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24 अगस्त 2012

ढाई रुपए में रोजाना में कैसे हो गुजारा



प्रमुख चिकित्सा सचिव व निदेशक सहित चार को नोटिस, ढाई रुपए रोजाना में वार्ड बॉय को रखा नौकरी पर


जयपुर। अजमेर जिले की पीसांगन तहसील के गोला प्राथमिक चिकित्सा सेवा केन्द्र पर कार्यरत वार्ड बॉय को 75 रुपए प्रतिमाह (ढाई रुपए रोजाना) पारिश्रमिक देने के मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, निदेशक व सीएमएचओ अजमेर सहित चार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने यह आदेश शांतिलाल की याचिका पर दिया। याचिका में कहा कि वह 2001-02 में गोला प्राथमिक सेवा केन्द्र पर अंशकालिक वार्ड बॉय के पद पर 75 रुपए प्रतिमाह पारिश्रमिक पर नियुक्त हुआ।

अगस्त 2002 में उसे बिना किसी कारण मौखिक आदेश से ही पद से हटा दिया। इसे श्रम अदालत में चुनौती देने पर 2005 में उसके पक्ष में निर्णय हुआ और उसे नौकरी पर रखने का निर्देश दिया। इसे सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। सरकार का केस खंडपीठ तक जाने के बाद भी हाईकोर्ट ने 22 फरवरी 2011 को सरकार की अपील खारिज कर श्रम अदालत के निर्णय को बहाल रखा। बाद में चिकित्सा विभाग ने शांतिलाल को 29 सितंबर 2011 से सेवा में बहाल तो कर दिया, लेकिन पारिश्रमिक 75 रुपए प्रतिमाह ही दिया। इसे शांतिलाल ने हाईकोर्ट में चुनौती देकर कहा कि उसे न्यूनतम मजदूरी 235 रुपए प्रतिदिन दिलाए जाएं और सेवा में नियमित किया जाए।

धारीवाल शनिवार से से विदेश दौरे पर




जयपुर। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल शनिवार से विदेश दौरे पर जाएंगे। वे 7 सितंबर को स्वदेश लौटेंगे। तीन देशों की यात्रा पर जा रहे धारीवाल वहां अफोर्डेबल हाउसिंग और मोनो रेल के बारे में जानकारी लेंगे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार धारीवाल पहले परिवार के साथ इंडोनेशिया जाएंगे। उसके बाद वे सिंगापुर और मलेशिया जाएंगे। करीब एक हफ्ते बाद नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव जी.एस. संधू भी सिंगापुर और मलेशिया जाएंगे।
लेखा सेवा के तीन अधिकारियों के तबादले
राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी करके लेखा सेवा के तीन अधिकारियों के तबादले किए हैं, जबकि दो अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
आदेशानुसार भूपेश माथुर को खान एवं भू- विज्ञान विभाग उदयपुर में वित्तीय सलाहकार, सुरेश वर्मा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में अतिरिक्त निदेशक (पेंशन एवं पन्नाधाय प्रकोष्ठ), सोहनलाल कठात को बांसवाड़ा में कोषाधिकारी लगाया गया है। भूपेश माथुर अपने पद के साथ साथ कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर के वित्त नियंत्रक का अतिरिक्त कार्यभार भी संभालेंगे।
इसी तरह लेखा सेवा के अधिकारी सुरेश जैन को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में वरिष्ठ लेखाधिकारी पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। जैन अभी पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक हैं।

25 को दुर्लभ योग: इन 5 अचूक देव मंत्रों के असर से बनेंगे अटके काम

जोड़, जुड़ाव या मिलन शक्ति, विश्वास व ताकत को बढ़ाने वाले सिद्ध होता है। जीवन के नजरिए से रिश्तों में यह बात सार्थक साबित होती है। वहीं देव उपासना से शुभ फल पाने के लिए विशेष ग्रह-नक्षत्रों, तिथियों या काल का मिलना मंगलकारी होता है।

इसी कड़ी में 25 अगस्त को देव उपासना का दुर्लभ योग बना है। इस दिन 5 ऐसे देवी-देवताओं की पूजा व उपासना का अद्भुत योग बना है, जिनका स्मरण मात्र भी संकटमोचक व खुशहाल बनाने वाला माना गया है। जानिए कैसे बना है ये संयोग और इस शुभ घड़ी का कैसे उठाएं लाभ -

दरअसल, 25 अगस्त को अधिकमास में शनिवार के साथ ही अष्टमी व नवमी तिथियों का भी शुभ योग बना है। अधिकमास भगवान विष्णु की भक्ति का काल है। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव है। इसी तरह नवमी तिथि देवी उपासना से बलवान बनने की शुभ घड़ी। वहीं शनिवार भाग्य विधाता शनि के साथ ही मंगलमूर्ति श्रीहनुमान की पूजा का शुभ दिन है।

इस तरह अचूक संयोग में एक ही दिन भगवान विष्णु, महादेव, मां भगवती, श्रीहनुमान व शनिदेव की उपासना सुख, सौभाग्य, शांति, सफलता व यश बरसाने वाली साबित होगी।

अगली तस्वीरों पर क्लिक कर जानिए ऐसी ही इच्छाओं या रुके कामों को पूरा करने के लिए इस खास योग में इन 5 देवी-देवताओं के कौन-से आसान मंत्र असरदार साबित होंगे।

पांचों देवी-देवताओं की यथासंभव पहले चंदन, फूल, नैवेद्य, धूप व दीप से आरती कर इन मंत्रों का स्मरण कर मन्नतों को पूरा करने की प्रार्थना करें -

'चांदी के हाथ और लोहे के पैर वालों को ही मिल रहा न्याय'




ग्वालियर।‘चांदी के हाथ और लोहे के पैर वाले ही कोर्ट जा सकते हैं। बहुत महंगा हो गया है न्याय पाना। गरीब को तो न्याय मिलता ही नहीं। इंसाफ के लिए अच्छा वकील चाहिए। जिसकी फीस बहुत ज्यादा होती है।’

22 साल की न्यायिक सेवा के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच से रिटायर होने के मौके पर जस्टिस एसएन अग्रवाल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कानूनी पेशे में मोनोपॉली बढ़ रही है। बड़े वकील मुंहमांगी फीस मांगते हैं। कई काबिल वकीलों को तो मौका भी नहीं मिल पाता। एक यूनिफाइड गाइडलाइन बनना चाहिए।

वे कहते हैं कि नौकरी में चयन के बाद उन्हें भी नियुक्ति के लिए तीन साल तक केस लड़ना पड़ा था। मोटी फीस देकर सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की मदद लेना पड़ी। तब जाकर अतिरिक्त जिला-सत्र न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति हुई।

उन्होंने कहा कि सेवा में काफी बंदिशें होती है। काफी संभलकर रहना पड़ता है। लेकिन आज मैं आम जनता में शामिल हो गया हूं। इसी वजह से यह सब कह रहा हूं।

ट्रांसफर आदेश ने आंसू निकाल दिए

जस्टिस अग्रवाल ने कहा दो साल पहले सीजेआई एचएस कपाड़िया ने एक लाइन का ट्रांसफर नोटिस भेजा। मैंने जानना चाहा कि जनहित का कौन सा कारण हैं? जनहित की परिभाषा तय होना जरूरी है। मैं यह सोच-सोच कर रोया कि आखिर मेरा ट्रांसफर क्यों हुआ? उस समय पत्नी गंभीर बीमार थी। उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही थी। ट्रांसफर हुआ तो उसकी देखभाल नहीं कर पाया। कुछ ही महीनों पहले उसकी मौत हो गई।

ख़बरें हाईकोर्ट से: अंतिम क्रिया में शामिल बेटियों के लिए क्या करेंगे?



जयपुर.हाईकोर्ट ने परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाली बेटियों के लिए प्रोत्साहन योजना पर सरकार से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।

कन्या भ्रूण हत्या और लड़के व लड़की के बीच लैंगिक अनुपात में बढ़ोतरी को चुनौती देने वाली अधिवक्ता एसके गुप्ता की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एनके जैन की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश दिया। याचिका में कहा कि सरकार कई स्तरों पर बालिकाओं के लिए प्रोत्साहन योजना चला रही है।

यदि सरकार ऐसी बेटियों के लिए प्रोत्साहन योजना चलाए, जहां बेटा नहीं होने पर अंतिम संस्कार की पूरी क्रियाएं बेटियों ने की हो। मनुस्मृति में भी बेटी को बेटे के समान बताया। ऐसे बेटा-बेटी में अंतर नहीं करना चाहिए।

मौजूदा समय में केवल बेटे से ही अंतिम संस्कार की क्रिया कराना संभव नहीं है, उस स्थिति में जब बेटे विदेश में रहते हों। इसलिए अंतिम संस्कार की क्रियाएं करने वाली बेटियों के प्रोत्साहन के लिए योजना चलाने के लिए सरकार को निर्देश दें जिससे कन्या भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण की रोकथाम हो सकेगी।

प्रमुख कार्मिक सचिव सहित दो को नोटिस

हाईकोर्ट ने राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण (रेट) में रिटायर जिला व सेशन न्यायाधीश की सदस्य पद पर नियुक्ति के मामले में प्रमुख कार्मिक सचिव व पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश आरके जैन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने यह अंतरिम आदेश शिशुपाल सिंह की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दिया।

अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने बताया कि प्रमुख कार्मिक सचिव ने 31 जुलाई 2012 के आदेश से राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में पूर्व जिला व सेशन न्यायाधीश आरके जैन को तीन साल के लिए सदस्य पद पर नियुक्त किया। राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सदस्य के पद पर रिटायर व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जा सकती बल्कि सेवारत अफसर को ही नियुक्त किया जा सकता है।

इसलिए पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश आरके जैन को अधिकरण के सदस्य पद पर नियुक्त करना गलत व कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। याचिका में कहा कि रिटायर होने के बाद जैन ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करवा लिया था और सदस्य पद पर नियुक्ति आदेश के दिन भी वे एडवोकेट थे।

ऐसे में वे किसी सरकारी कार्यालय में नियुक्ति के योग्य नहीं हैं क्योंकि उन्होंने बार काउंसिल से सदस्यता को न तो वापस लिया और न ही एनरोलमेंट को निलंबित करवाया। इसलिए जैन की सदस्य पद पर नियुक्ति को अवैध करार देते हुए नियुक्ति आदेश को निरस्त किया जाए।

कुरान का संदेश

पाइल्स की समस्या में ये तरीका रामबाण है




पाइल्स या बवासीर एक ऐसा रोग है जिसमें रोगी का स्वास्थ्य काफी दयनीय हो जाता है। साथ ही असहनीय पीड़ा भी सहन करना पड़ती है। योग शास्त्र में इस रोग की पीड़ा से निपटने के लिए श्रेष्ठ मुद्रा महामुद्रा बताई गई है।



महामुद्रा की विधि
किसी स्वच्छ और साफ स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। अब दाहिने पैर को मोड़ते हुए एड़ी को गुदा द्वार के नीचे रखें। इसके बाद झुकते हुए बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ें तथा सांस लें। मूल बंध ( सबसे पहले सिद्धासन की अवस्था में बैठ जाएं आपके दोनों घुटने जमीन को छूते हुए होने चाहिए तथा हथेलियां उन पर टिकी होनी चाहिए। फिर गहरी सांस लेकर वायु को अंदर ही रोक ले )और जलंधर बंध (जलंधर बंध का मतलब होता है सांस की नली को सिकोड़ना। सबसे पहले जमीन पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को जमीन पर टिका लें। इसके बाद दोनों हाथों की हथेलियों को घुटनों पर रखकर बैठ जाएं। अब दोनों आंखों को बंद करके शरीर को ढीला छोड़ दें। फिर गहरी सांस लेकर सांस को अंदर ही रोककर रखें तथा सिर को आगे नीचे की ओर झुका लें और ठोड़ी को उसी जगह पर जोर से दबाएं। इसके बाद कंधों को थोड़ा सा उचकाकर गोलाकार रूप में आगे की ओर मोड़े, दोनों हाथ की हथेलियां जमीन पर टिकी होनी चाहिए।
ऐसे ही स्थिति में जितनी देर तक हो सके बैठे रहें) अब भुजाओं और कंधों को ढीला छोड़कर सिर को धीरे से उठाते हुए सांस को बाहर छोड़ें। जब सांस लेने की क्रिया पहले की ही तरह सामान्य हो जाए तो इस प्रक्रिया को दोबारा करें। इस मुद्रा को खड़े रहकर भी कर सकते हैं। इसके बाद गुदा प्रदेश को पूरी तरह से सिकोड़ ले ताकि पूरा श्रोणि प्रदेश भी सिकुड़ जाएं। अब सांस को रोककर रखने के साथ आरामदायक समयावधि तक मुद्रा को बनाए रखें सिर को धीरे से ऊपर उठाएं और धीरे से सांस को बाहर छोड़ दें। इस अभ्यास को 4 से 5 बार करें। फिर गहरी सांस लें अंतर्चेतना को ऊध्र्वमुखी बनाने का प्रयास करें। कुण्डली चक्रों का ध्यान करें एवं बंध हटाएं। धीरे-धीरे रेचक क्रिया करें। यही क्रम दाहिने पैर से करें। एवं यथा संभव कुंभक करें। यह मुद्रा कम से कम 4-5 बार करें।
जालंधर बंध, पूरक, रेचक, कुंभक आदि से संबंधित लेख पूर्व में प्रकाशित किए जा चुके हैं।
मुद्रा के लाभ
इस मुद्रा से पेट संबंधी रोग जैसे कब्ज, एसीडिटी, कब्ज, अपच जैसी बीमारियां दूर होती हैं। बवासीर नाश होता है। ध्यान के लिए उत्कृष्ट एवं कुंडली जागरण में यह मुद्रा काफी फायदेमंद है। पुराना बुखार भी इस मुद्रा से ठीक हो जाता है।

गैस और एसीडिटी की समस्या है तो रोजाना करे ये मुद्रा






असंतुलित खानपान के कारण गैस व कब्ज जैसी समस्याएं होना आम है। गैस के कारण पेटदर्द, जोड़ो के दर्द व सिरदर्द जैसी कई छोटी-छोटी परेशानियों होती है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए हस्तमुद्रा व योग से सरल उपाय नहीं है। वायु मुद्रा के लिए दिनभर में सिर्फ पांच मिनट देकर आप गैस व कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं।

वायु मुद्रा - इस मुद्रा को बनाने के लिए अंगूठे के बाद वाली पहली अंगुली यानी इंडैक्स फिंगर को मोड़कर उसके नाखुन वाले भाग का हल्का दबाव अंगूठे के मूल भाग में किया जाय और अंगूठे से तर्जनी पर दबाव बनाया जाए ,शेष तीनो अँगुलियों को अपने सीध में सीधा रखा जाए। इससे जो मुद्रा बनती है,उसे वायु मुद्रा कहते हैं। इस मुद्रा को रोज पांच मिनट से दस मिनट करने से हर तरह की गैस प्राब्लम, वात, पक्षाघात, हाथ पैर या शरीर में कम्पन, लकवा, हिस्टीरिया, आदि अनेक असाध्य रोग इस मुद्रा से ठीक हो जाते हैं। इस मुद्रा के साथ कभी कभी प्राण मुद्रा भी करते रहना चाहिए।

जब दिखे ये लक्षण समझो हो गई है ये लाइलाज बीमारी...




दमा या अस्थमा एक लाइलाज बीमारी है। ये रोग सांस नलिकाओं को प्रभावित करता है। जब इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होता है। यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है और किसी ऐसी चीज जिससे एलर्जी हो वह स्पर्श से यह तीखी प्रतिकिया करता है। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो उनमें संकुचन होता है और उस स्थिति में फेफड़े में हवा की कम मात्रा जाती है।

लक्षण-खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना।

- रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ।

- साँस लेने में कठिनाई।

- सीने में जकडऩ।

- लगातार खांसी बने रहना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।

परहेज करें इन चीजों से- गरिष्ट भोजन से बचें।

- तला हुआ खाना अस्थमा को बढ़ाता है।

- अदरक, तुलसी का पानी फायदेमंद होता है।

- तनाव से भी बचना जरूरी है।

घरेलू उपाय- अदरक का एक चम्मच ताजा रस, एक कप मैथी के काढ़े और स्वादानुसार शहद इस मिश्रण में मिलाएं। दमे के मरीजों के लिए यह मिश्रण लाजवाब साबित होता है। मैथी का काढ़ा तैयार करने के लिए एक चम्मच मैथीदाना और एक कप पानी उबालें। हर रोज सबेरे-शाम इस मिश्रण का सेवन करने से निश्चित लाभ मिलता है।

- दमे आमतौर पर एलर्जी के कारण भी होता है। ऐसे में एलर्जी को नियंत्रित करने के लिए दूध में हल्दी डालकर पीनी चाहिए।

- नींबू पानी दमे के दौरे को नियंत्रित करता है। खाने के साथ प्रतिदिन दमे रोगी को नींबू पानी देना चाहिए।

- आंवला खाना भी ऐसे में अच्छा रहता है। आंवले को शहद के साथ खाना तो और भी अच्छा है।

इदुल्फित्र का आज पहला जुमा मस्जिद सूनी सूनी सी लगी

दोस्तों अलविदा के जुमे के बाद ईदुलफित्र के महीने का आज पहला जुमा था लेकिन ..मस्जिद आज रमजान के महीने के मुकाबिल खाली खाली और सूनी सूनी थी ......जी हाँ दोस्तों आज जुमा पढने जब हम हमारे साथी कोटा आकाशवाणी मस्जिद में गए तो लगा के रमजान के माह के जुमे और इस जुमे में काफी फर्क है ....में समझ नहीं सका के रमजान के माह में भी मुसलमान तो इतने ही थे लेकिन जुमे की नमाज़ में लोगों की संख्या बेहिसाब थी लेकिन न जाने क्यूँ रमजान का महिना गया ..अलविदा जुमा गया और इदुल्फित्र का जो पहला जुमा आया वोह सूना सुना सा रहा ..मेने खुदा से दुआ की मस्जिदों में रमजान के माह की तरह ही नमाजियों की भीड़ हो और मुसलमानों आ आचरण भी रमजान के माह की तरह ही हो .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रोचक बातें: जानिए, कितने प्रकार का होता है अधिक मास?




इन दिनों भाद्रपद का अधिक मास चल रहा है। इसका प्रारंभ 18 अगस्त से हुआ है तथा यह 16 सितंबर को समाप्त होगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार अधिक मास को भगवान पुरुषोत्तम ने अपना नाम दिया है इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।

कम ही लोग ये बात जानते होंगे कि अधिक मास भी कई प्रकार का होता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार अलग-अलग कारणों से अधिक मास के 3 प्रकार बताए गए हैं। सामान्य अधिकमास, संसर्प अधिकमास और मलिम्लुच अधिकमास। ज्योतिषियों के अनुसार जो अधिकमास क्षयमास के बिना आता है अर्थात वर्ष में केवल एक अधिकमास आता है वह सामान्य अधिकमास होता है। वर्तमान में जो अधिकमास चल रहा है वह इसी प्रकार का है।

संसर्प अधिकमास क्षयमास के पूर्व आने वाला अधिकमास होता है, वहीं मलिम्लुच अधिकमास क्षयमास के बाद में आने वाला अधिकमास होता है। ये दोनों अधिकमास क्षयमास के साथ ही आते हैं।

क्या रहेगा प्रभाव?

ज्योतिषियों के अनुसार जिस वर्ष भाद्रपद का अधिक मास होता है उस वर्ष धान की उत्पत्ति बहुत अधिक होती है। फसल अच्छी होने से अर्थ व्यवस्था पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे देश के आर्थिक हालात में सुधार होता है तथा व्यापार-व्यवसाय में भी तेजी रहती है।

चाय से भी दूर हो सकता है कैंसर जानिए, कैसे?


क्या आप जानते हैं चाय आपको कैंसर से मुक्ति दिलवा सकती है। जी हाँ, यह शोध प्रमाणित सत्य है लेकिन ये चाय को ऐसी वैसी चाय नहीं, जिसे हम और आप रोज पीते हैं ये तो एक हर्बल चाय है, जो हमें कैंसर से लडऩे में मददगार सिद्ध होती है। ये बात हम नहीं शोधकर्ता कह रहे हैं हिंदी में धमासा,अंग्रेजी में वर्जिन मेटल और लेटिन में के नाम से मिलनेवाली जडी के फूलों से बनायी गई हर्बल चाय का प्रयोग पाकिस्तान में स्तन कैंसर से लडऩे के लिए पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता रहा है । यह पौधा भारत,पाकिस्तान ,अफ्रीका और यूरोप के कुछ भागों में मिलता है। एस्टोन विश्वविद्यालय बिर्मिन्गम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस वनस्पति में एक तीव्र कैंसर रोधी तत्व का पता लगाया है, जो कैंसर कोशिकाओं के शरीर में फैलने को रोकता है। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह पाया है कि इसमें पाए जानेवाले सक्रिय तत्व के प्रयोग से कैंसर कोशिकाओं के पांच से भी कम घंटे में वृद्धि रुक जाती है और चौबीस से भी कम घंटे में मृत्यु हो जाती है।

वैज्ञानिक हेलीन ग्रेफिथ का कहना है कि इस जड़ी से बनाई गई। चाय अन्य कीमोथेरेपयूटिक एजेंट से बेहतर काम करती है और सामान्य कोशिकाओं को नुकसान भी नहीं पहुंचाती है। पाकिस्तान में स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं में इस चाय के प्रयोग से डायरिया,बालों का झडऩा तथा ब्लड काउंट का कम होना जैसे साइड इफेक्ट नहीं पाए गए हैं। इस जड़ी में पाए जाने वाले सक्रिय तत्व से युक्त चाय कैंसर पीडि़त रोगी के डी.एन.ए. स्तर पर काम करती है और इसमें आयी गड़बड़ियों को दूर करती है। पाकिस्तान के उत्तरी लाहोर से एक सौ मील की दूरी पर स्थित एक अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक प्रोफेसर कार्मिकल इस जड़ी से बनी चाय का प्रयोग लगभग चालीस वर्षों से स्तन कैंसर पीडि़त रोगियों में कर रहे हैं। इस चाय के कैंसर रोधी प्रभाव का विस्तृत अध्ययन जर्नल प्लस वन में प्रकाशित हुआ है।अब शीघ्र ही इस जड़ी में पाए जानेवाले तत्व के अन्य सेफ्टी टेस्ट कर इसे दवा के रूप में बाजार में लाने की तैयारी की जा रही है।

8 साल से थी संतान की चाह, एक साथ दिया 4 बच्चों को जन्म


इंदौर। आठ साल से संतान की आस लगाए बैठे परिवार का दामन उस समय खुशियों से भर गया, जब बहू ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। तीन बेटियां, एक बेटा। सभी स्वस्थ।
एमवाय अस्पताल के लिए भी यह खास पल था। 56 साल में यहां पहली बार किसी महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों के अनुसार दो लाख महिलाओं में से किसी एक के साथ इस तरह की संभावना होती है।

2G: चिदंबरम को राहत, स्‍वामी देंगे रिव्‍यू पिटीशन




नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाले (पढि़ए कैसे सिर्फ 45 मिनट में लुट गए थे 1.76 लाख करोड़) में उनके खिलाफ दायर दो याचिकाओं को सुनने से मना कर दिया। शुक्रवार को अदालत को यह फैसला करना था कि 2 जी घोटाले में चिदंबरम को सहआरोपी बनाने के लिए दायर की गई सुब्रमण्‍यम स्‍वामी की याचिका आगे सुनवाई के लायक हैं या नहीं।
एक याचिका जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने दायर की थी। इसमें उन्‍होंने मांग की थी कि 2जी घोटाले में चिदंबरम की कथित भूमिका की सीबीआई से जांच कराई जाए। कोर्ट ने दोनों ही याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्‍वीकार किए जाने लायक नहीं माना। कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कहा कि वह रिव्‍यू पिटिशन दायर करेंगे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में मांग की थी कि 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में ए राजा के साथ-साथ पी चिदंबरम को भी सह-आरोपी बनाया जाए। स्वामी ने पहले ऐसी ही अर्जी दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत में भी दी थी। अदालत ने 4 फरवरी को उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। तब वह सुप्रीम कोर्ट गए थे। स्वामी ने अपनी अर्जी के साथ ए राजा और चिदंबरम के बीच हुई चार बैठकों का कथित ब्योरा भी अदालत में जमा कराया था।
स्वामी का आरोप है कि चिदंबरम को न सिर्फ घोटाले की जानकारी थी, बल्कि स्पेक्ट्रम के आवंटन से लेकर कीमत तय करने तक हर फैसले में उनका दखल था।

कोल ब्‍लॉक: सरकार का दावा, कोई नुकसान नहीं

इस बीच, सरकार का मानना है कि कोल ब्‍लॉक आवंटन में सरकारी खजाने को किसी तरह का नुकसान ही नहीं हुआ है। वित्‍त मंत्री पी चिदंबरम ने आज यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'अगर कोयले का खनन नहीं होगा तो वह धरती में ही रहेगा, ऐसे में नुकसान कहां से हुआ? नुकसान तो तब होता जब कोयले को जमीन से निकाला जाएगा और फिर औने-पौने दामों पर बेचा जाएगा।'

उन्‍होंने कहा, 'एनडीए ने कोल ब्‍लॉक आवंटन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया था। यूपीए की ही सरकार थी जो नियमों में बदलाव करने में कामयाब रही। सरकार ने हालांकि कुछ समय बाद ये बदलाव कामयाब भी हए फिर भी उसकी आलोचना की जा रही है। मैं दुख के साथ कहता हूं कि मौजूदा कानूनों में कुछ कमियां हैं?' वित्‍त मंत्री ने दावा किया कि पिछले कुछ सालों में देश की अर्थव्यवस्था ने विकास किया है।

इसके बाद कोयला राज्‍य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा, 'विपक्ष को संसद चलने देना चाहिए। विपक्ष को अपनी बात कहनी चाहिए, सरकार अपना पक्ष रखेगी। कम से कम देश को पता तो चले कि वास्तव में क्या हुआ है?

जायसवाल ने कहा, 'मैं समझता हूं कि यह सरकार को बदनाम करने की एक साजिश है। यह देश के ईमानदार और निष्ठावान नेताओं को बदनाम करने की साजिश है। कैग की रिपोर्ट के आधार पर सरकार बहस करने के लिए तैयार हैं। अगर स्पीकर चाहें तो प्रश्नकाल को रद्द करके भी बहस कराई जाए। प्रधानमंत्री पर आरोप लगाना गलत है। प्रधानमंत्री या फिर किसी भी अन्य मंत्री से ज्यादा नीतियों की जिम्मेदारी थी। नीतियां कई सालों से चली आ रही हैं। हमने उन्हें बेहतर बनाने की कोशिश की है। दुर्भाग्य की बात यह है कि जो पार्टी विरोध कर रही है उसके ही नेताओं ने पॉलिसी में बदलाव का विरोध किया है। जबरदस्त विरोध होने के बाद सरकार कैसे पॉलिसी में बदलाव कर सकती थी। यूपीए 1 सरकार ने फैसला किया था कि प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए हम बिडिंग प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे।'

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