाथ बंधे नहीं थे और न ही उसके मुंह में जबरन पेशाब डाला गया।' अग्निवेश के मुताबिक वैसे भी पेशाब पीना पारंपरिक चिकित्‍सा पद्धति का हिस्‍सा है।
लड़की के पिता ने इस मामले में बोलपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने वॉर्डन को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन बाद में उसे कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने उमा पोद्दार नाम की वॉर्डन को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन इस मामले की गूंज प्रधानमंत्री के दफ्तर तक पहुंच गई है। राज्‍य सरकार से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। विश्व भारती के संचालकों ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की है। संचालकों ने छात्रा के माता-पिता व अन्य पर हॉस्टल में जबर्दस्ती घुसने की रिपोर्ट भी लिखाई है। राष्‍ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) ने संस्‍थान से इस बारे में सफाई मांगी है और रिपोर्ट पेश करने को कहा है

गुजरात दंगे: वाजपेयी और नारायणन की चिट्ठियों पर लगी रोक


नई दिल्ली.दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र के उस कदम को सही ठहराया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन के बीच गोधरा के बाद 2002 में गुजरात में हुए दंगे को लेकर लिखी गई चिट्ठियों को सार्वजनिक नहीं करने का फैसला लिया गया था। हाई कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच हुए पत्र व्यवहार को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।

कोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) के आदेश पर रोक लगा दी। केंद्रीय सूचना आयुक्त ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए वाजपेयी और नारायणन के बीच हुए पत्राचार को सामने लाए जाने का निर्देश दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने सीआईसी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनिल कुमार ने अपने आदेश में कहा, मौजूदा तथ्यों और हालात के मद्देनजर सीआईसी का 8 अगस्त, 2006 को दिया गया निर्देश अमल में लाए जाने लायक नहीं है। सीआईसी केंद्र को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच पत्र व्यवहार को सार्वजनकि करने या खुद भी देखने का निर्देश नहीं दे सकते क्योंकि भारतीय संविधान की धारा 74(2) के तहत इस पर रोक लगी हुई है। धारा 74(2) मंत्रिपरिषद (काउंसिल ऑफ मिनिस्टर) की ओर से राष्ट्रपति को दी गई सलाह को सार्वजनिक करने से रोकती है।

सीआईसी की फुल बेंच के फैसले को किनारे रखने के अलावा कोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता सी रमेश की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने गुजरात दंगों पर तत्कालीन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच हुए पत्राचार को जानने का हक न होने के खिलाफ अपील की थी। सीआईसी की फुल बेंच ने 8 अगस्त, 2006 को उन चिट्ठियों की मांग की थी, जो गुजरात दंगों के संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच पत्राचार के दौरान भेजी गई थीं। रमेश ने इन्हीं चिट्ठियों को सार्वजनिक करने की मांग की थी। सीआईसी की फुल बेंच ने कहा था कि यह पता लगाने के लिए कि चिट्ठियां देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करती हैं या नहीं, चिट्ठियों को देखना जरूरी है। इसके बाद ही इस बारे में उचित फैसला लिया जा सकता है। लेकिन केंद्र ने सीआईसी के निर्देश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में दलील दी थी कि ऐसी चिट्ठियों का खुलासा देश की एकता और अखंडता पर बुरा असर डाल सकती है।

मर्डर मिस्‍ट्री में नया ट्विस्ट: शादीशुदा थी लैला, पर पति का पता नहीं


मुंबई. बॉलीवुड की लापता हीरोइन लैला खान की गुमशुदगी की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार को इस बात का औपचारिक ऐलान कर दिया कि उन्हें नाशिक के नजदीक इगतपुरी में लैला खान के फार्महाउस से 6 नरकंकाल मिले हैं।
मुंबई पुलिस पुलिस का कहना है कि फार्महाउस में 12 फुट लंबे, 8 फुट चौड़े और 6 फुट गहरे गड्ढे में 6 नरकंकालों को रखा था। गड्ढे में सबसे नीचे तीन शवों को रखा गया था और फिर खून से सने तकिए और कपड़े रखकर उस पर पत्थर रख दिए गए थे। इसके बाद तीन शवों को रखकर फिर पत्थर से उसे ढंक दिया गया था। सबसे ऊपर मिट्टी डालकर पूरे गड्ढे को ढंक दिया गया था। पुलिस ने यह सनसनीखेज खुलासा भी किया है कि परवेज ने यह बात कुबूली है कि लैला खान की शादी हो चुकी थी। लेकिन यह साफ नहीं है कि लैलाकी शादी किस शख्स से हुई है और वह इस समय कहां है।

सीएचसी, पीएचसी में सफाई की बदइंतजामी पर सीएम खफा


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा स्वास्थ्य केंद्रों पर टॉयलेट के निकृष्ट इंतजाम।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर सफाई की बदइंतजामी पर खफा है। गहलोत ने कहा है कि कई स्थानों पर तो टॉयलेट के हालात निकृष्ट हैं। इन्हें एक माह तक अभियान चलाकर ठीक किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत हैं, नहीं तो विकास के सारे मापदंड धरे रह जाएंगे।
ओटीएस में विश्व जनसंख्या दिवस पर बुधवार को आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में गहलोत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में राज्य में जनसंख्या बढ़ोतरी में आनुपातिक रूप से कुछ कमी आई है, लेकिन इससे काम नहीं चलने वाला है। हमें इस मामले में ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का काम किसी पार्टी विशेष से जुड़ा नहीं है। कांग्रेस, बीजेपी हो या सीपीएम यह काम सबका है। गहलोत ने कहा कि कन्या भू्रण हत्या करना समाज के साथ अन्याय है और बेटियों को बचाने के लिए समाज के हर तबके को आगे आना होगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण में श्रेष्ठ परिणाम देने के लिए पाली के कलेक्टर नीरज पवन, सिरोही के कलेक्टर बन्नालाल, श्रीगंगानगर कलेक्टर अंबरीश कुमार को सम्मानित किया। उन्हें पुरस्कार के रूप में क्रमश: 30, 20 और 10 लाख रुपए की राशि दी गई। इसके अलावा पंचायत समिति, ग्राम पंचायतों, सरकारी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम के प्रतिनिधियों को भी श्रेष्ठ काम के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में चिकित्सामंत्री ए.ए. खान, चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव बी.एन. शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए।

हाथ-पैर बांधकर किया मेरा जेंडर टेस्ट: पिंकी



कोलकाता।


एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाली विवादित एथलीट पिंकी प्रमाणिक को बुधवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद पिंकी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पिंकी का कहना है कि पुलिस ने जेंडर टेस्ट के लिए उनके हाथ-पैर बांध दिए थे। उन्हें प्रताड़ित किया गया।


पिंकी ने आरोप लगाया है, 'मेरे लाख विरोध के बावजूद जबरन हाथ-पैर बांधकर जेंडर टेस्ट के लिए मुझे एक प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाया गया। मैं इसके खिलाफ चिल्ला रही थी, विरोध कर रही थी, लेकिन किसी ने मेरी एक ना सुनी।'

25 दिन बाद जेल से रिहा होकर बाहर निकली पिंकी प्रमाणिक के शरीर में मुख्‍यत: मर्द वाले लक्षण हैं। यह खुलासा 11 सदस्‍यीय डॉक्‍टरों की उस टीम की रिपोर्ट में किया गया, जिन्‍हें पिंकी के लिंग की जांच कर यह पता लगाना था कि वह मर्द हैं या औरत।

प्रमाणिक के लिंग निर्धारण के लिए क्रामोसोमल जांच की रिपोर्ट एसएसकेएम अस्पताल द्वारा अदालत में सौंपी जा चुकी है। सोमवार को वेस्‍ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नोलॉजी की ओर से अस्‍तपाल को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्‍य मर्दों में पाए जाने वाला एक्‍सवाई कारयोटाइप पिंकी में भी पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, औरतों में टू एक्‍स क्रोमोसोम्‍स पाया जाता है जबकि मर्दों में एक एक्‍स और एक वाई।

इस रिपोर्ट को लेकर मेडिकल बोर्ड के एक डॉक्‍टर का कहना है कि साइंस हर चीज को साफ साफ नहीं बता सकता है। पिंकी का केस भी ऐसा ही है। क्‍या पिंकी किसी का बलात्‍कार कर सकती है, इसका जवाब डॉक्‍टर भी सही सही नहीं दे पा रहे हैं।

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की एक अदालत से जमानत मिलने के बाद एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता पिंकी प्रमाणिक रिहा हो गई है। उन पर पुरुष होने तथा एक महिला से बलात्कार का आरोप है। इसी आरोप में 15 जून से वह न्यायिक हिरासत में थीं।

प्रमाणिक को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। 15 जून को उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनके साथ रहने वाली एक तलाकशुदा महिला व एक बच्चे की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा कर कहा था कि पिंकी पुरुष है और उसने उनके साथ बलात्कार किया तथा उन्हें प्रताड़ित किया।


पिंकी ने तीन साल पहले एथलेटिक्स से संन्यास लिया था। वह वर्ष 2006 में कतर की राजधानी दोहा में हुए एशियाई खेलों में 4 गुना 400 मीटर रिले स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। उसी साल मेलबर्न में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता था।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...