तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 अक्तूबर 2012
.बात त्यौहार और खासकर इस्लाम से जुड़े क़ुरबानी के त्यौहार ईदुज्जुहा की है
कुर्बानी का त्यौहार है बकराईद
इस्लाम मज़हब में दो ईदें त्योहार के रूप में मनाई जाती हैं। ईदुलब फ़ित्र जिसे मीठी ईद भी कहा जाता है और दूसरी ईद है बक़र ईद। इस ईद को आम आदमी बकरा ईद भी कहता है। शायद इसलिए कि इस ईद पर बकरे की क़ुर्बानी की जाती है। वैसे इस ईद को ईदुज़्ज़ोहा औए ईदे-अज़हा भी कहा जाता है। इस ईद का गहरा संबंध क़ुर्बानी से है।
पैग़म्बर हज़रत इब्राहीम को ख़ुदा की तरफ़ से हुक्म हुआ कि क़ुर्बानी करो, अपनी सबसे ज़्यादा प्यारी चीज़ की क़ुर्बानी करो। हज़रत इब्राहीम के लिए सबसे प्यारी चीज़ थी उनका इकलौता बेटा इस्माईल। लिहाज़ा हज़रत इब्राहीम अपने बेटे को क़ुर्बानी करने के लिए तैयार हो गए। इधर बेटा इस्माईल भी ख़ुशी-ख़ुशी अल्लाह की राह में क़ुर्बान होने को तैयार हो गया।
मुख़्तसर ये कि ऐन क़ुर्बानी के वक़्त हज़रत इस्माईल की जगह एक दुम्बा क़ुर्बान हो गया। ख़ुदा ने हज़रत इस्माईल को बचा लिया और हज़रत इब्राहीम की क़ुर्बानी क़ुबूल कर ली। तभी से हर साल उसी दिन उस क़ुर्बानी की याद में बक़र ईद मनाई जाती है और क़ुर्बानी की जाती है।
इस दिन आमतौर से बकरे की क़ुर्बानी की जाती है। बकरा तन्दुरुस्त और बग़ैर किसी ऐब का होना चाहिए। यानी उसके बदन के सारे हिस्से वैसे ही होना चाहिए जैसे ख़ुदा ने बनाए हैं। सींग, दुम, पाँव, आँख, कान वग़ैरा सब ठीक हों, पूरे हों और जानवर में किसी तरह की बीमारी भी न हो। क़ुर्बानी के जानवर की उम्र कम से कम एक साल हो।
अपना मज़हबी फ़रीज़ा समझकर क़ुर्बानी करना चाहिए। जो ज़रूरी बातें ऊपर बताई गई हैं उनका ख़्याल रखना चाहिए। लेकिन आजकल देखने में आ रहा है कि इसमें झूठी शान और दिखावा भी शामिल हो गया है। 15-20 हज़ार से लेकर लाख, दो लाख का बकरा ख़रीदा जाता है, उसे समाज में घुमाया जाता है ताकि लोग उसे देखें और उसके मालिक की तारीफ़ करें। इस दिखावे का क़ुर्बानी से कोई तआल्लुक़ नहीं है। क़ुर्बानी से जो सवाब एक मामूली बकरे की क़ुर्बानी से मिलता है वही किसी महँगे बकरे की क़ुर्बानी से मिलता है। अगर आप बहुत पैसे वाले हैं तो ऐसे काम करें जिससे ग़रीबों को ज़्यादा फ़ायदा हो।
अल्लाह का नाम लेकर जानवर को क़ुर्बान किया जाता है। इसी क़ुर्बानी और गोश्त को हलाल कहा जाता है। इस गोश्त के तीन बराबर हिस्से किए जाते हैं, एक हिस्सा ख़ुद के लिए, एक दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा ग़रीबों और मिस्कीनों के लिए। मीठी ईद पर सद्क़ा और ज़कात दी जाती है तो इस ईद पर क़ुर्बानी के गोश्त का एक हिस्सा ग़रीबों में तक़सीम किया जाता है। हर त्योहार पर ग़रीबों का ख़्याल ज़रूर रखा जाता है ताकि उनमें कमतरी का एहसास पैदा न हो।
इस तरह यह ईद जहाँ सबको साथ लेकर चलने का पैग़ाम देती है वहीं यह भी बताती है के इंसान को ख़ुदा का कहा मानने में, सच्चाई की राह में अपना सब कुछ क़ुर्बान करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।
कल दुर्लभ महासंयोग - करें किस्मत बनाने वाली ऐसी शिव-दुर्गा पूजा व मंत्र उपाय
शास्त्रों में भी शिव और शक्ति एक-दूसरे के पर्याय माने गए हैं। इसलिए यह पावन पर्व हर भक्त के लिए शक्ति के साथ शिव की उपासना का अचूक काल है। ऐसी उपासना आस्था और श्रद्धा से करने पर हर भय, बाधा व परेशानियां दूर कर सेहत, धन, मनोबल व आत्मविश्वास देने वाली होगी। ऐसे शुभ दिन के लिए यहां बताई जा रही है दुर्गा व शिव पूजा का आसान तरीका व आसान मंत्र उपाय -
- इस दिन सुबह नहाकर तन के साथ मन को भी पवित्र करें। देवमंदिर में साफ वस्त्र पहनकर जाएं।
- शिव व दुर्गा का जल-दूध से अभिषेक करें।
- महाष्टमी होने से दुर्गा पूजा के लिए लाल चंदन, लाल फूल, लाल चुनरी तो शिव पूजा के लिए धतूरा, बिल्वपत्र, सफेद फूल और सफेद वस्त्र शामिल करें।
- पूजा की इन खास सामग्रियों के अलावा शिव-शक्ति की पूजा गंध, अक्षत, मेंहदी, हल्दी, अबीर चढ़ाकर यथोपचार विधि से करें या कराएं। जानकारी न होने पर इस कार्य को किसी विद्वान ब्राह्मण से भी कराया जाना श्रेष्ठ होता है।
- पूजा में देवी दुर्गा को चने-हलवा का और शिव को खीर या दूध से बने पकवान चढ़ाएं।
- पूजा में देवी दुर्गा की प्रसन्नता के लिए देवी कवच, दुर्गासप्तशती का पाठ, शिव की प्रसन्नता के लिए शिव स्तोत्र का पाठ करें या कराएं।
- जानकारी न होने पर शिव और शक्ति की प्रसन्न्ता के लिए इन सरल मंत्रों का यथाशक्ति जप भी करना मंगलकारी साबित होगा-
देवी मंत्र -
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:।
नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्मताम्।।
शिव मंत्र -
(1) ऊँ साम्ब सदाशिवाय नम:।।
(2) भवाय भवनाशाय महादेवाय धीमहि।
उग्राय उग्रनाशाय शर्वाय शशिमौलिने।
- आखिर में क्षमा-प्रार्थना के साथ स्वयं और परिवार की सुख और मंगल की कामना करें।
- शिव-शक्ति की पूजा और आरती के बाद यथाशक्ति कन्याओं और ब्राह्मणों को भोजन कराएं, पशुओं को चारा खिलाएं, अन्न, वस्त्र का दान करें, गरीबों की आर्थिक मदद करें।
245 साल से विसर्जन के इंतजार में हैं मां दुर्गे!
यहां नौ दिन तक पानी से जली ज्योति, आज भी होते हैं माता के चमत्कार!
मंदिर के पुजारी अरविंद दास साधु के अनुसार कई वर्षों पहले नगर में एक बीमारी ने सभी को जकड़ लिया था। बीमारी के डर व उससे बचने के लिए यहां के निवासी घर छोड़कर खेत, कुएं या अन्य जगहों पर निवास करने लगे थे। इसके बाद से कोई वापस नगर में आने को तैयार नहीं था।
तब शारदीय नवरात्रा में मंदिर में मां अन्नपूर्णा ने एक भोपे के शरीर में प्रवेश कर बीमारी से निजात दिलाने के लिए मंदिर के पास लाला जी की बगीची स्थित प्राचीन बावड़ी के पानी से सात बार लोटे को मांज कर उसमें पानी भरकर जोत में डालने को कहा। इस तरह नौ दिन तक यहां पानी की जोत जलती रही। इसके बाद बीमारी का प्रकोप धीरे-धीरे खत्म हो गया।
फिर अष्टमी हवन व नवमी के दिन नवरात्रा का विसर्जन भक्तों द्वारा किया गया। बीमारी खत्म होने के बाद वापस लोग अपने-अपने घर में लौट आए। यहां चैत्र व कार्तिक दोनों नवरात्रियों में अखंड जोत जलती है। दोनों समय महाआरती होती है। मंदिर के पुजारी नवरात्रि पर नौ दिन तक अन्न का त्याग कर पूजा-अर्चना करते हैं।
क्या आप जानते हैं भ्रामरी देवी की ये रोचक कथा?
पूर्व समय की बात है। अरुण नामक दैत्य ने कठोर नियमों का पालन कर भगवान ब्रह्मा की घोर तपस्या की। तप से प्रसन्न होकर ब्रह्मदेव प्रकट हुए और अरुण से वर मांगने को कहा। अरुण ने वर मांगा कि कोई युद्ध में मुझे नहीं मार सके, न किसी अस्त्र-शस्त्र से मेरी मृत्यु हो, स्त्री-पुरुष के लिए मैं अवध्य रहूं और न ही दो व चार पैर वाला प्राणी मेरा वध कर सके। साथ ही मैं देवताओं पर विजय प्राप्त कर सकूं।
ब्रह्माजी ने उसे यह सारे वरदान दे दिए। वर पाकर अरुण ने देवताओं से स्वर्ग छीनकर उस पर अपना अधिकार कर लिया। सभी देवता घबराकर भगवान शंकर के पास गए। तभी आकाशवाणी हुई कि सभी देवता देवी भगवती की उपासना करें, वे ही उस दैत्य को मारने में सक्षम हैं। आकाशवाणी सुनकर सभी देवताओं ने देवी की घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर देवी ने देवताओं को दर्शन दिए। उनके छह पैर थे। वे चारों ओर से असंख्य भ्रमरों (एक विशेष प्रकार की बड़ी मधुमक्खी) से घिरी थीं। उनकी मुट्ठी भी भ्रमरों से भरी थी।
भम्ररों से घिरी होने के कारण देवताओं ने उन्हें भ्रामरीदेवी के नाम से संबोधित किया। देवताओं से पूरी बात जानकार देवी ने उन्हें आश्वस्त किया तथा भ्रमरों को अरुण को मारने का आदेश दिया। पल भर में भी पूरा ब्रह्मांड भ्रमरों से घिर गया। कुछ ही पलों में असंख्य भ्रमर अतिबलशाली दैत्य अरुण के शरीर से चिपक गए और उसे काटने लगे। अरुण ने काफी प्रयत्न किया लेकिन वह भ्रमरों के हमले से नहीं बच पाया और उसने प्राण त्याग दिए। इस तरह देवी भगवती ने भ्रामरीदेवी का रूप लेकर देवताओं की रक्षा की।
दिग्विजय ने दागे 27 तीर, केजरीवाल ने दी बहस की चुनौती
नई दिल्ली. अरविंद केंजरीवाल ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय
सिंह के सवालों पर पीएम, सोनिया गांधी और राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर
बहस की चुनौती दी है। दिग्विजय ने केजरीवाल के एनजीओ को विदेशों से मिल रहे
फंड पर सवाल उठाते हुए कई असहज करने वाले सवाल किए हैं। दिग्विजय ने
केजरीवाल को भेजे गए पत्र के बाद शनिवार को उन्हें 27 सवालों की लंबी सूची
भेजी।
कांग्रेस महासचिव ने इसमें यह भी सवाल किया है कि केजरीवाल भाजपा
शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाते। उन्होंने कहा कि
जिस तरह की उम्मीद केजरीवाल दूसरों से करते हैं, उसी ईमानदारी से उन्हें
भी सवालों का जवाब देना चाहिए।
दिग्विजय के सवालों के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि सवालों के शक्ल
में कुछ आरोप लगाए हैं, जो बेबुनियाद हैं। दिग्विजय ने केजरीवाल से पूछा है
कि वे व्यक्तिगत और कारपोरेट दानदाताओं का नाम अपनी एनजीओ के किसी वेबसाइट
पर क्यों नहीं डालते?
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह सच है कि आपके एनजीओ कबीर को फोर्ड
फाउंडेशन से 2005 में एक लाख 72 हजार अमेरिकी डॉलर और 2009 में एक लाख 97
हजार अमेरिकी डॉलर दिए गए।
क्या इस विदेशी पैसे का उपयोग सेमिनार, परामर्श, बहस, प्रोग्राम, सोशल
मीडिया कैंपेन और भ्रष्टाचार से जुड़ी प्रचार सामग्री पर खर्च में किया
गया और क्या तहरीर चौक जैसा आंदोलन दिल्ली में करने की घोषणा आपने की थी?
कांग्रेस महासचिव ने यह सवाल भी किया कि क्या केजरीवाल का संबंध
अमेरिकी एनजीओ आवाज से भी है जो लीबिया, ट्यूनीशिया, इजिप्ट और सीरिया में
सरकार विरोधी आंदोलन के लिए फंड दे रहा है। उन्होंने केजरीवाल से पूछा है
कि आवाज संस्था से और किस तरह की लॉजिस्टिक और अन्य सहायता आपने हासिल की
है। अंजली दमानिया और प्रशांत भूषण पर लगे आरोपों का हवाला देते हुए दिग्गी
ने केजरीवाल से यह भी सवाल किया कि क्या वे टीम का नेता होने के नाते अपनी
टीम के सदस्यों पर लगे आरोप की एवज में खुद इस्तीफा देने और सार्वजनिक
जीवन से संन्यास लेने को तैयार हैं? दिग्विजय ने यह भी याद दिलाया कि
केजरीवाल ने खुर्शीद से इस आधार पर पद छोडऩे को कहा था कि उनके ट्रस्ट के
कुछ कर्मचारियों ने गड़बड़ी की थी।
गौरतलब है कि दिग्विजय ने केजरीवाल को शुक्रवार को एक पत्र भी लिखा
था। इसमें उन्होंने तमाम आरोप लगाते हुए यह भी कहा था कि केजरीवाल, स्वामी
अग्रिवेश के साथ उनके पास सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार
परिषद (एनएसी) का सदस्य बनने की मंशा लेकर आए थे। दिग्विजय ने कहा कि यह
सिफारिश हमने कांग्रेस अध्यक्ष को भेजी भी थी,लेकिन सोनिया ने उनके बजाए
उनकी गुरु अरुणा राय को एनएसी का सदस्य बना दिया।
मोदी से क्यों नहीं पूछते सवाल
दिग्विजय ने केजरीवाल से पूछा है कि आप केंद्र सरकार में जनलोकपाल
बनाने के लिए कह रहे हैं लेकिन आप नरेंद्र मोदी से सवाल नहीं करते
जिन्होंने वर्ष 2002 से गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने दी।
आपने भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाया जबकि
उन राज्यों में इस मसले पर सीएजी के अलावा राजनीतिक दलों और स्थानीय मीडिया
ने भी सवाल उठाए।
यह सवाल भी पूछे
अन्ना की ओर से लौटाए गए दो करोड़ रुपए अब कहां हैं? आपने सर्विस में
होते हुए अपने एनजीओ को विदेशी फंडिग पर सरकार से अनुमति ली? बिना अनुमति
के स्टडी लीव पर कैसे गए? आपका तबादला चंडीगढ़ के लिए हुआ, लेकिन आप नहीं
गए क्यों? आपके कोर कमेटी के एक वरिष्ठ साथी ने 20 करोड़ रुपए के फंड की
अनियमितता का आरोप लगाया फिर भी आपने जवाब क्यों नहीं दिया?
ध्यान हटाने के लिए सवाल पूछ रहे हैं दिग्विजय : आईएसी
इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने शनिवार को दावा किया कि कांग्रेस नेता
दिग्विजय सिंह की ओर से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सवाल उठाने का उद्देश्य
राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ कथित
भ्रष्टाचार के आरोपों से लोगों का ध्यान हटाना है।
केजरीवाल से पूछे गए दिग्विजय के प्रश्नों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते
हुए आईएसी के मनीष सिसौदिया ने कहा कि इन प्रश्नों के उत्तर पहले ही दिया
जा चुके हैं जब इन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय ने उठाया
था। सिसौदिया ने कहा, 'उन्होंने हमारी जांच परख कर ली है और उन्हें सभी
प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं। लेकिन अभी भी ऐसे प्रश्न इसलिए उठाए जा रहे
हैं ताकि लोगों का ध्यान बांटा जा सके।' उन्होंने कहा, 'सभी लोग एक साथ आ
गए हैं ताकि भ्रष्टाचार पर लोगों का ध्यान नहीं जाए।'
ऐसा मंदिर, जहां नहीं कोई मूर्ति, होती है पालने की पूजा
इलाहाबाद. इलाहाबाद मे देवी का मां का एक ऐसा भव्य मंदिर है,
जहां कोई मूर्ति नहीं है। आस्था के इस अनूठे मंदिर मे लोग मूर्ति की नहीं
बल्कि पालने की पूजा होती है। मान्यता है कि यहां शिवप्रिया सती के दाहिने
हाथ का पंजा गिरकर आलोप हो गया था। इसी वजह से इस सीद्धपीठ को आलोप शंकरी
नाम देकर यहां प्रतीक के रूप मे एक पालना रख दिया गया है।
ये है सस्ता लेकिन इन बीमारियों का सबसे पक्का इलाज
आयुर्वेद में अदरक बहुत उपयोगी माना गया है। अदरक पाचनतंत्र के लिए लाभकारी होता है। कब्ज और डायरिया जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। इसीलिए भोजन में अदरक का प्रयोग किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं अदरक के कुछ घरेलू प्रयोग जिनसे आप कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का इलाज कर सकते हैं...
-अपनी गर्म तासीर की वजह से अदरक हमेशा से सर्दी-जुकाम की बेहतरीन दवाई मानी गई है। अगर आपको सर्दी या जुकाम की प्रॉब्लम है, तो आप इसे चाय में उबालकर या फि र सीधे शहद के साथ ले सकते हैं। साथ ही, इससे हार्ट बर्न की परेशानी भी दूर करता है।
- रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ अदरक का एक टुकड़ा खाएं। इससे खूबसूरती बढ़ती है।
- अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना (छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें। इसे मुंह में रख कर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खांसी ठीक हो जाती है।
-बहुत कम लोग जानते हैं कि अदरक एक नेचरल पेन किलर है, इसलिए इसे आर्थराइटिस और दूसरी बीमारियों में उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
-अदरक कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करता है। दरअसल, यह कोलेस्ट्रॉल को बॉडी में एब्जॉर्व होने से रोकता है।
-कैंसर में भी अदरक बेहतरीन दवाई मानी गई है। खासतौर पर ओवेरियन कैंसर में यह काफी असरदार है।
-यह हमारे पाचन तंत्र को फिट रखता है और अपच दूर करता है।
-अदरक के इस्तेमाल से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है।
-अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया भी मर जाते हैं
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