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18 अगस्त 2012

बर्मा म्यामार क्या है
















































कुछ सरकारें यांगून को देश की राजधानी के रूप में मान्यता देती हैं।
इस देश के अनुमान में एड्स से मरने वाले लोगों की संख्या को भी ध्यान में रखा गया है, जिससे जीवन प्रत्याशा में कमी, बाल मृत्यु दर में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धिदर में कमी और आबादी की आयु और लिंग में परिवर्तन के वितरण में परिवर्तन नजर आता है।

म्यान्मार या म्यांमार जम्बुद्वीप (एशिया) का एक देश है। इसका भारतीय नाम ब्रह्मदेश है। इसका पुराना अंग्रेज़ी नाम बर्मा था जो यहाँ के सर्वाधिक मात्रा में आबाद नस्ल बर्मी के नाम पर रखा गया था। इसके उत्तर में चीन, पश्चिम में भारत, बांग्लादेश एवंम् हिन्द महासागर तथा दक्षिण एवंम पूर्व की दिशा में इंडोनेशिया देश स्थित हैं। यह भारत एवम चीन के बीच एक रोधक राज्य का भी काम करता है। इसकी राजधानी नाएप्यीडॉ और सबसे बड़ा शहर देश की पूर्व राजधानी यांगून है, जिसका पूर्व नाम रंगून था।


: बर्मा के नाम

बर्मी भाषा में, बर्मा को म्यनमाह ( ြမန်မာ ) या फ़िर बामा ( ဗမာ ) नाम से जाना जाता है। ब्रिटिश राज के बाद इस देश को अंग्रेजी में बर्मा कहा जाने लगा। सन् १९८९ मे देश की सैनिक सरकार ने पुराने अंग्रेजी नामों को बदल कर पारंपरिक बर्मी नाम कर दिया। इस तरह बर्मा को म्यान्मार और पूर्व राजधानी और सबसे बड़े रंगून को यांगून नाम दिया गया।

बर्मा का भूगोल

बर्मा दक्षिण पूर्व एशिया का सबसे बड़ा देश है, जिसका कुल क्षेत्रफ़ल ६,७८,५०० वर्ग किलोमीटर है। बर्मा विश्व का चॉलीसवां सबसे बड़ा देश है। बर्मा की उत्तर पश्चि्मी सीमाएं भारत के मिज़ोरम, नागालॅण्ड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश के चिटगॉव प्रांत को मिलती है। उत्तर मे देश की सबसे लंबी सीमा तिब्ब्त और चीन के उनान प्रांत के साथ है। बर्मा के दक्षिण-पूर्व मे बर्मा लाओस ओर थाईलैंड देश है। बर्मा की तट रेखा (१,९३० किलोमिटर) देश के कुल सीमा का एक तिहाई है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर देश के दक्षिण पश्चि्म और दक्षिण में क्रमशः पड़ते है। उत्तर में हेंगडुआन शान पर्वत चीन के साथ सीमा बनाते है।

बर्मा में तीन पर्वत शृंखलाएं है जो कि हिमालय से शुरु होकर उत्तर से दक्षिण दिशा मे फ़ैली हुई है। इनका नाम है रखिने योमा, बागो योमा और शान पठार। यह श्रृंखला बर्मा को तीन नदी तंत्र मे बांटती है। इनका नाम है ऎयारवाडी, सालवीन और सीतांगऎयारवाडी बर्मा कि सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई २,१७० किलोमीटर है। मरतबन की खाड़ी मे गिरने से पहले यह नदी बर्मा के सबसे उपजाऊ भुमि से हो कर गुजरती है। बर्मा की अधिकतर जनसंख्या इसी नदी की घाटी मे निवास करती है जो कि रखिने योमा और शान पठार के बीच स्थित है।

देश का अधिकतम भाग कर्क रेखा और भूमध्य रेखा के बीच मे स्थित है। बर्मा एशिया महाद्वीप के मानसून क्षेत्र मे स्थित है, सालाना यहॉ के तटिय क्षेत्रों में ५००० मिलीमीटर, डेल्टा भाग में लगभग २५०० मिलीमीटर और मध्य बर्मा के शुष्क क्षेत्रों में १००० मिलीमीट वर्षा होती है।

बार-बार लौटकर आने वाली खुशी है ईद


यूं तो रमजान का पूरा महीना रहमत, मगफिरत और नर्क से छुटकारे का है, लेकिन जो लोग शराबी हैं, माता-पिता का कहना नहीं मानते हैं, आपस में लड़ते हैं और दिल में कीना रखते हैं, उनकी इस महीने में भी मगफिरत व बख्शिस नहीं होती है। हर्ष के मैदान में रोजेदारों को पुकार कर कहा जाता है कि उठो और जन्नत के आठ दरवाजों में से एक खास दरवाजे [रैय्यान] से जन्नत में दाखिल हो जाओ। यह वह दरवाजा है जिसमें मगफिरत व बख्शिस नहीं दिए जाने वाले प्रवेश नहीं कर सकते हैं।

रमजान वो महीना है जिसमें इंसानों की सारी मनुष्यता के लिए हिदायत बनाकर रौशनी हासिल करने के लिए कुरान नाजील फरमाया गया है। कुरान वो किताब है जिसके द्वारा इंसान सच और झूठ में, न्याय और अन्याय में, हक व बातिल में, कुर्फ में इमान में, इंसानियत और शैतानियत में फर्क करना सीखते हैं। रमजान के अंदर अल्लाह की तरफ से तमाम मुसलमानों के ऊपर रोजा फर्ज किया गया है। कुराण कहता है-ऐ इमान वालों, तुम पर जिस तरह रोजा फर्ज किया गया है ठीक उसी तरह उन्मतों पर भी रोजा फरमाया गया है ताकि तुम परहेजगार बन सको। रमजान का सबसे अहम अमल रोजा है। सूर्योदय के पूर्व से सूर्यास्त होने तक अपने बनाने वाले अल्लाह की एक इच्छा के अनुसार जायज खाने-पीने से और दिल की ख्वाइश से बच-बचाकर इंसान यह अभ्यास करता है कि वे पूरी जिंदगी में अपने अल्लाह के कहने के मुताबिक ही चले।

रमजान में रोजे के साथ-साथ रात में मुसलमान रोजाना तराबीह की बीस रकत नमाज में पूरा कुरान सुनते हैं। ये दुनिया भर की हर मज्जिद में अमल सुन्नत जानकर अदा की जाती है। इसकी फजीलत हदीस में आई है कि जो ईमान व ऐहतसाब के साथ ये नमाज तरबीह की अदा करेगा उसके पिछले तमाम गुनाहों को माफ कर दिया जाता है।

आमतौर पर आम मुसलमान ईद की पूर्व रात को चांद की रात के नाम से जानते हैं लेकिन कुरान में इस रात की बड़ी अहमियत होती है। हदीस के अनुसार इसका अर्थ है कि फरिश्ते आसमान पर इस रात को बातें करते हैं कि लैलतुल जाइजा [इनाम की रात] यानी पूरे रमजान जो अल्लाह के बंदों ने दिनों में रोजा रखकर और रातों में तराबीह पढ़कर अपने अल्लाह का हुकूम पूरा किया है, आज की रात उन्हें इनाम और बदले में अल्लाहताला उनकी बख्शिस व मगफिरत फरमाता है।

ईद अरबी शब्द है जिसका अर्थ है कि बार-बार लौटकर आने वाली खुशी। ईद में दो रकत नमाज वाजिब शुक्राने के तौर पर तमाम मुसलमान अदा करते हैं। वैसे मुसलमान से अल्लाहताला खुश हो जाते हैं और रमजान के दौरान अच्छी तरह नमाज अदा करने वाले रोजदार को अल्लाहताला से रजा व खुशी हासिल हो जाती है। इसी शुक्राने में ईद की नमाज अदा की जाती है। ईद वाले दिन सदक-ए-फितर हर साहिबे हैसियत मुसलमानों पर वाजिब है। अपने तमाम घर वालों की तरफ से पौने दो किलो गेहूं या उसकी कीमत के बराबर रकम गरीब, मिस्कीन, नादार में तकसीत कर दें ताकि हर मुसलमान खुशी और मुसर्रत के साथ ईद की खुशियों में अपना हिस्सा भी हासिल कर सकें। ईद के दिन आसमान में फरिश्ते आपस में बातें करते है कि अल्लाह ताला ने सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की उम्मत के साथ क्या मामला किया? उन्हें जबाव मिलता है, मेहनत करने वाले को उनकी पूरी-पूरी मजदूरी दे दी जाती है जो अल्लाह की रजा व खुशनुदी की शक्ल में उस दिन लोगों को अता की जाती है।

पूरे महीने के रोजे के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करने और अपनी अदा अजरत अल्लाहताला से लेने के लिए ईद की नमाज अदा की जाती है क्योंकि अल्लाह ईद के दिन सारे रोजदारों की मगफिरत फरमाकर निजात का परवाना अताए फरमाता है। ईद की नमाज हमारे रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की सुन्नत है और हमसब पर वाजिब है। इस दिन एक दूसरे से मुहब्बत व प्यार एवं कौमी मकजहती और खुशी का इजहार किया जाता है।

[प्रस्तुति-ब्रजेश नंदन माधुर्य]

आधुनिक मशीन से होगी रेटिना की सर्जरी



कोटा. आंख के परदे (रेटिना) के जटिल ऑपरेशन दुनिया की सर्वश्रेष्ठ मशीन ‘लाइका इलेक्ट्रोमैग्नेटिक 822’ माइक्रोस्कोप से अब कोटा में हो सकेंगे। शहर के नया नोहरा स्थित डीडी नेत्र सेवा फाउंडेशन सुपर स्पेशलिटी संस्थान में इस अत्याधुनिक मशीन से रेटिना सर्जरी की जाएगी।

निदेशक डॉ.डीडी वर्मा ने बताया कि मेट्रो शहरों में रेटिना ऑपरेशन पर 70 हजार से 1.50 लाख तक खर्च आता है, लेकिन यहां शंकरा आई हॉस्पिटल, बैंगलूर के रेटिना विशेषज्ञ डॉ.प्रदीप टेकवानी की नियमित सेवाएं मिलने से जटिल ऑपरेशन भी 25 से 30 हजार रुपए में हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि 7 दिनों से मुंबई सहित कई शहरों से रेटिना के रोगी यहां आने लगे हैं।

आंख में रक्त जमने की सर्जरी भी

संस्थान ने राज्य की पहली अमेरिकन एक्यूरस व्रिटेक्टोमी मशीन आयात की है, जिससे आंख में जम हुए रक्त और परदे में आई झिल्ली को काटा जाता है। आंख में सिलिकॉन ऑयल इंजेक्ट करके सर्जरी की जाती है। यहां 5 साल से ओ. सीटी मशीन फ्लोरोसिस एंजियोग्राफी फंडस कैमरा व रेटिना लेजर जैसी आधुनिक सर्जरी भी की जा रही है।

ऐसे काम करता है लाइका माइक्रोस्कोप

स्विटजरलैंड की कंपनी ने 6 माह पहले अमेरिका में इसे लांच किया है। 40 लाख की लागत वाली इस अत्याधुनिक कंप्यूटराइज्ड मशीन से दो लाइटें आती हैं जिससे रोगी का आंख का परदा हू-ब-हू व बड़ा दिखाई देगा। विशेषज्ञ रेटिना के जिस हिस्से को बारीकी से देखना चाहते हैं, सर्जरी के दौरान उसे बटन दबाते ही फ्रीज किया जा सकेगा। इसमें रोटे टेबल माइक्रोस्कोप से रेटिना के दांई व बांयी ओर भी अच्छी तरह देखा जा सकता है। एडवांस फंक्शन होने से विशेषज्ञ को रेटिना 25 से 30 फीसदी बेहतर नजर आएगा।

4 फीट की बर्फी, 2 फीट के घेवर से लगा मथुराधीशजी छप्पनभोग


कोटा. 25 साल बाद किशोरपुरा के छप्पनभोग (प्रथमेश नगर) परिसर में शनिवार शाम वल्लभकुल संप्रदाय का सबसे बड़ा मनोरथ यानी बड़ा छप्पनभोग महोत्सव मनाया गया। वृंदावन के विशेष फूलों से सजे-धजे मंच पर छप्पनभोग के समक्ष स्वर्ण हाटड़ी में भगवान मथुराधीशजी के दर्शन हुए।

हवेली गायन पद्धति पर गूंजते प्रभु भजनों के बीच इस मनोरथ को देखने शहर उमड़ पड़ा। भीड़ इतनी थी कि मुख्य द्वार से अंदर आने वालों को बाहर निकलने में आधे घंटे से ज्यादा समय लगा। दर्शनों के लिए किशोरपुरा आशापुरा मंदिर तक 4 लाइनों में महिलाएं-पुरुष थे। छप्पनभोग का पूरा आयोजन वल्लभकुल संप्रदाय के प्रथम पीठाधीश्वर गोस्वामी श्रीविट्ठलनाथजी (श्रीलालमणि) के पुत्र प्रथम पीठाधीश्वर मिलन बाबा के सानिध्य में हुआ। सांसद इज्यराजसिंह भी दर्शन के लिए पहुंचे। यहां रविवार शाम फूलबंगला के दर्शन होंगे। इसके बाद ठाकुरजी रविवार अथवा सोमवार को गुप्त रूप से फिर से अपने स्वगृह नंदग्राम में बड़े मथुराधीशजी मंदिर में पधारेंगे।

40 लोगों ने 15 दिनों में तैयार किया छप्पनभोग

ठाकुरजी के छप्पनभोग को तैयार करने के लिए जालौर के सांचोर से आए 40 लोग 15 दिनों से लगे हुए थे। छप्पनभोग में 32 बोरी शक्कर, 125 पीपे घी, 800 किलो मैदा, 1400 किलो बेसन एवं 1800 किलो आटा उपयोग में लिया गया। इसके अलावा 40 किलो बादाम, 40 किलो काजू, 40 किलो पिसता, 40 किलो किशमिश अलग से उपयोग में लिए गए थे।

800 टोकरियों में सजा था भोग

छप्पनभोग महोत्सव के अवसर पर बने व्यंजन छोटी-बड़ी 800 आकर्षक टोकरियों में सजाए गए थे। छप्पनभोग में बने व्यंजनों में 4 फीट की बर्फी और 2 फीट के घेवर भी थे, जो श्रद्धालुओं को दूर से ही मोहित कर रहे थे। इसके अलावा व्यंजनों में नुक्ती, मगध, मक्खन, सेव सहित 10 तरह के लड्डू, मठरी, काजू-कतली, मोहन दाल, राजभोग, मावा बाटी, मैसूर पाक, चावल के 5 तरह के व्यंजन, मीठे, मलाई के और फीके घेवर बनाए गए थे। व्यंजनों में मटकों में दाल और आटे का हलुवा भी था।

चीन की सुंदरी ने मिस वर्ल्‍ड का ताज जीता, वान्‍या ने दिल


ऑरडास (चीन)। मिस वर्ल्‍ड के ताज के करीब पहुंचने के बावजूद भारत की वान्‍या मिश्रा हार गईं। दुनिया की सबसे खूबसूरत हसीना का खिताब चीन की सुंदरी ने जीता है। मिस चाइना वेनजिया यू मिस वर्ल्‍ड 2012 का खिताब जीतने में सफल रहीं, वहीं दूसरे नंबर पर मिस वेल्स और तीसरे नंबर पर मिस ऑस्ट्रेलिया रहीं।


जीतने वाली सुंदरी को ऑरडास स्टेडियम में मौजूदा मिस व‌र्ल्ड (वेनेजुएला की इवियान सार्कोस) के हाथों मिस व‌र्ल्ड 2012 का ताज पहनाया गया। शनिवार को सभी सुंदरियों ने इवनिंग गाउन से लेकर स्विमिंग कॉस्ट्यूम तक में अपना दम दिखाया।


इंडिया की वान्‍या मिश्रा भले ही ताज न जीत पाईं, लेकिन उन्‍होंने करोड़ों हिंदुस्‍तानियों का दिल जीत लिया। टॉप 15 में स्‍थान बनाने के बाद वान्‍या टॉप सेवन में भी स्‍थान बनाने में कामयाब रहीं। टॉप सेवन में इंडिया के अलावा जमैका, साउथ सूडान, ब्राजील, चीन और वेल्स की हसीनाएं रहीं। लेकिन इसके बाद बाजी पलट गई। वान्‍या ने ब्यूटी विद पर्पज का खिताब अपने नाम किया। वान्‍या ने डांस राउंड में बॉलीवुड फिल्‍म के मशहूर गीत 'दिल चीज क्‍या है आप मेरी जान लीजिए पर डांस परफॉर्म किया।'


'भूतहा शहर' कहे जाने वाले चीन के ऑरडास में दुनिया भर की 116 सुंदरियों ने शिरकत की। इन्‍हीं के बीच कड़े मुकाबले के बाद किसी एक को मिस व‌र्ल्ड 2012 का ताज पहनाया जाना था। मार्च में फेमिना मिस व‌र्ल्ड इंडिया 2012 चुनी गईं वान्या मिश्रा इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व ) कर रही थीं।

कुरान का संदेश




































































































अल्लाह पर यकीन करना सीखाता है ईद का त्योहार




मुस्लिम धर्म ग्रंथों के अनुसार रमजान के पवित्र महीने के दौरान ही अल्लाह ने पवित्र कुरान पैगम्बर मुहम्मद को दिया था। अल्लाह के पवित्र संदेश देवदूत जिब्राइल के माध्यम से पैगम्बर मुहम्मद को प्राप्त हुए, जो 23 वर्ष की अवधि में कुरान के रूप में लिखे गए। इसी की याद में पूरे रमजान माह विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस माह के अंत में ईद का त्योहार मनाया जाता है। रमजान के दौरान मुसलमान रोजा अर्थात् उपवास रखते हैं जिसमें वे भोजन नहीं करते,पानी नहीं पीते, धूम्रपान और अनेक प्रकार की सुख-सुविधाओं का त्याग करते हैं। रमजान मुसलमानों के लिए धार्मिक प्रथा ही नहीं बल्कि अच्छा जीवन जीने, धैर्य, आत्म-नियंत्रण और सहनशीलता की सीख देता है। जो जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

रमजान के महीने में खुदा की ईबादत के बाद मुस्लिम भाई ईद का त्योहार मनाते हैं। ईद को मौके पर बच्चों को उपहार और मिठाइयां दी जाती है। इसके साथ ही भोज समारोह आयोजित किए जाते हैं। जिनमें विशेष व्यंजन, पेय पदार्थ आदि शामिल होते हैं। ईद की मुख्य मिठाइयों में दूध में पकाया सेंवइयां बहुत लोकप्रिय है। रमजान माह के अंत में मनाया जाने वाला त्योहार ईद-उल-फितर है। यह आत्म-परीक्षण करने और धार्मिक आस्था को बढ़ाने वाला त्योहार है।


एसडीएम से बदला ले सकती है पुलिस, जानिए एनकाउंटर की पूरी कहानी



इंदौर। 21 जुलाई 2007 को हुए आशीष गोहिल एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच विजयनगर के तत्कालीन एसडीएम विवेक श्रोत्रिय को सौंपी गई थी। इस जांच रिपोर्ट में एनकाउंटर को फर्जी पाया गया था। श्रोत्रिय ने अपनी यह रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी थी। इसके बाद से एनकाउंटर में शामिल कतिपय पुलिसकर्मियों द्वारा एसडीएम श्रोत्रिय को तरह-तरह के संदेश पहुंचाए जा रहे थे। इन संदेशों से त्रस्त होकर उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर को की थी।
अब तक की कहानी
आशीष गोहिल एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि एनकाउंटर फर्जी था। सीने में गोलियां दागने से पहले डंडे से पिटाई के 15 जख्म उसके शरीर पर थे। राज्य न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला ने भी कारतूसों को दोबारा चलाए जाने पर सवाल उठाया था। खामोशी से अंतिम संस्कार करने के लिए पुलिस कई श्मशानों में भटकी। शव को 40 किलोमीटर घुमाने के बाद सिमरोल में अंतिम संस्कार किया गया। एसडीएम विवेक श्रोत्रिय की इस रिपोर्ट पर पुलिस विभाग ने आपत्ति दर्ज की तो सरकार ने एक और मजिस्ट्रियल जांच बैठा दी। इसका जिम्मा एसडीएम गौतम सिंह को दिया गया था, लेकिन वे आठ महीने में भी कुछ नहीं कर पाए और उनका तबादला हो गया है।
आज की कहानी
नाबालिग आशीष गोहिल के एनकाउंटर को मजिस्ट्रियल जांच में फर्जी साबित करने वाले एसडीएम विवेक श्रोत्रिय को आशंका है कि पुलिस बदले की कार्रवाई करते हुए उन्हें या उनके स्टाफ को फर्जी मामलों में फंसा सकती है। इस सबंध में उन्होंने तत्कालीन कलेक्टर राघवेंद्र सिंह और उनके मार्फत वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा था। इस पत्र पर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सीआईडी जांच शुरू हो गई थी। सीआईडी ने भी आधी-अधूरी जांच की और हाल ही में अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी है।
मैं प्रदेश सरकार को लिख चुका हूं
मैं इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर के माध्यम से वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भेज चुका हूं। अब इससे ज्यादा मुझे और कुछ नहीं कहना। - विवेक श्रोत्रिय, एसडीएम

सिल्वर स्क्रीन पर उतरेंगे हिन्दुओं के बाबा और मुस्लिमों के पीर



जयपुर.राजस्थान के प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव सिल्वर स्क्रीन पर भी दिखाई देंगे। बाबा रामसा पीर नाम से बनी फिल्म 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इसमें मुख्य कलाकार के रूप में औशिम खेत्रपाल नजर आएंगे। इन्होंने ही यह फिल्म बनाई है। इससे पहले ये फिल्म ‘शिरडी के साई बाबा’ भी बना चुके हैं। यह फिल्म संत रामसा पीर पर आधारित है, जिन्होंने सबसे पहले हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश फैलाया।

वे हिंदुओं में बाबा और मुस्लिमों में पीर के नाम से जाने जाते थे। दोनों धर्मो के लोग इनकी पूजा करते थे। बाबा का यह नाम पेरिस से भारत यात्रा पर आए 5 साथियों ने ही दिया था। इन्हीं बाबा रामसा पीर की कहानी पर यह फिल्म बनी है। इसका निर्माण सतीश टंडन प्रोडक्शन एंड ओरिएंट ट्रेडलिंक लिमिटेड के बैनर तले किया गया है।

कलाकारों में औशिम खेत्रपाल के साथ अभिनेत्री ग्रेसी सिंह हैं। इसकी शूटिंग जयपुर, जोधुपर, रोंचा गांव और मुंबई में की गई है। राजस्थानी और हिंदी दो भाषाओं में बनी है। गुजराती भाषा में भी गीत संगीत है

आखिर किस वजह से और कब आता है हार्ट अटैक, जानिए पूरी हकीकत!




हार्ट अटैक या दिल का दौरा पड़ने की खबरें अक्सर सुनाई पड़ जाती हैं। आपके मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि दिल का दौरा आखिर क्यों पड़ता है और यह भी कि क्या दिल का दौरा पड़ने का कोई लक्षण भी होता है या नहीं?

अगर मिचली या उल्टी आए, माथे पर चिंता की लकीरें उभरें, पसीने-पसीने हो रहे हों, सीने में दर्द या सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहे हों या त्वचा का रंग पीला पड़ने लगे तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि यह दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है। ऐसे मामले को हल्के में लेना आपको भारी पड़ सकता है।

दिल का दौरा पड़ने का कोई निश्चित समय नहीं होता। यह कभी भी पड़ सकता है। कभी-कभी तो यह कोई संकेत भी नहीं देता है। इस तरह के दौरे को साइलेंट इस्चीमिया कहा जाता है। इसमें खून का दिल तक पहुंचना बाधित हो जाता है, लेकिन तत्काल कोई परेशानी महसूस नहीं होती।

इसी तरह दिल को जरूरी ऑक्सीजन पहुंचाने वाली कोरोनरी ऑरटरीज जब जरूरत के मुताबिक खून की आपूर्ति नहीं कर पाती हैं तो लोग सीने में दर्द की शिकायत करते हैं, जिसे एंजाइना कहा जाता है। दरअसल, शरीर में खून पहुंचाने के लिए दिल किसीपंप के माफिक काम करता है। और इस पंप को चालू रखने के लिए दिल तक खून पहुंचाने वाली रक्त वाहिका को ही कोरोनरी ऑरटरी कहा जाता है। कुछ लोगों को पता ही नहीं होता कि वे कोरोनरी ऑरटरीज डिजीज (सीएडी) से पीड़ित हैं। सीएडी पीड़ित लोगों को या तो सांस लेने में परेशानी होती है या फिर पैर और टखनों में सूजन आ जाती है। और एक समय ऐसा आता है जब दिल से जुड़ी उनकी ऑरटरी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है और तभी दिल का दौरा पड़ता है।

दिल का दौरा पड़ने की मुख्य वजह हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान और मोटापा होता है। अगर आप किसी तरह का शारीरिक श्रम नहीं करते हैं, शरीर को हिलाते-डुलाते नहीं हैं तो भी दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है। बहुत से लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर और डॉक्टर की सलाह से दवाएं खाकर ठीक हो जाते हैं, लेकिन जो लोग सीएडी से गंभीर रूप से पीड़ित होते हैं, उन्हें एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी की जरूरत होती है।

एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग: कोरोनरी आरटरी डिजीज अगर गंभीर स्थिति में है, तो सबसे पहले एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसमें दिल तक खून पहुंचाने वाली ब्लड वेसल जिस जगह पर संकरी होती है, वहां तक कैथेटर के जरिए एक बलून कैथेटर पहुंचाया जाता है। इसके बाद एक महीन तार (वायर) के जरिए एंजियोप्लास्टी कैथेटर को थोड़ा हिलाया-डुलाया जाता है, ताकि बलून उस जगह पहुंच जाए, जहां खून की आपूर्ति बाधित हो रही है। फिर बलून को फुलाया जाता है, ताकि ब्लड वेसल की अंदरूनी दीवार को दबाया जा सके। जब अंदरूनी दीवार दब जाती है और खून जाने का रास्ता साफ हो जाता है तब बलून कैथेटर को पिचकाकर शरीर से बाहर निकाल लिया जाता है। आजकल बंद ऑरटरी को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी के दौरान ही ब्लड वेसल में बलून कैथेटर के जरिए स्टेंट भी डाल दिया जाता है। इसमें बलून को फुलाया जाता है ताकि स्टेंट ब्लड वेसल की अंदरूनी दीवार में फिट बैठ जाए। स्टेंट फिट हो जाने पर बलून को पिचकाकर बाहर निकाल लिया जाता है। स्टेंट उसी जगह पर पड़ा रहता है और दिल तक खून पहुंचने का रास्ता एकदम साफ हो जाता है। बाईपास सर्जरी: स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इसके लिए पैर, बांह या सीने में छोटी-सी सर्जरी करके एक स्वस्थ ब्लड वेसल निकाल ली जाती है। फिर ग्रॉफ्टिंग के जरिए उस ब्लड वेसल का इस्तेमाल दिल तक खून पहुंचाने के लिए एक नए रास्ते के तौर पर किया जाता है। एक बार जब नए रास्ते से दिल तक पर्याप्त मात्रा में खून पहुंचने लगता है, तब एंजाइना और हार्ट अटैक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। ऐसे मरीजों को लो फैट भोजन करने की सलाह दी जाती है। अगर डॉक्टर ने खाने के लिए कोई दवा बताई है, तो बगैर उसकी सलाह के उसे खाना बंद नहीं करना चाहिए। अगर आपको अपने दांतों के लिए किसी डेंटिस्ट की जरूरत पड़ती है, तो उसे जरूर बताएं कि आप एस्पिरीन, प्लेविक्स या वारफरीन जैसी दवाएं खाते हैं। शराब का सेवन आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है, जबकि योग आपके दिल की सेहत के लिए बहुत अच्छा है।

डॉ. दिलीप कुमार, कार्डियोलॉजिस्ट,

तिरंगा लपेट कर न्‍यूड फोटो खिंचवाने वाली मॉडल गिरफ्तार


मुंबई। सस्‍ती लोकप्रियता बंटोरने के चक्‍कर में कंट्रोवर्शियल मॉडल गहना वशिष्‍ठ को भारी कीमत चुकानी पड़ी है। मुंबई के लोखंडवाला स्थित उनके घर से पुणे पुलिस उन्‍हें अरेस्‍ट कर ले गई है। नेशनल फ्लैग एक्‍ट के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। गहना ने अपने बदन पर तिरंगा लपेट कर काफी बोल्‍ड फोटो खिंचवाई थी, जिससे कई लोगों की 'भावनाओं को ठेस' पहुंचा था। पुणे के एक एनजीओ ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसी पर कार्रवाई करते हुए गहना को गिरफ्तार किया गया है।

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