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18 जुलाई 2012

हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले...मुसलमानों की समस्याओं का यही तो हाल है बस .



हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

डरे क्यूँ मेरा क़ातिल क्या रहेगा उसकी गरदन पर
वो ख़ूँ जो चश्म ए तर से उम्र भर यूँ दमबदम निकले

निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन
बहुत बेआबरू होकर तेरे कूंचे से हम निकले

भरम खुल जाए ज़ालिम तेरे क़ामत की दराज़ी का
अगर उस तुररा ए पुरपेचोख़म का पेचोख़म निकले

मगर लिखवाए कोई उसको ख़त तो हम से लिखवाए
हुई सुबह और घर से कान पर रखकर क़लम निकले

हुई इस दौर में मनसूब मुझसे बादा आशामी
फिर आया वो ज़माना जो जहाँ में जामेजम निकले

हुई जिनसे तवक़्क़ो ख़स्तगी की दाद पाने की
वो हमसे भी ज़्यादा ख़स्ता ए तेग ए सितम निकले

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख के जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

कहाँ मैख़ाने का दरवाज़ा ग़ालिब और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था के हम निकले.......जी हाँ दोस्तों ग़ालिब की गज़ल का यह पहला शेर हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले हमारे मुस्लिम मसले मसाइलों के समाधान के लियें किये जा रहे कार्यों के लिए सटीक साबित होता है हमारे मसले मसाइल कुछ इतने इकट्ठे हो गए है के उन्हें हल करते करते थक भी जाओ तो भी मसाइल हल नहीं हो पायेंगे लेकिन फिर भी जो मिल जाए उसे स्वीकार करो और आगे की तय्यारी करो ..अभी राजस्थान के कोटा जिला वक्फ कमेटी की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कोटा शहर काजी अनवार अहमद की उपस्थिति में राजस्थान के काबिना मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने मुसलमानों से हुए नो मुहाय्दों में से सात पर अपनी मुहर लगा कर समस्याओं का समाधान क्या समाधान भी ऐसा के ऐतिहासिक हुआ है उनका स्वागत सत्कार मुस्लमों ने ऐतिहासिक किया तो उनकी घोशनाए भी ऐतिहासिक रहीं ..स्टेशन पर दो नये कब्रिस्तान .....किशोरपुरा साजिदेह्दा में मुस्लिम गर्ल्स होस्टल ..जन्ग्लिशाहा बाबा परिसर में विशाल महफिलखाना विस्तार ..रंगबाड़ी कब्रिस्तान का राजस्व रिकोर्ड में अंकन ..दुसरे कब्रिस्तान की बाउंड्री ..नानाता मुनि जी का कुंड में सामुदायिक भवन ..मकबरा लाडपुरा में सामुदायिक भवन ..पचास कब्रिस्तानों का रख रखाव .हजीरे कब्रिस्तान का सोंद्र्य्करण सहित कई ऐसे काम थे जो पन्द्राह करोड़ से भी अधिक के है ..केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल के इस काम को ऐतिहासिक कहा जा सकता है और जब उन्होंने लडकों के होस्टल और वृद्धाश्रम की घोषणा की तो ताल्लियों की गडगडाहट देखने जेसी थीं ..लेकिन दोस्तों मंच से जेसे कहा गया के मुसलमानों की सभी समस्याएं खत्म हो गयी है सभी मसाइल हाल हो गये है गलत है यह तो वोह चीज़े है जिनकी बरसों से मांगे थी अभी और भी कई मसले हैं जनिका समाधान होना है और इनके लियें बहुत कोशिश करना होगी एकता दिखाना होगी दबाव बनाना होगा ........कोटा में अभी भी कब्रिस्तानों की समस्या बहुत विकट है ..यहाँ मस्जिदों के अतिक्रमण के मसले है ..कोटा में एक मस्जिद तो रेवेन्यु रिकोर्ड में मन्दिर दर्ज कर दी गयी है जबकि एक मस्जिद रेवेन्यु रिकोर्ड से गायब है ..इसके लियें दस साल से भी ज्यादा वक्त से इन्द्राज दुरुस्ती की दरकार है ......कोटा में विज्ञाननगर के लोगों की कब्रिस्तान समस्या आवंटन होने के बाद भी बनी हुई है यहाँ निजी ज़मीं आवंटित होने से स्टे आ गया है और विज्ञाननगर में कब्रिस्तान की ज्वलंत समस्या है ..जन्ग्लिशाह बाबा भंवर शाह तकिया इलाके में कई कोंग्रेसी कब्जेदार है और पांच अरब रूपये से भी ज्यादा मूल्य की इस सम्पात्ति पर कब्जेदारों से किराया एक करोड़ रूपये महीने का आना चाहिए लेकिन सभी के प्रभाव शाली होने के कारण भाजपा कार्यकाल में इन्हें हटाने के बाद भी यह लोग फिर से आ जमे है इन्हें हटाने के लिए भी सरकार को कुछ मदद मध्यस्थता करना होगी क्योंकि यह लोग सरकार के हिस्सा है ..केथुनिपोल में एक मस्जिद के चारों तरफ सरकारी भूमि पर जो अतिक्रमण है वोह अतिकर्मन के हजारों दोर चलने के बाद भी नहीं हटा पाए है ......शिक्षा का मसला है ..मदरसों का मसला है ...राजस्थान में अल्प्न्सख्यकों के पन्द्राह सूत्र की बैठकों की रस्म अदायगी का मसला है यहाँ कोटा के इंचार्ज सांसद अश्क अली टाक है लेकिन दो वर्षों में उन्होंने कोटा में आकर झाँका तक नहीं है अल्प्स्नक्ख्यक विभाग का कमरा स्टोर रूम बना है उसे खली नहीं करवाय गया है अल्पसंख्यक अधिकारी की स्थाई नियुक्ति नहीं है ..आधुनिक मदरसों की नयी घोषणा नहीं है ..द्वारका बस्ती ..जेके नगर के मदरसे अभी नहीं मिले है सबसे बढ़ी और अहम बाद यह है के कोटा के मुसलमान राजनितिक प्रतिनिधित्व के रूप में जीरो है यहाँ शिकायत है के जिस शिद्दत से मुसलमान कोंग्रेस के साथ है उस अनुपात में राजकीय पदों पर मुस्लिम कोंग्रेसियों को नहीं बताया गया है जहाँ कानून नियम है के यहाँ तो मुस्लिम समाज का व्यक्ति ही नियुक्त होगा वहा मजबूरी है लेकिन सामान्य जाती के महत्वपूर्ण पदों अपर मुस्लिम प्रतिनिधि अपना सबकुछ त्याग कर भी नियुक्त नहीं हो पा रहे है ..जो चुनाव लड़ रहे है वोह बहुमत के बाद भी हार रहे है ऐसा क्यूँ हो रहा है हाईकमान भी जवाब नहीं दे पा रही है ....तो दोस्तों यह सही है के कोटा के मुसलमानों के विकास के लियें यहाँ ऐतिहासिक काम हुए है यह भी सही है के कोटा ही नहीं राजस्थान ही नहीं पुरे हिंदुस्तान में कोटा अकेला ऐसा जिला है जहाँ सरकार और सरकार नहीं कोटा के लाडले विधायक शानातिकुमार धारीवाल केबिनेट मंत्री के प्रयासों से इतने काम हुए है लेकिन जो बाक़ी है वोह भी तो पुरे करना है इसी लियें तो गालिब का यह शेर यहाँ लागू होता है के .......हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..सही बात है न भाई .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खुदा ने गोद नहीं भरी इसलिए ख्वाजा की पनाह से की बच्चे की चोरी!


नागौर/बीकानेर.अजमेर/नागौर/ बीकानेर.ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से सोमवार की देर रात चोरी किया गया छह माह का बच्चा नासिर नागौर पुलिस की सजगता से मिल गया। बच्चा पश्चिमी बंगाल के एक मौलवी दंपती ने चुराया था जो बीकानेर जिले के पांचू थाना इलाके के सारूंडा गांव के मदरसे में पढ़ाता है। मौलाना दंपती यह बच्चा मंगलवार को नागौर के रास्ते सारूंडा ले गए थे।

पुलिस ने बच्चा बीकानेर में दबिश देकर बरामद कर लिया। देर रात पुलिस बच्चा व मौलवी दंपती को अजमेर ले आई है। पुलिस का दावा है कि बच्चा चुराकर पश्चिमी बंगाल में बेचे जाने की योजना थी।

मौलाना दंपती को गुरुवार को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस को अंदेशा है कि मौलाना दंपती का संबंध बच्चा चुराकर बेचने वाले गिरोह से हो सकता है। हालांकि शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को यही बताया कि ‘बे औलाद होने के कारण अजमेर दरगाह से मौका पाकर यह बच्चा चुरा लिया था।’

छह माह के नासिर को बरामद कर लिए जाने के बाद नागौर एसपी भूपेंद्र साहू ने पत्रकारों को बताया कि मंगलवार की शाम निकटवर्ती भूंडेल गांव के कुछ लोगों से जानकारी मिली कि पश्चिम बंगाल के उत्तर दीनारपुर जिले की तहसील इस्लामपुर के नीठा पोकर गांव का मौलाना अब्दुल कलाम (27) पुत्र अब्दुल शकूर व उसकी पत्नी शबाना (22) छह माह के एक बच्चे को लेकर भूंडेल आए हैं।

ग्रामीणों ने आज के समाचार पत्रों और टीवी चैनलों पर दरगाह से बच्चा चुराए जाने की खबरें देख ली थीं। ग्रामीणों को मौलाना दंपती की गतिविधियां संदिग्ध लगीं, लिहाजा उन्होंने नागौर पुलिस को सूचित कर दिया।

दरगाह से बच्चा चोरी होने की घटना से राज्य भर में पुलिस पहले से ही अलर्ट थी। लिहाजा नागौर पुलिस तत्काल सक्रिय हो गई। पुलिस का दस्ता भूंडेल भेजा गया, पता चला कि मौलाना कलाम व उसकी पत्नी बच्चे को लेकर बीकानेर जिले के पांचू थाने के सारूंडा गांव चले गए हैं। वहां वे मदरसा चलाते हैं।


सही सलामत मिल गया नासिर

डिप्टी शर्मा व उनकी टीम जैसे ही सारूंडा पहुंची तो वहां बच्चा चुराने वाले मौलाना कलाम व उसकी पत्नी शबाना मिल गए। शबाना के पास छह माह का नासिर था। पुलिस ने तत्काल बच्चे को कब्जे में लेकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार की दोपहर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस नागौर ले आई।

हां, हमने उठाया था बच्चा:

तथ्यों व दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्होंने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार कर लिया कि अजमेर दरगाह से सोमवार देर रात को चुराया गया बच्चा यही नासिर है। दोनों आरोपियों के वारदात कबूलने के साथ ही नागौर पुलिस ने इसकी सूचना अजमेर पुलिस को दी।

बेऔलाद थे इसलिए चुराया बच्चा :

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में आरोपी मौलाना कलाम व उसकी पत्नी ने बताया कि उनके कोई बच्चा नहीं था, वे बे औलाद थे। औलाद की चाह में वे अजमेर दरगाह गए हुए थे। वहां नासिर को देखकर उनकी नीयत खराब हो गई और उन्होंने वारदात को अंजाम दिया।

तांत्रिक भी है मौलाना कलाम :

पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी मौलाना अब्दुल कलाम तांत्रिक भी है। वह ताबीज व झाड़ फूंक का काम भी करता है। इसमें उसकी पत्नी शबाना भी हमेशा सहयोगी रहती है।

ख्वाजा साहब की दरगाह से बच्चा चोरी हो जाने की घटना के बाद दरगाह कमेटी फिर हरकत में आई है। कमेटी ने कार्मिकों को परिसर में किसी भी जायरीन को सोने नहीं देने के लिए भी पाबंद किया है। दरगाह में बम धमाके के बाद से ही सुरक्षा कारणों के चलते जायरीन के सोने पर रोक लगा दी गई थी।

काफी समय तक यह रोक प्रभावी रही। लेकिन पिछले कुछ समय से दरगाह परिसर में जायरीन ने फिर से सोना शुरू कर दिया था। इसी के चलते हैदराबाद की जायरीन का बच्चा चोरी चला गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्यवाहक नाजिम की ओर से बुधवार को एक बार फिर कमेटी कारिंदों को किसी जायरीन को परिसर में सोने नहीं देने की चेतावनी दी गई।

रात्रि में दरगाह परिसर में रुकने नहीं देंगे

कमेटी सूत्रों के मुताबिक आस्ताना शरीफ मामूल होने के बाद दरगाह परिसर में रुके जायरीन को बाहर निकालना शुरू कर दिया जाएगा। दरगाह परिसर में कमेटी के सात कार्मिक मौजूद रहेंगे। इनके अतिरिक्त 2-3 लोग सफाई व्यवस्था के लिए रहेंगे। इन सबको पाबंद कर दिया गया है।

दरगाह परिसर से बच्चा चोरी होने की घटना को कमेटी ने भी गंभीरता से लिया है। कमेटी के दारोगा मोबीन खान ने अज्ञात महिला के खिलाफ बच्चा चोरी करने की शिकायत भेजी है।

दारू में डुबो दी बर्दी की इज्जत, कोर्ट परिसर में पुलिस वालों ने की शराब पार्टी

कोटा.जिला कोर्ट परिसर में बुधवार रात शराब पार्टी कर रहे तीन जने पुलिस व न्यायिक अधिकारियों को देखकर भाग छूटे। शराब पीने वालों में एक हेड कांस्टेबल व सिपाही तथा एक पीडब्ल्यूडी का कर्मचारी है। भागते समय यह कर्मचारी अपनी मोटर साइकिल वहीं छोड़ गया, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

कोर्ट परिसर से वाहन व पंखे आदि चोरी होने की घटनाओं को देखते हुए बुधवार की रात को अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष कृपाशंकर श्रंगी व महासचिव बृजराजसिंह चौहान निरीक्षण के लिए वहां पहुंच गए। वहां गार्डरूम के सामने तीन जने शराब पीते हुए दिखाई दिए। इसकी सूचना उन्होंने जिला जज नाथूलाल चंपावत को दी।

उन्होंने सीजेएम प्रेमंचद शर्मा, मजिस्ट्रेट मनोज गोयल व एक अन्य को मौके पर भेजा। इसके साथ ही नयापुरा पुलिस को भी बुला लिया गया। उन्हें देखते ही शराब पार्टी कर रहे तीनों शराब की बोतल लेकर वहां से भाग छूटे। हड़बड़ी में पीडब्ल्यूडी का कर्मचारी अपनी बाइक (आर.जे.-20-एसएच-7431) को छोड़ गया। अभिभाषक परिषद के पदाधिकारियों ने मौके पर पहुंचे पुलिसदल पर आरोप लगाया कि उन्होंने शराब पी रहे पुलिस वालों को भगाने में सहयोग किया।

एसीबी ने पेश की हाईकोर्ट में रिपोर्ट, भ्रूण लिंग परीक्षण में कई अफसर दोषी

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जयपुर.पीसीपीएनडीटी सेल में काम नहीं होने व इसके लिए तत्कालीन विधि विशेषज्ञ या पीसीपीएनडीटी सेल के अफसरों की जवाबदेही के संबंध में एसीबी ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की। एसीबी डीआईजी जी.एन.पुरोहित की रिपोर्ट में तत्कालीन विधि विशेषज्ञ रितेश तिवाड़ी सहित कई सीएमएचओ को पीसीपीएनडीटी एक्ट का पालन नहीं करने का जिम्मेदार माना है।


रिपोर्ट में डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर विद्यासागर, झुंझुनूं के तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. कमल बजाज, पीसीपीएनडीटी समन्वयक बबीता व लिपिक हरीश सोनी, डिप्टी सीएमएचओ डॉ.चरणजीत सिंह, तत्कालीन जिला नोडल अधिकारी एवं सीएमएचओ नागौर अखिलेश नारायण माथुर को जिम्मेदार माना है।

इनके अलावा नागौर के तत्कालीन कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. जेपी मिर्धा व मौजूदा सीएमएचओ आरके मीणा, तत्कालीन उपखंड प्राधिकारी शीशराम चौधरी, डॉ. रामकरण, सीएमएचओ सिरोही संजीव कुमार टांक, तत्कालीन समुचित प्राधिकारी डॉ. यशपाल सिंह व भीलवाड़ा के तत्कालीन संबंधित उपखंड प्राधिकारी को भी जिम्मेदार माना है।


रिपोर्ट में भीलवाड़ा की सलाहकार समितियों के सदस्यों सहित जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी रामस्वरूप सैन, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी भीलवाड़ा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी व आरसीएमएचओ को भी पीसीपीएनडीटी एक्ट के पालन का जिम्मेदार माना।


कलेक्टर ने भी नहीं की विधि सम्मत कार्रवाईं

रिपोर्ट में बारां के कलेक्टर नवीन जैन के संबंध में कहा कि उन्होंने पार्थ सोनोग्राफी व ओपेरा सिटी हॉस्पिटल के मुकदमों में एक्ट का उल्लंघन होने पर भी सिर्फ जुर्माना ही लगाया जो विधिनुसार नहीं है। इस संबंध में नवीन जैन का स्पष्टीकरण लिया जाना चाहिए था, जो नहीं लिया।

यह है मामला

हाईकोर्ट ने 20 अप्रैल 2012 को पीसीपीएनडीटी सेल में कार्यरत रितेश तिवाड़ी को हटाने के मामले में सुनवाई करते हुए एसीबी को उच्च स्तरीय अफसर से मामले की जांच करवाने का निर्देश दिया था।

रितेश ने हाईकोर्ट में उसे पद से हटाने की कार्रवाई को चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र एसके गुप्ता ने बताया कि पीसीपीएनडीटी सेल भ्रूण परीक्षण केन्द्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इस पर अदालत ने मामले की जांच एसीबी को सौंपी।

कुरान का संदेश

राजस्थान में एक गुटका पाबंदी का कानून भी दुसरे कानूनों की तरह अलमारी और किताबों की शोभा बनने के लियें तय्यार है

राजस्थान के लियें एक नई खबर यहाँ आज मंत्रिमंडल की बैठक में गुटका जर्दा की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गयी है ..अभी यह फेसला मंत्रिमडल का है फिर यह कानून बनेगा और दुसरे कानूनों की तरह यह भी मंत्रियों और इसकी पालना कराने वाले अधिकारीयों की अलमारियों में सजा कर रखा जाएगा .....जी हाँ दोस्तों हमारे राजस्थान में कानून तो है लेकिन इनकी पालना नहीं पा रही है ..गुटका जर्दा बेचने और खरीदने की पाबंदी का भी कानून बन जाएगा लेकिन क्या यह सख्ती से लागू होगा या यूँ ही सियासी कानून बनकर दुसरे कानूनों की तरह किताबों और अलमारियों की शोभा बढायेगा ..दोस्तों मेरे इस राजस्थान में पुलिस अधिनियम है जिसमे पुलिस जवाबदार समितिया ..आयोग और कल्याणकारी आयोग बनाने का आवश्यक प्रावधान है लेकिन कानून है लेकिन पालना नहीं ..यहाँ पोलीथिन पर रोक का कानून है लेकिन बाजारों पोलीथिन की ठेलियां धड़ल्ले से चल रही है ..राजस्थान में धुम्रपान अधिनियम लागू है लेकिन स्कूलों कलेक्ट्री में खूब बिक्री है अदालतों में भी इनकी बिक्री चल रही है कोई रोकटोक करने वाला नहीं है ..प्र्धुशन रोकने का कानून अनावश्यक लाल बत्ती लगाने ..वाहनों पर पदनाम लिखने पर सजा और चलन का कानून है लेकिन खुद कलेक्टर..जज..महापोर.वगेरा गाड़ी के आगे पदनाम लिखवाकर इस कानून का उलंग्घन कर रहे है आगे सीट बेल्ट बंधकर गाडी पर बेठने का कानून है लेकिन मंत्री जी इस कानून की पलना नहीं करते ..नगर निगम या पालिका क्षेत्र में कब्जेदारों के खिलाफ कानून है लेकिन सरकारी भूमि पर अवेध कब्जे रोज़ हो रहे है ..सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लियें गिफ्ट उपहार नहीं लेने वक्त पर आने का कानून है लेकिन कोई इसे लागू नहीं करता ..अदालतों में चेक के मामले ..घरेलू हिंसा के मामले ..महर उपभोक्ता के मामले तीन माह में निपटने के निर्देश हैं ...अदालत में साक्ष्य आलेखित करते वक्त केवल एक ही काम कर जज द्वारा बयान लिखने का कानून है लेकिन एक ही वक्त में तीन तीन काम चलते है बस कानून है ....कलेक्टर हो चाहे कोई भी अधिकारी हो पब्लिक सर्वेंट है लेकिन अब वोह खुद को पब्लिक का नहीं गवर्मेंट सर्वेंट कहता है पब्लिक के लियें कम गवर्मेंट के लियें इंस्ट्रूमेंट बनकर हथियार के रूप में काम करता है कानून है लेकिन पालना नहीं कोई भी अधिअकरी एक जगह तीन साला से ज्यादा नहीं रहेगा लेकिन पुलिस और रशासनिक अधिकारी कई वर्षों से एक ही जिलों में जमे है और दीमक की तरह से चाट रहे है कानून है लेकिन पालना नहीं खेर बहुत लम्बी बात हो गयी क्योंकि पूरी किताब भर जायेगी लेकिन कानून और उसकी नाफरमानी खत्म नहीं होगी ..इसलियें दोस्तों गुटका जर्दा पाबंदी की राजस्थान में जो नियमावली तय्यार होगी उसे दिल से न लगाना गम्भीरता से न लेना कहीं गुटका बेचते देखो ब्लेक होते देखो तो भाई टेंशन न लेना क्योंकि कानून तो है पालना हो या न हो ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

आंसू पोंछते हुए अमिताभ ने छुए राजेश खन्‍ना के पांव


मुंबई। महानायक अमिताभ बच्चन बुधवार को राजेश खन्‍ना के बंगले (आशीर्वाद) पर पहुंचे तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्‍होंने अक्षय कुमार को कस कर गले लगाया। फिर हाथ जोड़े, सिर झुकाते हुए डिंपल की ओर बढ़े और उन्हें ढांढस बंधाया।
अमिताभ बच्चन जब राजेश खन्‍ना के मृत शरीर की ओर बढ़े तो उनकी आंखों में आंसू भर आए।उन्‍होंने अपनी भीगी आंखों से चश्मा उतारा और काका के पैर छुए। बिग बी को भावुक होता देख अभिषेक बच्चन उनकी ओर बढ़े और फिर उन्हें संभाला।
इसके बाद अमिताभ 'काका' के पास ही बैठ गए और उनके आखिरी वक्‍त के बारे में पूछा। सूत्रों के मुताबिक बिग बी ने यह भी पूछा कि किस वक्त काका ने अंतिम सांस ली और उस वक्त कौन-कौन उनके पास था।
गुजरे जमाने के सुपर स्‍टार राजेश खन्‍ना के निधन की खबर बुधवार दोपहर सार्वजनिक हुई। वह महीनों से बीमार थे। सोमवार को ही उन्‍हें लीलावती अस्‍पताल से छुट्टी मिली थी। लेकिन बुधवार को उनकी तबीयत फिर से ज्‍यादा बिगड़ गई और अंतत: वह हमसे जुदा हो गए। शाहरुख खान, सलमान खान, कैटरीना कैफ और बॉलीवुड की कई अन्य नामचीन हस्तियां काका के दर्शन करने आशीर्वाद पहुंचे। गुरुवार को 11 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा।

आंसू पोंछते हुए अमिताभ ने छुए राजेश खन्‍ना के पांव


मुंबई। महानायक अमिताभ बच्चन बुधवार को राजेश खन्‍ना के बंगले (आशीर्वाद) पर पहुंचे तो उनकी आंखें नम हो गईं। उन्‍होंने अक्षय कुमार को कस कर गले लगाया। फिर हाथ जोड़े, सिर झुकाते हुए डिंपल की ओर बढ़े और उन्हें ढांढस बंधाया।
अमिताभ बच्चन जब राजेश खन्‍ना के मृत शरीर की ओर बढ़े तो उनकी आंखों में आंसू भर आए।उन्‍होंने अपनी भीगी आंखों से चश्मा उतारा और काका के पैर छुए। बिग बी को भावुक होता देख अभिषेक बच्चन उनकी ओर बढ़े और फिर उन्हें संभाला।
इसके बाद अमिताभ 'काका' के पास ही बैठ गए और उनके आखिरी वक्‍त के बारे में पूछा। सूत्रों के मुताबिक बिग बी ने यह भी पूछा कि किस वक्त काका ने अंतिम सांस ली और उस वक्त कौन-कौन उनके पास था।
गुजरे जमाने के सुपर स्‍टार राजेश खन्‍ना के निधन की खबर बुधवार दोपहर सार्वजनिक हुई। वह महीनों से बीमार थे। सोमवार को ही उन्‍हें लीलावती अस्‍पताल से छुट्टी मिली थी। लेकिन बुधवार को उनकी तबीयत फिर से ज्‍यादा बिगड़ गई और अंतत: वह हमसे जुदा हो गए। शाहरुख खान, सलमान खान, कैटरीना कैफ और बॉलीवुड की कई अन्य नामचीन हस्तियां काका के दर्शन करने आशीर्वाद पहुंचे। गुरुवार को 11 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा।

राजस्थान में नहीं मिलेगा मौत का सामान

देश का पांचवां राज्य बना राजस्थान,



जयपुर। राजस्थान सरकार ने बुधवार को सराहनीय कदम उठाते हुए गुटखे पर पाबंदी लगा दी है। तंबाकू पर रोक लगाने में राजस्थान देश का पांचवां राज्य बन गया है। यहाँ तंबाकू पर रोक लगाने के लिए एक मुहीम छेड़ी। जिसका असर आज मंत्रिमंडल की बैठक में देखने को मिला। राज्य सरकार ने गुटखे के उत्पादन और भंडारण पर पाबंदी लगाई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रीमण्डल की बैठक में यह फैसला लिया गया।



बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि गुटखे पर प्रतिबंध के संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गुटखे पर पाबंदी को लागू करवाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। हालांकि गहलोत ने माना कि सरकार की ओर पाबंदी लगाने से समस्या का हल नहीं होगा। इसके लिए जनता का सहयोग अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने लोगों से गुटखा, पान मसाला नहीं खाने और बीड़ी और सिगरेट नहीं पीने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आधा काम कर दिया है। अब आधा काम जनता को करना है।


गौरतलब है कि इससे पहले मध्य प्रदेश,बिहार,महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश की सरकार गुटखे पर पाबंदी लगा चुकी है। गहलोत ने कहा कि गुटखे के उत्पादन,भंडारण,विक्रय करने वालों पर 25 हजार से 10 लाख का जुर्माना लगेगा। उन्होंने कहा कि गुटखे पर पाबंदी से सरकार को 125 करोड़ का नुकसान होगा। सरकार ने बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। गहलोत ने कहा कि तंबाकू पर प्रतिबंध के लिए केन्द्र सरकार को कानून बनाना होगा।

ममता के बयान पर बोल इंडिया बोल: कपड़ों के चलते होती है छेड़खानी या रेप?


नई दिल्‍ली. महिला आयोग की सदस्‍य अलका लांबा के बाद अब आयोग की अध्‍यक्ष ममता शर्मा विवाद में फंस गर्इ हैं। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्‍होंने कहा कि आज़ादी के इतने सालों बाद ऐसा कोई निर्देश देना सही नहीं है कि महिलाओं को क्या पहनना चाहिए। लेकिन लड़कियों ऐसे कपड़े पहनना चाहिए, जो आरामदायक हों लेकिन इन्हें पहनने में सावधानी बरतनी चाहिए। ममता शर्मा ने यह भी कहा कि पश्चिम की अंधी नकल के कारण हमारी सभ्‍यता प्रभावित होती है और ऐसे (गुवाहाटी में छेड़छाड़ जैसे) अपराध होते हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के ताज़ा बयान की निंदा हो रही है। इससे पहले भी महिला आयोग की अध्‍यक्ष अपने विवादित बयानों के कारण विरोध झेल चुकी हैं। कुछ महीने पहले जयपुर में उन्‍होंने यह कह कर विवाद पैदा कर दिया था कि लड़कियों को सेक्‍सी शब्‍द से परहेज नहीं करना चाहिए। उन्‍होंने कहा था कि यदि लड़के लड़कियों को सेक्‍सी कहे तो इसे नकरात्‍मक सेंस में नहीं रहना चाहिए। क्‍योंकि सेक्‍सी का मतलब सुंदर और आकर्षक है।
जब ममता शर्मा से यह पूछा गया कि महिलाओं को क्‍या पहनना चाहिए तो उन्‍होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद कोई ऐसा निर्देश देना सही नहीं रहेगा। लेकिन ऐसे कपड़े पहनना चाहिए, जो आरामदायक हों लेकिन इसे पहनने में सावधानी रखनी चाहिए। पश्चिम की अंधी नकल के कारण हमारी सभ्‍यता प्रभावित होती है और ऐसे अपराध होते हैं।
दूसरी ओर, महिला आयोग आज असम के मुख्‍यमंत्री तरुण गोगोई से भी लड़की का नाम जाहिर करने के इश्‍यू पर पूछताछ कर सकता है। वहीं, गुवाहटी गई टीम आज अपनी जांच रिपोर्ट ममता शर्मा को सौंप सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला माना तो देश मजाक बनकर रह जाएगा'

नई दिल्ली.अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत में निवेश के बिगड़ते माहौल को लेकर की गई आलोचना के बाद अब देश के अटॉर्नी जनरल ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तीखी आलोचना की है। वाहनवती ने कहा, 'अगर सभी प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी की जाएगी तो देश अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में मजाक का पात्र बनकर रह जाएगा। विदेशी निवेशक कहेंगे कि भारत निवेश के लिए सही जगह नहीं है। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी कहा है कि भारत में निवेश करना सुरक्षित नहीं है।'

देश के सबसे वरिष्ठ सरकारी वकील वाहनवती ने सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच के सामने यह बात कही। बेंच की अगुवाई चीफ जस्टिस एस.एच. कपाड़िया कर रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वाहनवती की बात को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राष्ट्रपति का संदर्भ के मामले में एफडीआई कोई आधार नहीं बनाता है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में अपने फैसले में कहा था कि ऐसे प्राकृतिक संसाधनों को नीलामी के आधार पर ही बेचा जाना चाहिए, जिनकी कमी है।

हीरोइन के साथ मोदी की सेक्‍स सीडी?

मुंबई.शिवसेना के एक दावे ने सनसनी फैला दी है। पार्टी के मुखपत्र सामना के दोपहर संस्करण 'दोपहर का सामना' में 'सेक्स सीडी मोदी की' शीर्षक से छपी खबर में यह दावा किया गया है, 'कांग्रेस ने एक सीक्रेट टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स को मोदी की छवि को धूमिल करने के लिए फर्जी सेक्स सीडी बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस की रणनीति है कि ऐन चुनाव से पहले इस कथित सेक्स सीडी को सार्वजनिक कर मोदी का चुनावी गणित बिगाड़ दिया जाए। टास्क फोर्स में कंप्यूटर और डिजीटल तकनीक के माहिर शामिल किए गए हैं।'
अखबार ने कांग्रेस के सूत्र के हवाले से दावा किया है, 'टास्क फोर्स में तमिल फिल्मों की एक हीरोइन और एनडीए की एक पंजाबी पदाधिकारी को शामिल किया गया है। इन दोनों को इसके एवज में मोटी रकम दी गई है। तमिल हीरोइन को मुंबई में फ्लैट भी बतौर गिफ्ट दिया गया है। जबकि पंजाबी महिला को चंडीगढ़ में घर दिया गया है। ये दोनों महिलाएं शपथ पत्र देकर नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्ते स्वीकार करेंगी। ये दोनों इस बात के लिए भी तैयार हैं कि उनकी तस्वीर का इस्तेमाल सीडी में किया जा सके।'

खबर में यह दावा भी किया गया है कि टास्क फोर्स ने पहले भ्रष्टाचार के मामलों में घसीटने के लिए नरेंद्र मोदी से जुड़े कई कागजात खंगाले, लेकिन जब इसमें कामयाबी नहीं मिली तो फोर्स ने सेक्स सीडी बनाने का फैसला किया। साथ ही यह भी कहा गया है कि कांग्रेस गुजरात बीजेपी में 'सेंध' लगाने की कोशिश कर रही है। खबर के मुताबिक इसके लिए बीजेपी के नाराज चल रहे नेता केशुभाई पटेल को मनाने की कोशिश की जा रही है।
इस खबर पर अभी कांग्रेस की ओर से कोई टिप्‍पणी नहीं आई है।

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