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27 सितंबर 2012

अर्थी पर अचानक उठ बैठी लाश और उसने जो कहा, सहम गए लोग


अर्थी पर अचानक उठ बैठी लाश और उसने जो कहा, सहम गए लोग

रतिया। रतिया का सैनी मोहल्ला। यहां अधिकांश घरों के दरवाजों पर नीम के पत्ते बंधे हैं। लोगों में चर्चा है कि नीम के पत्ते न बांधने से कोई भी अनहोनी हो सकती है। इन अफवाहों ने ऐसा माहौल बना दिया कि हर तरफ डर है। रतिया शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश घरों के मुख्य दरवाजों पर पिछले चार दिनों से नीम बांधने का काम सिलसिला चला हुआ है।

यह सलाह उन्हें किसने दी, यह जानने के लिए कुछ लोगों से बात की गई। सैनी मोहल्ला के रघुवीर सैनी, नाजर सिंह, सुरेंद्र सैन, पाल सिंह ने बताया कि उनके पास रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। बता रहे हैं कि गांव घरोंडा में एक मृत व्यक्ति को शमशान घाट में ले जाया जा रहा था। रास्ते में मृतक अर्थी से उठ खड़ा हुआ है। बोला कि जो व्यक्ति अपने घर के बाहर नीम नहीं बांधेगा, उसके घर से अर्थी उठेगी। इतना कहकर वह फिर मर गया। इस तरह की बातें चल रही हैं।

महज अफवाह है: तर्कशील

तर्कशील सोसायटी के प्रदेश उपाध्यक्ष फरियाद सनियाना ने कहा कि यह महज अंधविश्वास व अफवाह है। कुछ कमजोर मानसिकता के लोग ऐसी अफवाहों पर विश्वास करते हैं। तांत्रिक लोग उसका फायदा उठा जाते हैं।

कीटाणु रोधक भी है नीम : टांटिया

आयुर्वेद के ज्ञाता डॉ. राधेश्याम टांटिया ने बताया कि नीम खाज खुजली, चर्म रोग नाशक होता है। कीटाणुओं को नष्ट करने में काम आता है। इसके अलावा पुराने समय से ही नीम को शुद्ध माना जाता है। इसी कारण बच्चे के जन्म पर भी लोग अपने मकान के मुख्य द्वार पर नीम बांधते थे। वैसे भी नीम में हर तरह के कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है, और आयुर्वेद में नीम को विभिन्न प्रकार के रोगों से निजात दिलाने में सहायक माना जाता है। डॉ. टांटिया ने कहा कि वैसे भी नीम की अनेक उपयोगी वस्तुओं को हम इस्तेमाल करके अनेक प्रकार के रोगों से भी मुंक्ति पा सकते हैं। लेकिन नीम बांधने से मौत नहीं आएगी यह कोरी अफवाह है। नीम बांधने को केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से ही देखें। किसी प्रकार के अंधविश्वास में ना पड़कर केवल इसकी उपयोगिता को ही ध्यान में रखें।

बदल गए 19 जिलों के कलेक्टर, टी.रविकांत को मिला जयपुर



जयपुर/जोधपुर.सरकार ने गुरुवार देर रात 22 आईएएस और 11 आरएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। 19 जिलों में कलेक्टर बदले गए हैं। राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त टी. रविकांत जयपुर के नए कलेक्टर होंगे। मौजूदा कलेक्टर नवीन महाजन को रीको में एमडी लगाया गया है। जोधपुर कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन को निवेश संवर्धन ब्यूरो (बीआईपी) में आयुक्त लगाया गया है।

सात जिलों में आरएएस कलेक्टर

सात जिलों में आरएएस अधिकारियों को कलेक्टर लगाया गया है। चार आरएएस पहले से ही कलेक्टर लगे हैं। भरतपुर कलेक्टर पद से हटाए गए कृष्ण कुणाल और विदेश से ट्रेनिंग लेकर लौटे अश्विनी भगत को पोस्टिंग नहीं मिली है।

खान विभाग के निदेशक पद का अतिरिक्त कार्यभार अब आबकारी आयुक्त दिनेश कुमार को सौंपा गया है। अभी तक इस पद का काम आरएसएमएम के प्रबंध निदेशक अजिताभ शर्मा देख रहे थे।

कुरान का संदेश

29 से श्राद्ध पक्ष शुरू: क्या करें-क्या न करें?



 

धार्मिक नजरिए से हर धार्मिक परंपरा, उत्सव, पर्व और व्रत-उपवास के शुभ फल तभी मिलते हैं, जब उनसे जुड़े शास्त्रों में बताए गए विधान और नियम का सही पालन किया जाए। इसी कड़ी में श्राद्ध पक्ष में पितरों के श्राद्ध के लिए कुछ विशेष वस्तुओं और सामग्री का उपयोग जरूरी तो कुछ निषेध बताई गई हैं।

इस बार 29 सितंबर से शुरू श्राद्धपक्ष 15 अक्टूबर तक चलेगा। जानिए इस दौरान खान-पान व पूजा उपायों में क्या करें और क्या न करें -

- श्राद्ध कर्म व पूजा में गंगाजल, दूध, शहद  कुश और तिल का खास महत्व है। इनका यथोचित उपयोग करना न चूकें।

- तुलसी से पितृगण प्रसन्न होते हैं। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृगण गरुड़ पर सवार होकर विष्णुलोक को चले जाते हैं। तुलसी से पिंड की पूजा करने से पितर लोग प्रलयकाल तक संतुष्ट रहते हैं।

- सोने, चांदी, कांसे व तांबे के पात्र उत्तम हैं। इनके न होने पर पत्तल उपयोग की जा सकती है।

- केले के पत्ते पर श्राद्ध भोजन न कराएं।

- रेशमी, कंबल, ऊन, लकड़ी, तृण, पर्ण, कुश आदि के आसन का उपयोग करें।

- आसन में लोहा किसी भी रूप में उपयोग नहीं होना चाहिए।

- चना, मसूर, बड़ा उड़द, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला उड़द, काला नमक,

लौकी, बड़ी सरसों, काली सरसों की पत्ती और बासी, अपवित्र फल या अन्न का श्राद्ध भोजन में उपयोग न करें।

कमरदर्द से परेशान हैं...??? तो ये RELIEF के लिए EASY TIPS



 

छोटी-छोटी आदतें कमर दर्द का कारण बन जाती हैं जैसे क्षमता से अधिक काम, गलत तरीके से उठना-बैठना, अधिक बोझ उठाना, काम करते समय घंटों पानी में भीगना वगैरह। साथ ही स्त्रियों में प्रदर रोग की शिकायत और मासिक धर्म की गड़बड़ियों के कारण भी कमर दर्द होने लगता है। आइए, इस दर्द से छुटकारा पाने के कुछ आसान और कारगर घरेलू नुस्खे जानते हैं..

-एक चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच लहसुन का रस, दो चम्मच पानी मिलाकर दो खुराक सुबह-शाम पीएं। कमर दर्द ठीक हो जाएगा।
- मेथी की सब्जी खाने से कमरदर्द में लाभ होता है।
- कमरदर्द में सहजन की सब्जी लाभदायक है- कमर के दर्द में छुहारा लाभदायक है। सुबह-शाम खाएं।
- 12 ग्राम गेहूं की राख इतने ही शहद में मिला कर चाटने से कमर और जोड़ों के दर्द में आराम होता है। गेहूं की रोटी एक ओर से सेंक लें और एक ओर से कच्ची रखें । कच्चे वाले भाग में तिल का तेल लगा कर दर्द वाले अंग पर बांध दें। इससे दर्द दूर हो जाएगा।
-कमर दर्द होने पर एरण्ड के बीज की गिरी दूध में पीसकर पीने से लाभ होता है।
- जायफल पानी में घिसकर फिर तिल के तेल में मिलाकर गर्म करें।अच्छी तरह ठण्डा होने पर कमर पर मालिश करें दर्द में लाभ होगा।
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