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20 अगस्त 2012

सुबह-सुबह के समय ही क्यों करना चाहिए पूजा?




भगवान की पूजा के लिए सुबह-सुबह का समय सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। वैसे तो दिन में कभी भी सच्चे मन से प्रभु की आराधना की जा सकती है लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-आराधना करने का विधान है।

शास्त्रों के अनुसार प्रभु भक्ति के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ बताया गया है क्योंकि सुबह के समय हमारा मन शांत रहता है। नींद से जागने के बाद मन एकदम शांत और स्थाई रहता है। दिमाग में इधर-उधर की बातों या व्यर्थ विचार नहीं होते। भगवान की भक्ति के लिए जरूरी है कि मन एकाग्र रहे ताकि प्रभु में पूरा ध्यान लगाया जा सके।

सुबह के बाद दिन में किसी और समय में हम कई कार्य करते हैं जो कि हमारे मन-मस्तिष्क को पूरी एकाग्र नहीं होने देते। जिससे मन अशांत रहता है, कई बुरी और अधार्मिक बातों में भी मन उलझ जाता है। जिससे भक्ति में ध्यान लगाना असंभव जैसा ही होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को पूजादि कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

भगवान उसी भक्ति से प्रसन्न होते हैं जहां मन शांत हो और किसी भी प्रकार की अधार्मिक बातें ना हो। सुबह की गई पूजा के प्रभाव से मन को इतना बल मिलता है कि दिनभर के सारे तनाव आसानी से सहन कर सके। दिमाग तेजी से चलता है, हम एक साथ कई योजनाओं पर कार्य कर पाते हैं। इसी वजह से सुबह-सुबह पूजा करने की परंपरा चली आ रही है।

जिस पर पैर पड़ते ही फिसल कर गिर पड़ते हैं लोग, वह तो बड़े काम की चीज है!



केले के छिलके में पाए जाने वाले कुछ घटक प्रदूषित पानी को साफ करने में सक्षम हैं। यह न सिर्फ सबसे सस्ता वाटर प्यूरीफायर है, बल्कि इसे कई बार इस्तेमाल में भी लाया जा सकता है।

चांदी के बर्तन व इससे बने अन्य सजावटी सामान समेत चमड़े के जूतों को चमकाने के काम आने वाला केले का छिलका अब वाटर प्यूरीफायर का काम करेगा। वह खनन प्रक्रिया, औद्योगिक उत्पादन से प्रदूषित पानी को साफ करेगा। ब्राजील में खोजी गई इस तकनीक को कहीं भी प्रयोग में ला सकते हैं।

कैसे करता है पानी साफ

केले के छिलके में नाइट्रोजन, सल्फर और काबरेक्स्लिक एसिड जैसे ऑर्गेनिक कंपाउंड पाए जाते हैं, जिनमें ऋणात्मक आवेशित (निगेटिव चाज्र्ड) इलेक्ट्रॉन होते हैं। ये पानी में सामान्यत: पाई जाने वाली लेड और कॉपर जैसी धातुओं को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम करते हैं। इसकी वजह यह है कि लेड, कॉपर या इन जैसी अन्य धातुओं में धनात्मक आवेशित (पॉजिटिव चाज्र्ड) इलेक्ट्रॉन होते हैं। इस तरह छिलका प्रदूषित पानी में से जहरीली धातुओं को अलग करने का काम करता है।

आगे क्या शोधार्थियों का इरादा अब इस तकनीक को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल में लाने का है। साथ ही केले के छिलके के साथ कुछ और मटेरियल मिलाने का है। इसकी वजह यह है कि भले ही केले के छिलके से लेड और कॉपर जैसी धातुओं को अलग करने में सफलता मिल गई हो, लेकिन बावजूद इसके कुछ अन्य जहरीले तत्व पानी में रह गए।

इसे देखते हुए अब ऐसे मटेरियल भी इस्तेमाल में लाए जाएंगे, जो इन्हें भी साफ कर सके। यही वजह है कि गुस्ताव ने लोगों से केले के छिलके से घर पर पानी को शुद्ध न करने की गुजारिश की है। खासकर जब तक पानी को पूरी तरह से शुद्ध बनाने वाले मटेरियल की पहचान न कर ली जाए।

सिंथेटिक मटेरियल से बेहतर

केले के छिलके के इस गुण को खोजने वाले ब्राजील के शोधार्थियों गुस्ताव कास्त्रो और उनकी टीम ने यह भी पाया है कि यह पानी साफ करने के काम आने वाले अन्य सिंथेटिक मटेरियल से भी बेहतर है। केले के छिलके से लगभग 11 बार प्रदूषित पानी को साफ किया जा सकता है।

प्रभावी है तकनीक

खदानों, औद्योगिक उत्पादन और अन्य कारणों से प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए इस्तेमाल में लाई जा रही विद्यमान तकनीक न सिर्फ महंगी है, बल्कि उन्हें पूरी तरह से कारगर भी नहीं करार दिया जाता है। वजह यही है कि पानी को शुद्ध करने में इस्तेमाल में लाए जाने वाले ऐसे सिंथेटिक मटेरियल खुद में कई तरह के जहरीले तत्व समेटे होते हैं।

सुदर्शन जी चले ईदगाह मुसलमानों के पास ...खुदा दोनों समुदायों में भाईचारे का जज्बा और बढाए

दोस्तों कहते है वक्त बदलता है हालात बदलते है ..दोस्त बदलते है दुश्मन बदलते है ..लेकिन नहीं बदलता तो देश .और देश भक्ति का जज्बा ..नहीं बदलती तो सियासत की कुर्सी पकड़ने की ललक .जी हाँ दोस्तों सभी के अपने अपने स्वभाव है ..देश में कई राजनितिक पार्टियाँ है ..कई समाजसेवी संगठन है ..लेकिन राष्ट्रीय स्न्व्म सेवक संघ एक ऐसा बढ़ा संगठन है जिससे बढ़ा संगठन ना तो पहले था और ना ही शायद आगे बन पायेगा ...कई वर्षों से इस संथान के खिलाफ एक विशेष समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जहर घोलने के आरोप लगते रहे है इस मामले में संगठन के करता धर्ताओं का अपना तर्क रहा है ..लेकिन दोस्तों कभी इस संगठन ने मुस्लिम समुदाय के साथ जुड़ने उसे समझने के बारे में कोई विचार नहीं किया ..पिछले सालों में राष्ट्रवादी मुस्लिम मंच के नाम पर एक इकाई इस संघ ने जरुर बनाई फिर भी मुस्लिम त्योहारों और समारोह से इस संघ ने दुरी बनाये रखी ..अभी भोपाल में अजब नजारा हुआ संघ के प्रमुख सुदर्शन साहब ईदगाह जाकर नमाज़ पढने की जिद करने लगे ..यह बदलाव एक दुसरे की संस्क्रती को समझने उन्हें अपना बनाने की तरफ पहल खी जा सकती है वेसे सुदर्शन जी का कोटा से भी जुड़ाव रहा है वोह जब यहाँ आते है तो चुनिन्दा मुस्लिम समुदाय के लोगों को बुलाते है उनसे बतियाते है और मुस्लिम समुदाय के लोग उनकी मन पसंद गजक उन्हें लेजाकर खिलाते है ..दोस्तों सुदर्शन के इस अनुनय में मध्य प्रदेश सकरार ने शायद राजनीति समझी और उन्हें ईदगाह नहीं जाने दिया ..खेर सुदर्शन की यह पहल इस देश के लोकतंत्र ..भाईचारे और सद्भाव के लियें खुशाली की तरफ इशारा करता है ..कामयाबी की तरफ इशारा है भाईचारे और सद्भावना की तरफ इशारा है कहते है के दो कदम तुम आगे बढो चार कदम आगे हम बढ़ेंगे बस फिर क्या है नजदीकिय बढ़ेंगी एक दुसरे को गले लगायेंगे .अपना बनायेंगे और नये राष्ट्र का निर्माण कर खुशहाल भारत का सबप एकबार फिर अपने दिल दिमाग में सजायेंगे .......................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ईद की नमाज में दिखे साधू बाबा, अनूठा नज़ारा देखते ही रह गए लोग

PICS: ईद की नमाज में दिखे साधू बाबा, अनूठा नज़ारा देखते ही रह गए लोग
जोधपुर.शहर की जालोरी गेट स्थित मुख्य ईदगाह में सोमवार को ईद की नमाज अदा की गई। इस मौके पर यहां सर्वधर्म समभाव का अनूठा नजारा दिखा। नमाज के बाद तकरीर के दौरान एक साधु बाबा भी वहां पहुंचे और लोगों के साथ दरी बिछाकर उस पर बैठ गए।

तकरीर के दौरान एक ओर तो नमाजी देश में अमन-चैन की दुआ कर रहे थे, वहीं साधु बाबा हाथ जोड़कर समाज में खुशहाली की प्रार्थना कर रहे थे। दुआ और प्रार्थना दोनों एक साथ ही पूरी हुईं। बाबा ने तकरीर पूरी होने पर शंखनाद किया तो वहां उपस्थित हर एक व्यक्ति उसकी मधुर ध्वनि से प्रफुल्लित हो उठा।

वहां उपस्थित मुसलमानों ने आगे बढ़कर बाबा को ईद की मुबारकबाद दी। बाबा ने भी लोगों को बधाइयां दीं, झोला उठाया, और चल पड़े अपनी राह।

कुरान का संदेश

ईद की नमाज़ पढने जाते वक्त ईदगाह के रस्ते की दोनों तरफ जो खोफ्नक नज़र होता है खुदा उन सभी को मुआफ करे उनकी तकलीफें दूर करें और हमारे गुनाह माफ़ करे

खुदा का शुक्र है रमजान माह में रोज़े ...जकात के बाद ..फितरे की अदायगी के साथ इदुल्फित्र का वक्त आया है ......इस दिन एक तरफ तो फर्ज़ अदायगी की खुसी ..ईद की ख़ुशी और दूसरी तरफ ईदगाह पर जाते वक्त जिन लोगों को देखा और जिन्हें हर बार देखते है ..यकीन मानिये रोंगटे खड़े हो जाते है और खुदा से उनके हक में दुआ करने को मजबूर हो जाते है साथ ही हाथ खुद बाखुद अपनी गलतियों के लियें क्षमा याचना यानी तोबा के लियें उठ जाते है और मन मोम की तरह से पिघल कर साफ़ सुथरा हो जाता है .....दोस्तों अपने भी देखा होगा लेकिन में उस सीन को मेरे नजरिये से आपको दिखा रहा हूँ .....आप घर से निकले ईदगाह से थोड़ी दूर से ही रास्ते के दोनों किनारों पर फितरा ..जकात और दान लेने वालों की कतारे लगी रहती है .एक नहीं दो नहीं चार नहीं यह गिनती लगभग एक किलोमीटर से भी ज्यादा की होती है दोनों तरफ आदमी ..ओरतें बच्चे चादर बिछा कर अल्लाह के नाम पर देदों का नारा दे रहे है वोहान कोमी एकता है न हिन्दू है न मुसलमान है हिन्दू फकीर भी है तो मुस्लिम फकीर भी है हिन्दू बच्चा भी है मुस्लिम बच्चा भी है कुछ लोग तो पंडित के लिबास में भी देखे जाते है ...अफ़सोस जब होता है के वहा ऐसे भी लोग होंते है जिनके हाथ नहीं है ..जिनके दोनों पैर नहीं है .जो घिसट रहे है उनकी हालत तो देखी भी नहीं जाती खुद बा खुद उनके लियें दुआ और खुद की गलतियों के लियें तोबा निकल जाती है ........एक बच्ची जिसके पुरे बदन पर प्लास्टर चढ़ा हुआ है वोह ठेले पर लेती है अल्लाह ईद की नमाज़ के पहले यह सब सच उन सभी को दिखता है जो रोज़े ..जकात और फितरे के फर्ज़ के बाद नमाज़ का फर्ज़ अदा करने जा रहे है खुदा ने इन सभी लोगों से हमे कितना बहतर बनाया है हम देखते है किसी के हाथ नहीं ..किसी के दोनों पाँव नहीं ..कोई अँधा है ..कोई कोड की बीमारी से पीड़ित है तो कोई दोनों हाथ दोनों पांव नहीं होने से सड़क पर रेंग रहा है दोस्तों यह खुदा की कुदरत है खुदा इस ईद की नमाज़ के पहले ऐसे लोगों को सामने खड़ा कर हमे कुछ पैगाम देना चाहता है हमे बताना चाहता है के तुम और सभी लोगों से अफजल हो तंदरुस्त हो फिर भी गुनाहों से बाज़ नहीं आ रहे हो ..खुदा कहना चाहता है के तुम्हारी हालत भी ऐसी हो सकती थी लेकिन तुम्हे ऐसा नहीं बनाया इसलियें खुदा का शुक्र अदा करो इन्सान हो इन्सान बन कर रहो खुदा के बताये हुए रस्ते पर चलो यूँ बेईमानी ..शराबखोरी ..हरामखोरी मत करो ..खुदा को भी धोखा देते हो और सियासत के नाम पर कोम को बेचते हो फिर खुद को दूध का धुला कहते हो ..यकीन मानिये इस दर्दनाक ..इबरत नाक नजारे को सभी लोग देखते है लेकिन नमाज़ अदा करते है और भूल जाते है फिर वही अपनी गलतिय इंसान दोहराने लगता है तो दोस्तों एय्ह मंज़र जो हम देखते है खुदा करे हमे देखना न पढ़े खुदा करें हमारे देश का कोई आदमी ..कोई ओरत ..कोई बच्चा मोहताज न हो तकलीफ में ना हो ऐसी दुआएं खुदा से हमे करना होंगी और इसके लिए सियासत और धर्मों...समाजों ..भाषाओँ की नफरत की बंदर बाँट से अलग हट कर हम एक है हम नेक है हम इंसान है मानवीयता हमारा धर्म है राष्ट्रीयता हमारा कर्म है के फार्मूले पर हमे हमारे देश को आगे बढ़ाना होगा तब कहीं इस खोफ्नक मंज़र से हमे नुजात मिल सकेगी ..खुदा करे ऐसे लोग जो तकलीफ में है उनकी तकलीफ खुदा जल्दी दूर करे और देश में भाईचारा ..सद्भावना .कायम कर एकता की मिसाल बने ..देश खुशहाल रहे तरक्की करे ....यही बस इस खोफ्नक मंजर को देखने के बाद खुदा से अपने किये गये पापों के लियें तोबा के साथ दिली दुआ है .....खुदा यह दुआ कुबूल करे लेकिन इस दुआ में आप सब भी मेरे साथ शामिल होंगे तो मुझ पर करम होगा मुझ पर महरबानी होगी ................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मजेदार किस्सा : आखिर पुलिस इस चोर की खातिरदारी क्यों कर रही है?



इंदौर। एमजी रोड पुलिस रविवार को एक लुटेरे की खातिरदारी करने में लगी रही। जवान बदमाश को कभी केले तो कभी गरमा गरम दूध दे रहे थे। इसकी वजह सोने की चेन है, जो लुटेरा निगल गया। पुलिस ने एक्स-रे करवाया तो चेन पेट में नजर आ गई।

मामला एमजी रोड थाने का है। भक्त प्रहलादनगर निवासी गिरधारी पिता गोविंद वाधवानी (65) रविवार को पत्नी चित्रा के साथ एमजी रोड स्थित गुरुद्वारा आए थे। वे शाम करीब सात बजे गुरुद्वारा के बाहर पत्नी का इंतजार कर रह थे।

बच्‍चे को नंगा कर रात भर ब्‍लेड से काटते, पीटते रहे सीनियर्स




कोलकाता। देश में रैगिंग भले ही कानूनी अपराध हो लेकिन यह कम नहीं हो रही है। एक ऐसी ही शर्मनाक घटना पश्चिम बंगाल में हुई है। यहां के सालबोनी विश्‍व विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा आठ के छात्र के साथ हॉस्‍टल में रैगिंग हुई।


वेस्‍ट मिदनापुर के हॉस्‍टल में 16 अगस्‍त को तीर्थदीप मल के साथ सीनियर लड़कों ने रैगिंग की। लड़कों ने उसके कपड़े उतरवा दिए और जम कर पिटाई की। उसके पेट पर जम कर लात बरसाए गए गए। उसके शरीर को जहां-तहां ब्‍लेड से काटा गया। उस पर जुल्‍म करने के बाद रात भर उसे नंगे ही कमरे में तड़पने के लिए छोड़ दिया गया।

जाते-जाते सीनियर उसे धमकी भी दे गए कि यदि उसने हेडमास्‍टर या किसी से भी इसकी शिकायत की तो उसे रेल की पटरियों पर पटक दिया जाएगा। तीर्थदीप ने पूरी बात अपने मां बाप को बताई। उन्‍होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद स्‍कूल प्रशासन ने पांच आरोपी छात्र को रस्‍टीकेट कर दिया है।

महिलाएं भी सुरक्षित नहीं
दूसरी ओर, ममता के राज्‍य में महिलाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। गैंग रेप की शिकार हुई एक महिला के गुनाहगार को शुक्रवार को पकड़ लिया गया है। 21 वर्ष का यह आरोपी एक राजनेता का भतीजा है।

अपस्‍केल गोल्‍फ गॉर्डेन इलाके में इस शख्‍स को उस वक्‍त पकड़ गया, जब वह और उसके साथ पीडि़त महिला की आबरू से खिलवाड़ कर भाग रहे थे। एक ओर, महिला खून से लथपथ, बेहोशी की हालत में चीख रही थी तो दूसरी ओर, आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे। कुछ बच्‍चों ने इस महिला की चीख सुनकर पड़ोसियों को बताया। इसके बाद लोग उसकी मदद के लिए आए। इन्‍हीं पड़ोसियों ने इस शख्‍स को भी पकड़ा और जमकर पिटाई की।

शरीफ नाम के इस शख्‍स के सिर पर एक शक्तिशाली नेता का हाथ है। जिसके बल पर वह इलाके में आतंक फैलाता है।

शरीफ के पिता गोल्‍फर हैं जबकि अंकल ममता बनर्जी की पार्टी के ही स्‍थानीय नेता हैं। शरीफ के अंकल ने अपने राजनीतिक कनेक्‍शन का फायदा उठाते हुए उसे पुलिस के चंगुल से आजाद करवा लिया था लेकिन बाद में पुलिस ने शरीफ को फिर से अरेस्‍ट कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे 27 अगस्‍त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। हालांकि, गैंग रेप का आरोपी शरीफ और उसका परिवार रेप के आरोपों को नकार रहा है। शरीफ की चाची रेहाना का कहना है कि उनके भतीजे का उस महिला के साथ अफेयर था। जो भी हुआ, दोनों की रजामंदी से हुआ।

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