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01 सितंबर 2012

हिंदी संवेधानिक भाषा का विरोध करने वाला मंत्री रहने लायक नहीं


जी हाँ दोस्तों महाराष्ट्र में कानून का राज नहीं वहां  का संविधान नहीं चलता है  तो माफिया दोनों का कब्जा है या फिर राजनितिक माफियागिरी करने वालों ने अपना कब्जा जमा लिया है देश का कानून देश का संविधान  इनके लियें कोई अहमियत नहीं रखता है एक उपमुख्यमंत्री कहते है  'नहीं बोलूंगा हिंदी, महाराष्ट्र में हूं सिर्फ मराठी बोलूंगा' जबकि दूसरा डंके की चोट पर सरकार का मुंह चिड़ाने वाला राजनितिक माफिया दोन कहता है के कोई बिहारी बाबू की खेर नहीं ...खेर एक बार का गुंडा तो कुछ भी कह दे राजनितिक समझोतों के चलते ऐसे अपराधी के खिलाफ सरकार कार्यवाही नहीं करे लेकिन महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री अजीत पंवार अगर यह कहें के में हिंदी नहीं बोलूँगा मराठी ही बोलूँगा तो अजीब से लगता है क्योंकि देश की संवेधानिक भाषा हिंदी है और ऐसा कहना संविचन का अपमान है देश  के संविधान का अमन करने वाल मंत्री पद पर रह भी नहीं सकता लेकिन अफ़सोस के महाराष्ट्र में राजनितिक गुंडे खुले घूम रहे है और संविधान तोड़ने वाले संविधान का अपमान करने वाले मंत्री उप मुख्यमंत्री बने बेठे है ऐसे में सोचो इस देश को हमारी कमजोरियां किस दिशा की तरफ ले जा रही है ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ...
मुंबई। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। 
उन्होंने अहमदनगर जिले में सूखे के मुद्दे पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से हिंदी में बात करने से इनकार करते हुए कहा कि मैं महाराष्ट्र में हूं और सिर्फ मराठी में ही बोलूंगा।

चौंकिएगा मत! सिर्फ 10 दिनों में 'तिरुपति' से भी अमीर हो जाती है ये जगह


मुंबई। गणोश नगर, दादर। ये है पता लालबाग के राजा का। यानी दस दिन का गणोश मंदिर। इसे बनाने की तैयारियां तीन महीने से चल रही हैं।

हकीम मोहम्मद यूसुफ कोल्हापुरी की टीम अपना काम संभालने को मुस्तैद है। वे तीस सालों से राजा की खिदमत में हैं। वे दान-दक्षिणा में आए नोट और गहनों की गिनती करते हैं।

उन्हें उम्मीद है कि इस दफा चढ़ावा 30 करोड़ का आंकड़ा पार करेगा। पिछले साल 26 करोड़ रुपए जमा हुए थे। 50 लोगों को 12 दिन लगे थे नकदी गिनने में।

एक पखवाड़े बाद दस दिनी गणोशोत्सव शुरू हो जाएगा। यह देश का अकेला ऐसा उत्सव है, जिसमें सिर्फ दस दिनों में राष्ट्र, महाराष्ट्र और दुनिया भर के 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शिरकत करते हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा शुरू की गई इस परंपरा में लालबाग के उत्सव को 78 साल पूरे हो रहे हैं।

यहां दस दिनों में देश के सबसे समृद्ध तिरुपति मंदिर से ज्यादा नकदी और जेवर जमा होते हैं। आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष राजेंद्र लांजवाल बताते हैं कि 2011 में 26 करोड़ का चढ़ावा आया। इसमें करीब छह करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण भी शामिल हैं।

एक दिन के अधिकतम चढ़ावे का रिकॉर्ड 3.5 करोड़ रुपए है। इस बार 19 सितंबर से नोट गिनने का काम शुरू होगा। नोट गिनने की दस में से पांच मशीनें तो आयोजन समिति की हैं।

पांच बैंकों से आएंगी। लालबाग के राजा का रुतबा गजब है। 12 फुट ऊंची प्रतिमा 20 किलो वजनी सोने के आभूषणों से सजेगी। 45 करोड़ का तो बीमा ही हुआ है इनका।

स्कूल उजाड़ा, शिक्षिकाओं को बाबू बनाया, फिर भी नहीं बनी पार्किग



कोटा। गौशाला स्कूल को बंद करने में नगर निगम ने दो साल पहले जितनी फुर्ती दिखाई, यहां पार्किग स्थल विकसित करने में उतनी ही सुस्ती दिख रही है। अभी तक यहां बनने वाले पार्किग स्थल और कमर्शियल कॉम्पलेक्स की रूपरेखा भी नहीं बन सकी है। स्कूल भवन में सालों से जमे दुकानदारों को हटाने को लेकर भी कोई नीति तय नहीं हो पाई है। उधर, यहां पढ़ाने वाली शिक्षिकाएं अब बाबूगिरि कर रही हैं और स्कूल बंद होने से अब तक इनके वेतन पर 1.5 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुका हैं।

दुकानदारों को करना होगा शिफ्ट

रामपुरा क्षेत्र में पार्किग स्थल की मांग को देखते हुए दो साल पहले निगम द्वारा संचालित गौशाला स्कूल का चयन किया गया। महापौर डॉ. रत्ना जैन ने तुरत-फुरत में आदेश जारी कर स्कूल को बंद कर दिया। स्कूल भवन के खिड़की दरवाजे निकलवा दिए। निर्माण शाखा को पार्किग स्थल प्रोजेक्ट तैयार करने के आदेश दे दिए। बाद में पता चला कि उस स्कूल के नीचे काफी दुकानदार हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं। उन दुकानदारों को शिफ्ट करना होगा। फिर योजना बनाई कि पार्किग स्थल के ऊपर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया जाए। इस पर भी आपत्ति हुई तो दुकानदारों को कहीं और दुकान बनाकर देने पर विचार किया गया। इस प्रकार योजना तो तीन बनीं, लेकिन फाइनल एक भी नहीं हो पाई।

जिम्मेदारी दो तो शाम को ट्रांसफर का आवेदन

इन शिक्षिकाओं को निगम की हेल्प लाइन, निर्माण शाखा, अग्निशमन, रामपुरा जोन, विज्ञाननगर जोन, विद्युत अनुभाग में शिफ्ट किया गया है। इनका वेतन 30 से 51 हजार रुपए प्रतिमाह है। पिछले दो साल से इनके वेतन पर निगम करीब 7 लाख रुपए प्रतिमाह खर्च कर रहा है। उन्हें जहां भी लगाया,काम उनके सहकर्मियों को ही करना पड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जब भी जिम्मेदारी वाले स्थानों पर लगाना चाहा तो उन्होंने कोई न कोई कारण बताते हुए शाम को ही तबादला करने की अर्जी लगा दी।

कुरान का संदेश

जी हाँ दोस्तों आप है सतीश जी सक्सेना जो भी लिखते है बहतर लिखते है

जी हाँ दोस्तों आप है  सतीश जी सक्सेना जो भी लिखते है बहतर लिखते है ..जो भी सोचते है बहतर और रचनात्मक सोचते है इनकी  के तो सभी कायल है लेकिन म्र्दुलता शब्दों   ने इन्हें सभी की  का तारा बना दिया है ..भाई सतीश की कहानी  मुंह जुबानी ...

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मेरे बारे में

लिंग पुरुष
उद्योग अभियांत्रिकी
स्थान नॉएडा, भारत
परिचय जब से होश संभाला, दुनिया में अपने आपको अकेला पाया, शायद इसीलिये दुनिया के लिए अधिक संवेदनशील हूँ ! कोई भी व्यक्ति अपने आपको अकेला महसूस न करे इस ध्येय की पूर्ति के लिए कुछ भी ,कहीं भी और किसी समय भी तैयार रहता हूँ ! नियमित रक्तदाता हूँ, मरने के बाद किसी के काम आ जाऊं अतः बरसों पहले अपोलो हॉस्पिटल में देहदान कर चुका हूँ ! विद्रोही स्वभाव,अन्याय से लड़ने की इच्छा, लोगों की मदद करने में सुख मिलता है ! निरीहता, किसी से कुछ मांगना, झूठ बोलना और डर कर किसी के आगे सिर झुकाना बिलकुल पसंद नहीं ! ईश्वर अन्तिम समय तक इतनी शक्ति एवं सामर्थ्य अवश्य बनाये रखे कि जरूरतमंदो के काम आता रहूँ , भूल से भी किसी का दिल न दुखाऊँ और अंतिम समय किसी की आँख में एक आंसू देख प्राण त्याग कर सकूं !
रुचि जिनको जरूरत है, उनके काम आना, होमियोपैथी, फोटोग्राफी, मूक जीवों (चूंकि वे हमसे बहुत अच्छे होते हैं) से प्यार

प्रसव के दौरान अस्‍पताल में बनाया महिला का एमएमएस!



दुर्ग. छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आजकल एक अश्‍लील पूल पार्टी ) आयोजित होने के चलते विवाद और चर्चा में है ही, अब दुर्ग में भी शर्मसार होने वाली एक घटना सामने आई है। यहां के जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर एक महिला का प्रसव के दौरान एमएमएस बनाने का आरोप लगा है। हद तो यह है कि आरोपों से नाराज अस्पतालकर्मी मरीजों की जान से खेलने लगे हैं। डॉक्टर्स भी उनका साथ दे रहे हैं। शुक्रवार को अस्‍तपाल के तमाम कर्मचारी और डॉक्‍टर, दोनों कुछ घंटों के लिए हड़ताल पर चले गए। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में काम ठप रहा। इस दौरान आए मरीजों, यहां तक कि प्रसव के लिए आईं महिलाओं को भी लौटा दिया गया।

27 अगस्त को कैंप-1 भिलाई की शबनम बानो को प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। प्रसव वार्ड में डॉक्टर समेत 11 लोग थे। शबनम की जेठानी खुर्शीद ने यह शिकायत की थी कि शबनम के प्रसव के दौरान वहां मौजूद अस्पताल के स्टाफ द्वारा मोबाइल से वीडियो क्लिपिंग तैयार की जा रही थी। इसका विरोध करने पर वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने उनके साथ बदसलूकी की और धमकाया। मामले में 29 अगस्त को खुर्शीद की रिपोर्ट पर 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। अस्पताल प्रबंधन ने उसी दिन 7 लोगों को सस्पेंड कर दिया। अब अस्‍पताल के डॉक्‍टर्स और कर्मचारी निलंबन का विरोध कर रहे हैं।
विरोध में दोनों स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन और डॉक्टर्स के संगठन एक हो गए हैं। शुक्रवार को चिकित्सा अधिकारी संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य एवं बहुद्देशीय कर्मचारी संघ ने एकजुट होकर जिला अस्पताल से रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए कलेक्टरेट पहुंचे। अस्पताल में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी निलंबित कर्मचारियों व इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स का निलंबन वापस नहीं लिया गया तो सोमवार को फिर रैली निकालकर विरोध करेंगे।
डॉक्‍टर्स और कर्मचारी दोपहर 12 बजे ड्यूटी पर लौटे। इस दौरान मरीजों को खासी परेशानी हुई। इमरजेंसी के लिए तैनात डॉक्टर्स ने सामान्य मरीजों की जांच न कर उन्हें बैरंग लौटा दिया। इस बीच प्रसव के लिए आईं दो मरीजों को भी सीधे लौटा दिया गया।  डॉक्‍टर और कर्मचारी हड़ताल को जायज ठहरा रहे हैं (, वहीं सिविल सर्जन () का कहना है कि आरोपों की जांच करवाई जा रही है और जल्‍द ही स्थिति साफ हो जाएगी।

'देशद्रोही' राज ठाकरे पर केस की मांग


पटना. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बिहारियों को घुसपैठिया करार देने की धमकी ( पर सियासी माहौल गरम हो गया है। लालू यादव की पार्टी राजद के सांसद रामकृपाल यादव ने ठाकरे को देशद्रोही करार दिया है। उन्‍होंने कहा, 'महाराष्‍ट्र को बिहार के लोगों को अपने खून-पसीने से सींचा है। ठाकरे को अपनी जुबान पर लगाम लगाना चाहिए, ठाकरे बंधुओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। सरकार को ठाकरे के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।'
शनिवार को बाबा रामदेव ने भी एक विवादास्‍पद बयान दे दिया। उन्‍होंने कांग्रेस महासचिवों को खुला सांड कह डाला। इस बयान पर अभी कांग्रेस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है,  लेकिन राज ठाकरे के बयान पर तमाम नेता तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडी (यू) के प्रवक्‍ता शिवानंद तिवारी ने कहा है, 'ऐसा लगता है कि राज ठाकरे एक और भिन्‍डरावाले पैदा करना चाहते हैं। मुंबई की हालत यह है कि राज ठाकरे ) जो चाहते हैं वही कानून बन जाता है। ऐसा लगता है कि ठाकरे परिवार देश के कानून और संविधान से इतर एक परिवार है। राज ठाकरे जब देश की बात करते हैं तो उन्‍हें अपनी छाती चौड़ी रखनी चाहिए। उन्‍हें देश के गरीब और पिछड़े इलाके के लोगों के प्रति हमदर्दी रखनी चाहिए और उनके दिल में सभी लोगों के लिए जगह होनी चाहिए।'

तिवारी ने राज ठाकरे के ऐसे बयानों के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा, 'कांग्रेस ऐसे भस्‍मासुर पैदा करने में माहिर है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि भस्‍मासुर एक दिन उसके ही माथे पर हाथ रखेगा और पार्टी जलकर भस्‍म हो जाएगी।'

नी‍तीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राज ठाकरे के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। बीजेपी प्रवक्‍ता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि देश एक फेडरल सिस्‍टम के तहत चलता है। राज ठाकरे की यह टिप्‍प्‍णी मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है। ऐसे बयानों से आतंकवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई को नुकसान पहुंच सकता है। बिहार के उपमुख्‍यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज ठाकरे पर केस होना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी राज ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा, 'मुंबई के असली बाशिंदे तो मछुआरे हैं। खुद ठाकरे परिवार बिहार का रहने वाला है। यह परिवार बिहार से जाकर धार में बसा, फिर मुंबई गया।'  के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा, 'जो घटना मुंबई में हुई, उसकी जांच होनी चाहिए। इसमें किसी की साजिश लगती है।' उन्‍होंने आशा भोंसले को धमकी देने के लिए भी ठाकरे से माफी की मांग की।

2008 में मुंबई में उत्तर भारतीयों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में राज ठाकरे को तीस हजारी कोर्ट ने समन जारी किया है। कोर्ट ने इस मामले में ठाकरे को 28 सितंबर 2012 तक अदालत के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। ठाकरे की इस टिप्‍पणी के चलते मुंबई में कुछ उत्तर भारतीयों पर हमले भी हुए थे। आगे के स्‍लाइड में राज ठाकरे से जुड़े ऐसे ही विवादों को रीकॉल किया गया है...
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