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30 जुलाई 2012

बहन से राखी बंधवाने से भाई को होते हैं ये 3 फायदे?


बहन द्वारा राखी बांधने के बाद भाई की आरती के लिए जलाए गया दीपक अग्नि व सूर्यदेव का स्वरूप माना जाता है। इसमें अग्रि तत्व सक्रिय होता है। यह देवीय ऊर्जा का भण्डार होता है। बहन जब भाई की आरती करती है तो दीपक से निकलने वाली ऊर्जा भाई को स्वस्थ और दीर्घायु बनाने वाली होती है।



हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन (2 अगस्त) का त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह व भावनाओं के बंधन को मजूबत रखने वाला माना गया है। इस शुभ परंपरा के धार्मिक महत्व के साथ ही बहन द्वारा कलाइयों पर राखी बांधना भाइयों को देवीय व आध्यात्मिक शक्तियां देने वाला भी माना गया है। ये शक्तियां शरीर और जीवन के लिए मंगलकारी सिद्ध होती हैं। तस्वीरों के साथ जानिए बहन से राखी बंधवाने से भाइयों पर 3 तरह से होने वाले देवीय शक्तियों का प्रभाव

धार्मिक मान्यता है कि सावन की पूर्णिमा पर श्री गणेश और माता सरस्वती पृथ्वीलोक में आते हैं। इसलिए रक्षाबंधन के दिन जब भाई-बहन एक-दूसरे की रक्षा और सुख की कामना करते हैं तो उनको श्री गणेश और माता सरस्वती से सफलता और सुख का आशीर्वाद मिलता है।

क्तुब मीनार से भी बढ़ी मीनार




रायपुर. छत्तीसगढ़ के महान समाज सुधारक और सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास की जन्म भूमि और तपोभूमि गिरौदपुरी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप कुतुबमीनार से भी लगभग पांच मीटर ऊंचे जैतखाम का निर्माण तेजी से पूर्णता की ओर है।
लगभग 52 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे इस जैतखाम की ऊंचाई 77 मीटर रखी गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसके निर्माण में पिछले वित्तीय वर्ष 2011-12 में दिसम्बर 2011 तक 39 करोड़ 25 लाख रूपए खर्च किए जा चुके हैं। गिरौदपुरी धाम में 77 मीटर ऊंचा जैतखाम 51.43 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
इस विशाल जैतखाम की असाधारण ऊंचाई को ध्यान में रखते हुए उसकी डिजाइन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) रूड़की के तकनीकी विशेषज्ञों से अनुमोदित कराई गयी है। यह जैतखाम वायुदाब तथा भूकम्परोधी होगा। इसमें अग्नि तथा आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए भी उच्च स्तरीय तकनीकी प्रावधान किए जा रहे हैं। इस विशाल जैतखाम की बुनियाद 60 मीटर व्यास की है और इसके आधार तल पर दो हजार श्रध्दालुओं के बैठने की व्यवस्था के साथ एक विशाल सभागृह का निर्माण किया गया है।
पहली मंजिल से आखिरी मंजिल तक इसमें सात बाल्कनियों का भी निर्माण किया गया है, जिनमें प्रवेश करने वाले लोग आस-पास के सुंदर प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन कर सकेंगे और सबसे ऊंची मंजिल तक बढ़ते हुए कुछ देर के लिए विश्राम भी कर सकेंगे।
सबसे उपर की बाल्कनी में लगभग दो सौ श्रध्दालुओं के एक साथ खड़े होने की जगह बनाकर पूजा-अर्चना की सुविधा भी विकसित की गई है। विशाल जैतखाम में नीचे-ऊपर आने-जाने के लिए अलग स्पायरल सीढ़ियों का निर्माण भी किया जा रहा है, ताकि गिरौदपुरी में आयोजित होने वाले गुरू दर्शन मेले सहित अन्य आयोजनों के दौरान श्रध्दालुओं को अलग-अलग सुव्यवस्थित मार्ग मिल सके। इसके अलावा जैतखाम में वृध्दजनों, नि:शक्तजनों, बच्चों और महिलाओं की सुविधाओं के लिए दो कैप्सूल लिफ्ट का भी निर्माण किया जा रहा है।
देश की अपनी तरह की पहली इमारत
पीडब्लूडी मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि गिरौदपुरी का जैतखाम आजादी के बाद बनी देश की अपनी तरह की पहली इमारत है। इसकी ऊंचाई कुतुबमीनार से भी 12 मीटर अधिक है। विश्व के किसी भी विशेषज्ञ से इसकी गुणवत्ता की जांच करवाई जा सकती है। यह भूकंप और हवा रोधी है। लोहे की छड़ों को चढ़ाने की वजह से निशान पड़ गए हैं दरारें नहीं हैं। क्वालिटी में कहीं समझौता नहीं किया जा रहा। कोलकाता का सिंप्लेक्स इंफ्र्रास्ट्रक्र लिमिटेड 10 दिसंबर 2007 से इसका निर्माण कर रहा है।
राजधानी से करीब 145 किलोमीटर दूर गिरौदपुरी में है भव्य जैतखाम। कसडोल से होते हुए गिरौदपुरी जाया जा सकता है। यह स्थान सतनामी समाज के धर्म गुरु बाबा गुरु घासीदास की जन्म स्थली है। मुख्य स्ट्रक्चर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। फिनिशिंग का काम पूरी रफ्तार से चल रहा है।
मीनार की छत पर बने जैतखाम तक पहुंचने के लिए दो गोलाकार सीढिय़ों का निर्माण पूरा। सीढिय़ां दो, लेकिन लगती एक ही हैं, खुली आंखों से समझना मुश्किल, रात में दूधिया रोशनी से नहाई इमारत की चमक दूर से ही दिख जाती है दो लिफ्ट भी लगाई जा रही हैं। इसके लिए टेंडर का काम पूरा हो चुका है।
दिल्ली की कुतुब मीनार से भी ज्यादा ऊंची इसकी मीनार कई किलोमीटर दूर कसडोल से ही दिखने लगती है। सफेद रंग की मीनार, उसके मुख्य भवन और जैतखंभ का आर्किटेक्चर इतना शानदार है कि आंखें ठिठक जाती हैं। दिन ढलते ही दूधिया रोशनी में इस मीनार की भव्यता देखते ही बनती है। जैतखंभ के मुख्य स्ट्रक्चर का निर्माण पूरा हो चुका है।
एक ही स्थान पर दो सीढिय़ां
गिरौदपुरी का जैतखाम आर्किटेक्चर का बेजोड़ नमूना है। इसकी सुंदरता देखते ही बनती है। जैतखंभ की छत पर जाने के लिए दो तरफ से प्रवेश द्वार और सीढिय़ां बनाई गई हैं। दोनों तरफ 435-435 सीढिय़ां हैं। दोनों सीढिय़ां इस तरह से बनाई गई हैं कि अलग-अलग चलने पर भी ऐसा आभास होता है कि लोग एक साथ चल रहे हों। दोनों सीढिय़ां एक-दूसरे के ऊपर दिखाई देती हैं। दूसरी तरफ चलने वाले लोगों को लगता है कि पास चल रहे लोगों के साथ मिला जा सकता है, लेकिन सीढिय़ां जहां छत पर खत्म होती हैं। लोगों का मिलन वहीं संभव है।
इस तरह की डिजाइन जयपुर के जंतर-मंतर और लखनऊ की भूल-भूलैया में भी इस्तेमाल की गई हैं। राजधानी में पहली बार इस तरह के आर्किटेक्चर का नमूना लोग अपनी आंखों से देख सकेंगे। गिरौदपुरी की छत पर जाने के लिए दो लिफ्ट भी लगने वाली हैं। लिफ्ट लगाने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है। एक महीने में दो लिफ्ट लगाने का काम भी पूरा हो जाएगा।
गार्डन का काम भी शुरू
जैतखाम के चारों ओर खूबसूरत गार्डन बनाने का काम भी शुरू हो गया है। जैतखंभ के चारों ओर जंगली झाडिय़ों को साफ कर वहां मिट्टी फैलाई जा रही है। साइट इंजीनियरों के अनुसार गार्डन को देशी-विदेशी फूलों से सजाया जाएगा। गार्डन का विस्तार आगरा के ताजमहल और दिल्ली के मुगल गार्डन की तर्ज पर किया जाएगा।
उद्घाटन की तारीख जल्द तयजैतखाम का काम लगभग पूरा हो गया है। जैतखंभ के ऊपर जाने के लिए सीढिय़ां भी तैयार हो गई हैं। दो लिफ्ट भी लगाई जाएंगी, जिनके लिए टेंडर हो चुका है। जल्द ही इसके उद्घाटन की तिथि भी तय कर दी जाएगी। राजेश सुकुमार टोप्पो, कलेक्टर, बलौदाबाजार
सतनामी ध्यान, अध्यात्म से जुड़ी 1000 बुक्स गिरोधपुरी में मिलते हैं। समाधी स्टेट में 1000 सतनामी संत रहते है। हालांकि सतगुरु सतपुरुष सतनाम गोसाई से जुड़े सारे चिन्ह और शिक्षाओं की खोज अभी तक नहीं हो पाई है। यदि आप ध्यान, अध्यात्म में लगाव रखते हैं तो आप यहां से बुक्स को खरीदकर उन्हें और बेहतर ढंग से लोगों के लिए छपवा सकते हैं। इनसे जुड़ी शिक्षाओं को आप किसी वेबसाइट और इंटरनेट के माध्यम से विश्व के कल्याण के लिए बता सकते है।

कुरान का संदेश

'नरेंद्र मोदी राष्‍ट्रीय संत नहीं, राष्‍ट्रीय कलंक'


अहमदाबाद/नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद विजय दर्डा ने अब कहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी राष्‍ट्रीय संत नहीं, बल्कि राष्‍ट्रीय कलंक हैं। उन्‍होंने पहले मोदी को गुजरात का शेर और राष्ट्रसंत बताते हुए उनकी तारीफ की थी। बाद में उन्होंने सफाई दी कि वे अतिथि के नाते मेजबान की तारीफ कर रहे थे। लेकिन अब उन्‍होंने मोदी पर तीखा हमला बोला है।
शनिवार को एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद दर्डा जब बोल रहे थे, तभी मोदी कार्यक्रम में पहुंचे। हलचल बढ़ी तो दर्डा ने कहा, ‘मुझे पता है इतनी हलचल क्यों है? गुजरात का शेर आया है!’
उन्होंने आगे जोड़ा, ‘यहां पर चार राष्ट्रसंत हैं। मुनि तरुण सागर महाराज, बाबा रामदेव, नरेंद्र मोदी और चौथा बोलने वाला मैं खुद।’ इस पर मोदी ने हाथ जोड़ कर प्रतिक्रिया दी।
कार्यक्रम के दौरान मीडिया क्षेत्र में योगदान के लिए दर्डा को तरुण क्रांति पुरस्कार मिला। बाद में जब मोदी की बोलने की बारी आई तो उन्होंने अपने अंदाज में प्रतिक्रिया जताई। उन्‍होंने कहा, ‘दर्डा ने जो कहा उसको लेकर मैं चिंतित हूं। उन्होंने मुझे शेर कहा है। इस वजह से संभव है कि कांग्रेस उन्हें निलंबन पत्र थमा दे। फिर विचार आया कि नहीं, दर्डा जी मीडिया पर्सन हैं। इसलिए कांग्रेस उनके साथ समाजवादी पार्टी जैसा बर्ताव नहीं करेगी।’

मोदी के साथ पोस्टर आने पर गहलोत ने कैंसिल कर दी अजमेर यात्रा


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ की इफ्तार पार्टी में जाना था, लेकिन मोदी के साथ पोस्टर लगने के बाद कैंसिल की अजमेर यात्रा


अजमेर। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पोस्टर्स आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना अजमेर दौरा रद्द कर दिया है। वे अजमेर में रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल होने जा रहे थे लेकिन अचानक तबियत बिगडऩे पर उन्होंने अजमेर यात्रा कैंसिल कर दी। शिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ द्वारा आयोजित की जा रही रोजा इफ्तार को लेकर कलेक्ट्रेट मस्जिद के नोटिस बोर्ड पर शनिवार को किसी ने आपत्तिजनक पर्चे चस्पां कर दिए थे। जिसमें गोपालगढ़ कांड को लेकर अशोक गहलोत की तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से की गई थी।
पर्चा किसी कथित जागरूक मुसलमान समिति की ओर से चस्पा किया गया था, जिसमें आम मुसलमानों से कहा गया है कि वे रोजा इफ्तार करने से पहले इन सवालों पर गौर जरूर करें। मस्जिद प्रबंधन समिति ने इसे लोगों के जज्बात भड़काने वाली कार्रवाई बताया है। इधर, शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने भी इस आपत्तिजनक पर्चे की निंदा की है और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
शनिवार को लगाए गए थे पोस्टर
शनिवार शाम कलेक्ट्रेट मस्जिद में नोटिस बोर्ड पर चस्पा किए गए आपत्तिजनक पैम्फलेट लगाए गए थे। पैम्फलेट में सरवाड़ की घटना के साथ ही गोपालगढ़ की हिंसा में मारे गए 11 लोगों का मुद्दा उठाया गया है। गोपालगढ़ के मुद्दे पर सीएम गहलोत की तुलना गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है। पैम्फलेट पर संस्था का पता और फोन नंबर कुछ नहीं थे।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने की निंदा
अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष मुबारक खान ने आपत्तिजनक पर्चे चस्पा करने वालों की निंदा की है।

2 को रक्षाबंधन, ये उपाय चमका देंगे किस्मत

PHOTOS: 2 को रक्षाबंधन, ये उपाय चमका देंगे किस्मत


हिन्दू धर्म पंचांग के सावन माह की पूर्णिमा बहुत ही पवित्र और शुभ दिन है। क्योंकि यह तिथि न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि व्यावहारिक नजरिए से भी बहुत ही महत्व रखती है। सावन माह की पूर्णिमा के शुभ दिन रक्षाबंधन के साथ ही श्रावणी उपाकर्म का पवित्र संयोग बनता है। रक्षाबंधन (3 अगस्त) का पर्व जहां भाई-बहन के रिश्तों का अटूट बंधन और स्नेह का विशेष अवसर माना जाता है। वहीं श्रावणी उपाकर्म (खासतौर पर ब्राह्मण के लिए) यज्ञोपवित के बदलने के रूप में जीवन में पवित्रता को अपनाने के संकल्प की शुभ घड़ी है।

इन शुभ संयोगों में परंपराओं को निभाने के अलावा शास्त्रों में बताए देव पूजा के कुछ उपाय सौभाग्य और खुशहाली बढ़ाने वाले माने गए हैं।

अनोखी प्रथा: यहां गर्म रॉड और लकड़ी से दागे जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट

अफ्रीका के गिनियन गल्फ में स्थित कैमरून की आबादी करीब 15 मिलियन है और यहां तकरीबन 250 जनजातियां रहती हैं। टोगो, बेनिन और इक्वाटोरिअल गुनिया से सटे इस देश को 'मिनिएचर अफ्रीका' भी कहा जाता है। एक अजीबो-गरीब प्रथा के कारण पिछले कुछ समय से कैमरून काफी समय से चर्चा में है। यह अनोखी प्रथा है 'ब्रेस्ट आयरनिंग', जिसमें किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के ब्रेस्ट को लकड़ी के टुकड़ों से दागा जाता है, ताकि वे बढ़ न सकें।


इस अनोखी प्रथा में विचलित करने वाली बात यह है कि इसे लड़की की मां ही अंजाम देती है। इसके पीछे मान्यता यह है कि गर्म वस्तुओं से ब्रेस्ट दागने से लड़कियों की छाती चपटी हो जाती है और उन पर पुरुषों का ध्यान नहीं जाता। इस संबंध में कैमरून की महिलाओं का मानना है कि अगर लड़कियों के जवानी के लक्षण जल्द दिखाई देने लगें तो पुरुषों का ध्यान उन पर जाता है और ऐसे में लड़कियों के शादी से पहले ही गर्भवती होने का डर बना रहता है।



यहां देखिए, दुनिया के सबसे विशालकाय इंसान


कैमरून की अधिकतर लड़कियां 9 साल की उम्र में ब्रेस्ट आयरनिंग की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती हैं। ब्रेस्ट आयरनिंग की यह वीभत्स प्रक्रिया लड़कियों के साथ 2 से 3 महीनों तक लगातार की जाती है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट आयरनिंग के 58 प्रतिशत मामलों में लड़की की मां ही इसे अंजाम देती है।


इस अनोखी प्रथा से कैमरून के सभी 10 क्षेत्रों की महिलाओं की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। यह प्रथा कैमरून के लिटोरल प्रांत में सबसे अधिक (53 प्रतिशत) प्रचलित है।


गौरतलब है कि अन्य अफ्रीकी देशों की तुलना में कैमरून की साक्षरता दर सबसे अधिक सन् (2003 में 79 प्रतिशत) है, जबकि किशोरियों के गर्भधारण के मामले सन् 1996 से कम हुए हैं। सेक्सुअल आकर्षण और दिखावे से बचाने के लिए की जाने वाली वीभत्स प्रथा ब्रेस्ट आयरनिंग के बावजूद यहां लड़कियों के कम उम्र में गर्भवती होने के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। मानवाधिकार संस्थाएं और बुद्धिजीवी ब्रेस्ट आयरनिंग को एक टैबू के रूप में देखते हैं।

अजब है इनकी कहानी, मस्जिद की रोटी और मंदिर का पानी

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ने सांप्रदायिक एकता का हमेशा मिसाल पेश किया है। यहां के लोगों को जाति, धर्म या मजहब के नाम पर कोई अलग नहीं कर सकता। वहीं इंसानियत का एक सच्चा रूप हमें यहां के भिखारियों में देखने को मिलता है।


यहां आपको ऐसे कई भिखारी मिल जाएंगे जो कभी मंदिरों के बाहर तो कभी मस्जिदों के बाहर भीख मांगते हैं। इनकी कहानी अलग ही है। ये अगर मस्जिद की रोटी खाते हैं तो मंदिर का पानी पीते हैं।

एक तरफ रमजान का पाक महीना चल रहा है, तो दूसरी तरफ सावन। इस महीने में हिंदुओं के कई तीज-त्यौहार मनाए जाते है। ऐसे में, इन भिखारियों के पास जो भी अच्छे कपड़े हैं, उसे पहन कर वे भीख मांगने निकल पड़ते हैं।

गुजरात दंगा : दीपड़ दरवाजा केस में 22 दोषियों को उम्रकैद

अहमदाबाद। गुजरात के मेहसाना जिले के चर्चित दीपड़ा दरवाजा केस में सजा का ऐलान कर दिया गया है। हत्‍या की कोशिश के 21 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है जबकि एक पुलिस अधिकारी को लापरवाही का दोषी करार दिया गया है। पुलिस अधिकारी को एक साल की कैद हुई है। इस केस में कुल 83 आरोपी थे, जिनमें 61 लोगों को बरी कर दिया गया है।
गुजरात दंगों के दौरान 28 फरवरी 2002 को मेहसाना में एक परिवार के 11 सदस्‍यों को दंगाईयों ने मौत के घाट उतार दिया था। यह हत्‍याकांड दीपड़ा दरवाजा कांड के नाम से चर्चित है। यूसुफ पठान के परिवार के 11 लोगों की भीड़ ने हत्‍या कर दी गई थी। यूसुफ और उनकी बेटी किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहे।
इस पूरे हत्‍याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई एसआईटी ने की थी। इसमें 85 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से एक की मौत हो चुकी है, जबकि एक पर केस बाल अदालत में चल रहा है।

अन्‍ना समर्थकों ने पवार के घर पर बोला धावा, घसीट कर ले गई पुलिस

नई दिल्‍ली। दो दिन पहले पीएम आवास के बाहर हंगामा करने के बाद अन्‍ना हजारे के समर्थकों ने अब केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को निशाना बनाया है। 6, जनपथ स्थित शरद पवार के घर अन्‍ना समर्थकों का हंगामा शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कृषि मंत्री पवार ने सबसे बड़ा खाद्य घोटाला किया है। उन्‍होंने उनके घर पर चावल और आटा की थैलियां फेंके। अन्‍ना समर्थकों में स्‍कूल-कॉलेज के स्‍टूडेंट और महिलाएं भी हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को घसीट कर बस में बैठा कर ले जा रही है।
उधर, योग गुरु बाबा रामदेव ने टीम अन्‍ना के साथ संबंधों की हद तय करने की कोशिश की है। उन्‍होंने कहा है कि वह कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, इस बारे में टीम अन्‍ना को कोई सवाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही बाबा ने यह भी साफ किया उनके और अन्‍ना के विचार एक हैं।
रविवार से अनशन कर रहे अन्ना सोमवार को भी डटे हैं। उनके साथ मंच पर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी डटे हैं। जबकि किरण बेदी ने ट्व‍िटर पर जंतर मंतर की कुछ तस्‍वीरें अपलोड की हैं और भीड़ जुटने पर उत्‍साह भर कमेंट ट्वीट किए हैं। टीम के सदस्‍य संजय सिंह और कुमार विश्‍वास ने सरकार पर हमला बोलते हुए जान-बूझ कर र्नार्दन ग्रिड फेल करवाने का आरोप लगाया, ताकि लोग जंतर मंतर नहीं पहुंच सकें।
लेकिन सेहत की चिंता इस उत्‍साह पर भारी पड़ सकती है। अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य गोपाल राय का किटोन लेवल बढ़ने से उनकी तबीयत और अधिक खराब हो गई है। संभावना है कि खराब होती तबीयत के मद्देनजर गोपाल राय का अनशन सोमवार को तुड़वाया जा सकता है। अन्‍ना की भी तबीयत खराब हो गई है। डॉक्टरों के मुताबिक बार-बार अनशन करने की वजह से अन्ना का शरीर काफी कमजोर हो गया है। अन्ना का अनशन अगर सरकार के लिए खतरे की घंटी है, तो ये अनशन खुद उनके शरीर के लिए भी खतरनाक है।
जंतर-मंतर पर पिछले पांच दिन से टीम अन्ना के सदस्य-अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय अनशन कर रहे हैं। रविवार सुबह 10.30 बजे से अन्ना ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। मंच पर आते ही उन्होंने कहा, 'मेरी टीम ने खराब स्वास्थ्य के चलते मुझे अनशन करने से मना किया था। लेकिन जो लोग यह अनशन रख रहे हैं मैं उन्हें नजरअंदाज कैसे कर सकता हूं। जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता जनता मुझे मरने नहीं देगी।'
किरण बेदी ने ट्विटर पर देश की नामी हस्तियों से आंदोलन से जुडऩे की अपील भी की। इनमें आमिर खान, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह, नारायण मूर्ति, अमिताभ बच्चन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और ई श्रीधरन शामिल हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर उस पत्र को सार्वजनिक किया गया है, जो 26 जून को टीम अन्‍ना को भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि लोकपाल बिल को लेकर सरकार क्‍या कदम उठा रही है।
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