आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

02 अगस्त 2012

खुदा का शुक्र है भाइयों ..अन्ना की गीबत मामले में माहे रमजान में ............में गुनाहगार होने से बच गया

खुदा का शुक्र है भाइयों ..अन्ना की गीबत मामले में माहे रमजान में ............में गुनाहगार होने से बच गया ......दोस्तों अन्ना नहीं गाँधी है देश के भविष्य की यह आंधी है जब नारे लगते थे और लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अन्ना को हीरो बना कर पेश करते थे तो न जाने क्यूँ मेरे मन में टीस उठती थी और में सोचता था के अन्ना देश को ठग रहे है ...अन्ना का जोर जब चरम सीमा पर था तब कोटा राजस्थान में एक टी वी चेनल ने इस मामले में एक डिबेट रखी थी एक चर्चा रखी थी जिसमे शहर के सभी राजनितिक और गेर राजनितिक ज़िम्मेदार थे यकीन मानिये मेरे अलावा सभी ने अन्ना की इमानदारी ..क़ुरबानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का खुला समर्थन किया था एक में अकेला था जिसने अन्ना के तोर तरीकों की आलोचना कर इसे केवल सियासत और सियासत बता कर कहा था के अन्ना भविष्य में कभी भी या तो राजनीति में आयेंगे या किसी के सपोर्टर बनेंगे तब मेरी बात तो टी वी चेनल ने प्रमुखता से प्रसारित की थी लेकिन इस बात को मानने वाले कम थे ............अन्ना जी आदरणीय है लेकिन उनके तोर तरीकों से लगातार स्पष्ट था के वोह कुछ है जो जनता और सरकार पर थोपना चाहते है उनके दिमाग में कुछ केमिकल लोचा है जो वोह खुद को सबसे ऊपर और अंतिम सही व्यक्ति समझने लगे है .......उन्होंने कभी यह नहीं देखा के देश में इन्द्रा गांधी ने आपात कल के दोरान ना जाने कितने अधिकारीयों .व्यापारियों ..कर्मचारियों को सबक सिखाया था ..उन्होंने नहीं कहा के आपात काल के दोरान सभी भ्रष्ट बेईमान जेलों में या अपने काम पर थे और जनता सुकून से थी ..आपात कल के बाद जमाखोरों से बरामद खाद पदार्थों का ही नतीजा था के देश में शक्कर दो रूपये किलो ..घी दस रूपये किलो मिल रहा था वक्त पर दफ्तर खुलते थे दफ्तरों में पत्रावलियां पेंडिंग नहीं थी ..अन्ना ने यह नहीं देखा के अकेले राजीव गाँधी देश के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री थे जिन्होंने ने खुले मंच से यह स्वकार किया था के उनके अधिकारी और उनसे जुड़े लोग बेईमान है राजीव गाँधी साफ़ कहते थे के अगर वोह एक रुपया सरकार से जनता के लियें भेजते है तो पन्द्राह पेसे जनता तक पहुंचते है बाक़ी पच्चासी पेसे सिस्टम कहा जाता है यह ताकत सिर्फ राजीव गांधी में थी जिसने इस सच को स्वीकार और वोह ऐसे भ्रष्ट लोगों को जेल भेजते कानून बनाते इसके पहले ही भ्रष्ट लोग्नों के षड्यंत्र ने उनकी हत्या कर दी....देश ने अन्ना के जीवन काल में बहुत कुछ सहा ..नर्सिम्मा राव का कार्यकाल संसद में रिश्वत चली अन्ना चुप रहे ..दंगे फसादात हुए अन्ना चुप रहे लेकिन जेसे ही सियासत में बदलाव आया अन्ना ने अंगडाई ली और पहले प्रदेशन को कामयाब बनाने वाले बाबा रामदेव से गद्दारी कर दी .वाह अन्ना जी वाह आप करे तो सही दूसरा करे तो बेईमानी ..खेर यही विचार मुझे अन्ना की आलोचना करने अपर मजबूर करते थे फिर हरियाणा चुनाव में कोंग्रेस का विरोध और उत्तरप्रदेश चुनाव में खामोशी धरने की घोषणा फिर फेसले में बदलाव यह सब डरा धमका कर .ब्लेकमेलिंग कर अपने काम निकलवाने की सियासी फितरत साफ़ नज़र आती थी ..मेने कई बार आनन के पक्ष में और अन्ना के खिलाफ खुल लिखा अन्ना समर्थकों ने मेरी आलोचना भी की लेकिन मेरा स्वभाव है जो में सही समझता हूँ में वही करता हु फिर चाहे दुनिया ही मेरी आलोचक क्यूँ न हो जाए ..कई लोगों ने मुझे कोंग्रेसी दल्ला कहा तो कई लोगों ने मुझे भ्रष्टाचारियों का पैरोकार कहा में डिगा नहीं ......लेकिन कभी कभी में सोचता जरुर था के एक बुज़ुर्ग आदमी के खिलाफ विपरीत धारा में बहकर में मोर्चा खोले हुए हूँ कहीं में गलत साबित हुआ और अन्ना के बारे में मेरे विचार गलत हुए तो में शर्मिंदा हो जाऊँगा ..में कई बार अन्ना समर्थकों के बीच खुद को चोर सा महसूस करता था अपनी बात कहकर अन्ना की आलोचना तो में खुल कर खरता था लेकिन आशंकित था के कहीं में गलत न साबित हो जाऊं अन्ना सच में राष्ट्रभक्त हों अन्ना गेर्सियासी लड़ाई लड़ रहे हो और अगर यह सच साबित हुआ तो में खुद की नजरों में गिर जाऊँगा कई बार मेने सोचा के अन्ना मामले में अगर में गलत हूँ तो मुझे माफ़ी माँगना चाहिए अन्ना अनशन पर फिर बेठे मुझे पूरा यकीन था यह नोटंकी है और अचानक अन्ना खुद अनशन पर नहीं बेठ कर जब केजरीवाल वगेरा को अनशन पर बताते है तो फिर तो मेरा यकीन और मजबूत हो जाता है ..लेकिन दोस्तों फिर अन्ना अनशन पर बैठते है फिर में सोचता हूँ के आनन अगर कह रहे है के में मर भी जाऊं तो चिंता नहीं पन्द्राह मंत्रियों को हटाओ लोकपाल लाओ वरना लड़ाई आर पार की है में सोचता हूँ कहीं ऐसा ना हो में गलत हूँ और यह अन्ना खुद के लियें नहीं सियासत के इए नहीं राष्ट्र के लियें और राष्ट्र के लोगों के लियें लड रहा हो में सोचता के कहीं खुदा न करे इस लड़ाई में अन्ना आर पार के चक्कर में खुद के स्वास्थ के साथ कुछ अनहोनी करवा बेठे तो सरकार तो जायेगी ही सही लेकिन अन्ना का दर्जा गान्धी से भी बढ़े गान्धी का हो जाएगा में सोचता था लेकिन दिल नहीं मानता था क्योंकि अन्ना के चहरे पार कहीं भी देश के लियें लड़ने का भाव नहीं था केवल अहंकार और बदले का भाव था ..दोस्तों कल जब अन्ना ने अचानक अप्रत्याशित रूप से आर पार की लड़ाई का जनता से किया गया वायदा तोडा ..खुद अन्ना अपने वायदे से मुकर कर अनशन बिना मांगे पूरी किये खत्म करने का एलान करने लागे तब एक बात तो यह साफ लगी के चिदम्बरम को गृह मंत्री से हटाना और महाराष्ट्र के ही किसी को गृहमंत्री बनवाना अन्ना का सरकार से कहीं समझोते में प्लान शामिल था ...खेर जो होना था वही हुआ जिसका दर पहले से था वोह सही साबित हुआ आनन भी एक आम आदमी नहीं आम आदमी नहीं आम आदमी से भी कहीं बहुत छोटे और सियासी लोगों से भी बुरे साबित हुए ..में सही निकला मेने जो आज से आठ माह पहले कहा वोह सही साबित हुआ और में सोचने लगा खुदा का शुक्र है अन्ना मामले में में इस अपराध से बचा के किसी सही आदमी की मेने सार्वजनिक आलोचना करने का अपराध किया खुदा का शुक्र है ....अब अन्ना जनता की अदालत में है और जनता जनार्दन है यह सब जानती है .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

जब खुली बम ब्लास्ट के खबर की सच्चाई तो पता चला एक प्रेमी ने खोदी थी खाई!

नागपुर। प्रेमिका के दोस्त को आतंकवादी बता कर उसे फंसाने के चक्कर में एक युवक खुद पुलिस के शिकंजे में फंस गया।



अपराध पुलिस शाखा ने नागपुर में एक आतंकवादी द्वारा बम विस्फोट करने की झूठी खबर देने के आरोप में क्षितिज कृष्णदास गुप्ता (25) बजरिया निवासी को गिरफ्तार किया है। क्षितिज उच्च शिक्षित है। प्रेम संबंध में बाधा बन रहे अपनी प्रेमिका के दोस्त को सबक सिखाने के लिए उसने यह हरकत की।



वर्धा पुलिस भी रह गई थी दंग



क्षितिज ने वर्धा पुलिस को विराज नामक युवक के नाम पर झूठी खबर दी कि वह आतंकवादी संगठन से जुड़ा है। वह नागपुर में बम विस्फोट करने वाला है। खबर सुनने के बाद वर्धा पुलिस भी दंग रह गई थी। वर्धा पुलिस ने पुलिस आयुक्त डॉ. अंकुश धनविजय को खबर दी।



कुछ पल के लिए श्री धनविजय भी सकते में आ गए थे। उसके बाद उन्होंने आरोपी की धरपकड़ का आदेश दिया। गत 1 अगस्त को वर्धा पुलिस को एक अज्ञात व्यक्ति ने मोबाइल फोन पर जानकारी दी कि नागपुर में बम विस्फोट होने वाला है।


यह विस्फोट भरत नगर स्थित सौजन्य अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 106 में रहने वाला व्यक्ति करने वाला है। उसका आतंकवादी संगठन से संबंध है। वह नागपुर में बम धमाका करने वाला है। यह खबर सुनने के बाद वर्धा पुलिस भी अवाक रह गई।



वर्धा पुलिस ने पुलिस आयुक्त डॉ धनविजय को सूचना दी। सूचना मिलते ही उन्होंने घटना के बारे में सहपुलिस आयुक्त संजय सक्सेना व अपराध पुलिस शाखा के निरीक्षक माधव गिरी को बुलाकर उन्हें आदेश दिया कि नागपुर में बम विस्फोट होने की खबर वर्धा पुलिस को दी गई है। वह खबर नागपुर से दी गई है।


श्री सक्सेना के मार्गदर्शन में एक दल ने अमरावती रोड स्थित भरत नगर में सौजन्य अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 106 में जब दबिश दी तो वहां एक व्यक्ति मिला। वह सरकारी नौकरी में कार्यरत है। इस बात की पूरी तफ्तीश करने के बाद पुलिस संतुष्ट हो गई कि बम विस्फोट की झूठी खबर दी गई है।



दोबारा भी किया फोन


पुलिस शांत बैठ गई। 2 अगस्त को फिर उसने मोबाइल से पुलिस को जानकारी दी कि 1 अगस्त की तारीख वाला व्यक्ति ही बम विस्फोट करने वाला है। दोबारा फोन पर खबर मिलने पर पुलिस हरकत में आ गई। तब पुलिस ने जिस मोबाइल से वर्धा पुलिस को खबर दी गई थी, उसके बारे में खोजबीन शुरू की तो पता चला कि वह मोबाइल फोन बजरिया निवासी क्षितिज गुप्ता का है। पुलिस ने क्षितिज को गुरुवार को बम धमाके की झूठी खबर देने के आरोप में गिरफ्तार किया है।


उसे शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। उसने पुलिस को बताया कि विराज नामक युवक उसकी प्रेमिका के करीब हो गया था। उसकी प्रेमिका विराज को चाहने लगी थी। विराज को सबक सिखाने के लिए उसने यह जाल बुना था।


कॉलेज में हुई पहचान


विराज की मुलाकात उससे कॉलेज के एक कार्यक्रम में हुई थी। उस कार्यक्रम में क्षितिज की प्रेमिका भी शामिल थी। विराज केरल का रहने वाला है। नागपुर में इंजीनियर की पढ़ाई कर वह वरोरा की एक कंपनी में कार्यरत हो गया। पढ़ाई के दौरान क्षितिज की प्रेमिका उसके (विराज) करीब हो गई।


यह बात क्षितिज को नागुवार गुजर रही थी। बी.कॉम तक पढ़ चुके क्षितिज ने प्रेमिका का दोबारा प्रेम पाने के लिए उक्त हथकंडे अपनाए, लेकिन उसमें खुद फंस गया। पुलिस ने क्षितिज और उसे सिमकार्ड देने वाले दुकानदार के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

लाइलाज बीमारी का कारण खोज राजस्थान के इस छोरे ने रच दिया इतिहास

जयपुर. प्रदेश के एक युवा शोधकर्ता व उनके मेंटर्स ने अमेरिका में दिमाग के कैंसर के इलाज को नया आयाम देते हुए इसके एक जेनेटिक कारण की खोज की है। न्यूयॉर्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर जेनेटिक्स में बतौर पोस्ट डॉक्टोरल शोधार्थी काम कर रहे डॉ. देवेन्द्र सिंह, स्टडी लीडर डॉ. एंटोनियो इवैरॉन और डॉ. एना लेजोरेला की टीम के एक प्रमुख सदस्य हैं। इस वैज्ञानिक दल की खोज से पहली बार पता चला है कि सबसे आम और खतरनाक किस्म का ब्रेन कैंसर ग्लिओब्लास्टोमा दो जीन्स के संयोग से होता है।

ऐसे किया शोध :

चूहों पर की गई शुरुआती शोध में पता चला है कि जेनेटिक एब्रेशन के दौरान पैदा हुए नए प्रोटीन को निशाना बना सकने वाली दवाएं ग्लिओब्लास्टोमा की बढ़त को कम करती हैं। इससे कैंसर रोग की रिसर्च और इससे जुड़ी दवाओं की रिसर्च को एक नया आयाम मिलेगा। सीयूएमसी की यह रिसर्च साइंस जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुई है।

सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ के छात्र रहे हैं डॉ. देवेंद्र

32 वर्षीय जीव वैज्ञानिक डॉ. देवेन्द्र सिंह मूलत: हनुमानगढ़ के रहने वाले हैं। वे 1990 से 1997 के बीच चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल के छात्र थे। फिर उन्होंने हैदराबाद के सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी से भी पढ़ाई की। वे 2009 से अमेरिका की न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर जेनेटिक्स में बतौर जीव वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।

दवाओं में होगा खास बदलाव

डॉ. देवेन्द्र सिंह ने बताया कि हमारा शोध दो तरीकों से महत्वपूर्ण है। क्लीनिकल नजरिए से देखें तो हमने ब्रेन कैंसर की दवाओं में महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा खोली है। वहीं, शोध के नजरिए से तो हमने ट्यूमर उत्पन्न करने वाले म्यूटेशन का पहला उदाहरण खोजा है जो कोशिका विभाजन को सीधे तौर पर प्रभावित कर क्रोमोजोम्स को अस्थिर करता है।

'प्रेत आत्माएं मांग रहीं हैं नर बलि...' और 5 .50 लाख ठग ले गए

करौली.मकान में गड़ा हुआ धन का लालच देकर एक बेवा से तीन युवकों द्वारा साढ़े पांच लाख रुपए ठगने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। मामला जिला मुख्यालय स्थित तांबे की टोरी का है। तीनों युवकों मुख्य आरोपी हाफिज अब्दुल सत्तार व उसके दो साथियों ने परिजनों को तंत्र-मंत्र व काला जादू से भयभीत कर वश में कर लिया था। मामले का खुलासा होते ही पुलिस ने हाफीज को गिरफ्त में लेकर 1 लाख 80 हजार रुपए बरामद कर लिए हैं।

पुलिस ने गिरफ्तार युवक की निशानदेही पर अलवर जिले के दो अन्य युवकों की तलाश शुरू कर दी है। पीड़िता अंजू शर्मा पत्नी स्व. गोपाल लाल शर्मा ने बताया कि उसकी पुत्री रुचि शर्मा को सहारनपुर उत्तर प्रदेश व हाल निवासी करौली ढोलीखार हाफिज अब्दुल सत्तार ने लगभग दो माह पूर्व घर में गढ़ा धन होने की जानकारी देकर तंत्र-मंत्र विद्या से उसे निकालने को कहा और वह बहकावे में आ गई थी।

हाफिज गत डेढ़ माह से तंत्र-मंत्र करने लगा। पाठ करने लगा। इस बीच हाफिज ने परिजनों से 15 किलो घी, धूनी के लिए अगरबत्तियां व प्रतिदिन भोग प्रसादी मंगवाता था। अंजू ने बताया कि इस बीच हाफिज ने उन्हें कमरे में कुछ सोने-चांदी के आभूषण व सोने के सिक्के भी बताए। इससे उन्हें और ज्यादा यकीन हो गया।

चार-पांच दिन पूर्व हाफिज अब्दुल सत्तार ने बताया कि इस धन को पाने के लिए जिन्न व प्रेत आत्माओं को वश में करने के लिए उन्हें विशेष पूजा अर्चना करनी पड़ेगी। इसमें सहयोग के लिए वह दो अन्य साथियों को बुलाएंगे। हाफिज ने अलवर जिले से दो अन्य लोगों को बुलवा लिया और तंत्र मंत्र विद्या करने लगे।

देनी पड़ेगी नर बलि या 5.51 लाख रु. दो

अंजू ने बताया कि दो दिन पूर्व तंत्र-मंत्र के दौरान तीनों युवकों में से एक युवक ने मूर्छित होने का बहाना किया। हाफिज व एक अन्य युवक ने कहा कि प्रेत आत्माओं ने इस पर हमला कर दिया और वह नर बलि चाहते हैं। इससे वह डर गई और कहा कि वह नर बलि नहीं दे सकती तो हाफिज ने उन्हें 5 लाख 51 हजार रुपए देने की बात कही। बुधवार तड़के अंजू ने घर में रखे तीन लाख रुपए व अपने रिश्तेदारों से ढाई लाख रुपए लाकर हाफिज को दे दिए।

कमरा बंद कर बोले - तीन दिन बाद खोलना

हाफिज अब्दुल सत्तार को अंजू ने पैसे दिए तो दो -तीन घंटे तंत्र-मंत्र का ढोंग रचने के बाद उन्होंने कमरा बंद कर दिया और पीड़िता अंजू से कहा कि उनका काम हो गया है। अब इस कमरे को तीन दिन बाद खोलना और तुमने जो पैसे दिए हैं वह इसी कमरे में रखे हैं। वे तीन दिन बाद आएंगे और तुम अपना धन ले लेना और हम वह पैसे लेकर चले जाएंगे। अगर कमरे को समय से पहले खोलेंगे तो घर के सभी सदस्य बड़ी विपदा में पड़ जाएंगे और जान को भी खतरा हो सकता है।

जिस कमरे में हाफिज तंत्र मंत्र विद्या कर रहा था उसमें उन्होंने 2 बाई 2 वर्ग फुट व दो फुट गहरा गड्ढा खोद रखा था। इसमें भोग प्रसादी, अगरबत्ती व फूल आदि पड़े थे। गड़े हुए धन को भरने के लिए भगोना आदि भी मंगवा कर रखा हुआ था।

फिर से दिखेगा शिवाजी का कुत्ता, ऐतिहासिक किले पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा

मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज के कथित कुत्ते ‘वाघ्या’ के पुतले का विवाद तूल न पकड़े इसके लिए प्रशासन ने फिर से रायगड किले पर उसके हटाये गये पुतले को लगा दिया है। इतना ही नहीं पुलिस ने ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले को गैरकानूनी ढंग से हटाने वाले संभाजी ब्रिगेड के 73 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है।

पुलिस ने गिरफ्तार किये गये लोगों पर डकैती का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही ऐतिहातन रायगड किले के पास पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है। बता दें कि संभाजी ब्रिगेड ने रायगड किले से ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले को 6 जून से पहले हटाने की चेतावनी दी हुई थी।

परंतु जब प्रशासन ने इस चेतावनी की अनदेखी की, तो बुधवार को तेज बारिश का फायदा उठाते हुए संभाजी ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने खुद ही ‘वाघ्या’ कुत्ते की प्रतिमा को किले से हटा दिया। जिसके बाद धीरे-धीरे राज्य में यह मुद्दा तूल पकड़ने लगा था। शिवसेना ने सबसे पहले ‘वाघ्या’ कुत्ते की प्रतिमा को फिर से पुराने स्थान पर लगाने की मांग की और ऐसा न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।

क्या है ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले का विवाद

छत्रपति शिवाजी महाराज की रायगड किले पर समाधि है। 1927 में इस समाधि का नूतनीकरण किया गया और 1936 में ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले को समाधि के पीछे की ओर लगाया गया। इतिहासकारों का कहना है कि ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले को बनाने के लिए उस वक्त इंदौर के तुकोजी होलकर ने 5 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी थी।

हालांकि इतिहास के जानकार इंद्रजित सावंत इससे इक्तफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि ‘वाघ्या’ कुत्ते का असल में शिवाजी महाराज से कुछ भी लेना देना नहीं है। उनका कहना है कि प्रसिद्ध नाटककार राम रमेश गडकरी के ‘राजसंन्यास’ इस नाटक में आये कुत्ते के उल्लेख के आधार पर ‘वाघ्या’ कुत्ते का पुतला छत्रपति शिवाजी महाराज की समाधि के पास खड़ा किया गया था।

सावंत का यह भी कहना है कि असल में इंदौर के तुकोजी होलकर शिवाजी महाराज की समाधि के लिए आर्थिक मदद दी थी, परंतु उस वक्त अंग्रेजी के गुस्से से बचने के लिए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से ‘वाघ्या’ कुत्ते के पुतले के निर्माण की आड़ में यह मदद की।

आबोहवा हो गई 25 गुना ज्यादा प्रदूषित

कोटा.शहर में वाहनों की बेशुमार तादाद और उद्योगों की चिमनियों से निकलते धुएं समेत अन्य कारणों के चलते आबोहवा में प्रदूषण का धीमा जहर लगातार बढ़ता जा रहा है। वायु प्रदूषण निर्धारित मानकों को पार कर 25 गुना तक ज्यादा बढ़ चुका है। मौसम में बदलाव के साथ ही प्रदूषण के आंकड़े और ज्यादा बढ़ जाते हैं।

वायुमंडल में मौजूद विषैली गैसों की मात्रा के जो मान्य मानक हैं, वे ध्वस्त होकर शहर के कई इलाकों में प्रदूषण की मात्रा 5 हजार मिलिग्राम परमीटर क्यूक तक पहुंच चुकी है। शहर में तीन जगह लगे वायु प्रदूषण मापक यंत्रों से प्रदूषण नियंत्रण मंडल जो हर तीन माह में रिपोर्ट लेता है, उसमें प्रदूषण की मात्रा एक हजार से लेकर 5 हजार मिलिग्राम परमीटर क्यूक तक दर्ज की गई है। खास तौर से गर्मी बढ़ने और आंधी चलने के दौरान वायु प्रदूषण में बड़ा इजाफा हो जाता है।

वायुमंडल में विषैली गैसों की मात्रा के जो मान्य मानक हैं वे अधिकतम 200 मिलीग्राम परमीटर क्यूक तक हैं। आंकड़ा इससे ऊपर जाने का मतलब है जनजीवन पर खतरे की घंटी। जबकि आबोहवा शुद्ध रहने के मानक 80 से 120 मिलीग्राम परमीटर क्यूक तक ही हैं। कोटा के वायुमंडल में मौजूद विषैली गैसों की मात्रा ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

यही वजह है कि शहर में छितराई बारिश होने के साथ ही वायु प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। आसमान में नीर भरे काले बादल नजर आने के बावजूद बारिश नहीं होती। या फिर नयापुरा इलाके में बारिश हो जाती है तो छावनी गुमानपुरा सूखा रह जाता है।

इन स्थानों पर लगे हैं प्रदूषण मापक यंत्र

केंद्र सरकार की योजना के तहत शहर में बारां रोड पर बोरखेड़ा कृषि फार्म, रामपुरा और इंद्रप्रस्थ इंडस्ट्रीज एरिया स्थित राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल कार्यालय के ऊपर प्रदूषण मापक यंत्र लगे हुए हैं।

ये यंत्र शहर को औद्योगिक जोन, आबादी जोन और सेंसेटिव जोन के रूप में विभाजित कर लगाए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रभारी राजीव पारीक के मुताबिक इन यंत्रों से हर तीन माह में रिपोर्ट ली जाती है। गर्मी में और आंधी चलने के दौरान वायु प्रदूषण के मानक एक हजार से 5 हजार मिलिग्राम परमीटर क्यूक तक पहुंच जाते हैं।

ये हैं वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण

शहर में वर्ष 1984 तक बहुत कम वाहन थे। अब यह संख्या 50 गुना तक बढ़ चुकी है। थर्मल समेत शहर में स्थित उद्योगों की चिमनियों से बेशुमार धुंआ निकलता है। कोयले की राख भी उड़ती है। इन पर नियंत्रण के लिए उद्योगों में जो तकनीकी उपाय किए जाने चाहिए, वे बहुत ही मामूली हैं।

शहर में 25 साल पहले तक जो घने पेड़ थे, उनमें से अधिकांश पेड़ कट गए। बांसों के जंगल जिनका बारिश में अहम योगदान होता है, वे साफ हो चुके हैं। टूटी-फूटी सड़कों के कारण वाहन चालकों को बार-बार वाहन के गियर बदलने पड़ते हैं। इस कारण भी प्रदूषण बढ़ता है।

आम्लिक वर्षा का खतरा

पर्यावरणविद डॉ. लक्ष्मीकांत दाधीच के मुताबिक कोटा के वायुमंडल में विषैली गैसों की मात्रा जिस कदर बढ़ती जा रही है, उससे आम्लिक वर्षा की आशंका पैदा होती जा रही है। लोगों में बेचैनी घुटन और टेंशन की बड़ी वजह प्रदूषण भी है। वायुमंडल में मान्य मानक जब 200 मिलिग्राम परमीटर क्यूक से ऊपर पहुंचते हैं तो आम्लिक वर्षा का खतरा पैदा होने लगता है।

कुरान का संदेश

नमाज़ की अहमियत

नमाज फारसी शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है।


पाँच नमाजें

प्रत्येक मुसलमान के लिए प्रति दिन पाँच समय की नमाज पढ़ने का विधान है।

  • नमाज -ए-फजर (उषाकाल की नमाज)-यह पहली नमाज है जो प्रात: काल सूर्य के उदय होने के पहले पढ़ी जाती है।
  • नमाज-ए-जुह्ल (अवनतिकाल की नमाज) यह दूसरी नमाज है जो मध्याह्न सूर्य के ढलना शुरु करने के बाद पढ़ी जाती है।
  • नमाज -ए-अस्र (दिवसावसान की नमाज)- यह तीसरी नमाज है जो सूर्य के अस्त होने के कुछ पहले होती है।
  • नमाज-ए-मगरिब (पश्चिम की नमाज)- चौथी नमाज जो सूर्यास्त के तुरंत बाद होती है।
  • नमाज-ए-अशा (रात्रि की नमाज)- अंतिम पाँचवीं नमाज जो सूर्यास्त के डेढ़ घंटे बाद पढ़ी जाती है।

विधि

नमाज पढ़ने के पहले प्रत्येक मुसलमान वुजू (अर्धस्नान) करता है अर्थात् कुहनियों तक हाथ का धोता है, मुँह व नाक साफ करता है, पूरा मुख धोता है। यदि नमाज किसी मस्जिद में हो रही है तो "अजाँ" भी दी जाती है। नमाज तथा अजाँ के बीच में लगभग 15 मिनटों का अंतर होता है। उर्दू में अजाँ का अर्थ पुकार है। नमाज के पहले अजाँ इसलिए दी जाती है कि आस-पास के मुसलमानों को नमाज की सूचना मिल जाए और वे सांसारिक कार्यों को छोड़कर कुछ मिनटों के लिए मस्जिद में खुदा का ध्यान करने के लिए आ जाएँ। नमाज अकेले भी पढ़ी जाती है और समूह के साथ भी। यदि नमाज साथ मिलकर पढ़ी जा रही है तो उसमें एक मनुष्य सबसे आगे खड़ा हो जाता है, जिसे इमाम कहते हैं और बचे लोग पंक्ति बाँधकर पीछे खड़े हो जाते हैं। इमाम नमाज पढ़ता है और अन्य लोग उसका अनुगमन करते हैं।

नमाज पढ़ने के लिए मुसलमान मक्का की ओर मुख करके खड़ा हो जाता है, नमाज की इच्छा करता है और फिर "अल्लाह अकबर" कहकर तकबीर कहता है। इसके अनंतर दोनों हाथों को कानों तक उठाकर छाती पर नाभि के पास बाँध लेता है। वह बड़े सम्मान से खड़ा होता है। वह समझता है कि वह खुदा के सामने खड़ा है और खुदा उसे देख रहा है। कुछ दुआ पढ़ता है और कुरान शरीफ से कुछ लेख पढ़ता है, जिसमें फातिह: (कुरान शरीफ का पहला बाब) का पढ़ना आवश्यक है। ये लेख कभी उच्च तथा कभी मद्धिम स्वर से पढ़े जाते हैं। इसके अनंतर वह झुकता है, फिर खड़ा होता है, फिर खड़ा होता है, फिर सजदा में गिर जाता है। कुछ क्षणों के अनंतर वह घुटनों के बल बैठता है और फिर सिजदा में गिर जाता है। फिर कुछ देर के बाद खड़ा हो जाता है। इन सब कार्यों के बीच-बीच वह छोटी-छोटी दुआएँ भी पढ़ता जाता है, जिनमें अल्लाह की प्रशंसा होती है। इस प्रकार नमाज की एक रकअत समाप्त होती है। फिर दूसरी रकअत इसी प्रकार पढ़ता है और सिजदा के उपरांत घुटनों के बल बैठ जाता है। फिर पहले दाईं ओर मुँह फेरता है और तब बाईं ओर। इसके अनंतर वह अल्लाह से हाथ उठाकर दुआ माँगता है और इस प्रकार नमाज़ की दो रकअत पूरी करता है अधिकतर नमाजें दो रकअत करके पढ़ी जाती हैं और कभी-कभी चार रकअतों की भी नमाज़ पढ़ी जाती है। पढ़ने की चाल कम अधिक यही है।

नमाजों की अहमियत

कुरान अपनी एक आयत मे बयान फर्माता है:

"वस्तअ-ईनू बिस्सबरे वस्स्लात"


ऐ ईमान वालों सब्र और नमाजों से काम लो

साफ् जाहिर है नमाज खालिस बन्दे की आसानी के लिए अल्लाह की नेमत है। ५ नमाजों की मिसाल ऐसी है,मानो आपके द्वार पर ५ पवित्र नहरे॥ दिन मे ५ बार आप उनमे स्नान कर के क्या अपवित्र रह सकते हैं? वैसे ही आप अपने मन को इन नहरों मे स्नान करवा दुनिया द्वारा दी गई कलिख और मैल को धो डालते हैं। अल्लाह का डर और उसकी मदद आप को कामयाब इन्सान बनाने में मदद देतें हैं।

अन्य नमाजें

प्रति दिन की पाँचों समय की नमाज़ों के सिवा कुछ अन्य नमाज़ें हैं, जो समूहबद्ध हैं। पहली नमाज़ जुम्मअ (शुक्रवार) की है, जो सूर्य के ढलने के अनंतर नमाज़ जुह्र के स्थान पर पढ़ी जाती है। इसमें इमाम नमाज़ पढ़ाने के पहले एक भाषण देता है, जिसे खुतबा कहते हैं। इसमें अल्लाह की प्रशंसा के सिवा मुसलमानों को नेकी का उपदेश दिया जाता है। दूसरी नमाज ईदुलफित्र के दिन पढ़ी जाती है। यह मुसलमानों का वह त्योहार है, जिसे उर्दू में ईद कहते हैं और रमजान के पूरे महीने रोजे (दिन भर का उपवास) रखने के अनंतर जिस दिन नया चंद्रमा (शुक्ल द्वितीया का) निकलता है उसके दूसरे दिन मानते हैं। तीसरी नमाज़ ईद अल् अजा के अवसर पर पढ़ी जाती है। इस ईद को कुर्बानी की ईद कहते हैं। इन दिनों के अवसरों पर निश्चित नमाज़ों का समय सूर्योदय के अनंतर लगभग बारह बजे दिन तक रहता है। ये नमाज़ें सामान्य नमाज़ों की तरह पढ़ी जाती हैं। विभिन्नता केवल इतनी रहती है कि इनमें पहली रकअत में तीन बार और दूसरी रकअत में पुन: तीन बार अधिक कानों तक हाथ उठाना पड़ता है। नमाज़ के अनंतर इमाम खुतबा देता है, जिसमें नेकी व भलाई करने के उपदेश रहते हैं।

कुछ नमाजें ऐसी भी होती हैं जिनके न पढ़ने से कोई मुसलमान दोषी नहीं होता। इन नमाजों में सबसे अधिक महत्व तहज्जुद नमाज़ को प्राप्त है। यह नमाज़ रात्रि के पिछले पहर में पढ़ी जाती है। आज भी बहुत से मुसलमान इस नमाज़ को दृढ़ता से पढ़ते हैं।

इस्लाम धर्म में नमाज़ जिनाज़ा का भी बहुत महत्व है। इसकी हैसिअत प्रार्थना सी है। जब किसी मुसलमान की मृत्यु हो जाती है तब उसे नहला धुलाकर श्वेत वस्त्र से ढक देते हैं, जिसे कफन कहते हैं और फिर जिनाज़ा को मस्जिद में ले जाते हैं। वहाँ इमाम जिनाज़ा के पीछे खड़ा होता है और दूसरे लोग उसके पीछे पंक्ति बाँधकर खड़े हो जाते हैं। नमाज़ में न कोई झुकता है और न सिजदा करता है, केवल हाथ बाँधकर खड़ा रह जाता है तथा दुआ पढ़ता है।

कारों में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगना शुरू, यह होगी प्रक्रिया और शुल्क

जयपुर.शहर में बुधवार से वाहनों पर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाने की औपचारिक शुरुआत हो गई। हालांकि पहले दिन रफ्तार धीमी रही। आरटीओ डॉ. बीएल जाटावत और डीटीओ राजेंद्र गहलोत की मौजूदगी में नई खरीदी गई चार कारों पर प्लेट लगाई गई।

दुपहिया, तिपहिया और भारी वाहनों का मामला प्लेट पर नंबरों की लिखाई को लेकर अटका हुआ है। पुराने वाहनों पर नंबर प्लेट विभाग की ओर से सीरीज की घोषणा के बाद लगना शुरू होगी। जयपुर में रोजाना करीब 500 वाहनों का रजिस्ट्रेशन होता है।

ये होगी प्रक्रिया

वाहन खरीदने के बाद जहां से वाहन का रजिस्ट्रेशन (डीलर व आरटीओ ऑफिस) हुआ है, वहां से 20 नंबर का फार्म या ऑथोराइजेशन पत्र लेकर आरटीओ ऑफिस जाना होगा। वहां कंपनी के काउंटर पर फीस जमा करने के बाद वाहन मालिक को कंपनी की तरफ से दी गई तारीख पर जाना होगा। उस दिन कंपनी को वाहन पर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी। वैसे फीस जमा कराने के दो दिन में कंपनी को हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगानी होगी।

पुराने वाहन

परिवहन उपायुक्त टैक्स आरसी यादव ने बताया कि पुराने वाहनों पर नंबर प्लेट 2 वर्ष के अंदर लगानी होगी। इसके लिए विभाग सीरीज के हिसाब से प्लानिंग कर रहा है। पुराने वाहन मालिकों को तय सीरीज की समय अवधि में संबंधित ऑफिस से नंबर प्लेट लगवानी होगी।

नंबर प्लेट का शुल्क


दुपहिया75 रु.

तिपहिया96 रु.

चौपहिया (कार)220 रु.

ट्रैक्टर90 रु.

ट्रक, बस232 रु.

अल्लाह काशिफ के गुर्दे का इलाज कामयाब करे उसे सह्त्याब कर उसे लम्बी उम्र बख्शे ..आमीन सुम्मा आमीन

कोटा में गुर्दे की बीमारी से परेशान काशिफ के इलाज के लियें कई समाजसेवी और कोटा के देनिक भास्कर ने अपने हाथ आगे बढाए है .......काशिफ जो स्टेशन क्षेत्र कोटा का रहने वाला है पिछले कई दिनों से गुर्दे की बीमारी से पीड़ित है और कोटा के सुधा हॉस्पिटल में डोक्टर पंकज कासट से इलाज करा रहा है जिसे किडनी बदलवाने के लियें पांच लाख रूपये से भी अधिक का खर्च करना है और अहमदाबाद जाकर इलाज कराना है ..बस अख़बार भास्कर को खबर मिली और भास्कर के प्रबंधकों और सम्पादकों ने सी मरीज़ काशिफ की जिंदगी बचाने की कोशिशें तेज़ करने की ठान ली ..अपनी इस मुहीम में भास्कर ने कोटा के शहर काजी हाजी अनवर अहमद साहब ....समाजसेवी डोक्टर आर सी साहनी साहब ..अख्तर खान अकेला एडवोकेट ..समाजसेवी जी डी पटेल ......गफ्फार खान स्टेशन मस्जिद सदर को मिलकर काशिफ पुनर्जन्म समिति का गठन किया गया और आर्थिक तंगी से उसका इलाज नहीं रुके इसके लियें दानदाताओं से मदद के प्रयास तेज़ कर दिए गए ..दुआ कीजिये के रमजान के इस पाक महीने में ही काशिफ का किडनी ट्रासप्लांट और दुसरे खर्चों का इत्निजाम हो उसे भाभा शाह मिले और खुदा उसकी जान बचा ले उसका इलाज उसका ओपरेशन सक्सेस हो अल्लाह काशिफ को जल्दी सह्त्याब करे आमीन सुम्मा आमीन .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना यह मुंग और मसूर की दाल साबित हुए ..अन्ना का आन्दोलन जनता के लियें धोखा साबित हुआ

अन्ना जो कल तक देश की तकदीर थे ..देश का भविष्य तय करने निकले थे जो सियासत को गलियां बकते थे जिन्हें गुरुर था के मेने न जाने कितने मंत्रियों को कुर्सियों से हत्वा दिया है ..जी हां यह वही अन्ना है जो कहते थे के मरते दम तक में लोकपाल के लियें अनशन करूंगा में लड़ता रहूँगा और लोकपाल इस देश में आरपार की लड़ाई इस अनशन के जरिये लाकर रहूँगा लेकिन दोस्तों मेने पहले भी लिखा था और अभी भी लिख रहा हूँ के उत्तर प्रदेश के चुनाव के वक्त अन्ना का समझोता हो चुका था और अन्ना जनता के साथ खुद की इज्ज़त बचाने की सियासत कर रहे थे अभी अन्ना ने जो कुछ भी किया लोगों को इकट्ठा किया ...लोगो को परेशां किया उनसे वायदा किया के मरते दम तक हाँ मरते दम तक लोकपाल लाने और पन्द्रह भ्रष्ट मंत्रियों को हटाने तक आन्दोलन जारी रहेगा लेकिन दूसरी तरफ सत्ता में पहुंचने की ललक और सत्ता द्वारा झिटक दिए जाने का गम उन्हें सता रहा था ..अन्ना के गले में तो घंटी बंध गई थी .जनता का उन पर विश्वास था लेकिन वोह जनता के साथ सार्वजनिक विश्वासघात करना चाहते थे जनता को फिर एक मुंगेरी लाल का हसीन सपना दिखाना चाहते थे इसलियें जनता ने बिना अप्रेल फूल के जनता को बुलाया ..जनता को परेशान किया और फिर वही सियासी खेल के सियासी पार्टी बनायेंगे बिना किसी नतीजे के घर जायेंगे वाह अन्ना जी वाह अन्ना की टीम जी तुम्हे नो अगस्त तक आन्दोलन करने की स्वीक्रति है फिर अभी से क्यूँ भागते हो अगर म़ोत से डर लगता है तो फिर बढ़ी बढ़ी बातें कर जनता को क्यूँ मुर्ख बनाते हो ..जिन चोर मंत्रियों को चोर कहकर अन्ना जी आपने अपमानित किया वोह तो आपसे बहुत बहतर है ..चुनाव लड़ते है चुनाव जीतते है सत्ता भी उनके साथ है जनता भी उनके साथ है यह पावर गेम आपको हम कई सालों से समझा रहे थे लेकिन आज आपको यह पावर गेम समझ में आया और सत्ता भोगने के लालच से आपका मन डोल गया है ...........वाह अन्ना जी वाह हम तो पहले ही कहते थे धोखे राजनीति नहीं सीधी राजनीति करो जो कहो वोह करे दिखावो भाजपा कहती है हमे जिताते तो हम कश्मीर की ३७० हटाते लेकिन प्रधानमन्त्री बनाने के बाद भाजपा कहती है पूर्ण बहुमत आएगा तब सोचेंगे अन्ना जी वाइरस भाजपा आप में कल भी था और आज तो इस वाइरस ने आपको जनता के सामने बेनकाब कर दिया है अगर आप जनता के लियें लोकपाल के लियें भ्रह्स्त मंत्रियों को हटाने के लियें जनता से बार बार किये गए वायदे को पूरा करने के लियें शहीद भी हो जाते तो बात अलग थी ..लेकिन आपने तो देश के सवासो करोड़ लोगों का सपना तोड़ दिया उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया और साबित कर दिया के इस देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाला कोई पैदा ही नहीं हुआ सिर्फ और सिर्फ इस नाम पर तो राजनीती होती है और आपने भी वही क्या तोबा तोबा .....अन्ना भाई तो ये ह्मुंग और मसूर की दाल साबित हुए है भाई ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अंजीर से जुड़ी स्पेशल बातें....ये ऐसे आपकी हेल्थ बना देगा


अंजीर एक बहुत टेस्टी फल है। इसका उपयोग अधिकतर पकवानों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नाशपती के आकार के इस फल का सही उपयोग करके कई छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। 100 ग्राम अंजीर में लोह तत्व, विटामिन, प्रोटीन व थोड़ी मात्रा में चूना, पोटेशियम, सोडियम, गंधक, एसिड और गोंद भी पाया जाता है आइए हम आपको बताते हैं गुणों से भरपूर अंजीर के बारे में कुछ स्पेशल बातें.....

- अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीना बहुत शक्तिवर्धक एवं वीर्यवर्धक होता है।

-डायबिटीज के रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है।

- अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है। अस्थमा की बीमारी में सुबह सूखे अंजीर का सेवन करना अच्छा माना जाता है।

- किसी भी प्रकार के बुखार विशेषकर कब्ज से होने वाली बीमारियों में अंजीर का सेवन लाभदायक होता हैं।

-अंजीर खाने से कब्ज दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है।साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन करने से इससे कफ बाहर आ जाता है।

- सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर अगर गले की सुजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है।

- खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध और मिश्री के साथ लगातार हफ्ते भर सेवन करने से लाभ होता है।

- अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है।

- अंजीर में पोटैशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है इसलिए यह हाइपरटेंशन की समस्या होने से बचाता है।

- दो अंजीर को बीच से आधा काटकर एक ग्लास पानी में रात भर के लिए भिगो दें सुबह उसका पानी पीने से अंजीर खाने से रक्त संचार बढ़ता है।

कल शाम 5 बजे टूट जाएगा अनशन


LIVE: कल शाम 5 बजे टूट जाएगा अनशन

नई दिल्‍ली. अन्‍ना हजारे ने कहा है कि शुक्रवार शाम पांच बजे तक उनका और उनके सहयोगियों का अनशन टूट जाएगा। उन्‍होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी बनाने में कुछ भी बुरा नहीं है। लेकिन उन्‍होंने साफ किया कि वह पॉलिटिक्‍स ज्‍वाइन नहीं करेंगे। उन्‍होंने कहा, 'मैं राजनीतिक दल बनाने के पक्ष में हूं। देश के लिए एक धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक विकल्‍प की जरूरत है।

'क्‍या टीम अन्‍ना को चुनावी राजनीति में उतरना चाहिए? इस सवाल का जवाब टीम अन्‍ना ने ही जनता से पूछा है। जंतर मंतर पर मंच से प्रशांत भूषण ने ऐलान किया कि इस बारे में जनता दो दिन में राय दे। अनशनस्‍थल पर जनता से हाथ उठा कर इस बारे में राय देने के लिए कहा गया।

टीम अन्‍ना के अनशन का आज नौवां दिन है। अन्‍ना समर्थकों को पुलिस कार्रवाई का डर था इसलिए उन्‍होंने जागते हुए पूरी रात काटी। पुणे में बुधवार शाम हुए बम धमाकों के बाद अनशन स्‍‍थल जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अन्ना हजारे ने कहा है कि जब तक मजबूत लोकपाल नहीं तब तक अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अब सरकार से कोई बात नहीं होगी। चाहे प्रधानमंत्री ही क्यों न बुलाएं।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...