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19 जुलाई 2012

माहे रमजान की फज़ीलत

माहे रमज़ान शब्द रम्ज़ से लिया गया है जिसका अर्थ होता है छोटे पत्थरों पर पड़ने वाली सूर्य की अत्याधिक गर्मी। माहे रमज़ान ईश्वरीय नामों में से एक नाम है। इसी महीने में पवित्र क़ुरआन नाज़िल हुआ था। यह ईश्वर का महीना है। इस महीने की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।

अल्लाह ने अपने बंदों पर पाँच चीज़ें फ़र्ज़ की हैं। कलिमा-ए-तयैबा, नमाज़, हज, रोज़ा और ज़कात। इन्हें इस्लाम के ख़ास सुतून (स्तंभ) कहते हैं। रमज़ान इस्लामिक कैलेंडर का नौवाँ महीना है। रमज़ान बरकतों वाला महीना है, इस माहे मुबारक में अल्लाह अपने बंदो को बेइंतिहा न्यामतों से नवाज़ता है। इसी पवित्र महीने में अल्लाह रब्बुल इज्जत ने क़ुरआन पेगंबर हज़रत मुहम्मद साहब पर नाज़िल फ़रमाया। रमज़ान महीने के अंत पर तीन दिनों तक ईद मनायी जाती है।[1]

रमज़ान क्या है?

रमज़ान महीने का नाम है, जिस प्रकार हिन्दी महीने चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ, फाल्गुन होते हैं और अंग्रेज़ी महीने जनवरी, फ़रवरी, मार्च, अप्रेल, मई, जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर होते हैं। उसी प्रकार, मुस्लिम महीने, मोहर्रम, सफ़र, रबीउल अव्वल, रबीउलसानी, जुमादलऊला, जुमादल उख़्र, रजब, शाबान, रमज़ान, शव्वाल, द्हू अल-क़िदाह, द्हू अल-हिज्जाह ये बारह महीने आते हैं।

रमज़ान के महीने में अल्लाह की तरफ़ से हज़रत मोहम्मद साहब सल्लहो अलहै व सल्लम पर क़ुरान शरीफ़ नाज़िल (उतरा) था। इस महीने की बरकत में अल्लाह ने बताया कि इसमें मेरे बंदे मेरी इबादत करें। इस महीने के आख़री दस दिनों में एक रात ऐसी है जिसे शबे क़द्र कहते हैं। 21, 23, 25, 27, 29 वें में शबे क़द्र को तलाश करते हैं। यह रात हज़ार महीने की इबादत करने से भी अधिक बेहतर होती है। शबे क़द्र का अर्थ है, वह रात जिसकी क़द्र की जाए। यह रात जाग कर अल्लाह की इबादत में गुज़ार दी जाती है।

रोज़ा

रोज़े को अरबी में सोम कहते हैं, जिसका मतलब है रुकना। रोज़ा यानी तमाम बुराइयों से रुकना या परहेज़ करना। ज़बान से ग़लत या बुरा नहीं बोलना, आँख से ग़लत नहीं देखना, कान से ग़लत नहीं सुनना, हाथ-पैर तथा शरीर के अन्य हिस्सों से कोई नाजायज़ अमल नहीं करना। किसी को भला बुरा नहीं कहना। हर वक़्त ख़ुदा की इबादत करना।[2]

बरकतों वाला महीना

रमज़ान की कई फज़ीलत हैं। इस माह में नवाफ़िल का सवाब सुन्नतों के बराबर और हर सुन्नत का सवाब फ़र्ज़ के बराबर और हर फ़र्ज़ का सवाब 70 फ़र्ज़ के बराबर कर दिया जाता है। इस माह में हर नेकी पर 70 नेकी का सवाब होता। इस माह में अल्लाह के इनामों की बारिश होती है।[1]

इबादत का महीना

इस महीने में शैतान को क़ैद कर दिया जाता है, ताकि वह अल्लाह के बंदों की इबादत में खलल न डाल सके। इस पूरे माह में रोज़े रखे जाते हैं और इस दौरान इशा की नमाज़ के साथ 20 रकत नमाज़ में क़ुरआन मजीद सुना जाता है, जिसे तरावीह कहते हैं। इस महीने में आकाश तथा स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं तथा नरक के द्वार बंद हो जाते हैं। इस महीने की एक रात की उपासना, जिसे 'शबे क़द्र' के नाम से जाना जाता है, एक हज़ार महीनों की उपासना से बढ़ कर है। इस महीने में रोज़ा रखने वाले का कर्तव्य, ईश्वर की अधिक से अधिक प्रार्थना करना है।

रोज़े का मक़सद

रोज़े का मक़सद सिर्फ़ भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है, बल्कि अल्लाह की इबादत करके उसे राज़ी करना है। रोज़ा पूरे शरीर का होता है। रोज़े की हालत में न कुछ ग़लत बात मुँह से निकाली जाए और न ही किसी के बारे में कोई चु्ग़ली की जाए। ज़बान से सिर्फ़ अल्लाह का ज़िक्र ही किया जाए, जिससे रोज़ा अपने सही मक़सद तक पहुँच सके। रोज़े का असल मक़सद है कि बंदा अपनी ज़िन्दगी में तक्वा ले आए। वह अल्लाह की इबादत करे और अपने नेक आमाल और हुस्ने सुलूक से पूरी इंसानियत को फ़ायदा पहुँचाए। अल्लाह हमें कहने-सुनने से ज़्यादा अमल की तौफ़ीक दे।\

सेहरी

रोज़े रखने के लिए सब से पहले सेहरी खाया जाए क्यों कि सेहरी खाने में बरकत है, सेहरी कहते हैं सुबह सादिक़ से पहले जो कुछ उप्लब्ध हो उसे रोज़ा रखने की नीयत से खा लिया जाए। रसूल मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया, "सेहरी खाओ क्यों कि सेहरी खाने में बरकत है।" एक दूसरी हदीस में आया है, "सेहरी खाओ चाहे एक घूँट पानी ही पी लो"

इफ़्तार

भूखे को खाना खिलाना भी बहुत बड़ा पुण्य है और जिसने किसी भूखे को खिलाया और पिलाया अल्लाह उसे जन्नत के फल खिलाएगा और जन्नत के नहर से पिलाएगा। जो रोज़ेदार को इफ़्तार कराएगा तो उसे रोज़ेदार के बराबर सवाब (पुण्य) मिलेगा और दोनों के सवाब में कमी न होगी जैसा कि रसूल मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का फरमान है "जिसने किसी रोज़ेदार को इफ़्तार कराया तो उसे रोज़ेदार के बराबर सवाब (पुण्य) प्राप्त होगा मगर रोज़ेदार के सवाब में कु्छ भी कमी न होगी" (मुसनद अहमद तथा सुनन नसई)[3]

रमज़ान के निराले ज़ायके

बाक़रख़ानी

बाक़रख़ानी रमज़ान के अलावा दूसरे महीनों में नसीब नहीं होती, क्योंकि एक दिन के बाद ही इसका स्वाद बदल जाता है। इसे एक ख़ास तापमान पर पकाया जाता है। देखने में यह बिस्कुट की तरह होती है। ताजी बाक़रख़ानी के स्वाद का कहना ही क्या।


स्वादिष्ट मिठाई फ़ेनी ख़रीदती महिला

खजला, फेनी और सेवइयाँ

रमज़ान का ख़ास पकवान है खजला, फेनी और सेवइयाँ। इन्हें दूध में भिगो कर खाया जाता है, जो रमज़ान का पौष्टिक आहार होता है। सूखी सेवईं चीनी, खोया और मावा के साथ जब तैयार होती है तो लोग अँगुली चाटते रह जाते हैं। ये सहरी के वक़्त का ख़ास पकवान है।

खजूर

खजूर से रोजा खोलना सुन्नत है। खजूर ईरान, ईराक़, पाकिस्तान, सऊदी अरब, मिस्र और हिन्दुस्तान में गुजरात से आता है।

फ्रूट चाट

आमतौर पर इफ़्तार की फ्रूट चाट में केला, अमरुद, पपीता, सेब, ख़रबूज़ा, अनार, तरबूज़ आदि का इस्तेमाल किया जाता है। इफ़्तार से आधा एक घंटा पूर्व सभी फलों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर ऊपर से चीनी और चाट मसाला डाल दिया जाता है, क्योंकि 15 घंटों के रोज़े के बाद इनसे तरोताज़गी का अहसास होता है और ये ताक़त भी देते हैं।

पकौड़ियां, चने

रमज़ान के दिनों में इफ़्तार के समय के संतुलित आहार हैं पकौड़ियां व चने, जो देश के हर कोने में रोज़ेदार के दस्तरखान पर ज़रूर होते हैं। प्याज, पालक, बैंगन, गोभी, आलू, दाल, न जाने कितने तरह के पकौड़ों का स्वाद एक साथ मिलता है।

मिठाइयाँ

शाही टुकड़े, फिरनी, खीर, हलवा और मीठा पुलाव भी रमज़ान के दिनों में बाज़ारों की शोभा बढ़ाते हैं। सहरी के वक़्त चूँकि हल्का-फुल्का खाने को कहा गया है, इसलिए लोग इन्हीं मीठी चीज़ों से सहरी करते हैं।

मुग़लई मिठाइयाँ

हब्शी हलवा और तरह-तरह के मावे से बनी मुग़लई मिठाइयों की बात ही निराली है। इनका सौभाग्य आपको रमज़ान में मिलेगा। राजधानी दिल्ली, लखनऊ और हैदराबाद की दुकानों में ये सजी मिल जाएंगी।

शरबत

सर्दियों की बात ही छोड़ दें। अब तो अगले 20 साल तक तपिश भरी गरमी में ही रमज़ान का मुबारक़ महीना रहेगा, इसलिए खजूर से रोज़ा खोलने के बाद पानी की जगह लोग तरह-तरह के शरबतों से अपने गले को तर करेंगे

रमजान का पवित्र माह





रमजान इस्लामी महीने का नौवां महीना है। इसका नाम भी इस्लामिक कैलेंडर के नौवें महीने से बना है। यह महीना इस्लाम के सबसे पाक महीनों मैं शुमार किया जाता है। इस्लाम के सभी अनुयाइयों को इस महीने में रोजा, नमा, फितरा आदि करने की सलाह है।

रमजान के महीने को और तीन हिस्सों में बांटा गया है। हर हिस्से में दस- दस दिन आते हैं। हर दस दिन के हिस्से को 'अशरा' कहते हैं जिसका मतलब अरबी मैं 10 है। इस तरह इसी महीने में पूरी कुरान नालि हुई जो इस्लाम की पाक किताब है।

कुरान के दूसरे पारे के आयत नंबर 183 में रोजा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया है। रोजा सिर्फ भूखे, प्यासे रहने का नाम नहीं बल्कि अश्लील या गलत काम से बचना है। इसका मतलब हमें हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों के कामों को नियंत्रण में रखना है।

इस मुबारक महीने में किसी तरह के झगडे़ या गुस्से से ना सिर्फ मना फरमाया गया है बल्कि किसी से गिला शिकवा है तो उससे माफी मांग कर समाज में एकता कायम करने की सलाह दी गई है। इसके साथ एक तय रकम या सामान गरीबों में बांटने की हिदायत है जो समाज के गरीब लोगों के लिए बहुत ही मददगार है।


चांद की तस्दीक के साथ ही रमजान का पवित्र माह दो अगस्त से शुरू हो गया। बरकतों के इस महीने के खत्म होने पर ईदुल फितर का त्योहार मनाया जाएगा। इस पूरे माह मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा, नमाजों, तरावीह, कुरआन की तिलावत की पाबंदी करेंगे।

मुस्लिम आबादियों में रमजान की आमद दिखाई देने लगी है। जहां मस्जिदों में सफाई-पुताई पूरी की जा चुकी है, वहीं हर रात होने वाली तरावीह (विशेष नमाज) के लिए ईमाम साहेबान की नियुक्ति भी की जा चुकी है। मस्जिदों में बिजली, पानी, सफाई के माकूल इंतजाम कर दिए गए हैं। साथ ही कई मस्जिदों के बाहर रोशनी के इंतजाम भी किए गए हैं।

सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी जाएगी। लोगों की सहूलियत के लिहाज से तरावीह का समय अलग-अलग निर्धारित किया गया है। इसके चलते अलग-अलग मस्जिदों में 3, 5, 7, 10, 14 और 27 दिन की तरावीह अदा की जाएगी। तरावीह की नमाज आम दिनों में पढ़ी जाने वाली पांच वक्त की नमाजों से अलग होती है।

बाजारों में सेहरी और अफ्तार की सामग्रियां दिखाई देने लगी हैं। सेहरी और रोजा अफ्तार के लिए कुछ अलग व्यंजन मौजूद रहते हैं। जहां लोग दूध फैनी के साथ सेहरी कर रोजे की शुरुआत करते हैं, वहीं नुक्ती खारे को अपनी अफ्तार के व्यंजनों में शामिल रखते हैं। अफ्तार के लिए अफजल (पवित्र) मानी जाने वाली खजूर की कई वैरायटियां भी दिखाई देने लगी हैं। इसके अलावा मौसमी फलों की बिक्री भी इस दौरान बढ़ जाएगी।

रमजान : खुदा का पाक महीना रमजान का संदेश प्रासंगिक



(रमजान पर विशेष)


खुद को खुदा की राह में समर्पित कर देने का प्रतीक पाक महीना ‘माह-ए-रमजान’ न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का वकफा है बल्कि समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। मौजूदा हालात में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है।

इस पाक महीने में अल्लाह अपने बंदों पर रहमतों का खजाना लुटाता है और भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करने वालों के गुनाह माफ हो जाते हैं। इस माह में दोजख (नरक) के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत की राह खुल जाती है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना मोहम्मद उमेर अल सिद्दीक ने बताया कि रोजा अच्छी जिंदगी जीने का प्रशिक्षण है जिसमें इबादत कर खुदा की राह पर चलने वाले इंसान का जमीर रोजेदार को एक नेक इंसान के व्यक्तित्व के लिए जरूरी हर बात की तरबियत देता है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की कहानी भूख, प्यास और इंसानी ख्वाहिशों के गिर्द घूमती है और रोजा इन तीनों चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है। रमजान का महीना तमाम इंसानों के दुख-दर्द और भूख-प्यास को समझने का महीना है ताकि रोजेदारों में भले-बुरे को समझने की सलाहियत पैदा हो।


मौलाना ने कहा कि बुराई से घिरी इस दुनिया में रमजान का संदेश और भी प्रासंगिक हो गया है। हर तरफ झूठ, मक्कारी, अश्लीलता और यौनाचार का बोलबाला हो चुका है। ऐसे में मानव जाति को संयम और आत्मनियंत्रण का संदेश देने वाले रोजे का महत्व और भी बढ़ गया है।

मौलाना उमेर ने कहा कि रोजे के दौरान झूठ बोलने, चुगली करने, किसी पर बुरी निगाह डालने, किसी की निंदा करने और हर छोटी से छोटी बुराई से दूर रहना अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि रोजे रखने का असल मकसद महज भूख-प्यास पर नियंत्रण रखना नहीं है बल्कि रोजे की रूह दरअसल आत्म संयम, नियंत्रण, अल्लाह के प्रति अकीदत और सही राह पर चलने के संकल्प और उस पर मुस्तैदी से अमल में बसती है।

फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मौलाना मुहम्मद मुकर्रम ने रमजान के महत्व के बारे में कहा कि अमूमन साल में 11 महीने तक इंसान दुनियादारी के झंझावातों में फँसा रहता है लिहाजा अल्लाह ने रमजान का महीना आदर्श जीवनशैली के लिए तय किया है।

उन्होंने बताया कि रमजान का उद्देश्य साधन सम्पन्न लोगों को भी भूख-प्यास का एहसास कराकर पूरी कौम को अल्लाह के करीब लाकर नेक राह पर डालना है। साथ ही यह महीना इंसान को अपने अंदर झाँकने और खुद का मूल्यांकन कर सुधार करने का मौका भी देता है।

मौलाना ने कहा कि दुनिया के लिए रमजान का महीना इसलिए भी अहम है क्योंकि अल्लाह ने इसी माह में हिदायत की सबसे बड़ी किताब यानी कुरान शरीफ का दुनिया में अवतरण शुरू किया था।

रहमत और बरकत के नजरिए से रमजान के महीने को तीन हिस्सों (अशरों) में बाँटा गया है। इस महीने के पहले 10 दिनों में अल्लाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करता है।

दूसरे अशरे में अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करता है और तीसरा अशरा दोजख की आग से निजात पाने की साधना को समर्पित किया गया है।

कुरान का संदेश

फेसबुक..ब्लोगिग्न सोशल साइटों पर नफरत फेलाने वाले शीघ्र ही कोटा जेल की हवा खायेंगे

देश विदेश में सोशल साईट ..फेसबुक और ब्लोगिग्न पर गंदगी ..अश्लीलता और धर्मों के अपमान के मामले में अब शीघ्र ही कई शरारती लोगों को जेल की हवा खाना पढ़ेगी ...कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमृत कलश इस मामले में सख्त है और उन्होंने ऐसे शरारती लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की ठान ली है ..इस मामले में आई जी कोटा रेंज ने विशेश्त्यों का दल तय्यार कर ऐसी नफरत और अश्लीलता फेलाने वाले फेसबुक..ब्लॉग और दूसरी सोशल साइटों के खातों और उनकी पहचान की जांच शुरू करवा दी है .......फेसबुक ..ब्लॉग और दूसरी सोशल साइटों पर भंडाफोडू ....शंकरानंद ..शंखनाद सहित एक दर्जन साईटों पर अश्लीलता और मुस्लिम धर्म के विरुद्ध नफरत और भडकाऊ बातें फेलाकर वातावरण बिगाड़ने वालों के खिलाफ आज कोटा के शहर काजी अनवार अहमद ....जिला वक्फ कमेटी के सदर अज़ीज़ अंसारी .नायाब सदर और विधि सलाहकार अख्तर खान अकेला ..अंजुमन सदर कोमरेड गफ्फार ..जमात इस्लामी के गुलशेर अहमद ..साइबर विशेषग्य इंजीनियर खलील इंजीनियर ने आज आई जी को सभी तथ्यों से अवगत कराकर दोषी लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की थी ..इस मामले में प्रधानमन्त्री और राष्ट्रपति को भी जिला कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है ....आई जी कोटा रेंज ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए जो कार्यवाही की है उससे तो स्पष्ट है के अब कई दर्जन लोग जो किसी भी धर्म का अपमान कर रहे है या फर्जी आई डी बना कर अश्लीलता परोस कर यह सोच रहे है के हमे कोई नहीं पकड़ सकता तो जल्दी ही ऐसे लोग कोटा की जेल में होंगे .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भारत पाक की सरहदें जहाँ नफरत अविश्वास का रिश्ता है वहां इंजीनियर फमिमुद्दीन और आँखों के डोक्टर सुरेश पण्डे ने अमन की रौशनी जगमगा दी है

दोस्तों कहते है के सरहदों के पर दुश्मनी हो या प्यर अपनापन हो या अत्याचार लेकिन जब इंसानियत अपनी अंगडाई लेती है तो दो देशों दो दिलों की दुरी सिमट कर रह जाती है और फिर पैदा होती है अमन की रौशनी ..जी हाँ अंधों को नई आँखों की रौशनी और खराब आँखों में नई रौशनी पैदा करने वाले चमत्कारिक डोक्टर सुरेश पांडे और डोक्टर विदुषी शर्मा पण्डे ने इस चमत्कार को सही साबित कर दिखाया है ..सरहदों के पार दुश्मन देश कहे जाने वाले पाकिस्तान में एक कम्प्यूटर इंजिनियर फहीमुद्दीन जिनकी आँखों में परेशानी थी और वोह अपनी आँखों का इलाज ऐसे चिकित्सालय में करवाना चाहते थे जहाँ उन्हें प्यार भी मिले और उनकी आँखों की रौशनी भी सही सलामत वापस आ जाए ..यकीन मानिये करांची पाकिस्तान में रह रहे इन इंजिनियर फहीमुद्दीन भाई ने देश भर के नेत्र रोग विशेषज्ञों के बारे में जानकारी ली लेकिन जब कोटा में डॉक्टर सुरेश पांडे द्वारा संचालित सुवि नेत्र चिकित्सालय जो सी १३ तलवंडी कोटा में स्थित है इस चिकित्सालय में डोक्टर सुरेश पांडे की विशेषज्ञता की यु ट्यूब देख कर इन इंजिनियर साहब को अमन की रौशनी का पैगाम देने के लियें इन्हें कोटा खेंच लाया और कोटा के इस चिकित्सालय में इन्होने अपनी आँखों का ओपरेशन कराया ..डॉक्टर पांडे और डोक्टर विदुषी के साथ सरहद के पर कोसों दूर करांची में रहने वाले इस इंजिनियर ने यह साबित कर दिया है के दो देशों के बीच जहाँ नफरत और अविश्वास का माहोल बनाया जाता है वहां इन देशों के बीच आज भी मानवता का अमन का प्यार का रिश्ता कायम है और अमन की रौशनी दोनों देशों में फेलाने वाले इन दोनों इंजिनियर डॉक्टर्स को मेरा सलाम ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Dr Suresh Pandey, Kota, India

मेरे ब्लॉग

मेरे बारे में

लिंग पुरुष
व्यवसाय Eye Surgeon
स्थान Kota, Rajasthan, भारत
परिचय Dr Suresh K Pandey- A medical graduate of Rani Durgawati University, Medical College, Jabalpur, M.P., India; Dr. Pandey completed his residency in Ophthalmology from prestigious PGIMER, Chandigarh, India. He worked in University of Utah, USA & University of Sydney, Australia from 1998 to 2006. Dr. Pandey returned to India in 2006 to establish SuVi Eye Institute and Research Cente at Kota, Rajasthan, India (www.suvieye.com). In 2005, Dr. Pandey was invited to demonstrate Live Surgery at international meeting at Milan, Italy. Dr. Pandey received several prestigious awards for his research & surgical innovations, which include Best-of-Show Video Award, Best Poster Award, Best-Paper-of-the-Session Award for the surgical videos, scientific posters and papers in the national and international ophthalmology congresses. Most recently, Dr. Pandey has been selected for Achievement Award by the American Academy of Ophthalmology. Dr. Pandey can be reached at Suvi Eye Institute and Research Center, C 13 Talwandi, Kota, Rajasthan, India; E-mail- suvieye@gmail.com, www.suvieye.com

अब महिलाओं पर भी चलेगा रेप का मुकदमा!


नई दिल्ली.सरकार अब बलात्कार से जुड़े कानून में बड़े फेरबदल पर विचार कर रही है। केंद्रीय कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में रेप के मामलों में लड़कियों को भी दोषी ठहराए जाने का कानूनी प्रावधान रखने की बात कही गई है। सरकार रेप की परिभाषा में बदलाव कर सकती है।

अब तक रेप की कानूनी परिभाषा में इसे 'फोर्सिबल पेनेट्रेशन' बताया गया है। लेकिन प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक फोर्सिबल पेनेट्रेशन की जगह इसे 'सेक्सुअल असॉल्ट' माना जा सकता है। इस तरह से यह कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ लागू नहीं होगा।

सिफारिश के मुताबिक रेप का कानून सिर्फ पुरुषों के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात नहीं करेगा, बल्कि इसमें महिला के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने की बात भी शामिल की जाएगी।

एक अन्य प्रस्ताव में पीछा करने और तेजाब से हमला करने को निश्चित अपराध की श्रेणी में रखे जाने और सज़ा को कड़ा करने की बात कही गई है। देश में लड़कियों के ऊपर लगातार बढ़ रही तेजाब फेंकने की घटनाओं को देखते हुए यह प्रस्ताव अहम माना जा रहा है।

'मैं तैयार, अब सोनिया-मनमोहन लें फैसला'

नई दिल्ली. बहुत जल्द कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी अपनी पार्टी के संगठन या यूपीए-2 सरकार में बड़ी भूमिका निभाते दिखेंगे। समाचार चैनल एनडीटीवी के मुताबिक राहुल ने कहा है कि वे पार्टी और सरकार में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और इस पर फैसला लिया जा चुका है। लेकिन यह कब होगा, इस पर अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को लेना है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा था कि राहुल गांधी किस तरह की भूमिका निभाना चाहते हैं, इसका फैसला उन्हें खुद लेना है। गौरतलब है कि पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सितंबर से राहुल गांधी पार्टी संगठन या सरकार में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा था कि इसके लिए खाका भी तैयार हो चुका है।

गौरतलब है कि अब तक राहुल गांधी यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई जैसे कांग्रेस से जुड़े संगठनों के कामकाज में ज़्यादा दिलचस्पी लेते रहे हैं। कांग्रेस के मुख्य संगठन में उन्होंने अभी तक कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं ली है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के नेता और सरकार के मंत्री राहुल के सरकार या संगठन में ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाने की मांग करते रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा था कि उन्हें इस बात का इंतजार है कि राहुल गांधी ज़्यादा सक्रिय और बड़ी भूमिका निभाएं। इसके अलावा विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और खुद प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह राहुल गांधी को कैबिनेट में शामिल होने के लिए कह चुके हैं।

रामदेव ने पूछा- राहुल, सोनिया पर पत्‍थर पड़ने लगें तो क्‍या होगा?


भोपाल। बाबा रामदेव के काफिले पर पथराव हुआ है। उन्‍होंने इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिम्‍मेदार ठहराया है। इससे पहले उन्‍होंने यहां कॉलेज के बच्चों को अपनी महत्‍ता समझाते हुए कहा कि यदि वे उनकी बात नहीं मानेंगे तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे फिसड्डी हो जाएंगे।

बाबा रामदेव ने दिग्विजय सिंह को नसीहत दी थी कि वे अपने बयानों से खुद का नुकसान कर रहे हैं। उनका राजनीतिक करियर खतरे में हैं। यही नहीं बाबा ने यहां तक कह डाला था कि उनकी इन्हीं आदतों से उनके परिजन बीमारियों से घिरे हैं। इस बयान के बाद पिछले दो दिनों से बाबा के खिलाफ कांग्रेसियों में गुस्सा फूटा हुआ है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके पतंजलि केंद्रों पर तोडफ़ोड़ भी की थी।

गुरुवार को यहां जब उनकी कार पर पथराव किया गया। तो उस बयान के बारे में बाबा ने कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को गुंडागर्दी कर रही है। साथ ही, यह भी कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर कोई पत्थर मारने लगे, तब तो देश में अराजक स्थिति हो जाएगी। इसके साथ ही रामदेव ने यह भी कह दिया कि यदि उनके कार्यकर्ता देश में सड़कों पर उतर आए, तब क्या होगा?

गुरुवार को बाबा रामदेव को 'भेल' के संस्कृति भवन में सभा करनी थी, लेकिन भेल प्रबंधन ने उन्हें अनुमति नहीं दी। प्रबंधन ने संस्‍कृति भवन के पास से उनके पोस्टर तक हटवा दिए। आनन-फानन में रामदेव को अपना कार्यक्रम स्थल बदलना पड़ा।
वह एयरपोर्ट से सीधे सागर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी पहुंचे। वहां छात्रों से कहा, 'आप लोगों को मेरी तरह योग करना चाहिए। यदि आप लोग मेरी बात नहीं मानोगे, तो देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे फिसड्डी हो जाओगे।'
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी बाबा रामदेव ने नसीहत दी। उनका कहना था कि दिग्विजय सिंह अपनी बयानबाजियों से अपना राजनीतिक नुकसान कर रहे हैं।
बाबा रामदेव 9 अगस्त को दिल्ली में भ्रष्टाचार के विरोध में एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इसी सिलसिले में वह जगह-जगह सभाएं कर रहे हैं।
हाल में भोपाल में आयकर विभाग ने भाजपा से जुड़े दो बड़े बिजनेसमैन दिलीप सूर्यवंशी और सुधीर शर्मा के यहां छापा मारा था। पिछले दिनों कांग्रेस ने एक फोटो जारी किया था, जिसमें बाबा रामदेव इन दोनों के संग मौजूद दिखाए गए थे। इस मामले में जब रामदेव से पूछा गया तो उन्‍होंने कोई साफ जवाब नहीं दिया।
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