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11 सितंबर 2012

थाने में विवाहिता से रेप: अब खुला ऐसा राज जिसे सुन चौंक सकता है


 

जयपुर.नागौर के मौलासर थाने में 22 दिनों की अवैध हिरासत के दौरान विवाहिता से वारदात कबूल करवाने के लिए पुलिसकर्मी ज्यादती के साथ ही उनसे मारपीट भी करते रहे। प्रताड़ना से हालत बिगड़ने पर भाई-बहन का पुलिसकर्मी थाने में ही इलाज करवाते। मौलासर के सरकारी अस्पताल से बिना प्रशासनिक इजाजत के नर्स एवं कम्पाउंडर को हर दूसरे दिन मरहम पट्टी के लिए बुलाया जाता था।
यह चौंकाने वाली जानकारियां राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से मुख्यमंत्री एवं गृह विभाग को 7 सितंबर को भेजी जांच रिपोर्ट से सामने आई हैं। आयोग को मौलासर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी ने बयानों में कहा कि पीड़ित बजरंग लाल को 7 जनवरी रात दस बजे मेडिकल के लिए अस्पताल लाया गया था।
बजरंग लाल के शरीर पर चोटों के कई निशान थे, जो ज्यादा पुराने नहीं लग रहे थे। आयोग को वरिष्ठ चिकित्साधिकारी ने बयानों में यह भी कहा कि एएनएम विमला चौधरी एवं मेल नर्स चैनाराम उनसे बिना इजाजत लिए हर दूसरे दिन थाने में रामप्यारी (बदला हुआ नाम) और बजरंग लाल की मरहम पट्टी करने जाते थे।
मौलासर सरकारी अस्पताल की एक नर्स ने बयानों में कहा कि 20 दिसंबर से 23 दिसंबर 2011 के बीच वर्दी पहने दो सिपाही पीड़िता को अस्पताल लेकर आए थे। वह पूरी तरह घबराई हुई थी। उसने दर्द होना बताया। पीड़िता ने बयानों यह भी कहा कि महिला सिपाही सिर्फ दिन में ही उसके साथ रहती थी।
इन्होंने की मारपीट
मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक एएसआई भंवरलाल विश्नोई, मौलासर थाने के एसएचओ नवनीत व्यास, पुलिसकर्मी बाबूलाल, रमेश मीणा, छोटूराम जाट, गणेश ढाका, डीडवाना थाने का सिपाही पवन, डीवाईएसपी हेमाराम चौधरी आदि ने पीड़िता, बजरंग लाल, रामप्यारी और महेश से मारपीट की।
तुझे मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए
अवैध हिरासत में रखे गए तीसरे पीड़ित महेश ने आयोग को बयानों में कहा कि थाने में जब भी नागौर एसपी उससे मिले, तब वह पूछते थे कि तुझे मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए।

डॉक्टर ने खिड़की से झांका तो सामने खड़े थे कलेक्टर साहब...



 

इंदौर। मंगलवार रात 10.15 बजे सायरन बजाती हुई गाड़ियां दनादन एमवाय अस्पताल में घुसीं। डॉक्टर और स्टाफ ने खिड़कियों से झांका तो कलेक्टर आकाश त्रिपाठी तमाम अफसरों को लेकर बिल्डिंग में दाखिल हो रहे थे। मेन गेट पर कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों से कहा कि हर फ्लोर पर एक-एक पहुंच जाइये। मैं नीचे (तल मंजिल) की व्यवस्था देखता हूं।
कलेक्टर वहां पहुंचे तो सीएमएचओ डॉ. सुनील नारंग नहीं मिले। ड्यूटी डॉक्टर मित्तल का भी पता नहीं था। ऐसे में डॉ. दीपक फंडसे ने मोर्चा संभाला। कलेक्टर ने पूछा अधीक्षक कहां हैं , तो डॉ. फंडसे बोले कि वो तो घर पर सो रहे हैं। कलेक्टर बोले- ठीक है.. आप ही मुझे यहां घुमाइए।
आज ही लेट आया हूं
कैजुअल्टी के प्रभारी डॉ. मित्तल कलेक्टर का दौरा शुरू होने के 15 मिनट बाद अस्पताल आए। आते ही कलेक्टर से बोले.. सर मैं केवल आज ही लेट हुआ हूं.. रोज जल्दी आ जाता हूं। मेरी गाड़ी अस्पताल के सामने ही खराब हो गई। ये मीडिया वालों से भी पूछ लो कि जल्दी आता हूं या नहीं। कलेक्टर दोनों हाथ पेंट की जेब में डाले उन्हें देखते रहे। आखिर में ठीक है बोलकर आगे बढ़ गए। भाटिया साहब कहां हो
जांच के चलते रात 11.20 बजे डॉ. फंडसे ने अधीक्षक डॉ. वीएस भाटिया को चुपचाप फोन लगाया। बोले, भाटिया साहब आप कहां हो? कलेक्टर आए हैं। भाटिया नाइट टी-शर्ट पहने दौड़ते-हांफते पहली मंजिल पर पहुंचे।
अरे, बाकी जगह बोलो
एक्स-रे, हड्डी रोग विभाग होते हुए कलेक्टर पहली मंजिल पर पहुंचे तो डॉ. मित्तल बाहर निकले। भीड़ में से उन्होंने स्टाफ को बोला अरे, तुम लोग बाकी जगह बोल दो। सब ठीक कर लें।
यह होगा अगला कदम
तलघर समेत सातों मंजिल की अव्यवस्था और कमियों की रिपोर्ट बनाई जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर बदलाव और सुधार कार्य किए जाएंगे।

एक 'स्टिंग' और रंगे हाथों गिरफ्तार हुए डॉक्टर साहब



 

जयपुर.शहर में जेकेलोन अस्पताल के पीछे महावर डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ. रवि महावर को मंगलवार को भ्रूण लिंग परीक्षण करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
यहां ग्राहक भेजने वाले सांगानेर के क्योरवैल डायग्नोस्टिक सेंटर के तकनीशियन हरि कुमावत को भी पकड़ा गया है। जिला प्रशासन व पीसीपीएनडीटी सेल की टीम ने एसडीएम विभु कौशिक के नेतृत्व में यह कार्रवाई की। प्रशासन ने डायग्नोस्टिक सेंटर की सोनोग्राफी मशीन व रिकॉर्ड सील कर दिया है।
कलेक्टर नवीन महाजन ने मीडिया को बताया कि जिला प्रशासन को मुखबिर के जरिए कुछ दिन पहले महावर डायग्नोस्टिक सेंटर में लिंग परीक्षण किए जाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही इस सेंटर पर लगातार नजर रखी जा रही थी।
सोशल एक्टिविस्ट राजन चौधरी से पता चला कि इस पूरे मामले में बिचौलिए के रूप में सांगानेर में क्योरवेल अस्पताल का हरि कुमावत भी शामिल हैं। वह डॉ. रवि के पास लिंग परीक्षण के इच्छुक लोगों को लेकर आता था। डॉ. महावर से उसका कमीशन बंधा हुआ था। इस मामले में साक्ष्य भी मिले थे। इसके बाद कार्रवाई की गई।
महाजन के अनुसार जांच में दो रजिस्टर मिले। इनमें एक फीटल चैकअप रजिस्टर में तो 21 मई से अब तक कोई एंट्री नहीं हुई। इसके अलावा डायग्नोस्टिक सेंटर में एक्टिव ट्रेकर भी नहीं लगा था। एक्ट के तहत राजस्थान मेडिकल काउंसिल से डायग्नोस्टिक रजिस्ट्रेशन कैंसिलेशन के लिए लिखा जाएगा। इसके साथ ही लिंग परीक्षण में दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि तत्काल ही कोर्ट में डॉक्टर रवि महावर व तकनीशियन हरि कुमावत के खिलाफ कोर्ट में इस्तगासा पेश किया जाएगा। महाजन ने बताया कि शहर में 300 डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक्टिव ट्रैकर लगे हैं। इनके अलावा 180 पर एक्टिव ट्रैकर नहीं हैं। जिन डायग्नोस्टिक सेंटर पर एक्टिव ट्रैकर नहीं हैं उन्हें सितंबर तक एक्टिव ट्रैकर लगाने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा उनको सील किया जाएगा।
ऐसे पकड़ में आए
सुबह 11.30 बजे एक गर्भवती महिला को एक युवती (जो कि नर्स थी ) के साथ में भेजा गया। एक सरकारी कर्मचारी को उसका पति बनाकर भेजा गया। ये लोग सांगानेर स्थित क्योरवेल सेंटर पर हरि कुमावत के पास पहुंचे और लिंग परीक्षण करवाने के लिए कहा।

इसके एवज में हरि कुमावत ने 6000 रुपए मांगे, जो उसे दिए गए। फिर हरि कुमावत ने ऑटो बुलाया (ये ऑटो पहले भी रैकी में सामने आ चुका था)। वहां से महावर डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचे। यहां उसे धर्मसिंह सर्किल पर रोका। फिर बिना पर्ची और एंट्री किए बिना सोनोग्राफी की गई।
इसी बीच एसडीएम ने एक पटवारी को सोनोग्राफी के लिए वहां भेजा, जिसकी बाकायदा पर्ची काटी गई और फार्म भरा गया। सोनोग्राफी करने से पहले कुमावत ने एएनएम को 2000 रुपए दिए। जांच के बाद गर्भ में लड़का होना बताया। दोपहर 3 बजे तक चले घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने छापा मारकर राशि बरामद कर ली।

कुरान का संदेश

32 गांवों में 50 फीसदी कुंवारे, कोई नहीं देता लड़की, दु:खी हैं बेचारे!


भोपाल/शिवपुरी।बचपन में पढ़े, पहलवानी की और फिर जब घर बसने की बात आई तो जिंदगी अकेली रह गई। उम्र 30 के पार हो गई, इतनी कट गई जो बची है वो भी गुजर जाएगी। यह पीड़ा हाजीनगर के छुन्ना गुर्जर की है, जो उसने दैनिक भास्कर डॉटकाम के सामने व्यक्त की। उसने बताया कि इस दौर से मैं अकेला नहीं बल्कि गांव के आधे लड़के गुजर रहे हैं।
जी हां! यह सच है कि शिवपुरी जिले के करैरा व नरवर तहसील के अंतर्गत आने वाले 32 गांवों के 50 फीसदी युवा शादी होने की उम्र पार कर गए हैं। ओवरएज हो रहे युवाओं में जहां करैरा अभयारण्य पर लगाई गई रोक न हटाए जाने को लेकर रोष है, वहीं अपने जीवन की हुई बदहाली पर नाराजगी भी।

उनका कहना है
केंद्र सरकार ने तो मान लिया कि सोन चिरैया नहीं है, अब प्रदेश सरकार को अभयारण्य क्षेत्र के बराबर जंगल विकसित करने का शपथ पत्र देना है। जिसके बाद रोक हट जाएगी।
लालसिंह रावत, डायरेक्टर
माधव नेशनल पार्क, शिवपुरी

देश का सबसे महंगा तलाक: 5 करोड़ रुपये में टूटी 20 साल पुरानी शादी



नई दिल्‍ली. दिल्‍ली के एक जोड़े ने 20 साल के बाद शादी तोड़ने का फैसला किया है।इसके लिए पति ने पांच करोड़ रुपये चुकाने की हामी भरी है। पत्‍नी भी इतनी रकम लेकर तलाक के लिए तैयार है। पति-पत्‍नी की आपसी सहमति से होने जा रहे इस तलाक पर दिल्‍ली की साकेत फैमिली कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। यह देश के सबसे 'महंगे' तलाक में से एक है।
तलाक लेने वाला पति दिल्‍ली का एक बड़ा कारोबारी है। इनकी शादी 1992 में हुई थी। इस साल फरवरी में उन्‍होंने तलाक की अर्जी दी। शुरुआत में उन्‍होंने तलाक के एवज में एक करोड़ रुपये देने की सहमति दी थी, लेकिन तलाक पर अंतिम मुहर लगने के लिए जो छह महीने का वक्‍त मिला, उस बीच उन्‍होंने चार करोड़ रुपये और देने का फैसला किया।
इस जोड़े के दो नाबालिग बच्‍चे हैं। पति-पत्‍नी ने यह भी तय कर लिया कि बेटा बाप के साथ रहेगा, जबकि बेटी को मां रखेगी। महिला को पचास लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। समझौते के मुताबिक अब कारोबारी को बेटी के नाम ढाई करोड़ रुपये की एफडी करानी है और शेष रकम मां मकान खरीदने के लिए इस्‍तेमाल करेगी।
कोर्ट ने तलाक के समझौते पर मुहर लगाते हुए आदेश दिया कि पांच करोड़ रुपये मिल जाने के बाद महिला का अपने पूर्व पति की संपत्ति पर कोई दावा नहीं रह जाएगा।

राहुल गांधी पर 'रेप' के आरोपों के पीछे अखिलेश यादव!



नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर रेप का आरोप लगाए जाने संबंधी मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मध्यप्रदेश से पूर्व सपा विधायक किशोर समरीते की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि इन आरोपों के पीछे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादवथे। राहुल पहले ही हलफनामा देकर अपने ऊपर लगे इस आरोप को गलत करार दे चुके हैं। पूर्व सपा विधायक किशोर समरीते ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी अपने आरोप पर अड़े रहे थे। समरीते ने 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल पर अमेठी की एक लड़की को अगवा कर उसके साथ रेप करने का आरोप लगाते हुए पीआईएल दायर की थी।
राहुल देश के सबसे चर्चित कुवारों में से भी एक हैं और कई लड़कियां उन पर मरती हैं (कुछ दिन पहले वह नई गर्लफ्रेंड को लेकर चर्चा में थे)। वह इन दिनों पार्टी के काम में सक्रियता बढ़ा रहे हैं (हालांकि 'इकोनॉमिस्‍ट' पत्रिका ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए हैं) और इस मकसद से उन्‍होंने अपनी अलग टीम भी बनाई है। पारदर्शिता () की वकालत करने वाले राहुल पर देश की सबसे अमीर सियासी पार्टी  कांग्रेस को अगले लोकसभा चुनाव और उससे पहले कई राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्‍यादा वोट पाने वाली पार्टी बनाने का दारोमदार है। अब समरीते ने कोर्ट में जो कहा है, वह उनके लिए काफी राहत देने वाली बात है, पर इसका सपा और कांग्रेस के रिश्‍तों पर क्‍या असर पड़ता है, यह देखना दिलचस्‍प होगा। कांग्रेस अध्‍यक्ष रूटीन चेक अप के बाद सोमवार को अमेरिका से लौट आई हैं।
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