नई दिल्ली। मनमोहन सिंह ने रविवार को सरकार
के चेहरे को नया रूप
दे दिया। यूपीए-2 के इस आखिरी फेरबदल में सबसे चौंकाने वाला रहा पवन बंसल
का रेल, सलमान खुर्शीद का विदेश और थरूर का दोबारा मंत्री बनना। बहरहाल,
मंत्रिमंडल विस्तार यूपीए का न होकर, कांग्रेस का रह गया है। सहयोगी दल
इससे खासे नाराज हैं।
बताया जा रहा है कि नाराजगी मंत्रियों में भी है। जयपाल रेड्डी का
पदभार संभालने के लिए सोमवार को दफ्तर नहीं पहुंचना उनकी नाराजगी के रूप
में ही देखा जा रहा है। उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय से हटा कर विज्ञान व
तकनीक मंत्री बनाया गया है। वह अपने नए मंत्रालय का चार्ज भी लेने नहीं आए।
उम्मीद की जा रही थी कि अन्य मंत्रियों की तरह रेड्डी भी सोमवार को
पदभार ग्रहण करेंगे।
सोमवार को वीरप्पा मोइली जब पेट्रोलियम मंत्री का पदभार ग्रहण करने
आए तब रेड्डी वहां मौजूद नहीं थे। आम तौर पर निवर्तमान मंत्री अपना पदभार
नए मंत्री को सौंपने के लिए मौजूद होते हैं। रेड्डी के समर्थक भी 'डिमोशन'
से नाराज बताए जा रहे हैं। हैदराबाद में ऐसी भी चर्चा है कि रेड्डी
तेलंगाना ब्रिगेड ज्वाइन करेंगे। हालांकि मोइली रेड्डी से मिलने उनके घर
पहुंचे।
आईएसी के अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया है कि क्या रेड्डी को
ईमानदारी की सजा मिली है? क्या उन्हें रिलायंस के दबाव में पेट्रोलिय
मंत्रालय से हटाया गया? रेडडी ने रिलायंस-बीपी करार रोकी थी, रिलायंस को
शेयर बेचने की मंजूरी नहीं दी थी और तय मानदंड से कम गैस निकालने पर
रिलायंस कंपनी पर 7 हजार करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।
पूर्व राज्यमंत्री अगाथा संगमा ने भी खुद को मंत्रिमंडल से बाहर किए
जाने को सवालों के कठघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि उन्हें हटाने
से पहले न तो उनसे कुछ पूछा गया और न ही कुछ बताया गया। उनके मुताबिक उनसे न
तो इस्तीफा मांगा गया और न ही उन्होंने इस्तीफा दिया। अगाथा ने एक
अखबार को बताया कि तीन महीने पहले उन्होंने शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल के
साथ जो इस्तीफा सौंपा था, उसी को स्वीकार करते हुए रविवार को उन्हें
मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया।
अगाथा ने बताया, '' 23 जुलाई, 2012 को मैंने इस्तीफा सौंपा था। उस
वक्त मुझे कहा गया कि आप अपने नेता शरद पवार को यह इस्तीफा दें। अब उसी
इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया।''
अगाथा दुखी मन से कहती हैं, '' यह बहुत निराश करने वाला है। मैंने
किसी और लक्ष्य से पुराना इस्तीफा दिया था। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए
था।''
बढ़ेगा रेल किराया?
इस बीच, पवन कुमार बंसल ने रेल मंत्रालय का चार्ज लेते ही इस बात के
साफ संकेत दे दिए हैं कि यात्री भाड़ा में बढ़ोतरी हो सकती है। बंसल से कहा
कि यात्रियों को भाड़े में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि
उन्होंने यह भी कहा कि किराये में बढ़ोतरी के साथ ही मुसाफिरों को दी जा
ही सुविधाएं भी बेहतर होंगी।