हिन्दू धर्म में जगतपालक भगवान विष्णु का
विराट स्वरूप कर्म व धर्म की राह बताने वाला तो उनके सारे चमत्कारी अवतार
नैतिक मूल्यों और सही आचरण का सबक देकर ज़िंदगी को सही तरीके से जीना
सिखाते हैं।
दरअसल, भगवान विष्णु का चरित्र सत्व गुणी यानी सत्य, धर्म, शांति, सुख और पावनता के भावों से सराबोर माना गया है। इन बातों में ही जीवन जीने की प्रेरणा भी है व जज्बा भी। खासतौर पर परिवार के मुखिया के दायित्वों को निभाते वक्त भी जगतपालक की तरह शांति और संयम की बड़ी अहमियत है। ताकि बेहतर आजीविका के साथ बिन बाधा सफलता और तरक्की पाकर खुशहाल जीवन गुजार सकें।
शास्त्रों के मुताबिक एकादशी तिथि भगवान विष्णु की उपासना शुभ तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु मंत्रों के ध्यान से लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती है, जो दौलत, यश, प्रतिष्ठा , तरक्की की ऐसी ही कामना जल्द पूरी करती है
दरअसल, भगवान विष्णु का चरित्र सत्व गुणी यानी सत्य, धर्म, शांति, सुख और पावनता के भावों से सराबोर माना गया है। इन बातों में ही जीवन जीने की प्रेरणा भी है व जज्बा भी। खासतौर पर परिवार के मुखिया के दायित्वों को निभाते वक्त भी जगतपालक की तरह शांति और संयम की बड़ी अहमियत है। ताकि बेहतर आजीविका के साथ बिन बाधा सफलता और तरक्की पाकर खुशहाल जीवन गुजार सकें।
शास्त्रों के मुताबिक एकादशी तिथि भगवान विष्णु की उपासना शुभ तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु मंत्रों के ध्यान से लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती है, जो दौलत, यश, प्रतिष्ठा , तरक्की की ऐसी ही कामना जल्द पूरी करती है