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11 अगस्त 2012

जिसने दुसरे धर्म का अपमान किया उसे भगवान या खुदा कभी माफ़ नहीं करेगा क्योंकि यह फितना है और फ्तिना फेलाना कत्ल से भी बढ़ा अपराध है

दोस्तों इन दिनों देश में मानसिक रोगियों की संख्या दिन बा दिन बढती जा रही है ..धर्म जो अनुयाइयों को एक दुसरे का आदर ..मान सम्मान ..मदद करना सिखाता है ..त्याग ..बलिदान ..राष्ट्रभक्ति की सीख़ देता है .उसी धर्म की आड़ में कई दिमागी बीमार इन दिनों देश में नफरत फेलाने के प्रयासों में जुट गए है ..एक दुसरे के धर्म का अपमान करना ..अफवाहें फेलाना ..अखबारात .पम्पलेट..सोशल साइटों पर परस्पर धर्मों का मजाक उड़ना यह आम बात होती जा रही है ..जो लोग अधर्मी है उनका तो में नहीं कह सकता लेकिन जो भी धार्मिक प्रव्रत्ति के लोग है और जिन्होंने अपने धर्म को पढ़ा है माना है अपनाया है उनके लियें में कह सकता हूँ के अगर ऐसे धर्म से जुड़े अनुयाइयों ने कोई गलती की है तो उनके खुदा ..अल्लाह भगवान कभी माफ़ नहीं करेगा ....हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो चाहे क्रिश्चियन हो सभी धर्मों में साफ़ लिखा है के किस के धर्म को बुरा मत कहो और फितना फेलाना कत्ल से भी बढ़ कर है ..तो दोस्तों जब धर्म की एक दुसरे के धर्म के सम्मान की सीख़ है तो फिर धर्म के नाम पर नफरत फेलाने और एक दुसरे के धर्म का मजाक उढ़ाने का पाखंड क्यूँ ...............ऐसे लोग जो दुसरे के धर्मों को गालियाँ बकते है .जो लोग एक दुसरे के धर्मों का उपहास मजाक उड़ाते है उन्हें दोज़क और नरक में ही जगह मिल पाएगी इसलियें कहते है दोस्तों अपने धर्म का सही पालन तभी कहलायेगा जब तुम दुसरे के धर्म की इज्ज़त करोगे ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एक सदी पुराने ‘अर्जुन’ को ऑपरेशन के बाद मिली नई जिंदगी!



नई दिल्ली। बाग-बगीचों के शहर दिल्ली में खड़े हजारों वृक्ष वर्षो से इसकी धरोहर का अटूट हिस्सा हैं। बीमारी और संक्रमण से दम तोड़ रहे राजधानी के इन पेड़ों को अब दोबारा नया जीवन दिया जा रहा है।

फंगल इंफेक्शन और कमजोरी की मार झेल रहा लोधी एस्टेट में खड़ा एक सदी पुराना ‘अर्जुन’ ऑपरेशन के बाद अब स्वस्थ है। एनडीएमसी की प्लांट प्रोटेक्शन सेल के इलाज से उसे नया जीवन मिल गया है। लुटियन जोन में ऐसे कई पेड़ हैं जो दशकों पुराने हैं। प्लांट प्रोटेक्शन सेल के इलाज से अब तक ऐसे 115 पेड़ों को जीवनदान मिल चुका है।

सेल के पास बाकायदा एक ट्री-एंबुलेंस है जो किसी बीमार पेड़ की पहचान होते ही उस पेड़ तक पहुंच जाती है। इस कार्यक्रम की शुरुआत मई, 2011 में मुख्यमंत्री आवास के पास जनपथ पर एक फाइगस पेड़ के इलाज से हुई।

शनिवार को कनाडा के दूतावास के बाहर एक पेड़ का इलाज किया गया। लुटियन जोन में लगभग एक लाख बड़े पेड़ हैं। इनमें उम्रदराज पेड़ों की संख्या करीब 10 हजार के आसपास है। अधिकांश उम्रदराज पेड़ फंगल इंफेक्शन, दीमक लगने, पत्तियों और झाड़ों पर कीड़े लगने जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं।

इनके उचित इलाज के लिए देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की सलाह पर ट्री-एंबुलेंस योजना अपनाई गई है। फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट ने कुछ एनडीएमसी कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण भी दिया है। पेड़ों के इलाज में करीब तीन से चार घंटे लगते हैं और इसके लिए सबसे अनुकूल मौसम फरवरी का होता है।

ट्री-एंबुलेंस में क्या है खास

एनडीएमसी उद्यान विभाग के सह निदेशक जितेंद्र कौशिक के मुताबिक एक छोटे ट्रक को एंबुलेंस के रूप में विकसित किया गया है। इसमें पेड़ों के इलाज संबंधी सभी औजार, दवाएं और ड्रेसिंग उपकरण हमेशा तैयार रहते हैं। इसके अगले हिस्से में दो टैंक हैं। एक टैंक में पानी है और दूसरे में इंसेक्टिसाइड और पेस्टीसाइड भरा होता है।

इसकी मदद से करीब 35 से 40 फुट तक के पेड़ की धुलाई की जा सकती है। इसके अलावा इसमें बड़े डालों या तनों को काटने वाले चेन-सॉ का एक सेट, छोटी डालों की कटाई के लिए ट्री-प्रूनर, दवाओं का पेस्ट बनाने वाला मिक्सिंग ट्रे, दवाओं की पूरी आलमारी सहित चिकित्सा दल के बारह सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होती है।

कैसे होती है पेड़ों की सर्जरी

बीमार पेड़ का मुआयना करने के बाद सबसे पहले उस पर दवा छिड़की जाती है। मुख्य तने के खोखले हिस्से में फोम व थर्मोकोल भरकर उस पर जाली लगा दी जाती है और ऊपर से पीओपी का लेप कर दिया जाता है।

प्लांट प्रोटेक्शन सेल के सुपरवाइजर रोहताश शर्मा बताते हैं कि बरसात में पानी से बचाने के लिए उसके ऊपर सीमेंट का लेप किया जाता है और पल्ली बांध दी जाती है।

सर्जरी के बीस दिन तक उसकी निगरानी की जाती है। पेड़ जब अपनी सही अवस्था में आने लगता है तो महीने में एक बार उसकी नियमित जांच की जाती है।

कौन सी बीमारियों से पीड़ित हैं पेड़

माइट : पत्ते से शुरू होने वाली यह बीमारी, पेड़ का विकास एकाएक रोक देती है। मिलिपाउडर : यह कीट कच्चे तने की नमी को सोख लेता है और पेड़ तेजी से सूखने लगता है।

दीमक और फंगस : यह पेड़ों की लकड़ी को खाता जाता है जिससे देखते देखते हरा-भरा पेड़ खोखली हो जाता है। फंगस के लगते ही पेड़ों की लकड़ियां सड़ने लगती हैं।

जिंदगी और मौत से जूझ रहे नरेन्द्र को है मदद की गुहार


जयपुर. हार्ट की बीमारी से पीड़ित गणेश नगर, झोटवाड़ा निवासी 45 वर्षीय नरेन्द्र कुमार पैसे के अभाव में जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है। उनके हार्ट में तीन जगह ब्लॉकेज हैं तथा वे उपचार कराने में असमर्थ हैं।

नरेन्द्र ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार इलाज में करीबन डेढ़ लाख का खर्चा आएगा, जिसमें से 60 हजार रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत हो चुके हैं, लेकिन बाकी पैसे के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है। किसी तरह की कोई सहायता करने वाले व्यक्ति मोबाइल नंबर 8094266609 पर संपर्क कर सकते हैं।

कुरान का संदेश

मुंबई हिंसा पूर्व प्रशिक्षित योजना का हिस्सा तो नहीं

दोस्तों मुंबई में आसाम हिंसा के विरूद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ एक विशेष गुट ने आज योजनाबद्ध तरीके से उत्पात मचाया ..प्रशिक्षित और सोची समझी साज़िश के तहत सच को दबाने के लियें पहले मिडिया और फिर सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया ..अब तक के अलग अलग राज्यों में हिंसा फेलाने वालों की जो भी योजना रही या हमले रहे उसे मिडिया ने अपने कमरे में केद कर जनता को सच दिखाया है और हिंसा फेलाने वाले लोगों से जहां जनता डरा करती थी या उनके वर्ग के लोग उन्हें हीरो समझते थे ..मिडिया के कमरे में उनकी वीभत्स तस्वीर दिखने के बाद वोह जनता के बीच हीरो से जीरो हो गए है ..गुजरात इस बात का प्रमाण है .बस इसीलियें मुंबई में पहले योजनाबद्ध तरीके से मिडिया को निशाना बनाया गया हिंसा का सच जनता तक न पहुंच सके इसलियें यह सब योजना विशेष प्रशिक्षित हिन्साधारी टीम की तरह से कम किया गया ...वेसे इस हिंसा के पीछे जो भी प्रभावशाली लोग होंगे उन्हें बचाने की कोशिश तो की ही जायेगी ..लेकिन मिडिया की तीसरी आँख ऐसे हिंसक लोगों को ज्यादा दिन छुपने नहीं देगी ..वेसे कहावत है के बेगुनाहों का खून सर चढ़ कर बोलता है और आज तक जिसने भी बेगुनाहों का खून किया वोह कभी सुकून से नहीं रहा है और उसकी म़ोत भी कुदरत ने कुत्ते से भी बुरी बनाई है ..इतिहास के आयने में यह सच है और हिंसा करने वाले लोग मिडिया की आँख तोड़ फोड़ का बंद भी कर दें तो कोई देखे न देखे एक तीसरी आँख इश्वर की देख रही है जिसके घर देर है अंधेर नहीं ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रिश्वत लेती कैमरे में कैद हुई कांग्रेस की महिला नेता



जयपुर। बेगू प्रधान रुकमा देवी की रिश्वत लेते हुए सीडी जारी की गई है। सीडी में पांच अलग अलग वीडियो हैं जिनमें रुकमा देवी को पशु खेल टंकी की मंजूरी देने के बदले रिश्वत का पैसा लेते और नोट गिनते हुए दिखाया है। प्रधान की यह सीडी बेगू के वार्ड 9 से कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य बगदी चंद शर्मा ने शनिवार को जयपुर में मीडिया के सामने दिखाई। शर्मा की शिकायत पर 9 अगस्त को बेगू प्रधान के पति हीरालाल रैगर को प्रधान के चैंबर में एसीबी ने 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
प्रधान और प्रधानपति हर काम में करते हैं 10 प्रतिशत कमिशन की मांग :
बगदी चंद शर्मा ने प्रधान की रिश्वत लेते हुए सीडी जारी करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बेगू प्रधान रुकमा और उनके पति हीरालाल विकास कार्यों की मंजूरी के बदले हर सदस्य से 10 प्रतिशत कमिशन की मांग करते हैं। मैंने पहले तो अपने क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए रिश्वत दी लेकिन हर बार यह सिलसिला बन गया तो एसीबी में शिकायत की जिसके बाद प्रधानपति को एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।



मुझे धमकियां मिल रही हैं, प्रधान और उनके पति को मिल रहा है राजनीतिक संरक्षण : शर्मा
प्रधान पति को एसीबी से ट्रेप करवाने वाले कांग्रेस नेता बगदी चंद शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधान पति को ट्रेप करवाने के बाद अब उन्हें एसी एसटी के मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकियां मिल रही है। प्रधान पति के भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने के बाद अब प्रधान रुकमा देवी को भी तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और पार्टी से निकाला जाना चाहिए। प्रधान को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है।
प्रधान की सीडी से गरमाई कांग्रेस की राजनीति :
बेगू प्रधान पति के एसीबी से ट्रेप होने और प्रधान की सीडी जारी होने के बाद कांग्रेस की राजनीति गरमा गई है। शर्मा और बेगू के कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को सीडी और पत्र भेजकर प्रधान को कांग्रेस से निकालने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि बेगू प्रधान रुकमा देवी ने पिछले दिनों संसदीय सचिव और बेगू के कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी पर प्रधान बनाने के बदले पैसा लेने का आरोप लगाया था।

चंबा सड़क हादसे में 52 की मौत,विधायक की कार के शीशे तोड़े




धर्मशाला।जिला चंबा में निजी बस के गहरी खाई में गिरने से 52 यात्रियों की मौत हो गई है। चालीस से ज्‍यादा यात्री घायल है। बस में 92 यात्री सवार थे।घायलों में भी कइयों की हालात गंभीर है।
दुलाड़ा से चंबा की ओर आ रही बस चंबा से दस किलोमीटर दूर गागला गांव के समीप शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे 200 फीट गहरी खाई में लुढ़क गई।
मारे गए यात्रियों की अभी तक शिनाख्त नहीं हुई है। ग्रामीणों की सहायता से पुलिस व होमगार्ड के जवानों ने 45 शवों को निकाल लिया है। जिला प्रशासन ने चिकित्‍सकों की एक टीम को दुर्घटनास्थल पर ही अस्थायी कैंप स्थापित कर शवों के पोस्टमार्टम करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
मौके पर पहुंचे भाजपा विधायक बी के चौहान को भीड़ के गुस्‍से का शिकार होना पड़ा और भीड़ ने उनकी कार के शीशे तोड़ दिए व नारेबाजी की । लोगों ने कहा कि यहां के लिए एक ही बस है। सरकार से बस सेवा शुरू करने की मांग एक अरसे से की जा रही है लेकिन मांग को अनसुना किया जा रहा है।
डीसी चंबा सुनील चौधरी व एसपी कुलदीप शर्मा के नेतृत्व में जिला प्रशासन दुर्घटना स्थल पर राहत व बचाव कायों में जुटा हुआ है। एचआरटीसी चंबा के आरएम बीएस ठाकुर ने बताया कि भारी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों और मणिमहेश यात्रा पर गए श्रद्धालुओं में दुर्घटना को लेकर रोष है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त बस की छत पर भी यात्री सवार थे। बस कंडक्‍टर व छत पर बैठे कुछ सवारियों ने छलांग लगाकर जान बचाने का प्रयास किया था, लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली।
मिंजर मेले के अंतिम दिन खरीददारी के लिए जा रहे थे ग्रामीण

दुर्घटना में मारे गए अधिकतर यात्री मिंजर मेले के अंतिम दिन साल भर की खरीददारी के लिए चंबा जा रहे थे। प्रसिद्ध मिंजर मेले के अंतिम दिन हर वर्ष चंबा में खरीददारी के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ उमड़ती है। शनिवार को भी मिंजर मेले में खरीददारी का अंतिम दिन था, जिसके चलते कई ग्रामीण क्षेत्रों के लोग साल भर की खरीददारी के लिए सुबह सवेरे दुलाड़ा गांव से चली इस बस में सवार होकर चंबा आ रहे थे कि गागला के समीप बस का अगला टायर खुलने से बस 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी।

खस्ताहाल थी दुर्घटनाग्रस्त बस
दुलाड़ा से चंबा के लिए एकमात्र निजी बस सेवा होने के चलते बस में प्रतिदिर ओवरलोडिंग होती थी। शनिवार को इस बस में दुर्घटना के समय 100 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें से 8 से 10 यात्री जो बस के पीछे लटके थे, बस के खाई में गिरने से पहले ही छलांग लगाकर बच निकले। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 35 सीटर बस खस्ताहाल थी। जिसके चलते यह दुर्घटना घटित हुई। जिला प्रशासन ने दुर्घटना में मारे गए मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपए तथा आंशिक रूप से घायलों को 10-10 हजार रुपए की फौरी राहत प्रदान करने की घोषणा की है।

मुंबई में रेड अलर्ट, हिंसा में दो की मौत



मुंबई. शनिवार को दिल्‍ली और मुंबई में जनता सड़कों पर उतर आई। दिल्‍ली में जहां रामदेव के नेतृत्‍व में रामलीला मैदान में लोग शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, वहीं मुंबई में सरकार विरोधी भीड़ हिंसक हो गई। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में करीब 25000 लोग जुटे थे। वे असम और म्‍यांमार में हुई हिंसा का विरोध कर रहे थे। लेकिन उनमें से कुछ लोग अचानक हिंसक हो गए। उन्‍होंने मीडिया और पुलिस की गाडि़यों में आग लगा दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर एक घंटे के भीतर ही हिंसा को काबू में कर लिया।

भीड़ ने मैदान से बाहर निकलकर पहले रास्ता रोकने की कोशिश की और उसके बाद कई गाड़ियों को आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। मुंबई पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों के जवानों को भी बुलाया गया। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए फायरिंग भी की। पुलिस फॉयरिंग में दो लोगों की मौत की खबर है। फिलहाल स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में कर लिया गया है।

मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक ने कहा, 'मामला बहुत संगीन था, बाल-बाल बचे हैं। अगर पुलिस ज्यादा फोर्स इस्तेमाल करती तो मामला और ज्यादा भड़क सकता था। मैं लोगों से अपील करता हूं किसी भी तरह की अफवाहों पर न जाए।'

अरुप पटनायक ने कहा, तीन बजे तक हालात बिलकुल सामान्य थे। सवा तीन बजे के आसपास कुछ हुड़दंगियों ने हिंसा की जिसके बाद हालात बिगड़ गए। हालांकि शाम साढ़े पांच बजे के करीब प्रदर्शकारियों के लौटते वक्त फिर से कुछ हुड़दंग हुआ जिसमें हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक जवान की हालत गंभीर है। फिलहाल स्थिति को देखते हुए मुंबई में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।'


भीड़ ने चार न्‍यूज चैनलों के ओवी वैन जला दिए। दो फोटोग्राफर गंभीर रूप से घायल हुए हैं। कुछ रिपोर्टर भी घायल हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक घटना के बाद कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। घटना की जांच मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम को दे दी गई है।

तिरंगा ऊँचा रहे सदा हमारा ..और इंशाल्लाह हमारा तिरंगा सदा ऊँचा ही रहेगा लेकिन इसके लियें हमे थोडा खुद को बदलना होगा संयमित करना होगा

तिरंगा ऊँचा रहे सदा हमारा ..और इंशाल्लाह हमारा तिरंगा सदा ऊँचा ही रहेगा लेकिन इसके लियें हमे थोडा खुद को बदलना होगा संयमित करना होगा ............कल मेरे एक मित्र जिनका निजी स्कूल है उन्होंने मुझस से उनके स्कूल में स्वतन्त्रता दिवस का झंडा फहराने के लियें किसी वी आई पी के बारे में जानना चाहा ......मेने अपने अंदाज़ में इन जनाब को दो टुक शब्दों में कहा के भाई यह तिरंगा है हमारी और हमारे देश की आन , बान ,शान है .....क्यों किसी बेईमान ..कामचोर ..भ्रष्ट व्यक्ति से इस तिरंगे का अपमान करवाते हो ..मेरा सुझाव था के अगर इस तिरंगे का सम्मान ही रखना है तो भाई देश में और तो कोई मिलना असम्भव सा लगता है इसलियें किसी मासूम बच्चे से ही इस तिरंगे की शान के मुताबिक तिरंगा फहरवाया जाकर इस तिरंगे को अपमानित होने से बचाया जाए सही भी है आप देखिये निजी स्कूलों प्रतिष्ठानों ..विधानसभा ..संसद या कहीं भी कोई बेदाग़ व्यक्ति नहीं हो जो तिरंगा फहराने का काम करता हो ...................खेर मेरे इस मित्र ने मेरी बात नहीं मानी हाँ हाल ही में टेक्स चोरी ..और मिलावट के मामले में गिरफ्तार होकर जमानत पर छूटे एक सफेद पोश व्यापारी को इन जनाब ने अपने स्कूल में तिरंगा फहराने के लिए चुना है ..खेर कोई बात नहीं अपनी अपनी समझ की बात है लेकिन में सोचने लगा मेने देखा के पिछले दस सालों में तिरंगे के प्रति लोगों का उत्साह तो बढ़ा है लेकिन उसके सम्मान में कमी आई है ..उसकी मर्यादाएं भंग की जाने लगी है ..स्वतन्त्रता दिवस के दिन स्कूलों में बच्चों के हाथों में छोटे छोटे एक एक रूपये वाले तिरंगे प्लास्टिक के होते है ..बच्चों के यह तिरंगे हाथ में तो होते है लेकिन उन्हें इसका मोल ..इसका इतिहास .इसके मान सम्मान के बारे में नहीं बताया जाता है नतीजा यह होता है के वोह इसे खेल की चीज़ समझते है और थोडा खेलते है फिर कचरे में डाल देते है ..अआप देखिये सोला अगस्त की सुबह और पन्द्रह अगस्त की शाम को इसी तिरंगे को लोग कचरा समझ कर सडकों पर फेंक देते है जबकि गीता ..रामायण ..और कुरान की आयतों की तरह इन तिरंगों को सहजने की सीख़ अगर हम बच्चों को दें तो वोह इसका मान सम्मान कर सकेंगे और फिर तिरंगे कचरों में मिलना बंद हो सकेंगे ..इतना ही नहीं दोस्तों किसी भी लाइसेंस के लिए हमे अपने करेक्टर ..और अपराधिक रिकोर्ड की जाँच के कड़े दोर से गुज़ारना पढ़ता है लेकिन तिरंगा फहराने का हक हम जिसे देते है वोह व्यक्ति भ्रष्टाचारी भी होता है ..अनाचारी भी होता है ...अपराधी भी होता है ..बलात्कारी भी होता है और अपने नापाक हाथों से तिरंगा फी फहराता है और सलामी भी देता है क्या ये सब जायज़ है क्या इसके लिये कोई कायदा कोई नियम नहीं बनना चाहिए किया तिरंगे के मान सम्मान के मामले में जो फ्लेग कोड बना है उसमे संशोधन नहीं होना चाहिए ..क्या तिरंगे के मान सम्मान के बारे में बच्चों की प्राइमरी की किताबों में अलग से सीख़ देने वाले लेख कोर्स में नहीं होना चाहिए ..अगर हाँ तो फिर जनाब आज से ..आज से ही क्यूँ अभी से ही इस मामले में आप सभी मुहीम शुरू करे ..अख़बारों में लेख लिखे ..टी वी में प्रचारित करे ..इंटरनेट ..फेसबुक पर रचार करें और हो सके तो अपने अपने इलाकों में कोई घोषित अपराधी तिरंगे को सार्वजनिक स्थान पर फहराने की बात करे तो उसे अदब से रोकें निजी स्कूलों में जाकर कहें के बच्चों से जो तिरंगे मंगवाए जाते है वोह हिफाज़त से इकट्ठे करवाकर तहजीब से नष्ट करने गलियों के कूड़े कचरे में न फिक्वायें .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अन्ना बाबा अगर प्रायश्चित कर अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त मोडल जिला बनाये तो फिर से वोह खोयी प्रतिष्ठा प् सकते है

अन्ना बाबा ..जी हाँ गाँधीवादी अन्ना बाबा ....वही अन्ना बाबा जिन्होंने सोलाह महीने से देश के बच्चे बचे और बूढों जवानों को बेहिसाब मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाए थे लेकिन सिर्फ और सिर्फ मिडिया के जरिये खुद को महिमा मंडन करवाया देश के लियें कुछ नहीं किया .....हालात यह रहे के देश के नोजवानों और एक सो इक्कीस करोड़ लोगों के सोलाह महीने और करोड़ों करोड़ रूपये हमारे अन्ना जी ने बर्बाद कर दिए भाई उनकी लड़ाई में जनता को धोखा और उन्हें नतीजे में सिफर यानि जीरो मिला है ..अन्ना अब जनता से मुंह छुपा रहे है ..नई नयीं खबरें लीक करा रहे है लेकिन दोस्तों अगर अन्ना वाकई अन्ना है और जो उनके बारे में कहा जाता रहा था वेसे ही अन्ना है तो अब उन्हें जनता के साथ किये गए विश्वासघात के लियें प्रायश्चित करना चाहिए ... जी हाँ दोस्तों छोटे मुंह बढ़ी बात है लेकिन अन्ना के आन्दोलन से भ्रष्टाचारियों पर कोई फर्क नहीं पढ़ा और तो और लाखों की भीड़ में अन्ना के समर्थकों में भी भ्रष्टाचारी साथी बने खड़े दिखे है ऐसे में अन्ना को बढ़ी लड़ाई छोड़ कर ..सियासत और कोंग्रेस भाजपा और सत्ता का सुख भोगने की तमन्ना छोड़ कर कोशिश करना चाहिए के रालेगांव की तरह पहले कोई भी एक मोडल जिला चुने ..जी हाँ अन्ना हिंदुस्तान का कोई भी ऐसा जिला चुन लें जहाँ वोह जाये उनकी टीम जाए और घर घर जाकर समझाईश करे वोह कोशिश करें के जिस जिलों को भी वोह मोडल जिला बनाने के लियें चुने उस जिले में कोई भी जन प्रतिनिधि ..कोई भी विधायक ..संसद ..मंत्री ..कलेक्टर ..कर्मचारी ..अधिकारी ..पत्रकार ..न्यायिक अधिकारी ..व्यापारी कोई भी हो सभी इमादारी से काम करें दफ्तरों का हाल ऐसा हो के वहां बिना किसी रिश्वत और सिफारिश के प्राथमिकता के आधार पर सभी के काम हो नोकरशाही खत्म हो कर्मचारी गवर्मेंट सर्वेंट के स्थान पर पब्लिक सर्वेंट बनकर काम करता दिखे ...पुलिस अनुशासित हो ईमानदार हो ....नेता जनता के सेवक बनकर काम करें ..राजनितिक दल सियासत कम और जनता की सेवा का काम करें ......जो गुमराह नोजवान ..गुमराह लोग जो अपराधी बन गए है वोह अपराध छोड़े ..शराब ...जुआं ..सट्टा ....नशा ..दहेज़ ..फ़िज़ूल खर्ची खत्म हो ऐसा एक जिला केवल एक साल की अन्ना की इमानदारी से की गयी महनत से बन सकता है ..आज के इस माहोल में अन्ना ने देश के सामने अपनी मान प्रतिष्ठा जी खोई है अगर वोह चाहें तो किसी भी एक जिले को चुन कर इस देशा में काम करे और एक साल दो साल में सम्बंधित जिले को अपराध मुक्त..भ्रष्टाचार मुक्त ..मिलावट मुक्त ..मुनाफाखोर मुक्त , अत्याचार मुक्त ..नशा मुक्त ..भाईचारा और सद्भावना मुक्त करके दिखाए और यह काम देश में अगर कोई कर सकता है तो वोह सिर्फ अन्ना और अन्ना ही कर सकते है और यही उनके लियें देश की जनता के साथ किये गए धोखे का प्रायश्चित होगा अगर उन्होंने एक जिले को सुधार तो फिर दुसरे जिले राज्य और फिर देश सुधरने लगेगा .उनकी यह आवाज़ यह मोडल उन्हें फिर से ठग से गांधी बना देगा ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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