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10 अगस्त 2012

कोटा यूआईटी में भी खूब हो रहा भ्रष्टाचार, सजा किसी को नहीं




कोटा. राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जेडीए में भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई तल्ख टिप्पणी के बाद भास्कर ने यूआईटी में भ्रष्टाचार के मामलों की बारीकी से पड़ताल की तो सामने आया की यहां भी जमीनों व सड़क निर्माण आदि के खेल में घोटाले उजागर होने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। एक मामले में तो रिश्वत की दोषी महिला बाबू को भूखंड तक आवंटित कर दिया गया।

सरकारी जमीन व सड़क निर्माण आदि के खेल में कोटा यूआईटी भी पीछे नहीं है। यहां कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा चुका है। एक बिल्डर व पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी में जांच चल रही है। घटिया निर्माण के कारण कुछ इंजीनियरों को हटाया जा चुका है।

शहर में चल रहे विकास कार्यो का सबसे बड़ा हिस्सा यूआईटी के पास है। विभिन्न प्रोजेक्ट पर यूआईटी 1200 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इनमें से डिवाइडरों, पार्को व चौराहों के सौंदर्यीकरण जैसे बड़े प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में हैं। जमीनों के आवंटन व सड़क निर्माण के खेल में घोटाले तो उजागर हुए लेकिन न्यास प्रबंधन ने कार्रवाई आज तक नहीं की। रिश्वत लेते पकड़ी गई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की बजाय यूआईटी उसे भूखंड देकर उपकृत कर रहा है। एक मामले में तो भ्रष्टाचार की कीमत तो दिल्ली के एक ठेकेदार को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। उसकी जान चली गई, लेकिन उसके दोषी जयपुर जेडीए व कोटा यूआईटी के इंजीनियरों को जांच के बाद क्लीनचिट दे दी गई।

पांच इंजीनियरों पर कार्रवाई

शहर में बिजली की केबलों को भूमिगत करने के मामले में ठेकेदार अजय गुप्ता ने यूआईटी के पांच अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में शिकायत दी थी। वीडियो फुटेज की सीडी भी दी गई थी, इसके आधार पर तत्कालीन जेडीए निदेशक एसके पंचौली, अतिरिक्त मुख्य अभियंता वीके गोलछा, एक्सईएन जेडीए जेपी सिंघल, एक्सईएन सीपी विजय व एईएन जेपी शर्मा के खिलाफ तक कार्रवाई की गई थी। दिसंबर-10 में हुए यह मामला अभी भी एसीबी में विचाराधीन है।
हालांकि इसमें से कुछ अधिकारियों को जांच के बाद क्लीनचिट दे दी गई है।

करोड़पति रीडर को मामूली सजा

हाल ही में एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में यूआईटी के ही तहसीलदार के रीडर ताराचंद सिंघल को पकड़ा था। उसके पांच ठिकानों पर छापे मारे गए, जिसमें दो लाख रुपए नकद व जेवरातों के अलावा जमीन-जायदाद मिली थे। इसमें बाबू को केवल तत्कालीन जगह से हटाकर दूसरी जगह लगाने की सजा दी गई है। यह मामला भी एसीबी में विचाराधीन है।

बस एक नर्सरी बची

तलवंडी क्षेत्र में यूआईटी ने कुछ साल पहले नर्सरी के लिए कौड़ियों के दाम भूखंड आवंटित किए थे। यहां अब केवल एक नर्सरी बची है। शेष भूखंडों पर लोगों ने बड़े शोरूम और हॉस्टल बना लिए हैं। अब नगर निगम इन्हें नियमित करने के प्रयास में लगा है। इसी तरह कुन्हाड़ी क्षेत्र में एक बड़े कॉलोनाइजर के साथ मिलकर यूआईटी के पूर्व सचिव ने मूलभूत सुविधाओं के लिए आरक्षित भूखंडों को रिलीज कर दिया था। इस मामले में अब एसीबी जांच कर रही है।

हटा दिया था इंजीनियरों को

डीसीएम क्षेत्र में करोड़ों रुपए की घटिया सड़कें बनाने का मामला उजागर होने पर तीन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
इसमें एक्सईएन एसके सिंघल को उनके विभाग आवासन मंडल में भेजा गया। दो इंजीनियरों को भी हटाया गया। इसमें उन्हें हटाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। सिंघल इस समय आवासन मंडल में कार्यवाहक आवासन आयुक्त हैं।

सजायाफ्ता बाबू को भूखंड

यूआईटी में रिश्वत लेते पकड़ी महिला कर्मचारी ट्रीजा आस्टिन को निलंबित कर दिया गया। इसके बावजूद यूआईटी प्रशासन उस पर मेहरबान रहा। यूआईटी कर्मचारियों को जब भूखंड बांटे गए तो उसे भी आवंटित कर दिया गया। उसने भूखंड लेकर बेच भी दिया। मामला उजागर होने के बाद भी यूआईटी प्रशासन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।


डिवाइडरों के निर्माण पर मचा हल्ला

शहर में डिवाइडर के सौंदर्यीकरण पर 4 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें ठेकेदार प्लानिंग की बजाय मनमर्जी से काम कर रहे हैं। हाल ही में विधायक ने इस मामले में हल्ला मचाया तो यूआईटी ने गुपचुप बैठक कर इंजीनियर्स को जांच के आदेश दे दिए। गुणवत्ता का ध्यान रखने की नसीहत तो दी लेकिन कार्रवाई नहीं की।

अभी कई और भी हैं निशाने पर

यूआईटी में रिश्वत लेने के आरोपी रीडर ताराचंद सिंघल को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी ने न्यास के कुछ दूसरे कर्मचारियों को भी अपनी जांच के दायरे में रखा है। उनके खिलाफ गोपनीय जांच चल रही है। हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया जा रहा। खुलासा होने पर भ्रष्टाचार की और भी परतें खुल सकती हैं।

भ्रष्टाचार की गजब कहानी: घोटाला खुलने के डर से एक दिन में मार दीं 3954 गायें!


जयपुर.प्रदेश में भ्रष्टाचार के इतिहास के एक अजब-गजब और सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। जयपुर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारी हिंगोनिया गोशाला में हजारों गायें दर्शा कर हर महीने 12 लाख रु. का घोटाला कर रहे थे। इस तथ्य के उजागर होने के बाद जब गायों के भौतिक सत्यापन कराने की भनक घोटालेबाजों को लगी तो उन्होंने एक दिन पहले ही 3954 गायों को मृत दर्शा दिया।

गोशाला में 7515 गायों के नाम से सरकारी खजाने से गो-ग्रास उठता रहा। जांच टीम मौके पर पहुंची तो 3921 (एक रिकॉर्ड में 4242 भी) गायें ही मिलीं। छह साल चली इस जांच के बाद एसीबी ने गोशाला के तत्कालीन आयुक्त सांवरमल मीणा, तत्कालीन पशु चिकित्सा अधिकारी कैलाश राव मोढ़े, तत्कालीन प्रभारी महेशकुमार शर्मा तथा अन्य को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अब दोषियों के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है।

सांवरमल मीना 25 फरवरी 2005 से 6 नवंबर 2006 तक गोशाला के तत्कालीन आयुक्त थे। घोटालेबाजों ने महज 10 महीनों में एक करोड़ 21 लाख 50 हजार रु. के चारे के नाम पर सरकारी खजाने को आर्थिक हानि पहुंचाई थी। एसीबी के अनुसार हुआ ये कि हिंगोनिया में नवंबर 2006 में 7515 गाएं थीं, लेकिन दिसंबर 2006 में जब गोशाला में नई कमिश्नर अनुप्रेरणा कुंतल ने अचानक भौतिक सत्यापन कराने को कहा तो एक दिन इनमें से 3594 गायें कम कर दी गईं। इस कमी का कारण बताया गया कि ये सब बीमारी और बुढ़ापे के कारण मर गईं हैं।

एसीबी जांच के अनुसार गोशाला प्रबंधकों ने पशुओं के लिए आने वाले चारे और खाखले के नाम पर नगर निगम को भारी आर्थिक हानि पहुंचाई। गोशाला में गायों को पांच किलो चार हर रोज दिया जाता था। सारा घोटाला इसी नाम पर हुआ। हर गाय को तीन किलो खांखला और दो किलो कुट्टी दी जाती थी। इसलिए गायों की फर्जी एंट्री करके फर्जी उपभोग दिखाकर घोटाला किया गया।

जोड़ो.. हिंगोनिया गौशाला: कब क्या हुआ

मई 2011

जागो जनता सोसायटी ने मई 2011 में हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौत व दुदर्शा को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता एस.आर.सुराणा को मामले में कमिश्नर नियुक्त कर रिपोर्ट मांगी।

13 जून 2012

कमिश्नर ने रिपोर्ट पेश कर कहा कि गौशाला में रोजाना बीस गायें मरती हैं। कमिश्नर ने गायो के उचित रख रखाव के लिए सुझाव दिए।

29 जून 2012

हाईकोर्ट ने गौशाला में अव्यवस्था पर पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव व निदेशक हाजिर होने का निर्देश दिया और दो डॉक्टर व चार कंपाउंडरों की नियुक्ति का निर्देश दिया।

4 जुलाई 2011

हाइकोर्ट ने हिंगोनिया गौशाला के लिए प्रमुख यूडीएच सचिव की अध्यक्षता में निगरानी कमेटी गठित की। साथ ही पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव व निदेशक को निर्देश दिया कि वे हिंगोनिया गौशाला में लगे चिकित्सक व कंपाउंडर को अदालत की अनुमति के बिना नहीं हटाएं, गायों को दवाइयां व चिकित्सा सुविधा नियमित मुहैया कराते रहें और स्वस्थ व अस्वस्थ पशुओं को अलग रखें। निगरानी कमेटी से रिपोर्ट मांगी।

4 अगस्त 2011

हाईकोर्ट ने एसीबी को निर्देश दिया कि वह पिछले दो साल में गौशाला में खर्च हुई राशि की जांच करे और यदि कोई अनियमितता मिले तो एफआईआर दर्ज करे।

15 सितंबर 11

गौशाला से राजमार्ग जाने वाली सड़क से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।

24 नवंबर 11

शहरी विकास सचिव हिंगोनिया गोशाला का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।

8 दिसंबर 2011

हाईकोर्ट ने 108 की तर्ज पर पशुओं की सहायता के लिए 109 एंबुलेंस सेवा शुरू करने का निर्देश दिया। जनवरी में बीएसएनएल को निर्देश दिया कि वह निगम को यह नंबर आवंटित करे।

मई 2012

गौशाला की जमीन पर गायों के लिए हरा चारा उगाने का निर्देश दिया, बिजली की उचित व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश दिया। निगम व बिजली विभाग के अफसरों ने गौशाला में एक महीने में इलेक्ट्रिसिटी, हाईमास्क लाइटें, ऑपरेशन थियेटर में तार लगाने के लिए जनरेटर व बिजली के खंभे लगवाने की कार्रवाई पूरी करने का आश्वासन दिया।

खुलासा: 10 माह में 1.21 करोड़ का घोटाला

3000 गोवंश x 3 किलो खाखला x 30 दिन = 2,70,000 किलो खाखला।

3000 गोवंश x 2 किलो कुट्टी x 30 दिन = 1,80,000 किलो कुट्टी।

खाखला की दर : 250 रु. और कुट्टी की दर : 300 रु. प्रति क्विंटल थी।

निगम को हर महीने 12,15,000 रु. का नुकसान पहुंचाया गया।


इस तरह 10 माह (जनवरी 06 से अक्टूबर 06तक) में घोटाला 12,15,000 x 10 = 1,21,50,000 रु. (एसीबी के अनुसार)

ये दोषी

जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक महावीरप्रसाद जोशी के अनुसार मामले में गोशाला के तत्कालीन आयुक्त सांवरमल मीणा, पशु चिकित्सा अधिकारी कैलाश राव मोढ़े और तत्कालीन प्रभारी महेश कुमार शर्मा मुख्य तौर पर जिम्मेदार हैं।

मैं नहीं जानता कहां गई गायें

गोशाला के तत्कालीन आयुक्त सांवरमल मीणा ने कहा मैं ये नहीं बता सकता 3500 गायें अचानक कैसे कम हो गईं? मुझे किसी ने जिम्मेदार नहीं माना। उस समय गोशाला का काम गोसंवर्धन परिषद नाम का एक एनजीओ देखता था। मेरा क्या लेना-देना।

इससे बेहतर तो..

यह वह राज्य है, जहां पथमेड़ा जैसी विश्व की सबसे बड़ी गोशाला है। इस गोशाला में ढाई लाख गायें हैं। यहां रोज 30 लाख रु. खर्च होते हैं। आज तक घपला नहीं हुआ। हिंगोनिया गोशाला सरकारी है। घोटाला खुलने के बावजूद दोषी खुलेआम घूम रहे हैं।

कुरान का सन्देश

महिला आयोग की राष्ट्रिय अध्यक्ष ममता शर्मा और सांसद इजयराज सिंह ने रोज़े इफ्तार को कोमी एकता का संगम बताया

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ममता शर्मा ने आज कोटा स्थित जंगली शाह बाबा के आस्थाने पर पवित्र फूल पेश कर देश में अमन चेन की दुआ मांगी ...ममता शर्मा आज कोटा सम्भाग वक्फ बोर्ड के संयोजक तबरेज़ पठान और नोजवान कमेटी के अनवर हुसेन द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर आई थीं .......श्रीमती ममता शर्मा ने कहा के आज अजीब संयोग है त्योहारों का संगम है जन्माष्ठमी की पूजा की धूम है तो दूसरी तरफ रोज़े इफ्तार का पवित्र कार्यक्रम है ..उन्होंने कहा के राष्ट्रिय महिला आयोग देश की मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा ...शोषण ..और सामजिक मामलात को लाकर एक बढ़ा कार्यक्रम करने जा रहा है जिसकी शुरुआत कोटा से ही क्या जाना प्रस्तावित रखा गया है ..कार्यक्रम में बोलते हुए कोटा लोकसभा क्षेत्र के संसद इजयराज सिंह जी ने कहा के रोज़ा त्याग ..बलिदान ..तपस्या के संगम का नाम है जो आत्म संयमित करने का नाम है ..इस अवसर पर जमील कादरी ने नत शरीफ पेश की ..कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने किया जबकि कोटा जिला कोंग्रेस अध्यक्ष गोविद शर्मा ..बूंदी के जिला प्रमुख राकेश बोयता ..बूंदी क्रषि उपजमंडी समिति के अध्यक्ष ...प्रदश कोंग्रेस कमेटी के महासचीव पंकज मेहता ..कोंग्रेस के वफाती खान ..वक्फ कमेटी कोटा के हाजी अज़ीज़ अंसारी ..सचिव आबिद हुसेन अब्बासी ..प्रोफ़ेसर मुमताज़ आलम ..डोक्टर ऍन दी पठान ..बरकत भाई ...इमरान भाई ....पार्षद मंजू महरा ...रुखसाना बेगम ....आबिद कागज़ी ..राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के अध्यक्ष एजाज़ खान अज्जू भाई ..हाजी शाहीद मुल्तानी ..जन्ग्लिशाह बाबा मजार के गद्दी नशीं हाजी अज़ीज़ जावा सहित सेकड़ों लोग उपस्थित थे ..कार्यक्रम के अंत में तबरेज़ पठान और अनवर हुसेन ने सभी आगंतुकों को धन्यवाद दिया .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

गुर्दे की बीमारी से पीड़ित साकिब की मदद के लिए देनिक भास्कर की पहल के बाद कई हाथ आगे आये लेकिन अभी दिल्ली दूर है

कोटा में गुर्दे की बीमारी से पीड़ित साकिब के लियें देनिक भास्कर के सहयोग से साकिब पुनर्जन्म समिति के मदद कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आने लागे है ..साकिब को आज अहमदाबाद गुजरात में डॉक्टरों ने चेक आप किया उसका इलाज और गुर्दे प्रत्यर्पण का काम अस्पताल की फ़ीस लगभग पांच छ लाख रूपये एकत्रित होते ही शरू कर दिया जाएगा अभी प्रार्म्हिक इलाज शुरू हो गया है साकिब की पत्नी सबा उर्फ़ रजिया सुलतान और उसके चाचा जाहिद ने देनिक भास्कर की इस मुहीम के लियें भास्कर टीम को अहमदाबाद से धन्यवाद ज्ञापित किया है ...........साकिब की बीमारी के इलाज के लियें कोटा की एक बेटी मनीषा सेन ने तो कमाल ही कर दिया उसने दो दिनों में अपनी सहेलियों के साथ मिलकर लोगों से आठ हजार रूपये इकट्ठे कर डाले है और वोह उसके इस कार्य से अपनी सहेलियों के साथ गदगद है उसका उत्साह है के खुदा सकीब पुनर्जन्म समिति के नाम पर शीघ्र ही इलाज के लायक रक़म जमा करा दे और उसे सह्त्याब कर वापस भेज दे ..............साकिब की मदद के लियें अब तक दो हजार रूपये बेतुल्माल से ..पांच हजार रूपये रावतभाटा की तरफ से गुमनाम व्यक्ति द्वारा दिए गए है ....हामिद भाई पुलिस हेड ने एक हजार रूपये .....आबिद नूर पठान रंगपुर रोड ने ग्यारह हजार रूपये ......अजीमुद्दीन भाई केशव पूरा ने एक हजार रूपये .......सत्तर भाई कबाड़ी छावनी वालों ने इक्कीस हजार रूपये .....हाजी अमीनुद्दीन ने पांच सो रूपये ....मोहम्मद रफ़ीक बेलियम ने एक हजार रूपये हाजी अहमद हुसेन ने एक हजार रूपये महमूद हुसेन ने एक हजार रूपये ....मोहम्मद उस्मान ने पांच हजार रूपये ...निसार अहमद ने तीन हजार रूपये ..गुम्नव व्यक्ति ने दो हज़ार रूपये ...अब्दुल गाणी ने एक हजार रूपये राशेश हथिया ने पच्चीस सो रूपये ....मुश्ताक भाई मिर्चिवालों ने चार हजार रूपये ...मोहम्मद मुश्ताक आर्ट टी ओ वालों ने पांच हजार रूपये प्रोफ़ेसर श्रीमती कमर जहाँ ने दो हजार रूपये जमा करा दिए है ..अभी साकिब को और मदद की जरूरत है इसके लियें देनिक भास्कर फिर से प्रयासरत है ताके लोग अधिक से अधिक मदद के लियें आगे आयें ..साकिब पुनर्जन्म समिति का खाता एरोड्रम घोड़ेवाले बाबा शोपिंग सेंटर स्थित कोर्पोरेशन बेंक में है जिसका सेविंग बेंक अकाउंट नम्बर ०५६६००१०१००८०८४ है और आई एफ आई सी नम्बर कोर्प ००००५६६ हे .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

चंद मिनट में भारत के इस ब्रह्मस्त्र से चीन और पाक होगा खाक!

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बालासोर.ओडिशा तट के पास बंगाल की खाड़ी में व्हीलर द्वीप से गुरुवार को अग्नि-दो मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया गया। मिसाइल सुबह पौने नौ बजे छोड़ी गई। यह परमाणु अ ले जाने में सक्षम है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली है। इसे पहले से ही सेना में शामिल किया जा चुका है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि निर्धारित लक्ष्य के निकट दो पोत तैनात किए गए थे। जिन्होंने मिसाइल के मार्ग से लेकर अंतिम पड़ाव तक इस पर नजर रखी। राडार और इलेक्ट्रो आप्टिकल ट्रैङ्क्षकग सिस्टम स्टेशन ने भी मिसाइल के मापदंडों का निरीक्षण किया। सूत्रों के अनुसार सभी सिस्टम्स ने बेहतरीन तरीके से काम किया और मिसाइल कुछ मीटर के निर्धारित दायरे में लक्ष्य तक पहुंच गई।

1 टन परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता

किमी मारक रेंज

मीटर लंबी

टन वजनी

20

2000

1.6

साकिब को गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए चाहिए मदद


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प्लीज़ इसे शेयर करे और साकिब की मदद के लियें corporation bank ...aerodrm ghodevaale baba shoping center ब्रांच कोटा राजस्थान इण्डिया ke seving bank account 056600101008084 ific code corp.0000566 साकिब पुनर्जन्म समिति के खाते में जो भी मदद हो जमा कराए और इसके लियें लोगों को प्रेरित करें
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कोटा कारीगर के साथ दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 24 साल के साकिब उर्फ सानू की दोनों किडनी खराब होने से परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उसके पिता अब्दुल रसीद व मां आमना बेगम का पहले ही निधन हो चुका है। रंगपुर रोड पर जेपी कॉलोनी की गली नंबर-3 में चाचा जाहिद खान के पास रहने वाले साकिब की निजी अस्पताल में हफ्ते में दो बार डायलिसिस की जा रही है। पत्नी सबा खान अपनी एक किडनी देकर पति की जान बचाना चाहती है, लेकिन प्रत्यारोपण के लिए राशि नहीं होने से उसने शहरवासियों से अपने पति की जान बचाने के लिए मदद करने की गुहार की ...
है।

पिछले दिनों स्टेशन क्षेत्र में उसकी मदद के लिए झोली फैलाकर करीब 1 लाख रु. इकट्ठे किए गए, लेकिन अहमदाबाद के सरकारी किडनी अस्पताल में गुर्दा प्रत्यारोपण पर करीब 4 से 5 लाख खर्च बताया गया है। शहर काजी अनवार अहमद की पहल पर साकिब की जान बचाने के लिए जनसहयोग समिति गठित की गई है, जिसमें शहरकाजी के अलावा डॉ.आरसी साहनी, एडवोकेट अख्तरखान अकेला, समाजसेवी जीडी पटेल व अब्दुल गफ्फार सदस्य बनाए गए हैं। समिति ने युवा साकिब को पुनर्जन्म देने के लिए शहरवासियों से खुलकर मदद देने की अपील की है।
साकिब की किडनी में संक्रमण बढ़ जाने से इन दिनों उसकी तबीयत नाजुक बनी हुई है। ऑपरेशन के लिए आवश्यक राशि का इंतजाम होते ही उसे अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा। मदद के लिए संपर्क करें- 9829086339. प्लीज़ इसे शेयर करे और साकिब की मदद के लियें corporation bank ...aerodrm ghodevaale baba shoping center ब्रांच कोटा राजस्थान इण्डिया ke seving bank account 056600101008084 ific code corp.0000566 साकिब पुनर्जन्म समिति के खाते में जो भी मदद हो जमा कराए और इसके लियें लोगों को प्रेरित करें
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