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04 अगस्त 2012

इस्लाम इस्लाम बात है हमारा देश जहां की पोराणिक कथाये ..धार्मिक मान्यताएं..,,,,, मित्रता की मिसाल रही है वही आज हम अंग्रेजी संस्क्रती से प्रभावित ...... एक विशिष्ठ दिन पर ही मित्रता की बात करते है ..मित्रता यानी दोस्ती यानी खुद की जिंदगी...... खुद की आत्मा ...संवारने और शुद्धिकरण का फार्मूला है ...आप सभी जानते है के क्रष्ण ने सुदामा से जो दोस्ती की थी उसकी मिसाल कोई अँगरेज़ कोई देश नहीं तोड़ सका है ...करण और दुर्योधन की मित्रता सभी को पता है ....islaam की दुनिया में भी दोस्ती के बेशुमार किस्से है लेकिन क्रष्ण सुदामा का जो सीन है वोह आज देखने को कहाँ मिलता है मिले भी क्यूँ क्योंकि भाग दोड़ ..विश्वासघात की इस दुनिया में दोस्ती एक अज़ाब बन गयी है ..एक तो मित्रता मामले में ओरतों की दखलंदाजी दुसरे इंसानी मोका परस्ती की फितरत हमे और हमारे रिश्तों को ना जाने कहां ले जा रही है ....जी हाँ दोस्तों मित्रता करो तो क्रष्ण सुदामा की तरह करो ..मित्रता करो दोस्ती करो अपने देश से ...अपने देश के तिरंगे से ..अपने देश के संविधान से ..अपने देश के तिरंगे से ...जी हाँ मित्रता करो अपने देश के सद्भाव ..भाईचारे से .विकास की योजनाओं से ..भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई से ..जी हाँ मित्रता का सच्चा संदेश यही मुकम्मल

मज़हब की दोस्ती निभाओ मेरा देश महान होगा

दोस्तों अजीब बात है हमारा देश जहां की पोराणिक कथाये ..धार्मिक मान्यताएं मित्रता की मिसाल रही है वही आज हम अंग्रेजी संस्क्रती से प्रभावित होकर केवल एक विशिष्ठ दिन पर ही मित्रता की बात करते है ..मित्रता यानी दोस्ती यानी खुद की जिंदगी खुद की आत्मा संवारने और शुद्धिकरण का फार्मूला है ...आप सभी जानते है के क्रष्ण ने सुदामा से जो दोस्ती की थी उसकी मिसाल कोई अँगरेज़ कोई देश नहीं तोड़ सका है ...करण और दुर्योधन की मित्रता सभी को पता है ...इस्लाम की दुनिया में भी दोस्ती के बेशुमार किस्से है दोस्ती निभाने के की बेशुमार हिदायते है और फिर क्रष्ण सुदामा का जो सीन है वोह आज देखने को कहाँ मिलता है मिले भी क्यूँ क्योंकि भाग दोड़ ..विश्वासघात की इस दुनिया में दोस्ती एक अज़ाब बन गयी है ..एक तो मित्रता मामले में ओरतों की दखलंदाजी दुसरे इंसानी मोका परस्ती की फितरत हमे और हमारे रिश्तों को ना जाने कहां ले जा रही है ....जी हाँ दोस्तों मित्रता करो तो क्रष्ण सुदामा की तरह करो ..मित्रता करो दोस्ती करो अपने देश से ...अपने देश के तिरंगे से ..अपने देश के संविधान से ..अपने देश के लोगों से ...जी हाँ मित्रता करो अपने देश के सद्भाव ..भाईचारे से .विकास की योजनाओं से ..भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई से ..जी हाँ मित्रता का सच्चा संदेश यही मुकम्मल
है मेरे दोस्तों .....बढ़े बढ़े नारे देना बढ़ी बढ़ी बातें करना बहुत आसान है लेकिन मित्रता निभाना बहुत मुश्किल है ..मुंह में राम बगल में छुरी ..जिस थाली में खाते है उसी में छेद करते है ...पीठ पर छुरा घोंपना जेसी कहावतें किसी विदेश की नहीं हमारे देश की है और ऐसे किस्से हम सुनते भी है सहते भी है ....कुरान का संदेश देखिये वफादारी ..दोस्ती विश्व मित्रता के सन्देशं से भरा पढ़ा है लेकिन इन संदेशों को पढ़कर भी हम लाचार और बेबस है हमारी आदतें नहीं सुधार रहे है ..इस्लाम का संदेश है पड़ोसी से दोस्ती करो ..खुद भूखे रहो पड़ोसी को पेटभर खिलाओ ..पड़ोसी को अपनी वजह से कोई तकलीफ मत होने दो ...दोस्ती का यही तो संदेश है और जहाँ दोस्ती होगी जहाँ मित्रता होगी वहीँ तो अपनापन होगा ..वहीं तो वफादारी होगी वहीं एक दुसरे के लियें परस्पर मरने मारने का जज्बा होगा ..अगर ऐसी दोस्ती रही तो हमारे देश में सरहदों की हिफाज़त रहेगी ...सभी लोग एक दुसरे से सुरक्षित रहेंगे ..खुशहाली रहेगी कामयाबी रहेगा ..भ्रष्टाचार मुक्त देश रहेगा विश्व पर हमारा देश एक उदाहरण भी होगा और विश्व का शासक भी होगा हमारे इसी देश में स्वर्ग जेसा माहोल होगा और हमारा यह देश मेरा यह भारत महान जी हाँ महान होगा ......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रामायण व महाभारत काल में भी मिले हैं मित्रता के प्रमाण


मित्रता दिवस की शुरुआत लगभग एक शताब्दी विश्व में विभिन्न देशों में हो चुकी थी। लेकिन अमेरिका में इसकी शुरुआत 1935 ई. में हुई। अमेरिका, इंग्लैंड, यमन आदि देशों में अगस्त माह के प्रथम रविवार को लोगों ने मित्रता दिवस करार दिया। रामायण, महाभारत ओर बाइबल आदि में इसके अनुकरणीय उदाहरण मिले हैं। रामायण में भगवान राम ने पशु-पछियों तक से मित्रता निभाई। बालि को हराकर सुग्रीव को किसकिंधा का राजा और रावण को हराकर विभीषण को लंका का राज्य सौंपा था। वहीं महाभारत काल में दुर्योधन ने कर्ण को अंग प्रदेश का राजा बना दिया था। कर्ण ने भी दुर्योधन के पक्ष में लड़ते हुए अपनी जान गवां दी थी। लेकिन रामायण और महाभारत काल में मित्रता की जो परिभाषा थी तथा किसी व्यक्ति को अपने मित्रों से अपेक्षाएं थी वह लगभग निस्वार्थ थी।

बाइबल में एक जगह में लिखा है किसी से उम्मीद रखते हो तो उम्मीद करो, सफलता मिलेगी। किसी के दरवाजे पर दस्तक दो तो दरवाजा खुलेगा। उस समय और आज की मित्रता में जमीन आसमान का अंतर आ गया है। आज विशेष रुप से युवाओं के बीच जो मित्रता होती है उसके मूल्य में मौज-मस्ती करना, खाना-पीना, घूमना, नाचना-गाना और पीना। उसके बाद किसी दूसरी दुनियां में खो जाना। मित्रता दिवस पर आज ऐसा ही कुछ मित्र आपस में करते हैँं। वे क्लबों, होटलों और पार्को आदि के साथ सूदूर पिकनिक स्पाटों में चले जाते हैं। फिर दिल खोलकर मौज मस्ती करते है। मौज मस्ती की मतलब दैहिक सुख तक हो जाता है। विदेशों मे तो लोग विवाह नहीं करते हैं 20-25 वर्षो तक मित्र ही बने रह जाते हैं। माता-पिता तो बन जाते हैं पर पति-पत्‍‌नी नहीं बन पातें हैं। आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में मित्रता शब्द कलंकित हो चुका है। जगह-जगह पर फ्रेंडशिप क्लब खुल रहे हैं। ऐसे क्लब ही मित्रता जैसे पवित्र शब्द को कलंकित कर रहे हैं। दोस्त बनकर आज दोस्तों के साथ ही घात-प्रतिघात करने लगे हैं। इसलिए एक शायर का मानना है। दोस्त-दोस्त न रहा, प्यार-प्यार न रहा। फिर भी कुछ लोग आज अपने खून से अधिक अपने दोस्तों को महत्व दे रहे हैं। दोस्तों के लिए मरने के लिए तैयार रहते हैं।

यह दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे


मित्रता दिवस मनाने की परंपरा 1935 में शुरू हुआ जब अमेरिकी कांग्रेस को दोस्तों के सम्मान में एक दिन समर्पित करने का फैसला किया. हालांकि यह बिल्कुल पता नहीं कारण है कि इस दिन के निर्माण में चला गया है क्या थे, उस समय की दुनिया के परिदृश्य का सिंहावलोकन हमें एक समझने के लिए नेतृत्व कर सकते हैं. प्रथम विश्व युद्ध के विनाशकारी प्रभाव अब भी दिखा और शत्रुता को बढ़ाने, एक आसन्न युद्ध के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करने देशों के बीच अविश्वास और घृणा के साथ, वहाँ न केवल राष्ट्रों के बीच बल्कि व्यक्तियों के बीच एक मैत्री और सौहार्द के लिए अधिक से अधिक आवश्यकता थी.

इसलिए, अमेरिकी कांग्रेस को मैत्री दिवस और 1935 में एक औपचारिक घोषणा के साथ के रूप में अगस्त के महीने के पहले रविवार को नामित करने का फैसला किया, आधिकारिक तौर पर इस अवसर पर एक दोस्त और दोस्ती के सम्मान में समर्पित अवकाश की घोषणा की. तब से, राष्ट्रीय मैत्री दिवस के समारोह के एक वार्षिक आयोजन बन गया. दोस्ती का खूबसूरत रिश्ते लोगों के साथ पर पकड़ लिया सम्मान, देश भर में विशेष रूप से सभी युवाओं के उदात्त विचार है, और कोई समय में मैत्री दिवस एक बेहद लोकप्रिय उत्सव बन गया.

लेकिन इस अद्भुत अवसर की सफलता के लिए अकेले अमेरिका तक सीमित नहीं किया जा रहा था. समय के साथ, कई अन्य देशों की दोस्ती का कारण करने के लिए एक दिन समर्पित करने की परंपरा को अपनाने में भी यही किया. दोस्तों के सम्मान में एक दिन में होने की सुंदर विचार आनंद से दुनिया भर के कई अन्य देशों द्वारा जीत लिया गया. अधिक से अधिक देशों के समारोहों में शामिल होने के साथ, मैत्री दिवस जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मैत्री दिवस बन गया.

आज, मैत्री दिवस है हर साल कई देशों ने उत्साहपूर्वक मनाया. हर अवसर अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है. पारंपरिक समारोह में शामिल दोस्तों के साथ बैठक की और कार्ड के बदले, फूल और उपहार. कई सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों को भी कार्यक्रमों और मित्रता दिवस मनाते हैं.

यह नोट करने के लिए कैसे कुछ संघों त्योहार अलग अलग नामों दे रही है और यह वास्तविक है कि त्योहार के विपरीत समय में पकड़े द्वारा अलग रिवाज के साथ मैत्री दिवस, निरीक्षण दिलचस्प है.
उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय मैत्री दिवस के पहले रविवार को अगस्त में आयोजित महिला मैत्री दिवस है, अगस्त में तीसरे रविवार को है, मई के तीसरे सप्ताह पुराने दोस्तों, नए दोस्त सप्ताह और फरवरी के पूरे है अंतरराष्ट्रीय मैत्री के रूप में नामित महीने.

1935 में अपनी स्थापना के बाद से, मित्रता दिवस और मैत्री दिवस समारोह एक लंबा सफर तय किया है. लेकिन फिर भी बहुत उत्सव के तरीके बदल गए हैं इस अवसर के पीछे मूल विचार ही रहता है. मित्रता दिवस समय है जब आप अपने जीवन, उनके लिए प्यार व्यक्त करने में अपने मित्रों के योगदान को अपने जीवन में उनकी उपस्थिति पोषण और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित स्वीकार करते रहता है.

आज, मित्रता दिवस विश्व भर में मनाया जा रहा है, विविध संस्कृतियों और सामाजिक वर्गों के पार.

जन्माष्टमी पर चीफ गेस्ट होंगी सन्नी लियोनी, खुद नेताजी ने दिया निमंत्रण



मुंबई। विवादास्पद फिल्म जिस्म-2 की चर्चित नायिका सनी लियोन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में कलह शुरू हो गई है।

एक तरफ पार्टी की वरिष्ठ विधायक विद्या चव्हाण ने फिल्म के अश्लील पोस्टरों के विरोध में आवाज उठाई है तो दूसरी तरफ पार्टी के दूसरे विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी को विशेष निमंत्रण दिया है।

मजे का बात यह है कि फिल्म निर्देशक पूजा भट्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए इसे नेताओं का दोगलापन कहा है। राष्ट्रवादी के ठाणो के विधायक आव्हाड़ अकसर विवादों में रहते हैं। हाल में उन्होंने आदर्श जांच आयोग के सामने अजीबो-गरीब बयान देकर सबको चौंका दिया था।

हर साल उनका संगठन ठाणो में जन्माष्टमी के अवसर पर लाखों के पुरस्कार वाली दही-हांडी का आयोजन करता है। इस बार आव्हाड़ ने कार्यक्रम के दौरान सनी लियोन को आने का निमंत्रण भेजा है। जितेंद्र का कहना है कि मैंने गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी लियोन को बुलाया है।

वैसे पार्टी नेताओं को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर विदेशी नायिका के आने से गोविंदाओं का उत्साह कैसे बढ़ेगा। सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले ही महिलाओं के अधिकारों के लिए बरसों से संघर्षरत विधायक विद्या चव्हाण ने मुंबई के महापौर से मिलकर जिस्म-2 के पोस्टर हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि ऐसे पोस्टरों से नई पीढ़ी पर बुरा असर पड़ेगा और यह नारी प्रतिष्ठा के भी खिलाफ है।

चव्हाण की मांग को महापौर ने गंभीरता से लेते हुए बेस्ट को फौरन बसों से फिल्म के पोस्टर हटाने को कहा। लेकिन राष्ट्रवादी के ही अति उत्साही विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने सनी को युवाओं का प्रेरणास्रोत बताकर पार्टी की किरकिरी कर दी।

राष्ट्रवादी के दो नेताओं की इस भूमिका को फिल्म की निर्देशक पूजा भट्ट ने दोगलापन कहा है। ट्विटर पर की गई टिप्पणी में पूजा ने कहा है कि राष्ट्रवादी की एक विधायक ने जिस्म-2 के पोस्टरों का विरोध किया तो दूसरे ने सनी को दही-हांडी कार्यक्रम में बुलाया।

यह तो दोगलेपन की हद हो गई। परन्तु हम वहां जरूर जाएंगे। इससे यह भी साफ हो गया कि नैतिकता के नाम पर हमारे नेता कैसा व्यवहार करते हैं। इस बीच आव्हाड़ ने सफाई देते हुए कहा है कि मेरे दही-हांडी के कार्यक्रम में गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी को बुलाया है।

जन्माष्टमी पर चीफ गेस्ट होंगी सन्नी लियोनी, खुद नेताजी ने दिया निमंत्रण


मुंबई। विवादास्पद फिल्म जिस्म-2 की चर्चित नायिका सनी लियोन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में कलह शुरू हो गई है।

एक तरफ पार्टी की वरिष्ठ विधायक विद्या चव्हाण ने फिल्म के अश्लील पोस्टरों के विरोध में आवाज उठाई है तो दूसरी तरफ पार्टी के दूसरे विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी को विशेष निमंत्रण दिया है।

मजे का बात यह है कि फिल्म निर्देशक पूजा भट्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए इसे नेताओं का दोगलापन कहा है। राष्ट्रवादी के ठाणो के विधायक आव्हाड़ अकसर विवादों में रहते हैं। हाल में उन्होंने आदर्श जांच आयोग के सामने अजीबो-गरीब बयान देकर सबको चौंका दिया था।

हर साल उनका संगठन ठाणो में जन्माष्टमी के अवसर पर लाखों के पुरस्कार वाली दही-हांडी का आयोजन करता है। इस बार आव्हाड़ ने कार्यक्रम के दौरान सनी लियोन को आने का निमंत्रण भेजा है। जितेंद्र का कहना है कि मैंने गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी लियोन को बुलाया है।

वैसे पार्टी नेताओं को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि आखिर विदेशी नायिका के आने से गोविंदाओं का उत्साह कैसे बढ़ेगा। सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले ही महिलाओं के अधिकारों के लिए बरसों से संघर्षरत विधायक विद्या चव्हाण ने मुंबई के महापौर से मिलकर जिस्म-2 के पोस्टर हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि ऐसे पोस्टरों से नई पीढ़ी पर बुरा असर पड़ेगा और यह नारी प्रतिष्ठा के भी खिलाफ है।

चव्हाण की मांग को महापौर ने गंभीरता से लेते हुए बेस्ट को फौरन बसों से फिल्म के पोस्टर हटाने को कहा। लेकिन राष्ट्रवादी के ही अति उत्साही विधायक जितेंद्र आव्हाड़ ने सनी को युवाओं का प्रेरणास्रोत बताकर पार्टी की किरकिरी कर दी।

राष्ट्रवादी के दो नेताओं की इस भूमिका को फिल्म की निर्देशक पूजा भट्ट ने दोगलापन कहा है। ट्विटर पर की गई टिप्पणी में पूजा ने कहा है कि राष्ट्रवादी की एक विधायक ने जिस्म-2 के पोस्टरों का विरोध किया तो दूसरे ने सनी को दही-हांडी कार्यक्रम में बुलाया।

यह तो दोगलेपन की हद हो गई। परन्तु हम वहां जरूर जाएंगे। इससे यह भी साफ हो गया कि नैतिकता के नाम पर हमारे नेता कैसा व्यवहार करते हैं। इस बीच आव्हाड़ ने सफाई देते हुए कहा है कि मेरे दही-हांडी के कार्यक्रम में गोविंदाओं का उत्साह बढ़ाने के लिए सनी को बुलाया है।

कुरान कोअ संदेश

हाडोती का लाडला राष्ट्रीय कवि धन्नालाल सुमन नहीं रहे ..उनके निधन से हाडोती भाषा को अपुर्नीय क्षति

दोस्तों राजस्थानी भाषा और खासकर हाडोती भाषा के साहित्यकारों के लियें आज काला दिन है उनके लियें बुरी खबर ..अपनी जुबान और सुनहरे अल्फाजों से कोटा में हीं नहीं । राजस्थान में ही नहीं देश भर में हाडोती भाषा और यहाँ की संस्क्रती का प्रचार प्रसार करने वाले प्रसद्ध हाडोती के लाडले कवि धन्नालाल सुमन का आज आकस्मिक निधन हो गया .....आज अचानक धन्नालाल सुमन के निधन से कोटा में ही नहीं हाडोती में ही नहीं राजस्थान और देश भर में शोक की लहर दोड़ गयी ..भाई दिनेश द्विवेदी जी उनके अच्छे मित्र थे उन्होंने जब मुझे यह खबर दी तो में सन रह गया ....बूंदी में जन्मे कोटा में पाले बढ़े धन्ना लाल सुमन हिंदी में एम ऐ थे लेकिन उनका निजी लगाव राजस्थानी और हाडोती भाषा को विकसित करना रस्ज्थानी भाषा को राज्य भाषा का दर्जा दिलाना था ...युवा कल से ही भाई धन्ना लाल सुमन कभी हास्य रस तो कभी वीर रस तो कभी गंभीर काव्य के लियें विख्यात हो चुके थे हाडोती का या राजस्थानी का कोई भी कार्यक्रम हो विशेष कोमेंटटेटर के रूप में सभी मंचों पर उनका कब्जा था ..हाडोती साहित्य और इतिहास की दुर्लभ पांडुलिपियों को सुरक्षित रखना उन पर शोध करवाना उन्हें अच्छा लगता था और इसीलियें उनका साहित्यिक मन ..उन्हें डोक्टर शांति भारद्वाज के नजदीक ले आया और उनकी जिंदादिली ..हाडोती के प्रति समर्पण उनकी विद्धता को देखकर डोक्टर शंतिभार्द्वाज ने उन्हें पहले हाडोती शोध प्रतिष्ठान में सामान्य ज़िम्मेदारी दी और फिर तो धन्नालाल जी एक फूल एक सुमन बन गये ..जी हाँ दोस्तों डोक्टर शांति भारद्वाज की सेवानिव्रती के बाद धन्नालाल जी हाडोती शोध प्रतिष्ठान संस्थान के निदेशक बने और उन्होंने कई कवि सम्मेलन आयोजित करवाए उनकी दर्जनों पुस्तके प्रकाशित हुए सेकड़ों कविताएँ नियमित गई जाती है ..अकी गीत ऐसे है जो हाडोती में गुनगुनाये जाते है ..धन्नालाल सुमन चाहे हाडोती उत्सव हो चाहे कोटा का मेला दशहरा हो चाहे झालावाड उत्सव हो चाहे बारां का स्थापना दिवस हो या फिर बूंदी की कजली तीज या अफिर केशो राय पाटन में माँ चर्मन्य्वती के किनारे चम्बल उत्सव हो सभी कार्यक्रमों के उद्घोषक भाई धन्नालाल जी रहते थे ..इनका अंदाज़े बया कुछ ऐसा था के हज़ारों की भीड़ हो या लाखो लोग हो याफिर सेकड़ों हो सभी मन्त्र मुग्ध होकर इनकी चुटकियाँ सुना करते थे और कार्यक्रम का मज़ा लेते थे ....वर्ष १९९२ में धन्नालाल सुमन तिवारी कोंग्रेस से कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके है ..उन्होंने इस चुनाव में खुद की करारी हर पर भी एक बहतरीन रचना लिखी थी जो आखरी बार उन्होंने प्रेस क्लब के होली गुदगुदी कार्यक्रम में सुने थी ...हाडोती के कोई भी राजपत्र द्स्तावेजत का हिंदी अनुवाद धन्नालाल सुमन ही करते थे और इनके इस कार्य से कोटा बूंदी बरन झालावाड के न्यायालयों में विचाराधीन मुकदमों में काफी मदद मिलती थी ..किशोरपुरा मन्दिर के एक दस्तावेज का हाडोती से हिंदी अनुवाद कर जब इन्होने नगर निगम कोटा के खिलाफ एक मुकदमे में बयान दिए तो महापोर जी का इन्हें कोपभाजन करना पढ़ा और फिर तब से ही धन्नालाल जी को नगरनिगम कोटा ने बदले की भावना से कवि सम्मेलनों में बुलाना बंद कर दिया था ...हाल ही में हाडोती शोध प्रतिष्ठान का कार्यालय अचानक जब अदालत के आदेश से खाली हुआ और ऐतिहासिक पांडुलिपियाँ खुर्द बुर्द की जा रही थी तो इनकी आँखों में आंसू थे और तभी से यह टूट गए थे बस हाडोती की पांडुलिपियाँ फिर से सुरक्षित हो हाडोती भाषा जीवित रहे हाडोती शोध प्रतिष्ठान फिर से स्थापित हो उसका भवन हो उसके कर्मचारी हो इसी कोशिशों में वोह जवान से बूढ़े हो गए और आज इसी सदमे ने उनकी जाना ले ली ...हाडोती में जो पांडुलिपिया खुर्द बुर्द हो रही है अगर उन्हें सुरक्षित कर हाडोती शोध प्रतिष्ठान को फिर से शुरू कर हाडोती भाषा राजस्थान भाषा का मान सम्मान बरकरार रखा जाए तो शायद यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी ......... कहते है कवि ..साहित्यकार..समाजसेवक मरता नहीं संघर्ष करता है और अपने संघर्ष में रोज़ मरता और जीता है कवि चन्नालाल जी भी इसी संघर्ष में रोज़ जीते थे और मरते थे और इसी लियें उनके जाने के बाद भी ऐसा लगता है के उनके मीठे बोल काई हाल छ कटी जार्यो छ आज भी हमारे दिलो दिमाग में जीवित है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

5 को चतुर्थी - सवेरे बोलें यह खास गणेश मंत्र, मिलेगी मनचाही खुशियां

सही वक्त पर और जल्द से जल्द सफलता व बड़ा मुकाम हासिल कर लेना मन, बुद्धि, विवेक और कर्म के बेहतर तालमेल के बूते ही संभव हो पाता है। हिन्दू धर्म मान्यताओं के मुताबिक श्री गणेश की विशेष भक्ति से ऐसे ही शुभ फल मिलते हैं।

इसी कड़ी में चतुर्थी तिथि पर श्री गणेश की प्रसन्नता से सफल व समृद्ध जीवन की कामना पूरी करने के लिए विशेष मंत्र स्मरण का महत्व बताया गया है। जानिए यह मंत्र -

- चतुर्थी तिथि पर सवेरे श्री गणेश की सिंदूर से सजी प्रतिमा की चंदन, सिंदूर, यज्ञोपवीत, दूर्वा, मौली व लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। धूप व दीप लगाकर नीचे लिखे मंत्र का स्मरण विघ्रनाश व सफलता की कामना से कर अंत में श्री गणेश की आरती करें -

प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।

तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।

प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।

अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।

सरल शब्दों मे सार है कि - ऐसे देवता जिनकी पूजा स्वयं ब्रहदेव करते हैं, मनोरथसिद्धि करने वाले, भय हरने वाले, शोक का नाश करने वाले, गुणों के नायक, गजमुख व अज्ञान का नाश करने वाले व उत्साह बढ़ाने वाले वाले शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से मैं सवेरे भजन, पूजन व स्मरण करता हूं।

25 सालों की तपस्या से बना जयपुर का ताजमहल

जयपुर. 25 वर्षों की तपस्या, 15 वर्षों की सोच व सपने और 4 वर्षों की कड़ी मेहनत में तैयार 24 गुना 20 इंच का वंडर-2 ताजमहल। इसमें समाए हैं 4 लाख राजा-महाराजा व सिपहसालार, 2 लाख हाथी व सवार, 2 महीन बॉर्डर पर उर्दू में नाम लिखे 10 हजार ताजमहल, 250 ऐतिहासिक इमारतें। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्या है?

हम बात कर रहे हैं जयपुर के कलाकार नवीन शर्मा की बनाई गई मिनिएचर पेंटिंग हिस्ट्री एंड इनोग्रेशन ऑफ ताजमहल की। इसकी अदभुत शैली को बनाने के लिए शर्मा को वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की ओर से नेशनल अवार्ड के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति अक्टूबर या नवम्बर महीने में देंगे। पुरस्कार में शर्मा को 1 लाख रुपए की नकद राशि, तामपत्र और अंगरखा मिलेगा।

क्या है खा

पेंटिंग में शर्मा ने ताजमहल के इनोग्रेशन इतिहास को दर्शाया है। मुगल बादशाह शाहजहां सफेद हाथी पर सवार होकर आते हैं। दांयीं तरफ बादलों से मुमताज को झांकते हुए दिखाया गया है। सेंटर में बॉर्डर के पास 3 गुना 4 इंच के हिस्से में देश की 250 ऐतिहासिक इमारतें बनी हैं। इसके बाद वाले ढाई इंच के बॉर्डर पर 20 अलग-अलग हिस्सों में ताजमहल की हिस्ट्री को उकेरा गया है।

इसमें शाहजहां-मुमताज की यादों को बारीकी से संजोया गया है। वहीं मुमताज को दफनाना, महल के निर्माण में संगमरमर ढोते मजदूर, अपने अंतिम समय में बेटी जहांआरा के साथ लाल किले के झरोखे से ताजमहल को निहारते शाहजहां और अंत में मुमताज की कब्र के पास दफन शाहजहां के मार्मिक दृश्य को शर्मा ने बखूबी दर्शाया है। शर्मा कहते है इस महीन काम को करने के लिए आखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां खूब खाई। शर्मा ने वर्ष 2006 में इसे बनाना शुरू किया था।

पेंटिंग खरीदने के लिए लगी बोली
राजस्थान सरकार ने 1 करोड़
लंदन म्यूजियम ने 5 करोड़ रुपए
आईआईटीएफ में आर्ट लवर्स ने 20 करोड़

यहां हो चुकी प्रदर्शित
नॉदर्न इंडिया सेंटर ट्रेड फेयर, एनआरआई सम्मेलन, आईआईटीएफ दिल्ली, नीमच ट्रेड फेयर, चंडीगढ़ होटल ताज, जवाहर कला केन्द्र जयपुर।

जीके का बने प्रश्न
आईआईटीएफ में कौन से कलाकार की पेंटिंग ने राजस्थान का नाम रोशन किया था? - नवीन शर्मा
आईआईटीएफ में वंडर 2 ताजमहल पेंटिंग कौन से कागज पर बनी हुई है? - वसली (हस्तनिर्मित)

ताज ग्रुप की प्लानिंग
कलाकार नवीन कहते हैं कि ताज ग्रुप मैनेजमेंट की ओर से इस पेंटिंग की स्कैन कॉपी सभी शाखाओं में लगाने की प्लानिंग चल रही है।

फोटो: सुरेन्द्र सामरिया

मुसलमानों को रोजे नहीं रखने का 'फरमान'


बीजिंग.चीन में मुस्लिमों की धार्मिक आज़ादी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिमों को रोज़ा रखने को लेकर परोक्ष रूप से मना किया गया है। चीन की सरकार का कहना है कि ऐसा स्वास्थ्य कारणों के चलते किया जा रहा है। लेकिन इस कदम के आलोचकों को कहना है कि मुस्लिमों को 'धर्म निरपेक्ष' बनाने की यह कोशिश महंगी पड़ सकती है।

चीन के पश्चिमी प्रांत जिनजियांग में कई शहरों, जिले और गांव की वेबसाइटों पर नोटिस जारी किया गया। इन नोटिसों में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों, सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और टीचरों से रोजा न रखने को कहा गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने सरकारी प्रवक्ता के हवाले से कहा है, 'सरकार लोगों प्रोत्साहित कर रही है ताकि वे पढ़ाई और काम के लिए अच्छा भोजन करें। लेकिन रमजान के दौरान किसी को खाना खाने के लिए जबर्दस्ती नहीं की जा रही है।' गौरतलब है दुनिया भर में मुसलमान 30 दिनों के रमजान के महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं।

दागी सांसदों को बेच दिए सरकार ने हथियार

चंडीगढ़। आम आदमी पर आपराधिक आरोप हो तो उसे हथियार मिलना तो दूर लाइसेंस भी नहीं मिलता। लेकिन, सांसदों के मामले में ऐसा नहीं है। साल 2001 से 2012 के बीच 82 सांसदों ने सरकार से बंदूकें खरीदी। इनमें से 18 के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं। आरटीआई के जरिए यह जानकारी मिली है।

आरटीआई एक्टिविस्ट अंबरीश पांडे ने सांसदों के बंदूकें खरीदने की जानकारी मांगी थी। इसके मुताबिक बंदूक पाने वाले सांसदों में यूपी के अतीक अहमद पर 44 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या और हत्या के प्रयास के छह-छह मामले हैं। उन्हें भी सरकारी बंदूकें बेच दी गईं।

कस्टम विभाग से मिले

कस्टम विभाग जो हथियार जब्त करता है, उसे सांसदों को बेचा जाता है। यदि हथियार प्रतिबंधित है तो केंद्र सरकार से अनुमति लेना जरूरी होता है। कस्टमविभाग ने 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर सांसदों को हथियार बेचे। लाइसेंस होने के बावजूद आम आदमी यह हथियार नहीं खरीद सकता।

'विलेन' बने अन्ना: फूंका गया पुतला, दिग्विजय-शकील ने ली चुटकी

नई दिल्ली.जंतर मंतर पर अनशन खत्म कर राजनीति में कूदने के फैसले को लेकर अन्ना हजारे अब निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और शकील अहमद ने इस पर चुटकी ली है। शकील ने ट्वीट किया है, 'आम तौर पर नेताओं को राजनीति में उतरने के बाद भ्रष्‍टाचार के आरोप झेलने पड़ते हैं, लेकिन टीम अन्‍ना के सदस्‍यों पर पहले ही ऐसे आरोप लग रहे हैं।'

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी ट्विटर के जरिए टीम अन्‍ना पर निशाना साधा है। उन्‍होंने लिखा, 'टीम अन्‍ना को लगता है कि भारत के सभी मतदाता फेसबुक-ट्विटर यूजर हैं।मुझे खुशी है कि उन्‍होंने राजनीति में उतरने का फैसला किया है। अब वह असली भारत की खोज करेंगे।'

भले ही तमाम सर्वे में लोगों ने टीम अन्ना के राजनीति में आने के फैसले का स्वागत किया हो, लेकिन जमीनी तौर पर इसका विरोध ही नजर आ रहा है। अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में भी लोग इसके खिलाफ हैं। अन्ना के करीबी सुरेश पठारे ने कहा है कि अन्ना को राजनीति से दूर रहना चाहिए।

बादल फटने से तबाही: 31 की मौत, लाखों लोग मुसीबत में

नई दिल्ली. उत्तर और पूर्व भारत में बाढ़ का कहर जारी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड में बाढ़ ने कहर बरपाया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के स्वर्णघाट और संगमचट्टी में बादल फटने से 31 लोग पानी में बह गए हैं। मरने वालों में फायर सर्विस के तीन जवान भी शामिल हैं। उत्तरकाशी में बहने वाली अस्सीगंगा और भागीरथी नदी में उफान पर हैं।

अस्सी गंगा के पास सड़क पानी में बह गई। गंगोत्री हाईवे पर गगोरी पुल टूट गया है। आपात स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भागीरथी के किनारे रह रहे लोगों को हटाया है। पातालगंगा के पास चट्टानें गिरने से भी हजारों लोग फंसे हैं। रामनगर में कोसी नदी उफान पर है। राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर यातायात बंद हो गया है। उत्तरकाशी में बिजली गुल है और टेलीफोन लाइन काम नहीं कर रही है।

जबर्दस्त बारिश के बाद उत्‍तराखंड के कई इलाकों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने तबाही मचाई है। गढ़वाल इलाके में सरकार ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। मौसम विभाग ने शनिवार को उत्तराखंड के कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी दी है। पिछले तीन दिनों में जोरदार बारिश से गढ़वाल के चमोली और कुछ अन्य इलाकों में जनजीवन पर असर पड़ा है।
तेज बारिश की चपेट में आकर चमोली जिले के कर्णप्रयाग में एक घर गिर गया। घर के मलबे में दो बच्चे दब गए। इसी जिले के पोखरी इलाके में एक बच्चा फ्लैश फ्लड में बह गया। भू स्खलन के चलते बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों को खासी दिक्कत पेश आ रही है। गढ़वाल के कमिश्नर कुणाल ने बताया, 'ऋषिकेश से ऊपर की यात्रा को दो दिनों के लिए रोक दिया गया है। वहीं, पहाड़ी इलाकों में मौजूद स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। उत्तरकाशी के कई इलाकों में पानी का स्तर नीचे आ रहा है।'
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