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17 जुलाई 2012

1 करोड़ की लग्जरी कार चुराने वाले इंजीनियरिंग छात्र गिरफ्तार

कोटा.कोटा पुलिस ने मंगलवार को एक करोड़ से ज्यादा की महंगी कारें चुराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया। इनसे बरामद की गई 12 कारों को देखकर पुलिस भी दंग रह गई। इनमें से 6 कारें वरना मॉडल की हैं। इस अंतरराज्यीय गिरोह में पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त करने वाले दो युवक तथा शहर के एक संभ्रांत परिवार का इंजीनियरिंग छात्र भी शामिल है। ये कारें दिल्ली, जयपुर, कोटा सहित अन्य शहरों से चुराई गई हैं। एसपी प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि गिरोह फर्जी दस्तावेज भी बना लेता था।

पहले चाबी का करते थे जुगाड़: दादाबाड़ी सीआई धर्मेंद्र ने बताया कि गिरोह में केवल कार खरीदने वाले व उन्हें ठिकाने लगाने वाले गिरफ्त में आए हैं। शेष त्न पेज १क्


वाहनों को चुराने वाले अभी तक पकड़े नहीं गए हैं, लेकिन 5 चोरों के नाम पुलिस को मिल गए हैं। अभी तक की जानकारी में यह सामने आ रहा है कि यह कार चुराने से पहले पहले उसकी डुप्लीकेट चाबी की व्यवस्था करते। अधिकतर वो कारें चोरी हुई हैं, जिनकी चाबी चोरी हो जाती थी या फिर गुम जाती थी।

गिरोह संभवत: कारों की बनने वाली डुप्लीकेट चाबियों का कोड चुराते थे। पुलिस को इसमें कंपनी के वर्कशॉप के कर्मचारी की मिलीभगत भी सामने आ सकती है। पुलिस अब संदिग्ध कर्मचारियों से भी पूछताछ करेगी। पुलिस ने बॉबी की शॉप को भी सील किया है। वहां से भी रिकार्ड बरामद किए जा रहे हैं।

ऐसे पकड़ में आया गिरोह

- 11 जुलाई को मुखबिर की सूचना पर वल्लभबाड़ी निवासी व कार बाजार में दुकान लगाने वाले बॉबी उर्फ दिनेश शर्मा को पुलिस ने पकड़ा।

- उसके पास से पुलिस को चोरी की वरना कार मिली, यह कार उसने टिपटा निवासी इंजीनियरिंग छात्र मोहित शर्मा पुत्र अरुण शर्मा से खरीदना बताया।

- पुलिस ने 13 जुलाई को मोहित को पकड़ा तो उसने 10 फरवरी को गोदावरीधाम के पास से डॉ. मनीष मेहता की कार चुराना स्वीकार किया।

- बॉबी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि कारें जयपुर कार बाजार के व्यापारी जितेंद्र अग्रवाल ठिकाने लगाता है। इस पर पुलिस ने उसकी भी तलाश शुरू कर दी। मंगलवार को जितेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया। बॉबी व जितेंद्र के बताए गए स्थानों पर पुलिस ने 12 महंगी कारें भी बरामद की।

चोरों की पहली पसंद वरना

इसमें 06 वरना, एक सफारी, एक नैनो, एक बोलेरो, एक फिएस्टा, इंडिगो, एक रिट्ज कार शामिल है। यह कारें जयपुर के शिप्रा थाने, दो दिल्ली के मालवीय नगर, एक कालजी, तिलक नगर व कोटा से चुराई हैं। इनके पास से फर्जी नंबर प्लेट, फर्जी रजिस्ट्रेशन, चाबियां, मोहरें बरामद की हैं। बॉबी व मोहित फिलहाल जेल में हैं।

महंगी कारों का शौक था मोहित को

प्रशिक्षु आईपीएस विकास शर्मा ने बताया मोहित को महंगी कारें चलाने का शौक है। उसने गोदावरीधाम के सामने से मेरिज गार्डन के बाहर खड़ी वरना कार का गेट खुला पाया तो उसका मन ललचा गया। वह वहां अपना कुत्ता घुमाने गया था। मोहित शहर के प्रतिष्ठित परिवार से है। उसके दादा रिटायर्ड सरकारी अफसर हैं।

फर्जी रजिस्ट्रेशन बनाकर बेचते थे कारें

डीएसपी चंद्रशील ने बताया कि गिरोह कार चुराने के बाद फर्जी नंबर प्लेट लगाते था। 10 लाख से ज्यादा कीमत की कार को महज 2 से 3 लाख रुपए में बेच देते थे। कार खरीदने वाले से कागजात के लिए छह माह का समय लेते और हिंडौन निवासी एक व्यक्ति की मदद से उसके फर्जी दस्तावेज बना लेते। पुलिस उस व्यक्ति को पकड़ने में जुटी हुई है। उसके बाद ही कागजात बनाने की असली कहानी सामने आएगी।

सिर्फ कहावतों में ही नहीं, इतिहास में आज भी जिंदा है शेखचिल्ली, देखें तस्वीरें

अम्बाला।हम अपने जीवन कई बार लोगों से सुनते हैं किफलाना शख्स तो शेख चिल्ली की तरह बात कर रहा है। यह वो नाम है, जो अपनी कल्पनाओं और ख्याली पुलाव के लिए प्रसिद्ध रहा है। अगर कुरुक्षेत्र महाभारत के लिए प्रसिद्ध है तो उससे कुछ ही दूरी पर स्थित थानेसर शेखचिल्ली के कारनामों के लिए।


नई उमंग और हजार सपने लेकर कुछ ऐसा मिले बिछड़े दोस्त, देखें तस्वीरें
थानेसर में शेख चिल्ली का बड़ा ही खूबसूरत मकबरा मौजूद है। चिल्ली अपने समय के बड़े सूफी संतों में से एक थे, जिन्हें अब्द उर्र रहीम, अलैस अब्द उइ करीम, अलैस अब्द उर्र रज्जाक के नाम से भी जाना जाता है। यह मुगल बादशाह और औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह के आध्यात्मिक गुरु भी थे। मकबरे का निर्माण पर्शियन स्थापत्य कला के प्रभावित है।

कुरान का संदेश

राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक फफक कर रो पढ़े

आज राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक के मरहूम भाई और मदरसा इंस्पेक्टर मोलाना समी के सेम की फातिहा थी ..स्टेशन लोको कोलोनी स्थित नूरी मस्जिद में इस सेम की फातिहा में हम भी कोटा शशर काजी अनवर अहमद साहब ...हाजी मुमव्वर ..पार्षद इमरान के साथ पहुंचे थे ..शहर काजी कोटा ने मस्जिद में पारा पढ़ा और जब फातिहा का दोर खत्म हुआ तो मोलाना फजले हक के पास दिवंगत मोलाना समी का सात साल का बेटा आकर बता और मस्जिद में उसने एक नात सुनाने की रुंधे हुए गले से कोशिश की ..उसके बाद मोलाना फजले हक ने कहा के म़ोत सभी को आनी है ..लेकिन उसके करम मरने वाले की यादगार होते है उन्होंने कहा के अच्छे आमाल ...शिक्षा के तहत मोलवी मोलाना छोड़े गए शागिर्द ..सद्काए जरिया के तहत आम जनता की सुविधा के लियें करवाए कार्य सद्काए जरिया होने से सवाब देता है इसी बीच मोलाना फजले हक उनके दिवंगत भाई को याद फूट फूट कर रो पढ़े पहले तो उन्होंने रुलाई रोकने की कोशिश की फिर जब वोह हर गए तो फफक पढ़े और शहर काजी अनवर अहमद सहित कई मोलानाओं ने उन्हें सांत्वना दी ...यह केसा मंज़र यह यह केसी खुदा की मसलेहत है के एक हंसता खेलता व्यक्ति अचानक चल बसा और उसके मासूम बच्चे ज़रोकातर है कहने को तो मोलान फजले हक ने भाई होने के नाते परिजनों को सम्भालने हिम्मत बंधने की कोशिश की लेकिन भाई की इस तरह की जुदाई वोह खुद भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है और रह रह कर उनका बुरा हाल है खुदा दिवंगत मोलाना समी के परिजनों और मित्रों को इस संकट और दुःख की घडी से उभरने की हिम्मत और होसला दे और मोलाना समी ने जो अधूरे काम छोड़े है उनको उनके साथियों और रिश्तेदारों को पूरा करने की ताकत दे ..आमीन सुम्मा आमीन ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रेस्पेक्ट वुमेन के जनक इमानदार पुलिस अधिकारी ठाकुर चन्द्रशील को बिना किसी कारण क्यूँ अचानक हटाया किसी भी पत्रकार ने कोई सवाल नहीं उठाया

रेस्पेक्ट वूमेन के जनक पुलिस उप अधीक्षक ठाकुर चन्द्र शील की कोटा सियासत में रेस्पेक्ट नहीं रही है और यही कारन रहा है के अब तक के बहतरीन उप अधीक्षक का कार्य करने वाले इस पुलिस अधिकारी को बिना किसी कारण कोटा से ट्रांसफर कर अजमेर चलता कर दिया गया है ...लेकिन कोटा में ठाकुर चन्द्रशील ने जो प्यार यहाँ की जनता से लिया है उसे कोई सियासत छीन नहीं सकती है आज इनका यहाँ प्रेसक्लब कोटा में स्वागत किया गया ............ठाकुर चन्द्रशील कोटा में ट्रांसफर होकर आये तो यहाँ छात्र और छात्राओं के साथ जोर जबरदस्ती और छेड़खानी के अलग ही हालात थे चन्द्रशील ने अपनी नोकरी के दोरान जड़ को पकड़ा ओर छात्र छात्राओं में अत्विश्वास पैदा करने के लियें निगरानी और उनकी समस्याएं पारिवारिक मित्र बनकर सुनने का आभियान चलाया इसी के साथ कोटा में ठाकुर चन्द्रशील ने रेस्पेक्ट वूमेन का अभियान भी चलाया जिसमे महिलाओं के प्रति रेस्पेक्ट का भाव जाग्रत हो इसका अभियान चलाया गया इस अभियान में कोटा के पत्रकारों को भी उन्होंने शामिल किया आज कोटा प्रेस क्लब में ठाकुर चन्द्रशील का जब स्वागत हो रहा था तब कोटा प्रेस क्लब के पदाधिकारी और कई पत्रकार मोजूद थे यहाँ कोटा में तेनात प्रशिक्षु आई पी एस सिद्धार्थ ....विकास शर्मा भी थे साथ ही लाखेरी की उपाधीक्षक अनुज शर्मा भी मोजूद थी ....दोस्तों अखबारवालों का चन्द्रशील के प्रति जो प्यार था वोह दिखावटी था या मुखोटा यह तो कह नहीं सकते लेकिन एक बात जरुर कचोटती है के बहतरीन कार्य कर रहे इमानदार अधिकारी चन्द्रशील को अचानक बिना किसी कारण सिंगल आर्डर निकल कर कोटा से हटा कर अजमेर लगा दिया जाता है ठाकुर चन्द्रशील तो खेर अनुशासित सिपाही है उनकी तो मजबूरी है लेकिन इनकी ईमानदारी और निष्पक्षता का दम भरने वाले कोटा के एक पत्रकार ने सरकार के सी अचानक बे वजह ट्रांसफर पर कोई सवाल खड़ा नहीं किया है ..यह सवाल मुझे और कता के शहर के लोगों को कचोटने लगा है ..कहीं उन्हें उनके अधीनस्थ काम सीख़ रहे आई पी एस प्रशिक्षु अधिकारीयों की हेंकड़ी और बाल बुद्धि का तो शिकार नहीं होना पढ़ा यह एक सोचनीय प्रश्न है ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

बड़ा खुलासा: पूरी प्‍लानिंग के साथ हुआ था लैला का मर्डर

मुंबई. बॉलीवुड ऐक्ट्रेस लैला खान और उसके परिवारवालों की हत्‍या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मुख्‍य आरोपी परवेज टाक ने पुलिस से पूछताछ में अब कहा है कि हत्‍या आवेश में आकर नहीं बल्कि पूर्व नियोजित तरीके से की गई थी।

परवेज टाक ने बताया है कि उसने इगतपुरी स्थित फॉर्म हाउस पर स्‍वीमिंग पूल बनाने के बहाने से जेसीबी मंगवाई
थी। वहां बड़ा गड्ढा भी खोदा गया। टाक ने मर्डर करने के बाद फिर से जेसीबी मंगवाई। इस बार उसने कहा कि पानी नहीं होने के चलते स्‍वीमिंग पूल नहीं बना, इसलिए गड्ढे को भरना है। इस तरह उसने सभी की लाश इस गड्ढे में डालकर दफन कर दिया ताकि सबूत न मिले।

लैला के इगतपुरी फार्महाउस में 6 नहीं बल्कि 7 लोगों के कत्ल हुए थे। एक अंग्रेजी अख़बार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। खबर के मुताबिक यह हो सकता है कि लैला के इगतपुरी फार्महाउस की पहली मंजिल पर एक और शख्स की हत्या हुई थी। इस बीच, लैला खान के पिता नादिर शाह पटेल ने अपने परिवार की हत्‍या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। नादिर ने यह मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।


इगतपुरी फार्महाउस के पीछे जिस गड्ढे में 6 नरकंकाल मिले हैं, उसमें मिली चटाई का इस सातवीं हत्या से संबंध होने की बात कही जा रही है। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, 'हो सकता है कि गड्ढे में मिली चटाई का इस्तेमाल फार्महाउस की पहली मंजिल पर किया गया हो। परवेज ने कई बार बताया है कि लैला के परिवार के ज़्यादातर सदस्य ग्राउंड फ्लोर पर थे। हालांकि, अब हमारे पास यह मानने का कारण है कि इस घटना में 6 के अलावा एक या उससे अधिक लोगों की हत्या भी हुई थी।'

इस बीच, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम मंगलवार को इस मामले के मुख्य आरोपी परवेज इकबाल टाक को लेकर इगतपुरी फार्महाउस पहुंची है। इस टीम के साथ फॉरेंसिक टीम भी है जो फार्महाउस से उंगलियों के निशान ले रही है।

लैला के तार आतंकियों से जुड़े?
क्या लैला खान के तार आतंकवादियों से जुड़े थे? यह सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है। महाराष्ट्र भाजपा अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष जावेद अहमद खान ने केंद्रीय गृह मंत्री से लैला के परिवार के करीबी ट्रेवल एजेंट अफगान भट्टी की भूमिका की जांच की मांग की है। जावेद ने गृहमंत्री को लिखे अपने पत्र में आशंका जताई है कि अफगान कहीं अपनी एजेंसी की आड़ में आतंकी गतिविधियों से तो नहीं जुड़ा हुआ है।

सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय के अफसर ने 29 नवंबर, 2011 को महाराष्ट्र सरकार के प्रमुख सचिव को मुंबई के कई ट्रेवल एजेंसियों की इमिग्रेशन एक्ट 1983 के सेक्शन 10 और 24 के तहत जांच करने का आदेश दिया था। इसमें अफगान की एजेंसी 'ट्रेवल्स लॉग' का नाम भी शामिल था। इन ट्रेवल एजेंसियों की जांच इसलिए कराने का आदेश दिया गया था कि कहीं ये आतंकवादियों को तो देश के बाहर भेजने के काम को तो अंजाम तो नहीं दे रहे हैं। हालांकि, इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने क्या जांच की और क्या पाया, यह आज तक साफ नहीं है।

'हिट लिस्‍ट' से अपना नाम हटवाने अन्‍ना के पास गए थे खुर्शीद?

नई दिल्‍ली. जनलोकपाल की मांग को लेकर सरकार को परेशानी में डालने वाले समाजसेवी अन्‍ना हजारे की केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से हुई गुपचुप मुलाकात पर सवाल उठने लगे हैं।

बताया जा रहा है कि अन्‍ना और सलमान की यह मुलाकात बीते 23 को हुई थी। पुणे-नासिक हाईवे से 90 किलोमीटर दूर फिरौदिया नाम के गेस्ट हाउस में हुई इस मुलाकात के बारे में अब अन्ना कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं। पुणे में पत्रकारों ने अन्‍ना से जब इस मुलाकात के बारे में सवाल किया तो वह कुछ नहीं बोले।

हालांकि उन्‍होंने इससे इनकार भी नहीं किया कि उनकी सलमान खुर्शीद से मीटिंग हुई थी। उन्‍होंने कहा कि समय आने पर सब कुछ बता देंगे। जिस रिपोर्टर ने अन्‍ना ने यह सवाल किया उसपर ही अन्‍ना भड़क गए। उन्‍होंने पूछा, 'आपकी इसमें क्‍यों दिलचस्‍पी है? अन्ना को जब पारदर्शिता का हवाला दिया गया, तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि 'पारदर्शिता के चक्कर में जेल जाना पड़ेगा।' गौरतलब है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में अन्‍ना के साथ बाबा रामदेव भी थे।

खुर्शीद ने इस सवाल के जवाब में संकेत दिया कि वो अन्‍ना से मिले हैं। उन्‍होंने कहा, 'मैं अच्‍छे लोगों से मिलता रहता हूं।' हालांकि उन्‍होंने यह नहीं बताया कि दोनों के बीच क्‍या बात हुई? वहीं कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी इस सवाल के जवाब से पल्‍ला झाड़ते दिखे।

केंद्रीय मंत्री अपनी पत्‍नी लुई खुर्शीद के साथ अन्‍ना से मिलने नासिक पहुंचे। मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने अन्‍ना से अनुरोध किया कि टीम अन्‍ना की तरफ से जारी की गई भ्रष्‍ट मंत्रियों की लिस्‍ट में से उनका नाम हटा लिया जाए।

ऐसी खबर है कि अन्ना और उनके ड्राइवर ही इस मुलाकात में आए थे इसलिए इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्ना इस मीटिंग में अकेले ही आए और उनके सहयोगियों को इसकी जानकारी नहीं थी। अन्ना के बेहद करीबी माने जाने वाले और अन्ना की सभी गतिविधियों की जानकारी देते रहने वाले सुरेश पठारे ने भी इस बाबत कुछ नहीं बताया है।

अन्ना हजारे की खुर्शीद की इस गुपचुप मुलाकात पर सवाल उठने लाजमी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले टीम अन्‍ना ने बीते 26 मई को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 15 मंत्रियों के भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने का आरोप लगाया था। टीम अन्‍ना ने भ्रष्‍टाचार के आरोपों के सबूत के तौर पर दस्‍तावेजों के साथ एक चिट्ठी पीएम को लिखी थी। इसमें हजारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के दस्‍तखत थे।

इधर, 25 जुलाई से शुरू होने वाले टीम अन्ना के बेमियादी अनशन से पहले पीएमओ ने अन्‍ना को चिट्ठी लिखी है। पीएमओ में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अन्ना हजारे को लिखी चिट्ठी में कहा कि सरकार टीम अन्ना की मांग पर संसद के विचार को आधार बनाकर भ्रष्टाचार से लड़ने में मददगार कानून बनाना चाहती है। नारायणसामी ने मंगलवार को कहा कि यूपीए सरकार संसद की इच्छा के मुताबिक लोकपाल बिल पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

'हिट लिस्‍ट' से अपना नाम हटवाने अन्‍ना के पास गए थे खुर्शीद?

नई दिल्‍ली. जनलोकपाल की मांग को लेकर सरकार को परेशानी में डालने वाले समाजसेवी अन्‍ना हजारे की केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद से हुई गुपचुप मुलाकात पर सवाल उठने लगे हैं।

बताया जा रहा है कि अन्‍ना और सलमान की यह मुलाकात बीते 23 को हुई थी। पुणे-नासिक हाईवे से 90 किलोमीटर दूर फिरौदिया नाम के गेस्ट हाउस में हुई इस मुलाकात के बारे में अब अन्ना कुछ भी बोलना नहीं चाह रहे हैं। पुणे में पत्रकारों ने अन्‍ना से जब इस मुलाकात के बारे में सवाल किया तो वह कुछ नहीं बोले।

हालांकि उन्‍होंने इससे इनकार भी नहीं किया कि उनकी सलमान खुर्शीद से मीटिंग हुई थी। उन्‍होंने कहा कि समय आने पर सब कुछ बता देंगे। जिस रिपोर्टर ने अन्‍ना ने यह सवाल किया उसपर ही अन्‍ना भड़क गए। उन्‍होंने पूछा, 'आपकी इसमें क्‍यों दिलचस्‍पी है? अन्ना को जब पारदर्शिता का हवाला दिया गया, तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि 'पारदर्शिता के चक्कर में जेल जाना पड़ेगा।' गौरतलब है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में अन्‍ना के साथ बाबा रामदेव भी थे।

खुर्शीद ने इस सवाल के जवाब में संकेत दिया कि वो अन्‍ना से मिले हैं। उन्‍होंने कहा, 'मैं अच्‍छे लोगों से मिलता रहता हूं।' हालांकि उन्‍होंने यह नहीं बताया कि दोनों के बीच क्‍या बात हुई? वहीं कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी इस सवाल के जवाब से पल्‍ला झाड़ते दिखे।

केंद्रीय मंत्री अपनी पत्‍नी लुई खुर्शीद के साथ अन्‍ना से मिलने नासिक पहुंचे। मीडिया में सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने अन्‍ना से अनुरोध किया कि टीम अन्‍ना की तरफ से जारी की गई भ्रष्‍ट मंत्रियों की लिस्‍ट में से उनका नाम हटा लिया जाए।

ऐसी खबर है कि अन्ना और उनके ड्राइवर ही इस मुलाकात में आए थे इसलिए इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्ना इस मीटिंग में अकेले ही आए और उनके सहयोगियों को इसकी जानकारी नहीं थी। अन्ना के बेहद करीबी माने जाने वाले और अन्ना की सभी गतिविधियों की जानकारी देते रहने वाले सुरेश पठारे ने भी इस बाबत कुछ नहीं बताया है।

अन्ना हजारे की खुर्शीद की इस गुपचुप मुलाकात पर सवाल उठने लाजमी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले टीम अन्‍ना ने बीते 26 मई को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित 15 मंत्रियों के भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त होने का आरोप लगाया था। टीम अन्‍ना ने भ्रष्‍टाचार के आरोपों के सबूत के तौर पर दस्‍तावेजों के साथ एक चिट्ठी पीएम को लिखी थी। इसमें हजारे के अलावा अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, किरण बेदी और मनीष सिसौदिया के दस्‍तखत थे।

इधर, 25 जुलाई से शुरू होने वाले टीम अन्ना के बेमियादी अनशन से पहले पीएमओ ने अन्‍ना को चिट्ठी लिखी है। पीएमओ में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने अन्ना हजारे को लिखी चिट्ठी में कहा कि सरकार टीम अन्ना की मांग पर संसद के विचार को आधार बनाकर भ्रष्टाचार से लड़ने में मददगार कानून बनाना चाहती है। नारायणसामी ने मंगलवार को कहा कि यूपीए सरकार संसद की इच्छा के मुताबिक लोकपाल बिल पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

तृणमूल पर कांग्रेस भारी: लौट के ममता सोनिया के दर आईं

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए के उम्‍मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन करेंगी। कोलकाता में आज तृणमूल के सीनियर नेताओं की बैठक हुई जिसमें ममता को वोटिंग के लिए आखिरी फैसला के लिए अधिकृत किया गया। इससे पहले खबर आ रही थी कि तृणमूल कांग्रेस राष्‍ट्रपति और उपराष्‍ट्रपति चुनावों की वोटिंग से दूर रह सकती है।

ममता ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए प्रणब को समर्थन देने के पीछे गठबंधन की मजबूरी और बलिदान की राजनीति का हवाला दिया। ममता ने कहा कि यदि हमारी पार्टी इन चुनावों में वोटिंग नहीं करती, तो यह अलोकतांत्रिक होता। हालांकि उन्‍होंने यह भी साफ किया कि उनकी पार्टी कांग्रेस का विरोध करती रहेगी लेकिन यूपीए गठबंधन का हिस्‍सा बनी रहेगी।

ममता ने कहा कि उनके पास प्रणब का समर्थन करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं बचा है। ममता ने इससे पहले राष्‍ट्रपति पद के लिए पूर्व राष्‍ट्रपति एपीजे अब्‍दुल कलाम का नाम सुझाया था लेकिन कलाम ने खुद ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया। प्रणब ने भी तृणमूल कांग्रेस के वोट के लिए ममता को कई बार मनाने की कोशिश की।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर एक बार फिर पार्टी आलाकमान की गाज गिरी है। खबर है कि दिग्विजय की पार्टी के उत्तर प्रदेश और असोम के प्रभारी पद से छुट्टी कर दी गई है। उनकी जगह बीके हरिप्रसाद को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, कांग्रेस की तरफ से अभी तक इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है।
सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने यह कदम उठाया है और वे 19 जुलाई के बाद फिर से यूपी और असोम के प्रभारी बनाए जा सकते हैं। खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने यह कदम अपनी सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी को खुश करने के लिए उठाया है ताकि वे प्रणब मुखर्जी के पक्ष में वोट डालने के लिए राजी हो जाएं। राष्‍ट्रपति चुनाव पर विचार-विमर्श के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के साथ दस जनपथ पर बैठक की।
लेकिन दिग्विजय सिंह ने इस खबर से इनकार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें सिर्फ अस्थायी तौर पर कार्यमुक्त (रिलीव) किया गया है, हटाया नहीं गया है। वहीं, एक अन्य समाचार एजेंसी का कहना है कि दिग्विजय सिंह को प्रभारी पद से हटाया नहीं गया है, बल्कि बीके हरिप्रसाद को उनका सहयोग करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने ममता बनर्जी को लेकर पिछले महीने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता ने ममता बनर्जी को पिछले दिनों 'अपरिपक्व' और 'एक बात पर कायम न रहने वाला' नेता बताया था। दिग्विजय सिंह ने कहा था, 'राष्ट्रपति पद के लिए ममता बनर्जी द्वारा मनमोहन सिंह का नाम लेना प्रधानमंत्री के लिए बहुत ही शर्मिंदगी भरी बात थी और पार्टी के लिए उससे ज़्यादा।' दिग्विजय के इस बयान के बाद पार्टी आलाकमान ने सफाई दी कि अब से उनके बयान को पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं माना जाएगा।

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