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28 सितंबर 2012

आज दुर्लभ योग - शनि-गणेश के ये मंत्र दूर करेंगे बदकिस्मती का साया



 

हिन्दू पौराणिक मान्यताओं में सूर्यपुत्र शनि भगवान श्रीकृष्ण के परमभक्त बताए गए हैं। वहीं यह भी माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीगणेश के रूप में अवतार लिया। इससे जुड़ी पौराणिक कथा के मुताबिक शनि की क्रूर नजरों से गणेश का सिर कटने के बाद शनि, मां पार्वती द्वारा शापित हुए, तब शनि ने शाप से छुटकारे के लिये भगवान विष्णु द्वारा बताई गणेश भक्ति की।

यह भी वजह है कि शनिवार को गणेश पूजा या स्मरण शनि दोष दूर करने वाली मानी गई है। आज शनिवार के साथ अनंत चतुर्दशी का दुर्लभ योग बना है।  चूंकि शनिदेव दण्डाधिकारी ही नहीं बल्कि भाग्य बनाने वाले देवता भी हैं और श्रीगणेश सफलता देने वाले देवता।

यही नहीं 28 सितंबर को ही शनि-मंगल की अशुभ युति खत्म होने से भी इस संयोग में शनि के साथ गणेश भक्ति किस्मत को बुलंद कर सफलता देने वाली साबित होगी। जानिए ऐसे दुर्लभ योग में किन विशेष शनि व गणेश मंत्रों व उपाय से ऐसी ही इच्छाओं को पूरा करें -

- शनिवार को शनिदेव को तिल या सरसों का तेल, काले तिल, काला गंध व फूल चढ़ाकर ये 3 मंत्र बोलें -

ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नम:।

ऊँ दीनार्तिहरणाय नम:

ऊँ अविद्यामूलनाशनाय नम:

इसी तरह श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, फूल व मोदक का भोग लगाकर धूप व तिल के तेल का दीप जलाएं व भगवान गणेश के इन मंत्रों का ध्यान करें या रुद्राक्ष माला से जपकर सुख की कामना से करें -

ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं गणेश्वराय ब्रह्मस्वरूपाय चारवे।

सर्वसिद्धिप्रदेशाय विघ्रेशाय नमो नम:।।

या

ऊँ क्लीं ह्रीं विघ्रनाशाय नम:। इस मंत्र का स्मरण करें।

- इस मंत्र स्मरण के बाद शनि व गणेश की आरती करें व दोनों देवताओं कृपा की कामना करें।

फिर बढ़ सकते हैं डीजल और सिलेंडर के दाम



नई दिल्ली। केलकर समिति ने डीजल के भाव में चार रुपए प्रति लीटर और गैस की कीमत में 50 रुपए प्रति सिलेंडर इजाफा करने की सिफारिश की है। साथ ही अनाज और खाद की कीमत पर से सब्सिडी खत्म करने को कहा है।

 
वित्त आयोग के पूर्व चेयरमैन विजय केलकर समिति के अध्यक्ष हैं। इसने डीजल और एलपीजी पर अगले साल तक सब्सिडी पूरी तरह खत्म करने को कहा है। साथ ही 2014-15 तक केरोसिन की सब्सिडी में एक तिहाई कमी करने की जरूरत बताई है। इसके दाम में भी दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की सिफारिश की है।

विसर्जन के लिए पहले गणोशजी रात 10 बजे पहुंचेंगे

bhaskar news | Sep 29, 2012, 06:46AM IST

कोटा. शहर में घरों, मंदिरों और चौराहों पर स्थापित गणोशजी का शनिवार रात को विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन, पुलिस और आयोजन समिति ने विसर्जन से एक दिन पहले अपनी तैयारियों का रिहर्सल कर लिया।




शोभायात्रा दोपहर 2 बजे मल्टीपरपज स्कूल से पूजा-अर्चना के बाद रवाना होने की संभावना है। इसमें कबीरपंथी महाराज प्रभाकर साहेब को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया है। सनातनपुरी महाराज अध्यक्षता करेंगे। आयोजन समिति के अनुसार शोभायात्रा में 139 झांकियां, 48 अखाड़े, 23 भजन मंडलियां, 8 डांडिया मंडलियां शामिल होगी। जुलूस के आगे बजरंगदल कार्यकर्ता सुरक्षा टोली के रूप में रहेंगे। सुरक्षा टोली के पीछे संतों की बग्गी, ऊंटगाड़ी व कश्यप समाज की व्यायामशाला और महिला अखाड़े रहेंगे।




शोभायात्रा गुमानपुरा, सूरजपोल, मोखापाड़ा, कैथूनीपोल, लालबुर्ज, श्रीपुरा, पुरानी सब्जीमंडी, अग्रसेन बाजार, बक्शपुरी कुंड की गली से होकर रामपुरा बाजार, आर्यसमाज रोड से बारहदरी तालाब की पाल पर जाकर समाप्त होगी। यहां पर गणोश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। रात १क् बजे पहले गणोशजी के विसर्जन के लिए पहुंचने की संभावना है।





जलकुंभी को रोकने का प्रयास


विसर्जन स्थल पर जलकुंभी को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से तालाब में चारों ओर बांस गाड़कर उस पर रस्सी बांधी गई है। इससे जलकुंभी विसर्जन स्थल पर नहीं पहुंचेगी।





कैथूनीपोल में मुख्य आयोजन


कैथूनीपोल में मुख्य समारोह होंगे। यहां पर हर अखाड़े को 20 मिनट प्रदर्शन का समय दिया गया है। यहीं पर प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा हजारों लोग अखाड़ों के करतबों का लुत्फ उठाएंगे।





जुलूस पर पैनी नजर

कलेक्टर जीएल गुप्ता ने कहा कि जुलूस व प्रतिमा विसर्जन के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने के साथ ही जुलूस के दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हर स्थिति पर नजर रखेंगे। जुलूस व प्रतिमा विसर्जन की वीडियोग्राफी भी करवाई जाएगी।





मुस्लिम समाज करेगा स्वागत

मुस्लिम विकास समिति की ओर से गुमानपुरा पेट्रोलपंप के सामने जुलूस का स्वागत किया जाएगा। समिति अध्यक्ष आबिद कागजी ने बताया कि जुलूस का स्वागत और अखाड़ों के उस्तादों का साफा बांधकर प्रतीक चिन्ह दिया जाएगा। उधर, शहर जिला कांग्रेस की ओर से कैथूनीपोल में उस्तादों का स्वागत किया जाएगा। इसमें मंत्री शांति धारीवाल भी शामिल होंगे। प्रवक्ता डॉ. विजय सोनी ने बताया कि लोगों के लिए मिल्क शेक व फलों की व्यवस्था की जाएगी।





यह रहेगी व्यवस्था

जुलूस के लिए 13 कार्यपालक मजिस्ट्रेट, चार सर्किल मजिस्ट्रेट, विसर्जन स्थल पर नावों, लाईफ जैकेट्स, रेस्क्यू टीम, बैरिकेड्स, लाइट की व्यवस्था, एमबीएस में आपात कक्ष की व्यवस्था के साथ सभी सरकारी अस्पताल जुलूस समाप्ति तक खुले रहेंगे। एम्बुलेंस व फायरब्रिगेड की व्यवस्था होगी। अखाड़ों के प्रदर्शन के लिए 13 स्थान तय किए गए हैं। जुलूस मार्ग में आवश्यक जगहों पर बैरिकेड्स लगाए हैं। किसी भी गड़बड़ी पर इमरजेंसी निकासी के लिए श्रीपुरा चौक, पुरानी सब्जीमंडी, सरोवर टॉकीज रोड पर सुरक्षित पॉइंट रखे जाएंगे।





पुलिस अफसरों ने संभाला मोर्चा

अनंत चतुर्दशी के जुलूस की सुरक्षा की जिम्मेदारी वाले पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार शाम से मोर्चा संभाल लिया है। इसमें प्रदेशभर से नए व पुराने अफसरों को भेजा गया है। शुक्रवार शाम को पुलिस अधिकारियों ने मार्ग का निरीक्षण भी किया। इसके बाद डॉग स्क्वायड टीम ने भी मार्ग का निरीक्षण किया। जुलूस के लिए 14 एएसपी, 23 डीएसपी और 30 से अधिक सीआई बाहर से आए हैं। करीब 2500 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।




दोपहर को एसपी प्रफुल्ल कुमार ने नयापुरा स्टेडियम में सभी पुलिस अधिकारियों व जवानों को उनकी ड्यूटी के बारे में निर्देश दिए कि वे जिम्मेदारी से अपना कार्य करें। एएसपी लक्ष्मण गौड़ व डीएसपी आदर्श चौधरी ने पुलिस अधिकारियों के साथ शाम को पूरे मार्ग का निरीक्षण किया। इसी प्रकार डीएसपी आदर्श चौधरी व सीआईडी की डॉग स्क्वॉयड की टीम ने भी मार्ग का निरीक्षण किया। इसके अलावा झांकियों, अखाड़े व गणोश मंडलों के साथ भी पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। पुलिस ने पूरे जुलूस पर निगाह रखने के लिए 12 वॉच टावर लगाए गए हैं। 80 से अधिक जवान सिविल में रहेंगे। 45 जर्जर मकानों पर पुलिस के जवान तैनात रहेंगे।




ये लगाए हैं पुलिस अधिकारी

एएसपी हेमंत शर्मा, रामसिंह मीणा, राजेश भारद्वाज, राजेश कामट, लक्ष्मण राठौड़, ज्ञानचंद यादव, नारायणलाल, समीर कुमार, सत्यनारायण शेर, प्रहलाद कृष्णया, महेश मीणा, सुरेश मीणा, प्यारेलाल शिवरान, राकेश मीणा, सुरेश मीणा, रविंद्रसिंह शामिल हैं। इसके अलावा डीएसपी में प्रमुख हरिमोहन शर्मा, जगमाल वर्मा, राजेंद्र गोगावत, राजेंद्र ओझा, योगेंद्र जोशी, गौतम भास्कर ।

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सिब्बल का सपना, मुफ्त में हो फोन पर बात


सिब्बल का सपना, मुफ्त में हो फोन पर बात


नई दिल्‍ली। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने टेलीकॉम ऑपरेटरों के बीच नई बहस छेड़ दी है। सीआईआई की ओर से आयोजित ब्रॉडबैंड समिट में उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्य की बात है कि हमें आज भी बातचीत पर पैसा देना पड़ता है। आखिर हम बातचीत के लिए पैसा क्यों दें। ऑपरेटर आखिर एक-दूसरे से बातचीत करने पर चार्ज क्यों करते हैं।' उन्होंने ऑपरेटरों को सलाह दी कि वे बातचीत मुफ्त करने की दिशा में सोचें। सिब्बल ने कहा कि वह जानते हैं कि यह तुरंत नहीं होगा, लेकिन यह असंभव भी नहीं है। 
 
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि आय के लिए कंपनियों को डाटा सर्विस की ओर देखना चाहिए। उन्हें मानसिकता बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी आय के लिए सिर्फ बातचीत पर ध्यान केंद्रित किया गया है। डाटा सर्विस से बेहतर आय हो सकती है। ऑपरेटरों को इस दिशा में बढऩा होगा। आय के लिए बातचीत पर निर्भर रहने की मानसिकता बदलनी होगी। सिब्बल ने कहा कि एक-दूसरे से बातचीत हमें सशक्त बनाती है, मजबूती देती है, दूरियां घटाती है। इस पर आखिर पैसा क्यों लगना चाहिए? उन्होंने कहा कि सरकार ब्रॉडबैंड को विस्तार देगी। इसके लिए सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है। जल्द ही आकाश-2 का प्रस्ताव भी कैबिनेट के पास भेजा जा रहा है, जिससे जल्द ही छात्रों के हाथ में 50 लाख नए आकाश आ पाए।

मौत के सालभर और उसके बाद कहां भटकती है आत्मा?



 

सनानत धर्म में भाद्रपद माह की पूर्णिमा व आश्विन माह के कृष्णपक्ष के16 दिनों में श्राद्ध कर्म के जरिए पूर्वजों को याद कर उनसे स्वयं के जीवन की परेशानियों को दूर करने की भी कामना की जाती है। किंतु धर्म शास्त्रों का का कम ज्ञान और समझ रखने वाले कई लोग मृत्यु और श्राद्ध से जुड़े पहलुओं को नहीं जानते।

ऐसे लोगों के जेहन में यह सवाल रहता है कि आखिर श्राद्ध से जुड़े धर्म-कर्म पितरों को कैसे प्रसन्न करते हैं? यहां जानिए मौत और श्राद्ध से जुड़ी ऐसी ही जिज्ञासा ओं का जवाब -

दरअसल, सनातन धर्म मे माना जाता है कि मानव शरीर पंच तत्वों - आग, पानी, पृथ्वी, वायु, आकाश, पांच कर्म इन्द्रियों हाथ-पैर आदि सहित २७ तत्वों से बना है। जब मृत्यु होती है तो शरीर और कर्मेंन्द्रियों पंचतत्वों में ही मिल जाती है। किंतु बाकी १७ तत्वों से बना अदृश्य और सूक्ष्म शरीर इसी संसार में बना रहता है।



हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक सांसारिक मोह और लालसाओं की वजह से यह सूक्ष्म शरीर १ साल तक अपने मूल स्थान, घर और परिवार के आस-पास ही रहता है। किंतु शरीर न होने से उसे कोई भी सुख नहीं मिल पाता और इच्छा पूरी न होने से वह अतृप्त रहता है।



इसके बाद वह अपने कर्म के मुताबिक अलग-अलग योनि में जाता है। हर योनि में किए गए कर्म के मुताबिक जनम-मरण का चक्र चलता रहता है।



यही वजह है कि मौत के बाद सालभर और उसके बाद भी मृत परिजन को तृप्त करने और जनम-मरण के बंधन से छुड़ाने के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है। श्राद्ध के जरिए भोजन के साथ सारे सुख व रस सूक्ष्म तरीके से मृत जीव की आत्मा या अलग-अलग योनि में घूम रहे पूर्वजों को मिलते हैं और वह तृप्त हो जाते हैं। खासतौर पर पितृपक्ष काल में, जिसमें यह माना जाता है कि पूर्वज इस विशेष काल में अपने परिजनों से मिलने जरूर आते हैं।

गणेशोत्सव आज अंतिम दिन: सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी इस मंत्र से




 

यदि आपकी कोई विशेष कामना है जो काफी समय से पूरी नहीं हो पा रही है तो अब वह समय आ गया है जब आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। इसके लिए आपको आज विधि-विधान पूर्वक नीचे लिखे मंत्र का जप करना होगा।



मंत्र

वक्रतुंडैकदंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा



जप विधि

- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान गणेश की पूजा करें।

- श्रीगणेश को लड्डू का भोग लगाएं व दुर्वा चढ़ाएं।

- हरे पन्ने की माला से इस मंत्र का कम से कम 5 माला जप करें।

- यह क्रिया तब तक करें जब तक आपकी कामना पूरी नहीं हो जाती। इस मंत्र के प्रभाव से आपकी हर इच्छ शीघ्र पूरी होगी।

मो. यूनुस थे भारत के पहले प्रधानमंत्री, जानिए कैसे?


दुर्लभ तस्वीरें: मो. यूनुस थे भारत के पहले प्रधानमंत्री, जानिए कैसे?
भारत की आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बने, लेकिन आजादी से पहले भी देश में प्रधानमंत्री हुए। उनमें से पहले प्रधानमंत्री थे मोहम्मद यूनुस। ये बिहार के प्रधानमंत्री थे। अब आप सोच रहे होंगे कि बिहार में प्रधानमंत्री का पद कैसे, तो आपको बता दें कि बात 1935 ई. की है जब ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट' पारित किया था। उस एक्ट के तहत देश में 11 प्रोविंस बनाए, जहां पर उसके प्रीमियर यानी कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति का प्रावधान था। इसके अनुसार जनवरी 1937 ई. में मतदान हुए। इस चुनाव में कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत हुई, लेकिन कांग्रेस ने सभी 11 प्रोविंस में सरकार बनाने से इंकार कर दिया। कांग्रेस के इंकार के बाद अंग्रेजों ने मुस्लिम इंडिपेंडेंट के मोहम्मद यूनुस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। मो. यूनुस ने सरकार बनाई और बिहार के पहले प्रधानमंत्री बने।

आपकी जेब से निकले पैसे कैसे उड़ा रही है सरकार


नई दिल्‍ली. सरकार आर्थिक सुधार के नाम पर कड़े फैसले लेने पर आमादा है। इसकी सीधी मार जनता पर पड़ रही है। पहले से महंगाई के बोझ से दबी जनता पर ताजा मार रसोई गैस सिलेंडर लेने में मुश्किल और रेलवे के जरिए मुसाफिरों को 'लूटने' की योजना के  रूप में पड़ने जा रही है , ट्रेन टिकट पर सर्विस टैक्‍स का रिफंड लेने में निकल जाएगा तेल)
मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल की कीमत में पांच रुपये प्रति लीटर की बढोतरी और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने के फैसलों को लेकर देश भर में बवाल मचा है। अब एक अक्‍टूबर से रेल टिकट भी महंगा होने जा रहा है और एलपीजी सिलेंडर के नए कनेक्‍शन पर अघोषित रोक लग गई है।
सरकार अपना घाटा कम करने के नाम पर जनता को इन तमाम परेशानियों के बोझ से लाद रही है, लेकिन केंद्र और तमाम राज्‍य सरकारें जनता का पैसा मुफ्त का चंदन, घिस मेरे रघुनंदन या फिर माल-ए-मुफ्त, दिल-ए-बेरहम की तर्ज पर लुटा रही हैं। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सभी मंत्रालयों को फिजूलखर्ची से बचने और कोई कार्यक्रम पांच सितारा होटल में नहीं करने की हिदायत दी थी। लेकिन यह दिखावा साबित हो रहा है। सरकार की शाहखर्ची कम नहीं हुई है।

कुरान का संदेश

‘अनाम’ की नाट्य प्रस्तुति – शिवराम को रचनात्मक श्रृद्धांजलि

विभिन्न कला-विधाओं में रवि कुमार, रावतभाटा

Tag Archives: शिवराम

वे ही देखते हैं मुक्ति के स्वप्न – कविता पोस्टर

वे ही देखते हैं मुक्ति के स्वप्न
( शिवराम की कविता-पंक्तियों पर एक कविता-पोस्टर )
००००० रवि कुमार

‘अनाम’ की नाट्य प्रस्तुति – शिवराम को रचनात्मक श्रृद्धांजलि

अनाम’ की नाट्य प्रस्तुति
“ईश्वर अल्लाह तेरो नाम” का प्रभावी मंचन
सुप्रसिद्ध रंगकर्मी साथी शिवराम को दी गई रचनात्मक श्रृद्धांजलि
shivram - sketch by ravi kumar, rawatbhata२५ दिसंबर २०११. कोटा की रंगकर्मी संस्था ‘अनाम’ अभिव्यक्ति नाट्य एवं कला मंच के रंगकर्मी साथियों ने ‘अनाम’ के संस्थापक, प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं रंगकर्मी साथी शिवराम के निधन के पश्चात हर वर्ष उनके जन्मदिवस पर उनकी स्मृति को समर्पित एक नाट्य प्रस्तुति करने का संकल्प किया था। इसी श्रृंखला में शिवराम के ६३वें जन्मदिवस ( २३ दिसंबर ) के अवसर पर उनको रचनात्मक श्रृंद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन ऐलन इंस्टिट्यूट स्थित सद्‍भाव सभागार में किया गया। इस आयोजन में गीत-दोहों की संगीतमयी प्रस्तुति और प्रबोध जोशी लिखित मशहूर नाटक ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ का मंचन किया गया।
संचालन करते हुए ‘विकल्प’ के अध्यक्ष महेन्द्र नेह ने शिवराम के संघर्षमयी जीवन और क्रांतिकारी मूल्यों पर एक संक्षिप्त वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिवराम एक उच्च कोटि के विचारक, सृजनधर्मी, संघर्षशील साथी तो थे ही, लेकिन इससे भी बढ़कर इंसानियत का गहरा जज़्बा और संवेदशीलता उनके रोम-रोम से व्यक्त होती थी। मेहनतकश जन-गण की मुक्ति तथा शोषण-विहीन, पाखण्ड रहित, ज्ञान-विज्ञान-कला और संस्कृति से समृद्ध एवं समानता पर आधारित उन्नत भारत उनके सपनों और संकल्पों की घुरी था। अपने सपनों और संकल्पों को ज़मीन पर उतारने के लिए उन्होंने कई सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्थाओं, ट्रेड यूनियनों-किसान-युवा-छात्र एवं तानाशाही व सांप्रदायिकता विरोधी जन-अधकार संगठनों में स्वयं को खपा कर काम किया और देश भर में अपने सह-विचारकों, सह-कर्मियों, मित्रों व शुभ-चिंतकों का एक विशाल कारवां तैयार किया। उन्होंने कहा कि नाटक के मोर्चे पर उनकी जलाई इस मशाल को कोटा में आशीष मोदी, कपिल सिद्धार्थ, पवन कुमार, अज़हर अली और अनाम के अन्य नौजवान साथियों ने जलाए रखने तथा उनके संकल्पों तथा कार्यों को आगे बढ़ाने का जो संकल्प लिया है और उसे चरितार्थ कर रहे हैं वही उनके प्रति एक सच्ची साथियाना श्रृद्धांजलि है।
कार्यक्रम की शुरुआत में शिवराम द्वारा लिखित गीतों और दोहों को कोटा के ही वरिष्ठ गीतकार एवं संगीतज्ञ शरद तैलंग ने संगीतबद्ध स्वर प्रदान कर उनके प्रभाव को अधिक मार्मिक बना कर प्रस्तुत किया। डॉ.राजश्री गोहटकर ने भी गीत प्रस्तुत किये।
अनाम के साथियों ने इस बार अपनी प्रस्तुति के लिए प्रबोध जोशी के नाटक ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ को चुना। आज की परिस्थितियों में जबकि साम्प्रदायिक और विघटनकारी शक्तियां उभार पर हैं और समाज में नकारात्मक परिदृश्य रचना चाहती हैं, ऐसे में यह नाटक और अधिक मौजूं बनकर सामने आता है। आज़ादी के समय के विभाजन की पृष्ठभूमि में एक पागलखाने पर इसके असरों की पड़ताल के जरिए यह नाटक विभाजन का, सांप्रदायिक और विघटनकारी मूल्यों का मखौल उड़ाता है और साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता के नये तर्क गढ़ता है।
इस नाटक में एक पागलखाने में विभिन्न प्रतीकात्मक चरित्र हैं जो अपनी सामान्य पर विशिष्ट दिनचर्याओं में हैं। विभाजन के वक़्त पागलों की भी अदला-बदली का एक आदेश पागलखाने में हड़कंप मचा देता है और शुरुआत होती है नाटकीयताओं से भरपूर दृश्यों की जिनमें डूबते-उतरते दर्शक सभ्य-समाज के साम्प्रदायिक एवं विघटनकारी जैसे पागलपनें के मूल्यों के मखौल और पागलों के सहज मानवतावादी सौहार्द के मूल्यों के साथ अपने को एकाकार करते जाते हैं। कोटा के ही प्रमुख नाट्य-निर्देशक ललित कपूर के सधे हुए निर्देशन में इस नाटक की कोलाज़मयी प्रस्तुति और भी प्रभावशाली हो गई थी जिसको दर्शकों ने भी भरपूर सराहा।
ईश्वर और अल्लाह की मुख्य चरित्र भूमिकाओं में आशीष मोदी और अज़हर अली ने अपने मार्मिक अभिनय द्वारा दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। सुपरिटेण्डेंट की भूमिका में डॉ.पवन कुमार स्वर्णकार, अनामी की भूमिका में राजेश शर्मा (आकाश), विनोद की भूमिका में राजकुमार चौहान, आइजैक की भूमिका में अभियंक व्यास तथा युवती की भूमिका में राजकुमारी ने अपने सराहनीय अभिनय के द्वारा दर्शकों की खूब दाद पाई। संगीत की कमान मनीष सोनी और मोहन सिंह ने संभाली। मैकअप व मंच की अन्य व्यवस्थाएं रोहित पुरुषोत्तम, शिवकुमार एवं रवि कुमार के हाथों में थी।
इस अवसर पर ही अर्जुन कवि स्मृति संस्थान ( राजस्थान ) द्वारा शिवराम को उनके साहित्य एवं रंगकर्म के क्षेत्र में दिये गये विशिष्ट सृजनात्मक योगदान के लिए निधन उपरांत ‘अर्जुन कवि जनवाणी सम्मान’ से सम्मानित भी किया गया। यह सम्मान शिवराम की मां कलावती देवी और पत्नी सोमवती देवी ने ग्रहण किया।
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