धर्मशास्त्रों के नजरिए से धनवान बनने का मतलब केवल ज्यादा से ज्यादा धन बटोरना नहीं है बल्कि धन के साथ गुणी होना भी असल दौलतमंद माना गया है। इसके बिना पाया धन भी यश व सुख नहीं देता। गुणवान बन धन पाने की राह आसान बनाने के लिए शास्त्रों में तन व मन की पवित्रता की अहमियत बताई गई है।
शास्त्रों के मुताबिक सुबह स्नान ऐसा आसान उपाय है, जो तन के साथ मन को पवित्र कर देता है। क्योंकि सेहतमंद शरीर ही मन को भी सबल रखता है। इससे व्यक्ति मानसिक व वैचारिक स्तर पर मजबूत व पावन बन आसानी से मनचाही सफलता व मकाम हासिल कर वैभवशाली जीवन जी सकता है। आज स्नानदान अमावस्या है, जो अधिकमास की आखिरी पुण्यदायी घड़ी है।
इस दिन गुण और धन संपन्न बनने के लिये ही शास्त्रों में नहाते वक्त पावनता की प्रतीक गंगा का विशेष मंत्र से स्मरण का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इससे त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व महेश का भी स्मरण हो जाता है। क्योंकि किसी न किसी रूप में गंगा तीनों ही देवताओं की प्रिय है। जानिए यह मंत्र -
ब्रह्मकुण्डली, विष्णुपादोदकी, जटाशंकरी, भागीरथी, जाह्नवी।
धार्मिक आस्था है कि इस मंत्र के साथ स्नान करने वाला कर्म, वचन और व्यवहार में गंगा की पावनता के साथ त्रिदेवों की भी गुण व शक्ति रूपी दौलत से संपन्न हो जाता है।