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28 अक्तूबर 2012

रेतीली धरती से अब निकलेगी गैस, देश में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग




बाड़मेर/जोधपुर.थार के भू-गर्भ में तेल व लिग्नाइट के अथाह भंडार मिलने के बाद देश में पहली बार माइक्रोबियल कोल कन्वर्जन तकनीक से मीथेन गैस उत्सर्जन की जाएगी। इसके लिए आरएसएमएमएल व बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मेसरा (झारखंड) को गैस उत्पादन के लिए कुछ ब्लॉक आवंटित किए गए हैं। बाड़मेर के लिग्नाइट एरिया में दिसंबर, 2012 में मीथेन गैस उत्सर्जन कार्य शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है।  
 
जिले के गिरल, सोनड़ी, कोशलू में लिग्नाइट के अथाह भंडार हैं। जहां पर बीआईटीएम की टीम की ओर से रिसर्च की गई है। प्रारंभिक तौर पर नमूनों की लैब से जांच करने पर अच्छी क्वालिटी की मीथेन की पुष्टि के बाद आरएसएमएमएल व बीआईटीएम के बीच मीथेन उत्सर्जन के लिए करार हो चुका है। थार में मिथेन गैस के उत्सर्जन में एस्सार ग्रुप ने भी भागीदारी की मंशा जताई है।
 
ऐसे होगा गैस का उत्सर्जन 
 
माइक्रोबियल कॉल कन्वर्जन से गैस उत्सर्जन को विशेषज्ञों ने एडवांस तकनीकी बताया है। इसमें लिग्नाइट खनन की जरूरत नहीं है। इसके लिए बोरिंग के बाद कार्बन डाईऑक्साइड को कोल बैड्स पर डाला जाएगा। जहां लिग्नाइट व कार्बन डाई ऑक्साइड से मीथेन गैस का उत्सर्जन होगा।
 
एस्सार ग्रुप इंवेस्ट को तैयार 
 
थार में लिग्नाइट एरिया में मिथेन गैस उत्सर्जन की तैयारी में जुटी आरएसएमएमएल व बीआई टीएम के साथ एस्सार ग्रुप ने भागीदारी निभाने की मंशा जताई है। मगर अभी तक करार नहीं हो पाया है।  
 
बाड़मेर में लिग्नाइट क्षेत्र में उत्तम गुणवत्ता की मिथेन गैस होने की पुष्टि के बाद कुछ ब्लॉक आवंटित किए गए है। दिसंबर 2012 में गैस उत्सर्जन कार्य शुरू करने की कवायद चल रही है। इस तरह का यह देश का पहला प्रयोग होगा।  
 
-प्रोफेसर ए.एस. विद्यार्थी बीआई टीएम मेसरा (झारखंड) 
 
 
'आरएसएमएमएल व बीआईटीएम की ओर से संयुक्त रूप से मीथेन गैस उत्सर्जन किया जाएगा। इसके लिए करार हो चुका है। कुछ ब्लॉक आवंटित किए गए है। जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।'
 
-अजिताभ शर्मा, निदेशक माइनिंग 
राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स उदयपुर

एक साथ कसरत, योग व भक्ति, जानिए कैसे करें सूर्य नमस्कार


हिन्दू धर्म में एक ही ईश्वर की अलग-अलग शक्तियों के रूप में पांच देवता पूजनीय है। ये पंचदेव है - शक्ति, गणेश, शिव, विष्णु और सूर्य। इन पंचदेवों में सूर्य ही ऐसे देवता हैं, जिनके प्रत्यक्ष दर्शन पूरे जगत को हर रोज होते हैं। यही वजह है कि सूर्य प्रत्यक्ष देवता भी पुकारे जाते हैं। 
व्यावहारिक तौर से भी सूर्य का प्रकाश और ऊर्जा पूरे जगत की प्राणशक्ति ही है।  इसी अहमियत के चलते भी हिन्दू धर्म परंपराओं में देव पूजा का एक अहम अंग है - सूर्य उपासना। यह सेहत, ताकत, पद और ख्याति देने वाली मानी गई है। 
सूर्य उपासना की इसी परंपरा में सूर्य नमस्कार का खास महत्व बताया गया है। सूर्य नमस्कार के रूप में सूर्य की यह अद्भुत साधना योग के साथ ही व्यायाम व मंत्र स्मरण के जरिए सूर्य पूजा का भी बेजोड़ उपाय है, जो शारीरिक, मानसिक और वैचारिक शक्ति को मजबूत बनाने में बहुत ही असरदार है

'जिन्हें विधि का ज्ञान नहीं, वे बना रहे हैं कानून'




उदयपुर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगदीप धनकड़ ने कहा कि जिन्हें विधि का ज्ञान नहीं है वे कानून बना रहे हैं और बिना मंथन के एक्ट पास हो रहे हैं। बिना चर्चा व आनन-फानन में पास होने वाले एक्ट विसंगतियां पैदा कर रहे हैं। 
 
धनकड़ काया में आयोजित अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
 
‘विधि निर्माण : वर्तमान परिदृश्य एवं अधिवक्ताओं की भूमिका’ विषय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्रों का पूर्ण दुरुपयोग हो रहा है। जिस किसी एक्ट में विचार और मंथन की जरूरत होती है उसे संसदीय समिति को भेजा जाना चाहिए, ताकि उसके हर पहलू पर विचार किया जा सके और बाद में विसंगतियां नहीं हों। आज देश को विधि के निर्माण हेतु अधिवक्ताओं की आवश्यकता है।
 
धनकड़ ने कहा कि देश में वर्षो से समान आचार संहिता की अत्यन्त आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि पूर्व से ही कानून के निर्माण हेतु संसद, विधानसभाएं हैं, अध्यादेश भी इसका एक माध्यम है तो नेशनल एडवाइजरी कमेटी जैसी संस्थाओं के निर्माण की क्यों आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संस्थाओं में विधिवेत्ताओं को नहीं लिया गया है। 
 
गैरजमानती अपराध हो नदी-नाले में कब्जा : माथुर 
 
राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन. माथुर ने कहा कि नदी, नालों में अवरोध पैदा करना गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आना चाहिए। 
 
‘भू संरक्षण : चुनौतियां और समाधान’ विषय पर माथुर ने कहा कि भूमि का दोहन आज तीव्र गति से हो रहा है। रामचरित मानस में भी कहा गया है कि राजा का प्रथम कर्तव्य पृथ्वी की रक्षा करना है। भूमि के संरक्षण के लिए सर्वप्रथम कानून में बदलाव लाना आवश्यक है और कृषि योग्य भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाने के लिए ठोस कानून बनाने की आवश्यकता है। 
 
बहिर्गमन चिंताजनक 
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत ने संसद, विधानसभाओं में बढ़ते बहिर्गमन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से बिना चर्चा के ही बिल पास हो जाता है, जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है। कार्यक्रम में अधिवक्ता परिषद का परिचय प्रदेश महामंत्री बसंत छाबा ने दिया। कार्यक्रम का संचालन बृजेन्द्र सेठ ने तथा आभार राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने व्यक्त किया। 
 
राणा प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित 
 
उद्घाटन सत्र से पूर्व अधिवक्ता परिषद, राजस्थान के चुनाव संपन्न हुए। जिसमें सर्वसम्मति से जगदीश सिंह राणा को प्रदेश अध्यक्ष और बसंत सिंह छाबा को महामंत्री चुना गया। परिषद के इकाई अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ व महामंत्री कमलेश दाणी ने बताया कि चुनाव अधिकारी बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य डॉ. पुष्पेंन्द्र सिंह भाटी थे।

मंदिरों के महंत - पुजारियों ने महिला को बंधक बना 10 दिन तक किया रेप



 

अमरसर.महिला को 10 दिन से बंधक बनाकर सामूहिक ज्यादती के मामले में पुलिस ने रविवार को शिवसिंहपुरा के दो मंदिरों के पुजारी व महंत को गिरफ्तार किया है। पुलिस सोमवार को दोनों को शाहपुरा न्यायालय में पेश करेगी।
पुलिस के अनुसार शिवसिंहपुरा गांव (जगतपुरा पंचायत) निवासी महिला ने पति व परिजनों के साथ रविवार सवेरे थाने में श्रवण कुमार पुत्र मुरलीधर निवासी नयाबास व हाल वासी पुजारी ठाकुरजी मंदिर शिवसिंहपुरा एवं महंत मानदास का चेला आशादास निवासी माताजी मंदिर शिवसिंहपुरा के खिलाफ सामूहिक ज्यादती का मामला दर्ज कराया। थाना प्रभारी उदयसिंह ने टीम गठित कर पुजारी श्रवण कुमार व चेला आशादास को शिवसिंहपुरा गांव से गिरफ्तार कर लिया।

कुरान का संदेश

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