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10 सितंबर 2012

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

एक अदद शख्सियत जो विनम्र है संवेदन शील है और खुद झुक कर दूसरों को झुकाना जानता है ..आज तक जिसकी छवि बेदाग़ है उसी का नाम अशोक गहलोत जादूगर भी है और बाज़ीगर भी है जनाब ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

ashok gehlotअशोक गहलोत का जीवन-परिचय
राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जन्म 3 मई, 1951 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ था. इनका संबंध राजस्थान के एक प्रमुख राजपूत समुदाय माली से है. अशोक गहलोत ने विज्ञान और लॉ में स्नातक और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है. वर्ष 1977 में अशोक गहलोत का विवाह सुनीता गहलोत के साथ संपन्न हुआ था. इनके दो बच्चे हैं. यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं.

अशोक गहलोत का व्यक्तित्व
अशोक गहलोत स्कूली दिनों से ही समाज-सेवा और राजनीति से जुड़े रहे हैं. वह एक अच्छे राजनेता और प्रभावशाली मुख्यमंत्री हैं.

अशोक गहलोत का राजनैतिक सफर
अशोक गहलोत विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे. इन्होंने अपना पहला विधान सभा चुनाव वर्ष 1980 में जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीता था. उसके बाद अशोक गहलोत ने इसी निर्वाचन क्षेत्र से 8वी, 10वीं, 11वीं, 12वीं  लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी. अशोक गहलोत प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी और पी.वी नरसिंह राव की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा इन्दिरा गांधी के प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए वह वर्ष 1982-1984 तक पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय और खेल मंत्रालय में उपमंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद वह राज्य मंत्री नियुक्त किए गए. केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर उन्होंने पर्यटन और नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय में अपनी सेवाएं दी हैं. इसके बाद उन्हे कपड़ा मंत्रालय में केन्द्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रदान किया गया. इस पद पर वह 1991-1993 तक रहे. अशोक गहलोत ने जून 1989 से लेकर नवंबर 1989 तक के अल्पकाल के लिए राजस्थान गृह मंत्रालय और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का भी भार संभाला था. 34 वर्ष की आयु में अशोक गहलोत राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बनाए गए. वर्ष 1998 में पहली बार अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए. अपने इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने राज्य की प्रगति के लिए कई कार्य किए. उन्होंने राज्य के भीतर बिजली पानी और जन स्वास्थ्य के दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. इसके अलावा राजस्थान में सूखे का प्रबंधन करने में भी अशोक गहलोत ने प्रभाकारी प्रयास किए. उनका पहला कार्यकाल सफलतापूर्वक समाप्त हुआ. दूसरी बार अशोक गहलोत वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री बनाए गए.

अशोक गहलोत से जुड़े विवाद
  • अशोक गहलोत पर अकसर अपने रिश्तेदारों के लिए पक्षपात करने का आरोप लगता रहा है. उन पर आरोप है कि उन्होंने कई करोड़ रूपयों का कांट्रेक्ट उस कंपनी को दिलवाया है जहां उनका बेटा काम करता है.
  • इतना ही नहीं उन पर शोरी कंस्ट्रक्शन नामक एक रियल इस्टेट कंपनी के प्रति भी पक्षपात का आरोप है जिसमें उनकी बेटी और दामाद सह निदेशक हैं.
अशोक गहलोत का योगदान
  • समाज सेवा की भावना से ओत-प्रोत अशोक गहलोत ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान रिफ्यूजी कैंपों में अपनी सेवाएं दीं.
  • महाराष्ट्र के कई जिलों और गांवों में कच्ची बस्ती के विकास और उनकी देखभाल के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में भी अशोक गहलोत ने काम किया.
  • नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े अशोक गहलोत ने प्रौढ़ शिक्षा के क्षेत्र में भी कई काम किए.
  • अशोक गहलोत, भारत सेवा संस्थान, जो गरीब लोगों को मुफ्त किताबें और एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराता है, के संस्थापक हैं.
  • मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अशोक गहलोत ने पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ का नारा देकर आम जनमानस का ध्यान इन जरूरतों के प्रति केन्द्रित किया.
इन सबके अलावा अशोक गहलोत नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी स्टडी सर्कल के सदस्य भी हैं, जो देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों और विद्यार्थियों के हितों के लिए काम करता है.

इस 'परमवीर' ने अकेले ही उड़ा दिए पाक के 7 शक्तिशाली टैंकों के परखच्चे



इस 'परमवीर' ने अकेले ही उड़ा दिए पाक के 7 शक्तिशाली टैंकों के परखच्चे
खेमकरण।गांव आसल उताड़ में 1965 की भारत-पाक जंग में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले परमवीर चक्र विजेता हवलदार अब्दुल हमीद को याद किया गया।

पहले प्रेमिका को गोली मारी और फिर खुद भी हो गया इश्क में फना



सीकर/फतेहपुर.सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में सोमवार सुबह चार बजे एक युवक ने अपनी प्रेमिका की उसके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के चार घंटे बाद तकरीबन आठ बजे जब पुलिस मौका मुआयना कर रही थी, तभी पास के खेत से पटाखे जैसी आवाज सुनाई दी। पुलिसकर्मियों ने पहुंचकर देखा कि युवक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। दोनों शव को धानुका अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

चमत्कारिक पेड़, काटने पर निकलता है खून और आती है रोने की आवाज


पिहोवा।नीम से दूध टपकने जैसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इन दिनों गढ़ी सिंघा में एक पेड़ अलग कारण से चर्चा में है। यदि इस पर कोई कुल्हाड़ी चलाता है तो इसका खून बहने लगता है। कुछ लोगों का तो यहां तक कहना है कि उन्होंने इसे रोते हुए भी सुना है। अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है, लेकिन इतना जरूर है कि इस पेड़ से वाकई काटने पर लाल रंग का द्रव्य निकलता है। यह द्रव्य क्या है, इसकी वैज्ञानिक जांच से ही पुष्टि हो सकती है। इसे देखने के लिए रोजाना गढ़ी सिंघा में लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
पुरानी कथाओं से जुड़ा संबंध
पेड़ को लेकर ग्रामीण बलबीर सिंह, गुरमुख सिंह, हरजीत सिंह, बंता सिंह ने बताया कि पुराने समय में इस जगह पर खेड़ी नामक नगर हुआ करता था। इसमें में एक राजा और रानी राज किया करते थे। उनकी एक पुत्री थी, जिसका राजा ने अलग और रानी ने अलग जगह रिश्ता तय कर दिया। दोनों ने एक दूसरे को इसके बारे में नहीं बताया। तय समय के अनुसार दोनों स्थानों से दूल्हे बारातियों के साथ खेड़ी नगर आ पहुंचे। जब राजा को पता चला कि उनकी लड़की की एक नहीं दो बारातें आई हैं तो राजा ने रानी से इस संकट का समाधान पूछा। रानी ने अपनी पुत्री की इच्छा जाननी चाही तो लड़की ने कहा कि दोनों में से जो महान योद्धा होगा मैं उससे ही विवाह करूंगी। ऐसी शर्त राजा ने दोनों के सामने रखी। युद्ध के दौरान दोनों दूल्हे मारे गए। मान्यता है कि जहां-जहां उनके अंग गिरे वहां-वहां पर ये पेड़ उग गए।
ऐसे यहां सात पेड़ थे
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ समय पहले इस प्रकार के सात वृक्ष हुआ करते थे, जिनमें से छह वृक्षों को कुछ लोगों ने काट डाला। इस स्थान पर केवल एक वृक्ष बचा है। अब इस पर यदि कोई कट लगाता है तो उसमें से लाल रंग का तरल बहने लगता है। वृक्ष की लकड़ी किसी काम में नहीं आती। वृक्ष पर सेहरों जैसी दो से ढाई फुट लंबी फूलों वाली लड़ियां लगती हैं जो देखने से एक दूल्हे के सेहरे जैसी दिखाई पड़ती हैं। इसीलिए कुछ इसे सेहरोंवाला पेड़ कहते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस वृक्ष के जो बीज जमीन पर गिरकर छोटे पौधे का रूप लेते हैं, वह मात्र एक फुट का होने के बाद सूख जाते हैं। वह कहीं भी अंकुरित नहीं होता।
बागवानी विभाग भी अचंभित
उद्यान विकास अधिकारी डॉ. मुरारी लाल भी इस अद्भुत वृक्ष को देखकर अचंभित हुए। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी इस प्रकार का वृक्ष पहली बार देखा है इस वृक्ष के बारे में वे पूरी तरह से बताने में असमर्थ हैं। वहीं वन विभाग पिहोवा रेंज अधिकारी मुनीष गुप्ता ने भी इस वृक्ष के बारे में बताने में असमर्थता जाहिर की। फिलहाल दोनों विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर यह पता लगा रहे हैं यह पेड़ किस प्रजाति का है। इसमें से लाल रंग का तरल क्यों बहता है।
पेड़ों में पैदा होती है लाली- डॉ. सिंह
इस पेड़ को लेकर केयू के बॉटनी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि इस प्रजाति के पेड़ के अवलोकन के बाद ही वे कुछ कह पाएंगे, लेकिन शीशम व सफेदा पेड़ सहित कई प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी आयु बढ़ने के साथ-साथ इनमें लाली पैदा होने लगती है। इन्हें काटने पर लाल रंग का पदार्थ निकलता है, लेकिन यह खून नहीं होता।

पढ़िए उस रहस्यमयी सिंहासन की कहानी जो आज तक है अनसुलझी


पढ़िए उस रहस्यमयी सिंहासन की कहानी जो आज तक है अनसुलझी
भारत में मुगलों के आगमन के बाद वैसे तो बहुत से ऐसे परिवर्तन हुए जिन्हें आज भी मुगलकालीन सभ्यता और संस्कृति की पहचान के तौर पर लगभग पूरे उत्तर भारत में देखा जा सकता है.  
लेकिन, इन सब के बीच है एक ऐसी चीज जो न सिर्फ बेहद ख़ास है बल्कि, यह अपनी तरह की एशिया की अनोखी और दुर्लभ वास्तु है. इस नायाब रचना को न तो इससे पहले कोई बना पाया और न ही बाद में कोई इसके करीब पहुंच सका.
जी हां, आज हम आपको मुग़ल कालीन ऐसे ही एक नायाब और बेशकीमती सिंहासन से रूबरू करा रहे हैं जिसे दुनिया में अपनी तरह का इकलौता सिंहासन होने का गौरव प्राप्त है

उधर साहब कर रहे थे सीएम की आवभगत, इधर मातहत ले रहे थे ब्लू फिल्म का मजा!



जोधपुर.इन दिनों नकली इंजेक्शन को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल चर्चा में है। रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व स्वास्थ्य मंत्री एए खान की जोधपुर यात्रा को देखते हुए विशेष आदेश से अधीक्षक कार्यालय खुलवाया गया ताकि आवश्यकता होने पर किसी तरह के दस्तावेज या जवाब उपलब्ध करवाया जा सके।
अस्पताल के अधीक्षक मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री के कार्यक्रमों में पूरे दिन कार्यालय से बाहर रहे। इस दौरान अधीक्षक के निजी सहायक व कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक कमरा बंद कर अस्पताल के कंप्यूटर पर अश्लील फिल्में देखने में लगे रहे। कोई अंदर नहीं आए इसके लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को निगरानी के लिए बाहर बैठा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर भास्कर टीम ने मामले की पड़ताल शुरू की।
अधीक्षक निजी सहायक कक्ष के समीप बने कमरे में निजी सहायक सुजीत परिहार व कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक सत्येंद्र मंगल बैठे थे। फिल्म देखने के लिए परिहार स्क्रीन के एकदम सामने कंप्यूटर ऑपरेटर की सीट पर बैठा था, जबकि उसके पास मंगल बैठा था। दोपहर तक दोनों वहीं जमे रहे।
पहले भी हुई शिकायतें
शाम पांच बजे बाद अस्पताल अधीक्षक कार्यालय में शराब पार्टियों की शिकायतें किसी से छुपी हुई नहीं है। सूत्रों ने बताया कि आए दिन होने वाली पार्टियां रात नौ बजे तक चलती हैं। इस दौरान कार्यालय के आगे के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। पीछे एक दरवाजे से आना-जाना होता है। इसमें कई कर्मचारी शामिल होते रहे हैं।
कार्यालय खुलवाया था
'मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री के दौरे के दौरान किसी तरह की इन्फॉर्मेशन जुटाने के लिए प्राचार्य के निर्देश पर रविवार को कार्यालय खुलवाया था। मैं स्वयं पूरे दिन दौरे में व्यस्त था। पीछे अगर ऐसी घटना हुई तो यह गलत है। सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
डॉ. पीसी व्यास, अधीक्षक एमजीएच
पोर्न देखने वाले दोनों कर्मचारी निलंबित
महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक कार्यालय में पोर्न फिल्म देखने के मामले में निजी सहायक सुजित परिहार व कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक सत्येंद्र मंगल को निलंबित कर दिया गया है। ये दोनों रविवार को ऑफिस में कंप्यूटर पर पोर्न फिल्में देख रहे थे। इस मामले में चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर एडीएम प्रथम विवेक कुमार ने जांच की। जांच रिपोर्ट के आधार पर  दोनों को निलंबित किया गया।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद माथुर ने बताया कि कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने सोमवार के अंक में ‘पोर्न फिल्म देख रहा था अधीक्षक का स्टाफ’ समाचार प्रकाशित किया था। सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व चिकित्सा मंत्री एए खान जोधपुर में थे। चिकित्सा मंत्री ने कॉलेज प्रबंधन से इस घटना को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कलेक्टर को 24 घंटे में जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
एमजीएच अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने सोमवार देर रात दोनों के निलंबन आदेश जारी कर दिए। दोनों को 16 सीसीए की चार्जशीट दी जाएगी। इनका कार्यभार दूसरे कर्मचारियों को सौंप दिया गया है।  
कार्यालय बंद रखने के निर्देश: सोमवार सुबह दैनिक भास्कर में घटना के खुलासे के बाद अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने नर्सिग अधीक्षक व संबंधित को निर्देश दिए अधीक्षक व पीए कक्ष का गेट उनके निर्देश के बगैर नहीं खुलेगा। अधीक्षक के अस्पताल पहुंचने तक ताले नहीं खुले। एडीएम के पहुंचने पर जांच शुरू हुई।
एडीएम ने लिए बयान
चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन ने एडीएम विवेक कुमार को जांच के लिए एमजीएच भेजा। एडीएम ने अस्पताल अधीक्षक के पीए सुजित परिहार व कार्यवाहक कार्यालय सहायक सत्येंद्र मंगल के घटना से जुड़े बयान लिए। दोनों ने अपने बयान में पोर्न फिल्म देखने से मना किया। इसके अलावा दो और कर्मचारियों के बयान हुए।
कंप्यूटर में कई सॉफ्ट वेयर मिले
एडीएम प्रथम विवेक कुमार व आईटी विशेषज्ञों ने पीए कक्ष के कंप्यूटर खंगाले। जांच में पाया गया कि कंप्यूटर की हिस्ट्री फाइल डिलीट की गई थी। इसके अलावा कंप्यूटर में कई तरह के सॉफ्टवेयर भी मिले हैं, जो निजी कंप्यूटर में होते हैं। इसको लेकर एडीएम ने कर्मचारियों को फटकार लगाई।  
रिपोर्ट में हुआ प्रमाणित  
कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन को सौंपी गई एडीएम की रिपोर्ट में कंप्यूटर पर मिले अनावश्यक सॉफ्टवेयर सहित अन्य जानकारियों से प्रमाणित हो गया कि दोनों कर्मचारी कंप्यूटर पर पोर्न फिल्म देख रहे थे। कलेक्टर ने इसी रिपोर्ट की जानकारी सरकार को भेजी एवं कॉलेज प्रबंधन को कार्रवाई के निर्देश दिए।
जांच अधिकारी ने देखे फुटेज  
एडीएम विवेक कुमार ने कॉलेज प्राचार्य डॉ. अरविंद माथुर व अन्य डॉक्टरों के साथ कॉलेज में बैठक ली। बैठक में इस पूरे प्रकरण पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके बाद प्रशासन ने टीवी पर चले फुटेज जुटाए। इन फुटेज को देखने के बाद साबित हो गया कि कार्यालय के कंप्यूटर पर पोर्न फिल्म चल रही थी।

देखिए, मुख्यमंत्री को आपबीती सुनाते-सुनाते कैसे रो पड़े पाक हिन्दू परिवार



देखिए, मुख्यमंत्री को आपबीती सुनाते-सुनाते कैसे रो पड़े पाक हिन्दू परिवार
जोधपुर.पाक से विस्थापित होकर थार एक्सप्रेस से भारत पहुंचे परिवारों ने सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से एयरपोर्ट पर मुलाकात कर पुनर्वास की मांग की। गहलोत जयपुर जाने के लिए एयरपोर्ट में प्रवेश कर चुके थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनसे मिलने पाक विस्थापित आए हैं तो उन्होंने बाहर आकर लोगों से बात की। मुख्यमंत्री को आपबीती सुनाते हुए हिंदू परिवार रो पड़े। मुख्यमंत्री ने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया और कलेक्टर को निर्देश दिए कि इन परिवारों की समस्याओं का तत्काल समाधान करें।
साथ ही उन्होंने राज्य और केंद्र के स्तर पर होने वाले समाधान पर एक प्रतिनिधिमंडल को जयपुर बुलाया है, जहां पुनर्वास, स्थाई वीजा और नागरिकता जैसे मसलों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। पाक में प्रताड़ित 171 लोग रविवार सुबह थार एक्सप्रेस से जोधपुर पहुंचे थे। सोमवार सुबह ये लोग सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा के साथ मुख्यमंत्री से मिलने एयरपोर्ट आए थे। मुख्यमंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पाक विस्थापितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से भी बात करेगी।
धार्मिक उत्पीड़न नहीं झेल पाए तो पलायन कर गए
इन लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पाकिस्तान में उनके जबरन धर्म परिवर्तन की कोशिश की जाती है। उनके पास न तो जमीन है और न ही खुद का धंधा, बंधुआ मजदूर की तरह इतने सालों तक काम कर लिया, मगर अब धार्मिक उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होता। वहां रहते तो धर्म परिवर्तन करना पड़ता। देश तो छूट चुका था, परंतु धर्म छोड़ना नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए अपने वतन लौट आए हैं।

27 साल बाद गणेश चतुर्थी पर महासंयोग, अब चूके तो करना होगा 30 साल तक इंतज़ार




जयपुर.हर बार की तरह इस बार भी गणेश चतुर्थी संयोगों की सौगात लेकर आएगी। इस बार 19 सितंबर को आ रहे महागणपति चतुर्थी पर्व पर सत्ताईस साल बाद बुधवार, स्वाति नक्षत्र व रवियोग का संयोग बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर बन रहा यह महासंयोग शुभ कार्यो के साथ-साथ खरीदारी के लिए समृद्धिकारक रहेगा।
गणेश चतुर्थी पर तुला का चंद्रमा, बुधवार, स्वाति नक्षत्र व रवियोग 1985 में संयोग बना था। अब तीस साल तक इस तरह का संयोग नहीं है। पंडित बंशीधर जयपुर पंचांग निर्माता पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा के अनुसार हालांकि बुधवार का संयोग इससे पहले वर्ष 2008 में बना था। आगे वर्ष 2022 में बनेगा। शास्त्रों के मुताबिक गणपति का जन्म भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी पर बुधवार को मध्याह्न् में हुआ था।
राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री के अनुसार इस बार चतुर्थी पर बुधवार का योग सुख-समृद्धि के साथ गणेश जी की पूजा पर विशेष महत्व वाला रहेगा। इस दिन स्वाति नक्षत्र व तुला का चंद्रमा रहेगा। रवियोग भी रहेगा। रवियोग क्रय-विक्रय दोनों के लिए स्थायी फल देने वाला साबित होगा। इस दिन तुला का चंद्रमा रहेगा, जो शुक्र के क्षेत्र में रहेगा। इससे सौंदर्य, विलासिता की ओर आमजन को अग्रसर करेगा। यह सुख-समृद्धि का द्योतक है, जो आमजन का जीवन स्तर ऊंचा होने में सहायक बनेगा।
कल से शुरू होगा गणेश जन्मोत्सव
19 सितंबर को आने वाले गणेश चतुर्थी महोत्सव का शुभारंभ बुधवार को पुष्य नक्षत्र में गणेश के पंचामृत अभिषेक व मोदकों की झांकी से होगा। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में बुधवार सुबह 5:15 बजे भगवान गणेश के पंचामृत का संकल्प लिया जाएगा। इसमें 850 किलो दूध, 50 किलो बूरा, 100 किलो दही, 11 किलो शहद व 11 किलो घी से अभिषेक होगा। सबसे पहले शुद्ध अभिषेक गंगाजल से होगा।
इसके बाद गुलाब जल, केवड़ा जल से अभिषेक होगा। फिर इत्राभिषेक, पंचामृत अभिषेक होगा। दोपहर 1 बजे तक रक्षासूत्र वितरण किया जाएगा और ध्वजारोहण होगा। इसी दिन से सवा लाख दुर्वा व 1008 मोदक अर्पित होंगे। यह क्रम 15 सितंबर तक चलेगा। इन दिनों भक्त भगवान गणेश को 21, 108 व 1008 मोदक अर्पित होंगे। मुख्य झांकी 251 किलो मोदकों की होग।
सिंजारा 18 को : सिंजारा महोत्सव 18 सितंबर को मनाया जाएगा। गणपति को मेहंदी रचाई जाएगी और सुहागिनों में बांटी जाएगी। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर्व होगा और 20 सितंबर को शोभायात्रा निकलेगी। ब्रह्मपुरी के नहर के गणेश जी मंदिर (दाहिनी सूंडवाले) में भी बुधवार को पुष्य नक्षत्र में गणेश जन्मोत्सव शुरू होगा। सुबह 9 बजे गणपति का अभिषेक किया जाएगा।

थाना बना दरिंदगी का अड्डा: लूटी गई विवाहिता की आवरू, पिटता रहा भाई



 

जयपुर.पुलिस की सरपरस्ती में अभी तक अपराध पल-बढ़ रहे थे, लेकिन नागौर के मौलासर थाने में अवैध हिरासत में रखे भाई-बहन से पुलिस ने अमानवीयता की सारे हदें पार कर दीं। पुलिस ने हत्या, अपहरण एवं चोरी की आशंका में मौसेरे भाई-बहन एवं उनके रिश्तेदार को 22 दिन तक थाने में अवैध तरीके से हिरासत में बंद रखा।

इस दौरान न सिर्फ पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट कर प्रताड़ित किया, बल्कि विवाहिता से थाने में ही ज्यादती (आईपीसी की धारा 376 का जुर्म ) कर दी। भाई- बहन जब अवैध पुलिस हिरासत में थे, तब तत्कालीन नागौर एसपी, एएसपी और सीओ आदि थाने आ गए थे।

इस बीच जिसकी हत्या एवं अपहरण की आशंका थी, वो व्यक्ति सकुशल घर आ गया। उसने मर्जी से सालासर मंदिर जाना बताया, तब जाकर पुलिस ने मौसेरे भाई-बहन एवं उनके रिश्तेदार युवक को छोड़ा।

राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से 7 सितंबर 2012 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव और गृह विभाग को प्रताड़ना के इस गंभीर प्रकरण की अति गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी है। इन गोपनीय दस्तावेजों में राज्य पुलिस की शर्मनाक एवं हिलाकर रख देने वाली यह कारस्तानी सामने आई है।

जांच में दोषी मानते हुए मानवाधिकार आयोग ने पीड़िता से थाने में ज्यादती करने वाले पुलिसकर्मियों और पूर्व में ससुराल में ज्यादती करने वाले दो रिश्तेदारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है।साथ ही अवैध हिरासत एवं मारपीट को लेकर मौलासर थाना प्रभारी नवनीत व्यास, पुलिस उपाधीक्षक हेमाराम चौधरी एवं मारपीट में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है।
इसके अलावा आयोग की जांच रिपोर्ट में अवैध हिरासत को लेकर समान रूप से दोषी मानते हुए नागौर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और एएसपी अशोक कुलश्रेष्ठ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए कहा है। पीड़िता को 5 लाख रुपए और मारपीट के शिकार दोनों युवकों को 2- 2 लाख रुपए का मुआवजा देने की अनुशंसा की है।

मंजर याद आने पर डर और सहम जाती हूं

राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य एम. के देवराजन के समक्ष रामप्यारी ने 3 सितंबर 2012 को जयपुर आकर बयान दिए। गहन पूछताछ में रामप्यारी (बदला नाम) ने आयोग को पूर्व मैं दिए अपने सारे बयान एवं तथ्यों को दोहराया है। कहा कि ससुराल वालों ने भींवाराम को खत्म करने का आरोप लगाया। सास, जेठानी और जीजा ने मारपीट की।

तीनों ने 18 दिसंबर 2011 को मौलासर थाने ले जाकर छोड़ दिया। मौलासर थाने के स्टाफ एवं डीडवाना थाने के किसी पुलिसकर्मी ने हर दिन मेरे साथ मारपीट की। दिन में मेरे साथ एक महिला सिपाही रहती। मुझे थाने के एक कमरे में रखा। वहीं थाने वाले मारपीट करते।

रात में महिला सिपाही नहीं रही। मैं आज भी डर और सहम जाती हूं। थाने में पुलिस वालों ने मेरे साथ कई बार गलत काम किया। मुझे उनके नाम नहीं पता पर वह थाने का ही स्टाफ था। मेरे ससुर ईसर, सासू शांति देवी, काका ससुर चैनाराम, रिश्तेदार जगदीश ने मारपीट की। जगदीश गौरा एवं चैनाराम ने मेरे साथ ससुराल में गलत काम किया। इन्होंने मेरे ससुराल में ही दो बार ज्यादती की।

यह था मामला

निंबाकाबास नागौर निवासी भींवाराम गायब हो गया था। घरवाले उसकी पत्नी रामप्यारी (बदला नाम) एवं उसके मौसेरे भाई बजरंग लाल और दूर के रिश्तेदार महेश पर भींवाराम की हत्या, अपहरण एवं गहने चुराने का शक जताकर पुलिस थाने ले गए। मुकदमा तक दर्जकर लिया। बिना गिरफ्तारी दिखाए वारदात कबूल करवाने के लिए दोनों को 18 दिसंबर से 7 जनवरी, 2012 तक अवैध रूप से हिरासत में रखा और गंभीर प्रताड़नाएं दी गईं। तभी 7 जनवरी को भींवाराम सकुशल आ गया। उसने मर्जी से सालासर मंदिर जाना बताया।

गृह विभाग के एसीएस सम्पतराम से बात

आयोग की जांच रिपोर्ट में मौलासर थाने में पीड़ित भाई-बहन को अवैध रूप से 22 दिन हिरासत में रखने, वहां मारपीट करने एवं थाने में विवाहिता के साथ पुलिसकर्मियों की ओर से ज्यादती करने का मामला सामने आया है। इस जांच रिपोर्ट पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है?

मानवाधिकार आयोग से मौलासर थाने वाली जांच रिपोर्ट अभी मिली है। ऐसे में अध्ययन करने के बाद सरकार निर्णय लेगी कि क्या कार्रवाई की जानी है।

घटना को इतना समय हो जाने के बाद भी पुलिस महकमे ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्योंनहीं की?

जांच रिपोर्ट अभी मिली है, ऐसे में बिना जांच पूरी हुए कैसे कार्रवाई की जाती। आयोग ने फरवरी में जांच शुरू की थी, अब जाकर रिपोर्ट दी है। ऐसे में वहीं पर देरी हुई है, हमारे स्तर पर नहीं।

थाने गया था, लेकिन ऐसी गंभीर जानकारी में नहीं आई

'एक व्यक्ति17 दिसंबर 2011 को गायब हो गया था। दो दिन बाद एमएलए के नेतृत्व में लोग थाने पर प्रदर्शन करने आए थे। तब कानून एवं व्यवस्था को संभालने के लिए मैं थाने गया था। शक के आधार पर कई लोगों से पूछताछ हुई थी। मेरी जानकारी में यह नहीं आया कि बजरंगलाल एवं उसकी मौसरी बहन को थाने में अवैध हिरासत में रखा गया। थाने में ज्यादती जैसी घटना नहीं हुई। ऐसी गंभीर घटना होती तो अब तक छिपी नहीं रहती। इसमें सुपरविजन को लेकर मेरी कोई लापरवाही नहीं है। मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट में क्या आया है, यह देखा जाएगा।'

-हरिप्रसाद शर्मा, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक

कुरान का संदेश

दूसरी शादी की तो गर्म तेल से नहलाया, जंजीरों से बांधकर घसीटा



जलपाईगुड़ी। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के चुआखोला इलाके में पहली पत्‍नी को तलाक दिए बिना दूसरी पत्‍नी के साथ रहना एक आदमी को काफी भारी पड़ा। इस आदमी के माता-पिता और रिश्‍तेदारों ने अपनी पहली बहू का पक्ष लेते हुए इस शख्‍स और उसकी दूसरी पत्‍नी को गर्म तेल से नहला दिया। घटना के बाद इलाके में तनाव है।
गर्म तेल से नहलाने के बाद दोनों को लोहे की जंजीरों से बांधकर तीन किलोमीटर तक घसीटा गया। मामला जब पुलिस को पता चला तो उसने आरोपी माता-पिता समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, चुआखोला निवासी हरेंद्र नाथ दास के बेटे लिटन दास की बसंती के साथ शादी हुई थी। नौ साल पहले हुई इस शादी से दोनों को एक बेटी व एक बेटा है। लेकिन एक साल पहले उनके घर में कलह की शुरूआत उस वक्‍त हुई, जब लिटन ने बसंती को तलाक दिए बगैर ही मुकुल बाला नामक युवती से दूसरा ब्याह रचा लिया।
पहली पत्‍नी को छोड़कर यह शख्‍स रवींद्रनगर इलाके में दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा। पहले तो लिटन के माता-पिता, पहली पत्नी व अन्य रिश्‍तेदारों ने उसे काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन लिटन अपनी दूसरी पत्‍नी को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। इसके बाद रविवार को उसके घर पर कई लोगों ने धावा बोलते हुए दोनों को बुरी तरह पीटा।

सोनिया ने जीती कैंसर से जंग, 12 को आएंगी अमेरिका से वापस


नई दिल्‍ली। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी का कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है। इस महीने की शुरुआत में अचानक अमेरिका गईं सोनिया के बारे में कांग्रेस ने जानकारी दी थी कि वह रूटीन चेकअप के लिए अमेरिका गई हैं। सोनिया गांधी का अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के स्लोअन-केट्टेरिंग कैंसर केंद्र में इलाज हुआ था। यह अस्‍पताल कैंसर के इलाज के लिए मशहूर है। अस्‍पताल के एक सूत्र ने बताया कि सोनिया गांधी ने कैंसर पर विजय पा ली है। उम्‍मीद की जा रही है कि वह 12 सितंबर तक स्‍वदेश लौट आएंगी।

नहीं हुई रिहाई, 24 सितंबर तक जेल में रहेंगे कार्टूनिस्‍ट असीम



नहीं हुई रिहाई, 24 सितंबर तक जेल में रहेंगे कार्टूनिस्‍ट असीम
नई दिल्‍ली/मुंबई. देशद्रोह के आरोप में फंसे कार्टूनिस्‍ट असीम त्रिवेदी को बांद्रा कोर्ट ने 24 सितंबर तक न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। वह अब आर्थर रोड जेल में रहेंगे।  मुंबई पुलिस का कहना था कि उनकी जांच पूरी हो चुकी है, ऐसे में उन्‍हें अब असीम त्रिवेदी की हिरासत नहीं चाहिए। उन्‍हें 16 सितंबर तक की पुलिस कस्‍टडी में भेजा गया था। लेकिन उनकी गिरफ्तारी के विरोध के मद्देनजर पुलिस ने कहा कि वह कोर्ट से अब असीम की हिरासत नहीं मांगेगी। उधर, असीम ने भी जमानत नहीं मांगने और न ही अपने लिए कोई वकील करने का फैसला किया था।
इंडिया अगेंस्‍ट करप्‍शन से जुड़े असीम को कस्‍टडी में भेजने का मामला गरमा गया है (। असीम की गिरफ्तारी के विरोध में मुंबई और उनके गृह नगर कानपुर में प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों में खुद असीम की मां और पिता भी शामिल रहे। उन्‍होंने बेडि़यां पहन कर बेटे की गिरफ्तारी का विरोध किया।
कई पूर्व जजों की राय में उनकी गिरफ्तारी और उन्‍हें कस्‍टडी में भेजा जाना सरासर गलत है। सोशल साइट्स पर भी इसके खिलाफ खूब आवाजें उठ रही हैं। कई लोग ट्वीट कर कटाक्ष कर रहे हैं कि असीम त्रिवेदी देशद्रोही हैं, लेकिन राज ठाकरे नहीं।
असीम पर आरोप है कि भ्रष्टाचार विरोधी कार्टूनों से वे देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्‍हें 16 सितंबर के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। असीम ने रविवार की पूरी रात मुंबई में बांद्रा के पुलिस लॉकअप में बिताई।

www.readytob.in ज्योति वोट करे

दोस्तों कोटा की पत्रकार और आपदा प्रबंधन कार्यों में अपनी बहादुरी का जोहर दिखाने वाली इस साहसी लड़की सुश्री ज्योति पाठक को जिताने के लियें आपको बस इनके कहे मुताबिक वोट करना है महरबानी करके वोट जरुर कीजिएगा प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ ......
रेडी टू बी एडवेन्‍चर प्रोग्राम शुरू हुआ...जिसमें देश भर के चुन्निदा 20 फोटो में मैरा एडवेन्‍चर स्‍पोटस का फोटो सलेक्‍ट हुआ हैं...275 फीट चम्‍बल कि गहरी खाई में रस्‍सीयों के सहारे चडते हुए...मैरा फोटो जो इस कॉमप्‍टीशन में सलेक्‍ट हुआ हैं...क
्रप्‍या आप लोगो से अपील हैं...मुझे जिताने के लिए मैरे फोटो पर वोट करे..इस वेवसाइट पर जाकर वोट www.readytob.in वेबसाइट पर जाकर के मैरे नाम ज्‍योति पाठक फोटो के साथ एक वोट अपील कि गई votes now पर क्‍लीक करे...धन्‍यवाद..आप सभी का वोट मुझे जीता सकता हैं...
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