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10 अक्तूबर 2012

जल्द तरक्की और मोटी पगार चाहें तो बोलें यह विष्णु मंत्र


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हिन्दू धर्म में जगतपालक भगवान विष्णु का विराट स्वरूप कर्म व धर्म की राह बताने वाला तो उनके सारे चमत्कारी अवतार नैतिक मूल्यों और सही आचरण का सबक देकर ज़िंदगी को सही तरीके से जीना सिखाते हैं। 

दरअसल, भगवान विष्णु का चरित्र सत्व गुणी यानी सत्य, धर्म, शांति, सुख और पावनता के भावों से सराबोर माना गया है। इन बातों में ही जीवन जीने की प्रेरणा भी है व जज्बा भी। खासतौर पर परिवार के मुखिया के दायित्वों को निभाते वक्त भी जगतपालक की तरह शांति और संयम की बड़ी अहमियत है। ताकि बेहतर आजीविका के साथ बिन बाधा सफलता और तरक्की पाकर खुशहाल जीवन गुजार सकें।

शास्त्रों के मुताबिक एकादशी तिथि भगवान विष्णु की उपासना शुभ तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु मंत्रों के ध्यान से लक्ष्मी की प्रसन्नता भी मिलती है, जो दौलत, यश, प्रतिष्ठा , तरक्की की ऐसी ही कामना जल्द पूरी करती है

अकेले मुंबई में रहते हैं 36 अरबपति, अंबानी फिर बने नंबर 1 दौलतमंद



दुनिया में हर कोई पैसा कमाना चाहता है और इसके लिए अलग-अलग तरीकों से कोशिशें भी करता है। इनमें से कई कोशिशें इस हद तक कामयाब हो जाती हैं कि लोग पैसों की कायनात के राजा तक बन जाते हैं। हम बात कर रहे हैं, दौलत के मामले में दुनिया पर राज कर रहे भारतीय कारोबारियों की।

वैसे तो दुनिया में अरबपतियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन इनमें से भी चंद लोगों का नाम ही सबसे धनी लोगों की हारून रिपोर्ट में शामिल है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुखिया मुकेश अंबानी को भले ही सबसे अमीर कहलवाना पसंद न हो लेकिन, डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर पड़ने और शेयर बाजार में जारी उठा पटक से प्रभावित भारतीय अरबपतियों में रिलायंस इडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी 19.3 अरब डॉलर के साथ सबसे रईस भारतीय हैं। दिलचस्प है कि मुकेश अंबानी पहले भी कह चुके हैं कि इस तरह की अमीरी नोशनल (सांकेतिक) होती है, उसका असलियत से सीधा लेना-देना नहीं होता है।

चीन की रिसर्च कंपनी हरून द्वारा भारत के टॉप 100 दौलतमंदों की लिस्ट में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं। हारून ने भारत के टॉप अमीर कारोबारियों की यह लिस्ट उनकी निजी संपत्ति के आधार पर तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के टॉप धनवान लोगों से 36 दौलतमंद अकेले मुंबई में रहते हैं। वहीं, दिल्ली में 22 और बेंगलुरु में 15 धनवानों का ठिकाना मौजूद है। 74 धनवान व्यक्ति उत्तर भारत से और 21 दक्षिण से हैं। अजीम प्रेमजी सबसे धनवान दक्षिण भारतीय हैं।

एक अन्य फैक्ट में बताया गया है कि हमारे देश के टॉप 100 धनी लोगों में से 5 भारत के बाहर रहते हैं। लंदन में रह रहे स्टील किंग लक्ष्मी नारायण मित्तल इनमें प्रमुख हैं। वहीं, देश के टॉप अमीर कारोबारियों की लिस्ट में हारून ने 37 साल के शिवेंद्रमोहन सिंह को सबसे यंग दौलतमंद के रूप में शामिल किया है। सबसे उम्रदराज धनवान कारोबारी का दर्जा 89 साल के केशुब महिंद्रा के नाम है।

यह कैसा स्कूल, जहां एक ही विद्यार्थी करता है पढ़ाई



भीलवाड़ा। जिले के करेड़ा क्षेत्र के सरदार सिंह जी का खेड़ा में एक ऐसा प्राइमरी स्कूल है जहां शिक्षक तो तीन हैं, लेकिन नामांकन एक बच्चे का है। इस स्कूल में पहली कक्षा में साढ़े चार वर्षीय यशपालसिंह अकेला छात्र है। अकेला होने से डर के कारण वह भी स्कूल नहीं आ रहा है। इस स्कूल के शिक्षक नौकरी बचाने के लिए अब घर-घर घूमकर गांववालों से बच्चों को स्कूल भेजने की मनुहार कर रहे हैं।


मांडल ब्लॉक क्षेत्र के नोडल संस्था प्रधान ने मजबूरी में यहां के दो शिक्षकों को अन्य स्कूलों में लगा दिया। अब यहां एक शिक्षक कार्यरत है। गत साल इस स्कूल में 13 बच्चों का नामांकन था, परंतु शिक्षकों के समय पर नहीं आने व अव्यवस्थाएं होने से ग्रामीणों ने बच्चों को नजदीकी गांव के प्राइवेट स्कूल में प्रवेश दिला दिया। खास बात है कि एकमात्र इस बच्चे का प्रवेश भी 12 दिन पहले ही हुआ।
यहां की राजनीति से परेशान हो गया। हम तो चाहते हैं, बच्चे आए और स्कूल चले। इसके लिए एक शिक्षक को वहां लगा रखा है। वे गांव में बच्चों के लिए घूमते हैं।


ओमप्रकाश जीनगर, नोडल संस्था प्रधान
ग्रामीणों से रोजाना कहता हूं कि वे बच्चों को स्कूल भेजें। इसके लिए मैं दिनभर स्कूल में बैठा रहता हूं। एक बच्चे का नामांकन है, लेकिन वह अकेला होने से स्कूल नहीं आ रहा है।


मनोहरसिंह, कार्यरत शिक्षक, सरदार सिंह जी का खेड़ा
सरदार सिंह जी का खेड़ा स्कूल में इस तरह की समस्या सामने आई है। कारणों का पता लगा रहे हैं। स्कूल को ढंग से संचालित करने का प्रयास कर रहे हैं।
श्यामलाल शर्मा, डीईओ, प्रारंभिक
समय पर नहीं आते शिक्षक
ग्रामीण महेंद्रसिंह चुंडावत ने बताया कि गत साल मेरे दोनों बच्चों को गांव के स्कूल में प्रवेश दिलाया था। परंतु यहां के शिक्षक कभी समय पर नहीं आए। दोपहर होने के बाद शिक्षक आते और पढ़ाते नहीं थे। कई बार तो ऐसे ही छुट्टी कर देते थे। इसलिए मजबूरी में ग्रामीणों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद किया। अब बच्चों को भेजने की मनुहार कर रहे हैं।

प्राइवेट स्कूल में भेजना मजबूरी
शैक्षणिक सत्र शुरू होने पर यहां के शिक्षकों ने बच्चों के प्रवेश पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण सरदार सिंह जी का खेड़ा गांव के बच्चे नजदीकी निंबाहेड़ा जाटान के एक प्राइवेट स्कूल तथा वहां के सरकारी स्कूल में पढऩे जा रहे हैं। मासूम बच्चे रोजाना करीब चार किलोमीटर पैदल स्कूल जा रहे हैं।
रोजाना घंटी बजाकर बैठ जाते हैं मस्सा
सरदार सिंह जी का खेड़ा प्राथमिक स्कूल में तीन शिक्षक हैं, इनमें से प्रतापचंद बलाई को नजदीक के ही साम ताजी का खेड़ा खेड़ा स्कूल में जबकि एक अन्य शिक्षक लादूलाल भील को चिलेश्वर में लगा रखा है। वहीं एक शिक्षक मनोहरसिंह इसी स्कूल में तैनात है। ये रोजाना सुबह 10.30 आते हैं, निर्धारित समय पर घंटी बजाते हैं और बैठ जाते हैं। इसके बाद कुछ देर गांव में घूमकर घर चले जाते हैं।

कुरान का संदेश

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