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14 जुलाई 2012

गेहूं की ऐसी दुर्दशा कर दी कि रोना आ जाए

गीली बोरियों से झांकती फफूंद और मिट्टी से सनी हुई गेहूं की घूघरी। साफ बता रही है कि एफसीआई ने किसानों की मेहनत की क्या गत कर दी है। शुक्रवार को भास्कर टीम केबल नगर के अस्थाई गोदाम में पहुंची तो यहां का हर हिस्सा बर्बादी बयां कर रहा था। हजारों टन गेहूं खुले आसमान के नीचे तिरपाल के सहारे रखा हुआ था। देखते-देखते बारिश आ गई और फिर से यह गेहूं भीगने लगा

कोटा.किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 60 हजार मीट्रिक टन गेहूं कोटा के पास केबलनगर में खाद्य निगम के अस्थाई गोदाम में बारिश में भीगकर खराब हो रहा है। खुले में कच्ची जमीन पर पड़े गेहूं के कट्टों के विशाल ढेर में से करीब 25 फीसदी गेहूं तो सड़ गलकर बदबू मार रहा है। चकित करने वाली बात यह कि इस गेहूं की ही सफाई कराके नए बारदानों में भर कर भंडारण के लिए बाहर भेजा जा रहा है।


यही गेहूं गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने की सरकारी योजना के तहत बीपीएल-एपीएल परिवारों को बांटा जाएगा। पिछले तीन माह के दौरान कोटा में समर्थन मूल्य पर की गई गेहूं की 4 लाख 99 हजार मीट्रिक टन खरीद में से एफसीआई ने भंडारण के अभाव में 1.82 लाख टन गेहूं कोटा से करीब 25 किलोमीटर दूर केबलनगर में बंद पड़ी ओपीसी फैक्ट्री परिसर में डाला था। 1 जुलाई से इसका उठाव शुरू हो गया था।

शुक्रवार दोपहर 12 बजे मौके पर पहुंचे संवाददाता ने देखा कि कच्ची जमीन पर पड़े गेहूं के कट्टों के ढेरो में से कई कट्टे पिछले दिनों से शुरू हुई बारिश में न सिर्फ भीग चुके थे, बल्कि यह गेहूं बुरी तरह सड़ांध मार रहा था। समूचा परिसर दलदल में तब्दील हो चुका है। सड़े गले गेहूं के ढेले बन गए थे और वहां बदबू के मारे खड़े रहना भी मुश्किल था।

गेहूं सड़ने के कारण जो कट्टे फटकर खराब हो गए थे, उनसे फैक्ट्री परिसर में ही एक कमरा अटा पड़ा था। जिन ट्रकों में गेहूं भरकर जा रहा था, उनके ड्राइवर भी कह रहे थे, बारिश में भीग चुके गेहूं का भी लदान किया जा रहा है।

करीब एक घंटे बाद ही बारिश शुरू हो गई तो गेहूं के कट्टों के ढेरों के आसपास पानी भर गया। गेहूं के वे कट्टे ही खराब होने से बच रहे हैं, जो ढेर के ऊपर रखे हैं। बारिश शुरू होने के बाद एफसीआई ने गेहूं के ढेरों पर बरसाती त्रिपाल डाले हैं।

छोटे पड़ गए गोदाम


कोटा संभाग में सरकार के गोदाम बहुत छोटे हैं। सरकार ने यहां उपज का महज २५ फीसदी हिस्सा ही खरीदा और उसको भी संभाल नहीं पा रही है। प्रमुख गोदामों की स्थिति-

गोदाम भंडारण की क्षमता उपयोग

कोटा

नंबर 1- 33125 मीट्रिक टन 100 प्रतिशत

नंबर 2- 45000 मीट्रिक टन 107 प्रतिशत

नंबर 3- 25000 मीट्रिक टन 110 प्रतिशत


:बारां

10 हजार मीट्रिक टन 100 प्रतिशत

एफसीआई के गोदाम


7 गोदाम 1.72 लाख मीट्रिक टन 107 प्रतिशत

एफसीआई के सवाईमाधोपुर में दो, बूंदी, के पाटन, कोटा, बारां एवं भवानीमंडी में एक-एक गोदाम हैं। इस तरह सात गोदामों की क्षमता 1.90 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न भरा हुआ है।

गेहूं का ये हाल देखा तो अधिकारी को ढेर पर ले गए

केबलनगर ओपीसी फैक्ट्री परिसर में खुले में पड़े समर्थन मूल्य का गेहूं खराब होने की सूचना मिलने पर भाजपा कार्यकर्ता शहर अध्यक्ष श्याम शर्मा के नेतृत्व में मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता वहां मौजूद एफसीआई कर्मचारियों पर जमकर बरसे। इस दौरान ही इस भंडारण केंद्र के मैनेजर केसी मीणा वहां पहुंचे और कहने लगे कि कुछ कट्टों का गेहूं ही खराब हुआ है।

इस पर भाजपा प्रवक्ता योगेंद्र गुप्ता व किशन पाठक समेत अन्य कार्यकर्ता उन्हें सड़े गले गेहूं के ढेरों के बीच लेकर गए और उनके मुंह पर सड़े गेहूं फेंकते हुए कहा कि इस गेहूं को खाकर बताओ। इसके बाद मीणा वहां से खिसक लिए। भाजपा किसान मोर्चा के शहर अध्यक्ष मुकुट नागर, युवा मोर्चा शहर अध्यक्ष प्रद्युम्न सिंह चौहान, सुधाकर बहेड़िया आदि विरोध प्रदर्शन में मौजूद थे।

पता था मानसून माथे पर, फिर क्यों नहीं किए इंतजाम

'जब पता था कि बारिश आएगी, फिर भी गेहूं को बचाने के इंतजाम नहीं किए। इसके लिए सरकार, मंत्री व अधिकारी जिम्मेदार हैं। जब घर में काम होता है तो सभी पूरी जिम्मेदारी से कार्य करते हैं। फिर गेहूं की खरीद व उसके भंडारण की व्यवस्था में अधिकारियों ने क्यों लापरवाही दिखाई। जब मध्यप्रदेश सरकार इसकी व्यवस्था कर सकती है तो राजस्थान सरकार क्यों नहीं। यह सरकार क्या टैक्स लेने के लिए है। खराब हुए गेहूं के लिए जिम्मेदारी फिक्स करके कार्रवाई की जानी चाहिए।'

-राधेश्याम पोखरा, महासचिव कोटा ग्रेन एण्डा सीड्स मर्चेन्ट एसो

'गेहूं का भंडारण करने में सरकार विफल रही है, हालांकि गेहूं की खरीद से किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ, उनका तो गेहूं खरीदा गया। लेकिन, जनता के पैसे का तो नुकसान हो रहा है। यही गेहूं अगर गरीब जनता में बांटा जाता तो हजारों लोगों को भूखे पेट नहीं सोना पड़ता। गेहूं का पर्याप्त भंडारण नहीं होने से गेहूं खराब हुआ है। बारिश आने से पहले ही यह इंतजाम किए जाने थे। इसके लिए सीधे सरकार जिम्मेदार है। यह सरकार की असफलता को दर्शाता है।'

-दशरथ कुमार, किसान नेता

फिर हुआ चमत्कार, जिस्म जुड़े बच्चों ने लिया जन्म

इंदौर/गुना। पेट से जुड़े दो बच्चों को शनिवार देर शाम एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया। ये बच्चे पेट के नीचे नाभि से जुड़े हैं। इनका लिंग भी एक ही है। इन्हें पीडियाट्रिक वार्ड में भर्ती किया गया। इन्हें धार जिले की प्रेमाबाई ने सरदारपुर के जिला अस्पताल में शनिवार को जन्म दिया।

एक लाख में एक बच्च : चिकित्सकों के अनुसार इसे कोंजोइंट ट्विन कहते हैं। यह सामान्य नहीं है। एक लाख में एक बच्चे में यह बीमारी पाई जाती है। इनका मल-द्वार भी खुला नहीं है। एक ही जननांग होने से डॉक्टर अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। पीडियाट्रिक सर्जन डॉ. ब्रजेश लाहोटी ने बताया कि ऐसे बच्चों के जीवित रहने की संभावना नगण्य होती है। इनका वजन 3.3 किलो है। सीटी स्कैन रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह सकते हैं।

वहीं गुना के जिला अस्पताल में एक महिला ने शरीर से जुड़े जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है। दोनों बच्चे और महिला पूरी तरह स्वस्थ हैं। इन बच्चों को अलग करने के लिए इंदौर के शिशु रोग विशेषज्ञों से संपर्क किया जा रहा है।

संभवत: एक सप्ताह बाद इन बच्चों का शरीर से अलग करने का ऑपरेशन किया जाएगा।

महिलाएं आखिर थाने जाने से क्यों डरती हैं..इसके पीछे यह है सच्चाई?

इंदौर। शनिवार का दिन अवेयरनेस और गाइडेंस के साथ गुजरा। शहर में हुए दो कार्यक्रमों में एक तरफ जहां डॉ. वर्तिका नंदा और रश्मि सिंह ने महिलाओं के अधिकारों की बात की। वहीं मीडिया पर्सनालिटी दीपक चौरसिया ने कॅरियर गाइडेंस दिया।

लोग एक दिन कोई घटना देखते हैं। उस पर कुछ देर बात करते हैं। अगले दिन से वे अपने सीरियल देखने में व्यस्त हो जाते हैं। बाद में वे उस घटना पर ध्यान नहीं देते। उनमें यह सवाल नहीं उठते कि क्या पीड़ित को इंसाफ मिला? क्या गुनहगार को सजा मिली? लोगों को इस तरह की प्रवृत्ति और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों पर अपनी चुप्पी तोड़नी होगी।

यह कहना था दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट की हेड डॉ. वर्तिका नंदा का। वे प्रेस क्लब में शनिवार को ‘महिला, अपराध और मीडिया’ विषय पर हुए परिसंवाद में बोल रही थीं। डॉ. वर्तिका ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते क्राइम के मद्देनजर जनता को नेताओं के इस्तीफे मांगने होंगे। पुलिस अफसरों को सस्पेंड करने की मांग करनी होगी।

इसकी वजह यह है कि किसी आईपीएस का महज ट्रांसफर कर देने से फर्क नहीं पड़ता। अफसोस की बात ये है कि हम लोग तभी बोलते हैं जब हमारे साथ या हमारे किसी अपने के साथ कोई हादसा होता है। अफसर और नेता कहते हैं छोटे शहरों में अपराध कम हैं। मैं बधाई देती हूं छोटे शहरों की महिलाओं को। वे आवाज उठाती हैं। जुल्म सहन नहीं करतीं। बड़े शहरों में बड़े घरों की महिलाएं सबकुछ सहती जाती हैं। उन्हें भी हिम्मत दिखानी होगी।

महिलाएं नहीं दिखा पाती हिम्मत : डॉ. वर्तिका नंदा

डॉ. वर्तिका ने कहा कि महिलाएं इतनी हिम्मत नहीं दिखा पाती कि थाने जाकर किसी के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाएं। अगर वे हिम्मत कर भी लेती हैं तो पुलिस दिलचस्पी नहीं लेती। हमारी कानून व्यवस्था कुछ ऐसी है कि जब अपराध हो जाता है, उसके बाद ही सब जागते हैं। मीडिया को भी ये ध्यान रखना होगा कि वो किसे डिफेंड करे।

संवेदनशील होना जरूरी : रश्मि सिंह

नेशनल वुमन एम्पावरमेंट मिशन की डायरेक्टर रश्मि सिंह ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम के आंकड़े हैरान कर देते हैं। अहम बात ये है कि हमें ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशील होना होगा। सिर्फ सरकार या कानून ही काफी नहीं है।

सुनें बस दिल की आवाज

मैं एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा हूं। मीडिया जगत में काम कर रहा हूं। ग्रोथ का मंत्र यह है कि मैं कभी भेड़चाल में नहीं पड़ा। हमेशा अपने दिल की सुनी। मीडिया पर्सनालिटी दीपक चौरसिया ने यह बात कही। शनिवार को वर्चुअल वॉयेज में सेमिनार ‘भेड़चाल छोड़ो, दिल की बात सुनो’ में उन्होंने कॅरियर के टिप्स दिए।

खुद चुनें अपना कॅरियर- श्री चौरसिया ने कहा कि कभी भी अपने आसपास के लोगों को देखकर कॅरियर चुनने के बजाय अपने दिल की सुननी चाहिए। किसी को फॉलो करने से हम अपनी पहचान खो देंगे। अपने टैलेंट को कमतर समझकर किसी और को फॉलो नहीं करें। इससे आपका अस्तित्व ही नहीं, आत्मा भी खो जाएगी। अटल इरादों से सफलता जरूर मिलती है। बचपन से हम सुनते आए हैं सुनो सबकी और करो मन की। प्रोग्राम में वर्चुअल वॉयेज के डायरेक्टर अभय जैन व स्टाफ मैंबर्स भी मौजूद थे।

यहीं पर रावण ने हवन कुंड में डाल दिए थे अपने दसों सिर!

बैजनाथ। ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में श्रावण माह के सोमवार मेले 16 जुलाई से आरंभ होंगे। मेलों के सफल आयोजन के लिए मंदिर प्रशासन ने तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। इस बार सोमवार मेलों के दौरान हर सोमवार को महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। बैजनाथ शिव शिव मंदिर प्राचीन शिल्प एवं वास्तुकला का अनूठा व बेजोड़ नमूना है, जिसके भीतर शिवलिंग अर्ध नारीश्वर के रूप में विद्यमान है तथा मंदिर के द्वार पर कलात्मक रूप से बनी नंदी बैल की मूर्ति शिल्प कला का अदभुत नमूना है। मेलों के लिए मंदिर सहित प्रवेश द्वार को फूलों से सजाया जाएगा।

बैजनाथ में रावण ने दी थी 10 सिरों की आहुतियां
जनश्रुति के अनुसार राम रावण युद्घ के दौरान रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए कैलाश पर्वत पर घोर तपस्या की थी और भगवान शिव को लंका चलने का वर मांगा, जिससे युद्घ में विजय प्राप्त की जा सके।


भगवान शिव ने प्रसन्न होकर रावण के साथ लंका एक पिंडी के रूप में चलने का वचन दिया और साथ में यह शर्त रखी कि वह इस पिंडी को कहीं जमीन पर राकर सीधा इसे लंका पहुंचाए। जैसे ही शिव की इस अलौकिक पिंडी को लेकर रावण लंका की ओर रवाना हुआ रास्ते में की ग्राम (बैजनाथ) पर रावण को लघुशंका महसूस हुई और उन्होंने वहां खड़े एक व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए पिंडी सौंप दी।


लघुशंका से निवृत होकर रावण ने देखा कि जिस व्यक्ति के हाथ में वह पिंडी दी थी वह ओझल हो चुके हैं और पिंडी जमीन में स्थापित हो चुकी थी। रावण ने स्थापित पिंडी को उठाने के काफी प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई फिर उन्होंने इस स्थली पर घोर तपस्या की और अपने दस सिर कि आहुतियां हवन कुंड में डालीं। तपस्या से प्रसन्न होकर रुद्र महादेव ने रावण के सभी सिर पुन: स्थापित कर दिए।

खेतों में फेंका सड़ा हुआ गेहूं, खाकर पशु पड़े बीमार

कसार. बारिश में खराब हुए सड़े-गले गेहूं को अब खेतों में फेंका जा रहा है। केबल नगर में ओपीसी फैक्ट्री के पास स्थित खेतों में करीब आठ-दस ट्रॉली गेहूं फेंका गया है। मुकंदपुरा दाणी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि इसे खाकर उनके पशु बीमार पड़ रहे हैं।

हालांकि एफसीआई के अधिकारियों ने इससे इनकार किया है। ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार शाम को ओपीसी फैक्ट्री से कुछ ट्रैक्टर-ट्रॉलियां आईं और सड़े हुए गेहूं को फैक्ट्री से 10 किमी दूर खेतों में फेंककर चली गईं। शनिवार सुबह जब गाय-भैंस खेतों में चरने के लिए गए, तो इस गेहूं को खाकर बीमार पड़ गए। किसान जगदीश रायका की दो गायों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।

चारों तरफ दुर्गंध

ग्रामीण बद्रीलाल व अनिल ने बताया कि खेतों में फेंके गए गेहूं की दुर्गंध गांव तक आ रही है। इससे ग्रामीणों को जीना मुश्किल हो गया है। सड़े हुए गेहूं के कई खेतों में ढेर लगे हुए हैं। इन्हें जल्द नहीं हटाया गया तो ग्रामीण भी बीमार पड़ जाएंगे। खेतों में फेंका गया गेहूं आठ से दस ट्रॉली है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को करीब 10 ट्रॉलियां ओपीसी फैक्ट्री से आईं और सड़े गेहूं के ढेर खेतों में लगा दिए। यह गेहूं अब खाद जैसा हो गया है।

हमने कोई गेहूं खेतों में नहीं फिंकवाया है। जो गेहूं खराब हुआ है, उसके डिस्पोजल के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कमेटी गठित होगी, वह जैसा निर्देश देगी, वैसा ही किया जाएगा। -एनएल पंवार, मैनेजर, एफसीआई

कुरान का संदेश

मुश्किल में यूपीए? शरद पवार नाराज, ममता भी तैयार नहीं

नई दिल्ली. यूपीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के ही नाम का ऐलान किया है। शनिवार शाम 5 बजे प्रधानमंत्री के आवास पर यूपीए की बैठक में अंसारी के नाम पर मुहर लगाई गई। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हामिद अंसारी के नाम का ऐलान किया। चिदंबरम ने यह भी बताया कि एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती ने अंसारी के नाम पर सहमति जताई है।

लेकिन इसके साथ ही यूपीए का संकट शुरू हो गया है। कैबिनेट में एके एंटनी को 'दूसरा नंबर' का अनौपचारिक ओहदा मिलने से एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार नाराज हो गए हैं। यही वजह है कि एनसीपी की ओर से न तो वे न ही प्रफुल्ल पटेल शनिवार की बैठक में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि पवार ने पटेल को मुंबई में ही रोक दिया।

वहीं, यूपीएम में शामिल तृणमूल कांग्रेस ने हामिद अंसारी के नाम पर असहमति जताते हुए अपनी तरफ से दो उम्मीदवारों के नाम बैठक में पेश किया। इनमें गोपाल कृष्ण गांधी और कृष्णा बोस शामिल हैं। गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पौत्र और कृष्णा बोस सुभाष चंद्र बोस के भतीजे की पत्नी हैं। बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब केंद्रीय रेल मंत्री और तृणमूल के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने कहा कि अभी अंसारी को लेकर उनकी पार्टी का क्या रुख है, वह नहीं बता सकते हैं। रॉय ने कहा कि वे बैठक के बारे में अपनी नेता ममता बनर्जी को जानकारी देंगे। उसके बाद ही हामिद अंसारी को समर्थन देने या न देने पर फैसला लिया जाएगा।

इस बीच, प्रधानमंत्री ममता बनर्जी को मनाने में जुट गए हैं। वे फोन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। लेफ्ट उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के मुद्दे पर सोमवार को बैठक में फैसला करेगा।

दूसरी तरफ, बीजेपी ने भी उपराष्ट्रपति पद पर हामिद अंसारी को समर्थन न देने का फैसला करते हुए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस बारे में पार्टी 16 जुलाई को एनडीए की बैठक में अंतिम फैसला करेगी।

शिक्षा के हक के लिए चारदीवारी में विशाल रैली सोमवार को

चलो मदरसा पढ़ो मदरसा कार्यक्रम के तहत निकाली जाएगी रैली, रामगंज चौपड़ से रवाना होकर प्रमुख बाजारों से निकलेगी रैली



जयपुर. मदरसा अल-फलाह तंजीम राजस्थान की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के बालकों को शिक्षा से जोडऩे के लिए 16 जुलाई को सुबह 8 बजे रामगंज चौपड़ से विशाल रैली निकाली जाएगी। मदरसा बोर्ड के सहयोग से निकलने वाली यह रैली प्रमुख बाजारों से होती हुई वापस रामगंज चौपड़ पहुंचेगी। यहां विशाल जनसभा होगी। इसे मुस्लिम समाज के कई गणमान्य लोग संबोधित करेंगे।



बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना फजले हक ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि रैली को सांसद महेश जोशी हरी झंड़ी दिखाकर रवाना करेंगे। इस मौके पर उर्दू अकादमी के अध्यक्ष हबीबुरर्हमान और जन अभाव अभियोग समिति के अध्यक्ष मुमताज मसीह भी मौजूद रहेंगे। रैली में जयपुर संभाग के मदरसों के बच्चे व मदरसा संचालक आएंगे।



हक ने बताया कि रैली के इस कार्यक्रम की शुरुआत 2 जुलाई को जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी। इसके बाद अब तक 10 जिलों में रैली निकाली जा चुकी है। रविवार को कोटा में निकलने वाली रैली को नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल रवाना करेंगे।

सीमलिया टोल नाके पर कथित घटना पर सियासत में पुलिस कर्मी परेशान

दोस्तों राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह ने कोटा के सीमलिया ग्रामीण थाना इलाके में टोल टेक्स अपर हुए झगड़े के मामले को एक नया रूप दे दिया है ..झगड़े में सुचना मिलते ही पुलिस तत्पर हुई फरियादी को बुलाया फरियादी और आरोपियों का समझोता हो गया लेकिन पुलिस ने फरियादी से मुकदमा दर्ज करने के लियें एफ आई आर ली ..आपराधियों को गिरफ्तार किया और करीब एक हफ्ते बाद उनकी जमानत हुई ..फिर समझोता हुआ बात ठंडी हो गयी लेकिन अचानक मंत्री भरत सिंह जी ने टोल टेक्स के कर्मचारियों के बयान लिए ससी त्ति वी कमरे के फुटेज देखे और फरियादियों को लेकर गृह मंत्री के पास आ धमके ...खुद थाने में गए जाँच आई जी कोटा रेंज को दी गयी लेकिन आई जी ने भी जान्च में पहले की गयी पुलिस कार्यवाही को सही माना और फिर फरियादियों के समझोते की बात को स्वीकार ..मंत्री भरत सिंह संतुष्ट नहीं हुए उन्होंने फिर जान्च करवाई और जांच आई जी की जान्च के बाद जूनियर रेंक के डी आई जी साहब को दी गयी ......इस जाँच ने कोटा की पुलिस के साभी काम काज ठप्प कर दिए है इस मामले में सबसे ज्यादा आहट इलाके के पुलिस उप अधीक्षक संजय गुप्ता है जो तत्परता से मुलजिमों को गिरफ्तार कर उन्हें सबक सीखने के बाद भी राजनीति नाराजगी का शिकार बने है या फिर किसी गलत फहमी में उन्हें टार्गेट बनाकर काम किया जा रहा है जबकि इस इलाके में ट्रेनी आई पी एस के नियंत्रण में मामला है अब सियासत में नोकर शाहों को परेशान नहीं करने के मामले में मंत्रियों को कोन समझाये.......सभी जानते है अपराधी और फरियादी पूर्व जानकर थे और साथ खाते पीते थे अब फिर उनके बीच में राज़ी नाम है अदालत में भी गवाह मुकर जायेंगे फिर इस तरह के मामले को टूल देकर वक्त बर्बाद करने से क्या फायदा ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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