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06 नवंबर 2012

क्यों करें कार्तिक महीने में नदी स्नान? आप भी जानिए



 

हमारे धर्मशास्त्रों में अशांति, पाप आदि से बचने के कई उपाय बताए गए हैं। उन्हीं में से कार्तिक मास में किए गए स्नान-व्रत भी एक है। स्कंद पुराण आदि अनेक धर्म ग्रंथों में कार्तिकमास के स्नान-व्रत की महिमा बताई गई है। कार्तिक में पूरे माह ब्रह्ममुहूर्त में किसी नदी, तालाब, नहर या पोखर में स्नानकर भगवान की पूजा किए जाने का विधान है। धर्म शास्त्रों के अनुसार कलियुग में कार्तिक मास में किए गए व्रत, स्नान व तप को मोक्ष प्राप्ति का बताया गया है।
स्कंद पुराण में उल्लेखित श्लोक के अनुसार-
न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगम्।
न वेदसदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगा समम्।।

अर्थात कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं, सत्ययुग के समान कोई युग नही, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है।
कार्तिक मास में स्नान का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। वर्षा ऋतु के बाद जब आसमान साफ होता है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी तक आती है ऐसे में प्रकृति का वातावरण शरीर के अनुकूल होता है। प्रात:काल उठकर नदी में स्नान करने से ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति का संचार करती है। इस प्रकार के वातावरण से कई शारीरिक बीमारियां स्वत: ही समाप्त हो जाती है।

कुरान का सन्देश

सौदे से पहले पकड़े गए हथियारों के सौदागर



 
भीलवाड़ा। हथियार बेचने मध्यप्रदेश से आए दो युवकों को स्थानीय एक युवक सहित भीमगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनसे दो पिस्टल व आठ जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। तीनों आरोपी सौदे से पहले हथियारों की परख करते समय पुलिस के हत्थे चढ़ गए।


एसपी डॉ. नितिनदीप बल्लगन ने बताया कि भीमगंज थाना प्रभारी नेमीचंद चौधरी सोमवार शाम तिलकनगर आउटर में गश्त कर रहे थे। सिद्धि विनायक अस्पताल के पीछे सुनसान जगह पर मौजूद तीन युवक पुलिस को देख झाडिय़ों में छिपने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने तीनों को पकड़ा और पूछताछ की। युवकों ने खुद को मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले के गांव दोरार निवासी सुगर सिंह उर्फ अमन पाल पुत्र गोपीराम, राममोहन पाल पुत्र सवाईलाल पाल तथा भीलवाड़ा के भवानी नगर निवासी हरीश पुत्र छगन भरावा बताया। संदेह के आधार पर पुलिस ने इनकी तलाशी ली।


सुगर सिंह व राम मोहन के पास एक-एक पिस्टल व तीन-तीन कारतूस, जबकि हरीश के पास दो जिंदा कारतूस मिले। पुलिस ने हथियार बरामद कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। ग्वालियर के युवकों ने पुलिस को बताया कि वे हरीश के मार्फत हथियार बेचने के लिए यहां आए थे। हरीश भीमगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ पहले भी हथियारों की खरीद-फरोख्त व वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि भीमगंज पुलिस ने ही 16 जुलाई को पांच लोगों को गिरफ्तार कर चार हथियार बरामद किए थे।
लोडेड थी पिस्टल: भीमगंज थाना प्रभारी का कहना है कि पुलिस ने जब पिस्टल बरामद कर चेक की तो इनमें तीन-तीन कारतूस लोड थे। ये, दोनों फायर कर हरीश को हथियारों की परख कराने की फिराक में थे तभी पुलिस वहां पहुंच गई।

उदयपुर जेल में हुई पहचान: हरीश वाहन चोरी के मामले में करीब एक-डेढ़ साल पहले उदयपुर जेल में बंद था। इस दौरान मध्यप्रदेश के भी कुछ युवक जेल में थे। इन युवकों से मिलने के लिए सुगर सिंह व राम मोहन वहां आते थे। जेल में बंद युवकों के मार्फत इन दोनों से हरीश की पहचान हो गई। इनके बीच धंधे की बात भी हुई। हरीश ने इनसे बेचने के लिए हथियार मंगवाए थे।

25-25 हजार में बेचनी थी पिस्टल: आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि उन्होंने ये दोनों पिस्टल मध्यप्रदेश में विजय सिंह नाम के एक व्यक्ति से 15-15 हजार रुपए में खरीदी थी। वे ये दोनों पिस्टल 25-25 हजार रुपए में यहां बेचने वाले थे। सौदे के बाद मिलने वाली राशि में से हरीश को कमीशन देना था।

सर्वत जमाल ने अल्पसंख्यक समस्याओं के मामले में कोंग्रेस की नाकामयाबी पर मुझे लाजवाब किया तो मुझे पतली गली से निकलना पढ़ा


कल कोटा में अवामी आम जन पार्टी  राष्ट्रिय अध्यक्ष एडवोकेट सर्वत जमाल अख्तर पार्टी के चुनावी प्रचार के सिलसिले में कोटा आये थे सर्वत अख्तर जालोर में एडवोकेट है और एयर फ़ोर्स में भी अधिकारी रहे है रितार्य्मेंट के बाद वकालत से जुड़े है पहले बसपा में थे अब खुद की मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी बनाकर उसके चुनाव अभियान में जुटे है .वकील होने के नाते उन्होंने मुझ से भी सम्पर्क किया ....मेने जब उनसे एक सवाल किया के पहले बसपा ने गेर कोंग्रेसी ताकतों को बढाया अब आप भी इस नई पार्टी के जरिये गेर कोंग्रेसी पार्टियों को मजबूत करने का प्रयास कर रहे है ..सर्वत जमाल नाराज़ नहीं हुए उन्होंने अटेची खोली पर पदाधिकारियों की सूचि बताई माली ..गुर्जर ..मीणा और सभी समाज के लोग उनके साथ थे लेकिन मेरा फिर  सवाल     था के जिन समाजों की आप बात करते है वोह सभी समाज कोंग्रेस के परम्परागत वोटर है और मुस्लिम वोटर तो अशोक गहलोत द्वारा किये गये कामों की वजह से प्रभावित है इसलियें वोह कोंग्रेस को छोड़ कर नहीं जायेंगे ..दोस्तों आम जन पार्टी के राष्ट्रिय अध्यक्ष ने मुझ पर एक एक कर सवाल दागे और मुझे ला जवाब कर दिया ..उनका पहला सवाल था के कोंग्रेस ने राजस्थान में अल्प संख्यक आयोग का गठन किया लेकिन क्या आयोग ने आज तक किसी भी अधिकारी ..कर्मचारी या बेंक के खिलाफ कानून के तहत प्रसंज्ञान लेकर आयोग के न्यायालय में तलब किया है नहीं न उनका कहना था के आपको अशोक गहलोत ने अधिकार तो दिया लेकिन आप उसका इतेमाल नहीं कर रहे है केवल सरकार की शान में कसीदे पढ़ रहे है और मजलूम अल्पसंख्यकों के जख्मों पर मलहम नहीं लगा रहे है बात सही थी अब तक आयोग ने एक भी प्रसंज्ञान लेकर किसी को दंडित करने की सिफारिश नहीं की तो आयोग किस काम का लेकिन मेने कहा के आयोग के अध्यक्ष दबंग और अल्पसंख्यक समस्याओं के जानकार  है ..उनका दुसरा सवाल था अशोक गहलोत ने मदरसा बोर्ड में गेर राजनितिक आदमी को चेयरमेन बनाया आज तक वोह दफ्तर में कितने दिन उपस्थित रहे यह उनसे पूंछो उन्होंने दफ्तर कितना  काम क्या जरा बताओ ....पर टीचर्स का वेतन दुसरे पर  टीचर के समान करने तक का संकल्प पारित क्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नहीं दिया ..उनका तीसरा सवाल था राजस्थान वक्फ बोर्ड भी गेर राजनितिक व्यक्ति को दिया गया वहन अब तक बोर्ड ने वक्फ सम्पत्तियों  से अतिक्रमण हटाने ....नये सर्वे की अधिसूचना प्रकाशित करने ..वक्फ व्यवस्था सुधारने और कब्रिस्तानों ...खानकाहों ..दरगाहों ...मस्जिदों सहित वक्फ सम्पत्ति के जिलेवार रजिस्टर तय्यार नहीं करवाए है ...कितनी बेवाओं को वजीफे दिए कितनी तलाक शुदा महिलाओं को उनका हक दिया क्या हिसाब है आपके पास में फिर चुप ....सर्वत जमाल का अगला सवाल था राजस्थान में अल्पसंख्यक मामलात विभाग है आपके कोटा को ही लो यहाँ पूर्णकालिक अधिकारी नहीं है ..स्टाफ नाम मात्र है ..कार्यालय में कचरा भरा है ..पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम की बैठक में अधिकारी रिपोर्टें नहीं देते है तो बताओ क्या कल्याणकारी काम हो रहा है उनका कहना था के हज कमेटी का क्या हाल है ..लों देने के लिये अब तक वित्त विकास निगम का गठन नहीं किया है मेवात बोर्ड खटाई में है फिर केसे और केसे अल्प्न्सख्यक मुस्लिम कोंग्रेस के साथ हो सकते है उन्होंने फिर सवाल किया वकील साहब आप खुद बताइए राजस्थान के किसी भी मुस्लिम विधायक ने क्या कभी विधानसभा में मुस्लिम कल्याण या समस्या से सम्बन्धित कोई सवाल उठाया ..राज्य सभा में अश्क अली टाक है क्या उन्होंने आज तक मुस्लिम समस्या राज्यसभा में उठाई नहीं ना बीएस यही अशोक जी गहलोत को कमजोर कर रहे है इसीलियें कोंग्रेस का वोटर हमारे साथ आयेगा ..में ठहरा कोंग्रेस का वोटर में इन जनाब की बातों से प्रभावित तो हुआ ही सही और लाजवाब भी हो गया क्योंकि मेरे पास जवाब  देने के लियें कुछ नहीं था लेकिन मेने हाल ही में इन सभी समस्याओं को सुधरने के लियें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कोग्न्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को जो पत्र लिखा था और जिस पत्र के जवाब में अशोक जी गहलोत ने सभी विभागों को आवश्यक रूप से सुधारात्मक सुझावों की पालना करने की हिदायत दी थी वोह पत्र उन्हें बताया और यह कहकर पीछा छुडाया के कोंग्रेस संगठन और राजस्थान के मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मुसलमानों की समस्याओं के निराकरण के लियें चिंतित और प्रयासरत भी है और इसलियें कोंग्रेस का वोटर नहीं टूटेगा ..में इतना कहकर चुपचाप पतली गली से खिसक लिया क्योंकि मेरे पास इन बोझिल और कडवी सच्चाई से भरे सवालों का जवाब नहीं था ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व दीपावली 13 को



कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार भारतीय सभ्यता, संस्कृति का एक सर्व प्रमुख त्योहार है। दीपावली का पर्व मनाए जाने के पीछे कई कथाएं व किवदंतियां प्रचलित हैं लेकिन इन सबके पीछे का सार एक ही है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस बार यह पर्व 26 अक्टूबर, बुधवार को है।
दीपावली वास्तव में एक त्योहार नहीं है बल्कि यह त्योहारों का समूह है। दीपावली का पर्व 5 दिनों तक मनाया जाता है। सबसे पहले कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस (इस बार 11 नवंबर, रविवार) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाता है। अगले दिन यमराज के निमित्त नरक चतुर्दशी (12 नवंबर, सोमवार) का व्रत व पूजन किया जाता है। इसके दूसरे दिन दीपावली (13 नवंबर, मंगलवार) मनाई जाती है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा (14 नवंबर, बुधवार) की जाती है वहां द्वितीया को भाई दूज (15 नवंबर, गुरुवार) का पर्व मनाया जाता है।
पुरातन काल से ही हिंदू धर्मावलंवी दीपावली का त्योहार हर्षोल्लास से मनाते आ रहे हैं। अमावस्या के गहन अंधकार के विरुद्ध नन्हें दीपकों के प्रकाश का संघर्ष रूपी संदेश देना ही इस त्योहार का मूल उद्देश्य है। यहां अंधकार का अर्थ मन के भीतर के नकारात्मक भावों से हैं वहीं दीपक उसी मन मे छिपे बैठे सकारात्मक भावों का प्रतीक है। दीपावली पर्व को अगर भारतीय संस्कृति की अस्मिता का प्रतीक कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

लाखों दुआओं से दमक उठी दामिनी की जिंदगी





जयपुर. देशभर में सुर्खियों में रही भरतपुर के रिक्शाचालक बबलू की बेटी दामिनी को 15 दिन बाद सोमवार को फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वैसे तो रोजाना कोई न कोई मरीज डिस्चार्ज होता है, लेकिन दामिनी खास बन गई थी...
लिहाजा अस्पताल की तरफ से फेयरवेल पार्टी भी रखी गई। इस पार्टी में दामिनी का इलाज करने वाले डॉ. जयकिशन मित्तल ने उसकी हैल्थ रिपोर्ट पढ़ी।
अब दामिनी का वजन 2110 ग्राम है, उसका फंगल इंफेक्शन भी खत्म हो गया है और उसके सभी अंग सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। चिकित्सा मंत्री दुर्रु मियां, भरतपुर कलेक्टर ज्ञानप्रकाश शुक्ला भी उसे विदाई देने अस्पताल आए।

शुक्ला ने कहा- इस बच्ची के जरिये लोगों ने मदद का जो जज्बा दिखाया, आगे भी ऐसा होना चाहिए। जरूरतमंदों को मदद मिले, उसके लिए जरूरी है पैसे का सही उपयोग, नहीं तो जज्बा टूट जाएगा।
इलाज पर खर्च हुए 1.25 लाख
बच्ची के नाम से ट्रस्ट बनाया जाएगा।
अभी बच्ची के पिता के अकाउंट में 16.5 लाख रुपए दामिनी के लिए फिक्स डिपॉजिट किया है।

अस्पताल प्रशासन और अन्य मरीजों के परिजनों ने 27 हजार रु. दिए।
नदबई में बुआ के पास रहेगी दामिनी।

हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी



 

मुंबई. मशहूर हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है। इसके संयोजकों के आदेश के मुताबिक, 15वीं शताब्दी के सूफी संत पीर हाजी अली शाह बुखारी का ये दरगाह पवित्रतम स्थलों में से एक है। इसलिए इसमें महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

ट्रस्ट ने दरगाह के कंपाउंड में महिलाओं को घूमने की आजादी दी है। हाजी अली दरगाह के ट्रस्टी रिजवान ने कहा कि महिलाएं प्रार्थना, नमाज और शाल या चादर भेंट कर सकती हैं लेकिन दरगाह में प्रवेश वर्जित है। फिल्मी दुनिया समेत इस निर्णय की हर जगह आलोचना हो रही है। यह दरगाह मुंबई के काफी प्रसिद्ध जगहों में से एक है।

हाजी अली की दरगाह मुंबई के वरली तट के पास एक छोटे से टापू पर है। इसे सय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की स्मृति में सन 1431 में बनाया गया था। यह दरगाह मुस्लिम और हिन्दू दोनों समुदायों के लिए विशेष धार्मिक महत्व रखती है। यह मुंबई का मत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थल भी है।

अब इस निर्णय की हर जगह आलोचना हो रही है। भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की नूरजहां साफिया ने कहा है कि यह शरिया कानून की गलत अभिव्यक्ति है। वह हर बड़े राजनीतिक दलों से गुहार लगाएंगी कि ये बडे दल इस मुद्दे को बड़े मंच पर उठाएं। हाजी अली दरगाह के संरक्षक झूठ बोल रहे हैं कि ये पाबंदी पिछले सात सालों से है। पिछले साल ही वह गयीं थीं और वहां ये पाबंदी नहीं थी।

कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह इस पाबंदी के खिलाफ हैं। सभी उदारवादी मुस्लिमों को इसका विरोध करना चाहिए। बीजेपी के प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस निर्णय की आलोचना की और फिर विचार करने के साथ इसे वापस लेने की अपील की

बगावत तेज: आडवाणी होंगे नए भाजपा अध्‍यक्ष?


 
भ्रष्‍टाचार के आरोपों से घिरे भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गडकरी ) के खिलाफ पार्टी में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। अध्‍यक्ष पद को लेकर बीजेपी के भीतर मंथन तेज हो गया है। सियासी पारा चढ़ने के साथ ही सुषमा स्‍वराज और नितिन गडकरी की मुलाकात हुई है। सुषमा से पहले अरुण जेटली से मिलने वाले गडकरी आज ही लाल कृष्‍ण आडवाणी से भी मिलने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक सुषमा ने गडकरी से साफ साफ कह दिया है कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर पार्टी अब और उनका बचाव नहीं कर सकती है। माना जा रहा है कि सुषमा ने गडकरी से कहा कि पार्टी के सबसे बुजुर्ग और बुद्धिमान शख्‍स को अध्‍यक्ष पद बनाया जाना चाहिए। ऐसे में सुषमा ने इसके संकेत दिए कि यदि गडकरी हटते हैं तो आडवाणी को पार्टी का नया अध्‍यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि सुषमा ने ट्वीट कर कहा, 'मीडिया में आ रही यह खबर बिल्‍कुल गलत है कि मैं नितिन गडकरी का समर्थन नहीं कर रही हूं। मैंने हमेशा उनका समर्थन किया है और आज भी इसे दोहराती हूं।' 
 
बेटे महेश जेठमलानी के इस्‍तीफे के बाद बाद अब खुद राम जेठमलानी भी गडकरी के खिलाफ खुलकर मैदान में आ गए हैं। सीनियर बीजेपी नेता और राज्‍यसभा सांसद जेठमलानी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जसवंत सिंह, यशवंत सिंह और शत्रुघ्‍न सिन्‍हा भी गडकरी के इस्‍तीफे की मांग में उनके साथ हैं। 
 
जेठमलानी के मुताबिक लंदन में उन्‍होंने गडकरी के मसले पर आरएसएस नेता गुरुमूर्ति से बात की तो उन्‍होंने शांत रहने के लिए कहा था, लेकिन जब वह दिल्‍ली लौटे तो गुरुमूर्ति से उनकी मुलाकात ही नहीं हो सकी। उन्‍होंने कहा, 'मुझे लगा था कि गडकरी अपने आप इस्‍तीफा दे देंगे, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।'  
 
राम जेठमलानी का कहना है कि गडकरी कभी भी कोई वादा नहीं निभाते हैं। उनके मुताबिक, 'बहुत पहले उन्‍होंने मुझसे मिलने का वादा किया था लेकिन आज तक नहीं मिले।' राम जेठमलानी का कहना है विवेकानंद पर गडकरी के दिए गए बयान के बाद हम उनसे कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने भी सोमवार को गडकरी के खिलाफ खुले आम बगावत की थी।
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