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29 अक्तूबर 2012

देवी तालाब मंदिर से शिवलिंग चुराता पकड़ा गया शिव




जालंधर। देवी तालाब मंदिर के अंदर बने शिव मंदिर से रविवार रात शिवलिंग चोरी कर रहा गांव रेरू के रहने वाला शिव किशोर पाल को पकड़ लिया गया। देवी तालाब चौकी की पुलिस ने उससे चोरी किया चांदी का शिवलिंग बरामद कर लिया है। थाना आठ में उस पर केस दर्ज किया गया है। 
 
चौकी इंचार्ज दीपक कुमार ने बताया कि शनिवार रात 9.30 बजे सिक्योरिटी गार्ड अवतार चंद ने शिव मंदिर में एक व्यक्ति को घुसते देखा। पास जाने पर देखा कि उक्त व्यक्ति शिवलिंग चुराकर बाहर निकल रहा था। 
 
गार्ड ने उसे पकड़कर चौकी में सूचना दी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। शिव किशोर पाल की उम्र 44 वर्ष के करीब है और उसके आपराधिक रिकार्ड के बारे में पता लगाया जा रहा है।

कतरूसी नारायण देवताओं के दादा, तो हिडिंबा देवताओं की हैं दादी


कुल्लू.  दशहरा उत्सव का प्राण कहे जाने वाले जिले के देवी-देवताओं में भी रिश्तेदारी प्रथा है। लगघाटी के कतरूसी नारायण को देवताओं का 'दादा' कहा जाता है वे दशहरा उत्सव में शरीक नहीं होते हैं जबकि मनाली की हिडिंबा देवताओं की 'दादी' हैं। इनका स्थान दशहरे में काफी महत्व रखता है।
शिवजी का परिवार भी दशहरा में एक स्थान पर मौजूद रहता है। इसमें खराहल घाटी का बिजली महादेव, मणिकर्ण चौंग की माता पार्वती और ऊझी घाटी के घुड़दौड़ का देवता गणपति और उनका भाई कार्तिक स्वामी एक ही स्थान पर रहते हैं।
देवता गणेश के कारदार प्रकाश ठाकुर कहते हैं शिवजी का परिवार साथ-साथ रहता है। दशहरा उत्सव में विश्व का अनूठा देव संगम होता है। यहां पौराणिक देवी देवताओं, ऋषि-मुनि और नागों के रथ आते हैं। ऋषि-मुनियों ने यहां की धरा में जप-तप किया है।
मनाली से मानव सृष्टि की उत्पत्ति मानी जाती है। महॢष वेदव्यास ने व्यास कुंड के स्थान पर संसार के सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद की ऋचाओं को संकलित किया है। बंजार के श्रृंगा ऋषि को राजा दशरथ के पुत्रेष्टि यज्ञ का गौरव है। मलाणा में देवता जमलू की ऐसी सत्ता है, जो विश्व में सबसे प्राचीनतम है। यहां सिर्फ देव कचहरी के माध्यम से ही निर्णय होते हैं।
देव संस्कृति के लिहाज से कुल्लू अपने आप में अनूठा है और दशहरा उत्सव में सभी देवताओं के एक साथ दर्शन होते हैं।

इसकी महिमा सबसे ज्यादा
रथ यात्रा के लिए अधिष्ठाता रघुनाथ को तब तक नहीं निकाला जाता है जब तक कि मनाली की हिडिंबा का रथ रघुनाथनगरी नहीं पहुंचता है। रामशिला में हिडिंबा के पहुंचने पर राजमहल से उसे लाने के लिए जाते हैं। माता हिडिंबा के कारदार तीर्थ राम ने बताया कि हिडिंबा का दशहरा में अपना महत्व है। दशहरे का आगाज भले ही रथ यात्रा के साथ शुरु होता है लेकिन जब तक हिडिंबा का आगमन नहीं होता है तब तक रघुनाथ को बाहर नहीं निकाला जाता है।
यहां मिलती है रथ यात्रा को हरी झंडी
भेखली की माता जगरनाथी हालांकि दशहरे उत्सव में शरीक नहीं होती हैं लेकिन उसके बगैर रथ यात्रा नहीं होती है। मान्यता है कि शिवजी के शाप के कारण धूप के समय माता देवालय से बाहर नहीं निकलती है। सूर्यास्त होने के बाद माता जब मंदिर से बाहर निकलती हैं तो रथ यात्रा के लिए भी हरी झंडी मिल जाती है। इसके लिए जगरनाथी माता के रथ को अपने देवालय से करीब 500 मीटर दूर पहाड़ी पर लाया जाता है। उसके बाद रथ यात्रा पूरे विधिविधान से शुरू हो जाती है।

प्रशासन ने नहीं सुनी, भीख मांगकर चढ़वा रहा बेटे को खून




कराहल/श्योपुर.  कराहल के पहेला गांव में एक आदिवासी पिछले ढाई साल से थैलेसीमिया से पीडि़त अपने बेटे को भीख मांगकर खून चढ़वा रहा है। बेटे की जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे पिता ने खून चढ़वाने के लिए 17 बार पैसे जुटाए हैं।
ऐसा नहीं है, बेबस पिता ने मदद के लिए प्रशासन से गुहार नहीं लगाई। एक साल पहले जनसुनवाई में बेटे के इलाज की गुहार लेकर कलेक्टर के पास भी गया, लेकिन प्रशासन ने कोई मदद नहीं की।
पहेला निवासी शिवकुमार (4) पुत्र रघुवीर आदिवासी की ढाई साल पहले एकाएक तबीयत खराब हो गई। दो महीने तक श्योपुर जिला अस्पताल में शिवकुमार का इलजा किया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
बाद में रघुवीर बेटे को कोटा ले गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बेटे को गंभीर थैलेसीमिया बताते हुए तत्काल खून चढ़ाने की बात कही। उस दिन रघुवीर ने अपने खर्चे पर बेटे को खून चढ़वा दिया। लेकिन महंगी जांचों, महीनों चले लंबे इलाज में उसकी पूरी जमा पूंजी खर्च हो गई।
रघुवीर ने बताया कि उसके पास तो जमीन भी नहीं, जिसे बेचकर वह बेटे का इलाज करवा सके। ढाई महीने बाद बेटे को फिर खून की जरूरत पड़ी तो उसने गांव में कुछ लोगों से पैसे मांगे और फिर कोटा जाकर बेटे को खून चढ़वाया। हर दो-ढाई महीने में यही हालात बनने लगे। पैसे न होने पर वह आस-पास के गांवों में जाकर लोगों से बीमार बेटे के इलाज के लिए पैसे मांगता और फिर बेटे को राजस्थान के बारा, कोटा, सवाई माधौपुर या जयपुर ले जाकर खून चढ़वाता। अब तक 17 बार शिवकुमार को खून चढ़ चुका है।

क्या है थैलेसीमिया...
थैलेसेमिया की बीमारी से खून के आरबीसी सेल्स टूटते हैं, इससे शरीर में तेजी से खून की कमी हो जाती है। थैलेसीमिया तीन प्रकार का होता है। अल्फा थैलेसीमिया, बीटा (मेजर) थैलेसीमिया और सेमी थैलेसीमिया। इनमें मेजर थैलेसीमिया सबसे खतरनाक होता है। इसमें 15 से 30 दिन के भीतर मरीज को खून चढ़ाना जरूरी होता है।
जल्द चढ़ाना होगा ब्लड
शिवकुमार की जांच रिपोर्ट मैंने देखी है। उसमें बहुत खून की कमी है, अमूमन इतने खून में बच्चों का जीवित रहना मुश्किल होता है। अगर शिवकुमार को जल्द ही खून नहीं चढ़ाया गया तो कुछ भी अनर्थ हो सकता है। ञ्जञ्ज
डॉ. एके सिंह, प्रभारी बीएमओ, कराहल

प्रशासन से नहीं मिली मदद
मेरे पास तो जमीन भी नहीं जिसे बेचकर बेटे का इलाज करवा सकूं। प्रशासन से कोई मदद मिल नहीं रही है। इसलिए लोगों से पैसे मांगकर उसका इलाज करवा रहा हूं। लोग मेरी मजबूरी देख मुझे पैसे भी दे देते हैं। मुझे इलाज के लिए जितनी राशि की जरूरत होती है, उतने ही मांगता हूं।
रघुवीर आदिवासी, बीमार शिवकुमार का पिता
प्रशासन पूरा खर्च उठाएगा
मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर ऐसा है तो पीडि़त आवेदन दे हम जल्द ही सहरिया विकास अभिकरण से उसका इलाज करवाएंगे।  मरीज को जहां अच्छा इलाज मिलेगा उसे उस अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। इसका पूरा खर्च प्रशासन उठाएगा।
ज्ञानेश्वर बी पाटील,कलेक्टर, श्योपुर

कार्तिक स्नान आज से शुरू, जानिए महत्व और विधि



 

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का आठवां महीना कार्तिक होता है। पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। स्कंदपुराण के अनुसार कार्तिक महीने में किया गया स्नान व्रत भगवान विष्णु की पूजा के समान कहा गया है। इस बार कार्तिक मास का स्नान 29 अक्टूबर, सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। कार्तिक मास में स्नान किस प्रकार किया जाए, इसका वर्णन शास्त्रों में इस प्रकार लिखा है-
तिलामलकचूर्णेन गृही स्नानं समाचरेत्।
विधवास्त्रीयतीनां तु तुलसीमूलमृत्सया।।
सप्तमी दर्शनवमी द्वितीया दशमीषु च।
त्रयोदश्यां न च स्नायाद्धात्रीफलतिलैं सह।।

अर्थात

कार्तिक व्रती (व्रत रखने वाला) को सर्वप्रथम गंगा, विष्णु, शिव तथा सूर्य का स्मरण कर नदी, तालाब या पोखर के जल में प्रवेश करना चाहिए। उसके बाद नाभिपर्यन्त (आधा शरीर पानी में डूबा हो) जल में खड़े होकर विधिपूर्वक स्नान करना चाहिए। गृहस्थ व्यक्ति को काला तिल तथा आंवले का चूर्ण लगाकर स्नान करना चाहिए परंतु विधवा तथा संन्यासियों को तुलसी के पौधे की जड़ में लगी मृत्तिका(मिट्टी) को लगाकर स्नान करना चाहिए। सप्तमी, अमावस्या, नवमी, द्वितीया, दशमी व त्रयोदशी को तिल एवं आंवले का प्रयोग वर्जित है।
इसके बाद व्रती को जल से निकलकर शुद्ध वस्त्र धारणकर विधि-विधानपूर्वक भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए। यह ध्यान रहे कि कार्तिक मास में स्नान व व्रत करने वाले को केवल नरकचतुर्दशी (कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी) को ही तेल लगाना चाहिए। शेष दिनों में तेल लगाना वर्जित है।

‘मेरा लाल जिंदा है’ और मृत पोते को कलेजे से चिपकाए रही दादी!


सीकर/लक्ष्मणगढ़.डेढ़ माह के जिस बच्चे के जड़ूले के लिए सालासर जा रहे थे सड़क हादसे ने उसे ही छीन लिया। परिवार की खुशियां पलभर में मातम में बदल गई। आंखों के सामने कलेजे के टुकड़े को जाते देख मां सुधबुध खो बैठी।
 
दादी तो डबडबाई आंखों से एक घंटे तक उसे कलेजे से चिपकाए हुए कहती रही कि ‘मेरा लाल जिंदा है’। सोमवार सुबह लक्ष्मणगढ़ सालासर मार्ग पर बस द्वारा टैंपो को टक्कर मारने से सनवाली के पास ये दर्दनाक हादसा हुआ। हादसे में डेढ़ माह के बच्चे की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। ये लोग हिसार से जड़ूले के लिए सालासर जा रहे थे।
 
जानकारी के मुताबिक मोठसरा आदमपुर (हिसार) निवासी सुरेंद्र पुत्र बीरबल के डेढ़ माह पहले बेटा हुआ था। बेटे का नाम अनमोल रखा था। उसके जड़ूले व सवामणी प्रसाद के लिए परिवार के लोग रविवार रात सालासर के लिए रवाना हुए थे। सोमवार सुबह सनवाली के पास सामने से आ रहे अनियंत्रित ट्रक को बचाने के चक्कर में इनकी टैंपो को पीछे से आ रही बस ने टक्कर मार दी। जिससे टैंपो पलट गया। 
 
सामने से आ रहा ट्रक भी रोड से नीचे उतर गया। हादसे में टैंपो में सवार धर्मवीर, सुरेंद्र, शीतल, सुशील, शुभम, भगवानी देवी, जारू देवी, रितू, निर्मला, राजकुमार व डेढ़ माह का बच्चा अनमोल घायल हो गए। सालासर जा रहे अन्य जातरू इन्हें तुरंत ही लक्ष्मणगढ़ अस्पताल लेकर गए जहां से सीकर रैफर कर दिया गया। एसके अस्पताल में अनमोल ने दम तोड़ दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
 
जिंदा मान कलेजे से चिपकाए रखा
 
डेढ़ माह के बच्चे की मौत का पता लगते ही उसकी दादी निर्मला बदहवास हो गई। दादी ने पोते को कलेजे से लगाया और यह कहते हुए लिपट गई कि मेरा लाल जिंदा है। करीब एक घंटे तक परिवार के लोग उसे मनाते रहे। इसके बाद बच्चे को ले जाया जा सका। मां शीतल का भी रो रो कर बुरा हाल था।
 

कुरान का संदेश

आज ऐसे करें पूर्णिमा व्रत, लक्ष्मी होंगी मेहरबान



आज (29 अक्टूबर, सोमवार) शरद पूर्णिमा है, धर्म शास्त्रों में इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहा गया है। पुराणों के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को भगवती महालक्ष्मी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है और जो जाग रहा है महालक्ष्मी उसका कल्याण करती हैं तथा जो सो रहा होता है वहां महालक्ष्मी नहीं ठहरती। लक्ष्मीजी के को जागर्ति (कौन जाग रहा है?) कहने के कारण ही इस व्रत का नाम कोजागर व्रत पड़ा है। इस दिन व्रत रख माता लक्ष्मी का पूजन करने का विधान भी है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित एक श्लोक के अनुसार-
निशीथे वरदा लक्ष्मी: को जागर्तिति भाषिणी।
जगाति भ्रमते तस्यां लोकचेष्टावलोकिनी।।
तस्मै वित्तं प्रयच्छामि यो जागर्ति महीतले।।


पूजन विधि
इस व्रत में हाथी पर बैठे इंद्र और महालक्ष्मी का पूजन करके उपवास रखना चाहिए। रात केसमय घी का दिया जलाकर और गंध, पुष्प आदि से पूजित एक सौ या यथाशक्ति अधिक दीपकों को प्रज्वलित कर देव मंदिरों, बाग-बगीचों, तुलसी के नीचे या भवनों में रखना चाहिए। सुबह होने पर स्नानादि करके इंद्र का पूजन कर ब्राह्मणों को घी-शक्करमिश्रित खीर का भोजन कराकर वस्त्रादि की दक्षिणा और सोने के दीपक देने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मीस्तोत्र का पाठ ब्राह्मण द्वारा कराकर कमलगट्टा, बेल या पंचमेवा अथवा खीर द्वारा दशांश हवन करवाना चाहिए। इस विधि से कोजागर व्रत करने से माता लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं तथा धन-धान्य, मान-प्रतिष्ठा आदि सभी सुख प्रदान करती हैं।
 

मनमोहन ने 'धोखे' से छीनी अगाथा की कुर्सी?


नई दिल्ली। मनमोहन सिंह ने रविवार को सरकार के चेहरे को नया रूप दे दिया। यूपीए-2 के इस आखिरी फेरबदल में सबसे चौंकाने वाला रहा पवन बंसल का रेल, सलमान खुर्शीद का विदेश और थरूर का दोबारा मंत्री बनना। बहरहाल, मंत्रिमंडल विस्तार यूपीए का न होकर, कांग्रेस का रह गया है। सहयोगी दल इससे खासे नाराज हैं।
 
बताया जा रहा है कि नाराजगी मंत्रियों में भी है। जयपाल रेड्डी का पदभार संभालने के लिए सोमवार को दफ्तर नहीं पहुंचना उनकी नाराजगी के रूप में ही देखा जा रहा है। उन्‍हें पेट्रोलियम मंत्रालय से हटा कर विज्ञान व तकनीक मंत्री बनाया गया है। वह अपने नए मंत्रालय का चार्ज भी लेने नहीं आए। उम्‍मीद की जा रही थी कि अन्‍य मंत्रियों की तरह रेड्डी भी सोमवार को पदभार ग्रहण करेंगे। 
सोमवार को वीरप्‍पा मोइली जब पेट्रोलियम मंत्री का पदभार ग्रहण करने आए तब रेड्डी वहां मौजूद नहीं थे। आम तौर पर निवर्तमान मंत्री अपना पदभार नए मंत्री को सौंपने के लिए मौजूद होते हैं। रेड्डी के समर्थक भी 'डिमोशन' से नाराज बताए जा रहे हैं। हैदराबाद में ऐसी भी चर्चा है कि रेड्डी तेलंगाना ब्रिगेड ज्‍वाइन करेंगे। हालांकि मोइली रेड्डी से मिलने उनके घर पहुंचे।
आईएसी के अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया है कि क्‍या रेड्डी को ईमानदारी की सजा मिली है? क्‍या उन्‍हें रिलायंस के दबाव में पेट्रोलिय मंत्रालय से हटाया गया? रेडडी ने रिलायंस-बीपी करार रोकी थी, रिलायंस को शेयर बेचने की मंजूरी नहीं दी थी और तय मानदंड से कम गैस निकालने पर रिलायंस कंपनी पर 7 हजार करोड़ का जुर्माना भी लगाया था। 
पूर्व राज्‍यमंत्री अगाथा संगमा ने भी खुद को मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने को सवालों के कठघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि उन्‍हें हटाने से पहले न तो उनसे कुछ पूछा गया और न ही कुछ बताया गया। उनके मुताबिक उनसे न तो इस्‍तीफा मांगा गया और न ही उन्‍होंने इस्‍तीफा दिया। अगाथा ने एक अखबार को बताया कि तीन महीने पहले उन्‍होंने शरद पवार और प्रफुल्‍ल पटेल के साथ जो इस्‍तीफा सौंपा था, उसी को स्‍वीकार करते हुए रविवार को उन्‍हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया। 
अगाथा ने बताया, '' 23 जुलाई, 2012 को  मैंने इस्‍तीफा सौंपा था। उस वक्‍त मुझे कहा गया कि आप अपने नेता शरद पवार को यह इस्‍तीफा दें। अब उसी इस्‍तीफे को स्‍वीकार कर लिया गया।'' 
अगाथा दुखी मन से कहती हैं,  '' यह बहुत निराश करने वाला है। मैंने किसी और लक्ष्‍य से पुराना इस्‍तीफा दिया था। उन्‍हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।''
 
बढ़ेगा रेल किराया?
 
इस बीच, पवन कुमार बंसल ने रेल मंत्रालय का चार्ज लेते ही इस बात के साफ संकेत दे दिए हैं कि यात्री भाड़ा में बढ़ोतरी हो सकती है। बंसल से कहा कि यात्रियों को भाड़े में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए। हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि किराये में बढ़ोतरी के साथ ही मुसाफिरों को दी जा ही सुविधाएं भी बेहतर होंगी।
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