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01 अक्तूबर 2012

जब लव-कुश ने पकड़ा राम का घोड़ा और युद्ध में हरा दिया हनुमान को



 


जब लव-कुश ने पकड़ा राम का घोड़ा और युद्ध में हरा दिया हनुमान को
अमृतसर। शरीर पर लाल और सफेद गोटे वाला चोला, सिर पर लंगूरी टोपी, हाथ में इन्हीं सबसे मेल खाती छड़ी और पांवों में छम्म-छम्म की आवाज बुलंद करते घुंघरू। ऐसा स्वरूप (लंगूर) तैयार होकर जब ढोलक की थाप पर थिरकता हुआ गली-कूचों से निकल कर पावन तीर्थ श्री दुग्र्याणा के बड़ा श्री हनुमान मंदिर की तरफ निकलता है तो छटा देखते ही बनती है। नजर पड़ते ही हरेक का माथा श्रद्धा से नत हो जाता है। 

जी हां, हम बात कर रहे हैं नवरात्रों के मौके पर मनाए जाने वाली लंगूर प्रथा की और उसी का यह पहरावा तैयार करने में लोग जुट गए हैं। इसका काम करने वाले रात-दिन एक करके चोला सलिल रहे हैं तो कमेटी ने भी भक्तों को चोला उपलब्ध कराने के लिए अपने भंडार का कपाट खोल दिया है। चूंकि चंद दिनों के भीतर ही श्राद्ध की शुरुआत हो जाएगी सो, लोगबाग अभी से इसे जुटाने में लग गए हैं

सिब्बल के खिलाफ अरविंद खड़े होंगे तो प्रचार करूंगा: अन्ना





सिब्बल के खिलाफ अरविंद खड़े होंगे तो प्रचार करूंगा: अन्ना
नई दिल्‍ली.  सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र से कपिल सिब्बल के खिलाफ अगर अरविंद केजरीवाल खड़े होते हैं, तो उनके खिलाफ वे चुनाव प्रचार कर सकते हैं। सिब्बल का खास विरोध करने की वजह बताते हुए अन्ना ने कहा कि जनलोकपाल का सबसे पहले विरोध कपिल सिब्बल ने किया था। वे नहीं चाहते थे कि ड्राफ्ट बनाने के लिए ज्वॉइंट कमिटी बने। उनका कहना था कि बाहर के लोग इसमें शामिल नहीं होने चाहिए। 
अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी कुछ महीने अच्छा काम करेगी तो अन्ना उनके साथ आए जाएंगे। अरविंद के इस बयान पर अन्ना ने कहा, 'यह अरविंद की गलतफहमी है। मैंने राजनीति में न आने का संकल्प लिया हुआ है। मैं अपने बयान पर अब भी कायम हूं। मेरी तस्वीर और मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत मैंने अरविंद को नहीं दी है। मेरा राजनीति से कोई रिश्ता नहीं है। मैं राजशक्ति पर जनशक्ति का अंकुश कायम रखना चाहता हूं।' अरविंद केजरीवाल की निजी महत्वाकांक्षा की वजह से दोनों के रास्ते अलग हुए? उन्होंने कहा, 'अरविंद ऐसे नहीं है। वे घर के बारे में नहीं सोचते हैं। वे समाज के बारे में सोचते हैं।'

अन्ना ने मतभेद के सवाल पर कहा, 'हमारे (मेरे और अरविंद के) रास्ते अलग हैं लेकिन मंजिल यानी भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए हम लोग काम करते रहेंगे।' अन्ना से पूछा गया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अब आपका अर्जुन कौन होगा? उन्होंने कहा, 'मेरा अर्जुन कोई नहीं होगा। सभी स्वयंसेवी होंगे। महाराष्ट्र में 33 जिलों में हमारे साथ लोग जुड़े हुए हैं। मैंने उनसे पूछा था कि आपमें से कितने लोग राजनीति में जाना चाहते हैं। किसी ने नहीं हाथ उठाया।'

राजनीतिक विकल्प के बारे में अन्ना ने कहा, 'विकल्प देना गलत नहीं है। लेकिन मेरे सामने कई प्रश्न हैं। जब आप पार्टी बनाते हैं तो एक चुनाव के लिए एक उम्मीदवार 10 करोड़ रुपये खर्च करता है। जब आप पूरे देश में चुनाव लड़ेंगे तो इतना पैसा कहां से आएगा? आप उम्मीदवारों का चयन कैसे करेंगे? पूरे देश में मॉनीटरिंग कौन करेगा? जनता अच्छा समझकर चुनती है। लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। विकल्प देना गलत नहीं है, लेकिन इससे जुड़े सवालों के जवाब मुझे अभी तक नहीं मिले हैं।'

'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' के सर्वे के बाबत अन्ना ने कहा, ' अगर कोई सर्वे 6 लाख ग्राम सभाओं में से 3 लाख के भी विचार सामने लाता है तो मैं मानूंगा कि देश का क्या जनमत है।' 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' के सर्वे में दावा किया गया था कि ज़्यादातर लोग राजनीतिक पार्टी बनाने के पक्ष में हैं।

आगे की रणनीति के बारे में अन्ना ने कहा, 'आज बैठक चल रही है। अभी टीम बन रही है। बाद में संगठन का नाम और काम तय होगा। मैं कोई निर्णय नहीं लूंगा। लोकतंत्र में जनता निर्णय लेगी।' 

अन्ना से पूछा गया कि आपने अपने पुराने साथियों को छोड़ दिया। क्या आगे भी जो नई टीम बनेगी, उसे भी आप छोड़ देंगे? इसके जवाब में अन्ना ने कहा, 'मैं कर्तव्य के रास्ते पर चलता हूं। अपेक्षा नहीं करता। मेरे जीवन में आनंद इसलिए है क्योंकि मैं कल की चिंता नहीं करता। अगर आंदोलन नाकाम होता है, तो यह मेरा नहीं बल्कि जनता का नुकसान होगा।'

इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नेतृत्व अब कौन करेगा? इस सवाल के जवाब में अन्ना ने कहा, 'किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल बैठकर तय करें कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नेतृत्व कौन करेगा।' 

क्या आपकी तैयारियों का नतीजा अगले आम चुनावों में देखने को मिलेगा? इसके जवाब में अन्ना ने कहा, 'मुझे लगता है कि अगर मैं डेढ़ साल देश में घूमूंगा तो सरकार को जनलोकपाल लाना पड़ेगा। मैं देश भर का दौरा करूंगा।'
पिछले दिनों बाबा रामदेव से देर शाम हुई मुलाकात पर अन्ना ने कहा, 'मेरे पास शाम का समय खाली था। मैं योग गुरु से मिलने चला गया। बाबा रामदेव ने कहा कि हम लोगों को देश में घूमना चाहिए। मैंने कहा कि मैं सोचूंगा। फिर मैंने सोचा कि किसी राजनीतिक दल के साथ घूमना ठीक नहीं है।'

दूसरी तरफ, सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे या नहीं, इस पर अभी सस्‍पेंस बना हुआ है। केजरीवाल एंड टीम ने इससे पहले कहा था कि वो दो अक्‍टूबर (गांधी जयंती के मौके पर) को अपनी पार्टी के नाम का ऐलान (
) करेंगे। लेकिन केजरीवाल ( से आज जब पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया तो उन्‍होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया। उन्‍होंने केवल इतना ही कहा, 'अन्‍ना राजनीतिक दल बनाने के पक्ष में नहीं हैं।'

अन्‍ना इस समय दिल्‍ली में हैं। उम्‍मीद है कि आज वह अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। अन्‍ना की पुरानी टीम से निकाले गए मुफ्ती शमून काजमी हजारे से मिले हैं। कासमी को कोर ग्रुप मीटिंग की गुपचुप रिकार्डिंग करते पकड़े जाने पर बीते अप्रैल में टीम से निकाल दिया गया था। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने नारायण दत्‍त तिवारी भवन में ठहरे अन्‍ना हजारे से आज मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए केजरीवाल ने अन्‍ना-केजरीवाल के बीच मतभेद 
) की खबरों पर सफाई दी। केजरीवाल ने कहा कि अन्‍ना हजारे से उनका रिश्‍ता बना रहेगा। भले ही दोनों के रास्‍ते अलग हैं लेकिन मंजिल एक है। केजरीवाल ने कहा कि वह अन्‍ना के हर आंदोलन (पढें: आंदोलन का पैसाः पाई-पाई के हिसाब में लाखों इधर-उधर) में साथ हैं। उन्‍होंने कहा, 'अन्‍ना जो भी वह प्रयास करेंगे, हम उनके साथ हैं।' केजरीवाल के मुताबिक अन्‍ना ने भी कहा कि मीडिया ऐसा हौवा खड़ा कर रहा है कि केजरीवाल और अन्‍ना के बीच लड़ाई चल रही है। पढ़ें: पांच मुसीबत: आज से जीना हुआ और मुहाल

कुरान का संदेश







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