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24 जुलाई 2012

कर्मचारियों खासकर महिला कर्मचारियों को शोषण उत्पीडन से मुक्ति दिलाने के प्रयासों में जुटे हैं बहन हंसा त्यागी


दोस्तों आप है बहन हंसा जी ..हमेशा हंसते रहता और मुस्कुरा कर समाज सेवा करना इनका अपना स्वभाव है ...राजस्थान में कोटा कलेक्ट्री में आप वरिष्ठ लिपिक है लेकिन राजस्थान कर्मचारी संघ की प्रदेश पदाधिकारी होने के नाते आप राजस्थान के कर्मचारियों में तो लोकप्रिय हैं ही सही ..लेकिन समाज सेवा कार्यों में सक्रिय रहने से हंसा जी कोटा और राजस्थान की विभिन्न संस्थाओं से जुडी हुई है ..अभी हंसा जी का ध्यान कर्मचारियों की समस्याओं पर है ..किसी भी कर्मचारी की समस्या पर उसे न्याय दिलाने के लियें अगर सबसे पहली किसी की आवाज़ आती है तो वोह होती है बहन हंसा जी की ...हमेशा मुस्कुराते रहना ..मुस्कुरा कर बढ़ी से बढ़ी समस्या से जूझना इनका अपना स्वभाव है और इसी लियें हंसा जी आज कोटा की लोकप्रिय कर्मचारी नेताओं में गिनी जाने लगी है ...........इनके नेतृत्व में कोटा में कार्यरत महिला कर्मचारी खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी है ....बहन हंसा को कोटा में महिला उत्पीडन और पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लियें अभी बहुत कुछ करना है इसके लियें यह गेर राजनितिक तरीके से कार्य योजना तय्यार कर कुछ बहतर करने के प्रयासों में जुट गयी है .....कोटा में कर्मचारियों को और खासकर महिला कर्मचारियों को शोषण उत्पीडन से मुक्ति मिले ऐसा हंसा जी का सपना है और खुदा इनकी महनत और लगन से किये जा रहे कार्यों के कारण इनका सपना जल्दी पूरा करे ऐसी सभी की दुआ है और इनके सेवाभावी जज्बे को सलाम ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कैदी ने मोबाइल के दम रच डाला यह कारनामा, जेलर साहब की पोल खुली

जोधपुर.सेंट्रल जेल से मोबाइल फोन के सहारे गिरोह संचालित करने का मंगलवार को एक और मामला सामने आया है। जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी ने मोबाइल फोन पर एक अन्य बंदी के रिश्तेदारों को धमकी देते हुए वसूली कर डाली। इसमें जेलर की मिलीभगत मानी जा रही है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार को इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए जेलर मुकेश त्यागी सहित तीन जनों को गिरफ्तार किया है।


आरोपियों के पास से 5 हजार नकद, शराब की बोतल, सिगरेट, बीड़ी व गुटखे के पैकेट सहित घरेलू सामान बरामद किया गया है। एसीबी ने आरोपी के पास से मोबाइल सिम भी बरामद की है। एसीबी जोधपुर चौकी के उप अधीक्षक नरपतसिंह चौहान ने बताया कि बृज बावड़ी निवासी सुरेंद्र सिंह देवड़ा ने ब्यूरो की चौकी में परिवाद पेश किया था। इसमें बताया गया कि गत 19 जुलाई को उसके बड़े भाई ओमप्रकाश के मोबाइल फोन पर कॉल आया। फोन करने वाले ने अपना नाम इमरान बताते हुए उसके मोबाइल नंबर लिए।


अगले दिन 20 जुलाई को इमरान ने सुरेंद्र को कॉल कर कहा कि अपहरण के मामले में जेल में न्यायिक अभिरक्षा में बंद उसके साले अमृतलाल गहलोत को मारने की एक लाख रुपए की सुपारी कांतिलाल ने दी है, लेकिन जेलर उसके परिचित हैं और वे गहलोत का ध्यान रखेंगे। इसके बदले इमरान ने सुरेंद्र को उसके दो बैंक खातों में 20 तथा 30 हजार रुपए जमा करवाने और शराब की बोतल व कुछ घरेलू सामान जेल भेजने को कहा।

एमजीएच से धरे गए आरोपी :

जेल से रविवार को इमरान का दुबारा फोन आया। उसने सुरेंद्र को कहा कि वहां झगड़ा हो गया है, इसलिए सामान व पैसे मंगलवार को लेकर आए। उसने मंगलवार को फिर फोन कर सिंधी मुसलमान कॉलोनी निवासी वाजिद को यह सामान देने को कहा। वाजिद ने सुरेंद्र को कॉल किया और जालोरी गेट पर एक नमकीन की दुकान के पास बुलाया।

सुरेंद्र जालोरी गेट पहुंचा तो उसे पावटा बुलाया। पावटा पहुंचने पर उसे एमजीएच आने को कहा। सुरेंद्र एमजीएच में सहकारी बाजार दवा की दुकान के पास पहुंचा। वहां उसने वाजिद को सामान व पैसे दे दिए, लेकिन पहले से जाल बिछाए बैठी एसीबी की टीम ने वाजिद सहित पांच आरोपियों को पकड़ लिया।

भाई के साथ मिल महिला वकील ने की धोखाधड़ी

कोटा.नयापुरा पुलिस ने भीमगंजमंडी स्थित एक मकान की फर्जी लीज डीड (हक त्याग करना) बनाने के आरोप में महिला एडिशनल पीपी व उनके वैज्ञानिक अधिकारी भाई को सोमवार रात को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 26 जुलाई तक रिमांड पर सौंप दिया है। फरियादी सतविंदर सिंह ने इस मकान को बैंक की नीलामी में खरीदा था।

एसआई अनीस अहमद ने बताया कि गुरुद्वारा मेन रोड कोटा जंक्शन निवासी सतविंदर सिंह पुत्र प्रतापसिंह ने 4 फरवरी 2012 को कोर्ट में इस्तगासा पेश कर आरोप लगाया था कि महिला वकील एडीजे 5 में एडिशनल पीपी विभा प्रधान व उनके भाई प्रदूषण नियंत्रण मंडल बोर्ड में कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी राजेंद्र मोहन प्रधान व अन्य ने षड्यंत्र रचकर फर्जी तरीके से मकान की लीज डीड तैयार कर ली। पुलिस ने इस्तगासे पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

इसमें फरियादी एवं गवाहों के बयान दर्ज किए। पुलिस ने इस मामले में दस्तावेज बरामद किए, जिससे पता चला कि राजेंद्र ने बहन विभा के नाम की गई लीज डीड फर्जी है। पुलिस ने लिप्तता पाए जाने पर आरोपी विभा प्रधान एवं राजेंद्र मोहन प्रधान को सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया।

मां ने वसीयत में दिया था मकान

एसआई अनीस ने बताया कि 20 साल पहले आरोपियों की मां बृजदेवी ने वसीयत कर भीमगंजमंडी मेन रोड पर स्थित मकान का दोनों को आधा-आधा हिस्सा दिया था। राजेंद्र ने 2003 में जी मनी कंपनी से 3 लाख का लोन लिया। लोन लेने से पहले ही बहन विभा ने अपने आधे हिस्से को राजेंद्र के नाम कर दिया और उसके बाद ही 17 जनवरी 2003 में ही भाई ने भी अपना आधा हिस्सा बहन के नाम करने की दूसरी रिलीज डीड तैयार कर दी।

पहली डीड रजिस्ट्रार के यहां से सही तरीके से बनवाई गई थी। दूसरी उन्होंने रजिस्ट्रार की फर्जी मुहर व हस्ताक्षर कर तैयार की। राजेंद्र ने बैंक का लोन नहीं चुकाया और कोर्ट ने उसकी कुर्की के आदेश दे दिए। सतविंदर सिंह ने बैंक की नीलामी में 50 लाख का मकान केवल 7.50 लाख रुपए में खरीदा। इसी दौरान विभा ने भी पूरे मकान को अपना बताते हुए फर्जी कागजों के आधार पर कुलविंदर सिंह को इसे बेच दिया। इसके बाद ही मामले का खुलासा हुआ।

महिला को नंगा कर पीटने के अलावा कुछ और भी करना चाहते थे लोग!


उदयपुर.राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि निर्वस्त्र की गई महिला के गांव वाले नाक काटना चाहते थे और गधे पर बैठाकर गांव में घुमाना चाहते थे, लेकिन पुलिस के पहुंचने के बाद वे ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि इस कृत्य में महिलाएं भी शामिल थीं।

ममता शर्मा मंगलवार सुबह 7 बजे अपनी टीम के साथ उदयपुर पहुंची थीं। उन्होंने पीड़िता से मुलाकात की। उनके साथ आयोग की सदस्य एवं प्रोफेसर विजयलक्ष्मी चौहान, लता चौधरी भी थीं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में आयोग ने शेष आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने, फास्ट ट्रैक में मामला रखकर शीघ्र निस्तारण करवाने और पीड़िता के पुनर्वास के प्रबंध करने की अनुशंसा की है।

सराड़ा में क्या पेड़ों से बातें करते :

ममता शर्मा ने घटनास्थल सराड़ा के कोलार गांव नहीं गईं। उन्होंने कहा-वहां जाने का कोई औचित्य ही नहीं है। घटना हो चुकी है, अब वहां जाकर पेड़ों से तो बातें करने से रहे।

मीडियाकर्मियों द्वारा मुलाकात के स्थान के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कुछ बातें गुप्त रखी जाती हैं। दुबारा पूछने पर उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट और सर्किट हाउस के बीच किसी स्थान पर पीड़िता से मिले। उन्होंने कहा कि मामले में धारा 120बी जोड़ने व सीआरपीसी की धारा 357 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश भी की गई। पीड़िता को घटना से हुए मानसिक आघात से उभरने के लिए मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ से परामर्श दिलाया जाए।

महिलाओं को घर छोड़ने की जिम्मेदारी प्रबंधन की : ममता शर्मा

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने कहा कि गैर सरकारी क्षेत्रों में महिलाएं यदि देर तक काम करती हैं तो उसे सुरक्षित घर छुड़वाने की जिम्मेदारी नियोक्ता, कंपनी या प्रबंधन की होगी। महिला के घर जाने के बीच कोई अव्यवहार या दुर्घटना होती है तो इसके लिए कंपनी प्रबंधन को ही जिम्मेदार माना जाएगा। गुड़गांव में कुछ कंपनियों ने इसकी शुरुआत कर दी है। इसे सारे देश में लागू किया जाएगा।

फैसले के लिए गांव बुलाया था : पीड़िता

पीड़िता ने आयोग को बताया कि उसकी शादी को साढ़े 3 साल हो चुके हैं। उसके एक लड़की है, जो उसके दादा-दादी के पास रहती है। पीड़िता ने बताया कि व किसी और को चाहती है यह बात पति को भी पता थी। पिछले 15 दिनों से वह प्रेमी के साथ सुमेरपुर में थी। पति व अन्य ने फैसला कराने के बहाने उन्हें गांव में बुलाकर यह घटना की। आयोग के सुरक्षा की पेशकश करने पर पीड़िता ने इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह अपने भाई के पास सुरक्षित है।

सांसद, विधायक ने भी पूछी कुशलक्षेम

उदयपुर सांसद रघुवीर सिंह मीणा तथा सलूंबर विधायक बसंती देवी मीणा भी मंगलवार को पीड़िता से मिले तथा उसकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने घटना को शर्मनाक बताया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

पति दो दिन के रिमांड पर, शेष को जेल

महिला को निर्वस्त्र करने के मामले में गिरफ्तार पति हामजी मीणा को अदालत ने दो दिन रिमांड पर रखने का आदेश दिया है। शेष 7 आरोपियों पाल सराड़ा के उपसरपंच नंदलाल मीणा, गौतम मीणा, बाबू मीणा, वेलचंद मीणा, लक्ष्मण मीणा, रामलाल मीणा, मावजी मीणा को जेल भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, बाघों के इलाके में न जाएं पर्यटक

नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने बाघ संरक्षित क्षेत्र में पर्यटन पर रोक लगा दी है। हालांकि, यह रोक अभी अंतरिम आदेश के तौर पर है। प्रतिबंध सिर्फ ‘कोर जोन’ के लिए ही है। मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्यों को बाघ अभयारण्यों के आसपास बफर जोन तय करने के लिए आखिरी मोहलत दी। तीन हफ्ते के भीतर आदेश तामील नहीं हुआ तो राज्यों पर अवमानना का केस चलेगा।

साथ ही वन विभाग के प्रमुख सचिव पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने पिछला आदेश नहीं मानने के लिए आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया। झारखंड और अरुणाचल प्रदेश के वकील ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह इस बार समय पर काम पूरा कर लेंगे।

जस्टिस स्वतंत्र कुमार और इब्राहीम कलीफुल्ला की बेंच पर्यावरणविद अजय दुबे की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने 4 अप्रैल और 10 जुलाई को भी राज्यों से बफर जोन का इलाका तय करने के निर्देश दिए थे।

अजय दुबे का आरोप है कि कई राज्य टाइगर रिजर्व के भीतर होटल, लॉज और पर्यटन परियोजनाओं को मंजूरी दे रहे हैं। इससे वन्य जीवों को जिंदगी खतरे में है।

केंद्र ने किया फैसले का स्वागत

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि वह मंत्रालय की ओर से भी राज्यों को फौरन कार्रवाई करने को कहेंगी।

4 अप्रैल को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र को तीन माह में बफर जोन अधिसूचित करने को कहा था।

10 जुलाई को सख्ती

राजस्थान ने बफर जोन अधिसूचित करने की सूचना दी। कोर्ट ने बाकी राज्यों को दो हफ्ते का और वक्त दिया। लेकिन चेतावनी के साथ।

क्यों दिया आदेश

वन्य जीव अधिनियम-1972 के तहत सभी राज्यों को टाइगर रिजर्व का कोर जोन और बफर जोन तय कर इसकी अधिसूचना जारी करना अनिवार्य है।

क्या है कोर जोन और बफर जोन

कोर जोन टाइगर रिजर्व का वह इलाका जिसमें बाघ घूमता-फिरता और शिकार करता है। बफर जोन इसके इर्द-गिर्द का वह इलाका है, जिसमें बाघों के भोजन में इस्तेमाल होने वाले जानवर रहते हैं। कोर जोन के बाहर करीब 10 किमी तक का क्षेत्र बफर जोन हो सकता है। इसमें लोग आ-जा सकते हैं।


राजस्थान : दोनों टाइगर रिजर्व के कोर जोन में पर्यटन

रणथंभौर अभयारण्य

1.5 लाख पर्यटक आए 2011-2012 में। यहां 27 बाघ-बाघिन व 23 शावक हैं। रणथंभौर के कोर जोन में आरटीडीसी का होटल झूमर बावड़ी है।

कहां-कहां कोर जोन में पर्यटन

राजबाग, जोगीमहल, पदमतालाब, लकड़दा, कचीदा और मलिक तालाब में।

अनुमति 22 होटलों की, चल रहे हैं 42

सरकार ने इको सेंसेटिव जोन में सिर्फ 22 होटलों की अनुमति दी है, लेकिन यहां 42 होटल चल रहे हैं। जिन होटलों को अनुमति दी गई थी, उन्हें और निर्माण नहीं करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने कमरे और क्षेत्र बढ़ा लिया है।

40 गाड़ियों की अनुमति, दौड़ती हैं 80 तक

दिसंबर-जनवरी के सीजन में कोर जोन में पर्यटन के लिए सिर्फ 40 गाड़ियों की अनुमति दी गई है, लेकिन 80 गाड़ियां तक सीजन में दौड़ती हैं। इनमें वे गाड़ियां भी हैं, जो वीआईपी और नेताओं को लेकर पार्क जाती हैं।

होटल मालिकों को ही बना दिया है ऑनरी वार्डन

सरकार ने होटल मालिकों को ही ऑनरी वार्डन बना दिया है। इसका मकसद था कि कोर क्षेत्र में पर्यटन बंद हो, लेकिन ये खुद पर्यटकों को पार्क में घुमा रहे हैं।

बाघों से 40 करोड़ की कमाई

सरकार व होटल मालिक बाघों से 40 करोड़ रु. सालाना कमा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या पार्क और बाघ सिर्फ होटल संचालकों के कारोबार का जरिया बन गए हैं?

सरिस्का

यहां 3 बाघिन व 2 बाघ हैं। पूरा 886 किमी का इलाका कोर जोन है। इसमें आरटीडीसी का होटल टाइगर डेन और एक निजी होटल सरिस्का पैलेस हैं। 2011-2012 में यहां34,403 पर्यटक आए। इनसे 82.30लाख रु. आय हुई।

मंत्री को कुछ पता नहीं

राज्य की वन एवं पर्यटन मंत्री बीना काक को यह पता ही नहीं है कि कोर व बफर जोन में होटल है या नहीं। उन्होंने कहा कि बफर जोन की स्थिति के बारे में नक्शे पर ही समझा सकती हूं। काक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ूंगी, उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगी।


सरकार को बदलनी चाहिए नीति

'रणथंभौर और सरिस्का अभयारण्य में पर्यटन कोर जोन में ही हो रहा है, जो चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य सरकार को अब अपनी नीतियां बदलनी चाहिए। क्योंकि पार्क बाघों के लिए हैं, न कि होटल मालिकों की कमाई के लिए।'

-आरएन मेहरोत्रा, पूर्व प्रधान मुख्य संरक्षक

मुकंदरा हिल्स नहीं बन पाया टाइगर रिजर्व

इसे टाइगर रिजर्व बनाना प्रस्तावित है। 30 माह पहले रणथंभौर से भागकर आई बाघिन टी-35 यहां अपनी टेरिटरी बना चुकी है। यहां कोर जोन व बफर जोन भी निर्धारित नहीं हैं। हालांकि इस संबंध में प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं।

कुरान का संदेश


आमिर का 'सत्यमेव जयते' देखते ही 'मैडम' को आया कुछ याद!

कोटा.सत्यमेव जयते में जल संकट को गंभीर माना तो महापौर को भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की याद आ गई। महापौर डॉ. रत्ना जैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सख्ती से लागू करने जा रही है।

महापौर डॉ. जैन ने कहा कि जल संकट की स्थिति को देखते हुए अब आवश्यक हो गया कि कोटा में नागरिकों को जल के संरक्षण के प्रति गंभीर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि रविवार को प्रसारित सत्यमेव जयते की कड़ी में जल संकट के मसले को काफी गंभीरता से प्रस्तुत किया गया है।

कोटा में चंबल में अथाह जल की उपलब्धता के कारण लोग जल संरक्षण के प्रति सजग नहीं है। वर्तमान में जो स्थिति है वह लंबे समय तक नहीं रहने वाली है। बिल्डिंग बायलॉज में वर्षा जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग के प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा निगम जल्द ही वेस्ट वाटर रिसाइकलिंग के संबंध में बोर्ड की बैठक में बायलॉज बनाने वाला है।

इन दोनों प्रावधानों की मदद से पानी बचाने की दिशा में काम किया जाएगा और फिर सख्ती से पालन करवाया जाएगा। निगम यह भी जांच करेगा कि जिन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा होना बताया है वहां लगा हुआ है या नहीं।

असम हिंसा में 25 मरे, राजधानी एक्‍सप्रेस बनी निशाना

कोकराझार (असम). असम में बोडो एवं अल्पसंख्यक प्रवासियों के बीच संघर्ष जारी है। पुलिस की गोलीबारी में आज चार और लोगों की मौत के साथ इस हिंसा में मरने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है। हिंसा राज्‍य के 11 जिलों के करीब 500 गांवों में फैल गई है। करीब 60 हजार लोग घर छोड़ कर भाग गए हैं (। वे शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं।

कोकराझार में सोमवार को दो शव बरामद किए गए। जिले में बेमियादी कर्फ्यू लगाया गया है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया गया है। बीटीएडी के आईजीपी एसएन सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'राज्य में सोमवार को हिंसा की कई घटनाएं हुईं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला कोकराझार है। यहां कर्फ्यू लगाया गया है। उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है।'
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