अहमदाबाद. साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय नरोडा पाटिया हत्याकांड ( मामले में फैसला आ गया है। अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 61 आरोपियों में से 32 को दोषी करार दिया है जबकि 29 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस हत्याकांड में 97 लोग मारे गए थे। राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी (क्या दंगों का ईनाम था माया का मंत्रीपद) और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी (जिन्होंने दंगों में शामिल होने की बात कुबूल भी की थी, को भी दोषी ठहराया गया है। इस मामले में 300 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी है। राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने सीएम नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस का कहना है कि दंगे में बीजेपी के नेता भी शामिल थे। गुजरात सरकार के प्रवक्ता जयनारायण व्यास ने कहा है कि कोई विधायक राज्य सरकार का हिस्सा नहीं होता है। उन्होंने कहा, 'जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त माया कोडनानी मंत्री नहीं थीं। इस मामले में नरेंद्र मोदी का नाम भी बेवजह घसीटा जा रहा है।'
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 अगस्त 2012
गुजरात दंगा: मोदी की पूर्व मंत्री भी अपराधी
अहमदाबाद. साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय नरोडा पाटिया हत्याकांड ( मामले में फैसला आ गया है। अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 61 आरोपियों में से 32 को दोषी करार दिया है जबकि 29 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इस हत्याकांड में 97 लोग मारे गए थे। राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी (क्या दंगों का ईनाम था माया का मंत्रीपद) और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी (जिन्होंने दंगों में शामिल होने की बात कुबूल भी की थी, को भी दोषी ठहराया गया है। इस मामले में 300 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी है। राज्य में विपक्षी कांग्रेस ने सीएम नरेंद्र मोदी का इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस का कहना है कि दंगे में बीजेपी के नेता भी शामिल थे। गुजरात सरकार के प्रवक्ता जयनारायण व्यास ने कहा है कि कोई विधायक राज्य सरकार का हिस्सा नहीं होता है। उन्होंने कहा, 'जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त माया कोडनानी मंत्री नहीं थीं। इस मामले में नरेंद्र मोदी का नाम भी बेवजह घसीटा जा रहा है।'
30 को है 3 साल में आने वाला शिव पूजा का दुर्लभ योग..बोलें यह शिव मंत्र
शिव चरित्र में छुपे वैभव, वैराग्य व संहार के साथ कल्याण के भाव दरअसल ज़िंदगी की सच्चाईयों को सामने रख जीने की ही सीख देते हैं।
ऐसे ही कल्याणकारी देवता भगवान शिव की पूजा के लिए शास्त्रों में बताए एक विशेष मंत्र का स्मरण हर रोज सुबह खासतौर पर शिव भक्ति की तिथियों जैसे चतुर्दशी व अष्टमी पर किया जाए तो इसके शुभ प्रभाव से भरपूर मानसिक शक्ति मिलने के साथ जीवन तनाव, दबाव व परेशानियों से दूर रहता है और उम्मीदों से भी ज्यादा सफलता मिलती है।
कल अधिकमास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो शिव भक्ति से मुरादें पूरी करने के लिए अचूक मानी जाती है क्योंकि यह शुभ तिथि अधिकमास के साथ तकरीबन 3 साल में ही 1 बार आती है। साथ ही इस दिन गुरुवार यानी गुरु व भगवान विष्णु की भक्ति का योग भी है। शिव भी जगतगुरु माने जाते हैं। इसलिए जानिए अधिकमास, चतुर्दशी तिथि व गुरुवार के संयोग में किस विशेष शिव मंत्र से अपनी मुरादें पूरी करें-
- सुबह शिवलिंग या शिव की मूर्ति का पवित्र जल स्नान कराकर चंदन, अक्षत व बिल्वपत्र चढ़ाएं। धूप व दीप लगाकर नीचे लिखे शिव मंत्र का ध्यान करें -
शान्ताकारं शिखरशयनं नीलकण्ठं सुरेशं।
विश्वाधारं स्फटिकसदृशं शुभ्रवर्णं शुभाङ्गम्।।
गौरीकान्तं त्रितयनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं।
वन्दे शम्भुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
अलफ़ाज़ सिर्फ अल्फाज होते है
लोग कहते है
अलफ़ाज़ सिर्फ अल्फाज होते है
लेकिन दोस्तों
में कहता हूँ
अलफ़ाज़ जहर होते है ..
अलफ़ाज़ मधुर और मीठे होते है
अलफ़ाज़ हिन्दू होते है
अल्फाज़ मुस्लिम होते है
अलफ़ाज़ धर्मनिरपेक्ष होते है
अलफ़ाज़ लफ्फाज़ होते है
अलफ़ाज़ साप्रदायिक होते है
अलफ़ाज़ अमन चेन का होते है
अलफ़ाज़ प्यार भी होते है मोहब्बत भी होते है
अलफ़ाज़ हमदर्दी भी होते है
अलफ़ाज़ राष्ट्रभक्ति भी होते है
अलफ़ाज़ भ्रष्ट भी होते है
अलफ़ाज़ त्रस्त भी होते है
अलफ़ाज़ सियासत भी होते है
अलफ़ाज़ गरीब भी होते है अमीर भी होते है
तो दोस्तों यह तो अलफ़ाज़ है बताओ
इतने अल्फाजों में से
आपको कोनसे अलफ़ाज़ और यह अलफ़ाज़ क्यूँ पसंद है
क्या आप संकल्प लेते हो
क्या अप कहते हो
हम वही अलफ़ाज़ बोलेंगे वाही अलफ़ाज़ लिखेंगे
जिससे मेरा भारत महान ..मेरा भ्रष्टाचार मुक्त हिन्दुस्तान
भाईचारा और सद्भावना की मिसाल बनेगा .....क्यों बोलो भी लिखो भी जो दिमाग में है उसे अल्फाजों की शक्ल में उकेरो भी जनाब .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
अलफ़ाज़ सिर्फ अल्फाज होते है
लेकिन दोस्तों
में कहता हूँ
अलफ़ाज़ जहर होते है ..
अलफ़ाज़ मधुर और मीठे होते है
अलफ़ाज़ हिन्दू होते है
अल्फाज़ मुस्लिम होते है
अलफ़ाज़ धर्मनिरपेक्ष होते है
अलफ़ाज़ लफ्फाज़ होते है
अलफ़ाज़ साप्रदायिक होते है
अलफ़ाज़ अमन चेन का होते है
अलफ़ाज़ प्यार भी होते है मोहब्बत भी होते है
अलफ़ाज़ हमदर्दी भी होते है
अलफ़ाज़ राष्ट्रभक्ति भी होते है
अलफ़ाज़ भ्रष्ट भी होते है
अलफ़ाज़ त्रस्त भी होते है
अलफ़ाज़ सियासत भी होते है
अलफ़ाज़ गरीब भी होते है अमीर भी होते है
तो दोस्तों यह तो अलफ़ाज़ है बताओ
इतने अल्फाजों में से
आपको कोनसे अलफ़ाज़ और यह अलफ़ाज़ क्यूँ पसंद है
क्या आप संकल्प लेते हो
क्या अप कहते हो
हम वही अलफ़ाज़ बोलेंगे वाही अलफ़ाज़ लिखेंगे
जिससे मेरा भारत महान ..मेरा भ्रष्टाचार मुक्त हिन्दुस्तान
भाईचारा और सद्भावना की मिसाल बनेगा .....क्यों बोलो भी लिखो भी जो दिमाग में है उसे अल्फाजों की शक्ल में उकेरो भी जनाब .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
संघ का हल्ला बोल,भाजपा कार्यालय में मचाई तोड़-फोड़
मंगल से धरती पर भेजी इंसान की आवाज
हमारा मिशन मंगल अगले साल
अगले वर्ष नवंबर में भारत का मंगल अभियान शुरु होगा। हमारे मिशन का लक्ष्य मंगल के वातावरण में मिथेन का पता लगाना है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर यू आर राव ने मंगलवार को एक बातचीत के दौरान कहा कि जब देश ने चंद्रयान-1 अभियान शुरू किया तब हमें पता नहीं था कि हम चंद्रमा पर पानी का पता लगाने में सफल होंगे। अपेक्षाकृत देर से चंद्र अभियान की शुरुआत के बावजूद हम यह करने में सफल रहे। प्रो राव के अनुसार मंगल के बारे में हो रही खोज काफी महत्वपूर्ण हैं। 500 वर्ष बाद इस ग्रह का उपयोग पृथ्वी के लिए संसाधन के रूप में किया जा सकता है। यह मिशन भविष्य में मंगल पर इंसान के पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कसाब की मौत की सजा बरकरार, कब होगी फांसी?
कोर्ट ने कहा है कि यदि देश की संप्रभुता पर हमला होता है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अपराध की सबसे बड़ी सजा मिलनी चाहिए। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की स्पेशल बेंच ने कसाब पर फैसला पढ़ने में करीब पांच मिनट का वक्त लिया।
अदालत ने कसाब ( की कम उम्र की दलील ठुकराते हुए कहा कि यह जंग भारत के खिलाफ थी और इस मामले में कसाब के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कोर्ट ने कसाब की तरफ से दी गई यह दलील भी खारिज कर दी कि हमले के वक्त वह सिर्फ रोबोट की तरह काम कर रहा था। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत करार दिया है।
कसाब को हत्या, हत्या की साजिश, देश के खिलाफ जंग छेड़ना, हत्या में सहयोग देने और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है। अब कसाब के सामने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने का विकल्प है। यदि यह याचिका भी खारिज हो गई तो क्यूरीटिव पीटिशन का विकल्प बचता है। आखिर में कसाब राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी भेज सकता है। दया याचिका खारिज होने के बाद कसाब के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा और उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा। लेकिन इस बीच यह सवाल उठने लगा है कि आखिर कसाब को कब तक फांसी हो सकेगी?
सैमसंग ने लॉन्च किया सबसे बड़े स्क्रीन वाला स्मार्टफोन
बीते दिनों एप्पल के साथ पेटेंट की कानूनी लड़ाई में हार के बाद सैमसंग ने यह पहला प्रोडक्ट लॉन्च किया है। सैमसंग के मुताबिक नोट 2 के जरिए उसे इस लड़ाई में अपना पलड़ा भारी करने में मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि हाल में एप्पल से पेटेंट की कानूनी जंग में सैमसंग की हार और एक अरब डॉलर चुकाने के अदालती फैसले का सबसे अधिक असर एंड्रॉयड मार्केट पर पड़ने की आशंका है। इस जंग के बाद सैमसंग के कई प्रॉडक्ट्स पर बैन की भी मांग उठी है। हालांकि सैमसंग का गैलेक्सी एस उन स्मार्टफोन में शामिल नहीं हैं, जिस पर बैन लगाने की मांग की जा रही है।
एप्पल हाल ही में दुनिया की सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी बनी है
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