आपका-अख्तर खान

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30 अगस्त 2012

हमारे दिलों में हमारी आस्तीनों में पल रहे कसाब को कोन मारेगा

दोस्तों अपने अन्दर के क्साब को हम कब  मारेंगे ..सभी  है हमारे देश में तबाही मचाने वाले और देश की तरफ टेडी नज़र रखने वालों को देश ने सबक सिखाया है कई लोग मोत के घाट उतर दिए गए है तो कई लोग हमारे सीधे निशाने पर है ..कसाब तो एक मच्छर है जो कुत्ते की  मोत  मरेगा ..लेकिन दोस्तों जरा सोचो क्या एक कसाब के मर जाने से देश शांत हो जायेगा क्या देश सुरक्षित हो जायेगा ..दोस्तों हमारे देश में कई ऐसे लोग है जिनके दिलों में कसाब पल रहा है कसाब बढ़ रहा है हिन्दू चाहता है मुसलमानों को  मार दो ..मुसलमान  चाहता है हिन्दुओं को मार दो .......जो लोग शांति अमन चेन राष्ट्रीयता की बात करते है उन्हें गांधी की तरह से गोडसे की तरह लोग मारने निकला पढ़ते है ..आज हमारा देश कहा जा रहा है नफरत की ज्वाला ..ना प्यार न सद्भावना ..एक दुसरे से मिलने के अंदाज़ में मुंह में राम बगल में छुरी ..ना राष्ट्रीयता ना अपनापन ..जऱा सोचो क्या हिन्दू व्यापारी मिलावट करते वक्त यह सोचता है के इससे देश और देश के लोगों के स्वास्थ का नुकसान होगा ..जरा सोचो ..किसी मुसलमान ने क्या कभी सोचा है के बिल्डिंग बनाते वक्त खराब मेटेरियल लगाया तो बिल्डिंग गिरने से मुसलमान भी मरेगा ..दफ्तरों में क्या रिश्वत के लियें हिन्दू हिन्दू के साथ या मुस्लिम मुस्लिम के साथ कोई रियायत  बरतता है ,,,, फिर हम क्यूँ हिन्दू बन जाते है ..हम क्यूँ मुसलमान बन जाते है क्यूँ हमारे अन्दर नफरत और तबाही का कसाब पाल रहे है ..हमारा हिन्दुस्तान जिसके आगे दुसरे मुल्क सर झुकाते रहे है आज हम इस देश को क्यूँ कमज़ोर कर रहे है .........अरे जरा अपने धर्म ग्रंथों को पढो जरा कुरान और गीता को पढो नेतिक शिक्षा को पहचानो ....राष्ट्रीयता के बारे में सोचो समझो यूँ आरोप प्रत्यारोप तो खूब होते है गद्दार इधर भी है गद्दार उधर भी आतंकवादी इधर भी है आतंकवादी  उधर भी है ..सभी हिन्दू मुसलमानों के दुश्मन नहीं होते और सभी मुसलमान आतंकवादी हिन्दू विरोधी नहीं होते जो देश के गद्दार जो देश के आतंकवादी होते है जो भ्रष्ट ..मिलावटखोर ..बेईमान मक्कार ..होते है जो राष्ट्रविरोधी होते है वोह न तो हिन्दू होने है ना मुसलमान होते है वोह तो बस कसाब और सिर्फ कसाब होते है तो दोस्तों अपने अन्दर पल रहे अपने अन्दर बढ़ रहे इस कसाब को मरने के बारे में भी तो सोचो ....आना आये चले गए ..बाबा आये चले गये लेकिन हमारे देश का कसाब  जो लोगों की नसों में भ्रष्टाचार ..नफरत ..साम्प्रदायिकता .हिंसा ..अराजकता ..डर्टी पोलिटिक्स बन कर पल बढ़ रहा है उसे कोन फंसी देगा उसे कोन मरेगा तो दोस्तों यह अजमल कसाब और इसकी तरह से करोड़ों करोड़ कसाब भी अगर आ जाए तो वोह जमीन चाटेंगे धुल चाटेंगे और हम हिन्दुस्तानियों के कदमों में गिर कर रहम की भीख मांगेंगे  लेकिन इसके लियें हमे अपने गिरेहबान में झांक कर सीने और आस्तीनों में पल रहे क्साबों को मारना होगा क्साबों को मरना होगा क्या हम ऐसा कर सकेंगे मेरा यकीन है कुछ लोग इस पोस्ट को भी अपने दिमाग अपने मिजाज़ से पढ़ेंगे इसका अर्थ नहीं अनर्थ निकालेंगे लेकिन इन मानसिक रोगियों की वजह से में  देशभक्ति तो नहीं छोड़ सकता ..में मेरे भारत को महान बनाने की दिशा में ले जाने से रुक तो नहीं सकता में मेरे तिरंगे की रक्षा करने से तो नहीं रुक सकता क्यूंकि दोस्तों मेरा झंडा तिरंगा है मेरा झंडा ना तो हरा है ना ही केसरिया है में देश में तिरंगे का राज चाहता हूँ किसी और झंडे को किसी भी कीमत पर मेरे देश में हावी होने नहीं दूंगा चाँद तारे वाले कसाब हो या फिर दुसरे झंडे वाले सभी को इस सच को समझ लेना चाहिए क्योंकि में कोई एरा गेरा नहीं एक आम हिन्दुस्तानी हा आम हिन्दुस्तानी हु ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

कुरान का संदेश

कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर सोनिया ने साधा बीजेपी पर निशाना



बाड़मेर/जयपुर. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को बाड़मेर में लिफ्ट परियोजना और शहरी बीपीएल आवास योजना का शुभारंभ किया। इस परियोजना के शुरू होने से बाड़मेर वासियों को पीने के लिए मीठा पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा।


इस मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बाड़मेर में सबसे ज्यादा तेल उत्पादन हुआ हैं और अब इस क्षेत्र में विकास गंगा की बहेगी। उन्होंने ने कहा कि इस क्षेत्र में पानी की समस्या रही है। लेकिन बाड़मेर वासियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं और अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेगी। इसके अलावा कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर सोनिया गांधी ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने ने कहा कि विपक्ष संसद को चलने दें और बहस में हिस्सा लें।


इससे पहले गुरूवार दोपहर को बाड़मेर पहुंची सोनिया गांधी का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान ने स्वागत किया। बाड़मेर में परियोजना का शुभारंभ करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष जयपुर में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी।

दहेज कानून से रिश्तेदार होंगे बाहर!



 

 
नई दिल्ली. किसी भी महिला की ओर से दहेज प्रताडऩा के आरोप में भाई-बहन, परिजनों और रिश्तेदारों को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी राहत मिलने वाली है। दहेज कानून में प्रस्तावित संशोधन के मसौदे के अनुसार कोई भी पीडि़त महिला दहेज के नाम पर सिर्फ पति और सास-ससुर पर ही आरोप लगा सकेगी। ससुराल पक्ष के अन्य रिश्तेदारों पर दहेज कानून के तहत आरोप नहीं लगाया जा सकेगा।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपने इस नए संशोधन के मसौदे को जल्द ही कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश करने वाला है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ ने भास्कर से खास बातचीत में कहा, 'अक्सर दहेज प्रताडऩा के मामलों में पीडि़ता अपने पति और सास-ससुर के अलावा उन सभी रिश्तेदारों का भी नाम शामिल करा देती है, जिनका फसाद से कुछ लेना देना नहीं होता। कई बार तो पूरे परिवार को ही दहेज मामले में बेवजह परेशान करने की नीयत से नाम जोड़ दिया जाता है।' कृष्णा तीरथ ने बताया कि मंत्रालय ने विभिन्न घटकों से ढेरों बैठकों के बाद फैसला किया है कि दहेज कानून में बदलाव कर सिर्फ पीडि़ता के पति और अभिभावकों तक ही सीमित करने का फैसला किया है। इससे परिजनों और दूर के रिश्तेदारों को बड़ी राहत मिलने वाली है।
दोषी को हो सकती है सात साल तक की सजा दहेज लेने के मामले में दोषी करार दिए जाने पर आरोपी को सात साल तक की सजा हो सकती है। अब तक किसी दहेज प्रताडऩा के मामले में दोषियों को कोई बड़ी सजा का प्रावधान नहीं है। दहेज कानून संशोधन में लगे विशेषज्ञों की समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि दोषी को ज्यादा से ज्यादा सात साल तक के कारावास की सजा को लागू किया जाए।
उपहारों की लिस्ट सौंपनी होगी सरकार को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से भेजे गए सिफारिशों को भी नए संशोधन में जगह दी गई है। आयोग ने मंत्रालय को सुझाया था कि शादी में मिलने वाले हर उपहार की लिस्ट बनाई जाए और इसे सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट से सत्यापित कराया जाए, ताकि दहेज की शिकायत होने पर बेहतर तरीके से फैसला किया जा सके। अगर अंतिम मसौदे को सांसदों की मंजूरी मिल जाती है तो इसे जल्द कैबिनेट में भेजने की तैयारी है।

हवा में टकराए एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्‍टर, 9 की मौत


 

 
अहमदाबाद. गुजरात में गुरुवार को वायुसेना के दो हेलीकॉप्‍टर आसमान में टकरा गए। वायुसेना के एमआई 17 हेलीकॉप्‍टर अभ्‍यास उड़ान पर थे। इनकी टक्‍कर जामनगर एयरबेस के पास करीब 12:20 बजे हुई। बताया जा रहा है कि उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही दोनों हेलीकॉप्‍टरों के बीच टक्‍कर हो गई। हादसे में नौ लोगों के मारे जाने की खबर है। हालांकि वायुसेना की तरफ से अभी तक आठ मौतों की आधिकारिक पुष्टि हुई है। ये  हेलीकॉप्‍टर के पायलट बताए जा रहे हैं।

गुजरात में जामनगर से करीब 20 किलोमीटर दूर सरमत गांव के पास वायुसेना का बेस स्थित है। यहीं यह हादसा हुआ। गौरतलब है कि दुर्घटनास्‍थल से रिलायंस रिफाइनरीज करीब 30 किलोमीटर जबकि एस्‍सार रिफाइनरीज करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

राज्‍य में लगातार दूसरे दिन हादसा हुआ है। बुधवार को आसाराम बापू को ले जा रहा हेलीकॉप्‍टर दुर्घटनाग्रस्‍त होकर तीन टुकड़ों ) में बंट गया था।

लड़कियों को सेहत से ज्‍यादा फिगर की चिंता : मोदी



 

 
अहमदाबाद. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य वर्ग को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। अमेरिका के मशहूर अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए गए  इंटरव्यू में मोदी से जब पूछा गया कि उनके राज्य में कुपोषण की दर इतनी ज़्यादा क्यों है, तो इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, 'गुजरात मोटे तौर पर शाकाहारी राज्य है। और तो और गुजरात एक मध्य वर्गीय (मिडल क्लास) राज्य है। मध्य वर्ग को सेहत से ज़्यादा सुंदरता की फिक्र होती है-यही चुनौती है।'
मोदी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, 'अगर मां अपनी बेटी से कहती है कि दूध पियो, तो इसे लेकर दोनों में झगड़ा होता है। बेटी अपनी मां से कहती है, मैं दूध नहीं पिऊंगी क्योंकि मैं मोटी हो जाऊंगी। हमें इसमें बड़ा बदलाव लाना होगा। इस मामले में भी गुजरात एक आदर्श राज्य बनेगा। मैं कोई बड़ा दावा नहीं करूंगा क्योंकि मेरे पास कोई सर्वे रिपोर्ट नहीं है।'

इस बयान पर मोदी को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और डुमरियागंज लोकसभा सीट से संसद सदस्य जगदंबिका पाल ने कहा है कि लोगों को खाने को नहीं मिल रहा है और मोदी ऐसे बयान दे रहे हैं। गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भी मोदी की तीखी आलोचना की है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा, 'महिलाएं परिवार का पेट भरने के लिए खुद भूखी रहती हैं। यह किसी प्रशासक का बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान है। मुझे उम्मीद है कि गुजरात की महिलाएं इसका विरोध करेंगी।'  
2002 के गुजरात दंगों ( को लेकर जब उनसे पूछा गया कि वे माफी क्यों नहीं मांगते तो उन्होंने कहा कि माफी तभी मांगी जाती है जब कोई अपराध किया गया हो। इस तरह के इंटरव्यू के जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश के आरोप के जवाब में गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा, 'अगर मैं अपनी छवि सुधारना चाहता तो बीते 10 सालों में ऐसे 10 हजार इंटरव्यू दे चुका होता। मैंने कोई गलती नहीं की है कि मुझे अपनी छवि सुधारनी पड़े। मैं जो हूं, वह पूरी दुनिया के सामने है।'

क्या आप खुद को भविष्य के प्रधानमंत्री के तौर पर देखते हैं? इस सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, 'मैं न तो बीते हुए कल और न ही भविष्य के पागलपन का भार ढोता हूं। मैं वर्तमान में जीता हूं। मेरा वर्तमान मेरा गुजरात, उसके 6 करोड़ लोग, गांव, गरीब किसान और बच्चे हैं। मुझे उनकी किस्मत बदलनी है। मैं उससे आगे की नहीं सोचता।'
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