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02 नवंबर 2012

जानिए, क्यों युद्ध भूमि पर नहीं बल्कि इस जगह हुआ था दुर्योधन व भीम का युद्ध...


महाभारत में अब तक आपने पढ़ा.....भगवान हस्तिनापुर जाकर धृतराष्ट्र जाकर मिले और उनसे सबके लिए हितकर और याथार्थ बातें कही। लेकिन उन्होंने भगवान का कहना नहीं माना। जब वहां संधि कराने में सफल न हो सके तो भगवान उपलव्य लौट आए और पांडवों से बोले- कौरव अब काल के वश में हो रहा है। इसलिए मेरा कहना नहीं मानते। अब तुम लोग मेरे साथ पुष्य नक्षत्र में युद्ध के लिए निकल पड़ो। जब कौरव व पांडव में संधि नहीं हुई तो बलरामजी तीर्थयात्रा के लिए निकल पड़े अब आगे....

राजा जन्मेजय इस प्रकार होने वाला उस तुमुज युद्ध की बात सुनकर धृतराष्ट्र को बड़ा दुख हुआ और उन्होंने संजय से पूछा- सूत! गदायुद्ध के समय बलरामजी को उपस्थित देख मेरे पुत्र ने भीमसेन के साथ किस प्रकार युद्ध किया। संजय ने कहा- महाराज बलरामजी वहां उपस्थित देख दुर्योधन को बड़ी खुशी हुई। राजा युधिष्ठिर तो उन्हें देखते ही खड़े हो गए। वे बहुत प्रसन्न हुए। बलरामजी उनसे बोले राजन् कुरूक्षेत्र बड़ा ही पवित्र तीर्थ है। वह स्वर्ग प्रदान करने वाला है। देवता, ऋषि, ब्रह्मण सदा उसका सेवन करते हैं। वहां युद्ध करके प्राण त्यागने वाले मनुष्य निश्चय ही स्वर्ग में इंद्र के साथ निवास करेंगे। इसीलिए हम लोग समन्तक क्षेत्र में चले।

वह देवलोक में प्रजापति की उत्तर वेदी के नाम से विख्यात है। वह त्रिभुवन का अत्यंत पवित्र एवं सनातन तीर्थ हैं। वहां युद्ध करने से जिसकी मृत्यु होगी, वह अवश्य ही स्वर्गलोक जाएगा। राजा दुर्योधन भी हाथ में बहुत बड़ी गदा लें पांडवों के साथ पैदल चले। दोनों ही कवच पहनकर युद्ध के लिए तैयार हो गए। दुर्र्योधन भी सिरपर टोप लगाए सोने का कवच बांधे भीम के सामने  डट गया। गदाएं ऊपर उठी और दोनों भयंकर पराक्रम दिखाने लगे। कृष्ण ने अर्जुन से कहा भीमसेन को आज अपनी प्रतिज्ञा का पालन करना चाहिए जो उन्होंने सभा में की थी कि मैं युद्ध में दुर्योधन की गदा तोड़ दूंगा।

 
 
 

उद्घाटन के लिए बटन दबाते ही इंसुलेटर में धमाका, बाल-बाल बचे मंत्री!



कोटा. जिले के मामोर गांव में 33 केवी सब स्टेशन के उद्घाटन के लिए बटन दबाते ही पोस्ट इंसुलेटर में धमाका होने और तारों में आग लगने से भगदड़ का माहौल बन गया। घटना में सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरतसिंह व जिला प्रमुख विद्याशंकर नंदवाना बाल-बाल बच गए, लेकिन मंत्री के पीए जगदीश सहित कुछ अन्य लोगों को हल्की चोटें आईं। 
 
वाक्या दोपहर करीब 12:30 बजे का है। सार्वजनिक निर्माण मंत्री व जिला प्रमुख सबस्टेशन का उद्घाटन करने पहुंचे। दोनों ने जैसे ही सब स्टेशन को चालू करने के लिए बटन दबाया, पोस्ट इंसुलेटर पंक्चर हो गया और धमाके के साथ तारों का सर्किट जमीन पर आ गिरा। इसमें आग लग गई। 
 
मंत्री व जिला प्रमुख सहित करीब 10 लोग यहीं खड़े थे। उन्हें तुरंत वहां से हटाया गया। घटना के बाद सबस्टेशन पर लगे सभी उपकरणों की जांच की गई। पोस्ट इंसुलेटर को बदलने का काम जारी था। सबस्टेशन से सात गांवों को बिजली मिलनी है।
 
 
 
बड़ा हादसा टला : एसई
 
 
सांगोद क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मामोर में 1.47 करोड़ रु. की लागत से इस सबस्टेशन का निर्माण किया गया था। घटना के बाद जयपुर डिस्कॉम के एसई क्षेमराज ने मौके का जायजा लिया। उन्होंने घटना के लिए पोस्ट इंसुलेटर के निर्माण में खामी को कारण बताया।
 
उन्होंने यह पोस्ट इंसुलेटर जिस कंपनी का था, उसके सभी पोस्ट इंसुलेटर जांचने के बाद ही उपयोग में लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने माना कि बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मंत्री व जिला प्रमुख ने जैसे ही उसे चालू करने के लिए बटन दबाया, यह हादसा हो गया।
 

सूचना आयुक्त भर्ती कर रहे हो या चपरासी:हाईकोर्ट



जयपुर.हाईकोर्ट ने सूचना आयुक्तों के पदों पर नियुक्ति नहीं होने और भर्ती प्रक्रिया में रिटायर्ड हाईकोर्ट जज को शामिल नहीं करने के मामले में सरकार से कहा कि वह सूचना आयुक्त की भर्ती कर रही है या चपरासी की। 
 
मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एनके जैन की खंडपीठ ने शुक्रवार को प्रकाश शुक्ला की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। खंडपीठ ने महाधिवक्ता को सोमवार को अदालत में जवाब देने को कहा है। हाईकोर्ट ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सूचना आयुक्त के पद पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को पात्र माना है, लेकिन सरकार ने पद की गरिमा गिरा दी है।
 
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति के विज्ञापन से लगता है कि यह एलडीसी पद के लिए है न कि आयुक्त पद के लिए। ऐसे में कोई भी स्वाभिमानी आदमी इस पद के लिए आवेदन नहीं करेगा। याचिका में लंबे समय से सूचना आयुक्तों के पदों पर नियुक्ति नहीं होने को चुनौती देते हुए कहा कि अहम पद खाली रहने से आयोगों में काम नहीं हो रहा। 
 
सुनवाई के दौरान सरकार ने सूचना आयुक्तों के पदों पर भर्ती की विज्ञप्ति जारी की और रिटायर जिला व सेशन न्यायाधीश को पात्र माना था। बाद में 26 अक्टूबर को विज्ञप्ति में संशोधन कर बीस साल वकालत वाले वकीलों व समाजसेवियों को भी पात्र माना, लेकिन हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को नहीं।

अब होगी राहुल की असली ताजपोशी!



नई दिल्ली. कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को बिना किसी औपचारिक पद के भी स्वाभाविक नंबर दो बताने के बाद कांग्रेस अब उनके नेतृत्व में चुनावी मोड में जाती नजर आ रही है। इस बार उन्‍हें ही नेता प्रोजेक्‍ट कर लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी है। माना जा रहा है कि यह कांग्रेस के 'युवराज' राहुल की 'असली ताजपोशी' की तैयारी है। बचे हुए डेढ़ साल के समय में पार्टी और सरकार लगातार बैठकें और चिंतन के साथ कार्यकर्ताओं को ऊर्जा से भरने का प्रयास करेंगे। सरकार में फेरबदल के तुरंत बाद निजी तौर पर मंत्रियों को परफार्मेंस और घोषणा-पत्र के वादों को पूरा करने का एजेंडा थमाने के बाद प्रधानमंत्री ने गुरुवार को सामूहिक रूप से मंत्रियों को सरकार का एजेंडा समझाया। वहीं पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में फैसले के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने पार्टी के भावी एजेंडे का खुलासा करते हुए कहा कि पार्टी 4 नवंबर की रैली के तुरंत बाद 9 नवंबर को संवाद बैठक करेगी। इसमें सरकार और पार्टी दोनों के शीर्ष प्रतिनिधि होंगे। पार्टी ने कहा कि इसके बाद चिंतन बैठक भी होगी लेकिन अभी इसका समय तय नहीं है। 
 
चरणबद्ध तैयारी 
 
बड़ी रैली 4 को : किसान और युवाओं पर फोकस, एफडीआई, भ्रष्टाचार और साख पर होगी बात। कड़े आर्थिक फैसलों पर सफाई।
9 नवंबर संवाद बैठक : सरकार और पार्टी साथ-साथ बैठकर अधूरे वादों को पूरा करने पर करेंगे बात। यह भी तय होगा कि लोगों का दिल जीतने का एजेंडा कैसे आगे बढ़े। 
 
चिंतन बैठक भी होगी : तिथि अभी तय नहीं। 
 
सबसे बड़ी योजना : राहुल गांधी का नंबर दो की स्थिति का औपचारिक ऐलान कभी भी। उनके नेतृत्व में ही अगला लोकसभा चुनाव। 
 
राहुल पर पार्टी : महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि वे स्वाभाविक तौर पर नंबर दो हैं। उन्होंने एक कहावत का जिक्र किया कि जो सो रहा है उसे तो जगाया जा सकता है, लेकिन जो सोने का बहाना कर रहा हो उसे नहीं जगा सकते। राहुल पहले से नंबर दो हैं यह सबको पता है। 
 

कुरान का संदेश

कोटा पन्द्रह सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में अधिकारीयों के नहीं आने से माहिर आज़ाद नाराज़ बैठक बीच में ही स्थगित की





राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन माहिर आज़ाद ने आज कोटा में अल्पसंख्यकों के कल्याण के
लियें चलाए जा रहे पन्द्राह सूत्रीय प्रधानमन्त्री समीक्षा बैठक में अधिकारीयों के रवय्ये पर नाराजगी प्रकट करते हुए बैठक स्थगित कर दी ...राजस्थान में यह पहला मोका है के अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसी आयोग के चेयरमेन को बैठक स्थगित करना पढ़ी है ....माहिर आज़ाद आज कोटा कलेक्ट्रेट परिसर में पन्द्रह सूत्रीय अल्पसंख्यक कल्याणकारी कार्यक्रम की बैठक में समीक्षा करने आये थे ..बैठक में कलेक्टर ..एसपी सहित सभी अधिकारी नदारद थे और खानापूर्ति के लियें अधिनस्थों को भेज दिया गया था ...माहिर आज़ाद ने जब बैठक में आंकड़ों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी चाहि तो सभी अधिकारी बगले झाँकने लगे नतीजन माहिर आज़ाद ने नाराजगी ज़ाहिर की और बैठक को इस निर्देश के साथ स्थगित की के भविष्य में होने वाली बैठक में सभी अधिकारी खुद उपस्थित रहेंगे और पूरी तय्यारी के साथ आयेंगे यदि किसी ने कोताही बरती तो उसके खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी ...बैठक में पन्द्राह सूत्रीय समिति के सदस्य एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कोटा में मदरसा आधुनिकीकरण में एक भी मदरसे का चयन नहीं होने ..कोटा अल्पसंख्यक क्ल्यान अधिकारी पद पर पूर्ण कालिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने ..स्टाफ की कमी होने और कार्यालय में दुसरे विभाग का कचरा अब तक नहीं हटाने की शिकायत की ...बैठक में राजस्थान  मदरसा बोर्ड आधुनिकीकरण योजना के चेयरमेन और समिति सदस्य डोक्टर इकराम ने भी अपने विचार रखे .......बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ..नगर निगम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ..अल्पसंख्यक अधिकारी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
 
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