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16 सितंबर 2012

आज यह मंत्र बोल नहाने से बनेंगे मनचाही दौलत के स्वामी




धर्मशास्त्रों के नजरिए से धनवान बनने का मतलब केवल ज्यादा से ज्यादा धन बटोरना नहीं है बल्कि धन के साथ गुणी होना भी असल दौलतमंद माना गया है। इसके बिना पाया धन भी यश व सुख नहीं देता। गुणवान बन धन पाने की राह आसान बनाने के लिए शास्त्रों में तन व मन की पवित्रता की अहमियत बताई गई है।
शास्त्रों के मुताबिक सुबह स्नान ऐसा आसान उपाय है, जो तन के साथ मन को पवित्र कर देता है। क्योंकि सेहतमंद शरीर ही मन को भी सबल रखता है। इससे व्यक्ति मानसिक व वैचारिक स्तर पर मजबूत व पावन बन आसानी से मनचाही सफलता व मकाम हासिल कर वैभवशाली जीवन जी सकता है। आज स्नानदान अमावस्या है, जो अधिकमास की आखिरी पुण्यदायी घड़ी है।
इस दिन गुण और धन संपन्न बनने के लिये ही शास्त्रों में नहाते वक्त पावनता की प्रतीक गंगा का विशेष मंत्र से स्मरण का महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इससे त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु व महेश का भी स्मरण हो जाता है। क्योंकि किसी न किसी रूप में गंगा तीनों ही देवताओं की प्रिय है। जानिए यह मंत्र -
ब्रह्मकुण्डली, विष्णुपादोदकी, जटाशंकरी, भागीरथी, जाह्नवी।
धार्मिक आस्था है कि इस मंत्र के साथ स्नान करने वाला कर्म, वचन और व्यवहार में गंगा की पावनता के साथ त्रिदेवों की भी गुण व शक्ति रूपी दौलत से संपन्न हो जाता है।

रहस्यमयी दरवाजे में है गुप्त गुफा, आज तक कोई नहीं सुलझा पाया इसका राज



 

हांसी।गगन खेड़ी की बेहद प्राचीन इमारत खेड़ी दरवाजा वर्षो बाद भी अपनी खूबियों को संजोए हुए है। इसका निर्माण सेठ मथुरा दास व सेठ सूरजभान तायल द्वारा बनवाया गया था जिसकी नींव आज से करीब 225 साल पहले रखी गई थी। दरवाजे के नीचे से एक रास्ता निकलता है जो पूरे गांव से होता हुआ मुख्य रास्तों में जाकर मिलता है। ग्रामीणों के अनुसार यह दरवाजा गांव का मुख्य रास्ता था तथा इसे रात्रि के समय बंद कर दिया जाता था ताकि गांव में कोई अप्रत्यक्ष रूप से प्रवेश न कर सके। बुजुर्ग ग्रामीण तेलूराम ने बताया कि इस दरवाजे को चूने और छोटी ईंटों से बनाया गया है। दरवाजे की ऊंचाई 52 फुट तथा लंबाई 70 फुट है। यह दरवाजा दीवारों की बजाए बड़े बड़े पिलरों पर टिका हुआ है। दरवाजे के अंदर 52 पौड़ी, खिड़की, दरवाजों की जोड़ी व प्राचीन पिलर है। दरवाजे की दीवारों पर आकृतियां बनी हुई है।  ग्रामीणों ने बताया कि अगर इन आकृतियों पर रंग से पुताई की जाती है तो इन पर रंग नहीं चढ़ता और यह फिर से दिखाई देने लगती है। दरवाजे पर शेर व कबूतरों की प्राचीन कलाकृतियां तथा नीले रंग के शीशे जड़े हुए है जिनकी वजह से यह सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। दरवाजे की मुख्य दीवारों पर प्राचीन भाषा में कुछ लिखा हुआ है जिसका अनुवाद नहीं किया जा सका है।

दीवारों पर बनी सुंदर कलाकृतियां

तेलूराम के अनुसार सभी पौड़ी एक पिलर के सहारे दरवाजे की छत तक जाती है। छत पर जाते समय हर तीन पौड़ी पर एक मोड आता है। इस दरवाजे की छत से आसपास के कई गांव को देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि तोशाम की पहाड़ी को भी इस दरवाजे से देखा जा सकता है। तेलूराम ने बताया कि गांव में खेडा है जहां शोरा निकालते थे। तेलूराम के अनुसार इस दरवाजे के अंदर एक प्राचीन गुफा है जो एक तरफ से दूसरी तरफ निकलती है। उन्होंने बताया कि आज तक इसके अंदर किसी ने जाकर नहीं देखा है। ग्रामीण कृष्ण लाल, श्याम सुंदर, राजपाल, मा. रोशन लाल, रविकांत, चतर सिंह, बलवान जाखड़ व कई अन्य ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस जर्जर हुई इमारत की तरफ ध्यान दे ताकि इतिहास की इस प्राचीन धरोहर की हालत को बचाया जा सके।

अंधविश्वासी पिता ही बन गया बेटी के लिए काल



 

कस्बाथाना (बारां). समीपवर्ती धनकरी गांव में एक व्यक्ति ने अपने ही तीन वर्षीय पुत्र की गंडासे से हत्या कर दी। आरोपी इस घटना को अंजाम देने के पीछे बालक पर किसी आत्मा का असर होने की बात कह रहा है। शनिवार शाम गंडासे से बेटे का सिर, हाथ और पांव काट देने के बाद भी अगले दिन शाम तक क्षत-विक्षत शव घर में ही पड़ा रहा और परिवार के सदस्य आम दिनचर्या में लगे रहे।

रविवार शाम को किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दी, तो डीएसपी छोटूलाल मीणा व थानाप्रभारी हरदयाल स्वामी मौके पर पहुंचे और आरोपी पिता को हिरासत में लेकर बालक का शव बरामद किया। थानाप्रभारी स्वामी ने बताया कि कस्बे से छह किमी दूर ओगाड़ गांव से सटे धनकरी गांव में भील समाज के लोगों के घर-टापरियां बनी हुई हैं।
आरोपी रतनलाल का मानना है कि उसके तीन वर्षीय बेटे अखलेश पर किसी आत्मा की छाया पड़ती थी। परिजनों के अनुसार भी अखलेश परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की बात कहता था। घर के सदस्य आए दिन बीमार भी रहते थे। इससे तंग आकर ही उसने शनिवार रात करीब एक बजे गंडासे से अखलेश की गर्दन, हाथ, पैर व पेट पर चार वार किए। इससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घटना के बाद उसका बुरी तरह शत-विक्षिप्त शव घर में ही पड़ा रहा। इसके बावजूद परिजनों ने कोई शोक नहीं मनाते हुए सामान्य दिनचर्या जारी रखी। आसपास के लोगों को भी इस वारदात का पता रविवार सुबह तक नहीं चला। बाद में शाम को किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने रात को शव को बरामद कर आरोपी पिता को हिरासत में लिया।
ग्रामीणों में है अलग अंधविश्वास पुलिस व ग्रामीणों के अनुसार आरोपी रतनलाल के दो पत्नियां समसू व गजा हैं, जिनके चार लड़के व तीन लड़कियां हैं। इनमें अखलेश की मां समसू है। मृतक के चाचा मांगीलाल ने बताया कि पूरा परिवार संयुक्त रूप से रहता है। वहीं ग्रामीणों का मानना है कि रतनलाल ने कुछ समय पहले पास में ही हनुमान मंदिर में मूर्ति स्थापित करवाई थी, लेकिन उसकी प्राण-प्रतिष्ठा करवाए बिना ही वह वहां पूजा-अर्चना करता आ रहा था।
इससे इस परिवार को कष्ट उठाने पड़ रहे थे। वहीं मृतक के घर में देवता (आत्मा) का स्थान बनाया हुआ है। थाना प्रभारी स्वामी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। परिवार के अन्य सदस्यों के भी बयान लेकर ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है।

श्मशान में महिलाओं का यह रूप देख ठिठक गईं सबकी निगाहें!



श्रीगंगानगर.जिला अस्पताल परिसर की झाड़ियों में मृत मिले शुगर मिल के कर्मचारी प्रभुनाथ सिंह की अंत्येष्टि तीन दिन बाद रविवार को पुलिस और जिला प्रशासन ने परिजनों के विरोध के बीच कर दी। इससे गुस्साई प्रभुनाथ की पत्नी और लड़कियों ने एक थानेदार की पिटाई कर दी।  पुलिस को अंत्येष्टि करने से रोकने के लिए पत्नी व बेटियां चिता के ऊपर बैठ गईं। पुलिस ने उन्हें खदेड़ा और अंत्येष्टि कर दी। प्रभुनाथ के पांच परिजनों सहित आठ लोगों को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कोतवाली में बर्खास्त कांस्टेबल अनिल गोदारा व प्रभुनाथ के परिजनों के खिलाफ पुलिसकर्मियों से मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
हेड कांस्टेबल अरुणा का हाथ प्रभुनाथ की बेटी रंजीता ने दांतों से काट दिया।एडीएम (प्रशासन) अशोक यादव, एसडीएम प्रकाश पुरोहित, सीओ सिटी अशोक मीणा, सीओ एससी-एसटी राजेंद्रसिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में प्रभुनाथ सिंह का शव सुबह 8:30 बजे पदमपुर रोड कल्याण भूमि में लाया गया। इसकी सूचना मिलते ही परिजन और उनके सहयोगी आ गए। दोनों पक्षों के बीच तकरार हुई।

अब नई बीमारी का हमला, स्वाइन फ्लू के लक्षण लेकिन दवाएं बेअसर




जयपुर.सवाई मानसिंह अस्पताल में दो सप्ताह से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके लक्षण स्वाइन फ्लू के समान हैं, लेकिन हर तरह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। इस मर्ज पर दवाएं भी बेअसर हैं। इस बीमारी के दो सप्ताह से रोजाना 10 से 15 मरीज आ रहे हैं तथा पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इसके लक्षण अधिक देखने को मिल रहे हैं। इसमें अधिकतर डबल निमोनिया हो रहा है और इसके इलाज के बावजूद मरीजों को किसी तरह का कोई फायदा नहीं हो रहा। हाल ही चंडीगढ़ में भी ऐसी बीमारी फैली थी, जिसे चंडीगढ़ वायरस का नाम दिया गया था।
डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल में मरीज सर्दी, जुकाम, खांसी एवं बुखार को लेकर भर्ती होता है, लेकिन धीरे-धीरे मल्टी ऑर्गन फेल्योर होकर दोनों फेफड़े, हार्ट काम करना बंद कर देते हैं। इसके बाद मरीज कोमा में चला जाता है और उसकी मौत भी हो सकती है।
ऐसे फेलती है बीमारी
डॉ. सहगल के अनुसार छींकते, खांसते समय एवं हाथ मिलाने पर स्वस्थ व्यक्ति का मरीज से संपर्क होने पर वह उसका शिकार हो जाता है। मरीज के इम्यून रेस्पोरेंस कम होने पर कोशिकाएं व अंग काम करना बंद कर देते हैं। बीमारी का अंदेशा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए।
> वायरस के म्यूटेशन से ही ऐसा संभव
गर्मी जा रही है, सर्दी आने वाली है। ऐसे मौसम में वायरस के म्यूटेशन (दो वायरस मिलकर तीसरा वायरस बनाते हैं) की ज्यादा संभावना रहती है। वर्तमान में 8क् से ज्यादा वायरस ऐसे हैं जो एक जैसे सिम्टम देते हैं। किसी भी लैब में उन्हीं वायरस का पता लगाया जा सकता है, जिसका किट वहां उपलब्ध हो। जिस तरह से फीवर के साथ निमोनिया के केस हैं, उससे यही लगता है कि कोई साधारण वायरस ही म्यूटेट हो गया है। इससे नया स्ट्रेन होगा और जब तक उसका किट नहीं आ जाता, स्थानीय स्तर पर उसकी जांच संभव नहीं है।
साजिद हुसैन, वायरोलॉजिस्ट
रिसर्च जारी है
इन दिनों बुखार, निमोनिया के ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल ड्रग्स का असर नहीं हो रहा। स्वाइन फ्लू की जांच रिपोर्ट भी निगेटिव आ रही है। मेडिसिन विभाग में ऐसे मरीजों पर रिसर्च का काम शुरू कर दिया।
डॉ. रेणु सहगल, अध्यक्ष, मेडिसिन विभाग, सवाई मानसिंह अस्पताल
सैंपल एनसीडीसी भेजे जाएंगे
'कुछ दिनों से अस्पताल में बुखार के ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें हर तरह की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। सैंपल नई दिल्ली में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) भेजे जाएंगे तथा विशेषज्ञों से भी राय ली जा रही है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बांगड़ परिसर में पाइरेक्सिया वार्ड खोला है।'
डॉ. वीरेंद्र सिंह, अधीक्षक, सवाई मानसिंह अस्पताल

कुरान का संदेश

राजस्थान वक्फ सम्पत्तियों का प्रोपर्टी रजिस्टर बनाने के निर्देश

राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमेन लियाक़त अली ने सभी राज्यों की वक्फ सम्पत्तियों की सूचि नये सिरे से बनाने के निर्देश जरी किये है ..वक्फ बोर्ड चेयरमेन लियाकत अली ने  के राजस्थान के सभी जिलों में मस्जिद ..खानकाह .....दरगाह ..... ईदगाह .....मस्जीद ...... मज़ारात ........कब्रिस्तान का नए सिरे से सर्वे कर जिला वग्फ़ कमेटियों को प्रोपर्टी रजिस्टर सभी जकारियों सहित बनाने के निर्देश दिए है ..उन्होंने वक्फ किरायेदारी या कोई भी कार्यवाही खुली बोली के आधार पर ही तय करने के निर्देश दिए है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमीन खान का कोटा में स्वागत

 राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमीन खान का कोटा में स्वागत
राजस्थान सरकार में अल्पसंख्यक मामलात  अमीन खान ने अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति मामले में एक लाख रूपये की आय सीमा तय करने को गलत मानते हुए इस आय सीमा को बढाने की बात कही है ........अमीन खान आज कोटा  पर थे और उन्हें ह्युमन रिलीफ सोसाइटी के महासचीव और सम्भागीय वक्फ संयोजक तबरेज़ पठान ने जब जानकारी दी तो इसे उन्होंने गलत करार देते हुए इस मामले में शीघ्र वार्ता कर आवश्यक निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया ....अमीन खान को बताया गया की आर के सी एल के माध्यम से जो कम्प्यूटर कोर्स चलाए जा रहे है उनकी अंतिम तिथि 14 सितम्बर थी जबकि सामान्य कोर्स के लियें  तिथि 18 सितम्बर है उन्होंने इसे भी बढाने का आश्वाशन दिया है ......अमीन खान का आज कोटा में राजस्थान  बोर्ड के अध्यक्ष मोलाना फ्ज्लेह्क के नेत्रत्व में जबर्दस्त स्वागत किया गया उनके साथ राजस्थान वक्फ बोर्ड के  चेयरमेन लियाकत अली भी थे ...अमीन खान ने आज कोटा में मुस्लिम होस्टल की चयनित जगह का भी दोरा किया ........अमीन खान के साथ जिला वक्फ कीमती के सदर हाजी अज़ीज़ अंसारी ....जमील कादरी ....प्रोफ़ेसर मुमताज़  आलम  राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष एजाज़ खान अज्जू भाई सहित कई लोग थे ..अमीन खान ने मोलाना फ्ज्लेह्क द्वारा संचालित मदरसे के प्रबंधन और शिस्खा के तोर तरीकों को भी देखा और सराहा .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

शमीना शफीक सभी समाजों की महिलाओं के उत्पीडन के मामले में अलग अलग फीडबेक लेकर उनकी तात्कालिक और बुनियादी समस्याओं के स्थाई निराकरण का हल तलाशने में जुटी है

राष्ट्रिय महिला आयोग की सदस्या श्रीमती शमीना शफीक महिला आयोग  की चेयरमेन श्रीमती ममता शर्मा के नेत्रत्व में क्रांतिकारी परिवर्तन कर महिलाओं को प्रताड़ना और पीड़ा से बचाने के लियें  शीघ्र ही महत्वपूर्ण सिफारिशें करने  है .......श्रीमती शमीना शफीक आज अपने एक दिवसीय दौऱे पर कोटा प्रवास पर थीं आज शमीना शफीक से ह्युमन रिलीफ सोसाइटी के महासचीव एडवोकेट अख्तर खान अकेला और सम्भागीय वक्फ संयोजक तबरेज़  पठान ने मुलाक़ात की ..शमीना शफीक के दिल में पीड़ित महिलाओं का दर्द है और उन्होंने इस मामले में छ माह के कार्यकाल में विभिन्न राज्यों का दोरा कर महिलाओं की समस्याए उनका कारण  और निवारण के तरीकों का फीड बेक लिया है ...एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने शमीना शफीक को राजस्थान की मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराते हुए सुझाव दिया की देश के सभी राज्यों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया जाए के  कोई भी मुस्लिम पुरुष अपनी पूर्व पत्नी के रहते हुए शरियत के आदेशों के खिलाफ केवल अय्याशी करने के लियें या फिर मजे करने के लियें निकाह रचाता है तो ऐसे निकाह को रुकवाने के लियें प्रशासन कार्यवाही करे और काजियों को भी इस मामले में शरियत के अनुरूप दूसरा निकाह होने पर सभी दस्तावेज वर्तमान पत्नी की स्वीक्रति और शरियत के सिद्धांतों के कारणों की तस्दीक करने के बाद ही निकाह कराने का दायित्व समझाया जाए ..चर्चा में अख्तर खान अकेला ने यह भी कहा के मुस्लिमों में कई मामले ऐसे है के महिला को पुरुष तलाक भी नहीं देता ..खर्चा भी नहीं देता महर भी नहीं देता और महिला को परेशां  करता है खुद तो दूसरा निकाह कर  लेता है और महिला परेशान  होती रहती है ..शमीना जी को यह भी बताया गया के उच्चतम न्यायलय के नियमों के अनुसार किसी भी महिला को तलाक देने के पहले कुरान की आयत सुरे अन्निसा के सिद्धांतों का पालन जरूरी है और इसके विपरीत जो भी तलाक हो उन्हें अमान्य ठहराया जाए ...उन्हें पाकिस्तान और बांग्ला देश में तलाक के पंजीयन के नियमों के बारे में बताया गया पाकिस्तान में तलाक के पूर्व तलाक पंजीयन अधिकारी के समक्ष आवेदन किया जाना और फिर उसकी तस्दीक महिला की उपस्थिति में करवाया जाना जरूरी है इसके उलंघन पर वहां  दो वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान है ......शमीना शफीक को डोमेस्टिक वोय्लेंस के प्रावधानों को लागू करने और प्रोटेक्शन ऑफिसर्स को उनके कर्तव्यों के प्रति सजग और सतर्क करने का भी सुझाव दिया गया ...शमीना शफीक ने सभी सुझावों को सूना और महिलाओं के मामले में स्थाई लोक अदालतों के माध्यम से शरियत के प्रावधानों के तहत विवादों के निस्तारण मामले में कार्यवाही के प्रयास का आश्वासन दिया ..शमीना शफीक सभी समाजों की महिलाओं के उत्पीडन के मामले में अलग अलग फीडबेक लेकर उनकी तात्कालिक और बुनियादी समस्याओं के स्थाई निराकरण का हल तलाशने में जुटी है और इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती ममता शर्मा उनके साथ है .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षरों में समाई इन 33 देवशक्तियों से बाल भी नहीं होता बांका


मंत्र का शाब्दिक मतलब होता है मनन करना। मगर फल की दृष्टि से मंत्र का मतलब होता है मन की पीड़ा का त्राण यानी अंत करने वाला। मंत्र शक्ति से जब दु:खों से छुटकारे के धार्मिक उपाय पर विचार किया जाता है, तब एक ही मंत्र सर्वश्रेष्ठ माना गया है। वह है - महामृत्युंजय मंत्र।
धर्म परंपराओं में यह शिव के महामृत्युंजय रूप की आराधना से रोग, काल भय और दु:खों के शमन का मंत्र है। किंतु शास्त्रों में इस मंत्र से कामनापूर्ति का भी महत्व बताया गया है। साथ ही यह शिव ही नहीं बल्कि अनेक देवताओं की उपासना का भी अद्भुत मंत्र है।
शास्त्रों के मुताबिक यह मंत्र 32 अक्षरों से बना है। किंतु ऊँ के जुडऩे पर मंत्र 33 अक्षरों का हो जाता है। इसलिए इसे तैंतीस अक्षरी मंत्र भी कहा जाता है। चूंकि मंत्रों में आने वाले अक्षर, शब्द, स्वर, व्यंजन, ध्वनि और बिंदु देवीय शक्तियों के ही रूप और बल के संकेत होते हैं।  इसी तरह महामृत्युंजय मंत्र के 33 अक्षरों में 33 देवीय शक्तियां मानी गई है,जिससे यह मंत्र बहुत प्रभावशाली और शक्तिशाली माना जाता है।

इस बार वराह जयंती 18 सितंबर, मंगलवार को




 

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती का पर्व मनाया जाता है। भगवान विष्णु ने इस दिन वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष नामक दैत्य का वध किया था। इस बार वराह जयंती 18 सितंबर, मंगलवार को है। वराह अवतार से जुड़ी कथा इस प्रकार है-

पुरातन समय में दैत्य हिरण्याक्ष ने जब पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छिपा दिया तब ब्रह्मा की नाक से भगवान विष्णु वराह रूप में प्रकट हुए। भगवान विष्णु के इस रूप को देखकर सभी देवताओं व ऋषि-मुनियों ने उनकी स्तुति की। सबके आग्रह पर भगवान वराह ने पृथ्वी को ढूंढना प्रारंभ किया। अपनी थूथनी की सहायता से उन्होंने पृथ्वी का पता लगा लिया और समुद्र के अंदर जाकर अपने दांतों पर रखकर वे पृथ्वी को बाहर ले आए।
जब हिरण्याक्ष दैत्य ने यह देखा तो उसने वह भगवान विष्णु के वराह रूप को युद्ध के लिए ललकारा। दोनों में भीषण युद्ध हुआ। अंत में भगवान वराह ने हिरण्याक्ष का वध कर दिया। इसके बाद भगवान वराह ने अपने खुरों से जल को स्तंभित कर उस पर पृथ्वी को स्थापित कर दिया। इसके पश्चात् भगवान वराह अंतर्धान हो गए। महर्षि पराशर ने बृहत्पाराशरहोरा शास्त्र में वराह अवतार का उद्भव राहु ग्रह ने माना है।

प्‍यार में पीएम ने भी नहीं की कानून की परवाह, रोक के बावजूद की दूसरी शादी



हरारे. कानूनी लड़ाई के बीच जिम्बाब्वे के प्रधानमंत्री मॉर्गन श्वांगिराई ने शुक्रवार को रोक के बावजूद अपनी प्रेमिका से शादी कर ली। उन्होंने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई और रस्में पूरी कीं। हालांकि दूल्हा-दुल्हन ने विवाह रजिस्टर में दस्तखत करने की कानूनी औपचारिकता पूरी नहीं की। एक मजिस्ट्रेट ने शादी रोकने का आदेश देते हुए कहा है कि वे पहले ही अपनी प्रेमिका से परंपरागत तरीके से विवाह कर चुके हैं। 59 साल के श्वांगिराई की शादी 35 साल की एलिजाबेथ से हुई है।
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